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कितनी मोहब्बत है – 18

Kitni mohabbat hai – 18

कितनी मोहब्बत है

By Sanjana Kirodiwal

Kitni mohabbat hai – 18

मीरा का नया रूप देखकर अक्षत तो हैरान ही रह गया था ! मीरा को अब तक वह बहुत सीधा और डरपोक समझ रहा था लेकिन सच्चाई तो कुछ और ही थी ! अक्षत ने चलते चलते कहा,”हम्म्म्म समझ तो जाऊंगा बाकि सबके सामने कुछ और मेरे सामने कुछ और ऐसा क्यों ?
मीरा रुकी और अक्षत की और पलटकर कहा,”जो घर में देखा वो भी हम थे , जो कुछ देर पहले देखा वो भी हम ही है ! कई बार हम वो नहीं दिखा पाते जो हम हकीकत में है बस कुछ मजबूरियों के चलते अपना सच छुपाना जरुरी हो जाता है !”
मीरा की बात सुनकर अक्षत खामोश हो गया और उसे देखता रहा , मीरा की आँखों में उसके बीते हुए कल का सच दिखाई दे रहा था जिससे अक्षत अभी अनजान था ! उसे खामोश देखकर मीरा ने कहा,”चलिए देर हो रही है !”
दोनों शोरूम पहुंचे दुकानदार ने अक्षत से कहा,”जी सर क्या दिखाऊ ?’
“इनके लिए कोई अच्छा सा ड्रेस दिखाईये !”,अक्षत ने पास पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए कहा !
“हमारे लिए क्यों ? आप तो नीता जी के लिए तोहफा लेने आये थे !”,मीरा ने हैरानी से कहा !
“हम्म्म , झूठ कहा था ? भाभी के लिए तो मैंने गिफ्ट कल ही खरीद लिया था ! अभी तुम देखो”,अक्षत ने कहा !
“लेकिन हमे नहीं चाहिए !”,मीरा ने कहा
“मैंने पसंद करने के लिए कहा है , चाहिए या नहीं ये नहीं पूछा !”,अक्षत ने घूरते हुए कहा !
मीरा ने कुछ नहीं कहा तो अक्षत उठा और दुकानदार से कहा,”आप दिखाईये !”
दुकानदार कपडे दिखाने लगा मीरा को बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था ! अक्षत ने कुछ ड्रेसेज सेलेक्ट किये और मीरा से कहा,”जाओ जाकर ट्राय करके देखो !”
“लेकिन !”,मीरा ने कहना चाहा तो अक्षत ने रोक दिया और कहा,”श्श्श्श जो कहा है वो करो ! जाकर ट्राय करो !”
“मेडम को चेंजिग रूम बताओ !”,दुकानदार ने पास खड़ी लड़की से कहा !
“आईये मेम !”,लड़की ने कहा तो मीरा उसके पीछे पीछे चल पड़ी !! चेंजिग रूम के सामने आकर लड़की रुक और मीरा से अंदर जाने को कहा,”मीरा कपडे लेकर अंदर आयी और सोच में पड़ गयी की उसे अक्षत से ये सब लेना चाहिए या नहीं ! लेकिन साथ ही उसे अच्छा भी लग रहा था की अक्षत ने उसके लिए ये सब किया ! सबसे पहले उसने रेड कलर का गाउन पहना और बाहर आयी ! मीरा पर वह गाउन बहुत जच रहा था लेकिन अक्षत को पसंद नहीं आया और उसने वही बैठे बैठे गर्दन हिलाते हुए कहा,”उम्म्म अच्छा नहीं लग रहा , दुसरा ट्राय करो !”
मीरा वापस चली गयी इस बार उसने प्लाजो और ऊपर कट जैकेट पहना और वापस आयी ! अक्षत को वो भी पसंद नहीं आया उसने कहा,” कलर अच्छा नहीं है ! दूसरा ट्राय करो” मीरा खीजकर वहा से चली गयी ! चेंजिग रूम में आकर वह बड़बड़ाने लगी,”लड़कियों से भी ज्यादा नखरे है इनके , ये अच्छा नहीं है वो अच्छा नहीं है ,, अपनी ही पसंद को भला कोई कैसे ख़राब कह सकता है ? पर ये तो कह सकते है कॉम्प्लिकेटेड जो ठहरे !”
बड़बड़ाते हुए मीरा ने तीसरा ड्रेस पहना जो की बहुत टाइट फिटिंग में था और उसका पीछे का हिस्सा बहुत डीप कट था ! अक्षत ने देखते ही ना कह दिया ! अब आखरी ड्रेस बची थी मीरा अंदर गयी ! गोल्डन रंग का ब्लाउज और गोल्डन वर्क से सजा लहंगा था साथ में हलके गुलाबी रंग का नेट का दुपट्टा था ! मीरा ने वह पहना बलाउज थोड़ा लूज था लेकिन जैसे ही उसने खुद को शीशे में देखा बस देखती ही रह गयी ! वह ड्रेस उस पर बहुत जच रही थी ! मीरा बाहर आयी जैसे ही अक्षत ने मीरा को देखा कुर्सी से उठ खड़ा हुआ , उसकी नजरे मीरा से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी ! मीरा ने अक्षत को खामोश देखकर धीरे से कहा,”ये ठीक है !”
अक्षत कुछ नहीं बोल पाया बस हां में गर्दन हिला दी तो दुकानदार ने खुश होकर कहा,”अरे मैडम बिल्कुल परफेक्ट , ऐसे लग रहा है जैसे ये आपके लिए ही बना है !” अक्षत ने दुकानदार की और देखकर कहा,”इसे पैक करवा दीजिये !” “भैया ये थोड़ा लूज है”,मीरा ने कहा !
“डोंट वरी मैडम आप अपना नाप दे दीजिये , आधे घंटे में इसकी फिटिंग हो जाएगी तब तक आप कुछ और देख लीजिये !”,दुकानदार ने कहा
“जी !”,कहते हुए मीरा चेंजिंग रूम में आयी और चेंज करके वापस आयी ! हाथ में पकडे सभी ड्रेस उसने लड़की की और बढ़ा दिए जैसे ही वह काउंटर के पास पहुंची उसने अक्षत से कहा,”आप ये सही नहीं कर रहे है !”
“तोहफा समझ के रख लो !”,अक्षत ने कहा !
मीरा चुप हो गयी तो दुकानदार ने उसके पास आकर कहा,”आपका नाप ले लेता हु !”
दुकानदार जैसे ही मीरा का नाप लेना चाहा अक्षत ने उसे रोककर इंचटेप खुद ले लिया और कहा,”मैं ले लूंगा !” दुकानदार पीछे हट गया ! अक्षत ने मीरा की कमर का नाप लेते हुए कहा,”अच्छा नहीं लगता कोई और तुम्हे छुए !”
मीरा प्यार से अक्षत को देखती रही जबकि अक्षत ने अपनी पलके झुकाये रखी वह खुद भी मीरा को ऐसी नजर से देखना नहीं चाहता था ! पर उसकी कही बात मीरा के दिल के तार झनझना गयी !! नाप लेकर अक्षत ने दुकानवाले को दिया और कहा,”थोड़ा जल्दी करवा दीजियेगा !!”
“ठीक है सर !”,कहकर उनसे वो ड्रेस लड़के को दे दिया लड़का चला गया तो दुकानवाले ने कहा,”आप कुछ लेंगे सर चाय कोफ़ी !”
“नहीं मुझे सिर्फ घर की चाय पसंद है !”,अक्षत ने मीरा की और देखते हुए कहा !
मीरा उस वक्त रॉ में लगे कपडे देखने में बिजी थी !

उसने अक्षत की बात पर ध्यान नहीं दिया था लेकिन दुकानदार ने कहा,”सर मैडम बहुत लकी है जिन्हे आप जैसा पति मिला !”
अक्षत ने सूना तो हैरानी से दुकानवाले की और देखा और कहा,”वो मेरी वाइफ नहीं है , लेकिन बात अच्छी कही तुमने !”
दुकानवाला झेंप गया और वहा से चला गया ! अक्षत अपने फोन में बिजी हो गया और मीरा दुकान देखती रही ! कुछ देर बाद लड़का उसकी ड्रेस लेकर आ गया और अक्षत को थमा दी ! अक्षत ने पर्स निकालते हुए कहा,”कितना हुआ ?’
“3650 रूपये सर !”,दुकानवाले ने बिल अक्षत को थमाते हुए कहा !
अक्षत ने पेमेंट किया और मीरा को साथ लेकर बाहर आ गया ! बाहर आकर मीरा ने कहा,”आपको ये सब नहीं करना चाहिए था ! हम इतने महंगे कपडे आपसे कैसे ले सकते है ?”
“तोहफा समझ के रख लो ! जैसे दो लोग एक दूसरे को देते है वैसे ही मैंने दिया है , आगे चलकर जब तुम्हारा मन हो तब तुम भी दे सकती हो !”,अक्षत ने कहा
“लेकिन किस हक़ से ?”,मीरा ने कहा
“क्या इसे रिश्ते का नाम देना जरुरी है ? देखो मीरा मैं आज तक कीसी भी रिश्ते में परफेक्ट नहीं रहा हु ! ये मैंने तुम्हारी सेल्फ रिपेक्ट को कम करने के लिए नहीं दिया है ,, प्लीज रख लो !”,अक्षत ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा !
मीरा ने वो बैग ले लिया और कहा,”थैंक्यू !
“मेंशन नॉट !”,अक्षत ने मुस्कुरा कर कहा !
दोनों आगे बढ़ गए मीरा ने चलते हुए कहा,”आपसे एक बात पूछे !”
“हम्म्म पूछो !”,अक्षत ने कहा
“आपको अचानक से ये तोहफा देने की क्या सूझी ?”,मीरा ने धीरे से कहा
अक्षत रुक गया और कहा,”सच कहु , कल जब सबके सामने मोनालिसा ने तुम्हारे लिए वो सब कहा तो मुझे अच्छा नहीं लगा ! मीरा घर में सब तुम्हे पसंद करते , चाहते है , अपना समझते है ! तुम उस परिवार का हिस्सा हो ये ही बताने के लिए मैं तुम्हे आज यहाँ लाया हु !”
“हमे उनकी बात का बिल्कुल बुरा नहीं लगा , सभी घरवाले बहुत अच्छे है !”,मीरा ने कहा और दोनों साथ साथ फिर चलने लगे !
‘तो कल सगाई में तुम यही ड्रेस पहनना , सबको अच्छा लगेगा और मुझे भी !”,अक्षत ने कहा !
“हम्म्म !!”,मीरा ने कहा !
चलते हुए मीरा ने अपने पर्स में देखा और इधर उधर देखा सामने एक दुकान दिखी तो मीरा ने अक्षत से कहा,”आप यही रुकिए , हम अभी आते है !”
अक्षत रुक गया मीरा सामने शॉप में चली गयी उसने कुछ खरीदा और वापस चली आयी ! अक्षत उसके साथ पार्किंग में आया दोनों गाड़ी में आ बैठे ! अक्षत ने गाड़ी घुमाई और घर की और जाने वाले रास्ते की और मोड़ दी ! एक बार फिर दोनों के बिच ख़ामोशी छा गयी ! मीरा चाहती थी अक्षत कुछ कहे लेकिन अक्षत ना जाने किस दुनिया में बिजी था ! मीरा खिड़की के बाहर देखने लगी कुछ सोचकर उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयी !!

रास्ते में अक्षत ने काव्या के लिए चॉकलेट्स ख़रीदे और फिर दोनों घर आ गए ! घर में डेकोरेशन का काम चल रहा था इसलिए अक्षत ने गाड़ी बाहर ही खड़ी कर दी ! जैसे ही दोनों अंदर आये टेंट लगाने वाले के हाथ से रस्सी छूट गयी और वो बड़ा सा कपड़ा आकर दोनों पर गिरा ! मीरा को चोट ना लगे सोचकर अक्षत ने उसकी कमर में हाथ डालकर उसे अपनी और खिंच लिया ! दोनों एक दूसरे की आँखों में देखते रहे ! अक्षत के बाल बिखरकर उसके चेहरे पर आ गए मीरा बस एक टक उसे देखती रही ! बाहर होता शोर गुल उनके कानो तक पहुंचा लेकिन दोनों बेपरवाह ! जब होश आया तो दोनों कैसे जैसे करके बाहर निकले ! मीरा सीधा वहा से अंदर चली गयी ! अक्षत बाहर निकलकर आया तो उसे देखकर सोमित जीजू ने हसते हुए कहा,”ग्रेंड वेलकम हुआ है आपका साले साहब !”
“कैसा ग्रेंड वेलकम ? जीजू , बालो की सेटिंग ख़राब कर दी !”,अक्षत ने बाल सही करते हुए कहा !
“पर आपकी सेटिंग बना दी !”,सोमित जीजू ने शरारत से मुस्कुराते हुए कहा !
अक्षत झेंप गया और बिना देर किये अंदर चला गया ! मीरा को देखते ही काव्या उसके पास चली आयी और कहा,”तुम कहा चली गयी थी मीरु ?”
“हम , हम आपके लिए चॉकलेट्स लेने गए थे !”,मीरा ने प्यार से कहा
“सच्ची”,काव्या ने पूछा
“मुच्ची”,कहते हुए मीरा ने चॉकलेट का डिब्बा काव्या के सामने कर दिया ! तनु ने देखा तो उसके पास चली आयी और कहा,”पता है मीरा तुम्हारे जाने के बाद 20-25 बार पूछ चुकी है , मीरु दीदी कहां है ? कब आएगी ? इसे तो तुमसे एक ही दिन में इतना लगाव हो गया !”
“हां दी ये है इतनी प्यारी “,मीरा ने काव्या के गाल को छूकर कहा !
“अच्छा चलो तुम जल्दी से खाना खा लो , फिर तुम्हारे हाथो में भी मेहँदी लगा देती हु !”,तनु ने कहा
“हम्म्म्म !”,मीरा चली गयी और कुछ देर बाद निचे चली आयी घर में सब खाना खा चुके थे , उसने अपने लिए प्लेट में खाना लिया और डायनिंग के पास अकेले ही बैठ गयी बाकी सब हॉल में थे ! मीरा को अकेले देखकर राधा ने कहा,”मीरा यहाँ आ जाओ !”
मीरा ने अपनी प्लेट उठाई और हॉल में आकर बैठ गयी जैसे ही वह आयी काव्या तनु की गोद से निकलकर मीरा के पास आयी और कहा,”मुझे भी खाना है” ! मीरा ने उसे अपने पास बैठने को कहा और फिर अपने हाथ से उसे खिलाने लगी ! मीरा ने अभी खाना शुरू ही किया था की कुछ देर बाद अक्षत कपडे बदलकर आया और कहा,”माँ मेरा खाना लगा दो !”
राधा ने मेहँदी लगे हाथ आगे कर दिए तो मीरा ने अपनी प्लेट रखते हुए कहा,”हम लगा देते है !”
“इट्स ओके , इसमें से खा लूंगा मैं !”,अक्षत ने मीरा की प्लेट उठा ली ! काव्या को अच्छा नहीं लगा तो उसने अक्षत से कहा,”पर मामू ये तो मीरु की थाली है ना !”
“हां तो तुम्हारी मीरु भी हमारी है ना !”,अक्षत ने जैसे ही कहा सब उसकी और देखने लगे सबको अपनी और देखता पाकर अक्षत ने तुरंत बात बदल दी और कहा,”मतलब हम सबकी है ना !” अक्षत की बात सुनकर सभी मुस्कुरा उठे और वापस अपनी बातो में लग गए !
“नहीं मीरु सिर्फ मेरी है , आपकी नहीं है प्लेट वापस दो !”,काव्या ने कहा !
“काव्या की बच्ची इतनी जल्दी पार्टी बदल ली तुमने !”,अक्षत ने कहा तो काव्या भागकर मीरा के पास चली आयी ! मीरा ने अक्षत से कहा,”लाईये हमे दीजिये , ये हमारा जूठा है हम आपके लिए दूसरी प्लेट ले आते है !”
“खा लूंगा मैं !”,अक्षत ने प्यार से कहा
“हमारा जूठा खाएंगे आप !”,मीरा ने धीरे से कहा !
“तुम पि सकती हो तो मैं भी खा सकता हु !”,अक्षत ने मीरा की आँखों में देखते हुए कहा !
मीरा को याद आया कल शाम ही उसने अक्षत की जूठी चाय पि थी , वह खामोश हो गयी जब उठकर जाने लगी तो अक्षत ने उसका हाथ पकड़कर रोक लिया और निधि से कहा,”निधि , मीरा के लिए एक प्लेट और ले आओ ! प्लीज़ !”
निधि गयी और प्लेट में खाना ले आयी ! मीरा ने खाया और काव्या को खिलाया और फिर अपनी और अक्षत की प्लेट लेकर चली गयी !! सामने टेबल पर पानी पड़ा था फिर भी अक्षत ने कहा,”मैं पानी लेकर आता हु !”
राधा ने सूना तो मन ही मन मुस्कुरा उठी !

अक्षत और मीरा के बिच बढ़ती नजदीकियां देखकर उन्हें बहुत ख़ुशी हो रही थी ! उन्हें खोया हुआ देखकर दादी ने कहा,”क्या हुआ राधा ?”
“माँ मन बहुत खुश है आज ! लगता है अब सब ठीक हो जाएगा !”,राधा ने कहा तो दादी ने भी हाँ में सर हिला दिया !
उधर किचन में मीरा ने प्लेट धोकर रख दी जैसे ही वह जाने के लिए मुड़ी अक्षत ने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपने सामने करते हुए कहा,”तुम्हारा जूठा क्यों नहीं खा सकता मैं ?”
“पाप होता है !”,मीरा ने झिझकते हुए कहा !
“तो फिर तुमने जूठी चाय क्यों पि कल शाम ?”,अक्षत ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा !
“आपने कहा था फीकी है तो चखने के लिए !”,मीरा ने मासूमियत से कहा तो अक्षत मुस्कुरा उठा और कहा,”तुम्हे पता है मैं तुम्हारी बनाई हुई फीकी चाय भी क्यों पि लेता हु ?”
मीरा ने ना में गर्दन हिला दी तो अक्षत ने प्यार से उसका हाथ छोड़कर कहा,”क्योकि तुम उसे बहुत प्यार से बनाती हो , मैंने आज तक किसी को भी इतने प्यार से चाय बनाते हुए नहीं देखा ! और जब मैं उसे पिता हु तो मुझे कभी नहीं लगता की वो फीकी है !”
मीरा साइड में देखने लगी अक्षत की ऐसी बाते किसी का भी दिल धड़का दे फिर मीरा तो उसे पसंद करती थी ! शर्म से उसके गालो पर रंगत आ गयी उसने कहा,”हमे जाना चाहिए !”
“हम्म्म्म !”,अक्षत ने कहा ! मीरा वहा से चली गयी एक प्यारा सा अहसास उसके मन में उथल पुथल मचा रहा था !! सभी तैयारिया हो चुकी थी ! शाम को सोमित जीजाजी ने अर्जुन के साथ मिलकर एक छोटा सा माहौल बनाया ! अक्षत , जीजू , अर्जुन और दादाजी सभी छत पर जमा हो गए ! घूमते घामते कही से शुभ भी आ गया ! सभी बैठकर ड्रिंक कर रहे थे ! बस अक्षत को छोड़कर !
“क्या साले साहब ? तुम कभी नहीं पीते , दादू को देखो 4 पेग गटक चुके लेकिन मजाल है एक बार भी लड़खड़ाए !!”,सोमित जीजू ने कहा !
“मैं ये नशा नहीं करता जीजू !”,अक्षत ने कहा
“भाईसाहब आजकल किसी और नशे में है , है ना जीजू !”,अर्जुन ने शरारत से कहा तो सोमित जीजू ने उसके हाथ पर ताली दे मारी !
“कोनसा नशा ? मुझे तो कभी नहीं बताया इसने !”,शुभ ने कहा
“अरे बाबू वो तुम्हारे काम का नहीं है , एक बार हो गया तो जन्मो लग जाते है उतरने में !”,जीजू ने कहा !
“कौनसा नशा ? कोई मुझे भी बताओ !”,दादू ने कहा !
“कुछ नहीं है दादू , जीजू और भाई मिलकर मेरी खिंचाई कर रहे है !”,अक्षत ने कहा
“ऐ मेरे पोते की कोई खिंचाई नहीं करेगा , वैसे कौन है वो लड़की ?”,दादू ने आखरी लाइन शरारत से कही तो जीजू और अर्जुन के साथ इस बार शुभ भी हंस पड़ा ! अक्षत खीज गया और उठते हुए कहा,”मुझे नहीं बैठना यहाँ मैं जा रहा हु !”
दादू ने उसका हाथ पकड़ा और रोककर कहा,”अरे बैठ ना बेटा , ये तीनो तो आज आज के मेहमान है तू तो मेरा परमानेंट पार्टनर है ! मजाक कर रहे है , बैठ बैठ !!”
अक्षत वापस बैठ गया और अर्जुन से कहा,”आप तो रहने ही दो भाई , आपके और भाभी के चक्कर के बारे में मुझे बहुत पहले से ही पता है !”
“क क क्या पता है ?”,अर्जुन ने कहा
“गोआ , आप , भाभी ऑफिस टूर का बहाना याद आया कुछ !”,अक्षत ने अर्जुन की पोल खोलते हुए कहा !
“क्या शादी से पहले ही हनीमून हो गया आपका साले साहब ?”,सोमित ने अर्जुन से पूछा !
“अरे जीजाजी , बकवास कर रहा है ये , हां गए थे लेकिन सब फ्रेंड्स गए थे वही नीता और मेरे बिच नजदीकियां बढ़ी थी ! आप लोग जैसा सोच रहे है वैसा कुछ नहीं हुआ है !”,अर्जुन ने चिढ़ते हुए कहा !
“देखा दादू इतनी दूर जाकर भी ये कुछ नहीं कर पाया !”,अक्षत ने अर्जुन का मजाक उडाते हुए कहा ! दादू ने अक्षत को हाई फाइव दिया और दोनों खिलखिलाकर हंस पड़े !
बाते करते हुए काफी देर हो गयी तो तनु ऊपर आयी और कहा,”आज क्या सारी रात यही बिताने का इरादा है आप सब लोगो का , कितनी ठण्ड है यहाँ बीमार हो जाना है सबने !”
“तनु मर्द को ठण्ड नहीं लगती !”,जीजाजी ने रौब के साथ कहा !
“ये आप बोल रहे है या आपके अंदर की शराब ?”,तनु ने बिना किसी भाव के सोमित को घूरकर कहा !
“सिर्फ दो पेग , तुमने कहा था वो भी इसलिए !”,सोमित ने कहा !
“दो नहीं दी , 6 , पुरे 6 पेग पिए है इन्होने !”,अक्षत ने उठते हुए कहा !
“दीदी के चमचे रुक अभी बताता हु”,कहते हुए जीजू उसकी और लपके लेकिन जैसे ही गिरने को हुए तनु ने सम्हाल लिया और कहा,”दिखाई दे रहा है ! सब
“सॉरी !”,जीजू ने मसुमियत से कहा तो तनु ने कहा,”हम्म्म , अब चलिए !” चलते हुए तनु ने बाकि लोगो को देखते हुए कहा,”आप सब लोग भी चलिए ! रात बहुत हो गयी है ! “
सभी एक एक करके निचे चले आये ! शुभ को अक्षत ने रुकने को कहा लेकिन वह सुबह आने का बोलकर जाने लगा तो अक्षत ने कहा,”रुक मैं छोड़ देता हु” अक्षत शुभ को घर छोड़ने चला गया दादू निचे चले गए अर्जुन अपने कमरे में चला गया सोमित जीजू भी उसके कमरे में जाकर सो गए ! तनु जब निचे जाने लगी तो देखा मीरा के कमरे की लाइट जल रही है वह कमरे मे आयी मीरा जाग रही थी ! उसे देखकर तनु ने कहा,”अरे मीरा तुम सोइ नहीं अभी तक ? ! “हां दी वो नींद नहीं आ रही थी !”,मीरा ने कहा जबकि वो अक्षत से बात करने का इंतजार कर रही थी !
“लेकिन आप यहाँ ?”,मीरा ने पूछा
“हां वो सोमित और बाकि सब ऊपर पार्टी कर रहे थे ! उन सबको निचे लेकर आयी थी !”,तनु ने कहा !
“आपसे एक बात पूछे !”,मीरा ने कहा
“हां !”,तनु ने सोई हुई निधि को कम्बल ओढ़ाते हुए कहा !
“जीजाजी ड्रिंक करते है आपको बुरा नहीं लगता ?”,मीरा ने हिचकिचाते हुए कहा !
तनु मुस्कुराई और कहने लगी,”नहीं , बल्कि हमेशा ऐसा नहीं करते बस साल में एक दो बार खास मौको पर और मैं उन्हें कभी नहीं रोकती ! वो मेरे और काव्या के लिए इतना सब करते है इसके बदले अगर मैंने एक दिन उनको उनकी मर्जी से जीने की परमिशन दे दी तो क्या गलत किया ? मीरा वैसे भी रिश्तो में बंदिशे नहीं होती , एक स्वस्थ रिश्ते के लिए सामने वाले की फीलिंग्स का ख्याल रखना भी जरुरी होता है ! सोमित बहुत अच्छे है और मैं उनसे बहुत प्यार करती हु !”
“वाओ , सो स्वीट ! जीजाजी और आप दोनों बहुत लकी है !”,मीरा ने कहा !
“वो तो हम है ! अब तुम सो जाओ मैं चलती हु , काव्या जाग गयी तो रो रोकर पूरा घर सर पर उठा लेगी !”,तनु ने जाते हुए कहा
मीरा उनके साथ कमरे से बाहर चली आयी ! तनु के जाने के बाद अक्षत आया मीरा ने अक्षत को अपने कमरे की और जाते देखा तो पीछे से आवाज लगाकर कहा,”सुनिए !”
अक्षत रुक गया इतने प्यार से उसे आज से पहले किसी ने नहीं रोका था वह पलटा तो मीरा ने उसे वही रुकने का इशारा किया और खुद अपने कमरे में चली गयी कुछ देर बाद मीरा वापस आयी उसके हाथ में गुलाबी रंग का पाउच था ! मीरा अक्षत के सामने आयी और कहा,”अपना हाथ दीजिये !”
अक्षत ने अपना हाथ मीरा के सामने कर दिया ! मीरा ने अक्षत का हाथ पलटा और पाउच में से एक चमचमाती चीज निकाली अक्षत ने देखा वो एक बहुत खूबसूरत चांदी का ब्रासलेट था ! अक्षत को बड़ी हैरानी हुई तो उसने कहा,”ये किसलिए ?”
मीरा अक्षत को ब्रासलेट पहनाते हुए कहने लगी,”आपने हमारे लिए जो तोहफा खरीदा वो बहुत अच्छा है , लेकिन हम आपसे इतना महंगा तोहफा नहीं ले सकते , पर हम आपको ठेस पहुँचाना भी नहीं चाहते थे ! आपका दिल ना दुखे और हमारा मान भी रह जाये बस ये सोचकर आपके लिए ये तोहफा लिया ! आपको पसंद आया ?”
अक्षत का दिल भर आया लेकिन होंठो पर मुस्कराहट थी उसने धीरे से कहा,”बहुत !!”
मीरा ने ब्रासलेट की कड़ी ठीक करते हुए कहा,”रिश्ते परफेक्ट नहीं होते उन्हें परफेक्ट बनाया जाता है , कभी प्यार से तो कभी डांट से , और आप में वो काबिलियत है !”
अक्षत मीरा को देखता ही रह गया ! अपने बारे में शायद वो खुद कभी इतना नहीं जान पाया था जितना मीरा जानने लगी थी !! अक्षत को खामोश देखकर मीरा ने कहा,”गुड़ नाईट !!” और चली गयी , अक्षत उसे तब तक देखता रहा जब तक कमरे का दरवाजा बंद नहीं हो गया !!

सुबह सभी तैयार होकर हॉल में जमा हो गए ! राधा ने देखा सब है बस मीरा नहीं है तो उन्होंने निधि से कहा,”निधि बेटा मीरा कहा है ? देर हो रही है ! मैं तेरे पापा , अर्जुन , दादू और दादी निकल रहे है ! तुम बाकि सब दूसरी गाड़ी से आ जाना !”
कहते हुए राधा अपना पर्स सम्हाले वहा से निकल गयी ! तनु और सोमित भी काव्या के साथ तैयार होकर हॉल में आ गए ! अर्जुन और अक्षत भी सभी मीरा का इंतजार कर रहे थे ! कुछ देर बाद सीढ़ियों से उतरते हुए अपना दुपट्टा सम्हाले मीरा आयी ! जैसे ही सबने उसे देखा सबकी नजरे उस पर जम गयी ! गोल्डन लहंगे में पिंक दुपट्टा लिए वह बहुत प्यारी लग रही थी बालो की आगे की दो लटो को मोड़कर पीछे किये हुए बाकि बाल खुले छोड़ दिए ! कानो में गुलाबी रंग के छोटे छोटे झुमके , माथे पर गोल छोटी सी बिंदी , आँखों में काजल और होंठो पर हलके रंग की लिपस्टिक बस इसके अलावा उसने कोई मेकअप नहीं किया हुआ था ! निधि और तनु तो उसे देखकर मुस्कुरा रही थी काव्या बड़े प्यार से उसे देख रही थी ! आज तो उसे देखकर अर्जुन भी भूल गया की उसकी सगाई है और हमरे अक्षत जी उनका हाल यहाँ सबसे ज्यादा बुरा था ! मीरा की खूबसूरती उसने आज देखी थी उस लहंगे में वो इतनी खूबसूरत लग रही थी की अक्षत का मुंह खुला का खुला रह गया और वह पलके झपकना तक भूल गया ! मीरा निचे आयी और कहा,”आप सब लोग हमे ऐसे क्यों देख रहे है ?”
“तुम इतनी प्यारी लग रही हो की हम तो हम ये दोनों लड़किया भी तुम्हे देखकर पलके झपकना तक भूल गयी है !”,सोमित जीजू ने कहा तो मीरा खिलखिलाकर हंस पड़ी !
“दी चले , देर हो जाएगी !”,अर्जुन ने कहा ! सोमित अक्षत के बगल में ही खड़े थे जैसे ही मीरा अक्षत के सामने से गुजरी सोमित जीजू ने अक्षत से कहा,”मुंह तो बंद कर लो साले साहब !

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संजना किरोड़ीवाल

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