कितनी मोहब्बत है – 14
Kitni mohabbat hai – 14
“कितनी मोहब्बत है”
By Sanjana Kirodiwal
Kitni mohabbat hai – 14
मीरा के मुंह से मोना का नाम सुनकर अक्षत गुस्से में वहा से चला गया ! लेकिन मीरा का उसके गुस्से की और ध्यान ही नहीं गया उसे लगा उसके बार बार परेशान करने से अक्षत चला गया है ! वह अपने कमरे में आकर सो गयी ! अगले दिन संडे था सुबह उठकर जब मीरा आँख मसलते हुए निचे आयी तो उसने देखा राधा रघु को कहकर घर में साज सज्जा करवा रही है ! खुद भी भाग दौड़ कर रही है ! दादाजी और विजय आपस में किसी बात पर चर्चा कर रहे है ! मीरा राधा के पास आयी और कहा,”आंटी ये सुबह सुबह क्या हो रहा है ?”
“नीता के घरवाले मिलने आ रहे है ! उन्ही के लिए ये सब तैयारियां हो रही है ! तुम जाकर नहा लो फिर मेरी हेल्प करने निचे आ जाना !”,राधा ने गुलदस्ते में तजा फूल लगाते हुए कहा !
“लीजिये ये भी कोई कहने की बात है , हम अभी नहाकर आते है !”,मीरा ने कहा और जैसे ही जाने लगी विजय ने आवाज लगा दी ! मीरा उनकी और चली आयी और कहा,”जी अंकल !”
“मीरा तुम्हारे हिसाब से नीता के लिए कोनसा तोहफा सही रहेगा ?”,विजय ने फोन मीरा को दिखाते हुए कहा !
“अंकल ये सब आप हमसे क्यों पूछ रहे है ?”,मीरा ने झिझकते हुए कहा
“अरे बेटा ! नीता और तुम एक ही जेनेरेशन की हो तो तुम्हारी जेनेरेशन वालो की पसंद हमसे तो अलग ही होगी ना , इसलिए पूछा !”,विजय ने कहा
“अंकल जी , हमे लगता ही उन्हें ये डायमंड वाला पसंद आएगा !”,मीरा ने कहा !
“थैंक्यू बेटा ! और तुम यहाँ क्या कर रही हो ? जल्दी से तैयार होकर निचे आओ बहुत सारी तैयारियां भी तो करनी है ! और हां निधि उठ गयी हो तो उसे निचे भेजना !”,विजय ने कहा !
“जी अंकल !”,कहते हुए मीरा ऊपर चली गयी !!
अक्षत आज जल्दी उठ गया उठते ही वह नहाने के लिए बाथरूम में गया जैसे ही नल चलाया पानी नहीं आया ! उसे बहुत खीज हुई वह बाहर आ गया फोन देखा शुभ का मेसेज था और वह उसे 10 मिनिट में बाहर गेट पर मिलने को बोल रहा था ! अक्षत उठा और टॉवल लेकर अर्जुन के कमरे में आया लेकिन अर्जुन खुद बाथरूम में था ! अक्षत को देर हो रही थी इसलिए वह सीधा निधि के रूम में आया
उसने देखा निधि सो रही है और बाथरूम भी खाली है ! अक्षत जल्दी से बाथरूम में घुस गया ! मीरा कमरे में आई और निधि को उठाया निधि निचे चली आयी ! मीरा ने कबर्ड खोला और कपडे देखने लगी क्या पहने ? कुछ समझ नहीं आ रहा था उसने बहुत सोचने के बाद नीले रंग का चूड़ीदार सूट निकाला जिस पर गुलाबी दुपट्टा था ! मीरा ने कपडे निकालकर बिस्तर पर रखे और तौलिया उठाकर बाथरूम की और बढ़ गयी ! उसने बाथरूम का दरवाजा खोला और अंदर चली आयी ! हाथ में पकड़ा तौलिया उसने दरवाजे पर लगी रॉ पर टांग दिया , उसने ये भी नहीं देखा की अक्षत वहा पहले से है ! मीरा जैसे ही पलटी अक्षत को वहा देखकर जोर से कहा,”आप ?’
अक्षत भी मीरा को वहा देखकर हैरान था वह कुछ कहता इस से पहले ही मीरा अपनी आँखों पर हाथ रखकर पलट गयी और गुस्से से कहा,”छी शर्म नहीं आती आपको इस तरह !”
“तुम यहाँ क्या कर रही हो ?”,अक्षत ने सामने से सवाल किया और खुद को देखा हालाँकि उसने सिर्फ ऊपर के कपडे निकाले थे लोअर पहने हुए था !
“ये हमारा बाथरूम है , आप यहाँ इस हालत में क्या कर रहे है ?”,मीरा ने गुस्साते हुए कहा
“तुम्हे नॉक करके आना चाहिए था ! बस घुसी चली आयी !”,अक्षत ने कहा !
मीरा गुस्से से पलटी लेकिन वह कुछ बोल पाती इस पहले ही उसका पैर फिसला और जब वह गिरने वाली थी तो अक्षत ने उसे सम्हाल लिया ! दोनों एक दूसरे की आँखों में देखते रहे ये भी भूल गए की वो दोनों बाथरूम में थे ! मीरा को होश आया तो उसने खुद को सम्हाला ! मीरा जैसे ही जाने लगी अक्षत ने हाथ बिच में करके दिवार से लगा दिया और कहा,”आईन्दा से कही भी जाओ तो नॉक करके अंदर जाना , फिर चाहे वो तुम्हारा खुद का ही कमरा क्यों ना हो ?”
अक्षत का ऐटिटूड देखकर उसे गुस्सा आ रहा था ! एक तो उसे देर हो रही थी ऊपर से उसके ये लेक्चर मीरा के लिए हमेशा किसी टॉर्चर से कम नहीं होते थे ! मीरा उसे घूरती रही तो अक्षत ने कहा,”घूर क्या रही हो ? ज्यादा घुरा ना तो ! कहते हुए अक्षत ने अपने निचले होंठ को दांतो तले दबा लिया ! बेचारी मीरा ऐसे में क्या करती डरकर जैसे ही पीछे हटी दिवार से लगे शॉवर के बटन से उसकी पीठ जा लगी और ऊपर से पानी गिरने लगा ! मीरा भीगने लगी साथ ही अक्षत भी !
“ये सब आपकी वजह से हो रहा है”,मीरा ने अक्षत को पीछे धकियाते हुए कहा ! अक्षत गिरते गिरते बचा लेकिन तब तक मीरा वहा से निकलकर बाहर जा चुकी थी ! अक्षत जल्दी जल्दी नहाया और बाहर आया ! मीरा खिड़की के पास खड़ी खुद को टॉवल से पोछ रही थी ! अक्षत को अपनी गलती का अहसास हुआ वह बिना कुछ बोले वहा से निकल गया ! मीरा जैसे ही बाथरूम जाने के लिए बढ़ी उसकी नजर बेड पर रखे कागज पर गयी मीरा ने उठाया तो उस पर बड़े बड़े अक्षरों में “SORRY” लिखा था ! मीरा गुस्से में भी मुस्कुरा उठी !!
बाथरूम जाकर वह नहायी और फिर सूट पहना ! कानो में छोटे छोटे नीले रंग के बुँदे पहने ! हॉस्टल से यहाँ आने के बाद पहली बार उसने नीला रंग पहना था ! आँखों में काजल लगाया और माथे पर छोटी सी बिंदी लगाकर ! दुपट्टा गले में डाल मीरा कमरे से बाहर आयी ! ये शायद इत्तेफाक ही था की अक्षत ने भी आज नीले रंग की ही शर्ट पहनी थी ! वह कान फोन से लगाए शर्ट की बाजु फोल्ड करते हुए सीढ़ियों की तरफ ही आ रहा था ! अक्षत जल्दी में था ऊपर से शुभ फोन पर देर करने के लिए चिल्ला रहा था ! ना वो ठीक से बात कर पा रहा था ना ही बाजु फोल्ड कर पा रहा था ! फोन भी कंधे और कान के बिच रखे हुए था ! मीरा ने देखा तो उसके पास आयी और उसे रोककर खुद उसके बाजु को फोल्ड करने लगी ! अक्षत ने देखा मीरा इतने प्यार से वो सब उसके लिए कर रही थी ! वह सब भूलकर मीरा के चेहरे की और देखने लगा ! उधर फोन पर शुभ हैल्लो हेलो चिल्ला रहा था पर अक्षत को ना कुछ सुनाई दे रहा था ना ही समझ आ रहा था ! वह बस मीरा को देख रहा था !
“हो गया !”,मीरा ने कहा
अक्षत होश में आया और बिना मीरा को थैंक्यू बोले आगे बढ़ गया ! मीरा ने मन ही मन कहा,”एक थैंक्यू तक नहीं बोल सकता ये लड़का !”
अक्षत एक दो सीढिया उतरा और पलटकर कहा,”थैंक्यू बोलने से चीजे आम हो जाती है , और तुमने जो किया वो बहुत खास था !” कहकर अक्षत तो चला गया लेकिन जाते जाते मीरा के चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल छोड़ गया ! मीरा निचे आयी और राधा की मदद करने लगी ! अक्षत बाहर आया शुभ गाड़ी लेकर दरवाजे पर ही खड़ा था ! अक्षत ने दरवाजा खोला और बैठते हुए कहा,”सॉरी सॉरी सॉरी , अब चल गुस्सा बाद में उतार लेना !”
“इट्स टू मच यार अक्षत’,शुभ ने गाड़ी आगे बढ़ाते हुए कहा !
“अरे मेरे लाल आगे से नहीं होगी गलती अब चल , वरना देर हो जाएगी !”,अक्षत ने कहा तो शुभ ने गाड़ी आगे बढ़ा दी !!
सभी तैयारिया हो चुकी थी सभी नीता के घरवालों के आने का इंतजार करने लगे ! कुछ देर बाद वे लोग आ गए ! विजय , राधा , अर्जुन और दादाजी उन्हें लेने बाहर आये ! नीता के पापा ने विजय की और हाथ बढाकर कहा,”हेलो मैं विक्रम चौधरी और ये मेरी धर्मपत्नी है कविता चौधरी !”
“नमस्ते ! अंदर आईये ना !”,विजय ने कहा !
सभी अंदर आ गए नीता और अर्जुन सबसे पीछे चल रहे थे इसलिए बाहर ही रुक गए ! नीता ने ख़ुशी से अर्जुन की और देखकर कहा,”ये सब कैसे किया तुमने ?
“मैंने कुछ नहीं किया सब उस एंजेल ने किया है !”,अर्जुन ने बालकनी में खड़ी मीरा की और इशारा करके कहा ! नीता और अर्जुन को साथ देखकर मीरा मुस्कुरा दी ! अर्जुन ने उसे आने का इशारा किया तो मीरा उनके पास चली आयी ! नीता ने जब मीरा को देखा तो बस देखते ही रह गयी ! मीरा की खूबसूरती नीता की आँखों में बस सी गयी ! अर्जुन ने मीरा का परिचय नीता से करवाते हुए कहा,”नीतू ये है मीरा निधि की दोस्त और मेरी भी ! इसी ने पापा को हमारे रिश्ते के लिए राजी किया था ! जानती हो कैसे ?”
नीता ने ना में गर्दन हिला दी तो अजुर्न ने कहा,”प्याज कटवाकर आँखों में आंसू ले आयी और पापा को इमोशनल डायलॉग सुनाकर !”
अर्जुन ने जैसे ही कहा मीरा जोर जोर से हसने लगी ! हंसती हुयी वह और भी प्यारी लगती थी उसने नीता की और देखकर कहा,”आप दोनों साथ में बहुत अच्छे लग रहे हो !”
नीता ने आगे बढकर उसे गले लगा लिया और कहा,”तुम नहीं जानती तुमने हमारे लिए क्या किया है ? अर्जुन तुम्हारे लिए सही कहते है तुम सच में एक एंजेल हो ! थैंक्यू सो मच मीरा , आज से तुम हमारी भी दोस्त हो !”
“बिल्कुल , इतनी अच्छी दोस्त को भला ना कौन कहेगा ? अब जल्दी से अंदर चलिए कही अंकल का मूड बदला तो फिर से प्याज का इंतजाम कहा से कर्नेगे हम !”,मीरा ने कहा !
“हम ?”,नीता ने हैरानी से कहा
“मीरा राजपूत घराने से है , इसलिए ऐसे बात करती है !”,अर्जुन ने नीता से कहा
“लेकिन राजपूतो वाली एक भी बात नहीं है हम में सिवाय एक के !”,मीरा ने दोनों के बिच चलते हुए कहा
“और वो क्या है मिस एंजेल ?”,अर्जुन ने कहा
“हम वादे के पक्के है , एक बार जो वादा करते है हमेशा निभाते है फिर चाहे कुछ भी हो पीछे नहीं हटते !”,मीरा ने गर्व से कहा !
“बहुत अच्छा , फिर मुझसे भी एक वादा करो की हमेशा ऐसे ही हंसती मुस्कुराती रहोगी !”,अर्जुन ने कहा !
“हम्म्म्म !”,मीरा ने कहा और फिर तीनो अंदर हॉल में आ गए ! नीता अपने माँ पापा के साथ जाकर बैठ गयी और अर्जुन दादाजी के पास ! विजय ने विकर्म जी को सबसे रूबरू करवाया और मीरा को अपने पास आने का इशारा किया ! मीरा उनके पास आयी तो विजय ने उसका हाथ पकड़ा और कहा,”ये है हमारी मीरा , मेरी बेटी निधि की दोस्त ! हमारे साथ इसी घर में रहती है !”
विजय की बातो में अपने लिए इतना प्यार और सम्मान देखकर मीरा की आँखों में नमी तैर गयी उस नमी को कोई देख ना ले ये सोचकर उसने सबको नमस्ते करने के बाद कहा,”हम सबके लिए चाय ले आते है !”
मीरा के जाने के बाद कविता ने कहा,”बहुत ही प्यारी है”
सभी बाते करने लगे ! मीरा किचन में आयी , पीछे पीछे राधा भी चली आयी मीरा की आँखों में आंसू देखकर राधा ने उसका चेहरा अपने हाथ में लेकर कहा,”क्या हुआ मेरे बच्चे तुम्हारी आँखों में आंसू !?”
“नहीं आंटी कुछ नहीं हुआ , अंकल ने सबके सामने हमे अपना कहा तो बस आँखे भर आयी !”,मीरा ने आँखो के किनारे पोछते हुए कहा !
“पगली , सब तुम्हे यहाँ अपना ही तो समझते है , इस घर में जो सम्मान तुम्हे मिलना चाहिए वो ही तो मिला इसमें आँखे नम करना गलत है बेटा ! चलो अब जल्दी से चाय लेकर चलते है !”,राधा ने प्यार कहा !!
मीरा ट्रे में कप जमाने लगी आज वह बहुत खुश थी
आज सुबह से उसके साथ सब अच्छा हो रहा था ! अक्षत से नोक झोंक , नीता से पहली मुलाकात , विजय का उसे अपना कहना सब मीरा को अंदर ही अंदर ख़ुशी से भर रहा था ! मीरा राधा के साथ चाय लेकर बाहर चली आयी तब एक दादा दादी अर्जुन और विजय मीरा की तारीफों के पूल बांध चुके थे ! कविता की तो उस पर से नजरे हट ही नहीं रही थी ! सबने चाय नाश्ता किया तब तक पंडित जी भी आ गए ! विजय ने पंडित जी से अर्जुन और नीता की कुंडली देखकर सगाई के लिए शुभ मुहूर्त बताने को कहा !
“यजमान दो दिन बाद सगाई के लिए बहुत ही शुभ मुहूर्त है”,पंडित जी ने कहा !
“लेकिन इतनी जल्दी सब कैसे होगा ?”,राधा ने शंका जताई तो विजय ने कहा,”सब हो जाएगा राधा !” विजय विक्रम जी की और पलटे और कहा,”आपको तो कोई ऐतराज नहीं है ना , भाईसाहब ?”
जब मिया बीवी राजी तो क्या करेंगे पापाजी ?”,विक्रम जी ने मजाकिया अंदाज में कहा तो सभी हंस पड़े ! विक्रम ने बड़े ही प्यार से कहा,”भाईसाहब आपको जैसा ठीक लगे सगाई का प्रोग्राम दो दिन बाद हमारे घर पर रख लेते है ! बच्चो की अंगूठी बदलवा देंगे !’
“ठीक है भाईसाहब !”,कहकर विजय पंडित जी की और पलटे और कहा,”पंडित जी दो दिन बाद का मुहूर्त ही रख दीजिये ! वैसे भी काफी दिन हो गए घर में कोई नाच गाना नहीं हुआ है !”
“भाईसाहब अंगूठी की रस्म आपके घर रखेंगे लेकिन मेहमानो के लिए एक छोटा सा खाने और संगीत का प्रोग्राम हम अपने घर रखना चाहते है अगर आपको परेशानी ना हो तो ! जिसमे आपको भी सपरिवार शामिल होना होगा !”,राधा ने अपने मन की बात कही !
“अरे बिल्कुल भाभीजी हमे तो बस खाने और नाचने का बहाना चाहिए !”,कहते हुए विक्रम ठहाका लगाकर हंस पड़े ! सगाई की तारीख तय हो चुकी थी ! राधा ने रघु से कहकर खाना लगवा दिया था ! खाना खाने के बाद विजय , विक्रम और दादाजी एक जगह बैठकर बातचीत करने लगे ! राधा कविता के साथ बात करने लगी नीता भी उनके साथ ही खड़ी थी ! अर्जुन कबसे उसे वहा से साइड में आने के लिए बार बार इशारे कर रहा था , कभी मेसेज तो कभी कॉल लेकिन बेचारी नीता ऐसे सबके सामने कैसे निकलती ! मीरा ने देखा तो उसने राधा के पास आकर कहा,”आंटी नीता जी के जाने से पहले इन्हे घर दिखा दे !”
“हां हां बेटा बिल्कुल !”,राधा ने कहा !
मीरा नीता को लेकर साथ चली आयी उसने पहले निचे का घर दिखाया और फिर उसका हाथ पकडे पकडे ऊपर ले आयी अर्जुन तो बस मीरा पर फ़िदा ही होने वाला था वो उसकी हर समस्या का हल निकाल देती थी ! मीरा ने उसे अपना और निधि का कमरा दिखाते हुए कहा,”यहां हम और निधि रहते है !’
“अच्छा है !”,नीता ने कहा
“और मैं ?”,पीछे से निधि ने नीता के गले में बांहे डालकर कहा
“अरे आप तो हो ही इतनी प्यारी लेकिन ये बताओ अब तक थी कहा ? हमसे मिलने भी नहीं आयी !”,नीता ने झूठ मुठ की नाराजगी जताते हुए कहा
“सॉरी भाभी , वो नहाने चली गयी थी नहाते नहाते सो गयी !”,निधि ने मासूम सी शक्ल बनाकर कहा
“कोई बात नहीं !”,नीता ने प्यार से कहा और तीनो कमरे से बाहर आ गयी ! बाहर आते ही निधि ने कहा,”अब हम बताते है , वो है अर्जुन भैया का कमरा , आई मीन आपका और भैया का कमरा !” निधि ने लास्ट लाइन शरारत से कही तो नीता मुस्कुरा दी ! निधि नीता को लेकर अक्षत के कमरे के सामने आयी और कहा,”और ये है हमारे सबसे छोटे पर सबसे ज्यादा अजीब भाई का कमरा !”
“अजीब क्यों ?”,नीता ने हैरानी से कहा !
“जब आप मिलोगी ना उनसे खुद ही जान जाओगी !”,निधि ने कहा !
“नीता जी , ये मजाक कर रही है ! अजीब नहीं है वो बस हम लोगो से थोड़े अलग है ,, उन्हें समझना बहुत आसान है !”,मीरा ने कहा
मीरा के मुंह से अक्षत की तारीफ सुनकर निधि और नीता मुस्कुराते हुए उसे घूरने लगी मीरा ने देखा तो दोनों से नजरे बचाते हुए कहा,”ऐसा हमे लगता है
“किस बात पे चर्चा हो रही है यहाँ ?”,पीछे से अर्जुन ने आते हुए कहा !
“ये लो भाभी अब बाकि घर आपको भैया दिखाएंगे !”,निधि ने कहा और मीरा के साथ वहा से चली गयी !!
कुछ देर बाद अर्जुन और नीता भी निचे चले आये ! सभी नीता के घरवालो को छोड़ने गेट तक आये नीता ने सबके पैर छुए निधि और मीरा के गले लगी और फिर राधा से कहा,”बस एक ही बात का दुःख है की मैं अपने देवर जी से नहीं मिल पाई !”
“अरे बेटा , सगाई वाले दिन मिल लेना !”,राधा ने प्यार से नीता के गाल को छूकर कहा !
“हम्म !”,नीता ने कहा !
“आप सभी से मिलकर बहुत अच्छा लगा , आपकी सोच और आपसी प्यार ने मुझे बहुत आकर्षित किया है ! एक अच्छे और बेहतरीन परिवार में मेरी बेटी का रिश्ता होने जा रहा है ! ये जानकर बहुत खुश हु मैं !”,विक्रम ने हाथ जोड़कर कहा !
“अरे हाथ क्या जोड़ रहे है गले लगिये ! समधी बनने वाले है भई अब तो !”,कहते हुए विजय विक्रम के गले जा लगे ! विजय ने मन ही मन सोचा अगर वह सही वक्त पर अपना फैसला ना बदलता तो आज इतने अच्छे लोगो से मिलने का अवसर खो देता !
नीता अपने माँ पापा के साथ वहा से चली गयी !!
अंदर आकर विजय ने दादू से कहा,”पापा दो दिन ही है सगाई की तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए !”
“हां , तू चिंता मत , सब हो जाएगा !”,दादू ने कहा !!
संडे का दिन था इसलिए आज सभी घर पर थे ! दोपहर बाद सभी आराम करने लगे ! राधा कमरे में बैठकर आने वाले मेहमानो की लिस्ट बना रही थी ! उधर अर्जुन नीता के लिए कोई अच्छा सा गिफ्ट देखने में लगा था ! निधि अपने लेपटॉप पर फिल्म देख रही थी और मीरा वो खिड़की के पास खड़ी ना जाने किस सोच में डूबी थी !! शाम तक सगाई की आधी तैयारियां हो चुकी थी !! राधा ने मीरा और निधि से दो दिन कॉलेज की छुट्टी करने को कह दिया ! सुबह का गया अक्षत शाम तक घर नहीं आया ! घर बैठे बैठे निधि बोर हो रही थी तो उसने मीरा से कहा,”चल ना कही बाहर चलते है !”
“निधि हमारा मन नहीं है , तुम जाओ !”,मीरा ने कहा !
“अच्छा बाहर नहीं जाना , रूम के बाहर चलते है ! अक्षत भैया की बालकनी की तरफ वहा से बहुत मस्त नजारा दिखता है है , प्लीज प्लीज”,निधि ने उसका हाथ पकड़ कर खींचते हुए कहा !
“अच्छा बाबा ठीक है , कभी कभी न बिल्कुल बच्ची बन जाती हो तुम !”,मीरा ने उठते हुए कहा
दोनों अक्षत वाली साइड आकर बालकनी में खड़ी हो गयी , मीरा ने नजरे घुमाकर वहा का नजारा देखा सच में बहुत खूबसूरत था ! और ठंडी हवाएं उसके गालो को चूमकर गुजर रही थी ! उसका उखाड़ा हुआ मन अब थोड़ा थोड़ा ठीक हो गया था ! निधि ने देखा तो कहने लगी,”पता है ये जगह अक्षत भैया की फेवरेट है इसलिए तो उन्होंने मुझसे और अर्जुन भैया से लड़ झगड़ कर ये वहा हिस्सा लिया !”
निधि ने जैसे ही अक्षत का नाम लिया मीरा की नजरे खुद ब खुद कमरे की दरवाजे की और चली गयी ! सुबह का गया अक्षत अभी तक वापस नहीं आया था मीरा का मन एक बार फिर उदास हो गया निधि कुछ ना कुछ बोले जा रही थी पर मीरा ना जाने कहा खोयी थी ! निधि ने कहा,”तुम्हे अक्षत भैया कैसे लगते है ?”
“क्या ?”,मीरा ने निधि की और देखते हुए कहा जैसे उसकी चोरी पकड़ी गयी हो !
“अरे मेरा मतलब जैसे वो हमे लगते है कॉम्प्लिकेटेड , अकड़ू , अजीब ! क्या तुम्हे भी सेम वैसे ही लगते है ?”,निधि ने कहा तो मीरा सामने देखते हुए कहने लगी,”नहीं निधि हमे वो ऐसे बिल्कुल नहीं लगते , हां वो थोड़े अलग है हम सबसे उनके सोचने का तरिका , बात करने का तरिका सब अलग है लेकिन दिल के अच्छे है ! कोई गलती करते है तो अगले ही पल उन्हें अहसास भी हो जाता है बस सबके सामने अपनी गलती मानना नहीं आता उन्हें !! “
मीरा ने जैसे ही बोलना शुरू किया निधि ने पीछे देखा तो अक्षत खड़ा था उसने निधि को चुप रहने का इशारा किया और उसे चुपचाप वहा से जाने का इशारा किया और खुद मीरा के बिल्कुल पीछे कुछ दूरी पर खड़ा हो गया और ख़ामोशी से सुनने लगा ! मीरा ने ध्यान ही नहीं दिया की निधि वहा से जा चुकी है वह आगे बोलने लगी,”पहले पहले हमे भी लगे थे वो अकड़ू और साडू टाइप लेकिन बाद में समझ आने लगा वो ऐसे क्यों है ? वो अपने दिल की बात किसी से नहीं कहते हमेशा अपने दिल में ही दबा के रखते है !! जब उनके बारे से सोचती हु तो समझ नहीं आता की वो अच्छे है या बुरे !! क्योकि जब वो हमे परेशान करते है तो लगता है उनसे बुरा कोई नहीं पर अच्छे इतने है की हमारी बनाई फीकी चाय भी पि लेते है !! अपनी फैमिली से बहुत प्यार करते है बस जताना नहीं आता !! हम तो उनके सामने कुछ बोल ही नहीं पाते जब उनकी आँखों में देखते है ना तो खमोश हो जाते है !! आज से पहले हमने इतनी गहरी आँखे किसी की नहीं देखी !” कहते हुए मीरा जैसे ही पलटी पीछे खड़े अक्षत से टकरा गयी ! अक्षत को वहा देखकर और निधि को वहा ना पाकर मीरा घबरा गयी उसे अहसास हुआ की अक्षत ने उसकी कही सारी बाते सुन ली है ! मीरा अक्षत से नजरे चुराकर जैसे ही जाने लगी अक्षत ने मीरा का हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया ! मीरा का दिल तेजी से धड़क रहा था साथ ही अपनी बेवकूफी पर खीज भी आ रही थी ! दोनों एक दूसरे से दूर एक दूसरे का हाथ पकडे पीठ किये खड़े थे ! दोनों के बिच कुछ था तो वो थी खामोशियाँ !! मीरा का हाथ अक्षत ने मजबूती से पकडे हुए था और मीरा चाहकर भी छुड़ा नहीं पाई ! मीरा को चुप देखकर अक्षत ने कहा,”अक्सर गहरी आँखों में बहुत से राज छुपे होते है !
To be continued – Kitni mohabbat hai – 15
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संजना किरोड़ीवाल
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