कितनी मोहब्बत है – 15

Kitni Mohabbat Hai – 15 

Kitni Mohabbat Hai
Kitni Mohabbat Hai by Sanjana Kirodiwal

अक्षत ने मीरा का हाथ पकड़ा हुआ था ! दोनों ख़ामोशी से एक दूसरे की और पीठ किये खड़े थे ! जो अहसास मीरा महसूस कर रही थी शायद आज से पहले उसने कभी नहीं किया था ! अनजाने में उसने अक्षत के सामने वो सब कह दिया जो वह उसके लिए सोचती थी ! अक्षत मीरा के बोलने के इंतजार में था लेकिन मीरा जैसे खामोश ही हो गयी ! अक्षत ने उसका हाथ छोड़ दिया तो मीरा वहा से नीचे चली आयी ! उसका दिल अभी भी तेजी से धड़क रहा था वह किचन में आयी जग से ग्लास में पानी डाला और एक साँस में पि गयी ! ये बेचैनिया ये अहसास कैसा था ?

मीरा नहीं समझ पा रही थी कभी वह अपने हाथ को देखती तो कभी मुस्कुरा जाती !! मीरा अकेले ही खड़ी थी तभी दादी माँ अंदर आयी और मीरा को मुस्कुराते देखकर कहा,”अरे मीरा क्या हुआ ? अकेले खड़ी क्यों हंस रही हो ?”
दादी की आवाज से मीरा चौंकी और कहा,”क क कुछ नहीं दादी माँ हम तो बस पानी लेने आये थे !” कहते हुए उसने पानी का जग उठाया और चली गयी ! दादी माँ ने भी अपना काम किया और चली गयी !! मीरा ऊपर आयी तो उसकी नजर अक्षत के कमरे की और चली गयी ! अक्षत का कमरा उसके लिए रहस्य से भरा था उसने पूरा घर देखा था बस एक अक्षत का कमरा ही नहीं देख पाई !

आखिर ऐसा क्या था जो अक्षत किसी को वहा आने नहीं देता था ! सोचते हुए मीरा अपने कमरे में चली आयी ! निधि को बिजी देखकर मीरा लेट गयी लेकिन नींद नहीं आ रही थी ! मीरा उठी और वापस कमरे के बाहर आ गयी ! उसने ऊपर छत पर जाने का सोचा और ऊपर चली आयी ! जैसे ही मीरा ऊपर आयी ऊपर का नजारा देखकर खुद से कहा,”ये जगह तो बहुत खूबसूरत है , हमने तो इसे देखा ही नहीं था !!” मीरा मुस्कुराते हुए छत पर घूमने लगी ! बहुत बड़ी छत थी जिसके एक कोने में गार्डनिंग का काम किया हुआ था !

खूबसूरत लाइटिंग थी , छज्जे से लटके हुए छोटे छोटे रोशनदान ! मीरा को सब बहुत आकर्षक लग रहा था ! घूमते हुए उसकी नजर कोने में सोफेनुमा कुर्सी पर बैठे दादू पर गयी ! मीरा उनकी और चली आयी लेकिन जैसे ही पास पहुंची हैरान थी दादू के सामने एक छोटी टेबल पर शराब की बोतल , पानी की बोतल , ग्लास और एक प्लेट में कुछ खाने का सामान रखा हुआ था ! मीरा ने वो सब देखा तो हैरानी से कहा,”दादू आप ये सब ?”
मीरा की आवाज सुनकर दादाजी पलटे और कहा,”अरे मीरा , आओ आओ !”


उन्होंने मीरा से सामने पड़ी कुर्सी पर बैठने का इशारा किया ! मीरा आकर उनके सामने बैठ गयी और थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए कहा,”दिस इज नॉट फेयर दादू , आपको इस तरह से पीना नहीं चाहिए !”
“अरे बेटा रोज कहा बस कभी ख़ुशी का मौका होता है तब पि लेता हु !”,दादाजी ने घूंठ भरते हुए कहा !
“और आपकी तबियत का क्या ? अभी कुछ दिन पहले ही डॉक्टर ने आपको कितनी सारी दवाईया दी थी !”,मीरा का गुस्सा करना जारी था !   


“तबियत का क्या है ? वो डॉक्टर ना मेरा दोस्त है इसलिए मुझसे खुनस निकालने के लिए इतनी सारी दवाईया दे दी ! तुम ज्यादा मत सोचो !”,दादू ने निश्चिन्त होकर कहा ! 
“क्या दादू आप भी आपको लगता है आप ये कहेंगे और हम मान जायेंगे इतने भी बेवकूफ नहीं है हम”,मीरा ने कहा 
“अच्छा बाबा माफ़ करो , तुम्हे पीना है क्या ?”,दादू ने मजाक में कहा 
“छी छी हम नहीं पीते ये सब”,मीरा ने नाक सिकोड़ते हुए कहा 


“मीरा कभी कभी तो मुझे भी लगता है की तुम राजपूत नहीं हो , राजपूतो वाला कोई गुण नहीं है तुम में !!”,दादू ने कहा 
“है ना दादू हमे भी यही लगता है ! हम तो हमेशा सोचते है की हमरा जन्म किसी ब्राह्मण परिवार में होता पर पता नहीं माँ ने हमे ये उपनाम क्यों दे दिया ? ‘मीरा सिंह राजपूत’ जबकि हमारे जितना डरपोक कोई नहीं है !”,मीरा ने कहा ! 


“क्या नाम था तुम्हारी माँ का ?”,दादू ने पूछा 
“सावित्री शर्मा”,मीरा ने धीरे से कहा !
“वो शर्मा और तुम राजपूत ये कैसे संभव है ?”,दादू ने मनोदशा जानने के लिए कहा 
“यही तो हम नहीं जानते दादू , माँ हमे कुछ नहीं बताती थी बचपन से ही उन्होंने हमे खुद से दूर रखा पता नहीं ऐसा क्या था जो वो हमसे छुपा रही थी ? और हमने भी कभी पूछने की हिम्मत नहीं की !

उनका गुस्सा बाप रे बाप हम तो देखकर ही डर जाते थे !”,मीरा ने कुछ उदास होकर कहा ! 
“और तुम्हारे पिता ?”,दादू ने आगे कहा 
“उन्हें तो हमने कभी देखा ही नहीं ! माँ कहती थी की वो इस दुनिया में नहीं है पर हमे लगता है वो है”,मीरा ने खोये हुए स्वर में कहा 
“तुम्हे ऐसा क्यों लगता है ?”,अचानक से ही दादू के चेहरे के भाव बदल गए ! 


“क्योकि हमने कभी माँ को वैसे नहीं देखा जैसे औरत अपने पति की मौत के बाद रहती है ! उनकी मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र हमेशा देखा था हमने , फिर हम कैसे मान ले की हमारे पिता इस दुनिया में नहीं है !”,मीरा थोड़ी सी भावुक हो गयी तो दादाजी को अच्छा नहीं लगा और उन्होंने बात टालने के लिए कहा,”बीती बाते छोडो और जल्दी से प्लेट इधर दो , इसमें रखे पकोड़े ठन्डे हो जायेंगे !”
मीरा ने प्लेट दादू की और बढ़ा दी तो उन्होंने वापस मीरा के सामने करके कहा,”ये तो खा सकती हो ना !”


“हम्म्म !”,कहते हुए मीरा ने एक टुकड़ा उठा लिया और खाने लगी !! दादू अकेले ही ग्लास से घूंठ भरते जा रहे थे ! जैसे ही खत्म हुआ तो उन्होंने गिलास टेबल पर रखा और उसमे और शराब डालने लगे तो मीरा ने बोतल हाथ से लेकर कहा,”बस दादू , अब और नहीं ! 
“अरे लेकिन एक पेग तो !”,दादू ने बच्चो की तरह कहा तो मीरा ने बोतल पर ढक्कन लगाते हुए कहा,”एक क्या आधा भी नहीं और अगर अपने जिद की तो हम निचे जाकर दादीमा को सारी बातें बता देंगे , सोच लीजिये !”


मीरा की प्यारभरी धमकी से दादू को ग्लास वापस टेबल पर रखना पड़ा और उन्होंने कहा,”हम्म्म होशियार हो गयी हो !”
“अच्छा ये बताईये , आप यहाँ अकेले बैठकर क्यों पि रहे है ?”,मीरा ने दूसरा टुकड़ा उठाकर खाते हुए कहा ! 
“आज मैं बहुत खुश हु इसलिए और अकेले इसलिए पि रहा हु की साथ पिने वाला कोई नहीं है !”,दादू ने कहा !
“अच्छा हमे भी बताईये”,मीरा ने कहा !     
दादू मुस्कुराये और कहने लगे,”आज विक्रम जी के परिवार से मिलकर अच्छा लगा !

अर्जुन जिसे पसंद करता है उस से उसकी शादी होने जा रही है इस से बड़ी ख़ुशी की बात भला और क्या हो सकती है ? विजय मेरा इकलौता बेटा है वो मुझसे ज्यादा बात नहीं करता पर वो मेरी कही किसी बात को भी नहीं टालता , कुसुम के जाने के बाद उसका व्यवहार काफी रखा हो चुका था लेकिन अर्जुन के लिए उसने अपना फैसला बदल लिया ! और ये सब तुम्हारी वजह से हुआ !”
“अरे दादू हमने कुछ नहीं किया सब प्याज का कमाल था !”,मीरा ने कहा 
“प्याज का कमाल ? मैं कुछ समझा नहीं !”,दादू ने हैरानी से कहा 


मीरा मुस्कुराई और कहा,”उस दिन जब हम सब झील देखने गए थे तब अर्जुन जी ने हमे अपने और नीता के बारे में बताया था लेकिन जब अंकल ने उनकी शादी की बात कही तो उनका उतरा चेहरा हमसे देखा नहीं गया ! हमने उनसे बहुत कहा की वो अंकल से एक बार बात करे पर वो तो हमसे भी बड़े डरपोक है नहीं की उन्होंने बात !! हमे लगा अब हमे ही कुछ करना पड़ेगा तो सोचकर अंकल के सामने दो चार इमोशनल डायलॉग्स बोले लेकिन अंकल ने कोई प्रतिक्रया नहीं दी ! फिर हमारे पास एक ही उपाय था कैसे भी करके अर्जुन जी को इमोशनल करना ताकि अंकल उन्हें देखे और उनको लगे की अर्जुन जी उदास है !

पर अर्जुन जी ठहरे स्माइली फेस वाले उनको इमोशनल करना बहुत मुश्किल था इसलिए हमने प्याज छिलने को कहा ,, प्याज बड़े बड़ो को रुला देता है दादू ! बस उन्होंने प्याज काटे और उनकी आँखों से आंसू यु करके बाहर आये और जैसे ही अंकल ने देखा वो पिघल गए !”
मीरा की बात सुनकर दादू हसने लगे और कहा,”भई वाह मीरा तुम्हारे प्याज ने तो कमाल ही कर दिया !”
“प्याज ने कहा दादू सारा कमाल तो इनका है !”,पीछे से अक्षत ने आकर खाली पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए कहा !! 


अक्षत को वहा देखकर मीरा का मुंह खुला का खुला रह गया ! उसने अक्षत की और देखा और कहा,”आपने सब सुन लिया !”
“हम्म्म्म !”,अक्षत ने मीरा की नक़ल करते हुए कहा 
 “तो इसका मतलब आप अंकल को बता दोगे”,मीरा ने डरते डरते कहा 
“हम्म्म्म हम्म्म”,अक्षत ने फिर से मीरा की नकल की !


मीरा बड़बड़ाने लगी,”फिर तो अंकल को बहुत हर्ट होगा उन्हें लगेगा हमने उनसे सब झूठ कहा और अर्जुन जी की शादी के लिए नाटक किया ! फिर अर्जुन जी की शादी टूट जाएगी और वो डिप्रेस्ड हो जायेंगे ऐसे में कही उन्होंने सुसाइड कर लिया तो सब हमे जिम्मेदार समझेंगे , अंकल हमे यहाँ से निकाल देंगे 
शायद जेल भेज दे फिर तो हम कभी वहा से नहीं निकल पाएंगे !”
मीरा को बड़बड़ाते देखकर दादू और अक्षत मुस्कुरा रहे थे ! फिर दादू ने कहा,”मीरा ये सिर्फ मजाक कर रहा है , तुम परेशान मत हो ! रात बहुत हो गयी है तुम निचे जाओ !”


“क्या सच में ?”,मीरा ने मासूमियत से कहा 
“हां , तुम्हे भरोसा है ना मुझ पर !”,दादू ने कहां तो मीरा अक्षत की और देखते हुए सोचने लगी,”आप पर तो है दादू पर इनका कोई भरोसा नहीं !” उसने दादू की और देखकर हां में  गर्दन हिला दी ! दादू ने मीरा को निचे जाने का इशारा किया मीरा उठी और अक्षत की और  बड़बड़ाई,”सडु !!”  मीरा के वहा से जाते ही दादू ने अक्षत से कहा,”कितनी प्यारी बच्ची है , क्यों परेशान करता है उसे ?”


अक्षत ने बोतल उठायी और ढक्कन खोलते हुए कहा,”मैंने कहा कुछ किया वो खुद ही इतना सोच लेती है !! आप किसके साथ लेंगे सोडा या नीट ?” अक्षत ने शराब ग्लास में उड़ेलकर कहा !! 
“नहीं मैं नहीं पिऊंगा मीरा अभी अभी मना करके गयी है उसे पता चला तो बुरा लगेगा !”,दादू ने कहा !
“क्या बात है दादू मीरा ने मना किया इसलिए नहीं पिएंगे आप ? मेरी बात तो ऐसे कभी नहीं मानी अपने ?”,अक्षत ने ताना मारते हुए कहा ! 


“मानता तो मैं किसी की भी नहीं लेकिन उसने इतने प्यार से कहा की मानना पड़ा ! कुछ तो बात है उस बच्ची में अक्षत की उसकी हर बात मानने को जी करता है ! जब वो प्यार से किसी बात के लिए रोकती है तो एक अपनेपन का अहसास होता है !”,दादू ने कहा 
“सठिया गए है आप !’,अक्षत ने ग्लास उठाकर उनकी और बढाकर कहा ! 
“कैसा पोता है तू ? शर्म नहीं आती अपने ही दादा को पेग ऑफर कर रहा है !”,दादू ने झूठा गुस्सा दिखाते हुए कहा 


“वाह वाह क्या बात है , आज सती सावित्री बनने का नाटक सबको पता है की मैं ही हु जिसके साथ बैठकर आप पि सकते है !”,अक्षत ने ग्लास उनकी और करके कहा ! 
“क्या फायदा ? तू तो साथ में पिता नहीं है !”,दादू ने मुंह बनाकर कहा ! 
“कम्पनी तो दे रहा हु ना ! पिने के बाद जब आपको चढ़ जाती है तो आपकी और दादी की वो 1950 वाली लव स्टोरी मैं ही सुनता हु और हर बार वही घिसी पीटी कहानी , कुछ नया नहीं होता उसमे !”,अक्षत ने प्लेट में रखे पकोड़ो में से एक टुकड़ा उठाकर खाते हुए कहा ! 


“मैं तेरा मुंह तोड़ दूंगा अगर मेरी लव स्टोरी को घिसी पीटी कहा तो , तू क्या जाने उस ज़माने का प्यार एक दूसरे को देखने में ही सालो गुजार देते थे !”,दादू ने कहा 
“हां तभी पापा अकेले रह गए , ना हम लोगो को कोई चाचू मिला ना ही कोई भुआ”,अक्षत ने कहा !
“बेशर्म !!”,दादू ने कहा तो अक्षत हसने लगा और कहा,”क्या दादू एक आप ही तो है घर में जिनसे मैं अपने दिल की हर बात कर सकता हु !”


“हां जानता हु इसलिए तो हर बात सुन लेता हु तेरी अच्छा ये बता मीरा कैसी लगती है तुझे ?”,दादू ने अचानक से मीरा का नाम लिया तो अक्षत खामोश हो गया और दादू की और देखकर कहा,”आप तो सच्चाई जानते है ना फिर भी ये सवाल कर रहे है मेरी पसंद और नापसंद से कोई फर्क नहीं पड़ता दादू”
“अक्षत मैंने बस ये पूछा है की मीरा कैसी लगी तुझे ?”,दादू ने फिर वही सवाल दोहराया तो अक्षत ने बात टालते हुए कहा,”आज सिन्हा सर से मिला था उन्होंने कहा है एक हफ्ते बाद मैं उनके पास प्रेक्टिस के लिए जा सकता हु , दो महीने बाद इंट्रेस एक्जाम है !” 


“ये तो बहुत अच्छी बात है , मैं तो कहता हु तुम्हे इंटर्नशिप शहर से बाहर करनी चाहिए !”,दादाजी ने कहा 
“वो क्यों ?”,अक्षत ने हैरानी से कहा !
“घर परिवार से दूर रहोगे तभी तो पढाई में मन लगेगा ना !”,दादू ने कहा 
“मेरा मन तो लग चूका दादू”,अक्षत बड़बड़ाया !
“क्या क्या कहा तुमने ?”,दादाजी ने अनजान बनते हुए पूछा 


“क क कुछ नहीं दादू मैं कह रहा था बाहर रहा तो एडजस्ट नहीं कर पाउँगा , बाहर का खाना सब चेंज हो जाएगा इस से अच्छा है मैं घर में ही रहु !”,अक्षत ने दादू से नजरे बचाते हुए कहा ! 
“हां हां बेटा दिख रहा है आजकल कहा मन लगने लगा है तुम्हारा !”,दादू ने शरारत से कहा 
“क्या दादू आप भी सच में सठिया गए हो , निचे चलो दादी माँ इंतजार कर रही है !”,अक्षत ने उठते हुए कहा !! 


दोनों निचे चले आये दादू अक्षत को गुड़ नाईट बोलकर निचे चले गए अक्षत अपने कमरे की और जाने लगा तो देखा अर्जुन अपने कमरे की बालकनी में   बात करता हुआ इधर उधर घूम रहा है ! अक्षत उसके पास आया और गले लगाकर कहा,”थैंक्यू भाई !
अक्षत के मुंह से यु अचानक थैंक्यू सुनकर अर्जुन चौंक गया और कहा,”थैंक्यू ? पर किसलिए ?”
“आपने उसे मेरे लिए छोड़ दिया !”,अक्षत ने गले लगे हुए कहा ! 


“क्या छोड़ दिया ? बताएगा कुछ ?”,अर्जुन अभी भी हैरान ही था ! अक्षत दूर हटा और मुस्कुरा कर कहा,”कुछ नहीं ! गुड़ नाईट !”
अक्षत कमरे से बाहर निकल गया ! अर्जुन उसे जाते हुए देखता रहा और कहा,”अजीब लड़का है !”
“कौन ?”,दूसरी तरफ फोन पर नीता ने कहा !
“तुम्हारा देवर और कौन अगर तुमने इसे समझ लिया ना तो समझ लो दुनिया समझ ली !”,अर्जुन ने कहा 
“तो मिलवाओ ना उनसे !”,नीता ने बेसब्री से कहा 


“ओह्ह्ह हेलो हेलो होने वाले पति से ज्यादा देवर में इंट्रेस्ट ले रही हो कही नियत ना बदल जाये तुम्हारी !”, अर्जुन ने छेड़ते हुए कहा !
“क्या तुम भी ? देवर छोटे भाई की तरह होता है , अब बताओ कब मिलवाओगे ?”, नीता ने कहा 
“सगाई में मिल लेना !”,अर्जुन ने कहा 
“नहीं अभी मिलना है !”,नीता ने बच्चो की तरह कहा 
“अभी ? इतनी रात को ?”,अर्जुन ने कहा 


“अरे बाबा मतलब सगाई से पहले !”,नीता ने कहा 
“हम्म्म ठीक है कल सभी  सगाई की शॉपिंग के लिए बाहर जा रहे है , तुम भी आ जाओ !”,अर्जुन ने कहा 
“हां ये ठीक रहेगा , तुम मुझे सुबह लोकेशन सेंड कर देना !”,नीता ने कहा 
“ओके डन , लव यू गुड़ नाईट !”,अर्जुन ने कहा 
“लव यू टू , बाय गुड़ नाईट !”,कहते हुए नीता ने फोन काट दिया !!!

 
अगले दिन सुबह सुबह राधा , निधि , मीरा और अर्जुन मार्किट जाने के लिए तैयार हो गए ! जैसे ही चारो बाहर आये अक्षत ने अर्जुन के हाथ से गाड़ी की चाबी लेते हुए कहा,”गाड़ी मैं चलाऊंगा !”
“तुम कहा ?”,अर्जुन ने हैरानी से कहा 
“मेरे भाई की सगाई है , भाभी तो तुम्हे देख लेगी ! सगाई में बाकि लड़किया आएँगी उनके देखने के लिए भी तो कोई होना चाहिए ना”,अक्षत ने कहा और चाबी लेकर गाड़ी की और बढ़ गया ! 
“माँ !”,अर्जुन ने बेबसी से कहा 


“कोई बात नहीं बेटा उसे चला लेने दे ! अब चलो तुम सब देर हो रही है !”,राधा ने कहा ! सभी आकर गाड़ी में बैठ गए अक्षत ने गाड़ी स्टार्ट की और अगले ही पल गाड़ी गेट के बाहर थी ! मीरा बिल्कुल अर्जुन के पीछे ही बैठी थी !  अक्षत ने म्यूजिक ऑन किया और गाना चला दिया ! अक्षत को हमेशा से पुराने गाने पसंद थे और इस बार भी पुराना गाना ही बजा जो की अक्षत का पसंदीदा भी था ! सभी सफर को एन्जॉय कर रहे थे ! अर्जुन ने गाड़ी में लगे शीशे को अपनी तरफ किया लेकिन उसमे मीरा का चेहरा नजर आ रहा था !

अक्षत ने देखा तो उसे अच्छा नहीं लगा उसने अर्जुन की तरफ देखा तो गाने की लाईनो ने उसकी फीलिंग्स का साथ दिया
“तुम्हे कोई और देखे तो जलता है दिल ! 
बड़ी मुस्किलो से फिर सम्हलता है दिल 
क्या क्या जतन करते है तुम्हे क्या पता ?
हमे इंतजार कितना ये हम नहीं जानते , मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना !

अर्जुन मुस्कुराने लगा ! अक्षत ने फिर ध्यान सामने जमा लिया !! जैसे ही गाड़ी मार्किट में पहुंची राधा ने कहा,”आशु गाड़ी ज्वेलर्स वाली दुकान पर रोक देना मुझे थोड़ा काम है ! तुम लोग आगे निकल जाना !”
“ठीक है माँ !”,अक्षत ने कहा 
ज्वेलर्स वाली दुकान के सामने अक्षत ने गाड़ी रोक दी राधा उतरी तो मीरा ने कहा,”आंटी हम भी आपके साथ चलते है !”


“ठीक है चलो !”,राधा ने कहा तो मीरा भी उनके साथ निचे उतर गयी ! दोनों वहा से शॉप पर चली गयी और अक्षत गाड़ी लेकर आगे बढ़ गया ! 
शॉप में आकर राधा ने कुछ गहने देखे एक कंगन दिखाने के लिए जैसे ही वो मीरा की और मुड़ी उन्होंने देखा मीरा शीशे में रखी चांदी की पायल को बड़े गौर से देख रही है ! उन्होंने प्यार से कहा,”मीरा !”
“जी आंटी !”,मीरा ने कहा 


“तुम्हे पसंद आयी ये पायल ?”,राधा ने कहा 
“हम्म्म्म !”,मीरा ने कहा 
“तो तुम ये अपने लिए ले लो सगाई में पहनने के लिए !”,राधा ने कहा 
“अरे आंटी ये हम कैसे ले सकते है ? ये बहुत महंगी होगी और हमारे पास इतने पैसे नहीं है !”,मीरा ने कहा  
“तुमसे पैसे किसने मांगे है ? भाईसाहब आप बाकि गहनों के साथ ये पायल भी पैक कर दीजिये !”,राधा ने दुकानदार से कहा


“लेकिन आंटी !”,मीरा ने कहना चाहा 
“लेकिन वेकिन कुछ नहीं अगर हमे कुछ मानती हो तो चुपचाप रख लो !!”,राधा ने कहा ! मीरा ने कुछ नहीं कहा पर मन ही मन परेशान हो रही थी की वो इतनी महंगी चीज कैसे ले सकती है ? गहनों की खरीदारी के बाद राधा ने दुकानदार से कहा,”ये आप घर भिजवा दीजियेगा और पेमेंट मैं बैंक से करवा दूंगी उनसे कहकर !”
“अरे भाभीजी आप भी कैसी बात कर रही है ? मैं विजय जी से बात कर लूंगा आप बेफिक्र रहिये मैं ये घर भिजवा दूंगा !”,दुकानदार ने कहा


“थैंक्यू , चले मीरा !”,राधा ने कहा 
“हम्म्म !”,कहते हुए मीरा उठी और राधा के साथ बाहर निकल आयी ! दोनों पैदल ही फुटपाथ पर चलने लगी राधा ने मीरा को रुकने को कहा और खुद सामने वाली शॉप पर चली गयी ! मीरा वही खड़ी आती जाती गाड़ीयो को गुजरते देख रही थी ! तभी उसके करीब से गुजरते हुए आदमी की जेब से कुछ निचे गिर गया !  
मीरा ने उठाकर देखा वो एक पासपोर्ट था l

मीरा ने जैसे ही सामने देखा वह लंबे कोट वाला आदमी आगे निकल गया l मीरा सर सर कहते हुए उसके पीछे आयी l शॉप में खड़ी राधा ने जब देखा तो हाथ का सामान रख मीरा के पीछे आई l
आदमी एक महंगी चमचमाती गाड़ी के पास आकर रुका और जैसे ही दरवाजा खोलने को हुआ मीरा हांफते हुए उसके पास आई और कहा,”सर सर ये आपका पासपोर्ट वहा गिर गया था  , हमे लगा आपको इसकी वजह से परेशानी हो जायेगी सोचकर देने का गये”


मीरा बुरी तरह हांफ रही थी l आदमी ने जैसे ही पासपोर्ट लेने के लिए हाथ बढ़ाया राधा ने उसके हाथ से पासपोर्ट छीनकर फेंकते हुए कहा,”मीरा चलो यहाँ से !”
“लेकिन आंटी वो पासपोर्ट इनका है इन्हें”,मीरा ने कहा लेकिन उस से पहले ही राधा ने मीरा का हाथ पकड़ा और खींचते हुए उसे ले गयी l मीरा ने पीछे मुड़कर देखा आदमी ने नीचे पड़ा अपना पासपोर्ट उठाया और जेब में रख लिया l मीरा को कुछ समझ नही आया की आखिर क्यों राधा उसे वहा से इस तरह ले आयी ?

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क्रमशः kitni-mohabbat-hai-16

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संजना किरोड़ीवाल

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