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कितनी मोहब्बत है – 40

Kitni mohabbat hai – 40

“कितनी मोहब्बत है”

By Sanjana Kirodiwal

Kitni mohabbat hai – 40

अक्षत का एंट्रेस का एग्जाम हो चुका था ! वह सोमित जीजू के साथ घर आ गया ! खाना खाया और उसके बाद तनु , सोमित , काव्या और अक्षत शॉपिंग करने निकल गए ! मार्किट में आकर तनु ने अपने लिए अर्जुन की शादी में पहनने के लिए कुछ कपडे , गहने और भी जरुरी सामान ख़रीदा ! काव्या के लिए भी कुछ कपडे ख़रीदे ! अक्षत और सोमित अपने लिए ब्लेजर और जींस देख रहे थे ! कहने को दोनों में जीजा साले का रिश्ता था लेकिन दोस्त से कम नहीं थे दोनों ! हालाँकि अक्षत उनकी पूरी रिस्पेक्ट करता था लेकिन टांग खींचने में वह सोमित से दो कदम आगे ही था ! सोमित जीजू ने अपने लिए कपडे लिए लेकिन अक्षत को समझ नहीं आ रहा था वह क्या ले ? कुछ ब्लेजर्स देखने के बाद अक्षत को काले रंग की किनारी वाला सफेद ब्लेजर पसंद आया अक्षत ने वो ले लिया ! उसने कुछ कुछ कपडे और ख़रीदे और सोमित के साथ बाहर आ गया ! जब तनु ने उन दोनों के हाथो में इतने सारे बैग देखे तो हैरानी से कहा,”आप दोनों की शॉपिंग तो लड़कियों से भी ज्यादा है !”
सोमित और अक्षत एक दूसरे की और देखकर मुस्कुराये और जीजू ने कहा,”Yes we’re boys and we love shopping !”
“धन्य है आप दोनों भी , अब चले !”,तनु ने कहा !
चारो मॉल से बाहर आ गए और आगे बढ़ गए ! तनु को नीता के लिए भी तोहफा खरीदना था इसलिए वह ज्वेलरी के शॉप में आयी ! सोमित की पसंद से उसने नीता के लिये बहुत ही प्यारे सोने के झुमके देखे !! अक्षत को भी वो बहुत पसंद आये तभी जीजू ने आकर उसके कान में कहा,”आप भी अपनी वाली के लिए कुछ खरीद लो !”
“ना !”,अक्षत ने कहा
“क्यों ?”,जीजू ने कहा
“उसे महंगे तोहफे पसंद नहीं है , मैंने कुछ देना भी चाहा तो साफ मना कर देगी वो तो खामखा क्यों अपना ईगो हर्ट करना !”,अक्षत ने कहा
“क्या बात है साले साहब ? मतलब इतना सोचने लगे हो आप कमाल है !”,जीजू ने फिर अक्षत को ताना मारते हुए कहा
अक्षत मुस्कुरा दिया , जीजू ने ये बात तो सच ही कही थी मीरा के आने के बाद से अक्षत में बहुत से बदलाव आ चुके थे और वो सब अच्छे बदलाव थे ! एक सख्त मिजाज लड़का अब पहले से ज्यादा नरमी से पेश आने लगा था ! जीजू वहा से हटकर साइड में गए उन्होंने एक प्यारी सी डायमंड रिंग निकाली और उसे लेकर अक्षत के पास आकर कहा,”हो सकता है उसे महंगे तोहफे पसंद ना हो , पर जब तुम घुटनो पर बैठकर उसके सामने ये रिंग करके अपने प्यार का इजहार करोगे तो वो ना नहीं कह पायेगी !”
अक्षत ने जीजू के हाथ से रिंग लेकर देखी वो सच में ही बहुत प्यारी थी ! अक्षत मुस्कुरा उठा और कहा,”ठीक है ले लीजिये लेकिन इसका बिल मैं पे करूंगा”
“अरे बिल्कुल , तुम ही करो मैं वैसे भी नहीं करने वाला !”,जीजू ने मजाकिया लहजे में कहा !
दुकानवाले ने रिंग को बॉक्स में रखकर बॉक्स और बिल अक्षत की और बढ़ा दिया ! अक्षत ने ख़ुशी ख़ुशी उसे अपनी पॉकेट में रख लिया ! अचानक अक्षत को शरारत सूझी और उसने तनु से कहा,”दी जीजू को ये डायमंड का नेकलेस बहुत पसंद आ रहा है आपके लिए , देखिये !”
कहकर अक्षत साइड हो गया सोमित मन ही मन उसे कोस रहा था तनु पहले बहुत खर्चा कर चुकी थी लेकिन अक्षत के कहने पर वह सोमित के पास आयी और कहा,”सच में ये आपको अच्छा लग रहा है !”
बेचारा सोमित मरता क्या ना करता ? मज़बूरी में जबरदस्ती मुस्कुरा कर हामी भर दी ! तनु ने नेकलेस उठाया और गले से लगाते हुए कहने लगी,”लग तो अच्छा ही रहा है , वैसे मेरा इतना मन तो नहीं है लेकिन आप कह रहे है तो ले लेती हु , वैसे भी आपकी पसंद का आजकल कुछ लिया नहीं मैंने !”
सोमित कभी तनु को देखता तो कभी अक्षत को , खैर सोमित ने बाकि सामान के साथ वह भी पैक करवा दिया ! सभी बाहर निकल आये अक्षत को सोमित का हाल देखकर हंसी आ रही थी !! काव्या के कहने पर सभी आइस क्रीम खाने चले आये ! बाकि सब गाड़ी में बैठे थे अक्षत सबके लिए आइसक्रीम लेने चला आया उसने चार स्कूप लिए और जैसे ही गाड़ी की तरफ जाने लगा सामने से आती लड़की उस से टकरा गयी और सारे स्कूप निचे जा गिरे ! लड़की फोन कान से लगाए हुए थी उसने जब स्कूप निचे गिरे देखे तो फोन काटते हुए अक्षत से कहा,”आई ऍम सो सो सॉरी , मैंने देखा नहीं !”
“इट्स ओके !”,अक्षत ने बिना लड़की की तरफ देखे हुए कहा लड़की ने ध्यान से देखा और कहा,”हे , तुम तो वही हो ना जो मुझे ट्रेन में मिले थे ,, क्या नाम था तुम्हारा , आ आई थिंक अक्षत”
अक्षत ने सामने देखा तो उसे याद आया ये इशिका थी जो उसे दिल्ली आते वक्त ट्रेन में मिली थी ! अक्षत को चुप देखकर उसने कहा,”अरे मैं इशिका , ट्रेन , हेल्प याद आया कुछ ?
“हां याद है !”,अक्षत ने कहा !
“मैंने सोचा नहीं था इतनी जल्दी तुमसे फिर मुलाकात होगी , एंड आई ऍम सॉरी मेरी वजह से ये सब गिर गया मैं तुम्हारे लिए दुसरा खरीद देती हु !”,इशिका ने कहा
“इट्स ओके मैं दूसरी ले लूंगा !”,कहते हुए अक्षत वापस शॉप की और बढ़ गया इशिका भी उसके साथ साथ चली आयी ! अक्षत ने चार आइसक्रीम आर्डर की पास खड़ी इशिका ने कहा,”सो , अकेले !”
“नहीं दी और जीजू साथ में है !”,अक्षत ने सामने खड़ी गाड़ी की और इशारा करके कहा
इशिका ने देखा और कहा,”गुड़ !”
इशिका अक्षत से आगे कुछ पूछ पाती इस से पहले ही दुकानवाले ने अक्षत को उसका आर्डर दिया और अक्षत इशिका को बाय बोलकर चला गया ! गाड़ी में आकर उसने सबको आइस क्रीम दी तो तनु ने कहा,”वो लड़की कौन थी ? तू जानता है उसे !”
“दिल्ली आते वक्त ट्रेन में मिली थी !”,अक्षत ने कहा
“क्या बोल रही थी ?”,तनु ने पूछा
“कुछ नहीं दी बस नार्मल हाय हेलो !”,अक्षत ने कहा
तनु ने आगे कोई बात नहीं पूछी और सभी घर के लिए निकल गए !!

यहाँ इंदौर में बड़े जोरो शोरो से अर्जुन की शादी की तैयारियां चल रही थी ! विजय की बहन और उसका परिवार 5 दिन पहले ही शादी में आ चुका था ! जिनमे फूफाजी , उनकी बड़ी बेटी सुनीता और बेटा लक्ष्य भी आया था ! उनके आने से घर भरा भरा लगने लगा था , राधा को किचन में परेशानी न उठानी पड़े इसलिए विजय ने एक हफ्ते के लिए खाना बनाने वाले को बुक कर लिया ! राधा को किचन से आराम मिला तो वह बाकि कामो में बिजी हो गयी सुनीता और भुआ उनकी पूरी मदद करवा रही थी !! आज घर में गणेश पूजन था और हॉल में उसी की तैयारियां चल रही थी दोपहर तक सभी मेहमान और पड़ोस की औरते आ चुकी थी राधा ने अपनी कुछ सहेलियों को भी बुलाया था ! पंडित जी आ चुके थे अर्जुन मेहरून रंग का कुरता और सफेद चूड़ीदार पहनकर आया , पंडित जी ने उसके साथ मिलकर गणेश पूजन किया ,, हॉल में जमा महिलाये शुभ मंगल गीत गा रही थी ! मीरा को सब बहुत रोमांचक लग रहा था वह पहली बार शादी की रस्मे देख रही थी ! घर में बैठी ओरतो की नजरे मीरा पर ही थी वह थी ही इतनी प्यारी की हर कीसी की नजरो को भा जाती !! अर्जुन को पूजा घर की और लेजाकर पंडित जी ने उसके दाहिने हाथ को हल्दी से भिगोया और हाथ की छाप दिवार पर लगवा दी ये शादी की रस्मो का शुभारंभ था , उन्होंने अर्जुन के हाथ पर कलेवा और पीला धागा बांधते हुए उसे शादी के बाद खोलने की हिदायत थी !!
रस्म के बाद औरते अपने अपने घर चली गयी बस घरवाले थे ! लक्ष्य बाहर का काम देखने विजय के साथ चला गया ! राधा रसोई में आयी उसने देखा खाना तैयार था ! उसने सबके लिए खाना लगवाया , सभी ने खाना खाया और अपने अपने कामो में लग गए !! मीरा खाना खाने के बाद बगीचे में चली आयी जहा रघु पोधो को साफ कर रहा था ! सब थे उस घर में बस अक्षत नहीं था और मीरा उसे बहुत याद कर रही थी !! वह वही सीढ़ियों पर बैठ गयी हलकी धुप उसे सुहा रही थी ! मीरा अपने दोनों हाथो को आपस में समेटे बैठी थी रघु की नजर उस पर पड़ी तो उसने कहा,”दीदी बुरा ना माने तो आपसे एक बात पूछे !”
“हां रघु भैया पूछीये”,मीरा ने कहा
“आप इतना उदास क्यों है ? घर में शादी है खुसी का माहौल है फिर भी “,रघु ने कहा
“उदास नहीं है रघु , बस ऐसे ही मन नहीं लग रहा था तो यहाँ चले आये !”,मीरा ने कहा !
“थोड़ी देर की बात है फिर तो मेहमान आने शुरू हो जायेंगे न दीदी तो आपको पता भी नहीं चलेगा वक्त का !”,रघु ने कहा
“हम्म्म्म !”,मीरा ने कहा और फिर अक्षत के बारे में सोचने लगी !
उधर एक बार फिर अक्षत का छींको से हाल बेहाल था , उसकी नाक लाल हो चुकी थी उसने सारी पैकिंग की और बेड पर बैठकर मीरा के लिए लायी रिंग देखकर सोचने लगा,”यू आर द फर्स्ट गर्ल मीरा जिसे मैं प्रपोज करने जा रहा हु ! बस जल्दी से जल्दी तुम्हारे पास पहुंचना है ताकि तुमसे अपने दिल की बात कह सकू , लेकिन तुमने भी तो नहीं कहा ना की तुम मुझसे चाहती हो , फिर भी मैं इंतजार करूंगा तुम्हारी हाँ का !”
“आशु पेकिंग हो गयी हो तो चले , शाम 7 बजे की ट्रेन है !”,तनु ने कमरे में आते हुए कहा
“हां दी , सब हो गया ,, आप चलिए मैं आता हु !”,अक्षत ने डिब्बा बैग की पॉकेट में डालते हुए कहा !
चारो अपने सामान के साथ घर से निकल गए ! काव्या तो बहुत खुश थी अपनी मीरु से जो मिलने वाली थी और अक्षत की ख़ुशी की वजह भी इस बार मीरा ही थी ! सभी स्टेशन पहुंचे और टिकट कन्फर्म कर अपनी सीटों पर आ बैठे ! अक्षत और काव्या एक तरफ थे तनु और सोमित दूसरी और रात का खाना तनु घर से पैक करके लायी थी , सबने वही खाया और फिर अपनी अपनी बर्थ पर लेट गए तनु और सोमित निचे वाली बर्थ पर और अक्षत काव्या के साथ ऊपर वाली बर्थ पर लेकिन नींद उसकी आँखों से कोसो दूर थी ! वह पीठ लगाकर बैठ गया और धीरे धीरे गुनगुनाने लगा
“तुझमे खुद को है पाया , मैंने आजकल
बिन तेरे तन्हा मेरा ये सफर
होंठो पे रहता है जिक्र तेरा
आँखों में बसती है तेरी नजर
पाने को क्यों दिल ये करे ?
खोने से तुझको ये तो डरे
तू है , मैं हु , खुशनुमा है ये पल
बंद आँखों में भी तू ही आये नजर

अक्षत जैसे ही रुका निचे लेटे तनु और सोमित उठ खड़े हुए और अक्षत को देखकर गाने लगे,”कैसे कहे ? हमे कितनी मोहब्बत है , कितनी मोहब्बत है !
अक्षत को लगा वे दोनों सो रहे होंगे पर ऐसा नहीं था उन्हें गाता देखकर अक्षत ब्लश करने लगा और गुनगुनाने लगा,”कैसे कहे ? हमे कितनी मोहब्बत है , कितनी मोहब्बत है !
अब इतनी रात में कोई गाना गाएगा वो भी ट्रेन में तो अजीब लगेगा ही पास वाले डिब्बे से एक आदमी उठकर आया और कहा,”भाई साहब आप लोगो की अंताक्षरी खत्म हो गयी हो तो बता दो सो जाये दो दिन से सफर कर रहे है !”
सोमित ने कान पकड़ लिए और कहा,”माफ़ करना भैया थोड़ा भावनाओ में बह गए थे !” आदमी के जाने के बाद सोमित जीजू ने अक्षत को निचे आने का इशारा किया सोमित जीजू फिर से तनु की बगल में जाकर बैठ गए और अक्षत उन दोनों के सामने वाली बर्थ पर ! तनु भी उठकर बैठ गयी तो सोमित ने कहा,”साले साहब इस तरह तो रात मुश्किल कटेगी ! समझ सकता हु आपकी बेसब्री लेकिन इंतजार का फल मीठा होता है !”
“ऐसी बात नहीं है जीजू !”,अक्षत ने झेंपते हुए कहा !
“अच्छा ये तो बता दे ये शुरू कब हुआ ?”,तनु ने भी अक्षत की लव स्टोरी में दिलचस्पी दिखाते हुए कहा
“आप लोग सच में जानना चाहते हो ?”,अक्षत ने दोनों को हैरानी से देखकर कहा
“हां , अगर बताना चाहे तो”,सोमित ने कहा
“ह्म्म्मम्म , लेकिन मैं नहीं बताऊंगा “,अक्षत ने लेटते हुए कहा !
“ये सही बात नहीं है साले साहब , बता भी दो यार हमे भी पता चले आखिर इतना सख्त मिजाज लड़का मीरा के प्यार में कैसे पड़ गया ?”,जीजू ने कहा तो अक्षत उठकर बैठ गया कहने लगा,”दी जीजू पता हैं वो सबसे अलग है , मतलब उसके जैसा मुझे कोई नहीं दिखता ,, कॉलेज में इतनी लड़कियों के प्रपोजल ठुकराने के बाद मेरी नजरे उस पर ही क्यों रुकी पता नहीं ? शुरु में बहुत गुस्सा आता था जब वो टोकती थी , सबके साथ अच्छे से पेश आती थी , मेरे लिए चाय बनाती थी पर फिर धीरे धीरे आदत हो गयी !!
“यही तो शुरुआत थी प्यार की साले साहब !”,सोमित ने बिच में कहा
“अरे आप कहा बिच में बोल रहे है , उसे बताने तो दीजिये “,तनु ने कहा तो अक्षत हसने लगा और आगे बताने लगा,”वो हमेशा मेरी चाय में चीनी डालना भूल जाती है , उसकी बाते बहुत मीनिंगफुल होती है बस कोई समझने वाला होना चाहिए ! कभी कभी उसे देखकर लगता है मतलब कोई इतना अच्छा कैसे हो सकता है ? वो कभी अपनी ख़ुशी के बारे में नहीं सोचती बस उसे उन सबको खुश रखना है जो उसके आस पास है और उसकी यही खूबी उसे सबसे अलग बनाती है !”
“और फिर तुम्हे उस से प्यार कब हुआ ?”,इस बार सवाल तनु ने किया तो अक्षत मुस्कुरा उठा और कहने लगा,”मैंने कभी सोचा नहीं था की मुझे मीरा से इतनी जल्दी अटेचमेंट हो जायेगा वो भी इतना , एक काम के सिलसिले में जब मीरा को लेकर मैं भोपाल गया था तब मैंने उसकी असली ख़ुशी देखी थी , उसे पहली बार मुस्कुराते खिलखिलाते देखा था , जब घर जाकर उसे अपने अतीत के बारे में पता चला तो पहली बार वो मेरे सामने रो पड़ी ! उसका दर्द उसके आंसू मुझे उस वक्त बहुत तकलीफ दे रहे थे और मैं फैसला नहीं कर पा रहा था की क्यों मैं उसका दर्द महसूस कर रहा हु !! जब रोते हुए आकर वो मेरे गले लगी तब मुझे अहसास हुआ की मैं उस से प्यार करने लगा हु !! उसका मुझे लेकर जो भरोसा था जो उम्मीदे थी वो प्यार ही था !”
“हाउ रोमेंटिक साले साहब , जब इतनी फीलिंग्स है तो मीरा से कहा क्यों नहीं ?”,सोमित ने कहा
“कभी कहने की जरूरत ही नहीं पड़ी जीजू , वो मुझे मुझसे भी ज्यादा समझती है आई थिंक , मेरे कहने से पहले ही वो मेरी हर बात जान जाती है ! जब साथ होती है तो समझ नहीं आता क्या कहु ? क्या नहीं ?”,अक्षत ने कहा
“आई थिंक मीरा भी तुम्हे पसंद करती है !”,तनु ने कहा
“कैसे ?”,अक्षत ने कहा
“जिस तरह से वो तुम्हारी हर छोटी छोटी बातो का ख्याल रखती है ! , तुम्हे प्यार से देखती है , तुम्हारा गुस्सा चुपचाप सहती यही इस से तो यही जाहिर होता है ना की वो भी तुमसे प्यार करती है !”,तनु ने कहा
“लेकिन उसने कभी कहा नहीं !”,अक्षत ने कहा
“लड़किया ऐसे मामलो में जल्दबाजी नहीं करती है , वो सामने वाले का सब्र आजमाती है उसके बाद भी इंतजार करती है की लड़का ही आकर अपने दिल की बात कहे , इसलिए मेरे सडु भाई देर हो उस से पहले जाकर मीरा को बोल दो की तुम्हे उस से प्यार है !”,तनु ने हँसते हुए कहा
“दिस इज नॉट फेयर तनु , अक्षत को सडु कहकर सिर्फ मीरा बुला सकती है , है ना सडु “,जीजू ने अक्षत की और देखकर शरारत से कहा
अक्षत जीजू को घूरने लगा तो सोमित ने उसकी बगल में आकर बैठते हुए कहा,”वैसे कुछ भी इसकी और मीरा की जोड़ी बेस्ट है”
अक्षत मुस्कुराने लगा तो तनु ने कहा,”बस तुम दोनों के प्यार को किसी की नजर ना लगे और तुम दोनों हमेशा ऐसे ही मुस्कुराते रहो !!”
तभी चाय वाला उधर से गुजरा जीजू ने उस से तीन चाय ली और एक एक करके तनु अक्षत की और बढ़ा दी ! तीनो ने चाय पि और फिर चल पड़ी तीनो के बिच कभी ना ख़त्म होने वाली गुफ्तगू , जो की मीरा को लेकर ही थी ! और जितने प्यार से अक्षत उन दोनों को मीरा के बारे में बता रहा था उतने ही प्यार से तनु और सोमित जीजू उसे सुन रहे थे !! देर रात तक जागने के बाद तीनो सोने चले गए और इस बार उन्हें सच में नींद आ चुकी थी !!

अगली सुबह मीरा उठी तो निधि ने उसे बताया की अक्षत जीजू और तनु दी के साथ वापस आ रहा है ! मीरा ने सुना तो खुश हो गयी उसका मन तो नाचने का कर रहा था लेकिन निधि के सामने उसने खुद पर कंट्रोल रखा और कहा,”कब पहुंचेंगे वो लोग ?”
“10 बजे मैं उन्हें लेने जा रही हु तुम चलोगी ?”,निधि ने पूछा
मीरा ने हाँ में गर्दन हिला दी तो निधि ने कहा,”तो यहाँ क्या कर रही हो ? जल्दी से उठो और तैयार हो जाओ !”
मीरा उठी और नहाने चली गयी जब वापस आयी तो कबर्ड से कपडे निकालकर देखने लगी आज पहली बार मीरा अपने कपड़ो पर ध्यान दे रही थी ! एक एक करके वह सारे कपडे बेड पर डाल रही थी ! उसे समझ नहीं आ रहा था क्या पहने ? तभी निधि कमरे में आयी उसने मीरा को देखा तो कहा,”तुम अभी तक तैयार नहीं हुई ? जल्दी करो बाबा !”
“निधि हमे समझ में नहीं आ रहा क्या पहने ?”,मीरा ने मासूम सा चेहरा बनाकर कहा
“कुछ भी पहन लो भाई को तो तुम पसंद आ ही जाओगी !”,निधि ने मीरा को छेड़ते हुए कहा
“शट अप , बताओ ना हम क्या पहने ?”,मीरा ने कहा
“अच्छा कल जो सफेद कुर्ती हम लोग मार्किट से लाये थे , तुम वो पहन लो ! आज अर्जुन भैया की हल्दी भी है तो सही रहेगा और वैसे व्हाइट अक्षत भैया का फेवरेट भी है !”,कहते हुए निधि वहा से भाग गयी ! मीरा को तंग करने का वह एक भी मौका नहीं छोड़ती थी !
मीरा ने फटाफट से वो सफेद रंग की कुर्ती लाल चूड़ीदार के साथ पहनी और दुपट्टा लेकर कमरे से बाहर आ गयी ! अक्षत को देखने की इतनी जल्दी थी उसे की जल्दबाजी में ना आज उसने ठीक से बाल बनाये ना ही कानो में कुछ पहना ! निचे आयी तो दादी ने पूजा की थाली से कुमकुम उसके माथे पर लगा दिया ! मीरा निधि के साथ बाहर निकल आयी ! निधि और मीरा अपनी स्कूटी से स्टेशन पहुंची ट्रेन के आने में अभी वक्त था ! मीरा बार बार घड़ी देखती तो कभी रेलवे ट्रेक को निधि उसकी बेचैनी खूब समझ रही थी ! कुछ देर बाद ट्रेन आयी जैसे जैसे वो प्लेटफॉर्म पर आ रही थी मीरा की धड़कने उसी लय में धड़कती जा रही थी ! ट्रेन आकर रुकी डिब्बे से जीजू अपने बैग्स के साथ निकले तो निधि भागकर उनके पास गयी , मीरा भी चली आई उसने नमस्ते की और देखा जीजू के पीछे तनु दी काव्या का हाथ पकडे निचे उतरी ! उसके बाद दूसरे पैसेंजर्स उतरने लगे अक्षत तो उतरा ही नहीं मीरा देखे जा रही थी , सब एक एक करके उतर रहे थे लेकिन उनमे अक्षत नहीं था ! मीरा उदास हो गयी तो तनु ने कहा,”चले मीरा !”
“आप लोग ही आये हो !”,मीरा ने कहा
“हां मैं तनु और काव्या”,जीजू ने कहा !
“हम्म्म्म !”,मीरा ने कहा उसकी ख़ुशी उदासी में बदल गयी अक्षत नहीं आया था ! तभी किसी ने उसकी बगल में आकर उसके कान के पास आकर कहा,”क्यों कोई और भी आने वाला था क्या ?”
मीरा ने अपनी बगल में देखा तो अक्षत खड़ा था और बड़े प्यार से उसे देख रहा था ! जीजू तनु और निधि मीरा की हालत देखकर जोर जोर से हसने लगे !
“चलो जीजू चलते है आज अर्जुन भैया की हल्दी है मजा आने वाला है !”,निधि ने कहा
काव्या ने मीरा को चुप देखा तो निचे झुकने का इशारा किया मीरा निचे हुयी तो काव्या ने उसके कान में कहा,”मामू आपको बहुत तंग करते है न मीरु , अब मैं आ गयी न अब हम मिलकर इनको परेशान करेंगे !”
नन्ही काव्या की बात सुनकर मीरा मुस्कुरा दी और उसे अपनी गोद में उठा लिया , जीजू , निधि और तनु आगे बढ़ गए ! काव्या को लेकर मीरा जाने लगी और अक्षत की और देखकर बड़बड़ाते हुए कहा,”सडु !” कितने दिनों बाद अक्षत ने मीरा के मुंह से अपने लिए वो नाम सूना था मीरा आगे बढ़ गयी तो अक्षत ने बड़े प्यार कहा,”अजी सुनिए !”
मीरा हैरानी से पलटी और कहां,”जी !
“सॉरी !”,अक्षत ने मासूम सा मुंह बनाकर कहा तो मीरा मुस्कुरा दी ! अक्षत भी अपना बैग उठाये उसके साथ चल पड़ा ! जीजू ने ऑटो किया और सब उसमे आ बैठे अक्षत काव्या के साथ निधि की स्कूटी लेकर निकल गया !! सभी घर पहुंचे राधा ने अक्षत को देखा तो खुश हो गयी , सभी सोमित और तनु से मिले और फिर राधा ने उन्हें फ्रेश हो जाने को कहा ताकि अर्जुन की हल्दी की रस्म में सभी शामिल हो सके ! अक्षत भी अपना बैग लिए अपने कमरे में आया मीरा को देखते ही उसका दिल खुश हो गया ! नहाने के बाद वह कबर्ड के सामने आया और खोला तो कुछ कपडे छोड़कर बाकि कपडे गायब थे ! अक्षत ने टीशर्ट और ट्राउजर पहना और कमरे से बाहर आया ! उसने ऊपर से ही राधा को आवाज लगाई और कहा,”माँ मेरे कपडे कहा है ?”
“रघु को दिए थे प्रेस करने को , रुक मैं भेजती हु उसे !”,राधा ने कहा तो अक्षत वही हॉल में चक्कर काटने लगा ! कुछ ही देर में रघु आया और कहा,”हां अक्षत बाबा !”
“रघु मेरे सारे कपडे कहा है ?”,अक्षत ने कहा
“आपके कपडे , रुकिए मैं अभी लाया !”,रघु ने कहा और चला गया अक्षत बालकनी में आकर खडा हो गया ! कुछ देर मे रघु अक्षत के प्रेस किये हुए कपडे लेकर आया उन्ही कपड़ो में अक्षत की वो ब्लेक शर्ट भी थी जो मीरा ने पहनी थी ! रघु ने अक्षत को कपडे दिए और निचे चला आया ! अक्षत कपडे लेकर कमरे में आया उसने जींस निकालकर पहनी और ब्लेक वाला शर्ट पहना ! शर्ट पहनते ही उसे शर्ट से लेडीज परफ्यूम की स्मेल आयी अक्षत को ये बड़ा अजीब लगा वह वापस बाहर आया और रघु को फिर से आवाज लगाई ! बेचारा रघु डरते डरते फिर ऊपर आया और कहा,”जी भैया !
“कपडे तुमने प्रेस किये ?”,अक्षत ने पूछा
“वो अक्षत बाबा प्रेस तो मैं ही करने वाला था लेकिन मीरा दीदी ने कहा की वो कर देगी , कुछ गलती हुई क्या ?”,रघु ने डरते डरते कहा !
“कपडे मीरा ने प्रेस किये ?”,अक्षत ने हैरानी से कहा
“हां !”,रघु ने कहा
“ठीक है तुम जाओ “,कहकर अक्षत वापस कमरे में चला आया ! आईने के सामने आकर वह खुद से ही बाते करते हुए कहने लगा,”मतलब ये लेडीज परफ्यूम की स्मेल हमारी मीरा की है ! पागल लड़की सच में , लड़को की शर्ट कौन पहनता है ?” अक्षत ने मुस्कुराते हुए शर्ट वापस उतार दी और सफेद रंग की शर्ट पहन ली जो मीरा की ड्रेस से मैच हो रही थी !! तैयार होकर अक्षत निचे आया तब तक तनु और सोमित भी आ चुके थे ! हल्दी की रस्म बाहर बगीचे में रखी थी सभी वहा जमा हो गए !
सोमित जीजू ने भी सफेद रंग का कुरता पजामा पहना हुआ था ! तनु ने पिले रंग की साड़ी पहनी थी ! अर्जुन आकर बैठ गया सभी बारी बारी से उसे हल्दी लगाने लगे ! जरुरी कॉल आने की वजह से अक्षत अंदर चला गया तनु , सोमित जीजू , सुनीता , निधि और मीरा ने भी अर्जुन को हल्दी लगाई ! सबने बहुत मजे किये , हल्दी सने हाथो के साथ में ढेर सारे फोटो लिए ,, मीरा ने देखा अक्षत कही नजर नहीं आ रहा तो वह हल्दी से सने हाथो से ही उसे ढूंढने अंदर चली गयी ! अक्षत कही दिखाई नहीं दिया तो उसने अंदर काम करते रघु से पूछा,”रघु भैया अक्षत जी को कही देखा ?”
“नहीं दीदी !”,कहकर रघु फिर काम में लग गया मीरा अक्षत को ढूंढते हुए बालकनी की और चली गयी अक्षत फोन कट करके हॉल में आया तो रघु ने कहा,”अक्षत बाबा , मीरा दीदी आपके बारे में पूछ रही थी !”
अक्षत ने देखा मीरा बालकनी की और से चली आ रही है तो वह उसके पास चला आया और कहां,”तुम मुझे ढूंढ रही थी ?”
“हां !”,मीरा ने कहा
“क्यों ? कुछ काम था ?”,अक्षत ने कहा
“अह्हह्हं हां , वो सब अर्जुन भैया को हल्दी लगा रहे है , आप वहा से गायब थे !”,मीरा ने कहा
“तो ?”,अक्षत ने कहा
“तो हमने सोचा क्यों ना आपको हल्दी हम ही लगा दे”,कहकर मीरा ने हाथो पर लगी हल्दी अक्षत के दोनों गालो पर लगा दी और बाहर भाग गयी !!
अक्षत भी उसके पीछे आया बाहर आकर उसने अर्जुन को हल्दी लगायी ! उसके गालो पर हल्दी लगी देखकर भुआ ने कहा,”अरे बबुआ तुम्हे हल्दी किसने लगा दी ? अर्जुन के साथ कही तुम भी तो दुल्हन लाने का नहीं सोच रहे !”
“नहीं भुआ मेरी दुल्हन लेने के लिए ज्यादा दूर नहीं जाना पडेगा”,अक्षत ने मीरा की और देखते हुए कहा तो मीरा शरमा कर तनु के पीछे छुप गयी !! अक्षत ने निचे रखी थाली से हल्दी अपने हाथो में उठाई और हथेलियों को मसलते हुए मीरा की और बढ़ा की मीरा अंदर भाग गयी ! अक्षत भी उसके पीछे चला आया , बाकि सभी घरवाले बाहर नाच गाने में बिजी थे ! मीरा अंदर आ गयी उसके पीछे अक्षत भी घर के एक कोने में आकर मीरा रुक गयी अक्षत बिल्कुल उसके सामने जाये तो कहा जाये ! अक्षत ने मीरा को हल्दी लगाने के लिए जैसे ही हाथ आगे बढ़ाये मीरा ने कहा,”आप हमे हाथ नहीं लगा सकते”
“अच्छा , ठीक है पर मैं तुम्हे बिना हाथो के भी हल्दी लगा सकता हु”,अक्षत ने कहा
“वो कैसे ?”,मीरा ने मासूमियत से पूछा !
अक्षत ने अपने हाथो पर लगी हल्दी अपने ही गालो पर लगा ली और मीरा की और बढ़ा उसने अपने हाथो को पीछे कर लिया ! अक्षत की नजदीकियों से मीरा का दिल बहुत तेजी से धड़क रहा था अक्षत ने अपना गाल मीरा के गाल से लगाया और अपने गाल की हल्दी मीरा के गाल से लगा दी ! वो बहुत खूबसूरत अहसास था जिस से मीरा ने अपनी आँखे बंद कर ली , कुछ शर्म से और कुछ अक्षत की छुअन से !! मीरा के दूसरे गाल के साथ भी अक्षत ने वही किया और फिर कहा,”देखा मैंने तुम्हे हाथ नहीं लगाया है !”
मीरा ने अपनी आंखे खोली अक्षत उसे ही देख रहा था मीरा ने अपने हल्दी वाले हाथ अक्षत की शर्ट पर लगाते हुए उसे पीछे धकेला और वहा से बाहर की और भाग गयी !
जाते जाते वह अपने हाथो की छाप अक्षत के शर्ट पर छाप गई !

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