A Broken Heart – 42
A Broken Heart – 42
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जिया के साथ साथ ईशान भी उसके जैसा हो गया। जिया और ईशान दोनों मिलकर सड़क पर गुजरती बसों को देखकर हाथ हिला रहे थे और ये करते हुए उन्हें बहुत मजा आ रहा था। ख़ुशी उनके चेहरों पर साफ दिखाई दे रही थी। जिया के साथ साथ ईशान भी कुछ देर के लिए बच्चा बन गया। कुछ देर बाद दुकानदार ने ईशान को आवाज लगायी तो ईशान उसके पास चला आया। सेंडविच तैयार थे ईशान ने उन्हें लिया और जिया के पास आकर एक उसे थमा दिया।
दोनों वही पड़ी बेंच पर आ बैठे और सेंडविच खाने लगे। रात हो चुकी थी और ठंडी हवाएं चल रही थी। जिया को वहा बैठकर सेंडविच खाना बहुत अच्छा लग रहा था।
“खुले आसमान के नीचे बैठकर अपना पसंदीदा चीज बन सेंडविच खाना कितना अच्छा लगता है ना ?”,जिया ने ऊपर आसमान में चमकते चाँद को देखकर कहा
“हाँ , मैंने आज से पहले ऐसे कभी नहीं खाया।”,ईशान ने भी चाँद को देखते हुए कहा
ईशान लगभग अपना सेंडविच खत्म कर चुका था उसने देखा जिया चाँद को देखने में बिजी है तो वह जिया की तरफ झुका और उसके सेंडविच का एक टुकड़ा खा लिया। जिया ने देखा तो उसे घूरने लगी ईशान मुस्कुराया। सेंडविच का बड़ा सा टुकड़ा अभी भी उसके मुंह में ही था वह मुस्कुराया और फिर खाते हुए सामने देखने लगा। ईशान की इस हरकत पर जिया भी मुस्कुरा उठी और सेंडविच कहने लगी।
“तुमने कहा कि तुमने रेडिओ कम्पनी को अपने सेम्पल भेजे है , क्या उसके बाद तुम यहाँ से चले जाओगे ?”,जिया ने एकदम से पूछा
“हाँ जाना तो पडेगा ना , अगर वो मेरे सेम्पल्स को पसंद करते है तो फिर मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिलेगा और ये मेरी लाइफ की सबसे बड़ी अपॉर्च्युनिटी होगी।”,ईशान ने खुश होकर कहा
ईशान के चले जाने की बात पर जिया उदास हो गयी उसने कभी ये तो सोचा ही नहीं था कि ईशान हमेशा उसके पास नहीं रहेगा , कभी ना कभी वो चला जायेगा।
जिया को चुप देखकर ईशान ने कहा,”क्या हुआ तुम एकदम से खामोश क्यों हो गयी ? ओह्ह्ह तुम शायद सोच रही होगी कि वहा जाने के बाद मैं तुम्हे भूल जाऊंगा,,,,,,,,,,,,,है ना ? पर ऐसा नहीं होगा जिया मेरे वहा तक पहुंचने में सबसे ज्यादा मेहनत तुम्हारी है ,, और तुम्हे मैं हमेशा याद रखूंगा ,, तुम मेरी सबसे अच्छी दोस्त हो !”,ईशान ने जिया के कंधो पर हाथ रखकर उसे साइड हग करते हुए कहा।
जिया ने सूना तो फीका सा मुस्कुरा दी
“एक काम करो तुम भी मेरे साथ चलो , हम साथ साथ रहेंगे तुम वहा अपनी जॉब करना और मैं अपने रेडिओ का काम करूंगा।”,ईशान ने जिया को उदास देखकर कहा
“नहीं मैं तुम्हारे साथ नहीं जा सकती , मुझ पर बहुत सारी जिम्मेदारियां है पर मैं तुम्हारे लिए खुश हूँ।”,जिया ने मुस्कुरा कर कहा
जिया को फिर से मुस्कुराते देखकर ईशान को अच्छा लग रहा था। दोनों कुछ देर वही बैठे रहे और फिर ईशान ने कहा,”मेरे बार जाने का समय हो गया है , क्या मैं तुम्हे रेस्त्रो तक छोड़ दू।”
“अह्ह्ह्ह नहीं मैं चली जाउंगी तुम्हे बार जाना चाहिए वैसे भी हमारे रास्ते अलग है।”,जिया ने उठते हुए कहा
जिया की बात ना जाने क्यों ईशान को अच्छी नहीं लगी उसके होंठो से मुस्कराहट एकदम से गायब हो गयी वह उठा और जिया के सामने आकर कहा,”हम्म्म्म तुमने ठीक कहा जिया , हमारे रास्ते अलग है। मैं चलता हूँ अपना ख्याल रखना,,,,,,,,,,,हम फिर मिलेंगे।”
ईशान ने कहा और बिना जिया का जवाब सुने वहा से चला गया। जिया वहा खड़ी बस उसे जाते हुए देखते रही। ईशान जब आँखों से ओझल हो गया तब जिया को ख्याल आया कि उसने थोड़ी देर पहले ईशान से क्या कहा ? उसका चेहरा उदासी से घिर गया और उसने अपने पैर पटकते हुए कहा,”अह्ह्ह्ह मैंने उस से ऐसा क्यों कहा ? मैं उसके साथ नार्मल भी तो रह सकती थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,मिस्टर दयाल ठीक कहते है मैं हमेशा गड़बड़ करती हूँ ,
क्या अब मुझे ईशान को रोकना चाहिए ? शायद नहीं हो सकता है वो मेरी वजह से हर्ट हो और कही वो मुझसे ज्यादा नाराज हो गया तो नहीं नहीं मुझे उस से बाद में बात करनी चाहिए,,,,,,,,,,,,हाँ ये ठीक रहेगा , ओह्ह्ह जिया तुमने ये क्यों किया ?”
जिया अपनी साईकिल के पास चली आयी और उसे लेकर पैदल ही चल पड़ी। जिया का मन बहुत उदास था वह रेस्त्रो ना जाकर डेस्टिनी के पास चली आयी। जिया ने अपनी साइकिल फुटपाथ के साइड में लगायी और डिवाइडर पर आकर बैठ गयी डेस्टिनी ने जिया को देखा तो उसके पास चला आया लेकिन हमेशा की तरह जिया ने आज ना तो उसे हेलो कहा और ना ही प्यार जताया वह ख़ामोश बैठी सामने सड़क पर गुजरती गाड़ियों को देख रही थी। डेस्टिनी जिया के इर्द गिर्द उछलने लगा ऐसा करके वह जिया का ध्यान अपनी तरफ खींचना चाहता था लेकिन जिया ने कोई ध्यान नहीं दिया।
जिया को चुप देखकर डेस्टिनी उसके पास आया और अपना पैर उसके हाथ को छूने लगा। जिया की तंद्रा टूटी और उसने डेस्टिनी के सर को सहलाते हुए धीमे स्वर में कहा,”ओह्ह्ह डेस्टिनी तुम कब आये ? माफ़ करना मैंने तुम पर ध्यान नहीं दिया,,,,,,,,,,,,,,,आज मैं बहुत उदास हूँ और इसलिए मेरा किसी से बात करने का मन नहीं है,,,,,,,,,तुमसे भी नहीं।”
जिया की बात सुनकर डेस्टिनी का चेहरा भी उतर गया और वह उसके सामने बैठकर पसर गया। जिया ने देखा तो उसे घूरते हुए कहा,”ओह्ह्ह्ह क्या तुम मेरी नक़ल कर रहे हो ? या फिर ऐसा मुंह बनाकर तुम मेरा मजाक उड़ा रहे हो ? मैं यहाँ तुम से मिलने आयी हूँ क्योकि मैं बहुत उदास हूँ और मैं नहीं जानती इसकी वजह क्या है और तुम मुझे पैम्पर करने के बजाय मुझे और उदास कर रहे हो।”
डेस्टिनी ने सूना तो उठकर जिया के पास चला आया और उसका हाथ चाटने लगा। अपने लिए डेस्टिनी का प्यार देखकर जिया का मन पिघल गया और उसने उसे गले लगाते हुए कहा,”ओह्ह्ह्ह तुम बहुत प्यारे हो डेस्टिनी,,,,,,,,,,,,,,मेरे साथ यहाँ होने के लिए तुम्हारा शुक्रिया।”
जिया को पहले जैसा देखकर डेस्टिनी भी खुश होकर उसके इर्द गिर्द उछलने कूदने लगा और फिर थक कर जिया के बगल में बैठ गया।
जिया प्यार से उसके मुलायम बालों को सहलाने लगी , जिस से डेस्टिनी को बहुत अच्छा लग रहा था और अपनापन महसूस हो रहा था। कुछ देर बाद जिया ने अपने हाथो को समेटकर अपने घुटनो पर रखते हुए कहा,”डेस्टिनी क्या तुम जानना चाहते हो मैं उदास क्यों हूँ ? काश तुम बोल पाते तो मुझसे पूछते खैर तुम नहीं पूछो तब भी मैं बताउंगी क्योकि इस शहर में एक तुम ही हो जो मुझे समझते हो। तुम ईशान को तो जानते होंगे ना ? वो हेंडसम लड़का जिस के बारे में मैंने तुम्हे बताया था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,दरअसल वो यहाँ से जा रहा है।”
कहते हुए जिया ने डेस्टिनी की तरफ देखा डेस्टिनी भी अपनी छोटी छोटी आँखों से जिया को ही देख था और उसकी आँखों में इस कहानी को जानने की दिलचस्पी साफ दिखाई दे रही थी। जिया को अपनी तरफ देखते पाकर जिया आगे कहने लगी,”ईशान अपने सपने के लिए ये शहर छोड़कर दूसरे बड़े शहर में चला जाएगा , उस के बाद मैं उस से नहीं मिल पाऊँगी,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे पता है डेस्टिनी आजकल मैं उस से मिलने के बहाने ढूंढती हूँ , उस से मिलना , उस से बाते करना , उसकी बातें सुनना , उसके साथ वक्त बिताना मुझे बहुत अच्छा लगता है।
वो मुझे अपना सबसे अच्छा दोस्त बताता है और ये जब वो ये कहता है तो मुझे बहुत ख़ुशी होती है,,,,,,,,,,,,,,उसके लिए ये दोस्ती है पर मेरे लिए ये रिश्ता दोस्ती से भी बढ़कर है,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे क्या लगता है डेस्टिनी क्या मुझे इस रिश्ते को कोई और नाम देना चाहिए ?”
बेचारा डेस्टिनी जिया की बातो का क्या जवाब देता वह बस अपनी आँखे टिमटिमाते हुए उसे देखते रहा और जिया आगे कहने लगी,”देखा तो वैसे कुछ रिश्तो को नाम देना जरूरी नहीं होता डेस्टिनी उनका अहसास ही काफी होता है। कभी कभी लगता है ईशान से मिलने के बाद मैं बदल गयी हूँ , क्या तुम्हे भी ऐसा लगता है डेस्टिनी ? जरूर लगता होगा अब मैं पहले जैसी नहीं रही,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं खुश रहने लगी हूँ , एक अलग ही सुकून है मेरी जिंदगी में और ये ईशान से मिलने के बाद से है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तो क्या मुझे ईशान से प्यार हो गया है ?”
आखरी शब्द कहते हुए जिया ने एकदम से डेस्टिनी को देखा डेस्टिनी ने सूना तो कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया तब जिया ने कहा,”प्यार मतलब एक खूबसूरत अहसास जिसके होने से हमारे पेट में गुदगुदी होती है , तुम्हे भी कभी ऐसा हुआ होगा न डेस्टिनी , जब तुम उस प्यारी पिल्लै को देखते हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,बोलो बोलो डेस्टिनी शर्माओ मत देखो मैं तुम्हारी दोस्त हूँ तुम मुझे ये बता सकते हो।”
जिया ने जैसे ही प्यारी पिल्ले का जिक्र किया डेस्टिनी ख़ुशी से गोल गोल घूमने लगा
डेस्टिनी को खुश देखकर जिया मुस्कुरा उठी और कहा,”देखा डेस्टिनी प्यार ऐसा ही होता है उसके ख्याल मात्र से हमारा मन खुश हो जाता है। वैसे मैं बहुत बड़ी डफर हूँ मैंने ईशान के सपने को पुरा करने के लिए ये सब किया और अब जब वो अपने सपने के बहुत करीब है तो मैं दुखी हो रही हूँ , उलटा मुझे उसे मोटिवेट करना चाहिए अपने सपने को पूरा करने के लिए,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सच में तुम से मिलने के बाद मेरा दिमाग काम करने लगता है डेस्टिनी , तुम्हारा शुक्रिया , तुम बहुत बहुत बहुत अच्छे हो,,,,,,,,,,,,मुझे तुमसे भी प्यार हो गया है और मजे की बात ये कि मैं तुम्हे ये कह सकती हूँ बिना हिचकिचाए,,,,,,,,,,,!!”
डेस्टिनी से मिलने के बाद जिया की उदासी अब कुछ हद तक कम हो चुकी थी। वह उठी और डेस्टिनी का सर सहलाते हुए कहा,”अब मुझे चलना होगा डेस्टिनी मैं तुम से जल्द मिलूंगी , अपना ख्याल रखना।”
डेस्टिनी साइकिल तक जिया के पीछे पीछे आया , जिया अपनी साइकिल पर आ बैठी और डेस्टिनी को बाय बोलकर वहा से चली गयी। डेस्टिनी से मिलने के बाद जिया सीधा घर पहुंची क्योकि आज रेस्त्रो में कोई काम नहीं था और वो जानती थी सोफी उसे इस वक्त घर में ही मिलेगी।
जिया घर पहुंची , लिली आंटी और घोष अंकल घर के बाहर बेंच पर बैठे थे। जिया हँसते मुस्कुराते जैसे ही उनके सामने से गुजरी मिस्टर घोष ने कहा,”क्या बात है जिया आज तुम बहुत खुश हो ?”
“ओह्ह्ह हाँ घोष अंकल आज मैं बहुत खुश हूँ , आज किसी ने मुझसे कहा कि मैं जैसी हूँ वैसे ही बहुत अच्छी हूँ।”
“जिसने भी कहा बहुत सही कहा जिया , तुम्हे उसका शुक्रिया अदा करना चाहिए,,,,,,,,,,,!”.लिली आंटी ने मुस्कुरा कर कहा
“ओह्ह लिली आंटी मिस्टर घोष आप दोनों साथ में कितने प्यारे लग रहे है , क्या मैं आपकी एक तस्वीर लू ?”,जिया ने कहते हुए मिस्टर घोष के पास आयी
“हाँ क्यों नहीं , ये लो”,कहते हुए मिस्टर घोष ने जिया की तरफ अपना फोन बढ़ा दिया। जिया कुछ दूर जाकर उनकी तस्वीर लेने लगी। मिस्टर घोष और लिली
आंटी सच में साथ में बहुत प्यारे लग रहे थे।
मिस्टर घोष और लिली आंटी की तस्वीर लेते हुए एकदम से जिया को ईशान का ख्याल आया और वह मुस्कुरा उठी। उस तस्वीर में वह घोष अंकल की जगह ईशान और लिली आंटी की जगह खुद को जो देख रही थी।
घोष अंकल ने देखा जिया काफी टाइम से वही खड़ी है और मुस्कुरा रही है तो उन्होंने जिया को आवाज देकर कहा,”अरे जिया वहा क्या कर रही हो यहाँ आओ ? क्या हमारी तस्वीर अच्छी नहीं आयी ?”
मिस्टर घोष की आवाज से जिया की तंद्रा टूटी और वह उनके पास चली आयी। जिया ने जो तस्वीर ली वह मिस्टर घोष के सामने करके कहा,”टाडा ये कितनी ब्यूटीफुल है ना मिस्टर घोष,,,,,,,,,,,,आप दोनों इस तस्वीर में कितने प्यारे लग रहे हो।”
“वाओ जिया ये तस्वीर तो काफी अच्छी आयी है , देखो लिली,,,,,,,,,,,,,,!”,कहते हुए मिस्टर घोष ने अपना फोन लिली की तरफ बढ़ा दिया
“हाँ घोष ये सच में बहुत प्यारी है। क्या हम इसे बड़ा पोर्ट्रेट बनवाकर अपने घर की दिवार पर सजाये,,,,,,,,,,,,,,!!”,लिली आंटी ने मिस्टर घोष की तरफ देखकर कहा
“हाँ क्यों नहीं लिली,,,,,,,!”,मिस्टर घोष ने लिली की आँखो में देखते हुए कहा
दोनों मुस्कुराते हुए एक दूसरे की आँखों में देखते रहे और जिया उनके पास खड़े होकर उन्हें देख रही थी। एक दूसरे की आँखों में देखते हुए मिस्टर घोष और लिली आंटी जैसे ही एक दूसरे के करीब आने को हुए जिया ने एकदम से कहा,”ओह्ह्ह नहीं मिस्टर घोष लगता है मुझे अब यहाँ से जाना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,गुड़ नाईट,,,,!”
जिया अंदर चली आयी और मिस्टर घोष लिली आंटी के कंधो पर हाथ रखते हुए मुस्कुरा उठे। जिया अंदर आयी और ऊपर अपने कमरे में चली आयी। जिया ने देखा सोफी बड़े आराम से अपने बिस्तर पर सो रही है। सोफी को देखते ही जिया को अपने उन कपड़ो और मेकओवर की याद आ गयी जिसे उसने सोफी के कहने पर किया था। सोफी की वजह से जिया को ईशान के सामने शर्मिन्दा होना पड़ा सोचकर जिया ने कमरे में इधर उधर देखा उसे सोफी के बगल में पड़े टेबल पर रखा पानी का जग दिखा जिया ने उसे उठाया और उसमे भरा आधा पानी सोफी पर उड़ेल दिया।
एकदम से पानी गिरने से सोफी घबरा कर उठ गयी और जब उसने देखा जिया ने उसे भिगाया है तो गुस्से से कहा,”जिया ये क्या किया तुमने ? ऐसा कोई करता है क्या ?”
“और जो तुमने मेरे साथ किया वो ? तुमने कहा आजकल के लड़को को मॉर्डन लड़किया पसंद आती है जो मेकअप करे , स्टाइलिश कपडे पहने लेकिन ईशान को ऐसी लड़किया पसंद नहीं है।”,जिया ने भी गुस्से से कहा
सोफी ने सूना तो अपना मुँह पोछते हुए कहा,”अच्छा उसने कहा और तुमने मान लिया , अगर उसे मॉर्डन लड़किया पसंद नहीं है तो फिर वो माया के साथ क्यों था ?”
सोफी की बात सुनकर जिया अपने बिस्तर पर आ बैठी और सोच में डूब गयी वह फिर उदास हो गयी और कहा,”ये ख्याल मेरे दिमाग में क्यों नहीं आया ?”
“क्योकि तुम उसके प्यार में पागल हो चुकी हो ,,,,,,,,,,,,,,!”,सोफी ने कहा और उठकर वहा से चली गयी।
“हाँ शायद,,,,,,,,,,,!”,कहते हुए जिया ने बचा हुआ पानी अपने सर पर उड़ेल लिया।
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संजना किरोड़ीवाल
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सोफी ने सूना तो अपना मुँह पोछते हुए कहा,”अच्छा उसने कहा और तुमने मान लिया , अगर उसे मॉर्डन लड़किया पसंद नहीं है तो फिर वो माया के साथ क्यों था ?”
सोफी की बात सुनकर जिया अपने बिस्तर पर आ बैठी और सोच में डूब गयी वह फिर उदास हो गयी और कहा,”ये ख्याल मेरे दिमाग में क्यों नहीं आया ?”
“क्योकि तुम उसके प्यार में पागल हो चुकी हो ,,,,,,,,,,,,,,!”,सोफी ने कहा और उठकर वहा से चली गयी।
“हाँ शायद,,,,,,,,,,,!”,कहते हुए जिया ने बचा हुआ पानी अपने सर पर उड़ेल लिया।
सोफी ने सूना तो अपना मुँह पोछते हुए कहा,”अच्छा उसने कहा और तुमने मान लिया , अगर उसे मॉर्डन लड़किया पसंद नहीं है तो फिर वो माया के साथ क्यों था ?”
सोफी की बात सुनकर जिया अपने बिस्तर पर आ बैठी और सोच में डूब गयी वह फिर उदास हो गयी और कहा,”ये ख्याल मेरे दिमाग में क्यों नहीं आया ?”
“क्योकि तुम उसके प्यार में पागल हो चुकी हो ,,,,,,,,,,,,,,!”,सोफी ने कहा और उठकर वहा से चली गयी।
“हाँ शायद,,,,,,,,,,,!”,कहते हुए जिया ने बचा हुआ पानी अपने सर पर उड़ेल लिया।
💜💜💜💜pyari Jiya😘😘😘😘😘
Bhut hi khoobsurat part tha ma’am
Ishan ko bhi sayad jiya se pyar hone lga hai tabhi to uske bat ka bura lga jiya jese hai wese he achi hai
Lovely part 😍😍😍😍😍
Lovely part jiya bhut cute h🥰🥰🥰🥰🥰🥰
Jiya ne jab Sun na Ishaan Usse chodkar chala jayega toh usse bura laga aur usne kaha ki tum apne raste aur mai aapne..Ishaan ko Jiya ki batoa se hurt hua aur voh waha se bar chala gaya..aur Jiya udaas hokar Destiny ke pass akar apni man ki baate share karne lagi aur kaha ki usse Ishaan se pyaar hogaya hai aur usse Ishaan ko motivate karna chahiye ki voh uske sapne ke itne pass hai..Destiny ke pass akar Jiya ka mood tikh hua aur voh ghar akar Sofy jo so rahi thi usper paani dalkar usse utakar kaha ki usne jhoot kyu kaha ki Ishaam ko waise ladkiya pasand hai jabki uska getup usse bilkul pasand nahi aya tab Sofy ne kaha agar aisa hi hai toh usse Maya kyu pasand thi..Jiya Sofy ki batao se firse udaas hogayi aur bacha hua paani apne uper dal liya…JIYA ko accha Lily aunty aur gosh uncle ko saath me kush dekhar…