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कितनी मोहब्बत है – 13

Kitni Mohabbat Hai – 13 

”कितनी मोहब्बत है – 13”

BY- SANJANA KIRODIWAL

विजय ने जैसे ही अर्जुन की आँखों में आंसू देखे उनका दिल पसीज गया वे उसके पास आये और कहा,”तुम खाना खाने निचे नहीं आये ?”
“वो 8 मीरा ने,,,,,,,,,,,,,!”,अर्जुन इतना ही कह पाया उसकी आँखों में प्याज की वजह से तेज जलन हो रही थी वह अपनी आँख मसलने लगा तो विजय ने उसका हाथ पकड़कर कहा,”मुझे माफ़ कर दो बेटा !”
“आप माफ़ी क्यों मांग रहे है पापा ?”,अर्जुन ने हैरानी से कहा !
“आओ बैठो तुमसे कुछ बात करनी है”,विजय ने बड़ी नरमी से कहा  
अर्जुन विजय जी के साथ आकर बेड पर बैठ गया और धड़कते दिल के साथ कहा,”कहिये पापा क्या बात है ?”
विजय – आज मीरा मेरे पास आयी थी उसने बताया तुम ये शादी नहीं करना चाहते !
अर्जुन – नहीं पापा ऐसी कोई बात नहीं है ! 
विजय – मुझसे कुछ छुपाने की जरूरत नहीं है अर्जुन ! मैं जानता हु मैंने अपने बच्चो पर बहुत पाबंदिया रखी है लेकिन उन पाबंदियों के पीछे की वजह था मेरा डर ! तुम सबको खोने का डर !! जैसे मैंने , हम सबने कुसुम को खो दिया ! अगर वक्त पर मैंने उसकी भावनाओ को समझा होता तो आज वो हमारे बिच होती ! (कहते हुए उनकी आँखे नम हो गयी ये देखकर अर्जुन ने अपना हाथ उनके हाथ पर रख दिया !)
अर्जुन – इसमें आपकी कोई  गलती नहीं है पापा , एक पिता का फर्ज निभाते हुए आपने हमेशा उनका अच्छा सोचा ! उनके साथ जो हुआ वो गलत हुआ पर उसका दोष खुद को मत दीजिये ,, कुसुम भी यही चाहती थी ! 
विजय – क्या तुम उस से मिले थे ?
अर्जुन – उनके सुसाइड करने से दो दिन पहले मैं उनसे मिला था ! वो आपको बहुत मिस करती थी पापा , आपसे बात करना चाहती थी मिलना चाहती थी लेकिन आपके गुस्से के सामने वह कभी कुछ बोल ही नहीं पाई ! जिस लड़के से उन्होंने शादी की थी वो बहुत अच्छा था पापा कुसुम को उसने कभी किसी चीज की कमी नहीं होने दी , पर कुसुम को हमेशा एक कमी खलती रही – आपकी ! वो आपसे बहुत प्यार करती थी ! 
विजय ने अपना चेहरा अपने दोनों हाथो में छुपा लिया और रो पड़े ! अर्जुन ने पहली बार उन्हें इतना कमजोर देखा था उसने विजय के कंधे पर अपना हाथ रखा तो विजय रोते हुए कहने लगा,”मैं कितना बड़ा बेवक़ूफ़ था जो अपने बच्चो को दर्द देता रहा ! कुसुम को मैं कभी समझ ही नहीं पाया और आज वो हमारे बिच नहीं है ! लेकिन मैं तुम्हारे साथ ऐसा नहीं करूंगा !
अर्जुन – मैं कुछ समझा नहीं पापा !
विजय ने अपने आंसू पोछे और अर्जुन की और देखकर कहने लगे,”तुम जिस लड़की को पसंद करते हो मैं उस से और उसके घरवालों से मिलना चाहता हु ! तुम दोनों की शादी की बात करना चाहता हु !”
अर्जुन ने सूना तो ख़ुशी से हैरान रह गया ! उसने विजय की और देखते हुए कहा,”क्या आप सच कह रहे है ?”
“हां मेरे बच्चे , मैं इतना खुदगर्ज भी नहीं की अपनी खवाहिशो के लिए अपने बच्चो के सपनो का गला घोंट दू ! तुम कल ही उसके घरवालों को यहाँ बुलाओ ताकि मैं उनसे मिलकर बात कर सकू !”,विजय ने मुस्कुराते हुए कहा !
“लेकिन दादाजी के दोस्त , उन्हें बुरा लगेगा !”,अर्जुन ने कहा !
“उनसे मैं माफ़ी मांग लूंगा !”,विजय ने कहा 
“आई लव यू पापा !”,अर्जुन ख़ुशी से भर उठा और विजय के गले लग गया ! 
“उम्मीद है मेरे इस फैसले से कुसुम की आत्मा को शांति मिले !”,विजय ने भावुक होकर कहा ! 
“आज वो बहुत खुश होंगी पापा !”,कहते हुए अर्जुन ने मन ही मन मीरा के बारे में सोचा और कहा,”ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है मीरा है यू आर एन ऐंजल !”
“अब चलो निचे चलकर खाना खाते है !”,विजय जी ने उठते हुए कहा और फिर दोनों बाप बेटे निचे चले आये !  
निचे आकर दोनों खाने के लिए बैठे ! बाकि सभी पहले से अपना खाना खा रहे थे ! विजय ने अर्जुन की और देखा और दादू से कहा,”पापा आपसे कुछ बात करनी है !”
“हां कहो !”,दादू ने कहा 
“वो जो संडे को आपके दोस्त आ रहे है अर्जुन को देखने उन्हें मना कर दीजिये ना !”,विजय ने कहा 
“कोनसा दोस्त ?”,दादू ने अनजान बनते हुए कहा 
“वही जो अपनी पोती के लिए अर्जुन को देखने आने वाले है !”,विजय ने बेसब्री से कहा 
“लेकिन मेरा ऐसा कोई दोस्त नहीं है जो इस घर में रिश्ता लेकर आ रहा है !”,दादू ने रहस्य्मय तरीके से कहा 
“क्या ? मतलब आपने ही तो कहा था !”,विजय ने हैरानी से कहा तो दादू जोर जोर से हसने लगे और कहा,”अरे ! वो तो बस मैं मजाक कर रहा था ताकि तेरा ये बेटा अपने दिल के बात बता दे की ये किसी को चाहता है !”
दादू का प्लान जानकर तो मीरा भी दंग रह गयी यहाँ तो उस से भी बड़े ड्रामेबाज थे ! दादू की बात सुनकर विजय भी मुस्कुराये बिना ना रह सका ! उसे मुस्कुराते देखकर दादू ने बड़े प्यार से कहा,”देख बेटा बच्चो की जिसमे ख़ुशी है उसी में माँ बाप को खुश होना चाहिए ! हमारा अर्जुन इतना अच्छा है की हमारे कहने पर कही भी शादी कर लेता लेकिन जिंदगी में कभी खुश नहीं रहता ! ये तुझे इतना मानता है की तेरे सामने कुछ नहीं कहता इसलिए मुझे इसकी शादी की बात करके इसके दिल की बात सबके सामने लानी पड़ी !! इस नाटक से ही सही इस नालायक ने बताया तो सही इसकी जिंदगी में कोई खास है !”
“दादू यू आर टू गुड़ !”,अर्जुन ने उठाकर उनको पीछे से गले लगाते हुए कहा !  सभी बहुत खुश थे तभी विजय ने कहा,”मैंने अर्जुन के लिए लड़की देखी है !”
“कौन ?”,सबने हैरानी से कहा !
“अरे अपनी मीरा , इसकी और अर्जुन की जोड़ी साथ में बहुत अच्छी लगेगी !”,विजय ने जैसे ही कहा मीरा के गले में खाना ही अटक गया और वह खांसने लगी ! उसने विजय की और देखकर कहा,”ये आप क्या कह रहे है ?”
“अरे तुम और अर्जुन दोनों दूसरे को इतने अच्छे से जानते हो ! दोनों एक दूसरे का इतना ख्याल रखते हो ! बस तुम दोनों की शादी पक्की”,विजय ने आदेशात्मक स्वर में कहा तो मीरा ने मासूम सी शक्ल बनाकर कहा,”पर ये सब तो हम निधि के लिए भी करते है !”
मीरा की मासूम सी शक्ल देखकर विजय जी हंस पड़े और फिर उनके साथ साथ सभी घरवाले भी बस हमारे अक्षत बाबू प्यार से उनकी मासूमियत देख रहे थे ! मीरा को कुछ समझ नहीं आया तो राधा ने कहा,”मीरा परेशान मत हो , ये तुम्हारी टांग खिंच रहे है !” राधा की बात सुनकर मीरा ने जैसे ही विजय की और देखा तो उन्होंने हाँ में अपनी गर्दन हिला दी ! मीरा मुस्कुरा उठी ! सभी हँसते मुस्कुराते बाते करते खाना खा रहे थे ! आज की शाम बहुत खूबसूरत थी !! खाना खाने के बाद सभी उठकर जाने लगे तो निधि चम्मच से अपनी प्लेट को जोर जोर से बजाने लगी ! सभी उसकी और पलटे तो निधि ने कहा,”क्या आप लोग खाना खाते ही इधर उधर चले जाते हो ,, कभी तो फॅमिली टाइम भी होना चाहिए ना !!”
“तो क्या चाहिए हमारी राजकुमारी को ?”,दादू ने प्यार से कहा !
“एक घंटे बाद आप सभी हॉल में आ जाना बता दूंगी !”,निधि ने उठते हुए कहा !!
 निधि की बात सुनकर सभी वहा से चले गए और वह अकेले ही निचे हॉल में इंतजाम करने लगी ! मीरा जैसे ही ऊपर आयी पीछे से अर्जुन ने कहा,”मीरा !
मीरा रुकी और पीछे पलटी तो अर्जुन उसके पास आया और मुस्कुराकर कहा,”थैंक्यू सो मच एंजल !”
‘ऐंजल ?”,मीरा ने हैरानी से कहा 
“हां एंजेल , तुम मेरी जिंदगी में , इस घर में एंजेल बनकर ही आई हो ! कितनी आसानी से तुमने पापा को ये सब समझा दिया और वो मेरी और नीता की शादी के लिए मान गए !”,अर्जुन ने मीरा के गाल  छूकर कहा ! 
“दोस्ती में इतना तो कर ही सकते है ना !”,मीरा मुस्कुराई !
“अब बताओ तुम्हे क्या चाहिए ! तुम जो मांगोगी वो मिलेगा !”,अर्जुन ने कहा 
“आप और नीता खुश रहे , बस इस से ज्यादा हमे और कुछ नहीं चाहिए “,मीरा ने कहा 
“ओह्ह मीरा तुम सच में बहुत अच्छी हो !! मैं चाहता हु हर जन्म में मुझे तुम्हारे जैसी दोस्त मिले !”,अर्जुन ने ख़ुशी से भरकर कहा !
“हम्म्म ! अब हम चलते है निधि ने एक घंटे बाद निचे भी बुलाया है ना , पता नहीं क्या करने वाली है वो !!”,मीरा ने जाते हुए कहा !
अर्जुन भी अपने कमरे में चला आया ! अक्षत ऊपर आया और सीधा अपने कमरे में चला आया ! कपडे चेंज किये और शीशे के सामने खड़े होकर बाल बनाते हुए सोचने लगा,”आखिर पापा भैया की शादी के लिए कैसे राजी हो गए ? कुछ तो गड़बड़ है पता लगाना पडेगा !”
अक्षत अर्जुन के कमरे में आया तो देखा अर्जुन बालकनी में फोन पर लगा है अक्षत रूम में इधर उधर देख ही रहा था तभी उसकी नजर टेबल पर रखे प्याज पर गयी ! अर्जुन ने प्यार उठाया और कहा,”भैया के कमरे में प्याज ? कुछ समझ नहीं आ रहा !! कुछ तो प्लान किया होगा इन्होने वरना पापा इतनी आसानी से मान जाये नामुमकिन ! लेकिन कैसे पता लगाऊ ? मीरा ! उसे तो पता ही होगा !”
अक्षत अर्जुन के कमरे से निकलकर मीरा के कमरे के सामने आया लेकिन कमरे में जाने की हिम्मत उसमे नहीं थी ! उसने बाहर से ही दरवाजा खटखटाया मीरा कपडे बदल चुकी थी ! उसने कुर्ता और निचे हैरम पहना हुआ था ! जैसे ही उसने दरवाजा खोला सामने अक्षत को देखकर हैरान रह गयी मुश्किल से उसके मुंह से एक शब्द निकला – जी 
अक्षत वही खड़ा रहा और कहा,”पापा से क्या कहा तुमने ?”
“हमने , हम हमने कुछ नहीं कहा”,मीरा ने आँखे चुराते हुए कहा !
“रियली ! तो फिर नजरे क्यों चुरा रही हो ? देखो मेरी तरफ और कहो की तुमने कुछ नहीं कहा”,अक्षत ने अपना एक हाथ दरवाजे से लगाकर कहा जिससे मीरा बाहर ना जा सके !
“हम क्यों नजरे चुरायेंगे”,कहते हुए उसने अक्षत की आँखों में देखा लेकिन उसके बाद ना वह कुछ बोलने लायक रही ना देखने लायक ! उन सागर सी गहरी आँखों में वह बस डूबती चली गयी ! उसे खामोश देखकर अक्षत ने कहा,”आई नो ये सब तुम्हारा ही प्लान था पापा को भैया की शादी के लिए मनाना , लेकिन किया कैसे वो जानना है ?”
“हमने जो किया दो प्यार करने वालो के लिए किया ! इस से  किसी को कोई नुकसान नहीं होगा”,मीरा ने धीरे से कहा  
“टेल मी क्या कहा ?”,अक्षत ने कहा 
मीरा उसके थोड़ा करीब आयी और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”बतायेंगे कभी फुर्सत में ! 
कहकर मीरा जैसे ही अंदर जाने लगी अक्षत ने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी और खींचते हुए कहा,”वो तो मैं पता लगा लूंगा ! बस तुम घरवालों पर अपना जादू चलाना बंद करो !”
“क्यों आपको डर लग रहा है कही आप इस जादू का शिकार ना हो जाये !”,मीरा ने कहा 
“जितनी सीधी दिखती हो उतनी हो नहीं तुम !”,अक्षत ने कहा 
“बिल्कुल नहीं है ! अभी आपने देखा ही क्या है मिस्टर कॉम्प्लिकेटेड , धीरे धीरे आप जानेंगे हम क्या है ?”,मीरा ने धीरे से कहा  
पहली बार अक्षत उसके सामने खामोश हो गया और उसकी आँखों में देखने लगा !! दोनों ये भी भूल गए की वे दोनों दरवाजे के बिच में खड़े है ! अक्षत ने मीरा को पीछे धकेला और कहा,”देखते है कौन किसपे भारी पड़ता है !”
अक्षत वहा से चला गया ! मीरा वही खड़े प्यार से उसे देखते रही और मन ही मन कहा,”एक दिन आप हमे जरूर समझेंगे ! !

एक घंटे बाद सभी निचे जमा थे अक्षत को छोड़कर वो नहीं आया था ! उसे ये सब गेम्स पसंद नहीं थे ! सभी निचे हॉल में जमा हुए और गद्दों पर बैठ गए ! निधि ने कहा,”सभी अंताक्षरी खेलेंगे लेकिन सिर्फ पुराने गानो पर !” सभी मान गए ! दो टीम बंट गयी एक में दादू दादी अर्जुन थे दूसरी में विजय राधा मीरा और निधि ! गेम शुरू हुआ सबसे पहले अर्जुन वाली टीम की बारी आयी उन्हें ‘म’ से गाना था ! दादी ने गाना शुरू किया – मेरे हाथो में नो नो चुडिया है थोड़ा ठहरो सजन मजबूरिया है !”
सभी ताली बजाते हुए गाने का मजा ले रहे थे ! इसके बाद बारी आयी निधि टीम की तो निधि ने गाना शुरू किया – है ना बोलो बोलो , मम्मी बोलो बोलो , पापा बोलो बोलो , मम्मी को पापा से पापा को मम्मी से प्यार है हां प्यार है ! है ना बोलो बोलो !
“धत बेशर्म !”,राधा ने निधि के सर पर चपत लगाकर कहा तो सभी हंस पड़े !!
उसके बाद दादू ने गाना शुरू किया – लग जा गले के फिर ये हंसी रात हो ना हो , शायद फिर इस जन्म में मुलाकात हो ना हो ! लग जा गले के फिर”
“वाओ दादाजी यू आर सो रोमांटिक !”,मीरा ने खुश होकर कहा ! 
“मीरा , सिर्फ उम्र ही तो बढ़ी है प्यार तो अभी भी जवान है !”,दादू ने कहा तो सभी हंसने लगे !    
बारी थी निधि की टीम की तभी राधा ने गाना शुरू किया,”रात अकेली है , बुझ गए दिए ! आकर मेरे पास कानो में मेरे ,, जो भी चाहे कहिये जो भी चाहे कहिये !”
सबने जैसे ही राधा का गाना सूना हैरानी से उसकी और देखने लगे विजय भी , विजय को अपनी और देखता पाकर राधा ने कहा,”क्या ? कॉलेज में अक्सर गाती थी मैं ये गाना !” मीरा ने थोड़ा उदास होकर राधा से कहा,”कितनी अजीब बात है ना आंटी , हमारी माँ को भी ये गाना बहुत पसंद था वो हमेशा इसे  गुनगुनाती रहती थी !”
निधि ने देखा माहौल थोड़ा सीरियस होने लगा है तो उसने कहा,”चलो चलो अर्जुन भैया अब ‘ये’ से गाओ !”
अर्जुन मुस्कुराया और कहा,”ये शाम मस्तानी , मदहोश किये जाये ! मुझे डोर कोई खींचे तेरी और लिए जाए !”
अब बारी थी निधि के टीम की तो इस बार मीरा ने गाना शुरू किया,”एक राधा एक मीरा दोनों ने श्याम को चाहा , अंतर क्या दोनों की चाह में बोलो ! एक प्रेम दीवानी , एक दर्श दीवानी ! एक राधा एक मीरा !”
मीरा की आवाज भी उसी की तरह बेइंतहा खूबसूरत थी ! सभी ख़ामोशी से उसे सुन रहे थे ! उसने जो गाना चुना था वो भी बहुत यूनिक था ! जैसे ही मीरा ने गाना ख़त्म किया विजय ने उसके सर पर हाथ रखते हुए कहा,”क्या बात है मीरा तुम तो बहुत अच्छा गाती हो साक्षात सरस्वती है तुम्हारे गले में तो ! और तो और गाने में अपना और राधा (राधा की और देखते हुए)  का जिक्र भी कर दिया !”
“अरे पापा राधा और मीरा तो यहाँ है पर इनका श्याम कहा है ?”,निधि ने कहा !
“वो रहा ऊपर , अपनी दुनिया में !”,दादू ने ऊपर की और इशारा करके कहा जहा अक्षत कानो में हैड फोन लगाए गाने सुनते हुए इधर उधर घूम रहा था ! 
“वो अपनी दुनिया में मस्त है पापा ! गेम आगे बढ़ाते है मजा आ रहा है !”,विजय ने बच्चो की तरह खुश होकर कहा ! 
“हां अब दादू की बारी ‘न’ से गाइये”, निधी ने कहा !
“अरे ये तो बहुत आसान है”,कहते हुए दादू ने गाना शुरू किया – ना जाने क्यों होता है ये जिंदगी के साथ , अचानक ये मन किसी के जाने के बाद करता है उसको याद ना जाने ऐसा क्यों , ना जाने क्यों ?”
विजय ने गाना शुरू किया – ये रश्मि जुल्फे ये शरबती आँखे इन्हे देखकर जी रहे है सभी ! “
विजय ने जैसे ही गाना गाया राधा शरमा गयी ! बारी थी अर्जुन की टीम की थी तो अर्जुन ने कहा,”ये गाना मीरा के लिए !”, उसने गाना शुरू किया – हम्म्म भोली सी सूरत , आँखों में मस्ती आये हाय ! भोली सी सूरत आँखों में मस्ती दूर खड़ी शर्माए , आये हाय ! एक झलक दिखलाये कभी कभी आँचल में छुप जाये आये हाय ! मेरी नजर से तुम देखो तो यार नजर वो आये ! भोई सी सूरत आँखों में मस्ती आये हाय !!”
मीरा तो शर्म से पानी पानी हो रही थी ! निधि ने देखा तो कहा,”क्या बात है भैया मेरे लिए तो कभी नहीं गाया आपने गाना ?”
“इसमें कोनसी बड़ी बात है अभी गा देता हु !”, अर्जुन ने कहा तो निधि खुश हो गयी अर्जुन ने गाना शुरू किया – गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल , गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल !”
निधि ने पास पड़ा छोटा तकिया अर्जुन की और फेंका और विजय से कहा,”देखो ना पापा भाई क्या कह रहा है ?”
“ऐ मेरी राजकुमारी को कोई कुछ नहीं बोलेगा !”,विजय ने कहा !
“वो तो ठीक है पापा लेकिन अभी आप लोगो का टर्न है गाने का , या फिर हार मान लीजिये !”,अर्जुन ने कहा !
“बिल्कुल नहीं हारोगे तो आप लोग”,निधि ने कहा और गाने लगी,”ये जो मोहब्बत है , ये उनका है काम , महबूब का जो लेते हुए नाम ! मर जाये मिट जाये हो जाये बदनाम ,,,,, रहने दो छोडो के जाने दो यार हम ना करेंगे प्यार !!” 
 निधि ने जैसे ही गाना ख़त्म किया अर्जुन ने गाना शुरू कर दिया,”रोते हुए आते है सब , हँसता हुआ जो जाएगा ! वो मुक़ददर का सिकंदर जाने मन कहलायेगा !”
अर्जुन रुका तो विजय ने गाना शुरू किया – गाता रहे मेरा दिल , तू ही मेरी मंजिल ओह कही बीते ना ये राते कही बीते ना ये दिन ! गाता रहे मेरा दिल !!”
विजय रुका तो दादी ने बॉम फोड़ा और गाने के साथ तालियां भी बजाने लगी – लेके पहला पहला प्यार भर के आँखों में खुमार , जादू नगरी से आया है कोई जादूगर !! ओह्ह लेके पहला पहला प्यार !”
दादी के इस रिएक्शन पर अर्जुन ने तो उनका गाल ही चुम लिया ! वो तीन इन चारो पर भारी पड रहे थे ! इधर निधि की टीम हारने के कगार पर थी लेकिन मीरा को एक गाना सुझा और वो गाने लगी – रमैया वास्तवाईया रमैया वस्ता वैया , मैंने दिल तुझको दिया मैंने दिल तुझको दिया ! 
अब गेम थोड़ा कॉम्प्लिकेटेड हो चुका था अर्जुन सोचने लगा लेकिन य से कोई गाना याद नहीं आ रहा था उसने दादू की और देखा तो दादू ने गाना शुरू किया – याद आ रहा है तेरा प्यार , कहा तुम कहा हम हुए गम कहा हम , आ भी  जा आ भी जा एक बार !! “
निधि की टीम से विजय ने गाना शुरू किया – रिम झिम गिरे सावन , सुलग सुलग जाए मन , भीगे आज इस मौसम में लगी कैसी ये लगन , रिम झिम गिरे सावन 
बारी फिर अर्जुन की और आ गयी अर्जुन निधि की टीम को फ़साना चाहता था इसलिए ऐसा गाना सोचने लगा जिसके बाद सामने वाली टीम कुछ गए ही ना सके उसने गाना शुरू किया – ना कजरे की धार , ना मोतियों के हार ना कोई  किया सिंगार फिर भी कितनी सुन्दर हो , तुम कितनी सुन्दर हो !”
अर्जुन मन ही मन खुश हो रहा था की इसके बाद निधि हार मान लेंगी निधि को अब कोई गाना याद भी नहीं आ रहा था !! विजय और राधा भी चुप मीरा ने जैसे ही ऊपर की और देखा उसकी नजरे ऊपर खड़े अक्षत से जा मिली ! अक्षत ने नजरे हटा ली तो मीरा ने गाना शुरू किया – हम दिल दे चुके सनम , तेरे हो गए है हम ,, तेरी कसम , तेरी कसम !!
निधि की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा वह उछल पड़ी और अर्जुन को ठेंगा दिखाते हुए कहा,”येहहहह , अब गाओ म से 
“म म म , दादू कुछ गाओ ना , ऐसे तो हार जायेंगे हम लोग !”,अर्जुन ने कहा 
दादू दादी को कोई गाना नहीं सूझ रहा था निधि ख़ुशी से फूली नहीं समा रही थी जैसे ही वह अर्जुन की टीम की हार और अपनी टीम की जीत की  घोषणा करने के लिए जैसे ही उठी पीछे से सीढिया उतरते हुए अक्षत ने गाना शुरू किया – मेरे रंग में रंगने वाली , परी हो या परियो की रानी , या हो मेरी प्रेम कहानी !
अर्जुन उठा और दौड़कर अक्षत को गले लगाते हुए कहा,”लव यू ब्रो , बचा लिया तूने !”
अक्षत मीरा के सामने आया और गाते हुए कहा,”मेरे सवालों का जवाब दो , दो ना !!
अक्षत गाने की आड़ मीरा से जवाब मांग रहा था जिसे मीरा के अलावा कोई समझ नहीं पाया था ! अक्षत ने राधा का हाथ पकड़ा और डांस करते हुए आगे गाने लगा – बोलो न क्यों ये चाँद सितारे , तकते हैं यूँ मुखड़े को तुम्हारे ! छूके बदन को हवा क्यों महकी ,रात भी है बहकी बहकी
मेरे सवालों का जवाब दो .दो न, दो न !
इसके बाद निधि की टीम के पास गाने को कुछ बचा नहीं था और फिर वो अर्जुन की टीम से हार गयी लेकिन अक्षत के आने से खुश थी ! सभी वापस बैठ गए !
 “भई मेरा तो अब चाय पिने का मन कर रहा है !”,दादू ने कहा 
“हां मेरा भी !”,विजय ने भी हां में हां मिलायी !! 
“हम बनाकर ले आते है !”,मीरा ने कहा और किचन की और चली गयी ! मीरा को जाते देखकर अक्षत ने कहा,”दादु गाने गाकर गला सुख गया होगा ना आपका , मैं पानी ले आता हु !” कहते हुए अक्षत भी किचन की और बढ़ गया ! 
मीरा किचन में गैस पर चाय का बर्तन रखने ही वाली थी की अक्षत ने उसका हाथ पकड़कर अपनी और करके कहा,”अब तो बता दो तुमने पापा से क्या कहा ?”
“आप यहाँ क्या कर रहे है ?”,मीरा ने अपना हाथ छुड़ाकर कहा और गैस की और बढ़ गयी ! उसने पतीला रखा और चाय बनाने लगी अक्षत बिल्कुल उसकी बगल में आकर खड़ा हो गया और कहा,”सॉरी मुझे इस तरह तुम्हारा हाथ नहीं पकड़ना चाहिए !” मीरा ने पहली बार अक्षत के मुंह से सॉरी सूना वह उसकी और देखकर मुस्कुरा दी और फिर अपना ध्यान चाय की और लगा दिया ! अक्षत मीरा के सामने प्लेटफॉर्म पर बैठ गया और कहा,”देखो वैसे मैं गेम जीता हु तो तुम्हारी टीम का फर्ज बनता है इनाम देने का , तो तुम मुझे इनाम मत दो बस ये बता दो की पापा से तुमने क्या कहा ?”
 “आप तबसे इस बात के इतना पीछे क्यों पड़े है ?”,मीरा ने कहा 
अक्षत मीरा के पास आया और कहा,”क्योकि आज से पहले पापा ने कभी अपने फैसले नहीं बदले , तुम में कुछ खास बात होगी ना जो उन्होंने हां कह दी !”
अक्षत की बात सुनकर मीरा खामोश हो गयी उसका चाय पर भी ध्यान नहीं रहा बस अक्षत की आँखों में देखती रही चाय उफन कर जैसे ही गिरने वाली थी दोनों ने साथ साथ गैस बंद करने को हाथ बढ़ाया जिससे दोनों ही एक दूसरे को छूकर गुजरे ! दोनों बहुत करीब खड़े थे और फिर अक्षत ही पीछे हट गया !  मीरा ने चाय कप्स में डाली और बिना अक्षत की बात का जवाब दिए बाहर निकल गयी ! अक्षत को परेशान करके उसे बहुत अच्छा लग रहा था !! चाय पीकर सभी अपने अपने कमरों में चले गए ! मीरा ने बर्तन उठाये और किचन में रख दिए ! जैसे ही धोने लगी राधा ने कहा,”तुम जाओ मैं कर दूंगी !” मीरा चली गयी ! 
 जैसे ही वह सीढ़ियों पर आयी अक्षत ने उसका हाथ पकड़कर रोकते हुए कहा,” ए मीरा !”
“ए मीरा ?”,मीरा ने टोंड मारते हुए कहा ! 
“आई मीन मीरा जी , प्लीज बता दीजिये !”,अक्षत ने बड़े ही प्यार से कहा !
“आपको क्यों जानना है , आपको भी मोनालिसा से शादी करने में हमारी हेल्प चाहिए क्या ?”,मीरा ने मजाक करते हुए कहा !
मोनालिसा का नाम सुनते ही अक्षत ने मीरा का हाथ झटका और गुस्से से वहा से चला गया ! 

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