Love You जिंदगी – 80
Love You Zindagi – 80
विपिन जी और आराधना की इमोशनल बातो में आकर नैना ने शादी के लिए हां कह दिया। इस फैसले से नैना की जिंदगी बदलने वाली थी या उस ने अपने लिए नयी मुसीबत खड़ी की थी ये तो आने वाले वक्त में पता चलना था। खैर छत से उतरकर नैना नींचे अपने कमरे में चली आयी , मन कुछ अपसेट सा था और अजीब भी लग रहा था।
“पापा को शादी के लिए हां कहकर जल्दबाजी तो नहीं की मैंने,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह कम ऑन नैना वैसे भी एक दिन शादी तो करनी ही है। कब तक अपने पेरेंट्स और रिश्तेदारों को परेंशान करेगी कोई तो होना चाहिए ना जिसे परमानेंट परेशान किया जा सके “,सोचते हुए नैना ने खिड़की खोल दी शाम का वक्त और खिड़की से आते हवा के झोंके सिहरन पैदा कर रहे थे नैना कुछ देर वही खड़ी खाली आँखों से डूबता सूरज को निहारने लगी। ठण्ड का अहसास हुआ तो अपने दोनों हाथो को आपस में ही समेट लिया। कुछ देर बाद अपनी टेबल के पास आयी कुर्सी पर बैठी और अपनी वही पुरानी डायरी उठाकर उसमे लिखने लगी
“तुम जो मेरी जिंदगी में आने वाले हो
क्या जानती हूँ मैं तुम्हे पहले से ?,,,,,,,,,,,,,,,,या अब तक अनजान हो तुम
क्या मिले है कभी हम यु ही भीड़ में एक दूसरे से ?
शायद,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!
इस बार मिलो तो कुछ यु मिलना की मिलने का अहसास बहुत गहरे तक उतरे
भले अनजाने में ही तुम्हारे लब मेरे लबो को छूकर गुजरे
इस बार कुछ यु मिलना !
स्वीकार लेना मेरी खामियाँ मेरी खूबियों का तो मुझे कुछ अंदाजा नहीं है
अब के जो मिलना तय हुआ है ना कहने का कोई इरादा नहीं है
इस बार तुमसे मिलना तय है !” नैना ने लिखा और जब पढ़ा तो खुद से ही कहने लगा,”कितना बोरिंग लिखा है , ये सब तुम्हे सूट नहीं करता है नैना ! ये सब छोडो और मोंटी रूचि की सगाई पर ध्यान दो ,, तुमने मोंटी को चेलेंज किया है की तुम उस से भी ज्यादा अच्छी दिखने वाली हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कल सुबह मार्किट जाना है वही चलकर देखते है कुछ अच्छा !”
नैना ने डायरी साइड में रख दी कही ना कही उसकी लिखी बातें सच हो जाया करती थी जिसका जीता जागता सबूत था अवि जो की उस से बस में मिला था लेकिन इस बार उससे मिलने कौन आने वाला था नैना नहीं जानती थी। कपडे चेंज करके खाना खाने वह नीचे चली आयी !
जयपुर , रुचिका का घर
रुचिका और उस के घरवाले इस रिश्ते से बहुत खुश थे। रुचिका अपने कमरे में बैठी मोंटी से बात कर ही रही थी तभी कुकू आयी और फोन लेते हुए मोंटी से कहा,”क्या जीजाजी सब्र नहीं हो रहा ?,,,,,,,,,,,,,,,,,कुछ ही दिनों की बात है फिर तो रूचि दी हमेशा हमेशा के लिए आपकी !”
“हां हां हां चिंता मत करो उस से पहले तुम्हारे लिए भी कोई लड़का ढूंढ देंगे”,मोंटी ने हँसते हुए कहा
“जी नहीं , मुझे अभी कोई शादी वादी नहीं करनी है ,,,, मुझे तो पहले आप दोनों की शादी में इंजॉय करना है , पढाई पूरी करनी है”,कुकू ने कहा
“अच्छा ये बात है वैसे साली साहिबा मेरी साली होने के नाते तुम्हारा कुछ फर्ज बनता है”,मोंटी ने कहा
“वो क्या ?”,कुकू ने कहा
“अपनी दीदी से मिलवा दो यार , उस दिन घर में तो सबके बीच ठीक से बात ही नहीं कर पाया था मैं उस से”,मोंटी ने कहा
“अच्छा और बदले में मुझे क्या मिलेगा ?”,कुकू ने कहा
“जो तुम कहो”,मोंटी ने कहा
“ओके डन !”, कहकर कुकू ने फोन वापस रुचिका को थमा दिया और वहा से चली गयी !
“क्या डिस्कस हो रहा था ?”, रुचिका ने मोंटी से सवाल किया
“वो हमारे बीच की बात है , सीक्रेट !”,मोंटी ने कहा
“अच्छा ऐसा,,,,,,,, कैसी चल रही है तैयारियां ?”,रुचिका ने सवाल किया
“अच्छी , वैसे इस मामले में नैना को जितना थेंक्स कहा जाये कम है। उसकी वजह से ये सब होने जा रहा है वरना मैं तो तुमसे कभी कह ही नहीं पाता की,,,,,,,,,,!”,कहते कहते मोंटी रुक गया
रुचिका मुस्कुराई और कहा,”वो तो तुमने अभी भी नहीं कहा है”
“हम्म्म्म मैं क्यों कहू तुम कहो !”,मोंटी ने कहा
वाह जी वाह मैं भी क्यों कहू ? पहले लड़को को ही बोलना पड़ता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे मैं इंतजार कर लुंगी सुनने का !”,कहकर रूचि हंसने लगी तो मोंटी भी हंस पड़ा रुचिका ने नार्मल होते हुए कहा,”अच्छा बताओ ना मैं सगाई में क्या पहनू ?”
“जिसमे तुम कम्फर्टेबल महसूस करो , वैसे भी मुझे तो तुम हर ड्रेस में अच्छी लगती हो”,मोंटी ने कहा
“शादी तक मैं वजन घटा लुंगी”,रुचिका ने कहा
“कोई जरूरत नहीं है 5-10 किलो और बढ़ जाये तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता। तुम्हे मेरे लिए बदलने की कोई जरूरत नहीं है तुम जैसी भी हो परफेक्ट हो !”,मोंटी ने प्यार से कहा तो रुचिका के होंठो पर मुस्कान तैर गयी उसने कहा,”मोंटी मैं सोचती थी अच्छा फिगर अच्छी सूरत ये सब ही प्यार में मायने रखते है पर तुमने मेरी सोच बदल दी ,, मैं बहुत लकी हूँ जिसे तुम मिले और नैना जैसी दोस्त मिली,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सच में ये जिंदगी बहुत खूबसूरत है।”
“हां , और मैं हमेशा तुम्हारा साथ निभाउंगा , अच्छा सगाई में कौन कौन आ रहा है ? तुम्हारे सब दोस्त भी आएंगे ना क्योकि मेरे सारे दोस्त तो मरे जा रहे है तुमसे मिलने के लिए”,मोंटी ने कहा
“हां हां बिल्कुल , वैसे दोस्त तो बहुत आएंगे लेकिन 3 खास है उनसे भी मिलवाना है तुम्हे”,रुचिका ने कहा
“ओके मिलते है फिर !”,मोंटी ने कहा और कुछ देर बाद फोन काट दिया
इंदौर , शीतल का घर
शीतल हॉल में बैठी अपने भतीजे को पढ़ा रही थी और साक्षी किचन में थी। शीतल का भाई रोहन भी अपने कमरे में था कुछ देर बाद बेल बजी शीतल ने उठकर दरवाजा खोला तो उसका चेहरा एकदम से फीका पड़ गया सामने आप अपने माँ बाप के साथ राज खड़ा था। शीतल की आवाज तो जैसे उसके गले में ही अटक गयी हो उसे समझ नहीं आया की आखिर राज इस तरह यहाँ क्यों आया है ?
“शीतल कौन है ?”,कहते हुए साक्षी दरवाजे पर आयी उसने राज को वहा देखा तो गुस्से से उसका चेहरा लाल हो उठा। राज दोनों को साइड करके अंदर चला आया और उसके पीछे पीछे ही उसके माँ बाप भी आकर तीनो अंदर सोफे पर बैठ गए। साक्षी और शीतल अंदर आयी रोहन अंदर था उसने देखा कुछ लोग घर में आये है तो वह बाहर आया राज को देखते ही रोहन ने गुस्से से उसका कॉलर पकड़कर उसे उठाया और कहा,”तेरी हिम्मत कैसे हुई यहाँ आने की ?”
राज ने अपनी कॉलर छुड़वाई और कहा,”खाली फ़ोकट में नहीं आया हूँ , तेरी बहन से शादी का रिश्ता लेकर आया हूँ”
राज की बात सुनकर रोहन ने उसे एक घुसा मारा और कहा,”नाम मत ले मेरी बहन का अपनी गन्दी जबान से , पहले ही उसकी जिंदगी में तूने बहुत परेशानिया खड़ी की है अब ये सब और बर्दास्त नहीं करूंगा मैं ,, चुपचाप अपने माँ बाप को लेकर यहां से निकल जा समझा !”
“चला जाऊंगा पहले अपनी बहन से तो पूछ ले उसका मेरे साथ कितना गहरा रिश्ता रहा है”,राज ने बेशर्मी से शीतल की और देखकर कहा तो शीतल ने अपने कान दोनों हाथो से बंद कर लिए
“खबरदार जो मेरी बहन के बारे में एक और शब्द कहा तो तेरी जबान खींच लूंगा”,कहते हुए रोहन ने एक बार फिर उसकी कॉलर पकड़ ली। शीतल को बहुत बुरा लग रहा था राज रोहन को उल्टे सीधे शब्द बोलने लगा तो शीतल को गुस्सा आया वह राज के पास आयी उसे अपनी और करके एक खींचकर थप्पड़ मारा। राज बौखलाया सा शीतल को देखने लगा उसे लगा था वह शादी का रिश्ता लेकर आएगा तो शीतल पिघल जाएगी और उसे माफ़ कर देगी लेकिन यहाँ उल्टा हुआ ! थप्पड़ से बौखलाए हुए राज ने कहा,”तूने मुझे थप्पड़ मारा !
“हां मारा मैंने तुम्हे थप्पड़ और शायद ये मुझे बहुत पहले कर देना चाहिए था। चले क्यों नहीं जाते तुम मेरी जिंदगी से , क्यों बार बार आकर मुझे ये अहसास दिलाते हो की तुमसे प्यार करना मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती थी। तुम मेरे तो क्या किसी के प्यार के लायक नहीं हो राज ,, घिन्न आती है अब मुझे जब तुम्हे देखती हू , तुम्हे लगता है मैं तुमसे शादी करुँगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं जिंदगीभर अकेले रहना पसंद करुँगी लेकिन तुम जैसे घटिया इंसान के साथ शादी नहीं करुँगी ! तुम्हे क्या लगता है तुम जो चाहे करोगे और मैं खामोश देखती रहूंगी तुम्हारा प्यार प्यार नहीं सिर्फ पागलपन है जो की अब अपनी हदे पार कर चुका है , आखरी बार तुमसे कह रही हूँ मुझसे और मेरे घरवालों से दूर रहो”
शीतल की बात सुनकर राज का सारा वहम दूर हो गया वह जान चुका था की शीतल अब उसके झांसे में नहीं आने वाली है , शीतल को घूरने लगा तो रोहन ने उसे बाहर निकालते हुए कहा,”चल निकल यहाँ से और आज के बाद यहाँ नजर भी आया तो पुलिस कंप्लेंट कर दूंगा समझा तू”
राज के माँ बाप ख़ामोशी से सब देख सुन रहे थे उन्होंने कुछ नहीं कहा राज उन्हें भी यहाँ जबरदस्ती डरा धमका कर लाया था ,, वे दोनों चुपचाप उठकर चले गए ,, राज भी रोहन और दरवाजे पर खड़ी शीतल को घूरते हुए वहा से चला गया। मोहल्ले के लोग बाहर निकलकर तमाशा देख रहे थे रोहन ने उन सबको भी अपने अपने घरो में जाने को कहा और खुद अंदर आकर दरवाजा बंद कर लिया। शीतल सर झुकाये खड़ी थी उसकी वजह से आज उसके परिवार को ये सब देखना पड़ रहा था , उसकी आँखों से आंसू बहने लगे राज के साथ साथ रोहन शीतल से भी नाराज था की उसने राज जैसे लड़के को अपना जीवनसाथी चुनने की गलती की , वह साक्षी के पास आया और कहा,”जया मौसी से बात करो और उन्हें शीतल के लिए लड़का देखने को कहो ,,,बस बहुत हो गया रोज रोज की इस जिल्लत से मैं तंग आ चुका है। शादी करके ये अपने घर जाएगी तो कम से कम ये रोज रोज का तमाशा तो नहीं होगा !”
रोहन गुस्से से अपने कमरे में चला गया शीतल ने सूना तो उसकी आँखों से आंसू बहकर नीचे गिरने लगे साक्षी ने देखा तो उसके पास आयी और उसे गले लगाते हुए कहा,”अपने भैया की बातो का बुरा मत मानना शीतल उन्होंने गुस्से में ये सब कह दिया।”
“नहीं भाभी भैया ने कुछ गलत नहीं कहा मेरी वजह से आज उनकी इतनी बदनामी हो रही है , उन्हें ये सब देखना पड़ रहा है इन सबके लिए मैं ही तो जिम्मेदार हू ,,,,,,,, लेकिन मुझे अभी शादी नहीं करनी है भाभी दिल्ली में मेरी जॉब अभी खत्म नहीं हुई है”,शीतल ने रोते हुए कहा
“तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारे भैया से बात करुँगी ,, चुप हो जाओ मैं हूँ ना मैं जानती हूँ तुम गलत नहीं हो , बस थोड़ा वक्त गलत है और हालात लेकिन देखना एक दिन ये सब भी सही हो जायेंगे”,साक्षी ने शीतल का सर सहलाते हुए कहा !
चंडीगढ़ , कॉफी कैफे
कैफे में अकेले बैठा अवि अपनी कॉफी के आने का इंतजार कर रहा था। अपने फोन के कुछ नोटिफिकेशन चेक करने के बाद उसकी नजर सहसा ही कुछ दूर बैठे कपल पर चली गयी एक बहुत ही क्यूट से लड़का लड़की आमने सामने बैठे एक दूसरे को सेंडविच खिला रहे थे। अवि ये देखकर सोचने लगा,”काश नैना यहाँ होती तो मैं भी उसे अपने हाथो से , इतने ही प्यार से खिलाता। कितना अच्छा लगता है न प्यार में ये छोटी छोटी चीजे करना,,,,,,,,,,,,,,,,,, पर उस डफर नैना को तो पता भी नहीं है कोई उसे इतना पसंद करता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,पता नहीं कहा लगा रहती है एक फोन एक मेसेज तक नहीं जब अपार्टमेंट में थी तो पडोसी पडोसी करके रोज परेशान करती थी और अब देखो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इस बार मिलेगी ना तो भले उसके पैर पकड़कर उसे मनाना पड़े लेकिन मना लूंगा,,,,,,,,बोल दूंगा उसे की नहीं रह सकता उसके बिना , पर वो समझे तब ना प्यार के नाम से ऐसे दूर भागती है जैसे किसी ने प्यार नहीं उसकी किडनी मांग ली हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,पर सोचो जब उसे किसी से,,,,,,,,,,,,,,,,,,,किसी से क्यों मुझसे प्यार होगा तब लाइफ कितनी शॉर्टेड होगी ना। वो होगी मैं रहूंगा और बस ढेर सारा प्यार !
“सर आपकी कॉफी !”,वेटर ने अवि के सामने कॉफी रखते हुए कहा
अवि ने उसे थैंक्यू कहा और कॉफी उठाकर पीने लगा। दिल्ली से आने के बाद अवि सबसे ज्यादा कुछ मिस कर रहा था तो वो थी नैना और उसकी बातें ,, भले नैना की बातो से वह प्रॉब्लम में फंस जाती थी लेकिन अवि को हमेशा उसका साथ अच्छा लगता था। अवि के डेड बहुत पैसेवाले थे और इसलिए अवि का सपना पूरा करने में उन्होंने किसी तरह की कमी नहीं रखी। वही चंडीगढ़ में ही अवि के ऑफिस के लिए उन्होंने जगह खरीदी और उस पर काम करवाना भी शुरू कर दिया। अवि भी दिन रात अपने इसी काम में लगा था लेकिन इस थकान भरे दिन में सिर्फ एक नैना का ख्याल ही था जो उसे मुस्कुराने पर मजबूर कर देता था वह नैना से मिलना चाहता था लेकिन दिल्ली जाने में अभी बहुत वक्त था और बार बार वह बिना वजह नैना के घर भी नहीं जा सकता था। खैर अवि जल्द से जल्द इन छुट्टियों के खत्म होने का इंतजार कर रहा था ताकि नैना से मिलकर एक बार फिर वह उसे अपने प्यार का अहसास दिला सके। कॉफी खत्म करके अवि ने बिल पे किया और वहा से निकल गया।
दिल्ली , आशीर्वाद अपार्टमेंट
शाम के समय टेरेस की छत पर अकेले बैठा सार्थक शीतल के बारे में सोच रहा था। दिल्ली से जाने के बाद उसकी शीतल से कोई बात नहीं हुई थी ना ही रुचिका और नैना से , नैना से बात करने में सार्थक झिझक भी रहा था उस दिन कितना सुनाया था उसके पापा ने नैना को। सार्थक दिवार पर बैठा सामने डूबता सूरज देख रहा था सूरज की लालिमा चारो और बिखर रही थी। ठण्ड का अहसास होने पर उसने अपने जैकेट को गले तक बंद कर लिया और हाथो को मसलते हुए सोच में डूबा रहा। शीतल के रेफरेंस की वजह से सार्थक को जॉब मिल चुकी थी , उसने ऑफिस जाना भी शुरू कर दिया था लेकिन शीतल को वह बहुत मिस करता था। जानता था की वे तीनो अब यहाँ नहीं है फिर भी 3RD फ्लोर पर चक्कर लगा आता था। घूमते घामते शुभ भी वहा आ पहुंचा और कहा,”भाई इतनी ठण्ड में यहाँ क्यों बैठा है ? चल नीचे चलते है सामने चीज मोमोज खाकर आएंगे”
“नहीं यार मेरा मन नहीं है”,सार्थक ने कहा
“क्या यार जबसे वो गयी है तबसे तू खोया खोया सा रहने लगा है , अब तो ऐसे लगता है जैसे तू पहले वाला सार्थक है ही नहीं ,,, भूल जा उसे नहीं आएगी वो”,शुभ ने कहा
सार्थक ने उदास आँखों से डूबते सूरज को देखा और कहा,”पता नहीं यार पर मेरा दिल कहता है वो जरूर आएगी।”
मोंटी और रुचिका का रिश्ता तो तय हो चुका था लेकिन शीतल , नैना , अवि और सार्थक अभी भी दोराहे पर खड़े थे ,,,, इस उम्मीद में की एक दिन सब ठीक हो जाएगा।
क्रमश – Love You जिंदगी – 81
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संजना किरोड़ीवाल !
Awesome ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
nie
Nice part 👌👌👌👌
Nice 👌👌👌
Very beautiful
Heyy bgwan pls sb tik kr doo ❤️❤️❤️
Nice part
Nice part
मैम अवि और सार्थक ने तो अपनी फीलिंग जाहिर कर दी हैं …अब नैना और शीतल कब अपनी फीलिंग्स को स्वीकार करती हैं…देखते हैं..रूचिका की सगाई में सब इकट्ठा होंगे तो कुछ तो धमाका होना बनता हैं😊 shandaar part👌👌👌👌
Ekdin sb thik hoga
Nice part👏👌
Aaj ka part bahut accha laga.Sabki mansik sthithi ka varnan kiya.so nice!!!
Bs jldi hi in logo ki life m sb acha ho jaaye maam ajkl mail pr notification nhi aa rhi
Waiting for ruchika ki sagai, jab sab samne honge aur pyar ka ehsaas bhi 😍😍😍😍😍😍
Waiting next part
Nice post
sb pyaar me.h pr batane aur jaahir krne ko koi tiyr nhi avi aur sarthk ne to khair bta dia bs naina aur sheetal ka intezar h kb bolengu kyuki in dono pairs sth me.bhut cute lgte h ruchi aur monti ki to jam gyi bs sb acha chle ……nice part
As usual Ultimate.. eagerly waiting for next part