Sanjana Kirodiwal

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Love You जिंदगी – 55

Love You Zindagi – 55

Love you Zindagi
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नैना , शीतल और रुचिका तीनो ऑफिस पहुंची और अपने केबिन में चली आयी। अनुराग ने एक मीटिंग रखी और उन सातो को उसमे बुलाया। नैना रुचिका ख़ुशी और शीतल के साथ बाकि तीनो लड़के भी मीटिंग रूम में चले आये और आकर बैठ गए। नैना का मूड आज काफी अच्छा था वह अपनी जगह बैठकर गुनगुना रही थी अमित तो बस नैना को देखे जा रहा था हालाँकि नैना उसे कोई भाव नहीं देती थी उसके बाद भी। केशव अपनी फाइल में कुछ सही करने में लगा हुआ था और ख़ुशी विशाल आपस में कुछ डिस्कस कर रही थी। रुचिका खाने के बारे में सोच रही थी और शीतल अपने फोन में लगी थी। मीटिंग रूम में बैठे हुए 15 मिनिट हो चुके थे लेकिन अनुराग अभी तक नहीं आया था। नैना एक जगह चुपचाप 5 मिनिट से ज्यादा नहीं बैठ सकती थी लेकिन यहाँ 15 मिनिट्स से बैठी थी और बोर होने लगी। अचानक उसे मस्ती सूझी और वह टेबल को अपने हाथ से बजाते हुए गाना गाने लगी
ऐसी उलझी नजर उनसे हटती नहीं
दाँत से रेशमी डोर कटती नहीं
उम्र कबकी बरस के सफेद हो गयी
काली बदरी जवानी की छटती नहीं
वल्लाह ये धड़कन बढ़ने लगी है , चेहरे की रंगत उड़ने लगी है
डर लगता है तन्हा सोने में जी———————————————–
“दिल तो बच्चा है जी , हां थोड़ा कच्चा है जी”,आगे की लाइन रुचिका ने पूरी की तो नैना को मजा आने लगा। केशव , अमित ख़ुशी भी उन दोनों के पास चले आये और गाने लगे , केशव तो साथ में टेबल भी बजा रहा था। शीतल और विशाल बस मुस्कुराते हुए उन पांचो को देख रहे थे। इन सब में नैना ये भूल गयी के वो ऑफिस के मीटिंग रूम में है जिसका कैमेरा फुटेज अनुराग के केबिन में दिखाई देता है। अनुराग की नजर जैसे ही स्क्रीन पर पड़ी वह मुस्कुराते हुए उन सबको देखने लगा खासकर नैना पर उसकी नजरे टिक सी गयी। अनुराग ने अपनी फाइल्स उठायी और मीटिंग रूम की तरफ चला आया तब तक नैना ने वहा घमासान मचा रखा था। अनुराग जैसे ही मीटिंग रूम में आया सब उसे देखकर रुक गए लेकिन नैना अपनी मस्ती में नाच गा रही थी और जैसे ही पलटी अनुराग से टकरा गयी और कहा,”आह्ह सो सो सॉरी सर”
“इट्स ओके , बाय द वे ये ऑफिस है कोई डिस्को बार नहीं ,, मीटिंग शुरू करे”,अनुराग ने अपनी कुर्सी की और बढ़ते हुए कहा
सभी अपनी अपनी जगह आकर खड़े हो गए नैना को अनुराग की बात खटकी तो उसने कहा,”सर मैं भी आपसे यही कहना चाह रही थी की ये ऑफिस है आपका घर नहीं , पिछले 15 मिनिट से हम सब अपना काम छोड़कर मीटिंग के लिए बैठे है।”
“आई ऍम सॉरी , दरअसल मैं एक जरुरी कॉल पर था। आप लोगो के लिए मेरे पास तीन नए प्रोजेक्ट है एंड मुझे पूरा यकीन आप लोग इसे कर लेंगे”,कहते हुए अनुराग ने नैना की और देखा।
“स्योर सर ! वी ऑल आर एक्साइटेड फॉर दिस”,रुचिका ने मुस्कुरा कर कहा तो बाकि सबने भी हामी भर दी। अनुराग ने सबको बैठने को कहा और उन्हें नए प्रोजेक्ट के बारे में समझाने लगा। नैना बड़े ध्यान से उसकी बातें सुन रही थी बाकि दो प्रोजेक्ट तो उसकी समझ में आ गए थे लेकिन एक में उसे थोड़ा कन्फ्यूजन लगा और उसने कहा,”सर आई थिंक इसे समझने का ये तरिका थोड़ा सही नहीं है।”
“ओह्ह , तो तुम्हारे कहने का मतलब है तुम मुझसे ज्यादा जानती हो ?”,अनुराग को नैना का बीच में टोकना थोड़ा सही नहीं लगा। नैना मुस्कुराई और कहा,”नो सर मैं आपसे ज्यादा तो नहीं जानती लेकिन जैसे आपने एक्सप्लेन किया है उस से बेटर मैं एक्प्लेन कर सकती हूँ”
अनुराग ने सूना तो उसने फाइल नैना की और घुमा दी और कहा,”ओके एक्सप्लेन दिस”
नैना कहा पीछे हटने वाली थी उसने फाइल को शुरू से खोला और सामने रखे खाली पेपर लिया और पेन लेकर अपनी टीम को समझाने लगी। समझाने का उसका तरीका और लेंग्वेज अनुराग से थोड़ी बेटर थी इसलिए बाकि लोगो को आसानी से समझ आ गया। अनुराग भी नैना से खासा इम्प्रेस था। कुछ समझाते हुए नैना ने हाथ में पकड़ा पेन अपने मुंह में रख लिया और फिर दोनों हाथो से लेपटॉप पर कुछ काम करने लगी। अनुराग ने देखा तो उसने उसके मुंह से पेन निकाल लिया नैना उसकी और देखने लगी और अनुराग भी एक पल को उसकी आँखों में खोकर रह गया। बाकि सब उन दोनों को घूरे जा रहे थे। शीतल ने खांसने का नाटक किया तो नैना को होश आया और वो फिर से अपना काम करने लगी। नैना ने बहुत ही बेहतर तरीके से सबको समझा दिया था और सबने उसकी खूब तारीफ भी करी। मीटिंग 15 मिनिट और चली और इन 15 मिनटों में अनुराग सिर्फ नैना को देखता रहा। नैना का बोलना , उसकी पलकों का झपकना ,उसकी आँखों पुतलियों जा घूमना अनुराग सब नोटिस कर रहा था। अनुराग ने वो तीनो प्रोजेक्ट्स उस टीम को दे दिए और सभी को बेस्ट ऑफ लक कहा। सभी एक एक करके जाने लगे। नैना सबसे आखिर में जा रही थी तो अनुराग ने उसे रोका और उसके पास आकर कहा,”नैना ग्रेट , तुमने अच्छा एक्सप्लेन किया। थोड़ी मेहनत करो तो आगे चलकर शेयर्स में तुम खुद की कम्पनी खड़ी कर सकती हो।”
“थैंक्यू सर , लेकिन मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं है।”,नैना ने मुस्कुरा कर सहजता से कहा
“व्हाई ? आई मीन तुम मे वो बात है की तुम एक कम्पनी चला सको”,अनुराग ने कहा
नैना उसके थोड़ा नजदीक आयी और कहा,”सर एम्प्लॉय अगर बद्तमीज हो तो कम्पनी को ज्यादा नुकसान नहीं होता लेकिन अगर बॉस ही बद्तमीज हो तो उस कम्पनी का डूबना तय है।” इतना कहकर नैना वहा से चली गयी अनुराग शीशे के आर पार उसे जाते हुए देखता रहा और खुद से कहा,”बद्तमीज और तुम , हो ही नहीं सकता। तुम्हारा स्ट्रेट फॉरवर्ड होना बदतमीजी नहीं है नैना। बहुत कम लोग होते है जो बिना किसी डर के अपनी बात सामने रखते है तुम उन्ही में से एक हो नैना।”


नैना अपने केबिन में चली आई और कुर्सी पर पसरते हुए कहा,”आह्ह कोई चाय पिला दो यार।”
“हे नैना दिन में कितनी चाय पीती हो यार ?”,केशव ने पूछ लिया
“दादा जितनी पिलाओ कम है , वैसे भी ये दिमाग चाय से ही चलता है”,नैना ने कहा
“ओके मैं लेकर आता हूँ , तुम में से किसी को कुछ चाहिए ?”,केशव ने जाते हुए सबसे पूछा
“मेरे लिए चीज सेंडविच !”,रुचिका ने कहा
“पांडा इतना चीज खाओगी ना तो फट जाओगी एक दिन , केशव इसके लिए एक ऑरेंज जूस”,नैना ने कहा तो रुचिका ने मुंह बना लिया
कुछ देर बाद चाय आ गयी नैना चाय पीते हुए अपने नए प्लान के बारे में सोचने लगी। नैना ने मन ही मन सब प्लानिंग कर ली थी लेकिन इस बार वह अकेले ही सब करने के मूड में थी। क्योकि शीतल को पता चलेगा तो वो साथ नहीं देगी और रुचिका उसके पेट में कभी कोई बात नहीं टिकती सोचकर नैना ने किसी को ना बताना ही सही समझा। शाम को तीनो अपार्टमेंट पहुंची सीढ़ियों से चढ़ते हुए नैना की नजर अवि के फ्लैट की और चली गयी दरवाजा बंद था। तीनो फ्लेट में आयी और आकर सोफे पर धंस गयी। कुछ देर बाद ही बेल बजी दरवाजा शीतल ने खोला सामने अवि खड़ा था थोड़ा सा परेशान था उसे देखकर शीतल ने उसे अंदर आने को कहा। अवि को वहां देखते ही नैना की भँवे चढ़ गयी और उसने कहा,”क्या मिस्टर पडोसी किराया लेने आये हो ?”
“शट अप , शीतल आई ऍम सॉरी लेकिन मुझे फ्लैट चाहिए , तुम लोग अपने पुराने वाले में शिफ्ट हो जाओ प्लीज , कल सुबह मेरे अंकल आ रहे है मिलने किसी जरुरी काम से एंड उन्होंने ही ये फ्लैट दिलवाया था। यहाँ के बजाय उन्हें सामने लेकर गया तो प्रॉब्लम हो जाएगी , एक्चुअली मेरी नेक्स्ट एग्जीबिशन उन्ही के ऑफिस में होगी और इसी सिलसिले में कुछ बात करनी है सो प्लीज अगर तुम लोग उधर शिफ्ट हो जाओ।”,अवि ने शीतल से कहा
“बिल्कुल ये भी कोई कहने की बात है , जब हमे जरूरत थी तुमने हम सबकी हेल्प की अब जब तुम्हे जरूरत है तो हम भी करेंगे लेकिन वो फ्लेट तो मैनेजर का है ना और उसे पता चला तो वो वापस कोई इशू खड़ा कर देगा”,रुचिका ने कहा
“वो ऐसा कुछ भी नहीं करेगा , मैंने वो फ्लैट अपने लिए नहीं बल्कि तुम लोगो के लिए ही लिया था और 6 मंथ का कॉन्ट्रैक्ट है उसके साथ तो वो कुछ नहीं बोल सकता , तुम लोग वह बिना किसी परेशानी के रह सकते हो”,अवि ने कहा
नैना सोफे से उठकर उसके सामने आयी और कहा,”लेकिन हम लोग तुम्हारे फ्लैट में ऐसे क्यों रहे ?”
अवि ने उसकी और देखा और बड़े ही प्यार से कहा,”हां तो बाबू आप किराया दे देना , फ्री में नहीं रहना है”
अवि के मुंह से बाबू सुनकर नैना ने उसे घूरते हुए कहा,”ये बाबू शोना ना अपने पास रखो फ्लैट शिफ्ट करना है ना अभी कर देते है और किराया तो मैं तुम्हे पक्का देने वाली हूँ”
“लिस्टन मेरे पास ना तुमसे बहस करने के लिए पूरी जिंदगी पड़ी है , क्यों ना अभी थोड़ा काम कर ले। तुम लोग पैकिंग करो मैं शिफ्टिंग में तुम्हारी हेल्प कर दूंगा”,कहकर अवि वहा से चला गया।
“ऐसी पैकिंग करुँगी ना बेटा नैना को जिंदगीभर याद रखोगे तुम”,नैना ने मन ही मन कहा और कमरे में चली गयी।
कुछ ही वक्त में शीतल नैना और रुचिका ने अपना सामान जमा किया और अपने पुराने वाले फ्लैट में शिफ्ट हो गयी। अवि के पास ज्यादा सामान नहीं था बस कुछ कपडे और उसके काम से रिलेटेड सामान था उसने लाकर अपने फ्लैट में रख दिया। रुचिका ने कुछ रूपये फ्लैट के किराये के हिसाब से अवि को देना चाहा तो उसने मना करते हुए कहा,”इसकी जरूरत नहीं है वो तो तुम्हारी दोस्त को छेड़ने के लिए ऐसा कहा , ये पैसे तुम लोग अपने पास रखो तुम्हारे काम आएंगे”
“आर यू स्योर ?”,रुचिका ने कहा
“हां बिल्कुल , वैसे भी मैंने हनी को फोटोग्राफी सिखाने के बदले में ये फ्लैट लिया है कोई पैसा नहीं दिया इसके लिए , तुम लोग आराम से रहो कोई प्रॉब्लम नहीं है।”,अवि ने कहा तो रुचिका ने उसे हग करते हुए कहा,”यार तुम इतने अच्छे क्यों हो ?”
“इतना भी अच्छा नहीं हूँ , बस तुम लोगो को परेशान नहीं देख सकता। मेरी भी बहन है जैसी वो है वैसी ही तुम और शीतल हो”,अवि ने कहा
“अच्छा और नैना ?”,रुचिका ने अवि की टांग खींचते हुए कहा
“वो तुम सबकी भाभी ठीक रहेगी नई “,अवि ने कहा तो रुचिका हसने लगी और उसके कंधे पर हल्के से मारकर कहा,”ज्यादा दिन में सपने मत देखो।”
दरवाजे पर खड़ी नैना उन दोनों को हँसते हुए देख रही थी उसे सुनाई तो कुछ नहीं दे रहा था लेकिन दिखाई सब दे रहा था उसने जोर से आवाज लगाकर कहा,”ओह्ह्ह मिस पांडा ये पड़ोसियों से ना थोड़ा दूर रहो”
“देखा जल रही है वो जलनखोर”,रुचिका ने फुसफुसाकर कहा तो अवि नैना को देखकर मुस्कुराने लगा। अवि को मुस्कुराता देखकर नैना ने मन ही मन कहा,”मुस्कुरा लो बेटा कल सुबह तो तुम्हारी लंका लगने वाली है , हमाई से दुश्मनी और दोस्ती दोनों भारी पड़ती है।”


अवि अपने फ्लैट में चला आया देर रात वह अपना काम करता रहा और फिर सोने चला गया। उसे अच्छी नींद आयी। सुबह अवि जल्दी ही उठ गया और घर का हुलिया ठीक किया क्योकि जो अंकल उस से मिलने आने वाले थे वह यहाँ की पूरी खबर उसके डेड तक जरूर पहुंचाते और अवि ऐसी कोई भी गलती नहीं चाहता था। सुबह 9 बजे अंकल उसके घर आये नैना अपने दरवाजे पर खड़ी ब्रश करते हुए उन्हें मिल गयी और मुस्कुरा दी। अंकल को थोड़ा अटपटा लगा वे सीधा अवि के फ्लैट के सामने आये और बेल बजा दी। नैना अंदर चली गयी अवि ने दरवाजा खोला सामने अंकल को देखकर वह मुस्कुरा दिया और उन्हें अंदर ले आया। अंकल सोफे पर आ बैठे और आँखों ही आँखों में फ्लैट का मुआयना करने लगे। अवि उनके लिए कॉफी ले आया और बैठकर उनसे बात करने लगा। कुछ देर बाद उन्होंने वाशरूम के लिए अवि से पूछा और वहा से चले गए। वाशरूम से वापस आते हुए अंकल की नजर वाशरूम में टंगे एक टॉप पर गयी। अंकल ने टॉप उतारा उसमे से लेडीज परफ्यूम की खुशबु आ रही थी। अंकल के दिमाग में शक का कीड़ा दौड़ने लगा वे उसे लेकर बाहर आये और अवि के सामने करके कहा,”अवि बेटा ये क्या है ?”
अवि ने देखा तो उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी क्या बोले उसे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। अवि को चुप देखकर अंकल ने कहा,”कौन है वो लड़की ?”
“क क कौन लड़की ? मैं तो यहाँ अकेला रहता हूँ अंकल”,अवि ने घबरा कर कहा
“अकेले रहते हो तो फिर तुम्हारे बाथरूम में ये लेडीज टॉप क्या कर रहा है ? तुम्हारे डेड को पता है इन सब के बारे में ?”,अंकल ने घूरते हुए पूछा
“ऐसा कुछ भी नहीं है अंकल मुझे नहीं पता ये कहा से आया ?”,अवि ने रोनी सी सूरत बनाकर कहा क्योकि अपने पापा से वह बहुत डरता था।
“सही है बेटा दिल्ली आते ही तुम्हारे आचार विचार चेंज हो गए। मैं चलता हूँ और हां ये जिसका भी है तुम्हारे डेड पता लगवा लेंगे मैं चलता हूँ”,कहकर अंकल वहा से चले गए
बेचारा अवि उसने टॉप उठाकर देखा नहीं समझ आया किसका है ? उसे जब अपने नाक के पास लाया उसमे से आती महक से वह जान गया की वह टॉप नैना का है अवि की शक्ल पर 12 बज चुके थे साथ ही नैना पर गुस्सा भी आ रहा था लेकिन नैना का गुस्सा वह नैना पर तो निकाल नहीं सकता था इसलिए वह जोर से चिल्लाया – नैंना आ आ आ आ।”
उधर नैना बालकनी में खड़ी आराम से चाय पि रही थी !

क्रमश – love-you-zindagi-56

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संजना किरोड़ीवाल !

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