Love you जिंदगी – 100

Love You Zindagi – 100

Love You Zindagi
Love You Zindagi by Sanjana Kirodiwal

नैना के डेड अवि और नैना की शादी के लिए मान चुके थे ! उसी शाम अवि ने अपने मॉम डेड को नैना के घरवालों से मिलवाया और रिश्ता पक्का हो गया ! तीनो दोस्तों को उनका प्यार मिल चुका था। जब सब बैठकर बातें कर रहे थे तो नैना ने कहा,”डेड तीनो शादिया एक साथ नहीं हो सकती क्या ? मतलब मेरी , रुचिका और शीतल की !”
“हां हो सकती है लेकिन इनके पेरेंट्स मानेंगे ?”,सौंदर्या ने पूछा


“आंटी मोंटी और रूचि की शादी यही लखनऊ में होने वाली है , शीतल की शादी भी यही होगी”,नैना ने कहा
“बेटा आपका मन है तो ऐसा ही होगा”,अवि के पापा ने कहा और विपिन जी की और पलटकर कहा,”भाईसाहब आप बाकि दोनों परिवारों से बात कर लीजिये , खर्चा सब बाँट लेंगे आपस में और बच्चो का मन भी रह जाएगा ! आप पंडित से मिलकर शादी की तारीख निकलवा लीजिये और हमे बता दीजियेगा !”
“जी भाईसाहब बिल्कुल !”,विपिन जी ने कहा


दोनों परिवार शाम के खाने पर साथ बाहर गए , और फिर अवि अपने घरवालों के साथ रात में ही चंडीगढ़ के लिए निकल गया नैना और शीतल दोनों बहुत खुश थी जब उन्होंने मोंटी और रुचिका को बताया तो वे भी खुश हो गए ! विपिन जी ने पंडित जी से तारीख निकलवाई तो उन्होंने बहुत ही मुश्किल तारीख निकाली 31 दिसम्बर ,, विपिन जी ने सबसे सलाह मशवरा किया तो सब मान गए ! नैना , शीतल और रुचिका की जिंदगी में खुशिया आने वाली थी !

शादी में एक महीना बचा था शीतल ने फोन करके अपनी भाभी को बताया तो वे बहुत खुश हुई लेकिन शीतल के भाई ने गुस्से से शीतल को दोबारा फोन मत करना कहकर फोन काट दिया ! शीतल को उदास देखकर आराधना और विपिन जी उसके पास आये और कहा,”अरे नहीं आ रहे वो लोग शादी में तो मत आने दो , तुम्हारा कन्यादान मैं और आराधना मिलकर करेंगे अपनी बच्ची की तरह !”
शीतल ने सूना तो विपिन जी के सीने से लगकर रो पड़ी , नैना ने देखा तो आकर कहा,”अरे चुप करो थोड़ी आंसू विदाई के लिए भी बचाकर रखो यार !”


“बेटा जी जब जाने की बारी आएगी ना तुम भी रोने वाली हो !”,शीतल ने कहा Love You Zindagi – 100
“इसके साथ उलटा ही होगा इसे ले जाने वाला रोयेगा ये नहीं !”,आराधना ने कहा तो शीतल और नैना दोनों खिलखिलाकर हंस पड़ी। शादी तय हो चुकी थी नैना
और शीतल को शॉपिंग विपिन जी करवा रहे थे। उधर रुचिका जयपुर में ही अपनी सारी शॉपिंग कर रही थी !

अवि को इन सब चीजों में कोई दिलचस्पी नहीं थी उसका पूरा ध्यान बस अपने काम पर था , वह चाहता था शादी नार्मल हो ज्यादा भीड़ भाड़ ना हो लेकिन सौंदर्या जी डॉक्टर थी और उनके हस्बेंड बिजनेसमैन तो उनकी जान पहचान वाले भी खूब थे इसलिए सौंदर्या ने शादी के दो दिन बाद रिसेपशन रखने का सोच लिया ! अवि के लिए खरीदारी भी वही कर रही थी !


सार्थक के घरवाले भी खुश थे की जल्दी ही शीतल उनके घर में बहु बनकर आ जाएगी। मोंटी बीकानेर ही था और अपने जॉब को लखनऊ ट्रांसफर करने की सोच रहा था जिस से शादी के बाद रुचिका और फॅमिली दोनों को टाइम दे सके ! सब खुश थे लेकिन अनुराग दुखी था उसने अपने ही हाथो अपनी जिंदगी में आग लग ली और अब वह नैना से बदला लेने का मन बना चुका था ! उसने ऑफिस जाना कम कर दिया और दिनरात बस नशे की हालत में रहता था ! उसकी वजह से महेंद्र जी और विपिन जी के बीच जो दोस्ती थी उसमे भी दरार आ गयी !


एक शाम नैना और शीतल बैठकर शादी में बुलाने वाले लोगो की लिस्ट बना रही थी की नैना ने अपना फोन उठाया और अवि को फोन लगाकर कहा,”हेलो , तुम्हे याद नहीं आती मेरी , मैं फोन काट रही हूँ उसके बाद खुद मुझे फोन करो !”
नैना के फोन काटने के कुछ देर बाद अवि का फोन आया तो अवि ने कहा,”हम्म्म बोलो !”
“कहा बिजी हो ?”,नैना ने सवाल किया
“ऑफिस वर्क था थोड़ा , तुम बोलो ना !”,अवि ने अपना काम करते हुए कहा


“क्या बोलू मैं तुम तो शादी से पहले इतना बिजी हो चुके हो , शादी के बाद तुम्हारा क्या होगा ?”,नैना ने कहा
“कुछ नहीं होगा , एक बड़ा प्रोजेक्ट मिला है सो उसी में बिजी था , वैसे फ़ोन क्यों किया है तुमने ?”,अवि ने पूछा
“हम्म्म्म ऐसे ही ,, बाय !”,कहकर नैना ने फोन काट दिया
शीतल ने सूना तो कहा,”क्या होगा तुम दोनों का शादी के बाद ?”
“कुछ नहीं होगा ऐसे ही लड़ते झगड़ते लाइफ निकल जाएगी !”,नैना ने मुस्कुरा कर कहा और फिर दोनों अपने काम में लग गयी !

दिन गुजरते जा रहे थे , शादी में बस अब एक हफ्ता ही बचा था। मोंटी भी बीकानेर से लखनऊ आ चुका था। शादी के दो दिन पहले विपिन जी ने लखनऊ का सबसे बड़ा गेस्ट हॉउस बुक करवा दिया , रुचिका और उसके घरवाले आये कुछ खास रिश्तेदार , मोंटी की पूरी फैमिली चली आयी , सार्थक के साथ सिर्फ मम्मी पापा आये , दरअसल जब सार्थक के रिश्तेदारों को पता चला सार्थक लव मैरिज कर रहा है तो वे उस बात से नाराज होकर नहीं आये पर आज पहली बार सार्थक के घरवालों के लिए सार्थक की ख़ुशी इम्पोर्टेन्ट थी , रिश्तेदार नहीं !

सभी शादी से दो दिन पहले ही वहा आ चुके थे और सभी साथ मिल जुलकर रह रहे थे। हल्दी से लेकर मेहन्दी तक की रस्मे सबकी साथ हुई। रुचिका और शीतल ने पुरे हाथ में मेहंदी लगवाई लेकिन नैना ने सिर्फ दोनों हाथो पर खुद का और अवि का नाम लिखवाया ! शादी वाली सुबह से ही तीनो लड़को को लड़कियों से मिलने से मना कर दिया और कहा की अब डायरेक्ट शादी के मंडप में ही मिलना !


सुबह से रस्मे निभाते निभाते अवि तक चुका था वह , मोंटी और सार्थक ऊपर जिस कमरे में रुके थे वहा आकर लेट गया शाम के 4 बज रहे थे और निचे सभी नाचने गाने में मस्त। अवि ने अपना फोन निकाला और देखा स्क्रीन पर नैना की तस्वीर थी , अवि अपलक उसे देखे जा रहा था और सोच रहा था तभी खिड़की पर किसी की आहट हुयी अवि ने पलटकर देखा तो हैरान था नैना खिड़की के जरिये कमरे में आयी थी।


“तुम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”,जैसे ही अवि ने पूछना चाहा नैना ने आकर उसका मुंह अपने हाथ से बंद किया और अवि की पीठ दिवार से जा लगी ,अवि ने आँखों के इशारे से नैना से पूछा तो नैना ने कहा,”देखने आयी हूँ शादी के लिए तैयार हुए या नहीं ?”
अवि ने नैना का हाथ अपने मुंह से हटाया और धीरे से कहा,”तुम सच में पागल हो खिड़की से क्यों आयी दरवाजे से भी तो आ सकती थी ना !”


“अरे दरवाजे के बाहर भीड़ बहुत है कोई आने ही नहीं दे रहा था , इसलिए आना पड़ा !”,नैना ने बेड पर बैठते हुए कहा
“कुछ देर बाद वैसे भी हमेशा के लिए तुम मेरी होने वाली थी”,अवि ने कहा वही खड़े खड़े कहा
“यही तो मैं नहीं चाहती,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने अपने सर पर मारते हुए कहा अवि ने सूना तो वह उसके पास आया और घुटनो के बल उसके सामने बैठकर उसके हाथो को अपने हाथो में लेकर कहने लगा,”ओह्ह्ह प्लीज नैना अब तुम ये मत कहना की तुम्हे ये शादी नहीं करनी , देखो सब तैयारियां हो चुकी है सब मेहमान भी आ चुके है।

कितनी मुश्किल से तुम्हारे डेड को पटाया आई मीन राजी किया है अब तुम ना मत बोल देना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं जानता हु तुम्हारा मूड स्विंग होता है लेकिन इतना भी नहीं यार की तुम शादी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”
नैना ने अपने होंठो को अवि के होंठो पर रख दिया अवि का बोलना बंद हो गया ! कुछ सेकेंड्स बाद नैना ने कहा,”तुम भी ना पूरी बात तो सुन लो पहले !”
“अच्छा बोलो”,अवि ने कहा


“शादी से पहले मुझे तुमसे तीन प्रॉमिस चाहिए”,नैना ने कहा
“और वो क्या है ?’,अवि ने पूछा
“अपना हाथ आगे करो”,नैना ने अपना हाथ आगे करने को कहा तो अवि ने अपना हाथ आगे कर दिया नैना ने अपना हाथ उसके हाथ पर रखा और कहा,”पहला प्रॉमिस ये चाहिए की तुम हमेशा अपने मॉम से मुझसे ज्यादा प्यार करोगे”

“ऐसा प्रॉमिस क्यों चाहिए ?”,अवि ने कहा
“सोचो जो लड़का अपनी माँ से इतना प्यार करता है वो अपनी वाइफ से कितना प्यार करेगा !”,नैना ने पलके झपकाते हुए कहा
“हम्म्म स्मार्ट गर्ल , नेक्स्ट ?”,अवि ने कहा
“जिस से मेरी शादी हो उसके साथ गोआ जाना मेरा सपना है तुम मुझे वहा लेकर जाओगे”,नैना ने कहा
“ओके डन , लास्ट विश !”,अवि ने पूछा


“लास्ट विश मैं जैसी हूँ वैसी ही रहूंगी मुझे कभी बदलने की कोशिश मत करना”,नैना ने मसुमियात से कहा
अवि मुस्कुराया और कहा,”बिल्कुल नहीं !”
“हम्म्म्म फिर ठीक है , अब मुझे जाना है”,कहकर नैना उठी और जैसे ही जाने लगी अवि ने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी और खिंचा और गले लगाते हुए कहा,”एक प्रॉमिस मुझसे भी करोगी , हमेशा ऐसे ही बाते करना कभी खामोश मत होना !”


“ओके !”,कहकर नैना वहा से गेट की और जाने लगी तो अवि ने रोकते हुए कहा,”यहाँ से क्यों जा रही हो ? खिड़की से जाओ ना सब देखेंगे !”
नैना ने अवि को साइड किया दरवाजा खोला और कहा,”नैना किसी से डरती नहीं है !”
अवि ने अपना सर पीट लिया जैसे ही नैना उस कमरे से बाहर आयी सामने उसे मौसी और कुछ औरते मिल गयी मौसी ने रोककर कहा,”लड़को के कमरे में क्या कर रही थी तुम ?”


नैना ने अपने नाख़ून को दांतो तले दबाया और शर्माने की एक्टिंग करते हुए कहा,”मुझे मुझे शर्म आ रही है !” कहकर नैना वहा से सामने बने लड़कियों वाले रूम की और चली गयी ! शाम होते ही अवि मोंटी और सार्थक तीनो अपनी अपनी शेरवानियों में निचे मंडप में चले आये ! तीनो बहुत खुश थे।

रुचिका शीतल और नैना तीनो तैयार हो चुकी थी जैसे ही जाने लगी नैना को सामने से चाय लेकर गुजरता लड़का नजर आया , नैना ने चाय की केतली और कप उस से ले लिया और उसे जाने को कहा तो शीतल ने कहा,”अब तू चाय पीयेगी !”
“पी लेने दे यार थोड़ी हिम्मत मिलेगी !”,नैना ने चाय कप में उड़ेली और एक घूंठ पीकर कहा,”तुम लोग चलो मैं बस दो मिनिट में आयी !

नैना इत्मीनान से बैठकर चाय पीने लगी तभी किसी ने आकर कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और जैसे ही वह नैना की और पलटा नैना ने हैरानी से कहा,”तुम यहाँ ?”
“तुम्हे क्या लगा नैना मैं तुम्हे ऐसे ही छोड़ दूंगा , बिल्कुल नहीं अपनी बेइज्जती का बदला मैं तुमसे लेकर रहूंगा !”,सामने खड़े अनुराग ने गुस्से से कहा
“लगता है उस दिन वाले थप्पड़ से होश नहीं आया ही तुम्हे ?”,नैना ने भी बिना डरे कहा


“होश में तो तुम नहीं हो नैना , आज तुम्हारा मैं वो हाल करूंगा जिंदगीभर याद रखोगी”,कहते हुए अनुराग नैना की और बढ़ा नैना सचेत हो गयी जैसे ही अनुराग उसके पास आया नैना ने हाथ में पकड़े कप की चाय सीधा अनुराग के मुंह पर फेंक दी , चाय गर्म होने की वजह से अनुराग तिलमिला उठा मौका देखकर नैना दरवाजे की और भागी लेकिन जैसे ही वह दरवाजा खोलने लगी अनुराग ने उसे पीछे से पकड़ा और बेड पर धक्का दे दिया तो नैना चिल्लाई ,

उस पर अनुराग ने बेशर्मो की तरह हँसते हुए कहा,”चिल्लाओ नैना लेकिन आज तुम्हारी आवाज किसी के कानो में नहीं पड़ेगी , नीचे के शोर में तुम्हारी आवाज दबकर रह जाएगी !”
नैना ने जैसे तैसे खुद को सम्हाला जैसे ही अनुराग उसके पास आया नैना एकदम से उठी और एक लात सीधा उसके घुटने पर मारी , अनुराग दर्द से बिलबिला उठा , नैना ने उसे सम्हलने का मौका ही नहीं दिया और उसे एक घूंसा मारा , अनुराग नीचे जा गिरा।

नैना ने भारीभरकम लहंगा पहना था उस पर ज्वेलरी पहनी थी उसे वो सम्हालने में भी मुश्किल हो रहा था ,, वह अनुराग के पास आयी और उसकी कॉलर पकड़ कर उसे उठाया और कहा,”मैंने दुनिया में बहुत से चू#ये देखे है पर तेरे जैसा सतरंगी चू#या पहली बार देख रही हूँ ,,,इतना सुनने के बाद , इतना पीटने के बाद तेरी इतनी हिम्मत की तू आकर नैना को डरा रहा है ,, बेटा तेरे जैसे लौंडे बहुत सीधे किये है मैंने , मेरी सिर्फ शक्ल अच्छी जबान बहुत खराब है और दिमाग उस से भी ज्यादा ख़राब है।

मुझे लगा तू सुधर जाएगा पर नहीं कुत्ते की दुम कभी सीधी नहीं होती है !”
कहते हुए नैना ने अनुराग को जो पीटना शुरू किया बेचारे को अधमरा करके छोड़ा , अनुराग बेड के सामने आ गिरा , नैना ने दरवाजा खोला वापस आयी टेबल पर रखी केतली से कप में चाय निकाला और बैठकर पीने लगी ! उधर निचे सभी नैना का इंतजार कर रहे थे , रुचिका शीतल आ चुकी थी लेकिन नैना नरारद थी। अवि ने शीतल रुचिका की और देखा तो उन्होंने ऊपर होने का इशारा किया , विपिन जी अवि के पास आये और कहा,”मैं नैना को लेकर आता हूँ !”


“सर मैं लेकर आता हूँ !”,कहकर अवि मंडप से चला गया , सीढ़ियों से होकर ऊपर आया जैसे ही नैना के कमरे में आया देखकर हैरान रहा गया बेड पर बैठी नैना , शादी के लहंगे को घुटनो से नीचे से तक चढ़ाकर बैठी है , पैरो में स्पोर्ट शूज पहने है और इत्मीनान से बैठकर चाय पी रही थी ! अवि ने देखा तो नैना के पास आया और कहा,”आज हमारी शादी है और तुम यहाँ क्या कर रही हो ? और ये शादी के जोड़े पर शूज कौन पहनता है ?”

नैना ने कुछ नहीं कहा बस साइड में इशारा कर दिया अवि ने देखा अनुराग दर्द से बेहाल साइड में नीचे जमीन पर पड़ा है , उसे देखते ही अवि की भँवे तन गयी और उसने कहा,”ये यहाँ क्या लेने आया है ?”
“प्रशादी लेने आया है !”,नैना ने अपनी बांयी भंव चढ़ाकर कहा
“और इसकी ये हालत किसने की ?”,अवि ने अनुराग को उठाया और उसे बेड के सहारे बैठाते हुए कहा
“ऑफकोर्स मैंने !”,नैना ने अपनी चाय खत्म की और उठते हुए कहा। अवि नैना के पास आया और कहा,”और ये कोई चाय पीने का टाइम है ?”


नैना अवि के थोड़ा पास आयी और कहा,”चाय इम्पोर्टेन्ट है बाबू ,, अब चले !”
जैसे ही नैना और अवि जाने लगे , अनुराग ने अवि को रोका और रोआँसा होकर कहा,”भाई इस से शादी मत कर बहुत मारती है ये”
नैना ने सूना तो कहा,”यार ये पडोसी फिर पीट जाएगा मुझसे !”
अवि ने अनुराग की बात नहीं सुनी और नैना को लेकर बाहर चला आया , दर्द से बेहाल अनुराग बिस्तर पर जा गिरा

अवि नैना का हाथ थामे उसे लेकर निचे आया सीढ़ियों के पास आकर नैना रुक गयी तो अवि ने पलटकर कहा,”अब क्या हुआ ?”
“पैर दर्द कर रहे है !”,नैना ने मासूमियत से कहा
अवि उसके पास आया और उसे गोद में उठाकर आगे बढ़ गया। एक दूल्हा अपनी दुल्हन को गोद में उठाकर मंडप तक ले जाने वाला था , ये देखकर सभी बहुत खुश थे ,, कुछ ही दूर खड़े मोंटी , सार्थक , रुचिका , शीतल , अवि का ये रूप देखकर मुस्कुरा रहे थे

भीड़ ने उन्हें जाने को जगह दी , ये नजारा देखकर म्यूजिक सिस्टम वालो ने भी गाना स्तिथि के हिसाब से लगा दिया
“हीरिए सेहरा बाँध के मैं तो आया रे (हे या)
डोली बारात भी साथ में मैं तो लाया रे (हे या)
अब तो ना होता है
इक रोज़ इंतेज़ार सोह्णी
आज नहीं तो कल है
तुझको तो बस मेरी होणी रे
तैनू ले के मैं जावांगा
दिल दे के मैं जावांगा
तैनू ले के मैं जावांगा
दिल दे के मैं जावांगा”


गाने ने तो उस वक्त माहौल बना दिया था। अवि नैना को लेकर मंडप में आया तीनो जोड़ो में वरमाला हुई और मंडप में बैठ गए ! पुरे रस्मो रिवाज के साथ तीनो शादिया सम्पन्न हुई। पूरी शादी में नैना हँसते मुस्कुराते रही। शीतल और सार्थक दिल्ली के लिए निकल गए , चूँकि शादी लखनऊ में थी इसलिए मोंटी के घरवाले नयी दुल्हन को लेकर अपने घर निकल गए ! अवि के घरवाले और रिश्तेदार वही रुके और सुबह जाना तय हुआ ,, सुबह होने में दो घंटे बाकि थे रस्मे निभाते निभाते नैना थक चुकी थी इसलिए वह आराधना जी के साथ ऊपर कमरे में चली आयी और बैठकर सुस्ताने लगी ,

नैना के दोस्तों और रिश्तेदारों का उस कमरे में जमघट लग गया , नैना उनके चेहरे देखती रही , आज वह रोजाना से ज्यादा ही खूबसूरत नजर आ रही थी ! उसकी मांग में भरा सिंदूर उसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा रहा था। नींद की वजह से नैना की पलके भारी होने लगी थी ! नैना ने दिवार से पीठ लगा ली और आँखे मूंद ली।, सुबह होते ही जब विदाई का वक्त आया तो उसे उठाया गया , नैना जानती थी की अगर उसने जरा सी भी आँखे नम की तो यहाँ बाढ़ आ जानी है वह हँसते मुस्कुराते वहा से सबके साथ चल पड़ी

जैसे ही सब नीचे आये आराधना उस से लिपट कर रो पड़ी लेकिन नैना ने अपने दिल को मजबूत कर लिया और कहा,”अरे मम्मा उस दिन क्या कह रही थी आप की मुझे ले जाने वाला रोयेगा , फिर आप क्यों रो रही है !”
नैना की बात सुनकर सब हसने लगे , सबके साथ वह बाहर गाड़ी के पास आयी विपिन जी वही खड़े थे नैना उन्हें देखकर मुस्कुरा दी , विपिन जी ने नैना का
हाथ लेकर अवि के हाथो में सौंपते हुए कहा,”आज से इसकी जिम्मेदारी आपकी है बेटा जी , इस से कोई गलती हो जाये तो प्यार से समझा देना !”


“कैसी बाते कर रहे है आप ? मैं नैना का हमेशा ख्याल रखूंगा !”,अवि ने कहा तो विपिन जी ने उसे गले लगाया और कहा,”बेटे की कमी हमेशा खलती थी पर आज तुम्हारे रूप में वो भी मिल गया , हमेशा खुश रहो बेटा”
नैना जो अब तक मुस्कुरा रही थी बार बार विपिन जी के चेहरे की और देखकर उदास हो जाती , विपिन जी और नैना दोनों ही अपने अपने आंसुओ को रोके हुए थे। विपिन जी ने नैना को अपने हाथो से गाड़ी में बैठाया लेकिन दोनों की आँखों में एक बून्द आंसू नहीं , चेहरे से दर्द झलक रहा था लेकिन उन्होंने जाहिर नहीं होने दिया।

अवि आकर नैना की बगल में बैठा नैना के दिमाग में विचार उलझने लगे , उसने दरवाजा खोला और गाड़ी से उतरकर विपिन जी को गले लगाकर आँखे बंद कर ली , आँखों में भरे आंसू गालो पर लुढ़क आये , विपिन जी भी खुद को रोक नहीं पाए और बच्चो की तरह रो पड़े , नैना ने काफी देर तक उन्हें गले लगाए रखा और फिर उनका चेहरा अपने हाथो में लेकर कहने लगी,”मैं आपके शहर से दूर जा रही हूँ आपके दिल से नहीं , आप हमेशा मेरे हीरो रहोगे डेड बाकि सब बाद में है आप मेरे लिए हमेशा ऊपर रहोगे ,,, ये आंसू अच्छे नहीं लगते आपकी आँखों में , और ऐसे भेजेंगे मुझे ऐसे तो मैं ख़ुशी ख़ुशी नहीं जा पाऊँगी ना !”


“ये तो बस ऐसे ही आँख में कुछ चला गया !”,विपिन जी ने आंसू पोछते हुए कहा तो नैना ने अपनी एड़िया उठाकर विपिन जी के माथे को अपने होंठो से छुआ और धीरे से कहा,”पडोसी बहुत अच्छा है डेड आप टेंशन मत लो !”
नैना वापस आकर अवि की बगल में बैठी और फिर गाड़ी वहा से निकल गयी ! थकान की वजह से रास्ते भर नैना अवि के कंधे पर सर रखकर सोती रही देर रात सभी चंडीगढ़ पहुंचे , Love You Zindagi – 100

Love You Zindagi – 100 नैना को तो सबने घेर लिया आखिर सौंदर्या जी से उसके बारे में इतनी तारीफ जो सुनी थी ! बेचारी नैना रिश्तेदारों के बीच फंसकर रह गयी ! घण्टेभर के मेल मिलाप के बाद सौंदर्या जी ने निबेदिता से कहा की वह नैना को अवि के कमरे में ले जाये ! निबेदिता नैना को अवि के कमरे में छोड़कर चली गयी , नैना ने हल्के से दरवाजा बंद किया और सबसे पहले अपने सर पर ओढी चुनरी उतारी और बेड पर आ बैठी। नैना को अब समझ आ रहा था की उसकी शादी हुई है ,,,

देर तक बैठी नैना यही सब सोचती रही , वह उठी दुप्पटा उठाया और गले में डालकर कमरे को देखने लगी , बड़ा और आलिशान कमरा था जिसमे हर सामान महंगा था , फर्नीचर से लेकर खिड़कियों के परदे तक की चॉइस अच्छी थी नैना ये सब देखे जा रही थी , सब देखकर वह वापस बेड पर आ बैठी और कहा,”ये पडोसी तो काफी अमीर निकला यार ! भूख लगी है क्या खाऊ ? साला सुबह से किसी ने चाय तक नहीं पिलाई”


नैना उठी और यहाँ वहा देखने लगी ड्रावर में रखी एक केडबरी उसे मिल गयी नैना उसे ही लेकर खाने लगी और फिर बिस्तर पर लेट गयी उसे कब नींद आयी पता ही नहीं चला ! निचे अवि अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से घिरा हुआ था , 9 बजे सौंदर्या ने जब निबी से कहा की नैना को खाने के लिए बुलाकर ले आओ तो अवि ने कहा,”मॉम मैं चला जाता हूँ !”
सौंदर्या अवि की भावनाये समझ रही थी इसलिये उसे जाने को कहा और नोकरो से कहकर बाकि सभी लोगो के खाने पिने की व्यवस्था करवाने लगी !

अवि ऊपर आया देखा नैना सो रही है , अवि नैना के पास आया उसके हाथ में कैडबरी का खाली रैपर देखा तो मुस्कुरा उठा ! वह नैना के आकर बैठ गया और प्यार से उसे देखने लगा , नैना की नाक में पहनी नथ को उसने धीरे से निकाल कर साइड कर दिया और तकिया उठाकर आहिस्ता से उसके सर के नीचे रखा ! ठंड थी इसलिए कबर्ड से कम्बल निकाला और नैना को ओढ़ा दिया ! साथ ही कमरे का हीटर भी ऑन कर दिया ,,

जब अवि की नजर नैना की मांग में भरे सिंदूर पर पड़ी तो अवि उसके थोड़ा क़रीब आया और नैना के सर को चूमकर साइड हो गया ,, कमरे की लाइट्स बंद की और दरवाजा बंद करके वापस निचे चला आया ! सौंदर्या ने अवि को अकेले आते देखा तो कहा,”नैना कहा है ? वो खाना नहीं खायेगी !!”
“मॉम वो सो रही है , उसे मत जगाईये ना !”,अवि ने कहा
“इतनी जल्दी अभी तो 10 बजे है !”,सौंदर्या ने कहा


“मॉम उसका कहना है “नींद इंम्पॉर्टेंट है बाबू”,अवि ने नैना की तरह एक्टिंग करके कहा तो सौंदर्य हंस पड़ी और कहा,”हट बदमाश कही का , चल तू तो खा ले !”
अवि ने खाना खाया और वापस अपने कमरे में चला आया , रिश्तेदार भी सब सोने चले गए। कमरे में आकर अवि ने देखा नैना बड़े आराम से सोई हुई है , अवि ने तकिया और दुसरा कम्बल लिया और सोफे पर लेट गया , वह नैना की फीलिंग्स हर्ट करना नहीं चाहता था !

अगली सुबह अवि जल्दी उठकर रूम से बाहर चला आया नैना सो रही थी जब उठी तो नींद में कहा,”कोई चाय पीला दो यार !”
जवाब ना मिलने पर नैना ने आँखे खोली तो पाया की वह अपने ससुराल में है , नैना उठाकर बैठ गयी घडी की और देखा सुबह के 9 बज रहे थे। नैना उठी और आईने के सामने आकर खुद को देखा शादी का जोड़ा उसने अभी तक पहना था , उसने अवि का कबर्ड खोला उसमे रखा टॉवल उठाया और बाथरूम की और बढ़ गयी नहाने के बाद नैना को थोड़ा होश आया और बाथरूम से बाहर आयी।

उसने कमरे के कोने में रखे अपने सूटकेस से कपडे निकाले और पहनकर आईने के सामने आयी ,, ब्लू जींस , सफेद शर्ट , बाल थोड़े गीले थे जिनसे पानी झर रहा था , मांग में जो सिंदूर लगा था वो कुछ कुछ फीका दिखने लगा था , उसने हाथो में पहने चूड़े को देखा और फिर वह रखी कुर्सी पर बैठकर उन चूडियो को उतारने लगी , उसी वक्त अवि नाश्ता लेकर कमरे में दाखिल हुआ , उसने ट्रे टेबल पर रखा और नैना के सामने आकर कहा,”ये क्या कर रही हो तुम ?”


“ये बहुत हेवी लग रहा है , इसलिए उतार रही हूँ !”,नैना ने एक एक करके चुडिया उतारते हुए कहा। अवि जानता था नैना इन सब बातो को नहीं मानती है इसलिए वह उसके सामने बैठा और प्यार से उसका हाथ पकड़कर उसे उतारी हुई चुडिया वापस पहनाते हुए कहने लगा,”देखो नैना ये शगुन की चुडिया है इन्हे सवा महीने अपने हाथो में रखना जरुरी होता है , मॉम ने तुम्हे खाली हाथ देखा तो उन्हें अच्छा नहीं लगेगा। मैं भी इन सब बातो को नहीं मानता लेकिन मॉम की ख़ुशी के लिए इन्हे अपने हाथो में रख लो प्लीज !”


“ओके !”,नैना ने मुस्कुरा के कहा
“ह्म्म्मम्म , सो कैसा लगा कमरा ?”,अवि ने पूछा
“अच्छा है पडोसी , पर सबसे पहले ये बताओ तुम इतने अमीर हो तुमने कभी बताया नहीं”,नैना ने अपनी पलके झपकाते हुए कहा
“ये सब मेरे मॉम डेड का है मेरा नहीं है , चलो नाश्ता कर लो”,अवि ने कहा तो नैना उठकर उसके साथ चली आयी आकर टेबल के सामने पड़ी कुर्सी पर बैठ गयी ! अवि उसके सामने आकर बैठा और कहा,”खाओ !”


“मेरे हाथो में दर्द हो रहा है , बहुत तेज !”,नैना ने झूठ मुठ में कहा अवि समझ गया नैना क्या कहना चाहती है वह मुस्कुराया और नैना को अपने हाथ से खिलाने लगा ! नैना ने थोड़ा सा खाया और कहा,”बाकि तुम खा लो !”
अभी दोनों बाते कर ही रहे थे की सौंदर्या कुछ औरतो के साथ आयी और दरवाजा खटखटाया , नैना ने गेट खोला और कहा,”गुड़ मॉर्निंग सासु माँ !”
“गुड़ मॉर्निंग बेटा !”,कहते हुए सौंदर्या अंदर आयी और उनके साथ साथ घर की कुछ औरते और लड़किया भी लेकिन सबकी नजर नैना पर ही थी , क्योकि नैना पहली बहू होगी जो जींस पहने खड़ी थी !

सौंदर्या ने हाथ में पकडे बड़े से थाल को बेड पर रखते हुए कहा,”अवि चलो बेटा बाहर जाओ नैना को मुंह दिखाई की रस्म के लिए तैयार करना है !”
अवि चला गया सौंदर्या ने नैना को कपडे पहनने को दिए जैसे ही नैना ने साड़ी पहनी सब उसे देखकर हसने लगी , सौंदर्या ने देखा तो सबको चुप करवाते हुए कहा,”इसमें हसने की क्या बात है उसे नहीं आता पहनना , नैना यहाँ आओ !”


नैना सौंदर्या के पास आयी तो सौंदर्या ने उसे बनारसी साड़ी पहनाई , गहने पहनाये , उसकी माँग में सिंदूर भरा और उसे तोहफे में सोने के कंगन पहनाये ! नैना ने जैसे ही आईने में खुद को देखा वह पहचान ही नहीं पाई की ये वो नैना है जो जींस में घूमती थी ! वह शादी वाली रात से भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी। सभी नैना को लेकर नीचे हाल में चली आयी , नैना ने जैसे ही हॉल में बैठे लोगो को देखा उसकी तो धड़कने ही बढ़ गयी आज से पहले वह चार लोगो के बीच रही थी आज अचानक इतने लोगो के बीच ,

खैर नैना आकर बैठी , सभी मुंह दिखाई में उसे तोहफे देने लगे , नैना मुस्कुराते हुए सबसे तोहफे लेकर साइड रखती गयी , दोपहर होने को आयी मुंह दिखाई की रस्म खत्म हुई तो सबने नैना को हॉल में बैठा लिया उस से बाते करने लगे !!
बेचारी नैना शाम तक उसकी हालत बुरी थी और आज फिर वह जल्दी सो गयी !!

अगले दिन शाम को अवि और नैना का रिसेप्शन था , सभी रिश्तेदार और लोग शामिल थे नैना और अवि स्टेज पर खड़े थे सब आकर उन्हें विश कर रहे थे तस्वीरें खिंचवा रहे थे , मोंटी-रुचिका , सार्थक-शीतल भी आये थे और नैना आज तो बहुत खुश थी , विपिन जी से भी दो दिन बाद मिली थी ! सभी स्टेज के सामने बैठे रिशेप्शन का मजा ले रहे थे तभी अवि का कोई दोस्त हाथ में वोदका लेकर आया और अवि नैना की और बढाकर कहा,”कॉंग्रेट्स भाई एंड स्वीट भाभीजी !”


“तुझे पता है ना मैं नहीं पिता”,अवि ने मना करते हुए कहा
“क्या यार भाई आज तो बनता है , ये लो भाभी”,कहते हुए उसने एक छोटा ग्लास नैना को थमा दिया और दूसरा अवि को , अवि ने नजर बचाकर जब तक वो वोदका साइड में फेंका नैना अपने वाला पी गयी , दोस्त वहा से चला गया लेकिन नैना को हल्का हल्का खुमार होने लगा था ! यहाँ तक ठीक था लेकिन किसी ने आकर नैना को माइक थमा दिया और कहा,”नैना जी कुछ सूना दीजिये ना , इतने अच्छे मौके पर कुछ तो बनता है !”


अवि ने सूना तो नैना के हाथ से माइक लेकर कहा,”नैना को गाना वाना नहीं आता !”
“भैया मैंने आपसे नहीं कहा है भाभी से कहा है , सुनाने दीजिये ना इन्हे कुछ ,,, इनके दोस्त बता रहे थे ये बड़ा अच्छा लेक्चर देती है !”,लड़की ने कहा जो की अवि की कजिन थी। नैना ने अवि के हाथ से माइक लिया और कहा,”अरे मुझे सब आता है !”


नैना के मुंह से आयी स्मेल से अवि समझ गया कुछ गड़बड़ है लेकिन वह नैना को रोक पाता तब तक नैना ने माइक लेकर अनाउंसमेंट कर दी और कहने लगी ,”हेलो हेलो हेलो अटेंशन प्लीज ,, हिच्चक,,,,,,,,,,,,,,,,,,अब मैं कुछ सुनाना चाहती हूँ”
अवि ने इतना सुनते ही सर पीट लिया , क्योकि सामने खड़े लोगो में सबसे ज्यादा उसके रिश्तेदार ही थे और नैना को रिश्तेदारों से कितना खुन्नस था अवि अच्छे से जानता था ! सबकी नजरे नैना पर थी। नैना ने बोलना शुरू किया

नाम रिश्तेदार है
ये सोच से बीमार है
तानों के बिना तो
इनकी जिंदगी बेकार है !
बिन बुलाये ही ये हमेशा , घर में आ जाते है !
“कैसी चल रही जिंदगी ?” पूछ कर सताते है
ये मत पहनो , वो मत पहनो , ये जज भी कर लेते है
चाय पानी बाद में , ये पहले आपकी खबर लेते है !
पहले मार्क्स , फिर नौकरी की चिंता इनको रहती है
थोड़ी कर लो तरक्की तो फिर जान इनकी जलती है !
दुसरो के घर में जाकर , अपनी ये चलाते है


साला खुद के घर में तो , इनकी एक भी ना चलती है
नाम रिश्तेदार है
ये सोच से बीमार है
ये चलता फिरता ड्रामा शो
भाई हम पे अत्याचार है
खुद को तो ये आपका , शुभचिंतक बताते है !
खुद का हो मतलब तो ये प्यार भी जताते है
जहर फिर जबान से , ये रूह भी जलाते है
बेवहज ये राय देकर “L” भी लगाते है !
तुम कर लो कुछ भी लेकिन , इनको इम्प्रेस ना कर पाओगे


इनके चक्कर में भाई , तुम खुद डिप्रेस हो जाओगे
फेसबुक , ट्वीटर , इंस्टाग्राम पर भी इनको रहना है
अब तो व्हाट्सप्प के फॅमिली ग्रुप में भी इनको सहना है !
मुझे पूछना है जग से इनको रिश्तेदार क्यों बनाया है ?
लगता है उपरवाले ने भी इनको जल्दी में निपटाया है !!
मामा गुस्सा है क्योकि उनकी बात नहीं सुनती
मौसी है परेशान की उस से आकर नहीं मिलती
चाचा को मुझमे परफेक्ट लड़की चाहिए और
जीजा है नाराज क्योकि उसकी दाल नहीं गलती !!!


नाम रिश्तेदार है
ये सोच से बीमार है
खट्टी मीठी जिंदगी में
ये नीम का अचार है !
अच्छा कहना है इनका “कभी तुम भी रिश्तेदार बनोगी”
जैसे आज हमे सूना रही हो वैसे तुम भी सुनोगी
तो सुनो !!


हां मुझे मालूम है , रिश्तेदार मैं बनूँगी
कमियों की छोड़ , उनकी खूबिया चुनूंगी
घर घर में जाकर उनका रिजल्ट नहीं पूछना
हां मैं अपने ही घर में पूरी मौज से रहूंगी !!
तमीज वाली बातो से अत्याचार ना करुँगी
मैं रिश्तो का ऐसा कोई व्यापार ना करुँगी !!
पंसद ना भी आये कुछ तो , चुप रह लुंगी


पर आपकी तरह शब्दों से , बलात्कार ना करुँगी !!
मेरी जिंदगी में ये ऐसे है जैसे “नीम का पकौड़ा”
खैर रिश्तेदार ही तो है , सह लेंगे थोड़ा
नैना की बाते सुनकर सब हक्के बक्के रह गए। अवि तो बेचारा स्टेज से नीचे ही चला आया , सौंदर्या जी उसके पास आयी और कहा,”अब क्या होगा ?”
अवि ने सौंदर्या जी की और देखा और कहा,”होना क्या है लंका लगेगी”

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समाप्त

सो गाईज ये थी लव यू जिंदगी की कहानी , नैना खुद को बदल नहीं पायी और आज भी वैसी ही है , कहानी खत्म हो चुकी है लेकिन निराश मत होईये , अंत हमेशा किसी नयी कहानी की शुरुआत होता है ,, जल्द ही आप पढ़ पाएंगे मेरी नयी कहानी “मनमर्जिया” इसी चैनल पर , तब तक के लिए आप सभी को बहुत सारा प्यार , आपने कहानी को इतना पसंद किया। Thankyou So Much तो मिलते है जल्द ही ,,,,,,, और हां Love You ज़िंदगी Season 2 पढ़ना ना भूले ,, किसी और से पहले खुद से कहना सीखे – Love You जिंदगी !!

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