Sanjana Kirodiwal

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Love You जिंदगी – 84

Love You Zindagi – 84

Love you Zindagi - 84
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नैना अवि को देखे जा रही थी आज से पहले शायद ही उसने अवि को इतने प्यार से देखा हो। अवि साइड हुआ और कहा,”वैसे आंटी तुम्हारे पीछे क्यों पड़ी है ?”
“शादी के लिए,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे समझ नहीं आता क्या दुनिया में शादी ही सबकुछ है ?”,नैना ने झुंझलाकर कहा
“नहीं पर सही वक्त पर कर लेनी चाहिए ,, आंटी से बचने का एक आइडिआ मैं तुम्हे दे सकता हूँ”,अवि ने कहा
“जल्दी दो !”,नैना ने बेसब्री से कहा
“मुझसे शादी कर लो सबको जवाब मिल जायेगा !”,अवि ने प्यार से नैना की और देखकर कहा तो नैना ने अपने सर पर हाथ रखकर कहा,”माथा खराब नहीं है मेरा !!”
“सोच लो , फिर मैं मिलू ना मिलू”,अवि ने कहा तो नैना उसे घूरते हुए वहा से चली गयी। कुछ देर बाद अवि भी उसके पीछे पीछे चला आया दोनों विपरीत दिशाओ में बढ़ गए। मोंटी जो की रुचिका के साथ खड़ा था नैना को देखते ही उसके पास आया और उसे साइड में लाकर पूछा,”वो लड़का कौन है ?”
नैना – कौन लड़का ?
मोंटी – वही जिसके साथ तुम डांस कर रही थी , और उसे बुलाया किसने है ?
नैना – अच्छा अवि , वो दिल्ली में हमारा पडोसी है ,,, उसने बहुत हेल्प की हम सबकी वहा और अभी फ्रेंड है। रूचि ने उसे इन्वाइट किया है
मोंटी – बद्तमीज है वो
नैना – अच्छा तुम्हारे साथ क्या बदतमीजी की उसने ?
मोंटी – देख के नहीं चल रहा था ऊपर से मुझे ही सुनाने लगा
नैना – अरे देख के तो वो कभी नहीं चलता मैं भी कई बार टकरा जाती थी दिल्ली में
मोंटी – क्या क्या क्या ?
नैना – कुछ नहीं मैं आती हूँ ,,,,,,,, डेड ने मुझे कुछ काम कहा था वो करके तू रूचि के पास जा तब तक
कहकर नैना वहा से रफ्फू चक्कर हो गयी। हील में उस से ठीक से चला भी नहीं जा रहा था नैना जैसे तैसे करके वापस हॉल में आयी उसने अपने हील्स उतारे और पहनने को कुछ और ढूंढने लगी अचानक कोने में उसकी नजर पड़ी और आँखे चमक उठी। नैना ने वहा रखे किसी के स्पोर्ट्स वाले सफेद जूते उठाये और उन्हें लेकर कुर्सी पर बैठ गयी। नैना ने जूते पहने और साड़ी को थोड़ा निचे खिसका लिया जिस से वे किसी को दिखे ना। उन्हें पहनकर नैना ने इधर उधर चलकर देखा वे बहुत कम्फर्टेबल थे वह मुस्कुरा उठी। जैसे ही बाहर निकली सामने अवि मिल गया नैना को लगा अवि उसका पीछा कर रहा है तो वह उसके पास आयी और कहा,”पडोसी तुम मेरा पीछा कर रहे हो ?”
“जो मेरा है उसका पीछा क्या करना ?”,अवि धीरे से बड़बड़ाया
“क्या ?”,नैना ने कहा
“कुछ नहीं मैं बस अपना फ़ोन चार्जिंग पर लगाने आया था”,अवि ने कहा और आगे बढ़ गया। अवि नैना को पसंद करता था पर ऐसा भी नहीं था की वह दीवानो की तरह उसके पीछे घूमे। अवि के जाते ही नैना भी जाने लगी अवि ने पलटकर नैना को देखा तो नजर उसके पैरो पर गयी और उसने नैना को टोकते हुए कहा,”हे नैना ये पैरो में क्या पहना है तुमने ?”
नैना पलटी और अपने जूते दिखाते हुए कहा,”ये कम्फर्टेबल है इसलिए , सैंडिल्स में ठीक से चला भी नहीं जा रहा था”
अवि ने देखा उसने पैरो में स्पोर्ट्स शूज है तो उसने अपना सर पीट लिया और कहा,”कुछ नहीं हो सकता तुम्हारा जाओ !”
नैना चली गयी कुछ देर वह बोर्ड के पास खड़े होकर अपना फोन चार्ज करता रहा और फिर बाहर चला आया देखा लॉन का माहौल काफी शांत है। चलते चलते उसकी नजर सामने स्टेज की और गयी जहा कोई माइक हाथ में लेकर खड़ा था और गाना गाने की नाकाम कोशिश कर रहा था। विपिन जी और उनके हम उम्र लोगो को उस लड़के का गाना कुछ खास पसंद नहीं आ रहा था क्योकि उसके गाने में शोर बहुत था। जैसे ही विपिन जी की नजर अवि पर पड़ी उन्होंने इशारे से उसे बुलाया अवि उसके पास चले आया ,विपिन जी ने लड़के से माइक लेकर अवि को दिया और कहा,”अवि तुम सुनाओ कोई अच्छा सा गाना”

बेचारा अवि हैरानी से उनका मुंह ताक रहा था उसने ना में गर्दन हिलाई तो विपिन जी ने कहा,”तुम्हे हमारी दोस्ती का वास्ता”
मरता क्या ना करता देखा सब उसे ही देख रहे है , रही सही कसर आराधना ने पूरी कर दी और कहा,”अवि बेटा सुनाओ ना कुछ”
अवि ने माइक लिया उसका वॉल्यूम सेट किया और मन ही मन खुद से कहने लगा,”ये बाप बेटी मिलके क्यों मेरा कचरा करने पर तूले है” माइक होंठो के पास लाकर वह कोई धुन गुनगुनाने लगा , इसमें कोई शक नहीं था की अवि की आवाज काफी अच्छी थी वह धुन सभी को पसंद आयी सभी वहा रखी टेबल्स के चारो और बैठ गए ! नैना ने अवि के हाथ में माइक देखा तो मोंटी और रुचिका से कहा,”इस बन्दे के किसी दिन पक्का “L” लगेंगे ,,, चलो चलकर देखते है अब क्या होने वहा है” नैना मोंटी रुचिका सार्थक शीतल भी आकर वहा खड़े हो गए और शांति से सुनने लगे अवि ने नैना की और देखा उसकी नजरे नैना की नजरो से जा मिली और उसने गाना शुरू किया –
“आँखे बात करती है – 2
मेरी नजर से देखो तुम कभी
शामे भी तन्हा ढलती है – 2
मेरे सब्र से पूछो तुम कभी
आँखे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!
अवि ने जैसे ही चार लाइन्स गायी एक समा सा बंध गया मोंटी जो अवि को देखकर जल रहा था वह भी उसकी आवाज सुनकर खामोश हो गया। वहा बैठे सभी लोगो की नजरे अवि पर ही थी हमारी नैना की भी ,!! अवि ने आगे गाना शुरू किया
“हो देखा तुमको जबसे मैंने दिल में उतर गए
ख्वाब सारे पलकों के ये पल में संवर गए
जी रहे थे हम तो,,,,,,,,,,,,,,,,तुम पे मर गए – 2
धड़कने साज बुनती है , धड़कने साज बुनती है
महसूस करके देखो तुम कभी
आँखे बाते करती है , मेरी नजर से देखो तुम कभी
आँखे !!!
अवि ने शब्दों में अपनी भावनाये व्यक्त कर दी जो की जाकर सीधा नैना के दिल पर लगी ,, दोनों की नजरे एक दूसरे पर थी। वहा मौजूद सभी लोगो को भी अवि का गाना सुनकर सुकून मिल रहा था साथ ही गाने के बोल भी सुलझे हुए और म्यूजिक बिल्कुल धीरे था सभी उस म्यूजिक को एन्जॉय कर रहे थे !

गाते हुए अवि नैना के पास आया और माइक उसे देकर गाने का इशारा कर दिया , इतने लोगो के सामने नैना ना भी नहीं कर सकती थी इसलिए उसने माइक लिया और गाने लगी
“हो होश में थे अब तलक , क्यों बहकने लगे ?
ख्वाब सारे मेरे मुझको , क्यों सपने लगे ?
गैर थे बाकी सब , तुम अपने लगे ,,,,, गैर थे बाकी सब तुम अपने लगे
(गाते हुए नजर अवि पर चली जाती है)
रूह भी हां पिघलती है , रूह भी हां पिघलती है
छूकर मुझे देख लो तुम कभी
आँखे बात करती है , मेरी नजर से देखो तुम कभी !!
आँखे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!
अवि ने सूना तो उसका दिल धड़क उठा ये सच था या सपना नैना की आँखों में पहली बार उसे अपने लिए कुछ नजर आ रहा था। विपिन जी ने सूना तो ख़ुशी से फुले नहीं समा रहे थे , नैना गाती भी है उन्हें आज पता चला। मोंटी भी हैरान था की नैना और ये सब लेकिन खुश था रुचिका और शीतल तो उसकी बलाये लेने में लगी थी दोनों खुश थी की पहली बार ही सही नैना ने अपनी फीलिंग्स तो शो की ! नैना ने मुस्कुराते हुए सार्थक की और देखा और माइक उसकी और बढ़ा दिया , नैना के गाने से सार्थक को भी हिम्मत मिली गाने लगा
“हो इश्क़ ऐसी आग है , जिसमे दिल जलाते रहे
चाहते थे दिल ही दिल में , हां छुपाते रहे
लिख के नाम हाथो पर हम मिटाते रहे , लिख के नाम हाथो पर हम मिटाते रहे
यादें साथ चलती है ,, यादें साथ चलती है
आकर मुझे पूछ लो तुम कभी
आँखे बात करती है , मेरी नजर से देखो तुम कभी
आँखे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!
शीतल ने सूना तो उसे अहसास हुआ की सार्थक ने जो गाया वो उसी के लिए था , सार्थक की आँखों में उसे आज भी अपने लिए वही प्यार नजर आ रहा था जो उसने पहली बार देखा था।

शीतल को अपनी और देखता पाकर सार्थक ने माइक उसे थमा दिया तो शीतल ने आगे गाना शुरू किया
“हो इश्क़ समझा था जिसे वो सारे गुरुर थे
पास थे तुम कभी , कभी हमसे दूर थे
मतलबी हम नहीं थे , हां मजबूर थे !!
ख़ामोशी बात करती है , ख़ामोशी भी बात करती है
बिन बोले सुनके देखो तुम कभी
आँखे बात करती है , मेरी नजर से देखो तुम कभी !
आँखे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
शीतल की आवाज से दर्द और तकलीफ साफ झलक रही थी नैना उसके पास आयी और उसे गले लगा लिया कही न कही शीतल के दिल में सार्थक को लेकर जो फीलिंग्स थी सामने आ रही थी। रुचिका और मोंटी ने सबके गाने सुने तो दोनों कहा पीछे रहने वाले थे उन्होंने शीतल से माइक लिया और पहली लाइन रुचिका ने गायी –
हम्म तुमको जो पा लिया तो प्यार मिल गया
भीड़ में जो थामे ऐसा , यार मिल गया
बेकरारी में थे करार मिल गया (मोंटी ने रूचि की आँखे में देखकर गाते हुए कहा )
बेकरारी में थे करार मिल गया (दोनों ने साथ गाया)
मंजिले भी तो मिलती है ,,, मंजिले भी तो मिलती है
राहें बदल के देखो तुम कभी
आँखे बात करती है , मेरी नजर से देखो तुम कभी
आँखे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!
जैसे ही दोनों ने गाना खत्म किया सभी तालिया बजाने लगी और गाने की पहली लाइन सभी साथ साथ गुनगुनाने लगे। उस भीड़ में दो जोड़ी आँखे थी जो एक दूसरे को देखे जा रही थी वो थे अवि और नैना अवि वहा से चला गया।

नैना ने देखा तो उसके पीछे आयी और कहा,”हे पडोसी !”
अवि रुक गया नैना उसके सामने आयी और कहा,”ऐसे क्यों चले आये ?”
अवि ने कुछ नहीं कहा बस नैना की और देखता रहा उसकी ख़ामोशी नैना को बेचैन कर रही थी उसने फिर कहा,”बोलो ना क्या हुआ ?”
अवि कुछ बोल ही नहीं पाया उसने बस ना में गर्दन हिला दी , नैना को कुछ समझ नहीं आया और उसने कहा,”व्हाट हेपन ? कुछ बुरा लगा किसी बात का तुम तो जानते हो ना मैं ऐसे ही मस्ती करती रहती हूँ। आज तो गाना गाकर तुमने माहौल ही बना दिया तुम्हारे साथ साथ सबने गाना शुरू कर दिया लाइक प्रोफेशनल सिंगर की तरह ,,,,,सबने अच्छा गाया पर जो तुमने गाया वो सबसे अच्छा था ,, लाइक डीप फीलिंग्स”
अवि अभी भी खामोश था वह बोलना चाहता था लेकिन नहीं बोल रहा था बस लगातार नैना की आँखों में देखे जा रहा था , वो आँखे जिनमे आज पहली बार अवि को अपने लिए कुछ नजर आया था , वह आँखे जिन्हे देखकर अवि हर बार खो जाया करता था , वह आँखे जिनमे वह सिर्फ अपने लिए प्यार देखना चाहता था। अवि को चुप देखकर नैना ने कुछ नहीं कहा और जैसे ही जाने लगी अवि ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया दोनों एक दूसरे की और पीठ किये खड़े थे। नैना ने कहा,”पडोसी क्या हुआ है तुम्हे ?”
अवि पलटा और नैना को अपनी और खींचकर गले से लगाते हुए कहा,”शशशशश कुछ मत कहो !”
नैना उसके बाद कुछ बोल ही नहीं पाई बस महसूस कर रही थी अवि की तेज धड़कनो को जो शायद आज बाहर आने को बेताब थी। खुले आसमान के निचे दोनों खामोश थे अवि को छूने की नैना में हिम्मत नहीं थी उसके दोनों हाथ अब भी साइड में थे हालाँकि ठन्डे पड़ चुके थे।

क्रमश – Love You जिंदगी – 85

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संजना किरोड़ीवाल !!

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