कितनी मोहब्बत है – 12
Kitni mohabbat hai – 12
“कितनी मोहब्बत है”
By Sanjana Kirodiwal
Kitni mohbbat hai – 12
अक्षत को लॉकेट देकर मीरा वापस अपने कमरे में आ गयी ! कुछ देर बेड पर बैठकर अक्षत के बारे में सोचती रही और फिर उठकर नहाने चली गयी !
नहाकर मीरा ने गहरे हरे रंग का सूट पहना और निचे चली आयी ! सभी नाश्ते के लिए मौजूद थे पर अक्षत नहीं था ! मीरा को समझ नहीं आया की आखिर अक्षत के दिमाग में क्या चल रहा है ? वह ख़ामोशी से नाश्ता करते हुए सोचने लगी की आखिर अर्जुन को मुसीबत से कैसे निकाले ? नाश्ता करने के बाद सभी अपने अपने काम में लग गए !
निधि ने भी मीरा से कॉलेज चलने को कहा ! दोनों कॉलेज के लिए निकल गयी ! क्लास में मीरा का ध्यान ना होने की वजह से आज पहली बार प्रोफ़ेसर ने उसे क्लास से बाहर जाने को कहा ! मीरा उठकर बाहर आ गयी वो खुद भी नहीं समझ पा रही थी की उसके साथ ये सब क्यों हो रहा है ? अक्षत को देखने का उस से बात करने का उसका बहुत दिल हो रहा था लेकिन वह कुछ नहीं कर सकती थी ! मीरा अपनी बुक्स हाथ में उठाये कॉरिडोर में घूमती रही और फिर केंटीन की और चली आयी जैसे ही चलते हुए वह अपने दांयी तरफ मुड़ी उसका दिल धड़क उठा ! सामने अक्षत खड़ा किसी से फोन पर बात कर रहा था ! अक्षत को कॉलेज में देखकर मीरा को हैरानी भी हो रही थी और ख़ुशी भी ! दिवार की ओट से वह छुपकर अक्षत को देखने लगी ! जैसे ही अक्षत ने उसकी और देखा मीरा दिवार के पीछे हो गयी ! उसका दिल अभी भी उतनी ही तेजी से धड़क रहा था ! अक्षत ने उसे देख लिया होता तो वह उसे छुपकर देखने का मौका गवा देती ! मीरा ने अपने दिल को शांत किया और एक बार फिर हल्की सी गर्दन झुकाकर अक्षत को देखने लगी ! लाइट ब्लू जींस और ब्लेक रंग के शर्ट में अक्षत बहुत प्यारा लग रहा था उस पर उसके बाल जो हवा से उड़कर बार बार उसके चेहरे पर आते और वह बड़े प्यार से उन्हें हाथ से ऊपर की और सहेज लेता ! मीरा सब कुछ भूलकर बस अक्षत को देखने में खोई हुई थी ! एक प्यारा सा अहसास उसके दिल को छूकर गुजर रहा था ! अक्षत ने फोन जेब में रखा और एक बार फिर इधर देखा और मीरा फिर से दिवार के पीछे हो गयी ! अपने इस बचपने पर उसे हंसी भी आ रही थी लेकिन भी उसकी आँखों को एक सुकून पहुंचा रहा था ! एक बार फिर उसका मन अक्षत को देखने का किया और दिवार से हटकर उसने जैसे ही देखा अक्षत वहा नहीं था ! मीरा आगे आयी और इधर उधर नजरे दौड़ाई लेकिन अक्षत नहीं था ! “अभी अभी तो यही थे , कहा गए ?”,मीरा बड़बड़ाई ! और फिर मुस्कुराते हुए कहा,”हम भी ना क्या क्या सोचने लगते है ? अक्षत जी यहाँ क्यों आएंगे ? वो भी इस कॉलेज में ! पागल है हम”
कहकर मीरा जैसे ही वापस जाने के लिए पलटी हक्की बक्की रह गयी सामने अक्षत खड़ा था ! उसे देखकर मीरा की आँखे बस खुली की खुली रह गयी , दिल धड़कना बंद हो गया और आवाज गले में कही छुपकर रह गयी ! मीरा बस एकटक उसे देखती रही तो अक्षत ने कहा,”क्लास में क्यों नहीं हो तुम ?”
मीरा को जैसे अक्षत की बात सुनी ही ना हो वह बस अक्षत को देखती रही ! अक्षत ने उसके सामने अपना हाथ हिलाकर कहा,”हेलो , तुमसे पूछ रहा हु , क्लास में क्यों नहीं हो तुम ?”
मीरा होश में आयी और हकलाते हुए कहा,”वो वो वो बाहर निकाल दिया !”
“क्या ?”,अक्षत ने असमझ के भाव से कहा
“क्लास से बाहर निकाल दिया , सर ने !”,मीरा ने धीरे से कहा
“वो क्यों ?”,अक्षत ने कहा
“पढ़ने में ध्यान नहीं था !”,मीरा ने सच्चाई बयान की
“आजकल तुम्हारा ध्यान कही भी नहीं है !”,अक्षत ने मीरा को देखते हुए कहा !
मीरा खामोश हो गयी कुछ देर बाद अक्षत ने कहा,”कॉलेज के प्रिंसिपल का रूम कहा है ?”
“सीधा जाकर लेफ्ट !”,मीरा ने कहा ! अक्षत वहा से चला गया !
“सडु ! जरा प्यार से बात नहीं कर सकता था , हुंह थैंक्स भी नहीं कहा !”,मीरा बड़बड़ाते हुए दूसरी और चली गयी ! सामने से आती रागिनी ने उसे रोककर कहा,”मीरा चल ना यार केंटीन चलते है !”
मीरा को याद आया उसके पास बिल्कुल पैसे नहीं है ऐसे में रागिनी ने उसके लिए कुछ खरीदा तो वह पैसे कहा से चुकायेगी ! उसने रागिनी को मना कर दिया लेकिन रागिनी जबरदस्ती उसे लेकर केंटीन में आ गयी ! जहा विनीत भी अपने कुछ दोस्तों के साथ बैठा था ! मीरा ने उसे वहा देखकर धीरे से रागिनी से कहा,”प्लीज़ यहाँ से चलते है !
“क्यों क्या हुआ ? ओह्ह तो विनीत को देखकर ऐसा बोल रही हो ! उसे इग्नोर करो !”,रागिनी ने कुर्सी खींचकर बैठते हुए कहा !
“रागिनी हम कोई सीन नहीं चाहते प्लीज़ !”,मीरा ने सामने बैठते हुए कहा !
“हम्म्म्म , कॉफी पीते ही यहाँ से निकल जायेगे !”,रागिनी ने कहा !
अभी दोनों को वहा आये 5 मिनिट भी नहीं हुए थे की बिना आर्डर किए ही लड़का मीरा और रागिनी के लिए कॉफी रखकर जाने लगा ! मीरा ने उसे रोककर कहा,”पर हमने तो अभी कुछ आर्डर किया ही नहीं है !”
“दीदी वो भैया ने देने को कहा है !”,लड़के ने सामने बैठे विनीत की और इशारा किया तो विनीत मीरा को देखकर मुस्कुरा उठा !
मीरा को बिल्कुल अच्छा नहीं लगा उसने रागिनी की और देखा और कहा,”हमे ये सब नहीं चाहिए उन्हें वापस करके आते है !”
“मीरा इट्स ओके अब उसने आर्डर कर दिया तो पि लेते है ना !”,रागिनी ने कहा
“नहीं रागिनी , हम नहीं पि सकते !”,कहते हुए मीरा उठी और दोनों कप उठाकर विनीत की और बढ़ गयी ! उसने कॉफी के कप उसकी टेबल पर रखे और शालीनता से कहा,”हमे इन सब की जरूरत नहीं है विनीत , हमने पहले भी कहा है की हमारे लिए ये सब मत किया करो !”
मीरा जैसे ही जाने के लिए पलटी विनीत ने उसका हाथ पकड़कर रोक लिया और कहा,”सुनो मीरा !”
सबके बिच विनीत का हाथ पकड़ना मीरा को खल गया वह गुस्से से पीछे पलटी और कहा,”हमारा हाथ छोडो !”
“मीरा मेरी बात तो सुनो !”,विनीत उठ खड़ा हुआ उसने मजबूती से मीरा का हाथ पकड़ा हुआ था !
“हमने कहा हमारा हाथ छोडो !”,मीरा ने उसी गुस्से से कहा अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा !
“मीरा मैंने ये इसलिए भिजवाई क्योकि मैं तुम्हे पसंद करता हु !”,विनीत ने उसे रोकते हुए कहा !
“हमारे सामने से हटो विनीत , सब देख रहे है प्लीज यहाँ तमाशा मत करो !”,मीरा ने जाते हुये कहा तो वहा बैठे विनीत के दोस्त हसने लगे ! अपनी बेइज्जती होने पर विनीत को गुस्सा आया और उसने मीरा का हाथ पकड़कर उसे अपनी और खींचकर कहा,”तमाशा तो तुमने बना रखा है मीरा , पूरा कॉलेज जानता है की मैं तुम्हे पसंद करता हु लेकिन तुम , तुम मेरी और देखती तक नहीं , आखिर किस बात का घमंड है तुम्हे ? ,, पहले साल से अब तक कुत्तो की तरह तुम्हारे पीछे घूम रहा हु और तुम हो के ,,,,,,,,,, देखो मीरा प्यार करता हु तुमसे इसलिए इतना इंतजार किया वरना तुम जैसी 100 लड़किया रोज मेरे सामने से निकलती है !”
मीरा ने जब सुना तो उस से बर्दास्त नहीं हुआ उसने खींचकर एक थप्पड़ विनीत को मारा जिसकी गूंज केंटीन में बैठे सबके कानो में पड़ी ! मीरा ने ऊँगली दिखाते हुए विनीत से कहा,”दूर रो हमसे , ये आखिरी बार कह रहे है !” मीरा के थप्पड़ से विनीत बोखला गया और कहा,”साली दो कौड़ी की लड़की मुझपे हाथ उठाती है !” कहते हुए जैसे ही विनीत मीरा की और लपका अक्षत ने बिच में आकर उसके सीने पर हाथ रखकर उसे रोकते हुए कहा,”बाबू लड़कियों पर हाथ नहीं उठाते !” अक्षत को वहा देखकर मीरा हैरान थी ! उसने अक्षत के पास आकर कहा,”प्लीज चलिए यहाँ से !”
अक्षत ने जैसे ही मीरा की और देखा विनीत ने एक घुसा अक्षत के मुंह पर दे मारा उसके होंठ से खून निकल आया ! अक्षत निचे जा गिरा तो विनीत हँसते हुए कहने लगा,”हा हा हा मीरा ये बचाएगा तुम्हे जो मेरे एक मुक्के से जमीन चाट रहा है ! “
मीरा की आँखों में आंसू आ गए उसने अक्षत की और देखा अक्षत विनीत के सामने आया और कहा,”इसे तो मैं बचा लूंगा , तू अपनी सोच तुझे मुझसे कौन बचाएगा ?
विनीत जैसे ही आगे बढ़ा अक्षत ने उसे पीटना शुरू कर दिया ! अक्षत का गुस्सा देखकर मीरा कांप गयी जिस तरह से अक्षत उसे पीट रहा था लग रहा था वह विनीत को मार ही डालेगा ! विनीत के मुंह से नाक से खून बहने लगा था वह निचे जा गिरा अक्षत ने दोनों हाथो से उसका कॉलर पकड़ा और दांत पिसते हुए कहा,”आइंदा से अगर उसे हाथ भी लगाया तो तू इस कॉलेज में दिखाई नहीं देगा !”
अक्षत ने उसे छोड़ा और मीरा के पास आया डर मीरा के चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा था वह फटी आँखों से अक्षत को देख रही थी ! अक्षत ने मीरा के गालो पर आये आंसुओ को अपने हाथो से साफ किया और कहा,”कुछ नहीं हुआ है ! आज के बाद तुम्हे ये परेशान नहीं करेगा !”
मीरा बस अक्षत को देखती रही उसके मुंह से कोई बोल नहीं फूटा ! अक्षत उसका हाथ पकड़कर उसे केंटीन के बाहर ले आया ! विनीत के दोस्तों ने उसे सम्हाला चूँकि गलती विनीत की थी इसलिए ये बात केंटीन तक ही सिमित रखना सही समझा ! केंटीन से बाहर आकर अक्षत ने मीरा का हाथ छोड़ दिया और कहा,”बी स्ट्रांग , इसके जैसे लोग जिंदगी में बहुत मिलेंगे उनसे सामना करना सीखो ताकी किसी की मदद की जरूरत ना पड़े !”
मीरा को जैसे अक्षत की आवाज सुनाई ही नहीं दे रही थी उसका ध्यान तो अक्षत के होंठ पर लगी चोट पर था ! मीरा ने अपने दुपट्टे के किनारे को पकड़ कर अक्षत के होंठ की और बढ़ाया तो अक्षत ने पीछे हट्ते हुए कहा,”क्या कर रही हो ? सब देख रहे है !”
मीरा ने देखा वहा आस पास के लोग उन दोनों को ही देख रहे थे ! मीरा ने अक्षत का हाथ पकड़ा और उसे साइड में लेकर आयी यहाँ कोई नहीं था ! मीरा ने अक्षत के होंठो पर लगा खून साफ किया ! ये करते हुए उसे अक्षत का दर्द महसूस हो रहा था ! अक्षत ने अपनी आँखे बंद कर ली ! मीरा को लगा उसे दर्द हो रहा है सोचकर उसने धीरे से चोट वाली जगह फूंक मारी ! इस पल में दोनों एक दूसरे के बेहद करीब थे ! अक्षत ने अपनी आँखे खोली और मीरा की आँखों में देखता रहा ! मीरा अक्षत से दूर हुयी और कहा,”आपको उन्हें इस तरह मारना नहीं चाहिए था !”
“तुम्हे लगता है बिना मार खाये उसे अकल आती !”,अक्षत ने ऐटिटूड के साथ कहा !
मीरा ने कुछ नहीं कहा तो अक्षत ने कहा,”मैं चलता हु”
अक्षत जैसे ही जाने लगा मीरा के दुपट्टे का हिस्सा उसकी घडी में फंस गया और मीरा भी उसके साथ साथ चल पड़ी अक्षत रुका और पलटकर कहा,”मेरा पीछा क्यों कर रही हो ?”
कहते हुए उसने जैसे ही अपना हाथ उठाया उसे खुद ही अपने सवाल का जवाब मिल गया ! “हम निकाल देते है !”,मीरा ने अक्षत का हाथ निचे करते हुए कहा ! मीरा ने अपना दुपट्टा निकाला और कहा,”जल्दबाजी में किया काम सही नहीं होता है , इंसान में सब्र होना बहुत जरुरी है !”
“कुछ जल्दबाजिया खूबसूरत भी होती है !”,अक्षत ने मीरा की आँखो में देखते हुए कहा और चला गया ! मीरा ना अक्षत को समझ पायी और ना ही उसकी कही बात को ! तभी पीछे से आकर उसकी क्लासमेट दिशा ने कहा,”कौन था वो हैंडसम ?”
“निधि का भाई है !”,मीरा ने जाते हुए अक्षत को देखते हुए कहा !
“यार कितना हॉट है , मैंने सूना उसने विनीत की पिटाई की है ,, वो तो कमीना है ही इसी लायक लेकिन मैंने इसकी फाइटिंग मिस कर दी !”,दिशा ने आहे भरते हुए कहा !
“वो बहुत टेढ़े इंसान है !”,मीरा ने पलटकर कहा
“तो तुम कोनसा सीधी हो ? वैसे मैंने ये भी सूना है की उसने फाइटिंग तुम्हारे लिए की है !”,दिशा ने मीरा को छेड़ते हुए कहा
“हमे नहीं पता !”,मीरा ने जाते हुए कहा !
“तुम बताओ या न बताओ पर मुझे सब पता है !”,दिशा ने उसके पीछे पीछे आते हुए कहा ! मीरा रुकी और पलटकर कहा,”क्या पता है ?”
“गर्ल्स क्या हो रहा है यहाँ ?”,पीछे से निधि ने आते हुए कहा !
“हे निधि तुम्हे पता है आज क्या हुआ ? अपनी मीरा के लिए दो लोग आपस में लड़ रहे थे !”,दिशा ने कहा
“बकवास मत करो दिशा , ऐसा कुछ नहीं है !”,मीरा ने कहा
“तुम बताओगी क्या हुआ है !”,निधि ने परेशान होकर कहा तो मीरा ने केंटीन में घटी सारी बाते बता दी ! निधि को सुनकर बहुत गुस्सा आया तब तक रागिनी भी वहा आ पहुंची तो निधि ने कहा,”ये विनीत तो बहुत कमीना निकला , मैं तो उसे अच्छा समझती थी !’
“जो हम देखते है वो अक्सर सच नहीं होता है निधि , आज के समय में लोग नकाब ओढ़े रखते है कब उनका असली चेहरा सामने आये कोई नहीं जानता !”,मीरा ने धीरे से कहा
“आई ऍम सॉरी मीरा सब मेरी वजह से हुआ , ना मैं तुम्हे केंटीन लेकर जाती ना ये सब होता !”,रागिनी ने मीरा का हाथ अपने हाथ में लेकर उदास होते हुए कहा ! मीरा ने रागिनी को आश्वस्त किया और कहा,”इसमें तुम्हारी कोई गलती नही है रागिनी , विनीत का असली चेहरा एक दिन तो सबके सामने आना ही था न !” कहते हुए मीरा ने उसे गले लगा लिया ! रागिनी को अच्छा लगा तभी निधि ने कहा,”वो सब तो ठीक है , लेकिन अक्षत भैया यहाँ क्यों आये थे ? वो भी हमारे कॉलेज में !”
“हम पूछना चाहते थे पर भूल गए !”,मीरा ने कहा !
“क्लास का टाइम हो गया है आई थिंक हम लोगो को निकलना चाहिए !”,दिशा ने कहा और चारो साथ साथ अगली क्लास के लिए निकल गयी ! अभी कुछ ही दूर चली थी की तभी चपरासी ने आकर कहा,”मीरा राजपूत आपको प्रिंसिपल सर ने अपने केबिन में बुलाया है !”
मीरा ने उन सबको क्लास में जाने को कहा और खुद प्रिंसिपल के ऑफिस की और चली गई ! 20 मिनिट बाद जब वह बाहर आयी तो उसके चेहरे पर एक बड़ी सी स्माइल थी और उसके हाथ में एक लिफाफा था ! मीरा जब क्लास में आयी तो दिशा, निधि और रागिनी ने उसे घेर लिया ! मीरा के हाथ में लिफाफा देखकर निधि ने कहा,”क्या कहा प्रिंसिपल सर ने ? और तुम्हारे हाथ में ये लिफाफा कैसा ?”
मीरा मुस्कुराई और कहा,”कॉलेज की तरफ से हमे ये स्कॉलरशिप मिला है , अब हम अपनी बुक्स खरीद सकते है !”
“वॉव यार ! ये तो बहुत ख़ुशी की बात है , इस बात पर तो पार्टी बनती है क्यों रागिनी ?”,दिशा ने चहकते हुए कहा !
“हां बिल्कुल !”,रागिनी ने भी हां में हाँ मिलाई !
“एग्जाम टाइम में कॉलेज वाले मीरा को स्कॉलरशिप क्यों देंगे ?”,निधि मन ही मन सोचने लगी तो मीरा ने उसे छूकर कहा,” क्या हुआ तुम खुश नहीं हो ?
निधि ने मीरा को गले लगाते हए कहा,”ये तो तुम्हे मिलना ही था , तुम इतनी अच्छी जो हो ! और आज की पार्टी तुम नहीं मैं दूंगी वो भी गोलगगप्पें पार्टी !”
सभी कॉलेज ख़त्म होने के बाद बाहर आयी और कॉलेज के बाहर खड़े रेहड़ी के पास आकर निधि ने कहा,”भैया गोलगप्पे खिलाईये और हां तीखा ज्यादा !”
चारो एक कतार में खड़ी हो गयी और बारी बारी से खाने लगी ! चारो को बहुत मजे आ रहे थे ! जब पेट भर गया तो सबने कटोरी डस्टबिन में डाल दी ! निधि ने ही सबके पैसे चुकाए ! मीरा ने देने चाहे तो निधि ने मना कर दिया ! दिशा और रागिनी वहा से सीधा घर के लिए निकल गयी ! मीरा और निधि भी पैदल ही घर के लिए चल पड़ी ! चलते चलते निधि ने मीरा से कहा,”मीरा तुम्हे दुसरा खत मिला ?”
“नहीं अभी तक तो नहीं , फ़िलहाल हमे किसी और बात की चिंता है !”,मीरा ने कहा
“किस बात की ?”,निधि ने कहा
“कुछ नहीं ऐसे ही , घर चलते है वरना देर हो जाएगी !”,मीरा ने कहा !
दोनों घर आयी फ्रेश हुयी आज मीरा ने खाना नहीं खाया खाती भी कैसे बाहर इतने गोलगप्पे जो खाये थे ! शाम को मीरा अर्जुन के बारे में सोचते हुए यहाँ से वहा घूम रही थी तभी उसके चेहरे पर एक मुस्कराहट आ गयी !
मीरा किचन में आयी उसने एक अच्छी सी चाय बनाई और लेकर विजय के कमरे की और आयी ! आज विजय ऑफिस से जल्दी आ गए थे ! मीरा उनके कमरे में आयी तब वो किसी फाइल को देखने में बीजी थे ! मीरा ने चाय का कप उनके सामने रखा और कहा,”आपके लिए अदरक वाली चाय !”
विजय मुस्कुराया और फाइल बंद करके साइड में रख दिया ! वे मीरा की और पलटे और कहा,”थैंक्यू ! बैठो”
मीरा उनके सामने बैठ गयी तो विजय ने चाय का एक घूंठ पीकर कहा,”घर में कोई परेशानी तो नहीं है ना मीरा !”
मीरा – नहीं अंकल , बल्कि सब बहुत अच्छे है यहाँ !
विजय – तुम अच्छी हो इसलिए सब अच्छे है !
मीरा – एक ही बात तो है ना ! , चाय ठीक है ?
विजय – बहुत अच्छी है , राधा के बाद सिर्फ तुम्हारे हाथ की चाय पसंद आती है मुझे !
मीरा – बस यही बनानी आती है
विजय – इतना काफी है !
मीरा – आपसे कुछ कहना चाहते है
विजय – हाँ बेटा कहो !
मीरा – आपका पारिवारिक मामला है हमे शायद इन सबके बिच नहीं बोलना चाहिए फिर भी अर्जुन जी के लिए आपने जो रिश्ता देखा है उसके बारे में कुछ कहना है !
विजय – तुम खुलकर अपनी बात रख सकती हो !
मीरा – अर्जुन जी ये शादी नहीं करना चाहते , वो आपसे इसलिए नहीं कह रहे क्योकि वो आपको ठेस पहुंचाना नहीं चाहते है ! वो किसी को पसंद करते है अंकल लेकिन वो लड़की ब्राह्मण परिवार से नहीं है बस इसीलिए अर्जुन जी आपको ये बताने से हिचकिचा रहे है !
विजय – अर्जुन की शादी वही होगी जहा मैं चाहूंगा ! ये प्यार व्यार सब बेकार की बाते है ,, कुछ वक्त बाद सब हवा हो जाता है ! (सख्त होकर)
मीरा – ऐसा नहीं है अंकल , प्यार तो वो अहसास है जो दो लोगो के मरने के बाद भी ज़िंदा रहता है ! ना उसे भुलाया जा सकता है ना ही मिटाया जा सकता है विजय – इस घर में एक बार लव मैरिज हो चुकी है मीरा , और उसका नुकसान इस घर के हर सदस्य ने सहा है
मीरा – आप कुसुम दी की बात कर रहे है
मीरा के मुंह से कुसुम का नाम सुनकर विजय हैरान रह गया और कहा,”तुम उसे कैसे जानती हो ?”
मीरा – वो सब छोड़िये अंकल बात वो नहीं है बात सही गलत की है ! उन्होंने जिस से प्यार किया उस से शादी की इसमें उनकी क्या गलती थी ? एक लड़की घरवालों के खिलाफ जाकर शादी कर भी ले तो वह खुश नहीं रहती है अंकल , उसने जो किया उसका दुःख उसे हमेशा खलता है !
विजय – उसने जो किया वो माफ़ी के लायक नहीं था ! ये जानने के बाद भी की वो लड़का उसके लिए सही नहीं है उसने उस से शादी की और फिर एक दिन उसी की वजह से उसने अपनी जान,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!! (कहते कहते रुक गए)मीरा – उनके साथ क्या हुआ ये तो हम नहीं जानते , हम आज की बात कर रहे है अर्जुन जी इतने अच्छे है की वो खामोश रहकर आपकी हर बात मान लेंगे , कुछ नहीं कहेंगे लेकिन जरा सोचिये क्या वो खुश रहेंगे ? आपकी ख़ुशी के लिए या आपके कहने पर वो ये शादी कर भी ले तो जिंदगी भर उनको कमी खलती रहेगी ! वो खुद को कोसते रहेंगे !! लव मैरिज बुरी नहीं होती है अंकल बस हमारी किस्मत में जो लिखा होता है वो हमे मिलता है ! अर्जुन जी जिस लड़की को पसंद करते है एक बार उनसे मिलकर देखने में क्या हर्ज है ? वो खुद इतने अच्छे है तो उनकी पसंद कैसे गलत हो सकती है ??
विजय सोच में पड़ गया तो मीरा उनके सामने घुटनो के बल जमीं पर बैठ गयी और कहने लगी,”आप बहुत अच्छे है अंकल है बिना जाने पहचाने आपने हमे अपने घर में रहने की इजाजत दी , प्यार दिया , सम्मान दिया ! जब एक अनजान लड़की को आप इतना सब दे सकते है तो वो लड़की तो अर्जुन जी का प्यार है क्या आप उसे एक मौका नहीं देंगे ! हमने कुछ ज्यादा बोल दिया हो तो माफ़ कर दीजियेगा !!”
मीरा उठी और कमरे से बाहर चली गयी !!
रात के खाने के लिए सभी निचे जमा थे ! मीरा और अर्जुन अभी नहीं आये थे ! अर्जुन जैसे ही कमरे से निकलने को हुआ मीरा उसके सामने आयी और प्लेट उसकी और बढाकर कहा,”हमे अभी के अभी ये सब छीलकर दीजिये !”
“प्याज ? इनकी आपको क्या जरूरत है ? वो भी सी वक्त !”,अर्जुन ने हैरानी से कहा
“अभी हम कुछ नहीं बता सकते बस यु समझ लीजिये जरूरत है ! अंदर जाईये और काटकर रखिये तब तक हम आते है !”,कहकर मीरा बिना अर्जुन की बात सुने ही वहा से चली गयी !
अर्जुन प्लेट हाथ में थामे अंदर आ गया ! ये सब काम उसने पहले कभी किये नहीं थे पर मीरा की बात वह कैसे टाल सकता था !! लग गया काम पर ! मीरा निचे आयी और खाना खाने के लिए बैठ गयी ! पहली बार था जब अर्जुन खाने के लिए निचे नहीं आया था ! विजय ने देखा तो कहा,”अर्जुन कहा है ?
“शायद अपने कमरे में होगा , मैं बुलाकर लाती हु !”,राधा ने कहा
“तुम रुको मैं बुलाकर ले आता हु !”,विजय जी उठे और चले गए ! ऊपर आकर उन्होंने अर्जुन के कमरे का अधखुला दरवाजा खोला और अंदर चले आये अर्जुन उस वक्त उनकी और पीठ किये हुए था ! विजय जी ने कहा,”अर्जुन , खाना खाने निचे नहीं आये तुम ?”
विजय की आवाज सुनकर अर्जुन जैसे ही पलटा विजय जी हतप्रभ रह गए ! अर्जुन की आँखे आंसुओ से भरी थी जो की विजय का सीना छलनी करने के लिए काफी थी !
क्रमश -: kitni-mohabbat-hai-13
Read More – kitni-mohabbat-hai-11
Follow Me On – facebook
Follow Me On – instagram
संजना किरोड़ीवाल
Aankhon m aansu or hath m chaku….
Mam kitni mohaabbat hai season 2 mein akshat or Meera ki story ayegi ya dushri please reply mam
wo 2021 me pta chal jayega 🙂
Mam please kitni mohaabbat hai season 2 mein akshat or Meera ki Ange ki story bataiyega please mam
❤️❤️❤️❤️