Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 18

A Broken Heart – 18

A Broken Heart
A Broken Heart

जिया की बात सुनकर सोफी हैरानी से उसे देखने लगी और कुछ देर बाद कहा,”अह्ह्ह तुम कुछ ज्यादा ही सोच रही हो। तुम्हे उस लड़के के बारे में ज्यादा परेशान नहीं होना चाहिए”

”मुझे बस उसकी परवाह हो रही है , क्या वो ठीक होगा ?”,जिया ने कहा

“उसका तो पता नहीं लेकिन तुम जरूर बीमार हो,,,,,,,,,,तुम्हे किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाना चाहिए”,सोफी ने नूडल्स बनाते हुए कहा
“हाहह तुम मेरी दोस्त होकर ऐसी बातें कैसे कर सकती हो ? वैसे ये जब तक बन जायेगा ?”,जिया ने नूडल्स की तरफ देखते हुए पूछा
“ये बस तैयार होने वाला है , तुम चलकर बैठो मैं ये लेकर आती हूँ”,सोफी ने कहा
जिया सोफे की तरफ चली आयी उसने टेबल पर दो प्लेट लगाए और सोफी का इंतजार करने लगी। दोनों ने नूडल्स खाये और सोने चली गयी।


अगली सुबह जिया और सोफी रेस्त्रो पहुंची और अपने अपने काम मे लग गयी। जिया अभी भी ईशान के बारे में ही सोच रही थी। वह ईशान से इतनी बार मिल चुकी थी लेकिन ना वह उसका नाम जानती थी न ही उसके बारे में उसे कुछ जानकारी थी। सोफी अपने काम में लगी थी और जिया बाहर चली गयी। वह ईशान से मिलना चाहती थी लेकिन इन दिनों ईशान उसे कही दिखाई नहीं दिया।

एक हफ्ता गुजर गया। एक शाम जिया रेस्त्रो में थी। सोफी आज बीमार थी और रेस्त्रो नहीं आयी थी इसलिए कस्टमर को सर्व करने का काम भी जिया ही कर रही थी। सुबह से काफी कस्टमर आ चुके थे और ऐसे में जिया भी काफी थक चुकी थी। घर जाने में अभी वक्त था इसलिए जिया काउंटर के पास बैठकर सुस्ताने लगी। कुछ देर बाद दरवाजा खुला और 2-3 लड़किया अंदर चली आयी। लड़किया अंदर आकर कुर्सियों पर बैठ गयी। जिया ने देखा तो आर्डर लेने उनकी तरफ चली आयी।


“गुड इवनिंग मेम आप लोग क्या लेना पसंद करेंगी ?”,जिया ने मेनू कार्ड टेबल पर रखते हुए कहा
लड़कियों में बैठी एक लड़की ने जिया को वहा देखा तो हैरानी और घमंड भरे स्वर में कहा,”ओह्ह्ह तो ये तुम हो , मुझे लगा नहीं था इतने बड़े रेस्त्रो में तुम्हे वेटर का काम मिलेगा,,,,,,,,,,,,,,पर ये काफी अच्छा है और तुम पर सूट भी कर रहा है।”
जिया ने देखा उसके बारे में ऐसी बातें बोलने वाली लड़की कोई और नहीं बल्कि ऐड कम्पनी की जूनियर मैनेजर माया थी। माया को वह देखकर जिया को उस दिन वाली घटना याद आ गयी जब माया ने उसके स्कूटर को टक्कर मारी थी। जिया का मन तो किया इसी वक्त माया को दो चार बातें सुनाये और यहाँ से जाने को कह दे लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकती थी।

जिया ने अपने गुस्से को निगलते हुए कहा,”आज हमारे रेस्त्रो की स्पेशल डिश में इटालियन सेंडविच और क्रीमी हॉट कॉफी है। क्या आप लेना पसंद करेंगी ? या आप अपनी पसंद से भी कुछ ऑर्डर्स कर सकती है”
“3 कॉफी , 2 इटालियन सेंडविच और 1 प्लेट वाइट सॉस पास्ता”,माया ने इतराते हुए कहा
“ओके मेम थेंक्यू”,जिया ने मुस्कुराते हुए कहा और वहा से चली गयी।


किचन में आकर जिया ने कूक को आर्डर तैयार करने को कहा और खुद वापस काउंटर की तरफ चली आयी। जिया को परेशान करने और उस से बदला लेने का भला इस से अच्छा वक्त और क्या हो सकता था। माया ने जानबूझकर टेबल पर रखा पानी गिरा दिया और ऊँची आवाज में कहा,”हेलो ! एक्सक्यूज मी , इस रेस्त्रो में इतनी गंदगी क्यों है ? इसे साफ कर दो”


जिया ने देखा वहा उसके अलावा कोई स्टाफ नहीं है तो मजबूरन उसे ही उठकर माया की तरफ आना पड़ा।    
जिया ने टिश्यू पेपर उठाया और टेबल पर गिरा पानी साफ करने लगी उसे ये सब करते हुए बहुत अजीब लग रहा था लेकिन वह नहीं चाहती थी माया किसी तरह का तमाशा करे। जिया को ये सब करते देखकर माया को बड़ा मजा आ रहा था। जिया वहा से किचन की तरफ चली आयी।

इत्तेफाक से ईशान भी उसी रेस्त्रो में आया था जब उसने माया को वहा बैठे देखा तो उसके पास चला आया और कहा,”माया ! तुम मेरा फोन क्यों नहीं उठाती,,,,,,,,,,,,,,,,,,आई नो मुझसे गलती हुई है पर इसका मतलब ये तो नहीं कि तुम मेरा फोन उठाना , मुझसे मिलना भी बंद करो। मुझे अपनी गलती सुधारने का एक मौका तो दो प्लीज”
“ईशान मैं यहाँ अपनी दोस्तों के साथ आयी हूँ प्लीज मेरी शाम खराब मत करो”,माया ने बेपरवाही से कहा


“मैं हमारे बीच सब ठीक करना चाहता हूँ माया। मैंने सब छोड़ दिया है अपने सपने भी,,,,,,,,,,,,,मुझे सिर्फ तुम्हारी जरूरत है माया,,,,,,,,हमारे बीच इतना भी नहीं बिगड़ा है कि ठीक ना किया जा सके। प्लीज माया गिव मी वन चांस मैं तुम्हे अपना प्यार प्रूव कर दूंगा”,ईशान ने कहा
“मेम ये आपका आर्डर,,,,,,,,,,,,,,इंजॉय योर फ़ूड”,कहते हुए जिया ने खाना टेबल पर रखा। जिया ने ईशान को वहा देखा तो ख़ुशी से उसका चेहरा खिल उठा लेकिन अगले ही पल वह सोच में भी पड़ गयी कि ईशान यहाँ क्यों है ? वो भी माया के साथ,,,,,,,,,,,,,!!


ईशान ने जिया पर कोई ध्यान नहीं दिया वह बस माया को देखे जा रहा था। माया ने कॉफी से भरा कप उठाया और उसे नीचे फर्श पर गिराते हुए कहा,”उप्स आई ऍम सो सॉरी मेरे हाथ से ये कॉफी गिर गयी,,,,,,,,,,,,,,,बेबी क्या तुम इसे साफ कर दोगे ?”
माया की इस हरकत पर जिया को बहुत गुस्सा आया लेकिन उसने कुछ नहीं कहा वह बस समझने की कोशिश कर रही थी ईशान और माया के बीच क्या रिश्ता है ?


ईशान कुछ देर ख़ामोशी से माया को देखते रहा। उसने टेबल पर रखे कुछ टिश्यू पेपर उठाये और जैसे ही फर्श साफ करने को हुआ वहा खड़ी जिया ने कहा,”हे ! तुम ये रहने दो , इसे मैं साफ कर देती हूँ”
“इट्स ओके मैं ये कर लूंगा,,,,,,,,,,,,,!!”,ईशान ने बिना जिया की तरफ देखे कहा  
“नहीं तुम्हे ये सब करने की जरूरत नहीं है,,,,,,,,,,,,और तुम क्या तुम पागल हो , तुम में ज़रा भी तमीज नहीं है , तुम किसी से ये सब करने को कैसे कह सकती हो ?”,जिया ने माया को गुस्से से देखते हुए कहा


“एक्सक्यूज मी तुम शायद जानती नहीं हो मैं कौन हूँ ?”,माया उठी और जिया की तरफ पलटकर कहा
“तुम आज बहुत ही घमंडी और अकड़ू लड़की हो जिसे दूसरे लोगो को परेशान करने में मजा आता है”,जिया ने भी तनते हुए कहा
“यू बिच,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए माया ने जैसे ही जिया की तरफ आना चाहा ईशान बीच में आ गया और कहा,”माया ! माया लिस्टन टू मी,,,,,,,,ये सब छोडो और मेरे साथ चलो मुझे तुम से बात करनी है”


“लेकिन मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी,,,,,,,,,तुम यहाँ से जा सकते हो”,माया ने अपने हाथो को नचाते हुए कहा
“माया प्लीज”,ईशान ने बेबसी से कहा लेकिन माया को फर्क नहीं पड़ा उसने अपना बैग उठाया और ईशान की तरफ पलटकर कहा,”अगर तुम यहाँ से नहीं गए तो मैं यहाँ से चली जाउंगी”
माया का ऐसा बर्ताव देखकर ईशान का मन दुखी हो गया। उसने कभी सोचा नहीं था उस से इतना प्यार करने वाली माया आज उसे ऐसे नजरअंदाज करेगी। ईशान को खामोश देखकर माया ने कहा,”इस आर्डर का बिल भी तुम्हे ही पे करना होगा और मुझे नहीं लगता इस वक्त तुम्हारे पास इतने पैसे होंगे,,,,,,,,,,,,,,,!!”


माया सबके सामने ईशान को बेइज्जत किये जा रही थी और वह बस ख़ामोशी से सुन रहा था उसने एक बार भी माया को जवाब नहीं दिया। जिया को भी ईशान के लिए बुरा लग रहा था लेकिन वह उन दोनों के बीच बोलकर माहौल को और ख़राब करना नहीं चाहती थी। ईशान ने एक नजर माया को देखा और वहा से चला गया।

ईशान के जाने के बाद माया वापस अपनी दोस्तों के साथ आ बैठी और सेंडविच उठाकर खाने लगी।
“तुम्हे उसके साथ इतना बुरा पेश नहीं आना चाहिए था”,माया की एक दोस्त ने कहा
“हाँ माया और ईशान तो तुम्हारा दोस्त है न , तुमने बेचारे को कुछ ज्यादा ही सूना दिया”,माया की दूसरी दोस्त ने कहा


“ओह्ह्ह प्लीज अब तूम लोग मुझे लेक्चर देना बंद करो,,,,,,,,,,,,,,ईशान मेरा दोस्त है नहीं बल्कि था और वैसे भी मुझे नहीं लगता मुझे उसके जैसे लोगो से कोई रिश्ता रखना चाहिए। अब तुम दोनों खाना खाओ मेरा सर मत खाओ”,माया ने रूखे स्वर में कहा
माया की दोनों दोस्त चुपचाप कॉफी पीने लगी। उन्होंने महसूस किया कि माया में इन दिनों काफी घमंड आ चूका है और आता भी क्यों नहीं ? देवांश ने उसे ऐड कम्पनी में जूनियर मैनेजर जो बना दिया। जिया काऊंटर की तरफ चली आयी उसे ईशान के बारे में सोचकर काफी बुरा लग रहा था। कुछ देर बाद माया ने बिल मंगवाया। जिया बिल लेकर आयी। माया ने बिल देखा और टोटल से कुछ ज्यादा पैसे रखकर कहा,”ये तुम्हारे बकवास खाने का बिल और बाकि पैसे तुम टिप में रख लेना”


जिया ने सुना तो उसे बुरा लगा वह वेटर नहीं थी बल्कि सोफी के ना आने की वजह से उसे ये काम करना पड़ रहा था। जिया ने अब तक माया की हर बदतमीजी को बर्दास्त किया लेकिन इस बार उसने माया को जवाब देने की ठानी और टेबल पर पड़े कॉफी के ग्लास को उठाकर बची हुई कॉफी माया के महंगे कपड़ो पर फेंकते हुए कहा,”उप्स ये गलती से हो गया,,,,,,,,,,,,,मैं ये तुम्हारा बिल रख लेती हूँ और ये रहे टिप के पैसे इनसे तुम अपने कपडे ड्रायक्लीन करवा लेना”


माया गुस्से और हैरानी से जिया को देखते ही रह गयी वह उसे कोई जवाब नहीं दे पायी और अपना बैग उठाकर वहा से चली गयी। माया की दोनों दोस्त भी वहा से निकल गयी। जिया बिल बुक लिए काउंटर की तरफ चली आयी।
“उस लड़की को अच्छा सबक सिखाया तुमने जिया”,मिस्टर दयाल ने काउंटर के पास आकर कहा
“हाहहहह क्या सच में मिस्टर दयाल ? मुझे लगा आपके कस्टमर के साथ इस तरह से पेश आने पर आप मुझे से गुस्सा होंगे”,जिया ने हैरानी से कहा


“मेरे रेस्त्रो को ऐसे कस्टमरस की बिल्कुल जरूरत नहीं है जिन्हे अपने पैसे का घमंड हो और जो लोगो के साथ इतने बुरे पेश आये,,,,,,,,,,,,,तुमने अच्छा काम किया”,मिस्टर दयाल ने कहा
“ओह्ह्ह मिस्टर दयाल क्या आप सच में मेरी तारीफ कर रहे है ? मुझे तो यकीन नहीं हो रहा कही मैं सपना तो नहीं देख रही”,जिया ने नौटंकी करते हुए कहा


“तुम्हारी नौटंकी फिर शुरू हो गयी,,,,,,,,,,,,मुझे किसी काम से बाहर जाना है मैं चलता हूँ , अपना काम खत्म करके तुम भी घर चली जाना”,कहते हुए मिस्टर दयाल वहा से चले गए
“अपना ख्याल रखियेगा मिस्टर दयाल,,,,,,,,,,,,,,,फिर मिलते है”,जिया ने अपना हाथ हिलाते हुए ऊँची आवाज में कहा और अपने काम में लग गयीं।

शाम हो चुकी थी और इस वक्त कोई कस्टमर नहीं था इसलिए जिया ने पूरा रेस्त्रो साफ किया। एक्स्ट्रा खाने और सामान को फ्रीज में रखा। सभी टेबल्स और कुर्सियों को व्यवस्तिथ किया और फिर किचन की तरफ चली आयी। दोनों कूक और डिलीवरी बॉय अपना काम खत्म करके घर जा चुके थे। जिया काफी थक गयी थी इसलिए उसने अंगड़ाई लेते हुए कहा,”आहहह आज मैंने बहुत काम किया , मुझे अब घर जाना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,क्यों ना उस से पहले मैं थोड़ा सा कुछ खा लू,,,,,,,,,,,,,मुझे डोनट्स खाने चाहिए”


जिया काउंटर की तरफ आयी उसने काउंटर में रखे डोनट्स देखे तो उसके मुंह में पानी भर आया। उसने एक चॉकलेटी डोनट उठाया और उसे देखते हुए बड़े प्यार से कहने लगी,”आहहह तुम दिखने में कितने खूबसूरत हो और टेस्टी भी होंगे , क्या मुझे तुम्हे तुरंत खा लेना चाहिए या फिर तुम्हारी सुंदरता को निहारते हुए धीरे धीरे,,,,,,,,,,,,,,,,मैं तो चाहती हूँ कि तुम जल्दी से मेरे मुँह में जाओ”
कहते हुए जिया ने डोनट का एक टुकड़ा खाया और ख़ुशी से आंखे मूँद ली। एक जिया ही थी जो खाने की चीजों से भी बात कर लेती थी

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संजना किरोड़ीवाल  

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ईशान के जाने के बाद माया वापस अपनी दोस्तों के साथ आ बैठी और सेंडविच उठाकर खाने लगी।
“तुम्हे उसके साथ इतना बुरा पेश नहीं आना चाहिए था”,माया की एक दोस्त ने कहा
“हाँ माया और ईशान तो तुम्हारा दोस्त है न , तुमने बेचारे को कुछ ज्यादा ही सूना दिया”,माया की दूसरी दोस्त ने कहा
“ओह्ह्ह प्लीज अब तूम लोग मुझे लेक्चर देना बंद करो,,,,,,,,,,,,,,ईशान मेरा दोस्त है नहीं बल्कि था और वैसे भी मुझे नहीं लगता मुझे उसके जैसे लोगो से कोई रिश्ता रखना चाहिए। अब तुम दोनों खाना खाओ मेरा सर मत खाओ”,माया ने रूखे स्वर में कहा
माया की दोनों दोस्त चुपचाप कॉफी पीने लगी। उन्होंने महसूस किया कि माया में इन दिनों काफी घमंड आ चूका है और आता भी क्यों नहीं ? देवांश ने उसे ऐड कम्पनी में जूनियर मैनेजर जो बना दिया। जिया काऊंटर की तरफ चली आयी उसे ईशान के बारे में सोचकर काफी बुरा लग रहा था। कुछ देर बाद माया ने बिल मंगवाया। जिया बिल लेकर आयी। माया ने बिल देखा और टोटल से कुछ ज्यादा पैसे रखकर कहा,”ये तुम्हारे बकवास खाने का बिल और बाकि पैसे तुम टिप में रख लेना”
जिया ने सुना तो उसे बुरा लगा वह वेटर नहीं थी बल्कि सोफी के ना आने की वजह से उसे ये काम करना पड़ रहा था। जिया ने अब तक माया की हर बदतमीजी को बर्दास्त किया लेकिन इस बार उसने माया को जवाब देने की ठानी और टेबल पर पड़े कॉफी के ग्लास को उठाकर बची हुई कॉफी माया के महंगे कपड़ो पर फेंकते हुए कहा,”उप्स ये गलती से हो गया,,,,,,,,,,,,,मैं ये तुम्हारा बिल रख लेती हूँ और ये रहे टिप के पैसे इनसे तुम अपने कपडे ड्रायक्लीन करवा लेना”
माया गुस्से और हैरानी से जिया को देखते ही रह गयी वह उसे कोई जवाब नहीं दे पायी और अपना बैग उठाकर वहा से चली गयी। माया की दोनों दोस्त भी वहा से निकल गयी। जिया बिल बुक लिए काउंटर की तरफ चली आयी।
“उस लड़की को अच्छा सबक सिखाया तुमने जिया”,मिस्टर दयाल ने काउंटर के पास आकर कहा
“हाहहहह क्या सच में मिस्टर दयाल ? मुझे लगा आपके कस्टमर के साथ इस तरह से पेश आने पर आप मुझे से गुस्सा होंगे”,जिया ने हैरानी से कहा
“मेरे रेस्त्रो को ऐसे कस्टमरस की बिल्कुल जरूरत नहीं है जिन्हे अपने पैसे का घमंड हो और जो लोगो के साथ इतने बुरे पेश आये,,,,,,,,,,,,,तुमने अच्छा काम किया”,मिस्टर दयाल ने कहा
“ओह्ह्ह मिस्टर दयाल क्या आप सच में मेरी तारीफ कर रहे है ? मुझे तो यकीन नहीं हो रहा कही मैं सपना तो नहीं देख रही”,जिया ने नौटंकी करते हुए कहा
“तुम्हारी नौटंकी फिर शुरू हो गयी,,,,,,,,,,,,मुझे किसी काम से बाहर जाना है मैं चलता हूँ , अपना काम खत्म करके तुम भी घर चली जाना”,कहते हुए मिस्टर दयाल वहा से चले गए
“अपना ख्याल रखियेगा मिस्टर दयाल,,,,,,,,,,,,,,,फिर मिलते है”,जिया ने अपना हाथ हिलाते हुए ऊँची आवाज में कहा और अपने काम में लग गयीं।

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