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Love You जिंदगी – 90

Love You Zindagi – 90

Love You Zindagi
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नैना सो रही थी और रुचिका शीतल बैठकर उसे सोते हुए देख रही थी। दोनों को ही टेंशन में नींद नहीं आ रही थी। नैना के चेहरे की और देखते हुए रुचिका ने कहा,”ये नैना भी ना एक नंबर की फट्टू है अपने डेड से साफ साफ क्यों नहीं कहती की अनुराग नहीं अवि पसंद है , और अंकल तो इतने सपोर्टिव है की नैना की बात ख़ुशी ख़ुशी मान लेंगे”


“रूचि तू जानती है ना नैना अपने डेड से कितना प्यार करती है वह उन्हें हर्ट करने का कभी नहीं सोच सकती ,,, ये मामला थोड़ा इमोशनल है थोड़ा ध्यान से कही नैना किसी और बड़ी मुसीबत में ना फंस जाए !”,शीतल ने कहा
“हां लेकिन ये बेवकूफ लड़की अपने लिए खुद से कुछ नही करेगी , हम लोगो को ही कुछ ना कुछ करना होगा”,रुचिका ने कहा
“तुझमे आज पक्का नैना की आत्मा घुस गयी है तभी ऐसी ऐसी बाते कर रही है ,, एक काम कर तू भी सो जा दिमाग को थोड़ा रेस्ट मिलेगा”,शीतल ने कहा


रुचिका भी नैना के बगल में लेट गयी और सोने की कोशिश करने लगी ! शीतल ने रूम की लाइट बंद कर दी और खुद भी आकर सो गयी ! सुबह नैना जल्दी उठी ठण्ड होने की वजह से नैना ने हुडी पहना और मॉर्निंग वाक के लिए घर से अकेले ही निकल गयी। ऐसा अक्सर वह तब किया करती थी जब अंदर से बहुत ज्यादा परेशान होती है। सुबह की हल्की धुंध में नैना चले जा रही थी। चलते चलते नैना खुद से ही कहने लगी,”कैसे समझाउंगी डेड को ? इस बार तो उनकी पसंद में कोई कमी भी नहीं निकाली जा सकती है ,

और ये अनुराग सर क्या सोचकर उन्होंने डेड से शादी की बात की और डेड उन्होंने भी बिना मुझसे बात किये उन्हें हां कह दी। मैं डेड को ऐसे गलत साबित होते नहीं देख सकती उन्होंने कुछ सोच समझकर ही हां कहा होगा लेकिन अनुराग सर के साथ एडजस्ट कैसे होगा नैना ? कुछ सोच !! ऐसी लाइफ तो नहीं चाहती थी तुम”
“गुड़ मॉर्निंग !”, सोच में डूबी नैना के कानो में अनुराग की आवाज पड़ी और उसने चौंककर देखा सामने अनुराग खड़ा था।


” ये सुबह सुबह यहाँ क्या कर रहा है ? मैं आयी ही क्यों घर से बाहर अब ये पकायेगा !”,नैना ने मन ही मन कहा
“गुड़ मॉर्निंग !”, अनुराग ने फिर कहा
“हाय , गुड़ मॉर्निंग !”,नैना ने कहा
“सुबह सुबह यहाँ मॉर्निंग वाक पर आयी हो ?”,अनुराग ने बचकाना सा सवाल किया !
“हां वो कॉलोनी में न्यूजपेपर बाटने का काम मेरा ही है ना इसलिए”,नैना ने कहा
“बड़ी मजाकिया हो तुम !”,अनुराग ने झेंपते हुए कहा
“सो मैं चलू”,नैना ने कहा


“अरे रुको ना थोड़ी देर , कल रात तुमसे ठीक से बात भी नहीं कर पाया था , कैसी हो ?”,अनुराग ने कहा
“ठीक हूँ !”,नैना ने कहा
“सो लखनऊ में कब तक हो ? मैं तो कल सुबह दिल्ली के लिए निकल रहा हूँ ऑफिस भी तो सम्हालना है ना !”,अनुराग ने कहा
“मैं भी आज शाम ही निकल रही हूँ , कल मॉर्निंग से ऑफिस ज्वाइन कर लुंगी !”,नैना ने कहा


“व्हाट वेट , तुम्हे अब ऑफिस आने की क्या जरूरत है , ओवरऑल मित्तल खानदान की होने वाली बहू हो तुम 25-30 हजार की नौकरी क्यों करोगी ? तुम्हे ऑफिस आने की कोई जरूरत नहीं है नैना “,अनुराग ने कहा
“लेकिन मेरी जॉब से क्या प्रॉब्लम है ?”,नैना ने अपने गुस्से को काबू करते हुए कहा
“प्रॉब्लम नहीं है नैना मैं नहीं चाहता तुम्हे शादी के बाद किसी भी तरह की परेशानी हो ,, मैं तुम्हे एक रॉयल लाइफ देना चाहता हूँ देट्स इट !”,अनुराग ने कहा


“ओके इस बारे में हम बाद में बात करेंगे , मेरे फ्रेंड्स घर पर अकेले है सो मैं चलती हु”,कहकर नैना बिना अनुराग का जवाब सुने वहा से चली गयी। अनुराग उसे जाते हुए देखता रहा अनुराग का कजिन जो की कुछ ही दूर खड़ा सब सुन रहा था पास आया और कहा,”यार होने होने वाली भाभी में तो बहुत अकड़ है , तुझसे दो मिनिट बात तक नहीं की ढंग से उसने !”


“देखता जा बात भी करेगी और इसकी अकड़ भी टूटेगी ,,, शादी के बाद इसे बताऊंगा की अनुराग मित्तल क्या चीज है ?”,अनुराग ने घमंड के साथ कहा और वहा से चला गया !


“समझता क्या है अपने आप को ? डेड ने उसे बेटी देने का डिसीजन लिया है बेटी के सपनो को मारा नहीं है , इस की नियत पर तो मुझे पहले से ही शक था लेकिन इतनी जल्दी ये अपना रंग दिखायेगा सोचा नहीं था। पडोसी कितना अच्छा है उसने आज तक मेरी लाइफ स्टाइल के बारे में कभी कुछ नहीं कहा , मैं नहीं बदली तो मेरे लिए खुद को बदल लिया , मैं जैसी हूँ उसे वैसे पसंद हूँ लेकिन ये अनुराग का बच्चा इसे तो मैं मजा चखाकर रहूंगी ,,,

मैं तुम्हे रॉयल लाइफ देना चाहता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अजी घंटा !!,,,,,,,,,,,,,,रॉयल लाइफ के नाम पर घर में कैद करके रख देगा ,,,,,,,,,,,,बेचारे डेड उन्हें तो पता भी नहीं उन्होंने कैसा लड़का पसंद कर लिया है ?

बट डोंट वरी डेड इसका असली चेहरा मैं आपके सामने लाकर रहूंगी !”,बड़बड़ाते हुए नैना चली जा रही थी और फिर वही खाली सड़क पर भागने लगी , तेज और तेज ये अनुराग के लिए उसका गुस्सा था या खुद को मेंटली स्ट्रांग करने का तरिका नैना बस भागे जा रही थी !

कुछ देर बाद नैना थककर रुक गयी और हांफने लगी , उसके चेहरे से पसीना छलकने लगा , सर्दी में भी उसे गर्मी लग रही थी और उसके होंठ सुर्ख हो चुके थे उसने अपने दोनों हाथो को अपने चेहरे पर घुमाया और फिर घर की और निकल पड़ी ! घर आयी तब तक रुचिका शीतल सार्थक और मोंटी भी उठ चुके थे नैना ने वाशबेसिन के सामने आकर हाथ मुंह धोया और आकर निचे फर्श पर ही बैठ गयी ! आराधना सबके लिए चाय ले आयी , सबको चाय देकर वह भी वही विपिन जी की बगल में बैठ गयी और विपिन जी से नैना से बात करने का इशारा किया।

विपिन जी ने नैना की और देखा ओर कहा,”अनुराग कैसा लगा तुम्हे ?”
नैना ने सूना तो विपिन जी की और देखा और कहा,”हम्म्म्म अच्छा है”
रुचिका और शीतल ने सूना तो हैरानी से नैना की और देखा लेकिन नैना ने उन्हें इग्नोर कर दिया और विपिन जी से कहा,”डेड सगाई अभी नहीं अगले साल कर लेते है !”
“हां हां बेटा बिल्कुल जब तुम्हे ठीक लगे , मुझे तो बस तुम्हारी हां सुननी है !”,विपिन जी ने कह


“हां डेड मेरी हां है !”,नैना ने कहा
नैना के मुह से हां सुनकर शीतल सार्थक एक दूसरे को देखने लगे और रुचिका ने मन ही मन कहा,”इस लड़की को क्या हो गया है ? सुबह सुबह कैसी बहकी बहकी बाते कर रही है ,,, इसे ना बोलना चाहिए और ये अंकल को हां बोल रही है !”
“ये हुई ना बात नैना मैने तो पहले ही कहा था अंकल से तेरी और अनुराग की जोड़ी बेस्ट है !”,मोंटी ने आकर रुचिका की बगल में बैठते हुए कहा तो रुचिका ने उसे घूरकर देखा।

नैना ने सूना तो मोंटी की और देखकर दी ! नैना की हां सुनकर विपिन जी और आराधना जी की ख़ुशी का तो कोई ठिकाना नहीं रहा ! नैना ने चाय ख़त्म की और कहा,”डेड मॉम आज शाम मैं रुचिका और शीतल दिल्ली जा रहे है , ऑफिस भी शुरू हो चुका है एंड काम भी काफी पेंडिंग है सो !”
“हां बेटा बिल्कुल तुम अपना जॉब कम्प्लीट कर लो उसके बाद ही शादी की बात होगी उस से पहले बस छोटी सी एंगेजमेंट ! अनुराग बहुत अच्छा लड़का है तुम्हारा हमेशा ख्याल रखेगा !”,आराधना ने कहा

नैना मुस्कुराई और वहा से उठकर ऊपर कमरे में चली आयी और सीधा नहाने चली गयी ! शॉवर के नीचे खड़ी नैना का दिमाग विचारो से भरा हुआ था उसके मन में क्या चल रहा था ये तो बस नैना ही जानती थी ! नहाकर जैसे ही बाहर आयी देखा शीतल सार्थक और रुचिका उसी का इंतजार कर रहे है , नैना को देखते ही रुचिका बरस पड़ी,”पागल हो गयी हो तुम ? तुम उस अनुराग से शादी करने जा रही हो ? हेव यू लोस्टेड नैना ?”
“नैना आई नो की तुम फनी हो , बोल्ड हो लेकिन अनुराग से शादी करने का तुम्हारा फैसला सही नहीं है !”,शीतल ने कहा


“नैना अवि भाई तुम्हे बहुत चाहते है यार आई थिंक एक बार तुम्हे उनसे बात कर लेनी चाहिए”,सार्थक ने कहा
“तुम लोगो ने नाश्ता कर लिया हो तो अपना अपना सामान पैक कर लो , शाम को दिल्ली के लिए निकलना है। ऑफिस का सारा काम पेंडिंग पड़ा है और इस बार हमे कोई रिस्क नहीं लेना है !”,नैना ने तीनो के सवालो को साइड रखकर कहा


“मैं कुछ और पूछ रही हूँ तू कुछ और बोल रही है नैना ? मैं मजाक के मूड में नहीं हूँ नैना ,, तुमने अनुराग से शादी के लिए हां क्यों कहा ?”,रुचिका ने उसक बांह पकड़कर उसे अपनी और करके कहा


“डेड खुश है मॉम खुश है मेरे लिए इतना काफी है मुझे और कुछ नहीं चाहिए !”,नैना ने कहा
“लेकिन नैना तुम्हे अनुराग पसंद नहीं है ये जानते हुए भी तुम उस से शादी करना चाहती हो ?”,शीतल ने कहा
“मुझे इस बारे में कोई बात नहीं करनी है गाईज प्लीज !”,नैना ने कहा और अपना फोन लेकर किसी से बात करने लगी और फिर बात करते हुए कमरे से बाहर चली गयी ! रुचिका को नैना पर सबसे ज्यादा गुस्सा आ रहा था उसने कहा,”ये नैना आखिर चाहती क्या है ?”


“मुझे भी कुछ समझ नहीं आ रहा है , आखिर नैना ऐसा क्यों कर रही है ? वह अपने साथ साथ अवि को भी हर्ट कर रही है”,शीतल ने पास बैठते हुए कहा सार्थक उसके सामने आया और कहा,”तुम सब दिल्ली चलो हो सकता है वहा जाकर नैना का मूड थोड़ा सही हो और तुम लोगो को वह बताये की वह ऐसा क्यों कर रही है ? क्योकि जितना मै नैना को जानता हूँ मुझे नहीं लगता नैना ऐसा डिसीजन बिना सोचे समझे लेगी !”
“आई थिंक तुम सही कह रहे हो , दिल्ली चलते है ! वैसे भी नैना जबसे दिल्ली से आईं है उसके साथ ये सब पंगे ही पंगे हो रहे है ,,!!!!”,रुचिका ने कहा


“मैं तुम सबका सामान पैक कर देती हूँ !”,शीतल ने उठते हुए कहा
“मैं हेल्प कर देता हूँ !”,कहकर सार्थक भी उसके साथ चला गया रुचिका अकेले बैठे सोच में डूबी रही और खुद से कहने लगी,”तुम्हारी और अवि की लव स्टोरी का ऐसा एंड तो नहीं होने दूंगी मैं नैना , अगर तुम अपने दोस्तों के लिए इतना कर सकती हो तो तुम्हारे प्यार के लिए हम लोग भी हर कोशिश करेंगे !”
“रूचि !”,मोंटी ने रुचिका के बगल में बैठते हुए कहा


“तुम , तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”,रुचिका ने बेरुखी से कहा
“सॉरी ना यार रूचि ,,,,, मुझे क्या पता था वो अवि तुम्हारा दोस्त है ? लेकिन मुझे वो पसंद नहीं ,,,,,,,,,,,,,,,,,,अब मान भी जा यार मैं यहाँ तुम्हारे साथ क्वालिटी टाइम बिताने आया था और तुम हो के नाराज होकर बैठी हो !”,मोंटी ने कहा


“मोंटी एक बात बताओ क्या तुम सच में नैना के बेस्ट फ्रेंड हो ?”,रुचिका ने सीरियस होकर कहा
“ऑफकोर्स यार ! वो मेरी बेस्ट फ्रेंड नहीं बल्कि बहन भी है !”,मोंटी ने कहा तो रुचिका ने उसे सारी बात बता दी और कहा,”अब बताओ अपनी दोस्त के लिए करोगे ये सब ?”

मोंटी ने कुछ नहीं कहा और चुपचाप उठाकर चला गया। कमरे से बाहर आया तो हॉल की बालकनी के पास नैना फोन पर बात करते हुए दिखी मोंटी नैना के पास आया उसके कंधे से छूकर उसे अपनी और किया तो नैना ने फोन काट दिया और कहा,”हां मोंटी !”
मोंटी ने कुछ नहीं कहा बस आगे बढ़कर नैना को गले लगाया और कहा,”तू बहुत अच्छी है नैना पर उस से भी ज्यादा तू एक अच्छी बेटी है। अंकल की ख़ुशी के लिए तूने जो किया वो हर कोई नहीं कर पाता !”


“अबे साइड हट क्या हो गया है तुझे ? कुछ भी बोले जा रहा है !”,नैना ने उसे से दूर होकर कहा
“ऐसे ही सेंटी हो गया था !”,मोंटी ने कहा
“सुन रूचि नाराज है ना उसे घूमाने ले जा , सगाई की वजह से तुम लोगो को टाइम स्पेंड करने को नहीं मिला ,,,, उसे बाहर लेकर जा और शाम से पहले लौट आना दिल्ली जाना है !”,नैना ने कहा
“तुझे कैसे पता वो नाराज है ?”,मोंटी ने पूछा
“दोस्त हूँ ना चेहरा देखकर पता लगा लेती हूँ ! चल अब जा”,नैना ने कहा तो मोंटी वहा से चला गया !

नैना के जिद करने पर मोंटी , रूचिका , शीतल और सार्थक बाहर घूमने चले गए। नैना दिनभर अपने पापा के साथ रही , उनसे बाते की , उनका कमरा जमाया और उनकी गोद में सर रखकर बीती बाते याद करती रही ! शाम से पहले सभी लौट आये विपिन जी के कहने पर मोंटी उन चारो को बस स्टेण्ड छोड़ने आया ,दिल्ली की डायरेक्ट बस मिल गयी थी। मोंटी ने सबको बाय कहा और चला गया ! नैना और रुचिका एक सीट पर बैठे सार्थक और शीतल पीछे तीन सीट छोड़कर बैठे हुए थे।

रुचिका नैना से नाराज थी इसलिए उसने नैना से कोई बात नहीं की ! नैना ने कानो में ईयर फोन लगाया और आँखे मूंदकर सर सीट से लगा लिया गाना बजने लगा
“किस तरह छिनेगा , मुझसे ये जहा तुम्हे !
तुम ही हो मैं क्या फ़िक्र अब हमे !
तुम हो मेरे लिए मेरे लिए हो तुम यू
खुद को मैं हार गया तुमको , तुमको मैं जीता हूँ !!”


ये गाना हमेशा से नैना का पसंदीदा रहा है और आज भी वह इसी गाने को सुनते हुए सो गयी ! सुबह चारो दिल्ली पहुंचे जैसे ही आशीर्वाद अपार्टमेंट पहुंचे सभी नैना , रुचिका और शीतल को देखकर खुश हो गए। सार्थक के पापा ने सार्थक को उन तीनो के साथ देखा तो गुस्से से उसे घुरा सार्थक चुपचाप वहा से चला गया। सबसे मिलकर तीनो लड़किया लिफ्ट के सामने आयी रुचिका ने जैसे ही बटन दबाया देखा लिफ्ट बंद है ,

ये देखकर नैना को हंसी आ गयी और उसने कहा,”इस अपार्टमेंट की लिफ्ट का कुछ नहीं हो सकता , चलो अपने पैरो को थोड़ी तकलीफ दो देवियो !”,नैना ने कहा और अपना सामान लेकर सीढ़ियों की और बढ़ गयी ! तीनो ऊपर आयी और रुचिका ने चाबियां निकालकर फ्लेट का दरवाजा खोला नैना की नजर सामने बंद पड़े अवि के फ्लैट के दरवाजे पर चली गयी। नैना का मन उदास हो गया , दरवाजा खोलकर रुचिका अंदर आयी शीतल और नैना भी अंदर चली आयी।

नैना ने अपना ट्रॉली बैग साइड में रखा और सोफे पर पसरते हुए कहा,”आअह्ह्ह सुकून !”
शीतल ने जाकर सभी खिड़किया खोली और पर्दे हटा दिए। रुचिका भी वही बैठकर सुस्ताने लगी और कुछ देर बाद तीनो फ्लेट की साफ़ सफाई में लग गयी।

उसी दिन सुबह में अवि अपने पुरे परिवार के साथ अपने नए ऑफिस की ओपनिंग के लिए आया हुआ था। कितने ही लोग उसे शुभकामनाये देने आये थे , उसके सभी दोस्त , रिश्तेदार , मेहमान शामिल हुए। अवि के पापा ने बड़ी दावत का इंतजाम किया हुआ था नया गांव से भी कई लोग आये थे सभी अवि को उसके काम के लिए बढाईया तोहफे दे रहे थे ! अवि बाहर से खुश दिखने की नाकाम कोशिश कर रहा था। अंदर ही अंदर वह काफी परेशान था नैना को लेकर उसने रुचिका को भी फोन किया लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं था।

दावत खत्म हुयी सभी जाने लगे अवि भी फ्री होकर घर जाने की तैयारी कर ही रहा था की तभी उसका फोन बजा अवि ने कॉल अटेंड की तो दूसरी और से आवाज आयी – हेलो आप अवि बोल रहे है ,, एक्चुअली किसी नैना बजाज का यहाँ दिल्ली में मैक्स मॉल के सामने एक्सीडेंट हुआ है ,,,, प्लीज आप जल्दी आजाईये !”
अवि ने जैसे ही सूना उसके हाथ से फोन नीचे जा गिरा !

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