Sanjana Kirodiwal

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Love You जिंदगी – 31

Love you Zindagi
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Love You Zindagi – 31

सचिन और मैनेजर को महेंद्र जी ने हमेशा के लिए नौकरी से निकाल दिया ! ऑफिस में मैनेजर की पोस्ट अनुराग ने सम्हाल ली जिसके पीछे दो वजह थी एक इतनी जल्दी दूसरा मैनेजर लाया नहीं जा सकता था और दूसरा था अनुराग की नैना के लिए फीलिंग्स !! मैनेजर की पोस्ट सम्हालते हुए वह नैना को और अच्छे से जानना चाहता था ! नैना अपने केबिन में आकर काम करने लगी उसका मन अब बिल्कुल शांत था , रुचिका को उसकी जॉब वापस मिल चुकी थी और मैनेजर की सच्चाई भी सबके सामने आ चुकी थी ! शाम को नैना रुचिका और शीतल ऑफिस से निकले तीनो ने आकर ऑटो रुकवाया और उसमे सवार हो गयी ! अच्छा नैना की जींस में हमेशा स्क्रेच होते थे , उसे बहुत पसंद था आज भी कुछ ऐसा ही था उसने एक पैर की जींस मोड़कर ऊपर चढ़ा रखी थी दूसरे पैर की निचे थी जिस पर स्क्रेच था ! नैना रुचिका और शीतल पीछे बैठकर बातें कर रही थी ! ऑटो चलाने वाला लड़का अंदर लगे मिरर में बार बार नैना को देख रहा था ! नैना को इसका ख्याल नहीं था वह अपनी बातो में मस्त थी उसकी शर्ट का ऊपर का बटन भी खुला था जिस से उसके क्लीवेज नजर आ रहे थे ! ऑटोवाला नैना को देखे जा रहा था और इसी चक्कर में ऑटो सामने वाली गाड़ी से टकराते टकराते बचा ! अचानक ब्रेक लगने से नैना ने कहा,”ओह्ह्ह भाई देख के इतनी घई क्यों है ?”
“सॉरी मैडम !”,कहकर उसने स्पीड थोड़ी कम कर दी ! शीतल और रुचिका बातें करती रही लेकिन नैना का ध्यान अब ऑटो के मिरर पर था जिस से लड़का बार बार नैना को देख रहा था ! नैना ने उसे ऑटो रोकने को कहा और उतरकर आगे आकर बैठ गयी कोहनी उसकी सीट पर रखकर हाथ अपनी गर्दन पीछे लगा लिया और बांयी भंव चढ़ाकर कहा,”अब आराम से देख ले !”
नैना की बात सुनकर लड़का घबरा गया और कहा,”नहीं नहीं मैडम ऐसी बात नहीं है मैं तो बस ऐसे ही !”
“अरे बाबू ऐसे क्यों आराम से देख ना ? वैसे भी 5-7 साल बाद लड़के देखना बंद कर देंगे ! तू देख आराम से देख”,नैना ने कहा तो लड़के ने शर्म से नजरे नीची करके कहा,”सॉरी मैडम !”
नैना मुस्कुराई और कहा,”चल !”
लड़के ने ऑटो आगे बढ़ा दिया रास्तेभर उसने नजर उठाकर ना नैना को देखा ना मिरर में ! ऑटो अपार्टमेंट के सामने पहुंचा तीनो उतरी नैना ने पैसे दिए और तीनो अंदर चली गई ! नैना के जाने के बाद लड़के ने राहत की साँस ली और जैसे ही जाने लगा नैना वापस आयी उसकी ऑटो के अंदर लगा मिरर उखाड़ा और लड़के को देकर कहा,”इस मिरर में लड़कियों के खूबसूरत चेहरों के साथ तुम्हारी नियत भी साफ दिखाई देती है ! बाबू या तो नियत बदल लो या मिरर वरना बहुत पेले जाओगे !”
लड़के ने कुछ नहीं कहा नैना वहा से चली गयी ! फ्लेट में आकर उसने पानी पिने के लिए बोतल उठायी और जैसे ही पिने लगी रुचिका ने कहा,”वो अनुराग सर तुम्हे इतना घूर क्यों रहे थे ?”
नैना के मुंह में भरा पानी फंवारा बनके बाहर आ गिरा उसने हैरानी से रुचिका की और देखा और कहा,”ये लौंडे लपाटो के झमेले से ना दूर रहो तुम !”
“मैं तो दूर ही हूँ पर जिस तरह वो तुम्हे देख रहा था मुझे नहीं लगता वो तुमसे दूर रहेगा !”,रुचिका ने नैना को छेड़ते हुए कहा तो नैना ने बोतल का पानी रुचिका पर उड़ेल दिया और कहा,”एन्जॉय !”
“ए नैना ये क्या किया ? आह्हः तुमने मेरे पुरे कपडे ख़राब कर दिए !”,रुचिका ने खुद को साफ करते हुए कहा और सोफे पर बैठ गयी ! तब तक शीतल भी कपडे बदलकर आ गयी और रुचिका की बगल में बैठते हुए कहा,”ये तो आज तक मुझे भी समझ नहीं आया की इसे लड़को से क्या प्रॉब्लम है ?”
नैना ने दोनों को देखा और फिर कहा,”प्रॉब्लम मुझे लड़को से नहीं है पर कोई होना भी तो चाहिए ना जो तुम्हारे जैसा हो , जो तुम्हारे मूड स्विंग्स झेल सके ! जितना हरामीपन मुझमे है उसका 10% तो सामने वाले बन्दे में होना चाहिए ना ! जो मेरी प्यार भरी बातों के बजाय जहर जबान सुन सके ! जो एक दोस्त की तरह मेरी प्रॉब्लम्स सुने , एक बाप की तरह मुझे प्रोटेक्ट करे , माँ की तरह मेरा ख्याल रखे ! जो मेरी खूबियों के साथ नहीं बल्कि मेरी कमियों के साथ मुझे एक्सेप्ट करे ! जो मुझे कभी बदलने की बात ना करे ,, जो मेरे साथ जिंदगी जीने में विश्वास रखता हो जिंदगी काटने में नहीं ! ऐसा नहीं है की मुझे किसी पर क्रश नहीं होता या कोई मुझे अच्छा नहीं लगता लेकिन हर चौमू लड़के के साथ रिलेशनशिप वाला चुतियापा मुझे नहीं करना ! 24 घंटे होते नहीं है मिले हुए की प्यार हो जाता है इन्हे , उसके बाद बाबू बेबी करके आधी जिंदगी झंड कर लो इनके साथ ! रोमांटिक फिल्मे देख देख के इनका दिमाग इतना डेमेज हो जाता है की इनको लगता है असल जिंदगी में भी ऐसा ही होता है और ये सामने वाले की जिंदगी हराम कर देते है ! और ये क्या है ? “बाबू तुमने थाना थाया ?” मतलब ये नहीं पूछेंगे तब तक बाबू थाना मेरा मतलब खाना नहीं खायेगा ,,, हां बाबू तो चू#या है खाना थोड़े खाता है , तुम्हारे प्यार के भरोसे ही जिन्दा है !! 1 महीने से ज्यादा साला इनका रिलेशनशिप नहीं टिकता , अरे इस से ज्यादा तो मेरे रिश्तेदार टिक जाते है मेरे घर में ,, और अगर रिलेशन टिक गया तो इन्हे चाहिए सेक्स ,, बेबी ऊपर ऊपर से करूंगा ,,,,,,,,,, क्या है ये ऊपर ऊपर से ,, इतने क्या तुम्हारे हार्मोन्स उबाल मारते है की साले शादी तक रुक नहीं पाते तुम ,, लड़की मिली नहीं की टूट पड़ो उस पर !! अब लड़की ख़ुशी ख़ुशी तो हां कहेंगी नहीं तो इनके पास भी एक हथियार होता है – भरोसा ! ये एक वर्ड तुम्हारे सारे उसूलो की माँ बहन कर देता है ! लड़के ने कह दिया,”बेबी तुम्हे मुझपर भरोसा नहीं है , तुम मुझसे प्यार नहीं करती ! बस यहाँ आकर उनकी आँखों पर विश्वास नाम की पट्टी बंध जाती है और फिर वो बैठ के रो रही होती है ! कुछ लड़को को छोड़कर बाकि लड़को को इस बात से कोई फर्क भी नहीं पड़ता क्योकि उन्हें पता होता है प्यार के नाम पर भरोसा करने वाली हजारो मिल जाएगी बाकि लड़किया बैठकर खुद की वर्जिनिटी का रोना रोये !! मतलब ऐसा क्या हो जाता है की उस एक इंसान के लिए पूरी दुनिया को भूल जाते हो तुम लोग ? माना की प्यार अंधा है पर तुम तो देख सकते हो ,, एक इंसान तुम्हारी जिंदगी को इतना कंट्रोल कर लेता है की तुम्हे जिंदगी कैसी बितानी है ये भी तुम्हे वही बताता है ? किसी एक शख्स की इतनी आदत लगा लेते हो की उसके बिना रहना तुम्हे नामुमकिन लगता है उस पर सबसे बड़ा डर ये की वो छोड़ के ना चला जाये भले वो तुम्हे मारे पिटे , गालियाँ दे , बदतमीजियां करे , तुम्हारा जीना हराम कर दे लेकिन तुम्हे रहना उसी के साथ है ! एक इंसान को खोने के डर से ना जाने कितनी बार लोग अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट की माँ बहन कर देते है !! प्यार करने की हिम्मत है तुम सब में लेकिन जब उसी प्यार में कुछ गलत हो तो उसे छोड़ने में तुम्हे मौत आ जाती है , साला ऐसे प्यार से तो ना इंसान सिंगल अच्छा है !”

नैना एक साँस में सब कह गयी , उसकी साँस फूलने लगी शीतल ने पानी की दूसरी बोतल बढा दी , नैना ने ढक्कन खोला और एक घूंठ पीकर गला तर किया ! तभी रुचिका ने कहा,”ठीक है समझ आ गयी तेरी बात लेकिन रिश्तेदार , उनसे तुम्हे क्या परेशानी है ? उन्होंने क्या बिगाड़ा है तुम्हारा ?”
रुचिका की बात सुनकर नैना का मुंह ऐसे बन गया जैसे लजीज बिरयानी खाते हुए मुंह में इलायची आ गयी हो उसने कहा,”अरे रे ये किसका नाम ले लिया तुमने ? जिंदगी में सारी भसड़ की जड़ ये रिश्तेदार ही है ! तुम्हारे पैदा होने से लेकर तुम्हारे मरने तक ये सांप बन के तुम्हारे सर पर ही मंडराते है ! इनका ना एक देश होना चाहिए जिसका नाम होना चाहिए ऊंगलीपुर क्योकि इनको दुसरो की जिंदगी में ऊँगली करने की इतनी आदत है की मत पूछ ! खाने से लेकर हमारे कमरे की दीवारों का रंग तक इन्हे जानना रहता है ! ये हमारी पर्सनल लाइफ में इतना घुस चुके होते है की हमारी लाइफ हमारी ना होकर इनकी लाइफ हो जाती है ! “तुम तो पतली हो गयी हो , खाती पीती नहीं हो क्या ? , किस बात की टेंशन है तुम्हे ?” टेंशन ये है की तुम लोगो का मुंह कैसे बंद करू ? जब घर आएंगे तो ऐसे लेक्चर देंगे जैसे इनकी खुद की औलादे वर्ल्ड बैंक में मैनेजर लगी है ! अरे मेरी लाइफ है कर लुंगी मैं जो करना होगा लेकिन नहीं जबकि तक ये आपको जज ना करे इन्हे सुकून कहा मिलता है ?”
आधी जिंदगी तो इनके सवालो के जवाब देते देते निकल जाती है उस पर ये सवाल की बेटा शादी क्यों नहीं करती हो ? “इतनी बड़ी हो गयी हो , तुम्हारी उम्र में 4-4 बच्चो की माँ बन गयी थी मैं !” अरे बन गयी होगी माँ तो मैं क्या करू ? सेक्स के अलावा भी एक दुनिया होती है लेकिन इन हवसी लोगो को ये कहा पता होता है लगे पड़े है ,, और इनकी वजह से देश की आबादी इतनी बढ़ चुकी है की सरकार ने इस पर भी रोक लगा दी की बच्चे दो ही अच्छे !! मार्क्स से लेकर हमारी शादी तक की टेंशन ये लेकर चलते है ,, किसकी बेटी किसके साथ बाइक पर जा रही है ? किसका लड़का कहा सिगरेट फूंक रहा है ? , किसके घर में क्या प्रॉब्लम है ? किसकी बीवी किस पर लाइन मार रही है ? किसके पति का अफेयर कहा है ? इन हरामखोरो को सब पता होता है ? ये इनकी फेवरेट हॉबी है जो कभी नहीं बदलती है !! एक्टिंग में तो बॉलिवुड को भी पीछे छोड़ देंगे , अरे बेटा खुश रहो , तरक्की करो ,,, और साला जब तरक्की करो तो इनकी जलने लगती है ! इनका जन्म ही हमारी जिंदगी में भसड़ मचाने के लिए हुआ है और ये तब तक चलेगी जब तक हम है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इसलिए सहते रहो !”
कहकर नैना चुप हो गई रुचिका कुछ देर उसे देखती रही और फिर मासूमियत से कहा,”ये शादी कब करोगी वाला सवाल मुझसे भी पूछा गया था !”
नैना ने उसकी और देखा और कहा,”हां तो तुम दूसरी दुनिया से तो हो नहीं जो तुमसे नहीं पूछा जाएगा , मैं बता रही हूँ तुझे रूचि उनके कहे पर चलोगी ना तो जिंदगी के “L” लग जाने है और उस पर भी उनका यही रिएक्शन होगा “जिंदगी के असली मजे तो तुम ले रही हो !”
नैना का सारा मूड खराब हो चुका था आज से पहले शायद ही वह कभी इतना बोली हो वह किचन की और गई और अपने लिए चाय बनाने लगी ! शीतल ख़ामोशी से सोफे पर बैठकर शून्य में ताक रही थी , नैना ने जो बाते आज कही वे बातें कही ना कही शीतल की जिंदगी से जुडी थी ! राज और शीतल का रिश्ता नैना की बातो में साफ साफ झलक रहा था ! रुचिका उठकर ख़ामोशी से अपने कमरे में चली गयी और नैना चाय लेकर बालकनी में आकर खड़ी हो गयी !! उसका दिमाग अचानक से बहुत सी बातो में उलझ गया उसने एक घूंठ चाय का भरा और मन ही मन खुद से कहने लगी,”ये क्या हो गया है नैना तुझे ? इतना
क्यों परेशान हो रही है ? वैसे भी सब ठीक हो चुका है और लाइफ पहले जैसी हो गयी ! लड़के पसंद करते है तो इसमें गलत क्या है ? उफ्फफ्फ्फ़ आई नीड टू स्लिप !” कहते हुए नैना ने चाय ख़त्म की और अपने कमरे में जाकर लेट गयी ! कुछ देर बाद ही उसे नींद आ गयी !!

अन्धेरा हो चुका था रुचिका अपने लेपटॉप पर काम कर रही थी और शीतल किचन में खाना बनाने की तैयारी कर रही थी तभी बेल बजी ! रुचिका ने उठना चाहा तो शीतल ने इशारा करके उसे रोक दिया और खुद आकर दरवाजा खोला ! सामने सार्थक खड़ा था उसके हाथ में कुछ बर्तन थे जो प्लेटो से ढके हुए थे !
“वो आज मेरा बर्थडे है तो माँ ने भिजवाया है तुम सबके लिए !”,सार्थक ने शीतल के बोलने से पहले ही कहा !
“आज तुम्हारा बर्थडे है , हैप्पी बर्थडे सार्थक ! अंदर आओ !”,शीतल ने कहा तो सार्थक अंदर चला आया ! सार्थक ने खाना टेबल पर रखा और कहा,”नैना कहा है ?”
” वो सो रही है , तुम यहाँ ?”,रुचिका ने अपना लेपटॉप साइड में रखकर उन दोनों के पास आकर कहा
“आज सार्थक का बर्थडे है !”,शीतल ने कहा
“हे हैप्पी बर्थडे सार्थक !”,रुचिका ने सार्थक से हाथ मिलाकर कहा तो सार्थक ने जवाब में थैंक्यू कहा और शीतल की और पलटकर कहा,”मैं चलता हूँ !”
“अरे रुको ज़रा ? मैं कॉफी बनाकर लाती हूँ !”,शीतल ने सार्थक से कहा और किचन की और चली गयी ! रुचिका ने उसे बैठने को कहा और खुद वापस अपने काम में लग गयी ! सार्थक सोफे पर आ बैठा और किचन एरिया में खड़ी शीतल को देखता रहा ! सार्थक ने देखा रुचिका अपने काम में लगी है और शीतल अकेले है उसने मन ही मन खुद से कहा,”ये सही मौका है सार्थक शीतल से अपने दिल की बात बोल दे , आज तेरा बर्थडे भी है और हो सकता है वो तेरी फीलिंग्स समझे !” सोचकर सार्थक उठा और किचन की और बढ़ गया ! शीतल कप में कॉफी छान रही थी सार्थक उसके बिल्कुल पीछे ही खड़ा था जैसे ही उसने शीतल से कहने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया शीतल कॉफी का कप उठाये पलट गयी और सार्थक से जा टकराई , कप की गर्म कॉफी के छींटे सार्थक के दूसरे हाथ पर आ गिरे ! वह सिसक उठा शीतल ने देखा तो जल्दी से कप साइड में रखा और सार्थक का हाथ पकड़ कर उसे नल के बहते पानी के निचे करके कहा,”आई ऍम सो सो सॉरी , मैंने देखा नहीं ! बहुत जल रहा होगा ना ,, सॉरी !”
“श्श्श्श इट्स ओके !”,शीतल को परेशान देखकर सार्थक ने कहा लेकिन शीतल के चेहरे का दर्द कम नहीं हुआ और उसने सार्थक के हाथ को पानी से बाहर निकालकर अपने दुपट्टे से पोछते हुए कहा,”तुम चलो मेरे साथ मैं दवा लगा देती हूँ !”
सार्थक का हाथ पकडे हुए शीतल आगे बढ़ गयी और सार्थक बदहवास सा उसके पीछे चल पड़ा ! शीतल ने टेबल पर रखी ऑइंटमेंट लेकर सार्थक के हाथ पर लगाई और फूंक मारते हुए कहा,”सॉरी !”
“अरे बाबा इट्स ओके , जरा सा ही तो है ठीक हो जाएगा !”,सार्थक ने कहा तो शीतल थोड़ा नार्मल हुई ! वह सार्थक का हाथ अपने हाथ में थामे उस पर फूंक मारते रही ! कुछ ही दूर बैठी रुचिका उन दोनों को देखकर मन ही मन मुस्कुरा उठी !! सार्थक की नजर रुचिका पर पड़ी तो सार्थक ने अपना हाथ शीतल के हाथ से छुड़ाकर कहा,”अरे शीतल ठीक है , कॉफी ठंडी हो जाएगी !”
“हां सॉरी मैं लाती हूँ तुम बैठो बैठो !”,शीतल ने सार्थक को बैठने को कहा और
सार्थक आकर रुचिका के पास बैठ गया ! शीतल दोनों के लिए कॉफी ले आयी ! सार्थक ने कॉफी पि तब तक नैना भी उठकर आँखे मसलते हुए बाहर आयी सार्थक को वहा देखकर कहा,”तुम यहाँ ?”
“हम्म्म , इस वक्त सो रही थी तुम ?”,सार्थक ने कहा
“क्यों इस वक्त सोना मना है ?”,नैना ने रुचिका की बगल में बैठते हुए कहा और रुचिका के हाथ से कप लेकर एक सिप पीकर कहा,”यक्क्क्क कैसे पीते हो तुम लोग इसे ?”
“जैसे तुम चाय पीती हो !”,शीतल ने कहा
“चाय को कॉफी से कम्पेयर मत करो , चाय सांवली है और कॉफी गोरी चिट्टी है !”,नैना ने कहा बोल पड़ा,”तो क्या हुआ ?”
“बाबू गोरे ना कल अपने थे ना आज अपने है , कॉफी के कितने नाम है ब्लैक कॉफी , चॉकलेट कॉफी , डालगोना कॉफी , और भी ना जाने क्या क्या लेकिन चाय सिर्फ एक है !”,नैना ने कहा तो सब हैरानी से उसे देखने लगे और रुचिका ने कहा,”इन मैडम का बस चले तो ये तो चाय पर पूरी किताब लिख दे”
“चाय है तो जहान है , अच्छा सार्थक तूने बताया नहीं यहाँ क्या कर रहा है ?”,नैना ने कहा तो सार्थक से पहले रुचिका बोल पड़ी,”आज इसका बर्थडे है तो ये हम सबके लिए डिनर लेकर आया है”
“हैप्पी बर्थडे ब्रो , चल काटते है !”,नैना ने उठते हुए कहा
“क्या ?”,तीनो ने एक साथ आश्चर्य से कहा तो नैना ने सर पीटकर कहा,”अबे मोहब्बत के मारो केक काटने की बात कर रही हूँ मैं , केक !!”
“ओह्ह्ह !”,तीनो ने एक साथ फिर कहा तो नैना बड़बड़ाई,”तुमने जो सोचा वो तो तुम सबका कट ही रहा है !”
“तुमने कुछ कहा ?”,शीतल ने कहा तो नैना ने वहा से टेबल की और बढ़ते हुए कहा,”मैंने तो कुछ नहीं कहा , तुम लोग रुको मैं अपार्टमेंट के सामने वाली बेकरी से केक लेकर आती हूँ !” कहते हुए नैना चली गयी ! लिफ्ट में आकर उसने निचे जाने का बटन दबा दिया नैना ने शॉर्ट्स और टीशर्ट पहना हुआ था और पैरो में स्लीपर बाल खुले थे आज उसके ! वह बेकरी पर आयी और एक केक देने को कहा ! दुकानवाले ने नैना को देखा तो नजर उसके गोरे पैरो पर चली गई और उसने पैरो को देखते हुए कहा,”यही खाओगे या पैक करके दू ?”
“अंकल पैरो को नहीं केक को पैक करना करदो जरा !”,नैना ने झिड़का तो उसने नैना के पैरो से नजर हटाई और केक पैक करके दे दिया ! नैना ने पैसे दिए और वापस अपार्टमेंट में चली आयी आते हुए उसे शुभ दिखा तो उसने शुभ को अपने पास बुलाया लेकिन शुभ तो नैना को देखते ही वहा से छू मंतर हो गया ! नैना मन ही मन बुदबुदाई,”अजीब चू#या इंसान है !” नैना केक लेकर फ्लेट में आयी और टेबल पर रखा रुचिका शीतल सार्थक तीनो वहा आ गए ! सार्थक ने केक काटा सबसे पहले नैना को खिलाया , फिर रुचिका को और आखिर में शीतल को खिलाया ! सार्थक पहली बार उसे अपने हाथ से खिला रहा था उसे बहुत अच्छा लग रहा था ! शीतल ने भी एक टुकड़ा उठाकर सार्थक को खिलाया और बाकि हाथ में बचा था वो उसके गाल पर लगा दिया उसके बाद तो जैसे सबमे होड़ हो गयी ! उन चारो में केक खाया कम और एक दूसरे को ज्यादा लगाया ! चारो यहाँ से वहा भाग रहे थे , खुश थे एक पल के लिए अपनी अपनी परेशानिया भूल चुके थे ! नैना का फोन बजने लगा तो वह बालकनी में आ गयी ! रुचिका मुंह धोकर सबके लिए खाना लगाने लगी ! शीतल वाशबेसिन के पास आयी तो सार्थक भी चला आया , शीतल ने अपने चेहरे और हाथो पर लगाया केक हटाया और साइड हो गयी सार्थक भी अपना मुंह धोने लगा मुंह धोकर वह जैसे ही शीतल की और पलटा उसकी नजर शीतल के बालो पर गयी आँख से ऊपर थोड़ा सा केक अभी भी लगा था सार्थक ने अपने हाथ से उसे हटा दिया ! दोनों की नजरे मिली और दोनों एक दूसरे की आँखों में झाँकने लगे रुचिका हाथ में प्लेट पकडे दोनों को देख रही थी नैना उसके पास आयी और उसके कंधे पर अपनी कोहनी टीकाकार सार्थक शीतल को देखकर कहा,”ऊपर वाले ने कितनी फुर्सत से बनाया है ना दोनों को !”
“नैना !”,रुचिका ने कहा
“हम्म्म्म !”,क्या तुम भी वही देख रही हो जो मैं देख रही हूँ ?”,रुचिका की नजर अभी भी उन दोनों पर थी !
“तेरा तो पता नहीं पांडा लेकिन मुझे सामने सार्थक और मिसेज सार्थक जरूर दिखाई दे रही है !”,नैना ने कहा और मुस्कुरा उठी !!

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संजना किरोड़ीवाल !!!

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