कितनी मोहब्बत है – 10
Kitni mohabbat hai – 10

मीरा बार बार अक्षत का फोन ट्राय कर रही थी लेकिन हर बार बंद ही आ रहा था ! ! कुछ देर बाद घर का रिसीवर बजा मीरा ने रिसीवर उठाया दूसरी और अर्जुन था उसने कहा,”मीरा डोंट वरी दादू ठीक है , एडमिट किया है ! हमे देर हो जाएगी तुम प्लीज दरवाजा लॉक कर लेना और कोई प्रॉब्लम हो तो फोन करना !”
“जी , दादू ठीक तो हो जायेंगे न !”,मीरा की आवाज में घबराहट थी !
“हां सुबह तक बिल्कुल ठीक हो जायेंगे !”,अर्जुन ने कहा
“हम्म्म्म , हम रखते है !”,मीरा ने धीरे से कहा
“ठीक है , अपना ख्याल रखना !”,अर्जुन ने कहा और फोन काट दिया !
मीरा वही हॉल में सोफे पर बैठी अक्षत के आने का इंतजार करने लगी ! अक्षत तो नहीं आया उलटा मीरा को ही नींद आ गयी वह वही सोफे से सर लगाकर सो गयी ! दादू के बारे में अक्षत को कुछ पता नहीं था ! देर रात जब वह घर आया तो दरवाजा लॉक था बेल बजाकर वह किसी को डिस्टर्ब नहीं करना चाहता था इसलिए ऊपर के रास्ते से अंदर चला आया !
अपने कमरे में आकर कपडे चेंज किये और जैसे ही पानी पिने के लिए बॉटल उठाया बॉटल खाली थी ! अक्षत बॉटल लेकर निचे चला आया और सीधा किचन में आकर बॉटल में पानी भरा और बाहर चला आया ! चलते हुए उसकी नजर मीरा पर गयी ! उसे हॉल में सोफे पर सोये देखकर अक्षत को बड़ा अजीब लगा ! वह उसके पास आया सोते हुए मीरा बहुत खूबसूरत लग रही थी उसकी बंद आँखों में एक ठहराव था ! हॉल के कोने में रखा हीटर ऑन था लेकिन हल्की ठण्ड अभी भी थी वहा !
बाहर से आती लाइट की धुंधली से रौशनी मीरा के चेहरे पर गिर रही थी ! अक्षत वही खड़ा एकटक उसे निहारता रहा और फिर चला गया ! कुछ देर बार अक्षत वापस आया उसके हाथ में एक मुलायम और अच्छा वाला कम्बल था ! अक्षत ने उसे खोला और मीरा को ओढ़ा दिया ! जैसे ही कम्बल ने मीरा को छुआ एक सुकून उसके चेहरे पर दिखाई दिया ! हॉल में रखा हीटर भी उसने लाकर बिल्कुल मीरा के पास लगा दिया जिससे उसे गर्माहट मिलती रहे !! पहली बार था जब अक्षत ने अपने अलावा किसी और की परवाह की थी !
अक्षत वही टेबल पर बैठकर मीरा के चेहरे को देखता रहा ! रात का तीसरा पहर , हल्की ठण्ड , खामोशियाँ और उनके बिच बैठा अक्षत एकटक मीरा को देख रहा था ! कुछ देर देखता रहा और फिर उठकर चला गया !!
अपने कमरे में आकर लेट गया लेकिन जैसे ही मीरा का ख्याल आया उसकी आँखों दिन वाला नजारा आ गया जब उसने अर्जुन और मीरा को साथ बैठे देखा था ! मीरा को भूलकर वह सोने की कोशिश करने लगा लेकिन ख्याल नींद पर हावी थे !! अक्षत उठा ड्रावर से सिगरेट निकाली और सुलगा कर बालकनी में आकर खड़ा हो गया !
अक्षत ने सिगरेट के एक दो कश लगाए और फिर फेंक दी ! उसने एक गहरी साँस ली और पीठ बालकनी से टीकाकर खड़ा हो गया ! ये बेचैनी क्यों थी अक्षत नहीं जानता था ! रात के अँधेरे में अतीत उसकी आँखों के सामने तैर गया ! 6 महीने पहले
“अक्षत कम ऑन यार आज कॉलेज का आखरी दिन एंड उसके बाद सब अपनी अपनी लाइफ में बीजी हो जायेंगे ! लेट एन्जॉय ना अक्षत !”,मोना ने कहा !
“मोना मैं ड्रिंक नहीं करता !”,अक्षत ने कहा
“ओह्ह कम ऑन यार तुम बच्चे नहीं हो ! एक पैग हम सबकी दोस्ती के नाम !”,मोना ने फ़ोर्स करते हुए कहा !
“पि ले यार , इतनी बुरी भी नहीं है !”,शुभ ने अपनी ड्रिंक खत्म करते हुए कहा
“तुम लोगो को पीनी है तो पि लो मुझे नहीं चाहिए !”,कहते हुए अक्षत दूसरी तरफ चला गया !
“सिल्ली बॉय ! लेटस इंजॉय”,मोना ने बाकि स्टूडेंट्स के साथ चियर्स करते हुए कहा
डांस , शोर शराबा , चमकीली रंग बिरंगी लाईटो के बिच सभी थिरक रहे थे !
अक्षत का दम घुटने लगा तो वह बाहर बालकनी में आ गया और सिगरेट जला ली ! बस यही एक बुरी आदत थी उसे और उसकी तन्हाई की साथी भी ! जैसे ही अक्षत ने सिगरेट जलाई मोना ने मुंह से निकालकर फेंकते हुए कहा,”अक्षत ड्रिंक नहीं करते , जूस तो पि सकते हो !”
“या स्योर ! थैंक्स”,कहते हुए अक्षत ने जूस का गिलास ले लिया !
मोना भी वही खड़ी हो गयी और अक्षत की और देखते हुए कहा,”एक बात पुछु ?”
“हम्म्म !”,अक्षत ने सामने देखते हुए कहा मोना की और वह देख तक नहीं रहा था !
“तुम कॉलेज टॉपर हो , हैंडसम हो , पर्सनालिटी भी बहुत हॉट है कॉलेज की सारी लड़किया तुम पर फ़िदा है , लेकिन तुम किसी को भाव नहीं देते ऐसा क्यों ?”,मोना ने कहा !
“तारीफ करने के लिए थैंक्स ! वो सब लड़किया मेरे टाइप की नहीं है !”,अक्षत ने इस बार भी बिना मोना की तरफ देखे कहा !
“तो किस टाइप की लड़की पसंद है तुम्हे ? मेरे जैसी !”,मोना ने उम्मीद के साथ कहा ! अक्षत मुस्कुराया और कहा,”तुम मेरे टाइप की नहीं हो मोना ! अक्षत व्यास शोर शराबा और चमक धमक पसंद नहीं करता ! मुझे सादगी पसंद है !”
“हां हां हा , सादगी ! हाउ ओल्ड फैशन्ड यू आर अक्षत , आज के जमाने में सादगी कौन रखता है !”,मोना ने अक्षत का मजाक उड़ाते हुए कहा !
“कोई तो रखती होगी ! उसके मिलने तक इंतजार कर लूंगा !”,अक्षत ने जूस पीते हुए कहा !
मोना उसके करीब आयी और कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”जब तक वो नहीं मिलती कुछ और ट्राय कर लो !”
अक्षत ने मोना को पीछे करते हुए कहा,”ऐसे शौक अक्षत व्यास ने कभी नहीं रखे ! मेरे प्यार का एक एक पल सिर्फ उसी के लिए होगा जो मेरे दिल और दिमाग दोनों को अच्छी लगे ! सॉरी !”
अक्षत वहा से चला गया ! मोना दिखने में कम नहीं थी पर अक्षत ना जाने क्या ढूंढ रहा था !! बालकनी से जब अंदर आया तो सर कुछ कुछ चकराने लगा ! अक्षत सोफे पर बैठ गया ! सब धुंधला धुंधला नजर आ रहा था और कानो में गूंज रहा था तेज गानो का शोर !
जब ठंडी हवा के झोंके ने उसे छुआ तो अक्षत वर्तमान में लौट आया ! ठण्ड का अहसास हो रहा था अक्षत कमरे में चला आया और बिस्तर पर लेट गया ! देर सवेर उसे नींद आ ही गयी ! सुबह जब मीरा की आँख खुली तो उसने देखा वह हॉल में ही सो गयी है ! खुद को कम्बल से ढके देखकर और पास में हीटर देखकर हैरानी भी हुई ! “शायद निधि ने किया हो !”,सोचकर मीरा मुस्कुरा उठी !! वह उठी और नहाकर निचे चली आयी ! बाल गीले थे इसलिए उन्हें तोलिये में लपेट लिया ! मीरा किचन में चली आयी लेकिन उसे तो कुछ बनाना ही नहीं आता था !!
मीरा परेशान सी खड़ी सोच रही थी की अक्षत निचे आया घर में किसी को ना पाकर वह सीधा किचन में चला आया वहा सुबह सुबह मीरा को देखकर वह चौंक गया और कहा,”सब घरवाले कहा है ?”
“आपको वाकई में उनकी परवाह है ?”,मीरा ने अक्षत को ताना मारते हुए कहा !
“क्या मतलब ?”,अक्षत ने पूछा
“मतलब ये की कल रात से हम आपको फोन कर रहे है लेकिन नहीं लग रहा है ! दादू की तबियत अचानक खराब होने से बाकि सब उन्हें लेकर हॉस्पिटल चले गए !”,मीरा ने शांत लहजे में कहा !
“व्हाट ? कब हुआ ये सब ?”,अक्षत ने हैरानी से कहा !
“कल रात ! अभी वो ठीक है”,मीरा ने कहा !
अक्षत ख़ामोशी से वही पड़ी कुर्सी पर बैठ गया , उसे बहुत बुरा लग रहा था मीरा ने अक्षत के लिए चाय चढ़ाई ! जब तक मीरा ने चाय बनाई दोनों के बिच ख़ामोशी फैली रही !
मीरा ने चाय छानकर कप अक्षत की और बढाकर कहा,”चाय पि लीजिये !”
अक्षत ने कप लेकर मीरा की और देखते हुए कहा,”सॉरी !”
“सॉरी किसलिए ?”,मीरा ने हैरानी से कहा
“अपनी गैरजिम्मेदारी के लिए !”,अक्षत ने उदास होकर कहा !
“आप चाहे तो इसे दूर कर सकते है !”,मीरा ने धीरे से कहा !
“कैसे ?”,अक्षत ने कहा
“पहले चाय पीजिये फिर बताते है !”,मीरा ने कहा और किचन से बाहर चली गयी ! अक्षत ने चाय पि और मुस्कुरा उठा आज भी मीरा चाय में चीनी डालना भूल गयी थी ! अक्षत ने जब तक चाय ख़त्म की तब तक मीरा अपने बालो को सुखाकर वापस आ चुकी थी ! मीरा को देखकर अक्षत ने कहा,”क्या करना होगा ?”
“घरवालों के लिए नाश्ता बनाने में हमारी मदद !”,मीरा ने कहा !
“हम्म्म्म ! ओके क्या करना है ?”,अक्षत ने कहा
“अर्जुन जी हमारी बात हुई थी उन्होंने कहा दो घंटे बाद वो सब दादू को लेकर घर आ जायेंगे ! इसलिए दादू के लिए कुछ हल्का और बाकि सब के लिए नाश्ता बनाना है !”,मीरा ने बर्तन उठाते हुए कहा !
अक्षत उसके पास आया और कहा,”पहले कभी किचन में काम नहीं किया ना ?”
“आंटी की मदद की है , उस से पहले कभी नहीं किया !”,मीरा ने कहा
“हम्म तभी , किचन में काम करने से पहले एप्रिन पहन लेना चाहिए , जिस से कपडे ख़राब नहीं होते !”,अक्षत ने उसकी और एप्रिन बढ़ाते हुए कहा !
“हम्म्म !”,मीरा ने एप्रिन ले लिया लेकिन पहनना नहीं आता कैसे पहने ? अक्षत ने देखा तो उसके हाथ से वापस एप्रिन लिया और खोलकर मीरा को पहना दिया ! जब वो उसके करीब था तो उसके परफ्यूम की खुशबु मीरा को छूकर गुजर रही थी ! अक्षत के करीब आने से जो फीलिंग्स मीरा को होने लगी थी वह सिर्फ वही महसूस कर सकती थी ! जब उसने अक्षत की और देखा तो अक्षत के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे !
वह ख़ामोशी से मीरा के एप्रिन की डोरी बांधता रहा ! अक्षत मीरा से दूर हुआ और कहा,”मैं बनाता हु तुम सिर्फ मेरी मदद कर देना !”
“हम्म्म्म !”,मीरा ने कहा
अक्षत ने शुरू किया वह मीरा की हेल्प लेकर नाश्ता बना रहा था ! उसने दादाजी के लिए खिचड़ी और बाकि सब के लिए उपमा तैयार किया साथ ही मेथी और बेसन की पुरिया और छौंक वाला दही ! मीरा तो बस देखते ही रह गयी ! लड़का होकर भी अक्षत ये सब काम बखूबी कर रहा था ! जैसे ही उपमा तैयार हुआ अक्षत ने एक चम्मच में लिया और मीरा की और बढाकर कहा,”चखकर देखो कैसा बना है ?”,
मीरा ने अपने दोनों हाथ अक्षत के सामने कर दिए जिनपर आटा लगा था ! अक्षत आगे आया और अपने हाथ से चम्मच मीरा की और बढ़ा दिया ! मीरा ने खाया उपमा बहुत टेस्टी बना था ! मीरा ने अंगूठे और ऊँगली को जोड़कर इशारे से बताया की अच्छा बना है क्योकि उसके मुंह में उपमा था जिसका टेस्ट वह बिच में बोलकर ख़राब करना नहीं चाहती थी !! अक्षत वापस काम में लग गया ! नाश्ता तैयार होने के बाद मीरा ने उसे टेबल पर लगा दिया !
अक्षत हाथ मुंह धोने वाशबेसिन की और चला गया ! अक्षत वापस आया तब तक मीरा सारा खाना लगा चुकी थी ! निधि भी नीचे आ चुकी थी मीरा ने उसे सब बता दिया ! कुछ देर बाद जैसे ही डोरबेल बजी दरवाजा अक्षत ने खोला दादू सही सलामत बाकि घरवालों के साथ खड़े थे ! दादू को देखते ही अक्षत उनके गले लग गया और कहा,”थैंक गॉड आप ठीक हो !”
“अरे मैं बिल्कुल ठीक हु , तेरा बाप मुझे खामखा हॉस्पिटल लेकर चला गया ! पुरे 5000 रूपये लगे वहा !”,दादाजी ने अंदर आते हुए कहा !
“हां हां पापा मालूम है आप लम्बी रेस को घोड़े हो !”,पीछे से विजय ने कहा !
सभी अंदर आकर बैठ गए विजय की नजर जैसे ही अक्षत पर पड़ी उन्होंने गुस्से से कहा,”कहा थे तुम कल रात ?”
अक्षत की सिटी पिट्टी गुम क्या कहे ? सोच ही रहा था की तभी मीरा आगे आयी और कहा,”अंकल ये हमारे साथ ही थे ! जैसे ही आप लोग निकले ये घर आ गए थे ! ये तो हॉस्पिटल आना चाहते थे लेकिन हमने ही रोक दिया हम और निधि इतने बड़े घर में अकेले थे इसलिए ! ये रातभर सोये नहीं है दादू के लिए परेशान होते रहे !”
मीरा ने आज दूसरी बार झूठ कहा ! विजय आगे आया और अक्षत को देखकर कहा,”हम्म्म आँखे इसलिए सूजी हुई है शायद , खैर कोई नहीं अब तुम्हारे दादू बिल्कुल ठीक है !” विजय ने कहा तो अक्षत को चैन आया विजय राधा की और पलटे और कहा,”राधा मैं नहाने जा रहा हु तब तक सबके नाश्ते का इंतजाम कर दो !”
“ठीक है !”,राधा ने कहा !
“नाश्ता तैयार है आप सब लोग जाकर नहा लीजिये !”,मीरा ने कहा तो सभी को हैरानी हुई और फिर उन्हें लगा की मीरा ने बना लिया होगा ! अर्जुन तो ये सुनकर मीरा पर फ़िदा ही हो गया की इतनी जल्दी वो इस घर को अपना मानने लगी है ! सभी नहाकर आये और नाश्ते के लिए डायनिंग टेबल पर आ बैठे तब तक मीरा ने सबके लिए चाय भी बना दी ! आज मीरा ने राधा को बैठने को कहा और खुद ही सबको नाश्ता परोस रही थी ! सबको नाश्ता और दादू के लिए जैसे ही खिचड़ी परोसी दादू ने कहा,”अरे अरे ये भेद भाव क्यों ?”
“क्योकि आप अभी अभी ठीक हुए है और आपके लिए हल्का खाना ही सही रहेगा दादू !”,मीरा ने प्लेट में चम्मच रखते हुए कहा !
“लेकिन,,,,,,,,,,!!”,दादू ने जैसे ही आगे कहना चाहा मीरा ने रोक दिया और जूस का ग्लास उनकी और बढाकर कहा,”लेकिन वेकिन कुछ नहीं अबसे आपको यही खाना है”
मजबूरन दादू को मीरा की बात माननी पड़ी उन्होंने जूस का गिलास लिया और चुपचाप पिने लगे ! अर्जुन ने देखा तो दादू की और देखकर कहा,”आज दादू सही हाथो में आये है ! मीरा के सामने इनकी नहीं चलेगी !”
सभी हंस पड़े सिवाय अक्षत के वो कही और ही खोया हुआ था ! सबने नाश्ता शुरू किया विजय ने जैसे ही एक चम्मच उपमा चखा कहा,”अह्ह्म्म बहुत अच्छा बना है , तुम्हारे हाथो में तो जादू है मीरा ! चाय तो अच्छी बनाती ही हो राधा के साथ रहकर खाना बनाना भी सिख लिया !”
“अंकल ये सब हमने नहीं , अक्षत जी ने बनाया है !”,मीरा ने अक्षत की और देखकर कहा जो इतनी देर से खामोश बैठा था !
सभी की गर्दन अक्षत की और घूम गयी जैसे किसी को भी मीरा की बात का यकीन ना हुआ हो ! दादी ने अक्षत को अपने पास बुलाया अक्षत उठकर उनके पास गया तो दादी ने उसका गाल चूमते हुए कहा,”तूने ये सब हम लोगो के लिए किया है ये सुनकर ही मेरा तो पेट भर गया !”
अक्षत ने दादी को गले लगा लिया और एक चम्मच खिलाते हुए कहा,”लेकिन पेट तो ये खाकर ही भरेगा ना !” और उसके बाद अक्षत सबको अपने हाथो से एक एक बाईट राधा दादू को भी खिलाया !
सभी खुशी खुशी नाश्ता कर रहे थे और इस खुशी की वजह था अक्षत l आज कितने दिनों बाद वह पूरे परिवार के साथ था l
“सबको खिला दिया पापा को भूल गया “,विजय ने झूठ मुठ का गुस्सा दिखाकर कहा
अक्षत उनके पास आया और उन्हें खिलाकर कहा,”आपके बिना मैं क्या हु ?”
आज पहली बार मीरा ने अक्षत को हसंते मुस्कुराते देखा था l मुस्कुराता हुआ अक्षत उसे बहुत प्यारा लग रहा था l
मीरा बस उसे देखती रही सभी नाश्ता करके चले गए मीरा दादाजी को लेकर उनके कमरे तक छोड़कर आ गयी l जैसे ही बाहर निकली अक्षत सामने मिल गया और कहा,”thankyou एक्चुअली दो बार thankyou
“दो बार क्यो ?”,मीरा ने हैरानी से कहा
“एक thankyou पापा से बचाने के लिए ओर दूसरा thankyou इतनी सारी खुशियां देने के लिए !”,अक्षत ने प्यार से कहा
“आपने अच्छा किया इसलिए सबने आपको प्यार दिया , अगर आप हमेशा सबके साथ प्यार से रहेंगे तो घर मे सब आपको प्यार करेंगे “,मीरा ने मासूमियत से कहा
“सब ?”,अक्षत ने मीरा की आंखो में देखते हुए कहा
“हा सब”,मीरा भी उन आंखो में डूबती चली गयी
“सब”,अक्षत ने एक बार फिर कहा
“हा सब”,मीरा ने कहा
दोनो खामोश खड़े एक दूसरे की आंखो में देखते रहे l
क्रमशः – कितनी मोहब्बत है – 11
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संजना किरोड़ीवाल


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Nice
Akshst k liye sab ka matlab meera se tha😍😘
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