कितनी मोहब्बत है – 9
Kitni Mohabbat Hai – 9
मीरा निधि और अक्षत के साथ गाड़ी में आकर पीछे बैठ गयी ! अक्षत ने गाड़ी स्टार्ट की और वहा से निकल गया ! मीरा ख़ामोशी से पीछे बैठी थी ! अक्षत ने गाड़ी के अंदर वाला मिरर सेट किया जिससे पीछे बैठी मीरा उसे साफ साफ नजर आ रही थी ! अक्षत उसे देखते हुए गाड़ी चलाने लगा ! तभी निधि ने कहा,”क्या मनहूसियत फैलाई हुई है गाड़ी में ?” कहते हुए उसने म्यूजिक सिस्टम ऑन कर दिया ! गाना बजने लगा,”ये लड़का हाय अल्लाह कैसा है दीवाना , कितना मुश्किल है तौबा इसको समझाना !”
जैसे ही गाना बजा अक्षत और मीरा की नजरे शीशे के जरिये जा टकराई ! मीरा ने मन ही मन खुद से कहा,”इन्हे समझना भी मुश्किल ही है !”
उधर अक्षत देखते हुए सोच रहा था,”कोशिश करके देखो इतना भी कॉम्प्लिकेटेड नहीं हु मैं !” मीरा ने नजरे घुमा ली तो अक्षत ने गाना चेंज कर दिया गाना बजने लगा,”कोई हसीना जब रूठ जाती है तो , और भी हसीं हो जाती है !”
“भाई कितना पुराना गाना है ये ! आप ऐसे बकवास गाने क्यों सुनते हो ?”,निधि ने कहा !
“बकवास नहीं है यूनिक चॉइस है ! आजकल के गानो में फीलिंग्स कहा होती है ? बस कुछ वर्ड्स होते है और ढेर सारा शोर !”,अक्षत ने कहा !
“अच्छा तो फिर आपके गानो में क्या खास है ?”,निधि ने बहस करते हुए कहा !
“फीलिंगस , हर लाइन हर धुन में एक फीलिंग होती है ! कितना शांत होता है सब लगता है सब लाइक जैसे वक्त थम गया हो !”,अक्षत ने कहा !
“बोरिंग , जब तक शोर ना हो तब तक म्यूजिक का क्या मजा ?”,निधि ने कहा
“कभी सुनकर देखो तो समझ आएगा उस जमाने के गानो का मतलब !”,अक्षत ने कहां
“उस हिसाब से आप भी पुराने जमाने के हुए !”, निधि ने अक्षत का मजाक उड़ाते हुए कहा !
अक्षत ने वॉल्यूम कम की और निधि की और देखकर कहा,”मुझे शोर से ज्यादा खामोशियाँ सुनना पसंद है , मैं नया सा लड़का हु पुराने ख़यालात का !”
अक्षत की इस लाइन पर निधि निशब्द हो गयी और हाथ जोड़ते हुए कहा,”अच्छा ठीक है हार गए हम आपसे , अब चलिए भाईसाहब वरना वो लोग हमारे बिना ही पिकनिक मना लेंगे !”
अक्षत ने गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी ! मीरा पीछे बैठी खिड़की से बाहर सड़क पर दौड़ती गाड़ियों को देख रही थी !
घंटेभर के सफर के बाद गाड़ी आकर रुकी ! अक्षत निधि और मीरा तीनो निचे उतरे ! ये जगह थी “महू” जो की इंदौर से 50 किलोमीटर दूर थी ! जगह बहुत खूबसूरत थी ! चारो और हरियाली से वो जगह घिरी हुई थी ! मीरा सब देखकर चकित थी ! इतनी खूबसूरत जगह शायद उसने पहली बार देखी थी ! निधि ने मुंह बनाकर कहा,”अर्जुन भैया ने पिकनिक के लिए ये जगह सेलेक्ट की है ! मुझे तो लगा कोई शॉपिंग मॉल होगा !”
“शॉपिंग मॉल में पिकनिक मनाने कौन जाता है ?”,अक्षत ने उसे घूरते हुए कहा !
“अच्छी जगह है निधी हमने आज से पहले इतनी सुंदर जगह नहीं देखी !”,मीरा ने वहा की खूबसूरती को निहारते हुए कहा !
“तुम्हे अच्छी लगी ?”,निधि ने पूछा !
“बहुत !”,मीरा ने ख़ुशी से भरकर कहा !
कुछ ही देर में दुसरी गाड़ी आकर रुकी जिसमे बाकि सभी घरवाले थे ! सभी उतरकर अक्षत के पास आये ! राधा ने जगह देखते ही कहा,”आह ! मैं कबसे यहाँ आना चाहती थी , लेकिन तुम्हारे पापा को कभी वक्त ही नहीं मिला ! थैंक्स यू अर्जुन जो तुमने इतनी अच्छी लोकेशन चुनी !”
“ऑलवेज वेलकम माँ , पता था आपको ये जगह पसंद है इसलिए !”,अर्जुन ने राधा को साइड से हग करते हुए कहा !
पास ही खड़े विजय ने राधा का हाथ अपने हाथो में लिया और धीरे से कहा,”सॉरी मैं तुम्हे यहाँ नहीं ला पाया !” राधा मुस्कुरा दी और कहा,”आज आप साथ है वो ही मेरे लिए बहुत है !” दोनों प्यार से एक दूसरे की आँखों में झाँकने लगे ! कुछ ही दूर खड़े दादा दादी एक दूसरे का हाथ थामे उस जगह को देखकर अपने बीते दिनों को याद कर रहे थे जब शादी के बाद वे अक्सर उस जगह आया करते थे !! अर्जुन एक और खड़ा मीरा को देख रहा था ! निधि अक्षत से बहस कर रही थी ! और मीरा इन सब से बेखबर उन खूबसूरत नजारो को अपनी खाली आँखों में भर रही थी !
“चलो सब निचे चलते है , पिकनिक निचे है !”,अर्जुन ने कहा जिसका इंतजाम उसने पहले ही करवा रखा था ! सभी सावधानी से निचे उतरने लगे सबसे आगे अर्जुन उसके पीछे उसका हाथ पकडे दादा दादी , उनके पीछे विजय और राधा फिर निधि उसके पीछे मीरा और सबसे आखिर में अपने अक्षत बाबू ! रास्ता संकरा होने की वजह से सबको एक दूसरे के पीछे चलना पड़ रहा था ! मीरा तो बस वहा की खूबसूरती में खोयी हुई थी ! अक्षत कानो में ईयर फोन लगाए , दुनिया जहां से बेखबर अपने पसंदीदा गाने सुनते हुए चल रहा था ! सभी निचे पहुंचे जहा एक जगह अर्जुन का सारा अरेंजमेंट किया हुआ था ! सामने एक बड़ा सा खूबसूरत झरना था ! जिससे पानी बहते हुए निचे जा रहा था ! मीरा और बाकि सब जिस जगह मौजूद थे वो जगह जमीं और झरने के बिच में थी ! चारो और हरे भरे पेड़ पौधे , प्रकृति की खुशबु , लोगो की चहल पहल , पक्षियों की चहचाहट और सर्दियों की हल्की धुप माहौल को और भी खुशनुमा बना रही थी ! निधि को भी ये जगह बहुत पसंद आयी अपने फोन के कैमरे से वह वहा के नजारो की तस्वीरें लेने लगी ! ! अक्षत ने ईयर फोन कान से निकाले और अर्जुन के पास आकर कहा,”आप कबसे रोमांटिक हो गए भैया ?”
“मतलब ?”,अर्जुन ने हैरानी से पूछा !
“मतलब ये की इतनी रोमांटिक जगह पर आप कैसे चले आये ? आजकल आपके रंग ढंग कुछ ठीक नहीं लग रहे मुझे ?”,अक्षत ने एक आई ब्रो ऊपर चढ़ाकर अर्जुन को देखते हुए कहा !
“इंदौर की सबसे फेमस जगहों में से है ये यार और फिर माँ को पंसद थी !”,अर्जुन ने कहा !
“बिजनेस कर कर के ना आपका दिमाग खराब हो गया है ! मेरा मतलब इतनी रोमांटिक जगह पर कोई फॅमिली को साथ लाता है क्या ?”,अक्षत ने कहा !
“शट अप !”,कहकर अर्जुन वहा से चला गया ! अक्षत घूमते हुए वहा के नज़ारे देखने लगा !! मीरा एक जगह खड़ी झरने को देख रही थी तभी दादाजी उसके पास आये और कहा,”इतने गौर से क्या देख रही हो मीरा ?”
“दादू , ये झरना कितना खूबसूरत है ना ! मन कर रहा है बस इसको देखते ही जाऊ !”,मीरा ने कहा
“जितना खूबसूरत है उतना ही खतरनाक भी है !”,दादू ने कहा !
“कैसे ?”,मीरा को जानने की उत्सुकता हुई तो उसने पूछ लिया ! मीरा की रूचि देखते हुए दादाजी मुस्कराये और कहा,”ये जो झरना तुम देख रही हो ना इसे “पातालपानी” झरने के नाम से जाना जाता है ! इसे देखने दूर दूर से लोग यहाँ आते है !”
“ऐसा क्यों दादू ?”,मीरा ने बच्चो की तरह मासूमियत से पूछा !
“ऐसा माना जाता है की इस झरने का पानी पाताल तक जाता है ! ये झरना धरती से 300 मीटर तक की ऊंचाई पर बना है ! इसके कुंड की गहराई को आजतक कोई नाप नहीं पाया है इसलिए उसमे नहाना या कूदना मना है ! कहते है झरने से बहकर ये पानी पाताल तक अपनी दूरी तय करता है इसलिए इसे पातालपानी के नाम से जाना जाता है ! भारत के सबसे खरतनाक झरनो में से ये एक माना जाता है !”,दादाजी ने कहा
“ये जानते हुए भी की ये जगह डेंजरस है आप सभी यहाँ चले आये !”,मीरा ने कहा
“बेटा ऐसा नहीं है ! ये जगह घूमने के लिए भी बहुत फेमस है देखो यहाँ आस पास ये सभी इसे देखने ही आये है , इंदौर में पिकनिक के लिए ये सबसे बेहतरीन जगह है !”,दादाजी ने कहा !
“हां दादाजी खूबसूरत तो है ये जगह !”,मीरा ने मुस्कुराते हुए कहा !
“वैसे यहाँ आने के लिए सर्दियों का मौसम सबसे अच्छा है ! गर्मियों और बारिश के मौसम में यहाँ आना बेकार है !”,दादाजी ने कहा !
“दादू आपको इस जगह के बारे में इतना सब पता है , आप पहले भी यहाँ बहुत बार आ चुके होंगे ना !”,मीरा ने कहा !
“हां जब तुम्हारी दादी और मेरी नयी नयी शादी हुई थी तब हर महीने हम लोग यहाँ आया करते थे ! लवर्स के लिए ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं है !”,दादू ने धीरे से कहा !
मीरा उनकी इस शरारत पर मुस्कुरा उठी तो दादू ने कहा,”अच्छा तुम बाकि बच्चो के साथ एन्जॉय करो मैं जाता हु !”
दादू चले गए उनके जाते ही अर्जुन मीरा के पास आया और कुछ दूरी बनाकर खड़ा हो गया ! “क्या बाते हो रही थी दादू से ?’,अर्जुन ने कहा !
“दादू हमे इस जगह के बारे में बता रहे थे ! सच में वो बहुत इंटेलिजेंट है उन्हें हर छोटी छोटी बाते मालूम है !”,मीरा ने कहा !
“हां मालूम तो होगी ही दादू जो ठहरे !”,अर्जुन ने कहा तो मीरा उसकी इस बात पर हंस पड़ी !
“आपको कैसी लगी ये जगह ?”,अर्जुन ने हंसती हुयी मीरा को देखते हुए पूछा !
“बहुत खूबसूरत है ! इन्फेक्ट हमने पहली बार इतनी अच्छी जगह देखी है ! हॉस्टल में रहते थे तो कभी बाहर निकले ही नहीं !”,मीरा ने कहा !
“ये इंदौर की सबसे बेहतरीन जगहों में से है , इसके अलावा भी बहुत सी जगह है कभी देखनी हो तो बताना !”,अर्जुन ने अपनेपन से कहा !
“हम्म्म्म !”,मीरा ने कहा ! अर्जुन से बात करने के लिए मीरा के पास ज्यादा कुछ नहीं होता था और यही हाल अर्जुन का था ! काफी देर तक दोनों खामोश खड़े झरने से बहते पानी को देखते रहे और फिर अर्जुन ने कहा,”वहा निचे चलकर ये जगह देखना चाहेगी आप !”
“ठीक है चलते है !”,मीरा ने कहा
दोनों साथ साथ निचे जाने लगे ! चलते चलते अर्जुन ने राधा से कहा,”माँ मैं मीरा को कुंड दिखाने निचे लेकर जा रहा हु !”
“लेकिन नाश्ता ?”,राधा ने कहा
“वापस आकर कर लेंगे माँ !”,अर्जुन ने कहा तो राधा ने मुस्कुराकर जाने की अनुमति दे दी ! राधा को अर्जुन पर पूरा भरोसा था अर्जुन एक समझदार लड़का था जो किसी को परेशान नहीं करता था !
अर्जुन मीरा के साथ निचे आया ! निचे कुंड से पहले झरने के बिल्कुल सामने कम पानी के बिच पत्थरो पर बैठने के लिए जगह थी ! अर्जुन एक खाली पत्थर देखकर उस पर चला गया उसने पलटकर देखा मीरा अभी भी किनारे ही खड़ी थी ! अर्जुन ने कहा,”आईये !”
“गिर जायेंगे !”,मीरा ने झिझकते हुए कहा !
अर्जुन ने अपना हाथ बढाकर मीरा से कहा,”मैं हु ना नहीं गिरेंगी , आईये !”
मीरा ने अर्जुन का हाथ पकड़ा और पानी से होकर पास पड़े दूसरे पत्थर पर बैठ गयी ! दोनों बैठकर बहते झरने को देखने लगे कुछ देर बाद ख़ामोशी तोड़ते हुए अर्जुन ने कहा,”आप भोपाल से है ना ?”
मीरा – जी
अर्जुन – भोपाल में कहा से ?
मीरा – मालवीय नगर
अर्जुन – आपकी फैमिली में कोई और नहीं है मेरा मतलब आपके पापा ?
मीरा – वो इस दुनिया में नहीं है !
अर्जुन – सॉरी !
मीरा से ऐसा सवाल पूछकर अर्जुन ऑक्वर्ड हो गया और खुद से कहने लगा,”ये क्या बकवास सवाल कर रहा है तू ?” कुछ देर बाद मीरा ने कहा,”आपसे एक बात पूछे ?”
अर्जुन – हां पूछो ना
मीरा – आप और अक्षत जी जुड़वाँ भाई है क्या ?
अर्जुन – नहीं , वो मुझसे तीन साल छोटा है और निधि 7 साल
मीरा – हम्म्म्म !
अर्जुन – समझ सकता हु उसे देखकर आपको लग रहा होगा की वो हम सबसे बहुत अजीब है !
मीरा – नहीं नहीं हमारा ये मतलब नहीं था ,
अर्जुन – अरे इट्स ओके , आपके मन में जो है आप कह सकती है मैं उसे नहीं कहूंगा
मीरा – थैंक्स !
अर्जुन – हां वो हम सबसे थोड़ा अलग है ! शायद इसलिए की उसके सोचने का तरिका अलग है , कोई उसे नहीं समझ सकता सिवाय माँ के , घर में एक वही है जो उसके मूड को जानती है ! पापा के बिजनेस में उसे इंट्रेस्ट नहीं है अब वो जो करना चाहे कर सकता है !”
मीरा – आपसे एक और बात पूछे
अर्जुन – हां
मीरा – आपने अभी तक शादी क्यों नहीं की ?
मीरा के इस सवाल पर अर्जुन खामोश हो गया ! अर्जुन को खामोश देखकर मीरा ने कहा,”शायद हमने कुछ गलत पूछ लिया !”
अर्जुन – नहीं ! घर में भी सब यही चाहते है की मेरी शादी हो जाये !
मीरा – फिर आपको क्या ऐतराज है ?
अर्जुन – ऐतराज नहीं है , मैं किसी को पसंद करता हु ! कॉलेज में हम दोनों साथ साथ थे उसका नाम नीता चौधरी है ! इसी शहर से है “विराट नगर” से , नीता मुझे बहुत पसंद करती है और मैं भी वो मुझसे शादी करना चाहती थी लेकिन अलग अलग कास्ट होने की वजह से नहीं हो पाई ! मैं जानता था पापा इस शादी के लिए कभी नहीं मानेंगे और उनके खिलाफ जाकर मैं ये शादी करना नहीं चाहता था ! उस से दूर हुए 4 साल हो चुके है ना उसने किसी से शादी की है और ना मैंने !! बस इसी लिए शादी के नाम से थोड़ा अनकफ़र्ट हो जाता हु !! घर में ये बात किसी को पता नहीं है !”
मीरा – हम्म्म तो ये बात है , घर में किसी को नहीं पता तो फिर हमे क्यों बताया ?
अर्जुन – क्योकि आपसे कहने का दिल किया , जब पहली बार आपको देखा तो आपकी सादगी और बात करने का तरिका मुझे बहुत पसंद आया ! धीरे धीरे जब आपको जानने लगा तो पाया की आप बहुत समझदार है और बातो को बहुत अच्छे से समझती है और परिस्तिथियों को सम्हाल सकती है ! मीरा मैंने अपनी जिंदगी में हर रिश्ता पाया है सिवाय दोस्ती के ! पहली बार आप में उस रिश्ते को देखा , लगा आपसे अपने मन की बाते शेयर कर सकता हु !”
मीरा – आप बहुत स्वीट है अर्जुन जी ! नीता जी बहुत किस्मत वाली है जिन्हे आपका प्यार मिला और हम दुआ करेंगे आपकी शादी उन्ही से हो !
अर्जुन – मतलब आपको हमारी दोस्ती मंजूर है !
मीरा – बिल्कुल मंजूर है , आप जितना सुलझा हुआ दोस्त भला हमे कहा मिलेगा !
अर्जुन – थेंक्स
मीरा – ये लीजिये अभी अभी दोस्त बने और थैंक्स बोलना शुरू , दोस्ती में नो थैंक्स नो सॉरी !
अर्जुन – कोशिश करूंगा आगे से शिकायत का मौका ना मिले , दोस्त (अपना दाया हाथ आगे बढ़ा देता है !)
मीरा – हम्म्म (मीरा ने भी अपना हाथ आगे बढाकर दोस्ती के लिए मंजूरी दे दी !)
ऊपर खड़ा अक्षत ये सब देख रहा था ! वह कुछ देर वहा रुका और बिना किसी को बताये गाड़ी लेकर वहा से चला गया ! निधि ने आवाज देकर अर्जुन और मीरा को ऊपर आने को कहा ! राधा सबके लिए खाने पिने की व्यवस्था कर चुकी थी ! सबने मिलकर नाश्ता किया ! राधा ने देखा अक्षत नहीं है तो निधि से पूछा,”आशु कहा है निधि ?”
“भाई तो चला गया !”,निधि ने खाते हुए कहा !
“क्यों ?”,अर्जुन ने पूछा !
“पता नहीं ! बस चला गया पूछा तो कहा घर जा रहा हु !”,निधि ने कहा !
“ये लड़का भी ना ! घर पर अकेला क्या करेगा ?”,राधा ने परेशानी भरे शब्दों में कहा
“कोई बात नहीं , वैसे भी उसे अकेले रहने की आदत है ! तुम परेशान मत हो !”,विजय ने कहा !
सभी खाने लगे ! अर्जुन और मीरा साथ साथ ही बैठे थे निधि काफी देर से उन्हें ही देख रही थी ! नाश्ते के बाद सभी अलग अलग घूमने निकल गए दादा दादी साथ साथ और अर्जुन निधि मीरा ने खुद ही विजय और राधा को अलग छोड़ दिया ! तीनो साथ साथ घूमने लगे ! कॉल आने से अर्जुन साइड में चला गया तो निधि मीरा के पास आयी और कहा,”देखा मैंने कहा था ना तुम्हारा और भैया का कुछ कुछ चल रहा है “
“ये क्या बोल रही है तू , वो सिर्फ अच्छे दोस्त है ! बस”,मीरा ने कहा
“आज दोस्त है , कल प्यार भी हो जाएगा ! और फिर तुम हमेशा हमेशा के लिए मेरी भाभी बनकर मेरे घर में आ जाओगी !”,निधि ने कहा
“तू पागल हो गयी है निधि ऐसा कुछ भी नहीं है !”,मीरा ने कहा !
दोनों के बिच लम्बी बहस चली ! सुबह से दोपहर हो चुकी थी सभी बोर होने लगे थे तभी निधि ने कहा,”पापा क्यों ना कोई गेम खेले ?
“इस उम्र में गेम वो भी तुम्हारे पापा से ! रहने ही दो बेटा”,राधा ने विजय की और देखकर कहा !
“ये क्या बात हुई राधा ? इस उम्र से तुम्हारा क्या मतलब है अभी मैं बूढ़ा नहीं हुआ हु , खेल सकता हु !”,विजय ने कहा
“अच्छा तो आईये खेलिए हमारे साथ !”,राधा ने उठते हुए कहा !
“हां हां बिल्कुल !”,विजय भी उठ खड़ा हुआ ! विजय और राधा का जोश देखकर दादा दादी भी तैयार हो गए ! मीरा को ये सब काफी रोमांचक लग रहा था ! निधि और अर्जुन हैरान थे ! खैर सबने डिसाइड किया की रस्सा कस्सी खेलेंगे ! आदमी एक तरफ औरते एक तरफ ! लेकिन यहाँ भी एक पंगा था ! लेडीज 4 थी और जेंट्स 3 लेकिन विजय ने अपना बड़पन्न दिखाते हुए कहा,”कोई नहीं आप लोग चार सही हारना आप लोगो को ही है !”
“देखते है कौन किस से हारता है ?”,राधा ने अपनी साड़ी का पल्लू कमर में टांगते हुए कहा ! बिच में एक लाइन खींची गयी एक तरफ सभी लेडीज दूसरी तरफ जेंट्स रस्सी का एक सिरा उनके हाथ में था और दूसरा सिरा लेडीज के हाथ में था ! दादी सबसे आगे थी और मीरा सबसे पीछे ! खेल शुरू हुआ और काफी खींचा तानी के बाद दादाजी लेडीजो की तरफ ! सबसे ज्यादा खुश राधा हुई आखिर जीत के नजदीक जो थी ! दादाजी खेल से बाहर हो गए ! अब दोनों तरफ तीन तीन की टीम थी ! विजय ने अर्जुन को समझाया कैसे खींचना है और उसके बाद खींचातानी हुयी और इस बार दादी आउट ! लेडीज के चेहरे उतर गए लेकिन अभी भी दोनों टीम बराबर थी ! विजय ने एक बार फिर रस्सी को खिंचा और राधा भी उनकी तरफ !! मीरा सबसे पीछे थी और इस वजह से वह खिंच नहीं पा रही थी ! अब दोनों टीम में फिर से बराबर बराबर लोग थे ! विजय , अर्जुन और निधि मीरा ! मीरा निधि के बिल्कुल पीछे थी मीरा और निधि ने पहले रस्सी को लूज छोड़ा और फिर जोर से खींचा और विजय जी लेडीज की और आ गए ! ये देखकर राधा की ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं था ! विजय आउट हो गए लेकिन अर्जुन को जितने का कहकर चीयर करते रहे ! अगली पारी में निधि आउट हो गयी ! अब आमने सामने थे अर्जुन और मीरा जो अभी अभी दोस्त बने थे ! अर्जुन की जीत पक्की थी ! अर्जुन ने जैसे ही रस्सी को पकड़ा पीछे से अक्षत ने आकर रस्सी को पकड़ते हुए कहा,”कम ऑन भैया , जीत हमारी हमारी होनी चाहिए” अक्षत को वहा देखकर सभी दंग रह गए !
अक्षत को देखते ही निधि ने कहा,”ये तो चीटिंग है , मीरा अकेली है और आप दो हो ! वो तो हार जाएगी ना !”
“ये बात तब बोलनी थी जब गेम शुरू हुआ था ! तुम्हारी दोस्त डर रही है क्या ?”,अक्षत ने ऐटिटूड से मीरा को देखते हुए कहा
“निधि चिंता मत करो जीत हमारी ही होगी !”,मीरा ने विश्वास से कहा !
“देखते है !”,अक्षत अब भी मीरा को ही देख रहा था ! खिंचा तानी फिर शुरू हुई मीरा को बहुत मेहनत करनी पड़ रही थी क्योकि वो दो थे और वो अकेली ! पर मीरा में बहुत जान थी ये उसने साबित कर दिया मीरा को परेशान देखकर अर्जुन को अच्छा नहीं लगा और वह जान बूझकर हार गया ! निधि ख़ुशी से उछल पड़ी और अक्षत को चिढ़ाने लगी ! अर्जुन अपना सर सहलाते हुए अक्षत के सामने से निकल गया !
“भाई , भाई ना रहा !”,अक्षत ने मन ही मन अर्जुन को कोसते हुए कहा और अगले ही पल रस्सी का सिरा पकड़ लिया आखिर मीरा को हराना जो था ! अब आमने सामने दो लोग थे एक मीरा और दूसरा अक्षत ! दोनों ही ना एक दूसरे के दुश्मन थे ना ही दोस्त ,, ना नफरत थी ना प्यार , ना ही कोई रिश्ता था उनके बिच पर फिर भी बंधे थे एक डोर से !! अक्षत ने मीरा की आँखों में देखा और खींचातानी शुरू ! विजय अक्षत को चीयर कर रहा था और निधि मीरा को लेकिन यहाँ अक्षत मीरा पर भारी पड़ रहा था ! अक्षत ने मीरा को हराने के लिए रस्सी को लूज छोड़ा और फिर पूरी ताकत से जैसे ही खींचा रस्सी समेत मीरा भी सीधा उसकी बांहो में आ गिरी ! विजय जी ने देखा की वो जीत चुके है तो अर्जुन और दादाजी के साथ मिलकर लेडीज को चिढ़ाने लगे ! इसमें वो अक्षत और मीरा को भूल चुके थे ! मीरा अक्षत की बांहो में थी उसके करीब और उसके हाथ अक्षत के सीने पर थे जिनसे वो अक्षत की धड़कने सुन रही थी ! दोनों एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे ! और फिर अक्षत ने एकदम से उसे खुद से दूर झटक दिया ! लेडीज मीरा के पास आयी तो उसने उदास होकर कहा,”सॉरी आंटी !”
“अरे बेटा कोई बात नहीं , ये तो बस एक खेल था !!”,राधा ने प्यार से उसके गाल को छूकर कहा और इसके बाद सभी वही बैठकर सुस्ताने लगे ! शाम होने से पहले सभी घर लौट आये ! अक्षत घर आते ही तैयार होकर वापस निकल गया उसे मोना की पार्टी में जो जाना था ! बाकि घरवाले आराम करने चले गए ! सबकी थकान देखते हुए राधा ने तय किया खाना बाहर से ही मंगवा लेंगे ! रात के खाने के बाद सभी अपने अपने कमरों में सुस्ताने लगे 10 बजे के आस पास मीरा पानी लेने जब निचे आयी तो दादाजी को बाहर बालकनी में टहलते हुए पाया ! मीरा उनके पास आयी और कहा,”क्या बात है दादू आप ठीक तो है ?”
“नहीं बेटा बस सीने में हल्का सा दर्द हो रहा है !”,दादू ने सीने पर हाथ मसलते हुए कहा ! उनके चेहरे से पता चल रहा था की उन्हें उस वक्त कितना दर्द हो रहा था ! मीरा ने उन्हें पास ही बेंच पर बैठाते हुए कहा,”आप बैठिये हम अभी दवा लेकर आते है !”,
मीरा दादू को बैठाकर जैसे ही जाने लगी उनकी दर्दभरी आह निकली ! मीरा ने उन्हें सम्हाला लेकिन दादू को बहुत तेज दर्द हो रहा था ! मीरा ने जल्दी जल्दी उनके सीने को सहलाना शुरू कर दिया ! पर उन्हें बहुत दर्द हो रहा था उनसे ना बोला जा रहा था ना ठीक से साँस ली जा रही थी ! मीरा ने उन्हें बेंच का सहारा दिया और तुरंत घरवालों को बुला लायी ! अर्जुन ने गाड़ी निकाली और दादू को लेकर हॉस्पिटल जाने लगे ! दादी और राधा भी साथ जाने की जिद करने लगी तो उन्हें भी ले जाना पड़ा ! जाते जाते विजय मीरा के पास आया और कहा,”बेटा हम सब हॉस्पिटल जा रहे है ! तुम अपना और निधि का ख्याल रखना और हां अक्षत को फोन करके घर आने को बोलो ! रघु भी नहीं है घर में , तुम सम्हाल लोगी ना बेटा !”
“जी अंकल आप जल्दी जाईये और घबराईये मत दादू को कुछ नहीं होगा ! हम सम्हाल लेंगे निधि को !”,मीरा ने कहा
“हम्म्म !”,विजय ने उसके गाल को छुआ और तेजी से निकल गया ! मीरा भी मन ही मन दादू के ठीक होने की दुआ करने लगी ! निधि सो रही थी उसे इस वक्त ये सब बताना मीरा को सही नहीं लगा ! वह परेशान सी कमरे में आयी उसने निधि का फोन उठाया और निचे चली आयी ! निधि के फोन से अक्षत का नंबर ढूंढकर उसे कॉल लगाया रिंग जाती रही लेकिन अक्षत फोन नहीं उठा रहा था !
मीरा परेशान सी सोफे पर बैठी और कहा,”अब हम क्या करे ?”
क्रमश – कितनी मोहब्बत है – 10
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संजना किरोड़ीवाल !!!
Dear mam your story is awesome always as you are.I like very much.but I want to complete story kitani mohabbat hai or manmarziya .where I can get complete story ?because I have no Patience.
kitni mohbbat hai – season 2 year 2021 me aayega ,, thankyou
I really love this story jitna pado man hi nahi bharta
❤️❤️