Sanjana Kirodiwal

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Love You जिंदगी – 3

Love you Zindagi
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Love You Zindagi – 3

ऑफिस का पहला दिन -:

रुचिका , नैना और शीतल तीनो ऑफिस पहुंची , उनकी टीम में शामिल बाकि 4 लोग भी आ गए ! सातो को एक अलग केबिन मिला , शीतल नैना और रुचिका के अलावा टीम में एक लड़की और थी ‘ख़ुशी’ , जो की अटेंशन सी कर थी उसे इन तीनो से कोई मतलब नहीं था , टीम में ख़ुशी के अलावा अमित , केशव और विशाल था ! सबने आपस में एक दूसरे से परिचय किया और अपनी अपनी कुर्सियों पर बैठकर काम में लग गए ! चूँकि ऑफिस में सबका पहला दिन था इसलिए निरंजन सर ने आज सबको हल्का फुल्का काम ही दिया था ! नैना अपने कम्प्यूटर पर काम कर रही थी , रुचिका केशव के साथ मिलकर प्रोजेक्ट की फाइल समझ रही थी ! विशाल और अमित ख़ुशी के आगे पीछे घूम रहे थे और नैना चुपचाप कुर्सी पर बैठकर सबको देख रही थी ,, नैना के लिए वे लोग , वह जगह और वह काम बिल्कुल अलग था इसलिए उसे एडजस्ट करने में थोड़ा वक्त लग रहा था ! सभी अपने अपने कामो में लगे थे की कुछ देर बाद ऑफिस में काम करने वाला जय नैना के पास आया और कहा – हायहाय (नैना ने कहा)
“न्यू स्टाफ ?

हम्म्म्म
“मेरा नाम जय है , पिछले तीन साल से मैं इस ऑफिस में हु , तुम्हे कोई भी हेल्प चाहिए तो तुम मुझे बोल सकती हो

क्यों ? तू बाप लगता है मेरा ?
“व्हाट ?

क्या व्हाट ? मतलब जहा लड़की देखी नहीं की आ गए हेल्प करने , मैंने मांगी तुमसे हेल्प ,, चल निकल
“तुम बहुत बद्तमीज हो (जय ने नैना की बात का बुरा मानते हुए कहा)

हां मैं हु इसमें कुछ नया नहीं है , जाकर अपना काम कर ,, और दोबारा इधर दिखा ना तो मेरा पता नहीं तुझे हेल्प की जरूरत जरूर पड़ेगी !
बेचारा जय कुछ बोल ही नहीं पाया और चुपचाप वहा से चला गया , रुचिका जो सारा नजारा देख रही थी नैना के पास आयी और कहा,”यार वो कितना क्यूट था और तुमने उसे डांटकर भगा दिया !”
“क्यूट नहीं चु,,,,, (बोलते हुए नैना ने देखा केशव उसी की और देख रहा है तो उसने आवाज धीमी करके कहा) चु#या है वो , पहले दिन फ्लर्ट कर रहा है वो मेरे साथ , मुझे इन सब में कोई इंट्रेस्ट नहीं है , मेरे लिए लड़के जहर जैसे है ,, जो शुरू शुरू में अच्छे लगते है बाद में तकलीफ देने लगते है !”,नैना ने कहा
“हैं , मतलब ?”,रुचिका को कुछ समझ नहीं आया
“कुछ नहीं , तुम जाओ फाइल देखो !”,नैना ने कहा और केबिन से बाहर चली आयी !! उसने सामने से आती लड़की से केंटीन के बारे में पूछा और थैंक्स बोलकर आगे बढ़ गयी ! ऑफिस में काम करने वाले सारे लड़के और साथ साथ लड़किया भी उसे ही देख रहे थे और इसकी वजह थी उसकी पर्सनालिटी , नैना दिखने में काफी आकर्षक और खूबसूरत थी , साथ ही उसका ड्रेसिंग स्टाइल बाकि लोगो से अलग था , उसकी जींस हमेशा कही ना कही से स्क्रेच्ड होती थी , चेहरे पर कोई मेकअप नहीं , ना लड़कियों वाली अदाए थी उसमे , बालो को हमेशा जुड़े में समेटकर रखती जिस से एक आधी लट हमेशा इधर उधर झूलती रहती ! नैना के जाने के बाद ऑफिस की लड़की ने फुसफुसाते हुए कहा,”कितनी अजीब लड़की है , ना किसी से हाय हेलो ना ही किसी की तरफ देखा !”
“अजीब नहीं बहुत अजीब है , तुमने देखे उसके कपडे , लड़कियों वाला ऐटिटूड है ही नहीं उसमे !”,दूसरी लड़की ने कहा जो पास ही बैठी थी !
“हमारे जय भैया गए थे अभी थोड़ी देर पहले उनसे जान पहचान करने , क्यों जय भैया ?”,वहा खड़े लड़को में से एक ने जय से कहा
जय ने वहा पड़ी कुर्सी अपनी और खिसकाई और उस पर बैठते हुए कहा,”उस से बड़ी बद्तमीज लड़की तो मैंने आज तक नहीं देखी , हुँहहह !”
“क्यों घास नहीं डाली उसने ?”,पहली लड़की ने जय का मजाक उड़ाते हुए कहा
उसकी बात सुनकर जय को गुस्सा आ गया और उसने कहा,”इस ऑफिस में आज तक ऐसी कोई लड़की नहीं आयी जिसने जय को इग्नोर किया हो , उसे ये बदतमीजी बड़ी भारी पड़ने वाली है !”
“बोस आ रहे है !”,दूसरी लड़की ने कहा तो सभी तुरंत जाकर अपनी अपनी सीटों पर बैठ गए !
नैना ने केंटीन से अपने लिए चाय ली और लेकर वापस अपने केबिन में चली आयी बाकि सब अपने अपने कामो में लगे थे , नैना ने भी चाय ख़त्म की और काम में लग गयी ! दिनभर सभी काम करते रहे , ख़ुशी के साथ तीनो लड़के रुचिका से भी घुल मिल गए , रुचिका को और क्या चाहिए था तीन लड़के उसके आस पास काम कर रहे है यही देखकर वह खुश थी ! शीतल की किसी से ज्यादा बात नहीं हुई , वह अपना पूरा ध्यान अपने काम में लगाए हुए थी , बिच बिच वह राज के मैसेज और फोन से जरूर परेशान हो जाती ! बाकि नैना से बात करने की हिम्मत किसी लड़के में नहीं थी नैना को इस बात से कुछ खास फर्क नहीं पड़ा ! ऑफिस का पहला दिन अच्छा गुजरा शाम को तीनो वहा से सीधा मार्किट के लिए निकल गयी ! शीतल और रुचिका पहली बार दिल्ली आयी थी इसलिए उन्हें यहाँ के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी , लेकिन नैना कई बार आ चुकी थी इसलिए नैना ही उन्हें लेकर मार्किट चली आयी !! तीनो ने अपनी अपनी जरूरत का सामान खरीदा और कुछ किचन का सामान खरीद कर घर लौट आयी ! जैसे ही तीनो अपार्टमेंट में आयी उन्होंने देखा लॉन में कोई टेंट लगा हुआ है और वहा काफी चहल पहल हो रही है !
“चलो चलकर देखते है !”,रुचिका ने जाना चाहा तो शीतल ने उसे रोक लिया और कहा,”कहा ? ऐसे बिना बुलाए जाना अच्छा नहीं लगता !”
“व्हाटएवर गाईज , चलो चलते है मुझे वाशरूम जाना है !”,नैना ने कहा तो शीतल और रुचिका उसके साथ चल पड़ी ! उनका फ्लेट 3rd फ्लोर पर था , तीनो सीढ़ियों से ही वहा पहुंची क्योकि लिफ्ट बंद थी , रुचिका तो हाफने लगी थी शीतल जैसे तैसे करके उसे ऊपर लेकर आयी , अंदर आते ही नैना सीधा बाथरूम की और भागी और रुचिका ने सोफे पर पसरते हुए कहा,”यार अगर लिफ्ट ऐसे ही बंद रही तो मेरा तो दम निकल जाएगा !”
शीतल ने पानी की बोतल उठायी और पीकर रुचिका की और बढ़ाते हुए कहा,”तुम्हे अपना वजह कम करना चाहिए , रुचिका !”
“मैं बहुत कोशिश करती हु यार बट नहीं हो पाता”,रुचिका ने कहा
“तुम आराम करो मैं चेंज करके आती हु !”,कहते हुए शीतल उठी और कमरे में चली गयी , कुछ देर बाद चेंज करके वापस आयी ,, नैना भी कपडे चेंज करके वापस आयी तो शीतल ने उसे देखकर कहा,”ये तुमने क्या पहना है ?”
“क्यों इसमें क्या बुराई है ?”,नैना ने अपनी कमर को इधर उधर घुमाते हुए कहा
शीतल ने रुचिका की और देखा ताकि वह कुछ बोले लेकिन रुचिका ने चहकते हुए कहा,”यार यू लुकिंग सो हॉट , लड़के देख्नेगे तो मर ही जायेंगे !”
“थैंक्स बेबी !”,नैना ने रुचिका की बगल में सोफे पर बैठते हुए कहा !
शीतल बस मुंह फाडे दोनों को देख रही थी , नैना ने शॉर्ट्स पहने थे और उस पर कंधे से निचे खिसकती ढीली ढाली टीशर्ट जिसमे वह काफी अच्छी लग थी थी ! शॉर्ट्स में उसकी गोरी दूधिया जाँघे आकर्षक दिख रही थी ! टीशर्ट में उसके कॉलरबोनस दिख रहे थे ! शीतल सामने पड़े एक्स्ट्रा कुर्सी पर बैठी और नैना से कहा,”तुम्हारे घरवाले तुम्हे कुछ नहीं कहते ऐसे कपड़ो के लिए ?”
“नहीं , और वो क्यों कहेंगे ? मैं उनकी लाइफ में इंटर फेयर नहीं करती वो मेरी लाइफ में नहीं करते , वैसे भी मेरे पेरेंट्स काफी फ्रेंक है वो ऐसी छोटी बातो पर ध्यान नहीं देते !”,नैना ने कहा
“हम्म्म्म , राईट मेरे पेरेंट्स ने भी कभी नहीं कहा इस बारे में !”,रुचिका ने नैना की बात का समर्थन करते हुए कहा
“तुम क्यों नहीं पहनती ? माशाअल्लाह अच्छा फिगर है तुम्हारे पास”,नैना ने शीतल के सूट की फिटिंग देखते हुए कहा तो शीतल ने दुपट्टा सही करते हुए कहा,”मुझे ऐसे कपडे पसंद नहीं है !”
“बॉयफ्रेंड ने मना किया है !”,नैना ने कहा
“तुम्हे किस ने कहा मेरा बॉयफ्रेंड है ?”,शीतल ने चौंकते हुए नैना से ही सवाल किया
“अब दिनभर फोन में लगी रहोगी तो कोई भी बता देगा , कौन है ?”,नैना ने कहा
शीतल मुस्कुराई और फिर कहा,”इंदौर से ही है पिछले 5 सालो से हम लोग साथ है , राज नाम है उसका और मैं उस से बहुत पसंद करती हु ,, मेरे अचानक दिल्ली आ जाने से थोड़ा नाराज है पर मान जायेगा !”
“हाउ स्वीट , इतने सालो से तुम लोग साथ हो आजकल तो महीने भर में रिलेशनशिप खत्म हो जाते है !”,रुचिका ने कहा
“मुझे तो ये सब बकवास लगता है , किसी को पसंद करो , उस से प्यार करो फिर दिन रात बाबू शोना बाबू शोना करते रहो , कुछ महीनो में इंट्रेस्ट ख़त्म फिर लड़ाई झगडे , रोना धोना बस यही चलता है , अच्छी खासी जिंदगी के “L” लग जाते है !”,नैना ने कहा
“तुम्हारी प्रॉब्लम क्या है ? ना तुम्हे लड़के पसंद है , ना रिलेशनशिप ,, तुम क्या दूसरी दुनिया से हो ?”,रुचिका ने कहा
“हाहाहाहाहा गुड़ जोक , मैं भी इसी दुनिया से हु , बस इन सब चीजों के लिए नहीं बनी मैं !”,नैना ने कहा
“पर लड़को में क्या बुराई है यार ?”,रुचिका ने कहा
“कोई बुराई नहीं है पर कुछ लड़को में ईगो होता है , खुद से ज्यादा स्ट्रांग लड़की को एक्सेप्ट नहीं कर पाते”,नैना ने कहा
“तुम और तुम्हारी ये बाते”,रुचिका ने कहा और सामने रखा सेब उठाकर खाने लगी !!
तीनो बैठकर बाते कर ही रही थी की तभी डोरबेल बजी , नैना ने उठाकर दरवाजा खोला , सामने दो आंटिया खड़ी थी दोनों ने नैना को सर से लेकर पांव तक देखा और फिर उनमे से एक ने कहा,”निचे गार्डन में माता का जगराता है , तुम तीनो भी आना चाहो तो आ सकती हो !”
नैना मुस्कुराई और रुचिका शीतल की और देखा तो शीतल ने कहा,”जी आंटी हम लोग आ जाएंगे !”
दूसरी वाली आंटी की नजर अभी भी नैना पर थी जो दरवाजे पर खड़ी बेफिक्र होकर सेब खा रही थी ! नैना ने उसे अपनी और घूरते पाया तो सेब उनकी और करके खाने का इशारा किया तो आंटी ने कहा,”नो थेंक्स , तुम भी आ जाना पर जरा ढंग के कपडे पहन कर !”
आंटी की बात से नैना को गुस्सा तो आया लेकिन शीतल ने आँखों ही आँखो में उसे मना कर दिया ! दोनों आंटिया चली गयी ! नैना ने दरवाजा बंद किया और अंदर आ गयी !
“चलो अच्छा है माता का जगराता देखने को मिलेगा , एक अच्छी शुरुआत है ये !”,शीतल ने कहा जो की थोड़ी धार्मिक प्रवृति की लड़की है !
“हां यार , अपार्टमेंट के बाकि लोगो से भी मुलाकात हो जाएगी और हो सकता है कोई अच्छा लड़का भी दिख जाये !”,रुचिका ने चहकते हुए कहा
“तुम्हे लड़को के अलावा और कुछ नहीं दिखता क्या रूचि ?”,नैना ने उसे ताना मारते हुए कहा
“ऐसी बात नहीं है नैना , मैं अपना प्रिंस चार्मिंग ढूंढ रही हु , ताकि उसके लिए मैं वो सब कर सकू जो लड़किया करती है !”,रुचिका ने सपने देखते हुए कहा
“तुम्हे तुम्हारे सपनो का राजकुमार जरूर मिलेगा रुचिका , चलो तैयार होकर आते है , निचे चलना है ना !”,शीतल ने कहा
“ओह्ह्ह शीतल तुम कितनी अच्छी हो , मैं अभी तैयार होकर आती हु !”,रुचिका ने कहा और वहा से चली गयी , शीतल भी चली गयी , नैना सोफे पर लेट गयी !! कुछ देर बाद दोनों सलवार सूट पहने आयी , शीतल बहुत प्यारी लग रही थी और रुचिका भी , शीतल ने देखा नैना अभी भी शॉर्ट्स में लेटी है तो उसने कहा,”तुम इन कपड़ो में निचे जाने का सोच रही हो ?”
“मैं कही नहीं जा रही , तुम दोनों जाओ !”,नैना ने कहा
“तुम क्यों नहीं जा रही ? चलो ना चलते है !”,रुचिका ने कहा
“अभी मेरी इतनी भी उम्र नहीं हुई है , और वैसे भी ‘नींद इम्पोर्टेन्ट है बाबू’ तुम दोनों जाओ !”,कहते हुए नैना उबासी लेते हुए उठी और कमरे की और चली गयी ! रुचिका मुंह फाड़े उसे जाते हुए देखती रही और कहा,”अजीब लड़की है ये”
शीतल मुस्कुराई और कहा,”अजीब नहीं बस हम दोनों से थोड़ी अलग है , चलो चलते है !”
शीतल और रुचिका दोनों निचे जगराते में चली आयी , वहा अपार्टमेंट के अधिकांश लोग मौजूद थे , माता की बहुत सुन्दर प्रतिमा सजी हुई थी , शीतल और रुचिका भी आकर सबमे शामिल हो गयी ! बहुत ही धार्मिक माहौल था सभी माता के भक्ति गीतों में मग्न थे , रुचिका की नजर तो सामने थाल में रखे बूंदी के लड्डुओं पर थी और शीतल हाथ जोड़े मन ही मन माँ से अपने और राज के अच्छे रिश्ते की कामना कर रही थी ! भीड़ में खड़े एक लड़के की नजर ना चाहते हुए भी बार बार शीतल पर जा रही थी , और फिर एक दम से शीतल पर ठहर गयी जब वह आँखे बंद किये हुए थी !!
लड़के का नाम सार्थक है और वह अपने घरवालों के साथ इसी अपार्टमेंट की दूसरी मंजिल पर रहता है ! वह एकटक बस शीतल को देखे जा रहा था ! शीतल ने आँखे खोलकर जैसे ही साइड में देखा उसने सार्थक को अपनी और देखता पाया , अगले ही पल उसने वापस गर्दन घुमा ली और फिर रुचिका के साथ वहा से साइड में चली गयी ! सार्थक की आँखे उसे ढूंढने लगी पर शीतल उसे दोबारा नहीं दिखी , तभी पीछे से आकर शुभ ने कहा,”क्या हुआ ? किसे ढूंढ रहा है ?”
शुभ के सवाल से सार्थक चौंक गया और कहा,”क कही नहीं”
“चल अंकल बुला रहे है तुझे , सबको प्रशाद भी तो देना है !”,शुभ ने उसे साथ ले जाते हुए कहा
शुभ और सार्थक माता की मूर्ति की और आये , शुभ ने लड्डुओं वाला थाल उठाया हुआ था और सार्थक एक एक करके सबको लड्डू देता जा रहा था ! उसके दिमाग में बार बार बस शीतल का मासूम सा चेहरा आ रहा था , वह लड्डू बाटते हुए आगे बढ़ता जा रहा था जैसे ही रुचिका के सामने आया रुचिका ने ललचाई नजरो से लड्डू को देखते हुए कहा,”क्या मैं दो लड्डू ले सकती हु ?”
रुचिका की बात सुनकर शुभ मुस्कुराया और हां में गर्दन हिला दी ! “थैंक्यू !”,कहते हुए रुचिका ने दो लड्डू उठा लिए और खाने लगी सार्थक और शुभ आगे बढे , लड्डू उठाकर सार्थक ने जैसे ही सामने देखा तो बस देखता ही रह गया , शीतल बिल्कुल उसके सामने खड़ी थी , दूर से सार्थक को वो जितनी अच्छी लगी थी पास से वह उसे और भी अच्छी लग रही थी सार्थक हाथ में लड्डू पकडे बस एकटक शीतल को देखे जा रहा था ! शुभ को माजरा कुछ समझ नहीं आया उसने अपनी कोहनी सार्थक को मारते हुए धीरे से कहा,”अबे प्रशाद दे उन्हें , आगे और भी लोग है !”
शुभ की बात से उसकी तंद्रा टूटी तो उसने हाथ में पकड़ा लड्डू शीतल की हथेली पर रख दिया , शीतल ने प्रशाद सर से छुआ और रुचिका के साथ वहा से चली गयी , सार्थक शुभ के साथ आगे बढ़ गया , उसने पलटकर देखा पर शीतल वहा से जा चुकी थी ! चलते चलते शुभ ने सार्थक से कहा,”तू जानता है उस लड़की को ?”
“नहीं !”,सार्थक ने कहा
“तो फिर उसे इतना घूर क्यों रहा था ?”,शुभ ने सवाल किया
“मैं , मैं कहा घूर रहा था , कुछ भी , चल और भी बहुत काम है मुझे”,सार्थक ने कहा
“वैसे मैं उसका नाम जानता हु !”,शुभ ने चलते हुए कहा
“क्या नाम है उसका ?”,सार्थक ने बेसब्री से कहा
“वाह वाह क्या बात है ? नाम जानने की बड़ी जल्दी है तुमको ?”,शुभ ने सार्थक को ताना मारते हुए कहा
“अरे नहीं मैं तो बस ऐसे ही , छोड़ नहीं बताना तो !”,सार्थक ने झेंपते हुए कहा
शुभ उसके साथ आगे बढ़ते हुए कहने लगा,”वैसे मैं ज्यादा तो नहीं जानता बस ये पता है की वो दो लड़कियों के साथ कल शाम ही इस अपार्टमेंट में आयी है !”
“हम्म्म्म !”,सार्थक ने कहा और फिर सबको प्रशाद बाटने लगा !

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