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कितनी मोहब्बत है – 41

Kitni mohabbat hai – 41

“कितनी मोहब्बत है”

By Sanjana Kirodiwal

Kitni mohabbat hai – 41

अर्जुन की हल्दी का रंग मीरा और अक्षत दोनों पर चढ़ने लगा था ! दोनों ने एक दूसरे को अपने प्यार का इजहार नहीं किया था लेकिन उनकी आँखे साफ साफ बयान कर रही थी ! मीरा के पीछे पीछे अक्षत भी बाहर गार्डन में आ गया ! अर्जुन , सोमित , तनु , लक्ष्य और निधि डांस कर रहे थे ! मीरा को देखते ही निधि उसे भी खींचकर ले आयी और डांस करने लगी ! अक्षत औरतो की भीड़ में खड़ा बड़े प्यार से मीरा को देख रहा था ! हल्दी लगे गालो में वह प्यारी लग रही थी ! सोमित जीजू ने अक्षत को देखा तो उसे भी ले आये अब सब साथ साथ डांस का मजा ले रहे थे , अक्षत और मीरा की नजर एक दूसरे पर ही थी बाकि सोमित जीजू , तनु , निधि और अर्जुन की उन दोनों पर !
डांस के बाद औरते अपने घर चली गई , घरवाले बचे थे तो राधा ने सबको नहाने को कहा ! सभी नहाने चल दिए और कुछ देर बाद सभी खाना खाने बाहर चले आये , विजय ने खाने का इंतजाम बाहर धुप में ही करवा दिया ! एक टेबल के चारो और निधि , अर्जुन , सोमित जीजू , तनु और लक्ष्य थे ! अक्षत अभी आया नहीं था और मीरा काव्या को अलग बैठकर खाना खिला रही थी !
“यार ये दोनों एक दूसरे को अपने दिल की बात बोल क्यों नहीं रहे ?”,अर्जुन ने कहा
“बोल देंगे , अक्षत तो पूरी तैयारी में आया है लेकिन मीरा की तरफ से भी तो कोई रिस्पॉन्स मिलना चाहिए न !”,जीजू ने कहा
“अरे जीजू मीरा को भाई के लिए फीलिंग्स कबसे है ? पता नहीं वो क्यों नहीं बोल रही ?”,निधि ने फुसफुसाते हुए कहा
“यार आप लोग इतना परेशान क्यों हो रहे हो ? खुद ही जाकर बता दो ना उन दोनों को”,लक्ष्य ने कहा जिसे अब तक कुछ पता भी नहीं था पर उसने सबकी बातो से अंदाजा लगा लिया था !
“लक्ष्य , पता तो उन दोनों को भी है की वे दोनों एक दूसरे को प्यार करते है लेकिन ये बात हम जाकर कहेंगे तो वो फीलिंग नहीं आएगी ना ! बेस्ट मोमेंट तो तब बनेगा जब वो खुद एक दूसरे को कहेंगे “,तनु ने कहा
“हां दी ये सही है , लेकिन ऐसा क्या करे ? जिससे वो लोग अपने दिल की बात कहे “,अब लक्ष्य को भी मीरा और अक्षत की लव स्टोरी में इंट्रेस्ट आने लगा था ! सभी सोचने लगे और फिर सोमित जीजू ने कहा,”3 दिन बाद अर्जुन की शादी है तब तक हम सबके पास वक्त ही वक्त है उन दोनों को एक दूसरे के करीब लाने का , समझ रहे हो न सब मेरे कहने का मतलब है मेहँदी , संगीत , और शादी के माहौल में उनको इतना करीब लाना है की दोनों एक्सेप्ट कर ले की वे प्यार में है ! कैसा लगा आईडीया ?”
“आईडिया तो अच्छा है , लेकिन ये काम करेगा क्या सोमित ?”,तनु ने कहा
“बिल्कुल करेगा यार , हम किसलिए है क्यों अर्जुन ?”,जीजू ने अर्जुन की और देखा तो अर्जुन ने कहा,”हां और फिर बेचलर पार्टी भी तो है , वहा दोनों को मिलना है ही है !”,अर्जुन ने कहा
अभी सभी अक्षत और मीरा को मिलाने का प्लान बना ही रहे थे की अक्षत वहा आया और निधि की बगल में बैठते हुए कहा,”क्या डिस्कशन चल रहा है ?”
“आपको और मीरा को मिलाने का”,अचानक लक्ष्य के मुंह से निकला
“क्या ?”,अक्षत ने हैरानी से कहा
“अरे आशु इसका मतलब है डांस , शादी में तेरा और मीरा का साथ में एक सोलो परफॉर्मेंस !”,अर्जुन ने बात सम्हाल ली ! निधि ने लक्ष्य को मुक्का जड़ दिया ! अक्षत ने अर्जुन को हैरानी से देखा और कहा,”मेरे साथ क्यों ?”
“साले साहब कमाल करते हो यार अब आप ही बताओ हम में से मीरा के साथ कोई डांस कर पायेगा , मतलब अर्जुन तो नीता के साथ होगा , मैं इस उम्र में उसके साथ डांस कर नहीं पाऊंगा , तो कोई तो होना चाहिए ना”
“मैं कर लूंगा !”,लक्ष्य ने फिर से गलत समय पर बात कही
इस बार तो निधि ने उसे अच्छा वाला मुक्का ही जड़ा और फुसफुसाते हुए कहा,”तू क्या यहाँ हमारा प्लान ख़राब करने बैठा है ? चुप करके बैठ !”
“आशु लड़की वालो की इस बार तगड़ी प्रेक्टिस है , नीता ने बताया मुझे ,, अब तेरे भाई की इज्जत तेरे हाथ में ही भाई सम्हाल ले !”,अर्जुन ने मासूम सा चेहरा बनाकर कहा !
“तुम ही बताओ तुम्हारे अलावा मीरा और किसके साथ अच्छी लगेगी ?”,जीजू ने सीधा तीर मारा !
अक्षत की नजर सामने बैठी मीरा पर जा पड़ी जो की काव्या के साथ घूम रही थी उसने कहा,”अच्छी तो वो मेरे साथ ही लगेगी !”
“तो फिर डन , संगीत में अक्षत और मीरा का सोलो होगा !”,तनु ने कहा !
“हम्म्म ठीक है लेकिन मीरा से तो पूछ लो !”,अक्षत ने एक बार फिर मीरा की और देखते हुए कहा !
“वो मैं पूछ लुंगी !!”,निधि ने कहा !
रघु सबके लिए खाना लगाकर चला गया ! अक्षत ने मीरा को आवाज दी मीरा काव्या का हाथ पकडे वहा आयी तो अक्षत ने उसे खाना खाने को कहा
“हमने तो खा लिया !”,मीरा ने कहा
“कब ? थोड़ा सा और खा लो सबके साथ !”,अर्जुन ने कहा
“अर्जुन जी अभी अभी तो खाया था काव्या के साथ”,मीरा ने कहा
अक्षत मीरा पर अपना हक़ समझता था इसलिए उसने मीरा से बड़े प्यार से कहा,”मीरा बैठो !”
“लेकिन अभी तो खाया हमने”,मीरा ने कहा
“मैंने कहा न बैठो !”,अक्षत ने थोड़ा सख्ती से कहा तो मीरा चुपचाप बैठ गयी लेकिन बैठते हुए कहा,”सडु !”
साथ बैठे सबको सुन गया अक्षत को भी बाकि सब मन ही मन मुस्कुरा रहे थे और अक्षत मीरा को घूर रहा था सबको मुस्कुराता देखकर अक्षत ने मीरा से कहा,”मन ही मन कोसने से अच्छा है जो बोलना है मुंह पर ही बोल दो !”
अक्षत की बात सुनकर मीरा को थोड़ा तेश आ गया “हां तो आप हो सडु , जब देखो तब रौब झाड़ते हो , गुस्सा हमे भी आता है ठीक है ना !”
“हाय तुम्हारे तो गुस्से में भी मुझे प्यार नजर आता है”,अक्षत ने मुस्कुराते हुए मीरा को बड़े प्यार से देखते हुए मन ही मन मे कहा ! अक्षत को अपनी और घूरता पाकर मीरा उठकर जाने लगी तो अक्षत ने उसका हाथ पकड़कर उसे वापस बैठा लिया और कहा,”सॉरी !”
अक्षत के सॉरी बोलते ही मीरा पिघल जाती थी , वह चुपचाप बैठ गयी तो तनु ने कहा,”क्या आशु जब देखो तब तू इसे तंग करता रहता है ,, अब सब बाते बंद करो और खाना खाओ !”
सभी खाने लगे ! खाना खाकर सभी अंदर चले आये मीरा अपने कमरे में चली आयी निधि और बाकि सब निचे ही थे ! अक्षत भी उन सबके साथ बैठकर गप्पे लड़ा रहा था ! मीरा उसे कही दिखाई नहीं दे रही थी तो फोन के बहाने से उठकर वह ऊपर चला आया ! निधि का कमरा बंद था अब सीधे सीधे अक्षत कमरे में कैसे जा सकता है ? वह सोच ही रहा था की तभी उसे याद आया मीरा का नंबर और उसने फोन लगा दिया ! मीरा उस वक्त कबर्ड में कपडे जमाने में लगी हुई थी उसने फोन देखा अक्षत का नंबर देखकर मीरा ने फोन उठाया तो उधर से अक्षत की आवाज आयी,”कहा हो ?”
“अपने कमरे में !”,मीरा ने कहा
“बाहर आओ !”,अक्षत ने कहा
“क्यों ?”,मीरा ने कहा
“चाय पिने का मन कर रहा है !”,अक्षत ने कहा
“हां तो घर में और भी लोग है आप उनसे कह सकते है !”,मीरा ने थोड़ा खफा होकर कहा
“लेकिन मुझे तुम्हारे हाथ से बनी पीनी है !”,अक्षत ने कहा
“हम नहीं बनाएंगे !”,मीरा ने कहा और फोन काट दिया !! फोन काटने के बाद मीरा खुद से ही बोल पड़ी,”ये क्या हो गया है हमे , हम उन पर गुस्सा क्यों कर रहे हैं ? लेकिन वो भी तो कम नहीं जब देखो तब अपनी मर्जी चलाते रहते है , आज नहीं जायेंगे हम !”
मीरा बड़बड़ा ही रही थी की तभी उसके फोन पर एक मेसेज आया मीरा ने मेसेज देखा अक्षत का ही था और लिखा था,”1 मिनिट में निचे नहीं आयी तो मैं घर में सबको बता दूंगा की तुमने मेरी शर्ट पहनी थी !”
“कैसे इंसान है ये हमे बलैकमेल कर रहे है , हम ही पागल थे क्यों पहनी उनकी शर्ट ?”,मीरा ने फोन अपने माथे पर मारते हुए कहा ! फोन साइड में रखा और निचे चली आयी अक्षत निचे सबके बिच हॉल में ही बैठा था मीरा उसे घूरते हुए किचन की और चली गयी ! उसने पतीला गैस पर चढ़ाया और उसमे पानी और चायपत्ती डाली ! अक्षत ने देखा मीरा जा चुकी है तो उसने कहा,”जीजू चाय पिएंगे आप ?”
“चाय के लिए कौन मना करता है साले साहब ? पीला दीजिये !”,सोमित ने कहा
“मैं बनाकर लाता हु”,अक्षत ने उठते हुए कहा
“आशु तू बनाएगा , सच में ?”,तनु ने ताना मारते हुए कहा जिसने अक्षत को कभी पानी का ग्लास उठाते हुए भी नहीं देखा था ! अक्षत ने तनु की और देखकर कहा,”अरे बिल्कुल दी , बहुत अच्छी चाय बनाता हु मैं !”
अक्षत किचन में चला आया जहा मीरा पहले से थी ! अक्षत दिवार से पीठ और एक पैर लगाकर खड़ा हो गया और प्यार से मीरा को देखते हुए कहा,”तुमने तो आने से मना कर दिया था फिर तुम यहाँ ?”
“किसी को ऐसी बेशर्मो वाली धमकी दोगे तो आना तो पडेगा ना !”,मीरा ने बिना अक्षत की और देखे कहा ! अक्षत मुस्कुराते हुए आया और मीरा की बगल में खड़ा होकर कहा,”वैसे परफ्यूम अच्छा है तुम्हारा !”
“देखिये आप “,मीरा अक्षत की और पलटी लेकिन खामोश हो गयी अक्षत बड़े प्यार से उसे देखे जा रहा था ! मीरा उसकी आँखों में देखते ही रह गयी ! अक्षत ने प्यार से उसके दोनों हाथ पकडे और कहने लगा,”मीरा , माना की मैं सडु हु तुम्हारी नजर में पर तुम ऐसे गुस्से में बिल्कुल अच्छी नहीं लगती !”
अक्षत की बात सुनकर मीरा मुस्कुरा दी और कहा,”आप खुद को बहुत स्मार्ट समझते है ना !”
अक्षत ने मीरा के हाथ छोड़े और थोड़ा पीछे हटकर कहा,”मैं पैदा ही स्मार्ट हुआ था !”
मीरा हसने लगी और कहा,”हमने आपसे बड़ा नौटंकी नहीं देखा !” अक्षत मुस्कुराने लगा तो मीरा ने अपना ध्यान चाय की और लगाया और कहा,”चाय पिएंगे ?”
“हम्म पीला दो ! वैसे भी दिल्ली में मैंने सबसे ज्यादा तुम्हारी चाय को ही मिस किया था !”,अक्षत ने कहा
“और हमे ?”,मीरा ने अक्षत की और देखकर पूछा मीरा की नजरो से अक्षत की बेचैनी बढ़ा दी तो वह दूसरी और देखते हुए कहने लगा,”तुम में ऐसा क्या खास है जो मैं तुम्हे मिस करूंगा !”
“ये बात तो सही कही आपने , हम में ऐसा कुछ भी नहीं है की लोग हमे याद करे ,, लेकिन एक सच ये भी की लोग हमे भूलते भी नहीं है !”,मीरा ने कहा !
अक्षत खामोश हो गया कहे भी क्या मीरा के पास उसकी हर बात का जवाब होता था उसने बस वहा खड़े होकर मीरा को देखना ही बेहतर समझा ! मीरा ने चाय कप में छानी और एक कप अक्षत की और बढ़ा दिया बाकि कप ट्रे में रखकर बाहर निकल गयी ! हॉल में आकर मीरा ने सबको चाय दी अक्षत भी उसके पीछे पीछे चला आया और सोमित जिस सोफे पर बैठा था उसके हत्थे पर बैठकर चाय पिने लगा ! मीरा को चाय सर्व करते देखकर तनु ने कहा,”अरे मीरा अक्षत ने तो कहा था वो सबके लिए चाय बनाने वाला है !”
मीरा ने एक नजर अक्षत को देखा और फिर तनु से कहा,”इन्हे सिर्फ बाते बनानी आती है !”
मीरा की बात से सभी हंस पड़े और सोमित जीजू ने अक्षत से फुसफुसाते हुए कहा,”ये पक्का सुधार देगी तुझे !”
अक्षत भी कहा कम था उसने जीजू के कान में कहा,”ज्यादा साइड ली ना मेरी वाली की तो दी को वो वाली बात बता दूंगा !”
जीजू ने अक्षत का हाथ दबाते हुए दबी आवाज में कहा,”दिल से नहीं बोल रहा हु , दिल पे मत ले यार तू ! साला है मेरा अपने जीजा का घर उजाड़ेगा !”
“हां हां ठीक है , इतना मक्खन मत लगाओ अब आप !”,अक्षत ने कहा और फिर से चाय पिने लगा !!
“अर्जुन आज क्या प्रोग्राम है शाम को ?”,तनु ने कहा
“आज तो दी कुछ खास नहीं है बस घर में ही है सब , हां कल मेहँदी का फंक्शन जरूर है और शाम को डांस का ,, कल नीता के घरसे भी लोग आएंगे साथ में ही मेहँदी लगेगी !”,अर्जुन ने कहा
“तो आज क्या सूखे सूखे ही !”,निधि ने कहा
“एक काम करते है आज सब बाहर चलते है डिनर पर , मेरे दोस्त ने नया रेस्त्रो खोला है !”,अर्जुन ने कहा
“अच्छा है , वैसे भी इंदौर घूमे बहुत दिन हो गए चलते है !”,तनु ने कहा
“जीजू आपका क्या ख्याल है ?”,अर्जुन ने सोमित की और पलटकर कहा सोमित और अक्षत दोनों खुसर फुसर करने में लगे थे ! अर्जुन के सवाल से दोनों की तंद्रा टूटी तो जीजू ने कहा,”हाँ हाँ ठीक है ! “
“ओके दी फिर मैं उसे बोलकर टेबल बुक कर देता हु , शाम को तैयार हो जाना आप सब लोग !”,अर्जुन ने उठते हुए कहा
“तुम सब लोग कही बाहर जा रहे हो ? अरे आज शाम मैंने घर में कवाली का प्रोग्राम रखा है !”,विजय ने उधर से गुजरते हुए कहा
“हां तो वो आप सुनियेगा , हम लोग बाहर जा रहे है पापा प्लीज परमिशन दे दीजिये !”,निधि ने कहा
“अच्छा ठीक है , लेकिन जल्दी ही आ जाना सब लोग !”,विजय ने कहा और वहा से चले गए !!
शाम को सभी तैयार होकर रेस्त्रो पहुंचे ! सच में वो जगह बहुत खूबसूरत थी और रेस्त्रो भी ओपन में बना हुआ था जगह जगह टेबल लगे थे और आस पास के पेड़ो पर लगी लाइटिंग माहौल को और भी खूबसूरत बना रही थी ! अर्जुन ने तीन टेबल बुक की एक अपने और नीता के लिए दूसरी सोमित जीजू , तनु दी निधि और लक्ष्य के लिए , और तीसरी अक्षत मीरा के लिए ! अर्जुन चाहता था दोनों साथ बैठे और वक्त बिताये ! अर्जुन का दोस्त आकर सबसे मिला उसे किसी काम से निकलना था इसलिए उसने अपने मैनेजर से अर्जुन और उसकी फैमिली का खास ख्याल रखने को कहा ! सभी खाना खा रहे थे ! नीता अपनी कजिन के साथ घर पर झूठ बोलकर आयी थी क्योकि शादी से पहले उसका घर से निकलना बंद हो चुका था ! पर अर्जुन के साथ उसे कुछ स्पेशल मोमेंट बिताने का मौका मिल रहा था इसलिए वो अर्जुन को ना नहीं आँख पायी ! एक दूसरे का हाथ थामे दोनों खाना खा रहे थे ! निधि , जीजू , तनु बाते करते हुए खा रहे थे ! बिच बिच में प्यार जताने के लिए सोमित तनु को कभी कभी खिला भी रहा था !! अब तीसरी टेबल पर आमने सामने अक्षत और मीरा थे लेकिन खामोश ! अक्षत बस मीरा को देखे जा रहा था और मीरा उस से नजरे चुरा रही थी ! खाना सामने रखा हुआ था पर शुरू कौन करे समझ नहीं आ रहा था ?”
कुछ देर बाद मीरा ने ही कहा,”खाना ठंडा हो रहा है , शुरू करे !”
“हम्म्म्म !”,कहते हुए अक्षत ने एक निवाला तोड़कर मीरा की और बढ़ाया लेकिन इस से बेखबर मीरा खुद से ही खा रही थी अक्षत ने वो टुकड़ा खुद खा लिया और मन ही मन कहा,”बहुत मुश्किल होने वाला है अक्षत , इस लड़की को तो रोमांस का आर तक नहीं पता है ! देख कैसे ठूस रही है ये नहीं की एक निवाला तोड़कर प्यार से तुझे भी खिला दे ! खैर अपने नसीब में ये सब कहा ?”
अक्षत ने भी खाना शुरू किया ! ग्राउंड में बहुत ही प्यारा म्यूजिक चल रहा था ! अभी अक्षत और मीरा खा ही रहे थे की तभी उनकी बगल वाली टेबल पर तीन लड़के आ बैठे देखने में वो बिगड़े हुए पैसे वाले लड़के लग रहे थे ! अक्षत ने एक नजर उनको देखा और इग्नोर कर दिया ! मीरा ने उन पर कोई ध्यान नहीं दिया ! काव्या तनु के पास से मीरा के पास उसकी बगल वाली कुर्सी आकर बैठ गयी और कहा,”मीरु आप खिलाओ मुझे !”
“कड़क है बे !”,साइड में बैठे उन लड़को में से एक ने मीरा को देखते हुए कहा ! मीरा ने सूना लेकिन कोई प्रतिक्रया नहीं दी वह ऐसे लड़को के मुंह लगना सही नहीं समझती थी ! अक्षत ने सूना तो उसने गुस्से से उनकी और देखा तो एक लड़के ने कहा,”अरे भैया को गुस्स्सा आ जायेगा !”
अक्षत ने गुस्से से मुट्ठी भींच ली लेकिन मीरा के मासूम चेहरे की और देखकर खामोश रहा इस वक्त वो कोई तमाशा नहीं चाहता था ! मीरा ने छोटा निवाला तोड़कर काव्या को खिलाया तो लड़को में से एक ने फिर कमेंट किया,”हाय कोई इतने प्यार से हमे भी खिला दो !”
अक्षत उठने को हुआ तो मीरा ने उसके हाथ पर अपना हाथ रखकर ना में गर्दन हिला दी ! अक्षत एक बार फिर मीरा के लिए रुक गया पर अंदर ही अंदर वह गुस्से से उबाल रहा था ! अक्षत की एक ही कमजोरी थी और वो उसका गुस्सा लेकिन मीरा के लिए उसने उसे भी रोक रखा था ! लेकिन इस बार लड़को ने हद कर दी और उनमे से एक गाने लगा – मैं जोरू का गुलाम , अरे बनके रहूंगा !”
अक्षत से ये बिल्कुल बर्दास्त नहीं हुआ उसने मीरा का हाथ साइड में झटका अपनी सीट से उठा और लड़को की तरफ आकर गाना गाने वाले लड़के को उठाकर एक घुसा दे मारा ! उसके बाद क्या अक्षत तीनो लड़को से उलझ पड़ा और उनकी पिटाई शुरू कर दी ! जीजू और अर्जुन ने देखा तो दोनों भागकर आये उन्हें अलग किया तब तक अक्षत को भी दो तीन घुसे पड़ चुके थे उसके मुंह के साइड से खून आ रहा था , बाल बिखरे हुए , शर्ट के ऊपर के दो बटन टूट चुके थे और इस वक्त अक्षत बिल्कुल आवारा लग रहा था ! अर्जुन और लक्ष्य ने उन लड़को को साइड किया और सोमित ने अक्षत को सम्हाला वह अभी भी गुस्से में था और लड़को को धमका रहा था ! जीजू उसे किसी तरह वहा से साइड में लेकर आये , अर्जुन ने लड़को को समझाया और वहा से जाने को कहा ! ये सब देखकर मीरा काफी डर चुकी थी और उसका डर उसकी आँखों से साफ झलक रहा था तनु का हाथ उसने इतना कसकर पकड़ा था की तनु भी उसका डर महसूस कर रही थी ! उसने दूसरी बार अक्षत का गुस्सा देखा था !! अर्जुन ने नीता से सॉरी कहा और लक्ष्य को उसे घर तक छोड़कर आने को कहा ! नीता लक्ष्य के साथ वाह से चली गयी ! अर्जुन बाकि सबके साथ अक्षत की और चला आया अक्षत गुस्से से भरा यहाँ से वहा चक्कर लगा रहा था अर्जुन उसके पास आया और कहा,”क्या जरूरत थी उन लड़को के साथ मारपीट करने की ?”
“मारपीट , अगर आप बिच में नहीं आते न तो उनका खून कर देता !”,अक्षत ने गुस्से से कहा
“क्या करोगे लाइफ में इतना गुस्सा रखकर ? किसी को ज्यादा लग जाती कुछ हो जाता तो कौन जिम्मेदार होता ?”,अर्जुन ने कहा
“उन्होंने मीरा के लिए गलत बोला , और उसे कोई गलत बोले ये मैं कभी बर्दास्त नहीं करूंगा भाई !”,अक्षत ने अर्जुन की आँखों में देखते हुए कहा
“यार आशु वो बेकार लड़के है , उनके मुंह लगने का क्या फायदा उन्होंने कुछ कहा भी तो इग्नोर करना था ! पापा को पता चलेगा तो सही नहीं रहेगा यार तु समझ “,अर्जुन ने कहा
“मीरा की जगह अगर अगर माँ होती और मेरी जगह पापा होते तो वो भी यही करते , एंड डेड आल्सो प्राउड ऑफ़ मी की उनका बेटा किसी से पीटकर नहीं आया है !”,अक्षत ने कहा !
“ये सब चीजे अच्छे घर के लड़के नहीं करते है यार , तुम्हे इतनी सी बात के लिए मारपीट नहीं करनी थी !”,अर्जुन ने कहा
“मेरे लिए ये छोटी सी बात नहीं है , अगर कोई उसके गलत वर्ड यूज करेगा तो पिटेगा मुझसे !”,अक्षत ने कहा !
“देखा जीजू इसका गुस्सा , आप ही समझाओ अब इसे !”,अर्जुन ने खीजते हुए कहा
“अर्जुन सब ठीक है , घर चलते है !!”,जीजू ने अर्जुन को समझाया तो अर्जुन ने कहा,”इस हालत में ज़रा देखो इसे क्या हाल बना रखा है इसने अपना “
“हां ऐसा ही हु मैं , और ऐसा ही रहूंगा अगर कोई उसे कुछ कहेगा तो एक बार नहीं सो बार मारूंगा उसे”,अक्षत ने कहा
“और पापा की इज्जत का क्या ?”,अर्जुन ने एक बार फिर उसकी आँखों में देखते हुए कहा
“मुझे फर्क नहीं पड़ता , जो गलत है वो गलत है मेरे सामने मेरी बंदी को कोई कुछ कहे और मैं सुनता रहु , ये पॉसिबल नहीं है भाई !!”,अक्षत ने अर्जुन से कहा और वहा से चला गया ! दो भाईयो के बिच झगड़ा देखकर मीरा को बहुत बुरा लग रहा था उसकी आँखों से आंसू बहने लगे तो काव्या ने उसका हाथ खींचते हुए कहा,”क्या हुआ मीरु आप रो क्यों रही हो ? बोलो ना मीरु ?
अर्जुन ने सुना तो मीरा के पास आया और उसके आंसू पोछते हुए कहा,”मीरा सब ठीक है , गुस्सा ज्यादा है ना उसमे इसलिए ये सब , तुम परेशान मत हो हम सभी घर चलते है !”
“लेकिन उनको चोट लगी है”,मीरा ने कहा हां वही थी जिसने अक्षत की चोट देखी थी बाकि सब तो उसे गलत समझ रहे थे ! जीजू मीरा के पास आये और प्यार से उसके सर पर हाथ रखते हुए कहा,”कितनी पागल लड़की हो ना तुम , मतलब इतना सब हुआ और तुम्हे सिर्फ उसकी चोट दिख रही है ! पगली !”
“जीजू मैं बिल पे करके आता हु , आप गाड़ी निकालिए , पापा ने उसको उस हाल में देखा ना तो गुस्सा होंगे !”,अक्षत ने गाड़ी की चाभी सोमित को देकर कहा और खुद वहा से चला गया !
सोमित ने गाड़ी निकाली तनु निधि और मीरा पीछे बैठ गयी ! अर्जुन आकर जीजू की बगल में बैठ गया काव्या भी आकर उसकी गोद में बैठ गयी ! सोमित ने गाड़ी घर की और मोड़ दी ! रास्तेभर ख़ामोशी थी जीजू और अर्जुन मीरा को समझा रहे थे की उसकी वजह से कुछ नहीं हुआ है लेकिन मीरा की आँखों के आगे तो बस अक्षत का चेहरा आ रहा था ! सभी घर पहुंचे और नार्मल बिहेव करने की कोशिश कर रहे थे ! सभी चुपचाप इधर उधर हो गए किसी ने ध्यान नहीं दिया अक्षत वहा है या नहीं !! लेकिन मीरा परेशान थी वह जैसे ही ऊपर आयी उसकी नजर बालकनी के पास सोफे पर बैठे अक्षत पर गयी , अक्षत को वह देखकर मीरा को थोड़ी तसल्ली हुई ! वह अक्षत के पास आयी उसने देखा अक्षत के हाथ पर भी चोट लगी थी और गिरने की वजह से शायद वहा से छील गया था अक्षत उस पर डेटोल लगा रहा था मीरा ने देखा तो घुटनो के बल उसके सामने बैठ गयी और उसके हाथ से रुई और डेटोल लेकर लगाने लगी ! जलन और दर्द की वजह से अक्षत की सिसकिया निकल रही थी ! उसे दर्द में देखकर मीरा की आँखों में नमी आ गयी और उसने कहा,”देखा कितनी चोट लगी है , कितना दर्द हो रहा होगा आपको”
“अरे नहीं ये तो पाइप से चढ़कर आया ना तो उस वजह से लग गयी !”,अर्जुन ने कहा
“पाइप चढ़कर क्यों ?”,मीरा ने हैरानी से कहा
“पापा के सामने इस हालत में आता तो और मार पड़ती इसलिए पाइप से चढ़कर आया !”,अक्षत ने मासूम सा चेहरा बनाकर कहा अक्षत की बात सुनकर मीरा आंसुओ से भरी आँखों के साथ भी मुस्कुरा उठी और कहा,”क्यों करते हो आप ऐसा ? इतना गुस्सा लेकर कैसे जी पाएंगे आप ?”
अक्षत ने मीरा की आँखों देखते हुए कहा,”तुम्हे परवाह मेरे गुस्से की है या भाई की तरह पापा की इज्जत की !”
मीरा ने अक्षत की और देखा और उसके हाथ को अपने हाथो में कसकर पकड़ लिया आँखों में रुके हुए आंसू बहकर गाल पर आगये और मीरा ने कहा,”हमे सिर्फ आपकी परवाह है !”
मीरा के कहे ये चार शब्द काफी थे अक्षत के दर्द को कम करने के लिए वह बस प्यार से मीरा को देखता रहा !!

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