Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 11

A Broken Heart – 11

A Broken Heart
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A Broken Heart – 11

ईशान और जिया लिफ्ट में थे। ईशान ने जिया का मुंह बंद कर रखा था और लिफ्ट नीचे जा रही थी। कुछ देर बाद लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पर आकर रुकी। लिफ्ट के दरवाजे खुले और ईशान जिया को साइड कर लिफ्ट से बाहर निकल गया। जिया उसी लिफ्ट में खड़ी ईशान को जाते हुए देखते रही और लिफ्ट के दरवाजे एक बार फिर बंद हो गए। कुछ देर पहले वह ईशान के करीब थी सोचकर ही जिया के बदन में एक सिहरन सी दौड़ गयी और उसने दोनों हाथो की उंगलियों को आपस में फंसाकर अपनी ठोड़ी से लगाते हुए कहा,”हाहहह वो कितना प्यारा है,,,,,,,,,,,काश हम इस लिफ्ट में फंस जाते हमेशा हमेशा के लिए,,,,,,,,,,!!”
जिया ईशान के ख्यालों में खो गयी। लिफ्ट 4th फ्लोर पर आकर रुकी। जिया मुस्कुराते हुए वापस आयी इस बार भी वह सीधा ही मीटिंग रूम में चली आयी। उसने देखा माया के अलावा वहा कोई दुसरा नहीं है और माया अपना सर पकडे बैठी है। जिया उसके सामने आयी और कहा,”आई ऍम सो सॉरी मैं आपको आपके आर्डर का बिल देना भूल गयी थी,,,,,,,,,,,,,,,ये आपका बिल , हेव अ गुड डे”
माया ने जिया को देखा तो वह बिल टेबल पर रखकर तुरंत वहा से चली गयी। जिया की वजह से आज की मीटिंग ख़राब हो गयी और नया ऐड भी उसके हाथ से चला गया। माया ने उस बिल को उठाया और गुस्से से उसे फाड़कर कहा,”बेवकूफ लड़की तुम्हारी वजह से आज मुझे सबके सामने शर्मिंदा होना पड़ा तुम्हे तो मैं छोडूंगी नहीं,,,,,,,,,,,,,,आई जस्ट हेट यू”

ईशान माया से मिलने आया था लेकिन जिया की वजह से परेशान होकर कम्पनी से वापस लौट आया। ईशान बस स्टॉप पर चला आया और बस का इंतजार करने लगा। जिया भी अपना स्कूटर लिए वहा से गुजरी। उसने ईशान को बस स्टॉप पर देखा तो अपना स्कूटर रोककर कहा,”हेलो मिस्टर किडनेपर,,,,,,,,,,,,,क्या मैं तुम्हे लिफ्ट दे दू ?”
जिया के मुंह से किडनेपर सुनकर वहा खड़े लोग ईशान को देखने लगे। जिया को वहा देखकर ईशान फिर परेशान हो गया और अपना हाथ अपने चेहरे से लगाकर सर झुका लिया ताकि वह जिया को इगनोर कर सके
“हेलो मैं तुम से बात कर रही हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,अभी कुछ देर पहले हम लिफ्ट में साथ साथ थे और अब तुम मुझसे मुँह छुपा रहे हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह्ह मुझे यहाँ देखकर तुम्हे शर्म आ रही होगी ना”,जिया ने कहा


ईशान नहीं चाहता था जिया उसका और तमाशा बनाये इसलिए वह जिया के पास आया और कहा,”ये क्या बदतमीजी है ? और तुम मुझे सबके सामने किडनेपर   कहकर क्यों बुला रही हो ? मैं जहा भी जाता हूँ तुम मेरे पीछे चली आती हो क्या तुम मेरा पीछा कर रही हो ?”
“हाहहहह बिल्कुल नहीं,,,,,,,,,,,,,,,मैं तुम्हारा पीछा क्यों करुँगी वो तो किस्मत हमे बार बार मिला रही है और मैं तुम्हारा नाम नहीं जानती इसलिए मुझे तुम्हे इन अजीब नामों से बुलाना पड़ रहा है”,जिया ने मासूम सा चेहरा बनाकर कहा
“मेरा ईशान है और आज के बाद मुझे परेशान मत करना समझी तुम,,,,,,,,,,,!!”,कहकर ईशान पैदल ही वहा से जाने लगा


जिया अपना स्कूटर घसीटते हुए उसके पीछे आयी और कहा,”क्या मैं तुम्हे कही छोड़ दू ?”
जिया की आवाज सुनकर ईशान झुंझलाया और पलटकर हाथ जोड़ते हुए कहा,”हाँ मेरे हाल पर छोड़ दो,,,,,,,,,,,,,,,प्लीज”
जिया ने अपना निचला होंठ बाहर निकाला और ईशान को देखने लगी। ईशान वहा से चला गया जिया उसे तब तक देखते रही जब तक वो आँखों से ओझल नहीं हो गया। शाम ढलने लगी थी कुछ देर बाद उसे याद आया कि उसे वापस रेस्त्रो जाकर घर भी जाना है। उसने जल्दी से अपना स्कूटर स्टार्ट किया और वहा से निकल गयी।

ईशान माया से न मिल पाने की वजह से पहले ही परेशान था ऊपर से जिया ने उसे और परेशान कर दिया। चलते चलते उसने जेब से अपना पर्स निकाला उसमे कुछ ही पैसे बचे थे। ईशान फ्लेट न जाकर अपने पसंदीदा विंग चायनीज रेस्त्रो में चला आया। उसने अपने लिए फ्राइड राईस और कॉफी आर्डर की। आर्डर आने में थोड़ा वक्त था। ईशान बैठकर इंतजार करने लगा उसके पास जॉब नहीं था , ना ही ज्यादा पैसे थे इसलिए बहुत हिम्मत करके उसने अपनी मम्मी को फोन लगाया। कुछ देर रिंग जाती रही और दूसरी तरफ से ईशान की मम्मी ने फोन उठाकर कहा,”हेलो , ईशान ,, कैसे हो ? आज अचानक से तुम्हे अपनी मॉम की याद कैसे आ गयी ?”
“हाय मॉम ! मैं ठीक हूँ , एक्चुली मुझे कुछ पैसे चाहिए थे,,,,,,,,,,!!”,ईशान ने झिझकते हुए कहा


ईशान की मम्मी कुछ कहती इस से पहले ही ईशान के पापा ने उन से फोन लेकर कहा,”अपनी माँ से पैसे माँगते हुए तुम्हे शर्म नहीं आती,,,,,,,,,,,,,,ईशान यू आर ऐन सॉफ्टवेयर इंजिनियर और दिल्ली क्या तुम कही भी रहकर एक अच्छा पैकेज कमा सकते हो लेकिन नहीं तुम्हे तो हमारी बात सुननी ही नहीं है बस अपने मन की करनी है,,,,,,,,,,,,,,,,,कान खोलकर सुन लो इस घर से तुम्हे एक पैसा नहीं मिलेगा। अपना सामान बांधो और वापस घर चले आओ”
“मैं फोन रखता हूँ”,कहकर ईशान ने फोन काट दिया। आज का दिन ही ख़राब था।      


कुछ देर बाद वेटर आया और ईशान के सामने खाना रखकर चला गया। ईशान बेमन से खाना खाने लगा। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था , ना माया उसे समझ रही थी ना ही उसके डेड,,,,,,,,,,,,,ईशान बचपन से ही एक RJ बनना चाहता था और लोगो को अपनी कहानिया सुनाना चाहता था। एक यही काम था जिसे ईशान पुरे दिल से करता था लेकिन ईशान के डेड का मानना था कि एक RJ की नौकरी में ईशान का कोई फ्यूचर नहीं है। उन्होंने ईशान को इंजीनियरिंग करवाई लेकिन ईशान एक महीने से ज्यादा कोई नौकरी नहीं कर पाता। बीती बातों के बारे में सोचते हुए ईशान ने अपना खाना ख़त्म किया और बिल चुकाकर वहा से निकल गया।


रात के 9 बज चुके थे ईशान के पास ज्यादा पैसे नहीं थे इसलिए वह पैदल ही चल पड़ा। बाहर काफी ठण्ड थी इसलिए ईशान ने अपने दोनों हाथ कोट के जेब में डाल लिए और धीमे धीमे कदम बढ़ाते हुए चल पड़ा। वह रेस्त्रो से बाहर बने फुटपाथ पर चला आया। आज ईशान का मन रोजाना से ज्यादा उदास था वह ख़ामोशी से फुटपाथ पर चलते रहा। चलते चलते उसने एक नजर गमले के पास मफलर में लिपटे पिल्ले को देखा और आगे बढ़ गया। आज ईशान हमेशा की तरह उसके पास नहीं रुका ना ही कुछ कहा,,,,,,,,,,,,,,,उदासी उसके चेहरे से साफ झलक रही थी। वह माया के बारे में सोचते जा रहा था इन दिनों माया का बर्ताव काफी अजीब था और ये बात ईशान को काफी परेशान कर रही थी।


नवम्बर का महीना था और सर्दियों के दिन थे इसलिए सड़को पर दुकाने भी जल्दी ही बंद हो जाती थी। रेस्त्रो से ईशान का फ्लेट काफी दूर था। पैदल चलते हुए वह मिस्टर दयाल के रेस्त्रो के सामने से गुजरा तो उसे एकदम से जिया याद आ गयी। उसकी आँखों के सामने आज लिफ्ट में घटी घटना याद आ गयी। ईशान वही रुककर रेस्त्रो के दरवाजे को देखने लगा , उसे लगा जैसे वह अजीब लड़की एकदम से दरवाजे से बाहर निकल आएगी।
“क्या आप इस रेस्त्रो में आकर कुछ खाना पसंद करेंगे ?”,दरवाजे पर खड़ी सोफी ने कहा
सोफी की आवाज से ईशान की तन्द्रा टूटी वह अपने ख्यालो से बाहर आया और कहा,”नहीं शुक्रिया”
सोफी ने देखा ये वही लड़का था जो उस दिन जिया का आई डी कार्ड लौटाने आया था। ईशान वहा से चला गया।

 रेस्त्रो में काम करने वाले बाकि लोग जा चुके थे बस सोफी बची थी। सोफी भी अंदर चली आयी और मिस्टर दयाल से कहा,”मिस्टर दयाल मैंने यहाँ का सब काम खत्म कर दिया है। मुझे अब चलना चाहिए,,,,,,,,,,,,!!”
“हाँ,,,,,,,,,,,आज तुम्हे कुछ ज्यादा ही देर हो गयी , इतनी रात में तुम अकेले रेस्त्रो जाओगी एक काम करो तुम स्कूटर ले जाओ सुबह वापस ले आना”,मिस्टर दयाल ने अपनेपन से कहा।
“आपका शुक्रिया मिस्टर दयाल , मैं चलती हूँ गुड नाईट”,सोफी ने मुस्कुराते हुए कहा
“गुड नाईट”,मिस्टर दयाल ने कहा
सोफी स्कूटर लेकर वहा से निकल गयी और मिस्टर दयाल रेस्त्रो बंद कर ऊपर बने अपने घर में चले गए।

सोफी अपना स्कूटर लिए चली जा रही थी। वह बिल्कुल ईशान के बगल से ही निकली लेकिन अँधेरा होने की वजह से उसने ध्यान दिया और आगे बढ़ गयी। कुछ दूर जाकर ही स्कूटर बंद पड़ गया। ये एक सुनसान रास्ता था जहा से रात में कम ही लोग गुजरते थे। सोफी घबरा गयी लेकिन हिम्मत करके स्कूटर से नीचे उतरी और उसे देखने लगी। सोफी को कुछ समझ नहीं आया।
“ओह्ह्ह ये मैं कहा फंस गयी ? मुझे यहाँ किसी से मदद लेनी चाहिए ताकि मैं वक्त पर घर जा सकू”,सोफी ने खुद से कहा और साइड आकर मदद के लिए  यहाँ वहा देखने लगी।

एक दो रिक्शा वहा से गुजरे भी लेकिन किसी ने नहीं रोका। सोफी बार बार घडी में वक्त देखते हुए परेशान हो रही थी। कुछ देर बाद 2 लड़के वहा आये और सोफी को अकेला देखकर उसके इर्द गिर्द घूमने लगे।
सोफी ने देखा तो अंदर ही अंदर और घबरा गयी लेकिन अपनी घबराहट को उसने चेहरे पर नहीं आने दिया और अपने स्कूटर की तरफ चली आयी।
“क्या हुआ मैडम ? हम कुछ मदद कर दे”,दोनों लड़को में से एक ने सोफी को अजीब नजरो से देखते हुए पूछा
“नहीं शुक्रिया,,,,,,,,,,,,,!”,सोफी ने उन्हें नजरअंदाज करते हुए कहा


“अरे मैडम आप अकेली है ऐसे में आपकी मदद करना हमारा फर्ज बनता है , क्यों भाई ?”,उसी लड़के ने सोफी के पास आकर स्कूटर का हेण्डल थामते हुए कहा और ऐसा करते हुए उसने सोफी के हाथ को भी छू लिया। सोफी एक बुरे अहसास से गुजरी और पीछे हटते हुए कहा,”देखिये मुझे आपकी कोई मदद नहीं चाहिए आप लोग जाईये यहाँ से”
“अब आये है तो कुछ लेकर ही जायेंगे मैडम”,इस बार दूसरे लड़के ने सोफी को घूरते हुए कहा तो सोफी घबरा गयी और अपने कदम पीछे बढ़ाने लगी। दोनों लड़को ने आकर उसे घेर लिया और परेशान करने लगे। खींचातानी में सोफी का जैकेट एक लड़के के हाथ में आ गया और उसने उसे हवा में उछालते हुए कहा “,अब इतना भी भाव मत खाओ”


सोफी मदद के लिए चिल्लाने लगी लेकिन उस सुनसान सड़क पर उसकी आवाज को सुनता कौन ?
“ए इसका मुंह बंद कर”,पहले लड़के ने कहा तो वह सोफी की तरफ आया। इत्तेफाक से ईशान उसी रास्ते से गुजर रहा था उसने जब सोफी की आवाज सुनी और वहा चला आया। ईशान को वहा देखकर सोफी की जान में जान आयी उसने आसभरी नजरो से ईशान को देखा।
 उन लड़को को देखकर ईशान समझ गया कि वो दोनों सोफी को तंग कर रहे है। ईशान लड़को के पास आया तो एक ने उसे पीछे धकियाते हुए कहा,”ए चल जा यहाँ से लड़की के सामने हीरो बनता है”


ईशान ने सूना तो उसने खींचकर एक घुसा लड़के को मारा वह नीचे गिरकर धूल चाटने लगा। ईशान गुस्से से जैसे ही दूसरे लड़के की तरफ पलटा लड़के ने सोफी का हाथ छोड़ दिया और घबराकर वहा से भाग गया। ईशान सोफी के पास आया और कहा,”तुम ठीक हो ?”
“हाँ,,,,,,तुम्हारा शुक्रिया , अगर तुम वक्त पर नहीं आते तो,,,,,,,,,,,,,,!!”,सोफी ने घबराये हुए स्वर में कहा  
“वैसे तुम्हे इतनी रात में अकेले इस रुट पर नहीं आना चाहिए,,,,,,,,,,,,ये सेफ नहीं है।”,ईशान ने कहा
“दरअसल मैं बस से जाती हूँ लेकिन आज देर हो गयी इसलिए मुझे स्कूटर से जाना पड़ा और ये भी रास्ते में खराब हो गया”,सोफी ने उदास होकर कहा


सोफी की बात सुनकर ईशान स्कूटर की ओर चला आया। उसने किक मारकर स्कूटर स्टार्ट करने की कोशिश की लेकिन वो नहीं हुआ। ईशान कोशिश करता रहा और कुछ देर बाद स्कूटर स्टार्ट हो गया। सोफी ईशान के पास आयी और कहा,”तुम्हारा शुक्रिया”
ईशान ने देखा सोफी ने बस एक पतली टीशर्ट पहन रखी है। उसका जैकेट लड़को ने कही फेंक दिया था। ईशान ने अपना कोट उतारा और सोफी की तरफ बढाकर कहा,”काफी ठण्ड है तुम ये पहन लो”
“लेकिन तुम,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे भी तो ठण्ड लगेगी ना”,सोफी ने कहा


“मेरा फ्लेट पास में ही है मैं चला जाऊंगा , तुम्हे इसकी जरूरत पड़ेगी”,ईशान ने कोट सोफी की तरफ करके कहा
सोफी ने झिझकते हुए उस से कोट लिया और पहनते हुए कहा,”मैं कल तुम्हे इसे लौटा दूंगी”
“हम्म्म्म तुम्हे अब निकलना चाहिए”,ईशान ने घडी में वक्त देखते हुए कहा  
सोफी अपना स्कूटर लेकर वहा से निकल गयी। ईशान भी तेज कदमो से दूसरी तरफ बढ़ गया। सुबह से ईशान उदास था लेकिन सोफी की मदद करके उसे अब अच्छा लग रहा था।

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संजना किरोड़ीवाल

A Broken Heart
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ईशान और जिया लिफ्ट में थे। ईशान ने जिया का मुंह बंद कर रखा था और लिफ्ट नीचे जा रही थी। कुछ देर बाद लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पर आकर रुकी। लिफ्ट के दरवाजे खुले और ईशान जिया को साइड कर लिफ्ट से बाहर निकल गया। जिया उसी लिफ्ट में खड़ी ईशान को जाते हुए देखते रही और लिफ्ट के दरवाजे एक बार फिर बंद हो गए। कुछ देर पहले वह ईशान के करीब थी सोचकर ही जिया के बदन में एक सिहरन सी दौड़ गयी और उसने दोनों हाथो की उंगलियों को आपस में फंसाकर अपनी ठोड़ी से लगाते हुए कहा,”हाहहह वो कितना प्यारा है,,,,,,,,,,,काश हम इस लिफ्ट में फंस जाते हमेशा हमेशा के लिए,,,,,,,,,,!!”
जिया ईशान के ख्यालों में खो गयी। लिफ्ट 4th फ्लोर पर आकर रुकी। जिया मुस्कुराते हुए वापस आयी इस बार भी वह सीधा ही मीटिंग रूम में चली आयी। उसने देखा माया के अलावा वहा कोई दुसरा नहीं है और माया अपना सर पकडे बैठी है। जिया उसके सामने आयी और कहा,”आई ऍम सो सॉरी मैं आपको आपके आर्डर का बिल देना भूल गयी थी,,,,,,,,,,,,,,,ये आपका बिल , हेव अ गुड डे”
माया ने जिया को देखा तो वह बिल टेबल पर रखकर तुरंत वहा से चली गयी। जिया की वजह से आज की मीटिंग ख़राब हो गयी और नया ऐड भी उसके हाथ से चला गया। माया ने उस बिल को उठाया और गुस्से से उसे फाड़कर कहा,”बेवकूफ लड़की तुम्हारी वजह से आज मुझे सबके सामने शर्मिंदा होना पड़ा तुम्हे तो मैं छोडूंगी नहीं,,,,,,,,,,,,,,आई जस्ट हेट यू”ईशान और जिया लिफ्ट में थे। ईशान ने जिया का मुंह बंद कर रखा था और लिफ्ट नीचे जा रही थी। कुछ देर बाद लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पर आकर रुकी। लिफ्ट के दरवाजे खुले और ईशान जिया को साइड कर लिफ्ट से बाहर निकल गया। जिया उसी लिफ्ट में खड़ी ईशान को जाते हुए देखते रही और लिफ्ट के दरवाजे एक बार फिर बंद हो गए। कुछ देर पहले वह ईशान के करीब थी सोचकर ही जिया के बदन में एक सिहरन सी दौड़ गयी और उसने दोनों हाथो की उंगलियों को आपस में फंसाकर अपनी ठोड़ी से लगाते हुए कहा,”हाहहह वो कितना प्यारा है,,,,,,,,,,,काश हम इस लिफ्ट में फंस जाते हमेशा हमेशा के लिए,,,,,,,,,,!!”
जिया ईशान के ख्यालों में खो गयी। लिफ्ट 4th फ्लोर पर आकर रुकी। जिया मुस्कुराते हुए वापस आयी इस बार भी वह सीधा ही मीटिंग रूम में चली आयी। उसने देखा माया के अलावा वहा कोई दुसरा नहीं है और माया अपना सर पकडे बैठी है। जिया उसके सामने आयी और कहा,”आई ऍम सो सॉरी मैं आपको आपके आर्डर का बिल देना भूल गयी थी,,,,,,,,,,,,,,,ये आपका बिल , हेव अ गुड डे”
माया ने जिया को देखा तो वह बिल टेबल पर रखकर तुरंत वहा से चली गयी। जिया की वजह से आज की मीटिंग ख़राब हो गयी और नया ऐड भी उसके हाथ से चला गया। माया ने उस बिल को उठाया और गुस्से से उसे फाड़कर कहा,”बेवकूफ लड़की तुम्हारी वजह से आज मुझे सबके सामने शर्मिंदा होना पड़ा तुम्हे तो मैं छोडूंगी नहीं,,,,,,,,,,,,,,आई जस्ट हेट यू”

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