Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 48

A Broken Heart – 48

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A Broken Heart
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A Broken Heart – 48

ईशान जिया को बाय बोलकर अंदर चला गया और जिया खामोश खड़ी एयरपोर्ट की एंट्रेस को देखते रही। कुछ देर पहले ईशान ने जो किया जिया को इसकी जरा भी उम्मीद नहीं थी। सहसा ही जिया का हाथ अपने गाल पर चला गया और वह मुस्कुरा उठी। उसके पेट में तितलियाँ सी उड़ने लगी और आँखे चमक उठी। जिया ईशान से अपने दिल की बात कहना चाहती थी और यहाँ ईशान ने ही उसे सरप्राइज कर दिया।

इस मोमेंट के बाद जिया को भी समझ आ गया कि ईशान उसे पसंद करता है। वह ख़ुशी से उछल पड़ी और फिर एकदम से नीचे आ गिरी। पास से गुजरते लोगो ने जब उसे देखा तो हसने लगे। उन्हें हँसते देखकर जिया झेंप गयी और अपने दाँत दिखाने लगी। वह उठी , अपने कपडे झाड़े और अपनी साइकिल लेकर वहा से चली गयी।


जिया आज बहुत खुश थी इसलिए एयरपोर्ट वाले रास्ते से निकलकर वह सेंडविच शॉप की तरफ चली आयी। जिया ने अपने लिए एक सेंडविच आर्डर किया और ईशान के बारे में सोचते हुए सामने सड़क पर गुजरती गाड़ियों को देखने लगी। कुछ देर बाद लड़का उसे सेंडविच थमाकर चला गया। जिया ने उसे खोला और उसका एक टुकड़ा खाकर ख़ुशी से आँखे बंद करके कहा,”आह्ह ये इस शहर की सबसे अच्छी चीज है।”


जिया एक हाथ से साइकिल थामे और दूसरे हाथ से सेंडविच खाते हुए कहा,”ईशान ने आज जो किया वो कितना स्वीट मोमेंट था , हर बॉयफ्रेंड को ऐसा ही होना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह मुझे शर्म आ रही है क्या मुझे ये सोफी को बताना चाहिए ? नहीं अगर मैंने उसे बताया तो वो फिर मुझे एक बड़ा सा लेक्चर देगी और आखिर में कहेगी कि उसे मेरी परवाह है,,,,,,,,,,,,,,लेकिन मैं ये किस के साथ शेयर करू ?

क्योकि जब तक मैं अपने दिल की बात किसी से शेयर नहीं करुँगी मुझे अच्छा नहीं लगेगा। क्यों ना मैं डेस्टिनी से कहू , हाँ ये सही रहेगा वैसे भी डेस्टिनी मेरा अच्छा दोस्त है वो मेरी बात जरूर सुनेगा,,,,,,,,,,,,,,!!”
जिया ने सेंडविच खत्म किया और ब्रेड का आखिरी टुकड़ा अपनी साइकिल के बास्केट में रख लिया।
जिया साइकिल पर आ बैठी और डेस्टिनी से मिलने जा पहुंची।


जिया फुटपाथ पर पहुची उसने देखा डेस्टिनी गमले के पास पड़ा ऊंघ रहा है। सुबह सुबह जिया को वहा देखकर डेस्टिनी उसके पास चला आया और उसके इर्द गिर्द घूमने लगा। जिया घुटनो के बल बैठी और डेस्टिनी को गले लगाते हुए कहा,”ओह्ह्ह्ह डेस्टिनी तुम जानते नहीं आज मैं बहुत बहुत बहुत खुश हूँ , क्या तुम जानना चाहोगे आज क्या हुआ ? ओह्ह्ह डेस्टिनी तुम सुनोगे तो यकीन नहीं करोगे आज क्या हुआ ?  

सबसे पहले तुम मुझे ये बताओ तुम कैसे हो ? क्या तुमने कुछ खाया ? एक मिनिट रुको मैं तुम्हारे लिए कुछ लेकर आयी हूँ,,,,,,,,,,,!”
कहते हुए जिया ने डेस्टिनी का सर सहलाया और अपनी साइकिल की बास्केट से ब्रेड का टुकड़ा लेकर डेस्टिनी के पास चली आयी। जिया ने डेस्टिनी को ब्रेड खिलाया और वहा पास ही लगी दुकान वाले से एक कप चाय देने को कहा। चाय लेकर जिया डिवाइडर पर आ बैठी डेस्टिनी भी उसके पास चला आया।

सुबह का वक्त था और मौसम भी काफी अच्छा था जिया फूंक मारकर धीरे धीरे चाय पीने लगी। डेस्टिनी उसके सामने बैठा पूंछ हिला रहा था। जिया ने एक दो घूंठ भरे और बची हुई चाय को डेस्टिनी के लिए ठंडी करते हुए कहा,”आज सुबह मैं ईशान से मिली और तुम यकीन नहीं करोगे डेस्टिनी आज की सुबह इस शहर में मेरी अब तक की बेस्ट सुबह थी। ईशान अपने ऑडिशन के लिए आज बैंगलोर गया है , मुझे यकीन है वो इस बार उसका सपना पूरा हो जाएगा,,,,,,,,,,,,,,,,,

कितना अच्छा होगा ना डेस्टिनी जब उसका सपना पूरा होगा। जानते हो उसने कहा कि मैं उसे एयरपोर्ट तक छोड़ने आउ , आज मैं उसे अपने दिल की बात बताने वाली थी , बात ये कि मैं उसे बहुत पसंद करती हूँ और शायद उस से प्यार भी करती हूँ लेकिन मुझ में इतनी हिम्मत नहीं थी कि मैं उसे ये सब कह सकू,,,,,,,,,,,,,,,,पर आखिर में उसने मेरे लिए इसे आसान कर दिया। जानते हो डेस्टिनी उसने क्या किया ?”


जिया ने सस्पेंस से भरकर कहा तो डेस्टिनी एकटक उसे देखने लगा। जिया ने हैरानी के भाव लिए अपनी बड़ी बड़ी आँखों से कुछ देर के लिए डेस्टिनी को देखा और फिर एकदम से कहा,”उसने मुझे किस किया , यहाँ।”
कहकर जिया ने अपनी ऊँगली अपने गाल पर रख दी और ईशान के ख्यालो में खो गयी।

डेस्टिनी ने सूना तो जिया के लिए खुश होकर गोल गोल घूमने लगा क्योकि जिया और ईशान की लव स्टोरी का वह इकलौता गवाह था जिसने शुरू से लेकर अब तक उन दोनों की कहानी दो अलग अलग रूप में सुनी थी।  
जिया खुश थी वह कुछ वक्त ईशान की यादो के साथ बिताना चाहती थी वह कुछ देर वही डेस्टिनी के साथ बैठे रही और फिर अपनी साइकिल लेकर घर चली गयी।

देवांश के कहने के बाद भी माया जब तैयार नहीं हुई तो देवांश गुस्से में उसकी तरफ आया और उसकी बाँह पकड़कर उसे अपनी तरफ करके कहा,”ये सब क्या ड्रामा है माया , अब तक तो तुम्हे मेरे क्लाइंटस से कोई परेशानी नहीं थी और आज तुम नखरे दिखा रही हो , मुझे देवांश कटारिया को,,,,,,,,,चुपचाप मेरे साथ चलो।”
“बस देवांश बहुत हो गया अब मैं तुम्हारी एक बात नहीं मानूंगी , समझे तुम”,माया ने देवांश को खुद से दूर धकियाते हुए कहा


माया की इस हरकत पर देवांश को गुस्सा आ गया तो उसने खींचकर माया को एक थप्पड़ जड़ा और कहा,”तेरी इतनी हिम्मत की तू मुझे न कहे , ये एक्सपेंसिव कपडे , एक्सेरीज , गाड़ी , होटलो में महंगी पार्टिया ये सब मैंने तुम्हे दी है माया , तुम्हारे उस फटीचर बॉयफ्रेंड के पास तुम्हे देने के लिए आखिर था क्या हाँ,,,,,,,,,,,मैं चाहू तो दो मिनिट में तुम्हे अर्श से फर्श पर ला सकता हूँ माया। मत भूलो तुम और तुम्हारे वो लालची माँ बाप सिर्फ मेरे टुकड़ो पर पल रहे हो।”,देवांश ने गुस्से से कहा  


“देवांश अपनी हद में रहो , मुझे शर्म आ रही है ये सोचकर कि मैंने ईशान को ठुकरा कर तुम जैसे इंसान को चुना। तुम मुझे क्या छोड़ोगे मैं खुद ये सगाई तोड़ती हूँ , ये रखो अपनी अंगूठी और दफा हो जाओ यहाँ से,,,,,,,,,,,!!”,इस बार ने गुस्से से अपनी उंगली में पहनी डायमंड रिंग निकालकर देवांश की हथेली पर रखते हुए कहा और वहा से चली गयी
देवांश ने अंगूठी को अपनी मुट्ठी में भींचा और वहा से चला गया।

“माया बेटा क्या हुआ ? देवांश बड़े गुस्से में घर से गया है तुम दोनों के बीच कोई बात हुई है क्या ?”,माया की मम्मी ने अंदर आते हुए कहा
“मैंने देवांश से सगाई तोड़ दी है मम्मा , मुझे अब उस से शादी नहीं करनी,,,,,,,,,,!”,माया ने गुस्से से कहा


“ये क्या कह रही हो तुम ? तुम भूल रही हो माया देवांश अपने माँ बाप का इकलौता वारिस है , उसके माँ बाप के बाद वो ऐड कम्पनी और करोडो का बिजनेस देवांश का ही है और शादी के बाद तुम्हारा,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम अभी देवांश को फोन करो और माफ़ी मांगो उस से,,,,,,,,,,!”,माया के पापा ने कहा


माया ने सुना तो हैरानी से अपने पापा को देखने लगी माया को अपने पापा से ये उम्मीद नहीं थी। कुछ देर पहले देवांश ने उन्हें लालची कहा था और अब वही बात माया के दिमाग में घूम रही थी।
“मैं देवांश से शादी नहीं करुँगी पापा ये मेरा आखरी फैसला है।”,माया ने कहा और गुस्से से अपने कमरे में चली गयी।

अंदर जाकर माया ने दरवाजा जोर से बंद कर लिया और बिस्तर पर गिरकर रोने लगी।
“समझाओ अपनी बेटी को,,,,,,,,,,,,!”,माया के पापा ने गुस्से से लेकिन धीमी आवाज में कहा
“मैं उस से बात करती हूँ,,,,,,,,,,,,,आप परेशान मत होईये।”,माया की मम्मी ने कहा और माया के कमरे की तरफ चली गयी 

जिया घर आयी , उसने अपनी साइकिल को घर के बाहर साइड में लगाया और ख़ुशी से उछलते कुदते अंदर चली आयी। लिली आंटी घर की सफाई कर रही थी उन्होंने जिया को खुश देखा तो खुद में बड़बड़ाई,”उफ्फ्फ ये लड़की भी जब देखो तब बन्नी की तरह यहाँ वह फुदकती रहती है।”
जिया सीढिया चढ़कर ऊपर कमरे में आयी।

सोफी रेस्त्रो जाने के लिए तैयार हो रही थी जिया ने उसकी बांहे पकड़ी और उसे कमरे में घुमाते हुए कहा,”सोफी सोफी सोफी सोफी सोफी,,,,,,,,,,,,,,,आज मैं बहुत खुश हूँ।”
“क्या हुआ है जिया ? बताओ तो सही,,,,,,,,,,,,,,,!!”,सोफी ने हैरानी से कहा
जिया ने सोफी को छोड़ा और बिस्तर पर चढ़कर उछलते हुए गाने लगी,”आज मैं ऊपर , आसमा नीचे , आज मैं आगे, ज़माना है पीछे,,,,,,,,,,,!”


सोफी ने जिया को ख़ुशी से गाते उछलते देखा तो मुस्कुरा उठी। आज से पहले उसने जिया को इतना खुश कभी नहीं देखा था। वह जिया के पास आयी और हँसते हुए कहा,”जिया बताओ ना क्या हुआ है ? क्या तुम्हारे पास कोई अच्छी खबर है ?”
“सोफी तुम सुनोगी तो तुम भी ख़ुशी से मेरे साथ नाचने लगोगी,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने बिस्तर से नीचे कूदते हुए कहा
“अब बताओ भी मैं जानने के लिए बहुत एक्साइटेड हूँ प्लीज,,,,,,,,,,,,,!”,सोफी ने कहा


जिया ने एक गहरी साँस ली और कहा,”तुमने आज सुबह मुझसे ईशान को सब बताने को कहा था ना ?”
“तो क्या तुमने उसे बता दिया ? उसका क्या रिएक्शन रहा ? जवाब में क्या कहा उसने ?”,सोफी ने ख़ुशी और हैरानी मिश्रित भावो के साथ कहा


“अह्ह्ह्हह जरा सब्र रखो मैं सब बताती हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,जिया ने सोफी की बांहो को थामते हुए कहा
“हम्म्म्म”,सोफी ने कहा तो जिया ने उसे सब बातें बता दी , जिया जिसके पेट में कोई बात नहीं पचती थी उसने सोफी को ना बताने का सोचकर भी उसे सब बता दिया। सोफी ने सूना तो ख़ुशी से मुस्करायी और कहा,”क्या उसने सच में ये किया ?”
“हाह क्या तुम्हे मुझ पर यकीन नहीं है ? ये सच में हुआ था। सच में,,,,,,,,,,,,,,,आज की सुबह कितनी अच्छी थी सोफी,,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने खोये हुए स्वर में कहा


“मैं तुम्हारे लिए बहुत खुश हूँ जिया , तुम्हे तुम्हारे सपनो का राजकुमार मिल गया,,,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे तुम दोनों साथ में बहुत अच्छे लगते हो। मेड फॉर इच अदर”,सोफी ने अपने दोनों हाथो से दिल बनाकर कहा
“तुम्हारा शुक्रिया,,,,,,,,,,,,,,,आज शाम मैं तुम्हे ट्रीट दूंगी , हम नूडल्स खाने विंग रेस्त्रो चलेंगे।”,जिया ने चहकते हुए कहा


“हाँ जरूर , लेकिन उस से पहले हमे मिस्टर दयाल के रेस्त्रो जाने की जरूरत है ,, जाओ जाकर तैयार हो जाओ हमे देर हो जाएगी,,,,,,,,,,,,!”,सोफी ने अपना बैग जमाते हुए कहा
“बस दो मिनिट मैं अभी आती हूँ,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने किचन प्लेटफॉर्म पर रखे पराठे को उठाते हुए कहा और उसे मुँह में ठूसते हुए अपने कबर्ड की तरफ चली गयी।  

जिया और सोफी दोनों तैयार होकर मिस्टर दयाल के रेस्त्रो पहुंची। सोफी अपने काम में और जिया ऑर्डर्स लेकर डिलीवरी करने चली गयी। दिनभर जिया एक्टिव होकर काम करते रही। एक आर्डर देने के लिए जब ईशान के घर के सामने से गुजरी तो सहसा ही उसे ईशान की याद आ गई। उसने स्कूटर रोका और घर के गेट की तरफ चली आयी।

जिया गेट के अंदर देखने लगी जिस घर में ईशान रहता था लेकिन आज दरवाजे पर ताला लगा था और ईशान वहा नहीं था। जिया उदास हो गयी , अब तक वह ईशान के बारे में सोचकर खुश थी लेकिन अब उसे एकदम अहसास हुआ कि अब वह जब चाहे तब ईशान से नहीं मिल सकती। जिया कुछ देर वहा रुकी और फिर वहा से चली गयी।

उसी शाम माया अपने कमरे से बाहर निकली और अपना बैग लेकर घर से बाहर निकल गयी। देवांश और अपने घरवालों की सच्चाई जानकर माया को बहुत बुरा लग रहा था साथ ही वह बहुत दुखी भी थी। उसने अपनी कुछ दोस्तों को फोन किया लेकिन किसी के पास भी माया से मिलने का समय नहीं था जिस से माया और उदास हो गयी।


वह अकेले ही एक रेस्त्रो में चली आयी और अपने लिए कॉफी ऑर्डर की। माया ने देखा ये वही रेस्त्रो था जहा माया ने ईशान से ब्रेकअप किया था। वो दिन याद आते ही माया के दिल में एक टीस उठी आज पहली बार उसे ईशान को खोने का दुःख हो रहा था। वह ईशान को बहुत मिस कर रही थी लेकिन ईशान ने तो अब उसका फोन भी उठाना बंद कर दिया। वेटर कॉफी रखकर चला गया।

माया कॉफी पीने लगी। हर घूंठ के साथ ही माया को ईशान के साथ बिताये पल याद आने लगे। ईशान का प्यार , उसकी परवाह , उसका ब्रेकअप ना करने के लिए गिड़गिड़ाना सब,,,,,,,,,,,,,,!!
माया ने कॉफी खत्म की और बिल चुकाकर बाहर चली आयी।
माया ने सामने से गुजरते ऑटो को रुकवाया और उसमे आ बैठी माया ने उसे एक एड्रेस बताया और चलने को कहा।

कुछ देर बाद ऑटो एक अपार्टमेंट की बिल्डिंग के सामने आकर रुका। वो जगह माया अच्छे से जानती थी और शायद माया को गार्ड भी , इसलिए उसने माया को अंदर जाने से नहीं रोका। माया अंदर आयी और लिफ्ट के सामने चली आयी। लिफ्ट में आकर माया ने धड़कते दिल के साथ 7 नंबर दबा दिया। उसकी धड़कने तेज थी , ऐसा तब हुआ था जब वह पहली बार ईशान से मिली थी। आज भी वही फीलिंग और वही बेचैनी माया के चेहरे से साफ झलक रही थी।

लिफ्ट ऊपर आकर रुकी माया ने एक गहरी साँस ली और लिफ्ट से बाहर चली आयी। माया एक फ्लेट के सामने आकर रुक गयी। ये वही फ्लेट था जहा ईशान रहता था। माया ने धड़कते दिल के साथ बेल दबाई। कुछ देर बाद एक लड़के ने दरवाजा खोला और वह ईशान तो बिल्कुल नहीं था। उसे देखकर माया हैरान थी।
माया को चुप देखकर लड़के ने कहा,”जी कहिये ?”


“ईशान शर्मा ?”,माया ने धीरे से कहा
“सॉरी , मेरा नाम राज है और मै एक महीने पहले ही यहाँ शिफ्ट हुआ हूँ , आप शायद गलत फ्लेट पर आ गयी है।”,लड़के ने सहजता से कहा
“अह्ह्ह्ह शायद हाँ , आई ऍम सो सॉरी,,,,,,,,,,,!”,माया ने कहा
“या इट्स ओके।”,कहकर लड़के ने दरवाजा वापस बंद कर लिया और माया खामोश सी वापस लिफ्ट की तरफ बढ़ गयी।

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संजना किरोड़ीवाल 

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लिफ्ट ऊपर आकर रुकी माया ने एक गहरी साँस ली और लिफ्ट से बाहर चली आयी। माया एक फ्लेट के सामने आकर रुक गयी। ये वही फ्लेट था जहा ईशान रहता था। माया ने धड़कते दिल के साथ बेल दबाई। कुछ देर बाद एक लड़के ने दरवाजा खोला और वह ईशान तो बिल्कुल नहीं था। उसे देखकर माया हैरान थी।
माया को चुप देखकर लड़के ने कहा,”जी कहिये ?”

लिफ्ट ऊपर आकर रुकी माया ने एक गहरी साँस ली और लिफ्ट से बाहर चली आयी। माया एक फ्लेट के सामने आकर रुक गयी। ये वही फ्लेट था जहा ईशान रहता था। माया ने धड़कते दिल के साथ बेल दबाई। कुछ देर बाद एक लड़के ने दरवाजा खोला और वह ईशान तो बिल्कुल नहीं था। उसे देखकर माया हैरान थी।
माया को चुप देखकर लड़के ने कहा,”जी कहिये ?”

लिफ्ट ऊपर आकर रुकी माया ने एक गहरी साँस ली और लिफ्ट से बाहर चली आयी। माया एक फ्लेट के सामने आकर रुक गयी। ये वही फ्लेट था जहा ईशान रहता था। माया ने धड़कते दिल के साथ बेल दबाई। कुछ देर बाद एक लड़के ने दरवाजा खोला और वह ईशान तो बिल्कुल नहीं था। उसे देखकर माया हैरान थी।
माया को चुप देखकर लड़के ने कहा,”जी कहिये ?”

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