Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 38

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A Broken Heart – 38

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A Broken Heart
A Broken Heart

ईशान जिया को गले लगाये खामोश खड़ा रहा। इस वक्त जिया की धड़कने बहुत तेज थी और सीने से बाहर निकलकर आने को बेताब थी। ईशान की बाँहो में उसे एक सिहरन सी होने लगी तो उसने धीरे से कहा,”क्या हम दोनों को आज पूरा दिन ऐसे ही रहना होगा ?”
ईशान को होश आया वह जिया से दूर हटा और कहा,”तुम्हे थैंक्यू नहीं कहूंगा , तुमने जो किया वो आज तक किसी ने नहीं किया,,,,,,,,,,,,,मैंने कभी सोचा नहीं था मेरे साथ ऐसा कुछ भी होगा। तुम बहुत अच्छी हो जिया,,,,,,,,,,,,,,,बहुत अच्छी हो।”


जिया ने सूना तो ख़ुशी से उसकी आँखे चमकने लगी और होंठो पर प्यारी सी मुस्कान तैर गयी उसने अपने दोनों हाथो को अपने गालो से लगाकर कहा,”तो क्या अब मैं तुम्हारे लिए ख़ास हो गयी हूँ ?”
“हम्म्म्म सिर्फ खास नहीं बल्कि बहुत ख़ास हो,,,,,,,,,,,,,,,हाँ ये सच है।”,ईशान ने आँखों नमी के साथ कहा
“ओह्ह्ह्ह तुम ऐसे बिल्कुल अच्छे नहीं लगते,,,,,,,,अब चलो जल्दी से अपना सब सामान सेट करो और मुझे कुछ सुनाओ।”,जिया ने अपने हाथो को बांधते हुए कहा


ईशान ने सब सामान निकाला और उसे सेट करने लगा। ईशान ने अपने बिस्तर के बगल में ही लेपटॉप को टेबल पर रखा और उसके वायर सेट करते हुए कहा,”तुम्हारे पास ये सब खरीदने के लिए पैसे कहा से आये ? देखो मैं ये कभी नहीं चाहूंगा मेरे लिए तुम किसी परेशानी में पड़ो।”
ईशान की बात सुनकर जिया सोच में पड़ गयी उसे खामोश देखकर ईशान ने जिया की तरफ देखा तो जिया ने कहा,”ये मैंने अपनी सेविंग्स से खरीदा है।

ईशान एकटक जिया को देखता रहा क्योकि जिया की आँखे उसके शब्दों से मैच नहीं कर रही थी। ईशान को अपनी ओर एकटक देखते पाकर जिया ने कहा,”मैं सच कह रही हूँ तुम्हे मेरा विश्वास करना चाहिए।”
“हम्म्म ठीक है तुम खडी क्यों हो बैठो ?”,ईशान ने कहा और वापस अपने काम में लग गया।
जिया वहा पड़ी कुर्सी पर आ बैठी प्यार से ईशान को देखने लगी। कुछ देर बाद ईशान जिया की तरफ पलटा और कहा,”तुम्हे कैसे पता कि मेरा सपना क्या है ? मैंने तो कभी तुम्हे इस बारे में नहीं बताया फिर ये सब,,,,,,,,,,,,,,,,,,,?”


“उस दिन जब मैं फ्लेट में सामान पैक करने में तुम्हारी मदद कर रही थी तब तुम्हारे कमरे में मैंने कुछ टुटा हुआ सामान देखा , उन्हें देखकर लगा जैसे वो जानबूझकर तोड़े गए है। उन्हें पैक करते हुए तुम्हारे चैहरे पर एक अलग ही दर्द था तब लगा कि ये सामान तुम्हारे लिए जरुरी होगा,,,,,,,,,,,,,,,!”,जिया अपनी बात भी पूरी नहीं कर पायी और ईशान ने एकदम से कहा,”और तुम इसे मेरे लिए ले आयी , तुमने एक बार भी अपने बारे में नहीं सोचा,,,,,,,,,,,,,,,,इन पैसो को तुम अपने भविष्य के लिए रख सकती थी , अच्छा खाना खा सकती थी , अपनी पसंद के कपडे ले सकती थी फिर भी तुमने इन्हे मेरे लिए खर्च कर दिया क्या ये सही है ?”


जिया ने सूना तो ख़ामोशी से ईशान को देखने लगी और फिर एकदम से कहा,”हाँ तुमने सही कहा लेकिन तुम ये क्यों नहीं सोचते कि इन सबसे तुम अपने सपने को पूरा कर सकते हो और फिर तुम्हे वो सब मिलेगा जो तुम्हे चाहिए,,,,,,,,,,,हो सकता है तब तुम ही मुझे एक बढ़िया ट्रीट दे दो और हो सकता है उसके बाद मुझे एक बढ़िया ड्रेस भी गिफ्ट कर दो,,,,,,,,,,,,,,,मुझे लगता है मैंने गलत जगह इन्वेस्ट नहीं किया है।”,जिया ने कहाजिया की बात सुनकर ईशान हैरानी से उसे देखने लगा और फिर कहा,”गजब लड़की हो न तुम,,,,,,!!


“हाँ पर पता नहीं सबको क्यों लगता है कि मैं बेवकूफ हूँ , मिस्टर दयाल भी यही कहते है।”,जिया ने मासूमियत से कहा तो ईशान उसके चेहरे को देखने लगा और मन ही मन कहा,”बेवकूफ नहीं तुम थोड़ी पागल हो जो मुझ जैसे लड़के पर भरोसा करती है जिस पर मेरे खुद के माँ बाप ने भरोसा नहीं किया। मेरे अपने प्यार ने भरोसा नहीं किया। मेरे दोस्त ने नहीं किया पर तुम तुम मुझ पर उन सबसे ज्यादा भरोसा करती हो।”

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“क्या मैंने कुछ गलत कहा ?”,जिया की आवाज से ईशान की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”मुझे लगता है मिस्टर दयाल को अच्छे लोगो की परख नहीं है इसलिए वो तुम्हे बेवकूफ समझते है , पर तुम नहीं हो बस तुम थोड़ी सीधी हो।”
“हाँ क्या सच में ?”,जिया ने हैरानी से पूछा
“हाँ,,,,,,,,,,,,!!”,ईशान ने कहा


“अच्छा तुम्हारा सामान किसने तोड़ा था ? कही उस रात गुस्से में आकर तुमने ही तो,,,,,,,,,,,,!”,कहते कहते जिया रुक गयी
“वो सब मेरे डेड ने तोड़ा था वो नहीं चाहते मैं इसमें अपना वक्त और अपनी लाइफ ख़राब करू।”,ईशान ने उदास होकर कहा
“ओह्ह्ह पर उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। किसी भी माँ बाप को ऐसा नहीं करना चाहिए , उन्हें हमारे सपनो को समझना चाहिए।”,जिया ने उदास होकर कहा


“कभी कभी वो नहीं समझ पाते,,,,,,,,,,,,,,,!!”,ईशान ने खोये हुए स्वर में कहा
“मुझे लगता है वो हमे समझते है बस वो कभी कभी हमारे सपनो में हमारा भविष्य नहीं देख पाते और उन्हें लगता है ये बेकार है।”,जिया ने कहा
“कभी कभी तुम बहुत सही बाते करती हो , खैर ये अब तैयार है मैं कल से ही अपनी प्रेक्टिस शुरू कर दूंगा।”,ईशान ने हल्का सा मुस्कुरा कर कहा


“कल से क्यों तुम इसे आज से , चाहो तो अभी से शुरू कर सकते हो,,,,,,,,,,,,वैसे तुम मुझे कुछ सुनाने वाले थे , मैं कब से इंतजार में हूँ।”,जिया ने कहा
“ओहके मैं कोशिश करता हूँ।”,ईशान ने गला साफ किया और गुनगुनाने लगा


वो देखने में कितनी सीधी सादी लगती
है बोलती कि वो तो कुछ नहीं समझती
अंदर से कितनी तेज़ है
कभी अजीब सी कभी हसीन लगती
कभी किसी किताब का ही सीन लगती
फिलोसॉफी का क्रेज़ है
हो कहती है ये एक फेज़ है
वो देखने में…

जिया तो बस ईशान की आवाज में खोकर ही रह गयी। ईशान जैसे ही चुप हुआ जिया ने उसके लिए ताली बजायी और कहा,”बहुत अच्छे , तुम्हे तो सिंगर होना चाहिए , लड़किया तुम्हारी दीवानी हो जाएगी।”
ईशान ने सूना तो हसने लगा और कहा,”ऐसा कुछ नहीं है और मुझे सिंगर नहीं आर जे बनना है।”
“ये क्या होता है ?”,जिया ने हैरानी से पूछा क्योकि उसे अब तक लगता था ईशान का सपना सिंगर बनना है।
“क्या तुमने कभी रेडिओ सूना हैं ?”,ईशान ने पूछा


“अह्ह्ह्हह शायद सूना होगा मुझे याद नहीं !”,जिया ने कहा
“हम्म्म्म ओहके ! बचपन में अपनी मॉम से कहानिया तो सुनी होगी ना तुमने,,,,,,,,,,,,?”,ईशान ने पूछा
“हाँ बहुत , उन्होंने मुझे एक बार एक ड्रेगन की कहानी सुनाई थी जो कि एक जंगल में रहने वाली लड़की का दोस्त बन जाता है।”,जिया ने अपनी आँखों में चमक भरते हुए कहा
“हम्म्म ये भी वैसा है , आर जे भी रेडिओ स्टेशन और सोशल प्लेटफॉर्म्स पर किस्से कहानिया सुनाते है।”,ईशान ने कहा


“मतलब मॉम की तरह तुम भी कहानिया सुनाओगे ?”,जिया ने एक्साइटेड होकर कहा
“हाँ लेकिन उन कहानियो में ड्रेगन तो बिल्कुल नहीं होगा और तुम जैसी पागल लड़की तो बिल्कुल नहीं,,,,,,,,,,!!”ईशान ने जिया के माथे पर हलके हाथ से चपत लगाते हुए कहा
ईशान का जिया को पागल कहना अब बुरा नहीं लगता था बल्कि उस शब्द में भी उसे अपने लिए प्यार ही नजर आता था।

जिया ईशान से कुछ और बात कर पाती इस से पहले ही सोफी वहा धमकी और कहा,”क्या तुमने मिस्टर दयाल का रेस्त्रो छोड़ दिया है ?”
सोफी की आवाज सुनकर जिया हैरानी से पलटी और कहा,”तुम यहाँ कैसे ? मेरा मतलब कब आयी ?”
“क्या मैं जान सकती हूँ इतनी सुबह सुबह तुम यहाँ क्या कर रही हो ?”,सोफी ने अपने दोनों हाथो को बांधकर कहा 

“मैं मैं मैं मैं तो बस ईशान को बेस्ट ऑफ लक बोलने आयी थी , उसे मिस्टर दयाल ने नौकरी पर रख लिया है ना इसलिए,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने गिरते पड़ते झूठ बोला लेकिन सोफी उसकी चिकनी चुपड़ी बातो में आने वाली नहीं थी इसलिए कहा,”तुम्हारी जानकारी के लिए बता दू मिस्टर दयाल ने ईशान को बहुत पहले ही नौकरी पर रख लिया था , और तुम्हे नहीं लगता तुमने कुछ ज्यादा जल्दी उसे बेस्ट ऑफ़ लक कहा है।”


जिया इसके बाद क्या कहती ? वो जानती थी अगर वो ज्यादा झूठ बोलेगी तो फंस जाएगी इसलिए उसने खामोश रहना ही बेहतर समझा और ईशान की तरफ देखने लगा। जिया के साथ रहते रहते ईशान भी उसे थोड़ा थोड़ा समझने लगा था इसलिए आगे आकर सोफी से कहा,”हे सोफी तुम वहा क्यों खड़ी हो अंदर आओ ना , मैं सबके लिए कॉफी बनाकर लाता हूँ।”


“थैंक्यू ईशान लेकिन अभी के लिए हम लोग कॉफी नहीं पी पाएंगे , दरअसल हम लोगो को रेस्त्रो जाना है आज काम बहुत ज्यादा है मैं बस जिया को लेने आयी हूँ,,,,,,,,,,,,,,,चले जिया।”,सोफी ने जिया की तरफ देखकर आखरी शब्द कठोरता से कहे
“वो कॉफी के लिए पुछ रहा है हमे ना नहीं बोलना चाहिए।”,जिया ने धीमी आवाज में मिमियाते हुए कहा


“कॉफी हम किसी और दिन पी लेंगे अभी हमे चलना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,,,बाय ईशान फिर मिलते है।”,सोफी ने लगभग जिया को खींचते हुए कहा और उसे वहा से ले गयी। जिया होंठ बाहर निकाले ईशान को देखते रही। ईशान को छोड़कर जाने का उसका बिल्कुल मन नहीं था।
“बाय गाईज,,,,,,,,हेव अ गुड डे।”,ईशान ने हाथ हिलाते हुए कहा

सोफी जिया को लेकर बाहर आयी और कहा,”तुम क्या यहाँ घर बसाने का सोच रही हो ? जब देखो तब यही रहती हो ,, क्या तुम्हारी अपनी कोई जिम्मेदारियां नहीं है ? जिया , जिया मैं तुम से बात कर रही हूँ ,, ध्यान कहा है तुम्हारा ?”
सोफी जिया से सवाल किये जा रही थी लेकिन जिया ना जाने कहा खोयी थी। सोफी ने पलटकर देखा जिया घर की खिड़की के उस पार अपने किचन में खड़े ईशान को देख रही है और मुस्कुरा रही है।


“अह्ह्ह्हह लगता है तुम सच में इस लड़के की दीवानी हो गयी हो , जिया चलो यहाँ से,,,,,,,,,,!”,सोफी खींचते हुए जिया को वहा से ले गयी। जिया होश में आयी और अपनी साइकिल के स्टेण्ड को थामकर आगे बढ़ते हुए कहा,”तुम्हे सुबह सुबह मेरे लिए परेशान होना पड़ा इसके लिए मैं माफ़ी चाहती हूँ।”
“जिया मैं ये नहीं कह रही तुम गलत हो पर तुम्हे किसी लड़के पर आँख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे अपने बारे में सोचना चाहिए।”,सोफी ने गंभीरता से कहा


“ऐसा कुछ नहीं है मैं बस उसकी मदद कर रही हूँ,,,,,,,,,,!”,जिया ने कहा
“अच्छा और ऐसे कितने लोगो की मदद की है तुमने ?”,सोफी ने पूछा तो जिया खामोश हो गयी उसके पास कोई जवाब नहीं था। ईशान जिया की जिंदगी में पहला लड़का था जिसके लिए वह इतना सब कर रही थी और इसका बस एक ही कारण था कि पहली मुलाकात से ही जिया ईशान को बहुत पसंद करती थी और अब तो ईशान जिया का दोस्त भी बन चुका था।


काफी देर तक कोई जवाब ना मिलने के बाद सोफी ने कहा,”देखा तुम्हारे पास मेरे सवाल का कोई जवाब नहीं है खैर तुम इतनी भी बेवकूफ नहीं हो , जो भी करो सोच समझकर करना और हाँ मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ,,,,,,,,,,,,,,,!!”
सोफी की बात सुनकर जिया ने साइकिल छोड़ दी और सोफी के गले लगते हुए कहा,”ओह्ह्ह सोफी तुम कितनी अच्छी हो , तुम सच में मेरी दोस्त हो,,,,,,,,,,,,,,!!”


जिया ने जैसे ही साइकिल को छोड़ा वह धड़ाम से नीचे जा गिरी जिसे देखकर सोफी ने कहा,”जिया तुम्हारी साइकिल,,,,,,,,,,,,!!”
“तुम मेरे लिए साइकिल से भी खास हो सोफी,,,,,,,,,,,,,,चलो जल्दी चलते है वरना देर हो जाएगी और मिस्टर दयाल फिर गुस्सा होंगे,,,,,,,?”,जिया ने अपनी साइकिल उठाते हुए कहा और सोफी के साथ आगे बढ़ गयी।
किचन एरिया में खड़ा ईशान अपने लिए कॉफी बना रहा था। कॉफी बनाते हुए वह जिया के बारे में सोचने लगा और मुस्कुराया। ईशान की आँखों के सामने कुछ वक्त पहले गुजरे पल आने लगे।

उसके कानो में जिया की कही बातें गूंजने लगी। वह मुस्कुराते हुए बड़बड़ाने लगा,”पागल लड़की ! वो कभी अपने बारे में नहीं सोचती , बस हमेशा दुसरो की फ़िक्र रहती है उसे,,,,,,,,,,,,,,,,मेरा सपने जिसके बारे में कभी मेरे पेरेंट्स ने नहीं सोचा , माया ने नहीं सोचा जिया उस सपने को सच करने के लिए ये सब कर रही है जबकि वो तो ये तक नहीं जानती कि वो सपना क्या है बस उसने मुझे परेशान देखा और मेरे लिए ये सब अरेंज कर दिया। उसने जो किया है वो सच में बहुत बड़ी बात है इसके बदले में मैं उसके लिए जितना करू उतना कम होगा

शायद,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं उसके भरोसे को टूटने नहीं दूंगा मैं अपने सपने को जरूर पूरा करूंगा और इसकी सबसे बड़ी वजह होगी जिया। जब मैं इस से पहली बार मिला था तब ये कितनी अजीब लगी थी पर अब समझ आया ये ऐसी क्यों है ? ये हम सब से अलग है इसे अच्छे बुरे का फर्क नहीं पता , इसे सब अपने लगते है , वो इतनी अच्छी है कि पेड़ पत्तो से भी बाते कर सकती है वो कितनी मासूम है ये उसकी बातो से साफ जाहिर होता है,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”


अभी खुद से जिया की तारीफ कर ही रहा था कि गैस पर रखी कॉफी उफनकर नीचे गिरने लगी। ईशान ने जल्दी से गैस बंद किया और कॉफी को कप में छानकर बिस्तर की तरफ चला आया। कॉफी पीते हुए ईशान फिर जिया के बारे में सोचने लगा। उसने कॉफी खत्म की और लेपटॉप लेकर बैठ गया। ईशान ने देखा वो लेपटॉप काफी महंगा और लेटेस्ट था। उसे बार शाम में जाना था और उसके पास अपनी प्रेक्टिस करने के लिए पूरा दिन पड़ा था। ईशान ने पुरे दिल से अपने काम को फिर शुरू किया और उसमे बिजी हो गया।  

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संजना किरोड़ीवाल 

A Broken Heart
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अभी खुद से जिया की तारीफ कर ही रहा था कि गैस पर रखी कॉफी उफनकर नीचे गिरने लगी। ईशान ने जल्दी से गैस बंद किया और कॉफी को कप में छानकर बिस्तर की तरफ चला आया। कॉफी पीते हुए ईशान फिर जिया के बारे में सोचने लगा। उसने कॉफी खत्म की और लेपटॉप लेकर बैठ गया। ईशान ने देखा वो लेपटॉप काफी महंगा और लेटेस्ट था। उसे बार शाम में जाना था और उसके पास अपनी प्रेक्टिस करने के लिए पूरा दिन पड़ा था। ईशान ने पुरे दिल से अपने काम को फिर शुरू किया और उसमे बिजी हो गया।  

अभी खुद से जिया की तारीफ कर ही रहा था कि गैस पर रखी कॉफी उफनकर नीचे गिरने लगी। ईशान ने जल्दी से गैस बंद किया और कॉफी को कप में छानकर बिस्तर की तरफ चला आया। कॉफी पीते हुए ईशान फिर जिया के बारे में सोचने लगा। उसने कॉफी खत्म की और लेपटॉप लेकर बैठ गया। ईशान ने देखा वो लेपटॉप काफी महंगा और लेटेस्ट था। उसे बार शाम में जाना था और उसके पास अपनी प्रेक्टिस करने के लिए पूरा दिन पड़ा था। ईशान ने पुरे दिल से अपने काम को फिर शुरू किया और उसमे बिजी हो गया।  

अभी खुद से जिया की तारीफ कर ही रहा था कि गैस पर रखी कॉफी उफनकर नीचे गिरने लगी। ईशान ने जल्दी से गैस बंद किया और कॉफी को कप में छानकर बिस्तर की तरफ चला आया। कॉफी पीते हुए ईशान फिर जिया के बारे में सोचने लगा। उसने कॉफी खत्म की और लेपटॉप लेकर बैठ गया। ईशान ने देखा वो लेपटॉप काफी महंगा और लेटेस्ट था। उसे बार शाम में जाना था और उसके पास अपनी प्रेक्टिस करने के लिए पूरा दिन पड़ा था। ईशान ने पुरे दिल से अपने काम को फिर शुरू किया और उसमे बिजी हो गया।  

अभी खुद से जिया की तारीफ कर ही रहा था कि गैस पर रखी कॉफी उफनकर नीचे गिरने लगी। ईशान ने जल्दी से गैस बंद किया और कॉफी को कप में छानकर बिस्तर की तरफ चला आया। कॉफी पीते हुए ईशान फिर जिया के बारे में सोचने लगा। उसने कॉफी खत्म की और लेपटॉप लेकर बैठ गया। ईशान ने देखा वो लेपटॉप काफी महंगा और लेटेस्ट था। उसे बार शाम में जाना था और उसके पास अपनी प्रेक्टिस करने के लिए पूरा दिन पड़ा था। ईशान ने पुरे दिल से अपने काम को फिर शुरू किया और उसमे बिजी हो गया।  

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