Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 22

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A Broken Heart
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A Broken Heart – 22

जिया पिल्ले को डांट रही थी और सोफी खड़ी खड़ी उसका ये बचपना देखकर मुस्कुरा रही थी। जिया घुटनो के बल पिल्ले के सामने आ बैठी और अपनी जेब से एक चैन निकालकर पिल्ले को पहनाते हुए कहा,”ये तुम्हारे लिए इसमें तुम्हारा नाम भी है , अब कोई तुम्हे पिल्ला कहकर नहीं बुलाएगा”
“ये तुम्हे कहा से मिला ?”,सोफी ने हैरानी से पूछा क्योकि ऐसा ही चैन उसने लिली आंटी के घर में था और डेस्टिनी नाम का पेन्डेन्ट भी जो लिली आंटी के घर के हॉल में रखे बुक रेंक पर लगा था।
“अह्ह्ह्ह ये मेरा है”,जिया ने सोफी से नजरे चुराते हुए कहा
“सच सच बताओ जिया क्या तुमने चोरी की है ?”,सोफी ने जिया को घूरते हुए पूछा
“उम्मम्मम ऐसा नहीं है लिली आंटी ने ये चैन आज सुबह ही डस्टबिन में डाला था , हाँ ये डेस्टिनी नाम मैंने उनके बुक रेंक से लिया है लेकिन लिली आंटी को बताकर उन्होंने ही कहा कि उन्हें इसकी जरूरत नहीं है।”,जिया ने अपनी सफाई में कहा
“मुझे ये देखकर हैरानी होती है कि एक पिल्ले के लिए तुम इतनी परेशान हो,,,,,,,,,,,,,!!”,सोफी ने अफ़सोस के साथ कहा


“ओह्ह्ह प्लीज कम से कम अब तो उसे पिल्ला बुलाना बंद करो। देखो ये लॉकेट इसके गले में कितना प्यारा लग रहा है,,,,,,,,,,,,मेरा प्यारा डेस्टिनी”,जिया ने पिल्ले को हग करते हुए कहा
“तुम सच में पागल हो,,,,,,,,चलो अब चलते है वरना देर हो जाएगी”,सोफी ने कहा और एकदम से उसकी नजर अपने ऊनी मफलर पर पड़ी जो कि गमले के पास रखा था और काफी गंदा हो चुका था। सोफी गमले की तरफ आयी और मफलर को देखते हुए कहा,”ओह्ह्ह मेरा ऊनी मफलर,,,,,,,,ये कितना गंदा हो चुका है मैंने इसे कितने प्यार से खरीदा था”


सोफी की बात सुनकर जिया ने कहा,”बस भी करो एक बेकार से मफलर के लिए तुम इतना ओवर रिएक्ट क्यों कर रही हो ? मैंने कहा ना मैं तुम्हारे लिए और ले आउंगी,,,,,,,,,,,,,चलो घर चलते है।”
सोफी रोआँसा होकर जिया के साथ चल पड़ी चलते चलते उसने पलटकर देखा तो पाया वह नन्हा सा पिल्ला सोफी के मफलर से खुद को लपेटने की कोशिश कर रहा है और ऐसा करते हुए वह बहुत ही क्यूट लग रहा है। सोफी के होंठो पर मुस्कराहट तैर गयी। 

अगली सुबह जिया और सोफी दोनों रेस्त्रो चली आयी। सोफी ने जिया को कुछ आर्डरस दिए और एक घर का एड्रेस देकर कहा,”जिया ये कुछ ऑर्डर्स तुम्हे यहाँ लेकर जाने है , ये जगह थोड़ी दूर है अगर तुम चाहो तो मैं किसी और को भेज देती हूँ।”
“हाँ ये काफी दूर है लेकिन मैं चली जाउंगी,,,,,,,,,,,!”,जिया ने अपना केप लगाते हुए कहा
“मुझे उम्मीद है तुम बिना कोई गड़बड़ किये वक्त से इसे पहुंचा दोगी।”,अपने केबिन से बाहर आते हुए मिस्टर दयाल ने कहा


“ओह्ह्ह मिस्टर दयाल मैं इतनी भी लापरवाह नहीं हूँ , मैं इसे वक्त पर पहुंचा दूंगी वो भी बिना किसी गड़बड़ के”,जिया ने अपने दांत दिखाते हुए कहा
“तुम्हे अब जाना चाहिए”,सोफी ने कहा और कस्टमर्स की तरफ चली गयी। जिया ने भी स्लिप अपनी जेब में रखी और ऑर्डर्स लेकर रेस्त्रो से बाहर निकल गयी। जिया ने सभी ऑर्डर्स को स्कूटर के बॉक्स में रखा और हेलमेट पहनते हुए कहा,”तुम ये कर लोगी , मुझे पूरा भरोसा है आज का दिन अच्छा जाएगा,,,,,,,,,,,,,,तुम जिया हो और जिया कभी हार नहीं मानती,,,,,,,,,,!!”
वह मुस्कुराई और अपना स्कूटर लेकर आगे बढ़ गयी।


जिया आर्डर लेकर घर के सामने पहुंची। वह घर बहुत आलिशान था जिसके बाहर सजावट चल रही थी। जिया ने स्कूटर साइड में लगाया और आर्डर लेकर अंदर चली आयी। घर में शायद किसी फंक्शन की तैयारी हो रही थी इसलिए सभी कामों में लगे हुए थे। जिया ने वहा से गुजरते एक आदमी से कहा,”वंदना शर्मा के नाम से ये आर्डर है क्या आप उन्हें बुला देंगे ?”
“आप यही रुकिए मैं उन्हें भेजता हूँ”,कहते हुए आदमी अंदर चला गया। जिया वही खड़ी होकर इंतजार करने लगी। कुछ देर बाद एक अधेड़ उम्र की महिला आयी और कहा,”मुझे अच्छा लगा कि तुम्हारे रेस्त्रो का आर्डर वक्त पर आ गया”


“क्या सच में ? तो फिर क्या आप मुझे गुड रिव्यू देंगी प्लीज,,,,,,,,,,!!”,जिया ने खुश होकर कहा
“हाँ बिल्कुल वो भी पुरे 5 स्टार के साथ,,,,,,,,,,,तुम कुछ लोगी चाय कॉफी,,,,,,,,,,,,,दरअसल आज मेरी बेटी की सगाई है और सब बहुत बिजी है इसलिए मुझे ये सब बाहर से आर्डर करना पड़ा।”,महिला ने बिल देखते हुए कहा
“नहीं आपका शुक्रिया,,,,,,,,,,,ये आपका आर्डर , इंजॉय कीजिये और रिव्यू देना मत भूलियेगा”,जिया ने कहा और जैसे ही जाने लगी एक जानी पहचानी आवाज उसके कानो में पड़ी,”मॉम आप यहाँ क्या कर रही है ? सगाई में पहनने वाली मेरी ड्रेस अभी तक नहीं आयी है,,,,,,,,!!”


“ओह्ह्ह माया तुम खामखा परेशान हो रही हो सब हो जाएगा,,,,,,,,,,,,मैंने तुम्हारे लिए तुम्हारा फेवरेट खाना मंगवाया है।”,महिला ने माया से कहा जो कि उसकी मॉम थी
जिया ने माया का नाम सूना तो पलटकर देखा , माया को वहा देखकर जिया काफी हैरान थी। माया ने जिया को अपने घर में देखा तो कहा,”ओह्ह्ह तो ये तुम हो , जरूर मॉम ने उसी रेस्त्रो से खाना आर्डर किया होगा जिसमे तुम काम करती हो,,,,,,,,!!”
“क्या तुम दोनों एक दूसरे को जानती हो ?”,माया की मॉम ने हैरानी से पूछा


“या मॉम काफी अच्छे से,,,,,,,,,,,,,,,,अच्छा आप जाकर मेरा ड्रेस देखिये प्लीज”,माया ने अपनी मॉम को वहा से भेजते हुए कहा
माया की मॉम वहा से चली गयी। माया जिया की तरफ बढ़ी तो जिया ने अपने कदम पीछे बढ़ा लिए। माया लगभग उसे घूरे जा रही थी जिसे देखकर जिया ने हिम्मत करके कहा,”देखो मैं तुम से डरती नहीं हूँ,,,,,,,,,,,,,,इस बार अगर तुमने मेरा कुछ किया तो मैं तुम्हे जवाब जरूर दूंगी”


माया ने सूना तो मुस्कुराने लगी और कहा,”पुअर गर्ल मैं तुम्हे सबक जरूर सिखाती पर क्या है ना कि आज मेरी सगाई है और मैं अपना मूड ख़राब करना नहीं चाहती,,,,,,,,,तुम जा सकती हो”
सगाई का नाम सुनते ही जिया का मन उदास हो गया। वह जानती थी कि ईशान माया से प्यार करता है और शायद माया अपनी और ईशान की सगाई की बात कर रही है। जिया को उदास देखकर माया ने कहा,”क्या तुम खुश नहीं हो ?”
 “तुम कितनी बुरी लड़की हो , जिस से प्यार करती हो उसे धोखा दे रही हो। उस शाम जब मैंने तुम्हे ऐड कम्पनी में देखा था मुझे तभी समझ जाना चाहिए था कि तुम अच्छी लड़की नहीं हो।”,जिया ने नफरत भरे स्वर में कहा


“ओह्ह रियली ! मुझे जज करने वाली तुम होती कौन हो ?”,माया ने जिया को घूरते हुए कहा
“हे माया ! सुबह सुबह तुम यहाँ क्या कर रही हो ?”,देवांश ने उन दोनों की तरफ आते हुए कहा
जिया ने देवांश को वहा देखा तो फिर हैरान हुई वह कुछ कहती इस से पहले ही माया ने कहा,”बेबी मॉम ने हमारे लिए कुछ खाना आर्डर किया था ये वही देने आयी थी। अगर तुम फ्री हो गए हो तो चलकर नाश्ता करे ?”
“हाँ क्यों नहीं”,देवांश ने कहा और जैसे ही जिया को देखा थोड़ा हैरान हुआ और कहा,”हे तुम तो वही हो ना जो अक्सर ऐड कम्पनी में रेस्त्रो के आर्डर लेकर आती है , बाय द वे आज शाम हम दोनों की सगाई है सो तुम भी आना,,,,,,,,,,चले माया ?”


“तुम चलो मैं 2 मिनिट में आती हूँ”,माया ने मुस्कुरा कर कहा तो देवांश वहा से चला गया। जिया को कुछ समझ नहीं आ रहा था वह जाते हुए देवांश को देखते रही
“देवांश मेरा होने वाला पति,,,,,,,,,,,,,!!”,माया ने जिया की तरफ देखकर कहा
“क्या तुम उस से शादी करने वाली हो ?”,जिया ने एकदम से पूछा
“हाँ वो बहुत पैसेवाला है और मुझसे बहुत प्यार भी करता है”,माया ने कहा
“क्या तुम सच कह रही हो ?”,जिया ने ख़ुशी भरे स्वर में पूछा


“हाँ लेकिन तुम इतना खुश क्यों हो रही हो ? लुक देवांश ने तुम्हे सगाई में आने को बोला है तो तुम मुंह उठाकर चली मत आना समझी,,,,,,,,,,,,,,,,मैं नहीं चाहती तुम जैसे लोग मेरी सगाई में आये और मेरी आज की शाम बर्बाद करे”,माया ने लगभग जिया को घूरते हुए कहा
जिया पर माया की बात का कोई असर नहीं पड़ा बल्कि वह तो खुश थी कि माया ईशान से सगाई नहीं कर रही है। उसने माया के हाथो को थामा और ख़ुशी से चहकते हुए कहा,”ओह्ह्ह तुम्हारा बहुत बहुत शुक्रिया मैं तुम्हारे लिए बहुत खुश हूँ। वह एक बुरी लड़की से शादी करने से बच गया”
माया ने सुना तो जिया को देखने लगी। जिया ख़ुशी ख़ुशी वहा से चली। माया ने उसे जाते हुए देखा और कहा,”पागल लड़की”

अगली शाम माया की सगाई थी ईशान को इस से दूर रखने के लिए निर्मल उसे बाहर ले आया , उसने बाकि दोस्तों को भी बुला लिया। सभी बैठकर बातें कर रहे थे। खा पी रहे थे बस ईशान अपनी ऊँगलीयो में पकड़ी अंगूठी को देख रहा था। उसे खामोश देखकर एक लड़के ने कहा,”ए ईशान आज तो माया की इंगेजमेंट है ना तू गया नहीं ?”
“कैसे जाएगा माया ने तो इसको लात मार दी”,दूसरे लड़के ने कहा तो निर्मल को छोड़कर बाकी सब हसने लगे।
ईशान ने सूना तो अंगूठी को अपनी जेब में डाला और बाइक स्टार्ट कर निर्मल की तरफ देखा तो निर्मल ने कहा,”कहा जा रहा है तू ?”


“उसे गुड़ बाय कहने”,ईशान ने कहा और चला गया
निर्मल ने भी बाकि दोस्तों को ईशान के साथ चलने को कहा और सब अपनी अपनी बाइक्स लिए चल पड़े। कुछ देर बाद सभी माया की सगाई में पहुँचे। माया ने देखा ईशान आया है तो वह उसे देखकर मुस्कुराई , ईशान उसके पास आया और कहा,”थैंक्यू”
“हाँ,,,,,,,थैंक्यू लेकिन किसलिए ?”,माया ने पूछा
“बस थैंक्यू,,,,,,,,,,,,,!!”,ईशान ने कहा उसके होंठो पर मुस्कराहट थी लेकिन आँखों में नमी थी। वह देवांश की तरफ पलटा उसे बधाई दी और वहा से निकल गया।

आँखों में भर आये आंसुओ को शर्ट की बाजु से पोछते हुए वह निर्मल के दोस्तों के बगल से गुजरा तो सब दोस्तों के चेहरे उतर गए। ईशान वहा से चला आया। शराब को कभी हाथ ना लगाने वाले ईशान ने चलते चलते वहा पड़ी बियर का बोतल उठाया और बाहर निकल गया। निर्मल और बाकि दोस्त भी उसके पीछे पीछे बाहर आये। ईशान बोतल मुंह से लगाए धीमी चाल में चला जा रहा था। निर्मल ने देखा तो उसके पास जाकर बोतल छीनी और कहा,”बस कर भाई
ईशान मुस्कुराया लेकिन उसकी मुस्कुराहट में दर्द था , ईशान ने नम आँखों के साथ निर्मल को देखा और कहा,”सब खत्म हो गया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इतने सालों का प्यार , हमारे वादे , हमारे सपने , उम्मीदे सब खत्म हो गयी”
“कुछ नहीं हुआ है सब ठीक है चल चलते है यहा से”,निर्मल ने कहा तो ईशान ने उसका हाथ झटक दिया।

बाकि दोस्त भी उन दोनों के पास चले आये तो ईशान कहने लगा,”हम लड़को की जिंदगी भी अजीब होती है ना , कितना कुछ होता है हमारी जिंदगी में , फॅमिली , सपने , उम्मीदे , शौक , दोस्त , करियर कितना कुछ और हम क्या करते है हम एक लड़की को अपनी दुनिया समझ लेते है , उसी में हमे अपनी सारी खुशिया , सारे सपने नजर आते है। उसके साथ रहते हुए हम सब भूल जाते है जैसा वो चाहती है हम वैसे हो जाते है,,,,,,,,,,,,,,,हम बदलने लगते है , ये कपडे अच्छे नहीं है , ये हेयर कट अच्छा नहीं लग रहा है , तुम्हारे दोस्त मुझे पसंद नहीं , हम लिव इन में रहते है फॅमिली के साथ कम्फर्टेबल नहीं हूँ मैं , तुम ये सब खाओ , ये पहनो वो मत पहनो , ये काम अच्छा नहीं है , तुम वो नौकरी कर लो , कितना कुछ चाहती है ना ये लड़किया हमसे और बदले में हम क्या चाहते है सिर्फ उनका प्यार,,,,,,,,,,,,,,,,,

उनका जब मन होगा वो बात करेंगी जब मन हुआ नहीं करेगी हम क्या करेंगे उनके एक मेसेज के आने का दिनभर वेट करेंगे,,,,,,,,,उनकी ख़ुशी के लिए हम अपने जीने का तरिका तक बदल देते है और वो अपना एक फैसला तक नहीं बदल पाती,,,,,,,,,,,,, कितना आसान होता है इनके लिए ये कहना की Lets ब्रेकअप , कोई हमसे पूछे हम पर क्या गुजरती है,,,,,,,,,,,,,,,,,हमारी जिंदगी बहुत सारे पल आते है जब हम दुखी होते है , रोना चाहते है पर सबसे ज्यादा दुःख कब होता है पता है ?,,,,,,,,,,,,,,,,जब हमे किसी को अलविदा कहना पड़े,,,,,,,,,,,,,,,

वो भी उस इंसान को जिसके बिना हम जीने के बारे में सोच भी नहीं सकते , जिसे हमने कभी अपनी दुनिया मान लिया था। “अलविदा” कितना बुरा शब्द है जिसे बोलने के बाद हम लौटकर फिर उसके पास नहीं जा पाते,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे नहीं पता मैं इस से कभी बाहर निकल पाऊंगा भी या नहीं लेकिन मैं तुम सबको एक बात कहना चाहूंगा की अगर जिंदगी में कभी तुम्हे किसी को अलविदा कहना पड़े तो रुककर एक बार सोच लेना , कोशिश करना की चीजों को फिर से सही किया का सके ताकि तुम्हे ये शब्द कहना ही ना पड़े,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरी बात याद रखना !”


कहते हुए ईशान ने निर्मल के हाथ से बॉटल ली और पीते हुए आगे बढ़ गया।
दोस्तों ने उसकी ओर जाने की कोशिश की तो निर्मल ने सबको रोक दिया और कहा,”इस वक्त वो एक ऐसे दर्द में है जिसे बांटा नहीं जा सकता , उसे खुद को उस दर्द से आजाद करना होगा।”
ईशान की आँखों में आँसू थे , उसका हाथ अपने जेब पर चला गया उसने जेब से अंगूठी निकाली और उसे देखकर अपने होंठो से लगाते हुए कहा,”अलविदा”  ईशान ने उस अंगूठी को दूर फेंक दिया और आँखे मूंदकर सर झुका लिया

उसी रात जिया एक आर्डर देकर सड़क पर चली आयी और जैसे ही अपने स्कूटर की तरफ जाने लगी अचानक से आकर एक रिंग उसके ललाट पर लगी और जिया के मुँह से आह निकल गयी। ये वही रिंग थी जो ईशान ने फेंकी थी।

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संजना किरोड़ीवाल 

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जिया पिल्ले को डांट रही थी और सोफी खड़ी खड़ी उसका ये बचपना देखकर मुस्कुरा रही थी। जिया घुटनो के बल पिल्ले के सामने आ बैठी और अपनी जेब से एक चैन निकालकर पिल्ले को पहनाते हुए कहा,”ये तुम्हारे लिए इसमें तुम्हारा नाम भी है , अब कोई तुम्हे पिल्ला कहकर नहीं बुलाएगा”
“ये तुम्हे कहा से मिला ?”,सोफी ने हैरानी से पूछा क्योकि ऐसा ही चैन उसने लिली आंटी के घर में था और डेस्टिनी नाम का पेन्डेन्ट भी जो लिली आंटी के घर के हॉल में रखे बुक रेंक पर लगा था।
“अह्ह्ह्ह ये मेरा है”,जिया ने सोफी से नजरे चुराते हुए कहा
“सच सच बताओ जिया क्या तुमने चोरी की है ?”,सोफी ने जिया को घूरते हुए पूछा
“उम्मम्मम ऐसा नहीं है लिली आंटी ने ये चैन आज सुबह ही डस्टबिन में डाला था , हाँ ये डेस्टिनी नाम मैंने उनके बुक रेंक से लिया है लेकिन लिली आंटी को बताकर उन्होंने ही कहा कि उन्हें इसकी जरूरत नहीं है।”,जिया ने अपनी सफाई में कहा
“मुझे ये देखकर हैरानी होती है कि एक पिल्ले के लिए तुम इतनी परेशान हो,,,,,,,,,,,,,!!”,सोफी ने अफ़सोस के साथ कहाजिया पिल्ले को डांट रही थी और सोफी खड़ी खड़ी उसका ये बचपना देखकर मुस्कुरा रही थी। जिया घुटनो के बल पिल्ले के सामने आ बैठी और अपनी जेब से एक चैन निकालकर पिल्ले को पहनाते हुए कहा,”ये तुम्हारे लिए इसमें तुम्हारा नाम भी है , अब कोई तुम्हे पिल्ला कहकर नहीं बुलाएगा”
“ये तुम्हे कहा से मिला ?”,सोफी ने हैरानी से पूछा क्योकि ऐसा ही चैन उसने लिली आंटी के घर में था और डेस्टिनी नाम का पेन्डेन्ट भी जो लिली आंटी के घर के हॉल में रखे बुक रेंक पर लगा था।
“अह्ह्ह्ह ये मेरा है”,जिया ने सोफी से नजरे चुराते हुए कहा
“सच सच बताओ जिया क्या तुमने चोरी की है ?”,सोफी ने जिया को घूरते हुए पूछा
“उम्मम्मम ऐसा नहीं है लिली आंटी ने ये चैन आज सुबह ही डस्टबिन में डाला था , हाँ ये डेस्टिनी नाम मैंने उनके बुक रेंक से लिया है लेकिन लिली आंटी को बताकर उन्होंने ही कहा कि उन्हें इसकी जरूरत नहीं है।”,जिया ने अपनी सफाई में कहा
“मुझे ये देखकर हैरानी होती है कि एक पिल्ले के लिए तुम इतनी परेशान हो,,,,,,,,,,,,,!!”,सोफी ने अफ़सोस के साथ कहा

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