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कितनी मोहब्बत है – 33

Kitni mohabbat hai – 33

“कितनी मोहब्बत है”

By Sanjana Kirodiwal

Kitni mohabbat hai – 33

मीरा किसी की साजिश का शिकार हो चुकी थी ! जैसे ही वो बेहोश होकर निचे गिरी वहा खड़े शख्स ने अपनी जेब फोन निकाला और कहा,”काम हो गया !”
“ले आओ उसे !”,दूसरी तरफ से आवाज आई और फोन कट गया ! वहा खड़े आदमी ने मीरा की बांह पकड़ी और घसीटते हुए उसे ले जाने लगा कुछ ही दूर खड़ी गाड़ी में मीरा को डाला और पलक झपकते ही गाड़ी हवा से बाते करने लगी !! अर्जुन अपनी गाड़ी लेकर जैसे ही कॉलेज के सामने आया वहा कोई भी नहीं था , बस गेट पर चपरासी था अर्जुन ने उस से आकर पूछा तो उसने कहा,”पेपर तो कबका खत्म हो गया और सारे बच्चे भी चले गए”
“भैया नीले रंग का सूट पहने एक लड़की थी , उसे देखा आपने ?”,अर्जुन ने परेशान होते हुए कहा
“500 बच्चे है भैया किस किस का ध्यान रखेंगे !”,चपरासी ने कहा
“ओके थैंक्यू !”,बोलकर अर्जुन साइड में आया और इधर उधर देखने लगा शायद मीरा उसे कही दिख जाये पर मीरा वहा नहीं थी ! अंधेरा होने लगा था अर्जुन को अब मीरा की चिंता होने लगी थी ! अगर गाड़ी का टायर पंचर ना हुआ होता तो वह मीरा को अकेला छोड़कर वहा से नहीं गया होता !! अर्जुन को अपनी बेवकूफी पर गुस्सा आ रहा था ! वह मीरा को ढूंढते हुए सामने दुकान पर आया और दुकान वाले से पूछा तो उसने इशारा करके बताया,”अभी एक लड़की गाड़ी के बारे में पूछ रही थी , और फिर उस तरफ चली गयी !”
अर्जुन वापस आया और आकर गाड़ी में बैठा उसने इस उम्मीद से गाड़ी उस दिशा में बढ़ा दी की शायद मीरा मिल जाये ! चलते हुए वह एक किलोमीटर तक आ गया लेकिन मीरा कही दिखाई नहीं दी अब अर्जुन की चिंता और ज्यादा बढ़ चुकी थी उसने पापा को फोन किया और कहा,”हेलो पापा !
“हां अर्जुन क्या हुआ ? इतना घबराये हुए क्यों हो तुम ?
“पापा वो मीरा कही नहीं मिल रही है
“क्या मतलब ? वो तुम्हारे साथ ही गयी थी ना पेपर देने
“हां पापा , कॉलेज के अंदर गयी थी तब मैं वही था , उसके बाद जब पेपर ख़त्म होने हुआ तो मैंने देखा गाड़ी का तैयार पंचर है , मैं गाड़ी सही करवाकर आया देखा तो मीरा वहा नहीं थी ! मुझे बहुत डर लग रहा है पापा पता नहीं वो कहा होगी ? उसके पास फोन भी नहीं है
“ओह्ह अर्जुन ये तुमने क्या किया ? मीरा को इस तरह अकेला छोड़कर तुम्हे नहीं जाना चाहिए था ,, पता नहीं वो बच्ची किस हाल में होगी !
“आई ऍम सॉरी पापा (अर्जुन लगभग रोने ही वाला था)
“तुम घबराओ मत और तुरंत वहा पास के पुलिस स्टेशन पहुंचो और मुझे लोकेशन सेंड करो मैं अभी वहा पहुंचता हु !
“ठीक है पापा , जल्दी आईये !
“डोंट वरी हमारी मीरा को कुछ नहीं होगा , मैं पहुंचता हु वहा !

अर्जुन ने फोन काट दिया और गाड़ी आगे बढ़ा दी उसी इलाके के पुलिस स्टेशन पहुंचकर अर्जुन ने पापा को अपनी लोकेशन सेंड की और उनके आने का इंतजार करने लगा ! मन ही मन अर्जुन मीरा के ठीक होने की कामना कर रहा था !! उधर गाड़ी सड़क पर दौड़ते जा रही थी गाड़ी में बैठे आदमी ने पलटकर एक बार मीरा को देखा और वापस सामने देखते गाड़ी चलाने लगा ! गाड़ी एक पुराने गेराज जैसी जगह पर आकर रुकी आदमी ने गाड़ी का हॉर्न बजाया तो गेट खुला और गाड़ी गैराज के अंदर !! आदमी ने गाड़ी साइड में लगाई और गाड़ी से निचे उतरा उसने मीरा को निचे उतारा और सामने पड़ी बोरियो पर डाल दिया ! मीरा को होश नहीं था वह अभी भी बेहोश थी ! गेराज में बहुत अँधेरा था तभी एक तेज रौशनी आदमी के ऊपर गिरी और उसने अपना हाथ अपनी आँखों के आगे करते हुए कहा,”आपका काम मैंने कर दिया अब मेरी कीमत अदा करो ताकि मैं यहाँ से जाऊ”
सामने कुछ दूर खड़े उस शख्स ने एक नोटों की गड्डी आदमी की और उछाल दी ! आदमी मुस्कुराता हुआ वहा से निकल गया ! वह शक्श मीरा के पास आया और अपने हाथ से उसका मुंह पकड़कर देखा और फिर निचे पटक दिया !! कुछ देर बाद रौशनी बंद हुयी और वह वहा से चला गया !! दूसरी तरफ विजय अर्जुन की भेजी लोकेशन पर पहुंचे और दोनों मिलाकर इंस्पेकटर से मिले , अर्जुन ने सारी बाते इंस्पेक्टर को बता दी तो उन्होंने कहा,”देखिये हमे आपसे पूरी हमदर्दी है , लेकिन 24 घंटे से पहले हम उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं कर सकते आपको इंतजार करना होगा ! अभी आप घर जाईये और कुछ देर इंतजार कीजिये हो सकता है वो घर आ जाये , या फिर कही और चली गयी हो !”
“नहीं इंस्पेक्टर , मीरा ऐसे कही नहीं जाती है , ना ही बाहर उसके कोई दोस्त है जिनके पास वो जाये ! हमे बहुत डर लग रहा है इंपेक्टर आप कुछ कीजिये प्लीज़ ,, हमारी बच्ची जरूर किसी खतरे में है !”,विजय ने भावुक होकर कहा
“घबराईये मत हम यहाँ किसलिए है ? मैं पुरे इलाके में मेसेज कर देता हु आप लड़की की तस्वीर और अपना नंबर दे दीजिये , जैसे ही कुछ पता चलता है मैं आपको इन्फॉर्म कर दूंगा !”,इंस्पेक्टर ने कहा
अर्जुन ने उन्हें मीरा की तस्वीर दिखाई जिसका उन्होंने प्रिंट आउट निकाल लिया और अपना और विजय का नंबर देकर वहा से बाहर आ गए ! रात के 8 बज रहे थे अर्जुन को परेशान देखकर विजय ने कहा,”लाओ चाबी दो ! मेरी गाड़ी रघु ले आएगा तूम मेरे साथ चलो !”
अर्जुन ने चाबी विजय को दे दी ! विजय जी ने रघु का गाड़ी ले आने को कहा और खुद अर्जुन की गाड़ी से अर्जुन के साथ घर के लिए निकल गए ! घर पर राधा दरवाजे के पास यहाँ से वहा चक्कर लगा रही थी उसे परेशान देखकर दादी माँ ने कहा,”क्या बात है राधा ? इतना परेशान क्यों हो ?”
“माँ , अर्जुन और मीरा अभी तक घर नहीं लौटे है”,राधा ने कहा
“तो इसमें परेशान होने वाली कोनसी बात है , बच्चे रस्ते में कही रुक गए होंगे !”,दादी माँ ने कहा
“हां माँ लेकिन पता नहीं आज मेरा मन बहुत घबरा रहा है , मैं जरा देखकर आती हु वो लोग क्यों नहीं आये ?”,राधा ने जाते हुए कहा तो दादी ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और कहा,”राधा फोन कर लो ना अर्जुन को , रास्ते में ही कही होगा वो !”
राधा ने अर्जुन को फोन लगाया लेकिन फोन आउट ऑफ़ नेटवर्क आ रहा था ! तभी बाहर गाड़ी की आवाज सुनाई दी राधा दौड़कर बाहर आयी ! अर्जुन और विजय के साथ मीरा को ना देखकर राधा ने अर्जुन से पूछा,”मीरा कहा है ?”
अर्जुन कुछ बोलने की हालत में नहीं था तो विजय ने राधा को सारी बाते बता दी ! जैसे ही उसने मीरा के बारे में सूना उसका दिल बैठ गया और वह बड़बड़ाने लगी,”वही हुआ जिसका डर था , मैं जानती थी वो जरूर आएगा , उसी ने उसी ने मीरा को अपना शिकार बनाया है !”
राधा को डरा हुआ देखकर अर्जुन आगे आया और उन्हें गले लगाते हुए कहा,’मीरा को कुछ नहीं होगा माँ , हम लोग उसे ढूंढ लेंगे !!”
राधा रोने लगी और रोते हुए कहने लगी,”आखिर उस बच्ची ने किसी का क्या बिगाड़ा है , क्यों सब उसके दुश्मन बने बैठे है !”
राधा को रोते देखकर विजय ने उसे सम्हाला और अंदर ले आये अंदर आकर विजय ने दादू और दादी माँ को भी सब बताया अब सब मीरा के लिए परेशान हो रहे थे ! निधि ने सूना तो वह रो पड़ी वही मीरा को इस घर में लेकर आयी थी और उसके साथ ये हादसा हो गया ! दादी माँ ने निधि को अपने पास बुलाया तो वह दादी माँ की गोद में सर रखकर लेट गयी और रोने लगी ! दादी माँ ने उसे चुप करवाया तो निधि ने कहा,”दादी माँ चलो चलकर पूजा करते है , मीरा कहती है पूजा करने से सब ठीक हो जाता है , चलो ना दादी माँ !”
निधि को दुखी देखकर दादी ने कहा,”हां चलो !!” निधि और दादी मंदिर के सामने आकर पूजा करने लगी राधा परेशान सी अपने कमरे में चक्कर काटने लगी ये सब देखकर विजय उसके पास आये तो राधा गुस्से में बिफर पड़ी,”आखिर वो चाहता क्या है ? दूर क्यों नहीं चला जाता वो हम सबकी जिंदगी से ? मीरा ने उसका क्या बिगाड़ा है जो वो उसके साथ ये सब कर रहा है !”
“कौन ? किसने क्या किया है राधा ?”,विजय ने कहा
“कौन ? कोई नहीं , कोई नहीं , आप आप कब आये ? मीरा कहा है ? उसका पता चला कुछ !”,राधा ने कहा
“पुलिस ने कहा है वो मीरा को जल्दी ही ढूंढ लेंगे तुम बताओ तुम कुछ कह रही थी !”,विजय ने कहा
“नहीं कुछ नहीं , मीरा को कुछ नहीं होना चाहिए विजय !”,राधा की आँखे भर आयी तो विजय ने उसे पास बेड पर बैठाते हुए कहा,”उसे कुछ नहीं होगा , हम सब लोग है ना उसके साथ , तुम परेशान मत हो , मैं निधि को देखकर आता हु !!”
विजय कमरे से बाहर निकल गए !विजय निधि के पास आये वह दादी माँ की गोद में सर रखकर सिसक रही थी विजय ने प्यार से उसके सर पर हाथ रखा और कहा,”तुम्हारी मीरा को कुछ नहीं होगा बेटा , मैं उसे घर लाऊंगा !!”
“वो इस वक्त ठीक तो होगी ना पापा ?”,निधि ने उठते हुए नम आँखों के साथ कहा
विजय ने उसे अपने सीने से लगाकर कहा,”हमारी मीरा बहुत बहादुर है उसे कुछ नहीं होगा”
सभी उदास और दुखी थे और मीरा की सलामती की दुआ कर रहे थे !!

रात के 11 बज रहे थे पर किसी की आँखों में नींद नहीं थी ना ही किसी ने खाना खाया था ! उधर गैरेज में बेहोश पड़ी मीरा को जब होश आया तो अनजान जगह खुद को पाकर एक पल को वह भी घबरा गयी !! अँधेरा होने की वजह से उसे कुछ ठीक से दिखाई भी नहीं दे रहा था ! मीरा उठी और जोर से आवाज लगाई – कोई है ?
जवाब में सिर्फ उसकी आवाज ही बस गूंजकर लौट आयी ! मीरा ने सर पर आयी पसीने की बुँदे पोछी और एक बार फिर आवाज दी – कोई है यहाँ ?
तभी एक तेज रौशनी उसपर आकर गिरी उसने तेजी से अपना हाथ अपने आगे कर लिया सामने खड़ा शक्श उसे दिखाई नहीं दे रहा था बस दो पैर नजर आ रहे थे जो धीरे धीरे उसकी और बढ़ रहे थे ! मीरा अंदर ही अंदर घबरा रही थी लेकिन खुद को मजबूत रखने की पूरी कोशिश कर रही थी ! जैसे ही वह शख्स मीरा के पास आया मीरा ने उसे पीछे की और तेज धक्का मारा अँधेरे में लड़खड़ा कर वह दूर जा गिरा ! मीरा वहा से निकलकर जैसे ही भागने को हुई निचे पड़े सामान में उसका पांव फिसला और वह धड़ाम से निचे आ गिरी उसके हाथ में पहनी कांच की चूड़ी टूटकर उसकी कलाई में जा चुभी ! दर्द से वह कराह उठी ! उसने हिम्मत करके वह कांच खींचकर निकाला दर्द से उसने अपना निचला होंठ दांतो के निचे दबा लिया ! हिम्मत करके उसने जैसे ही उठने की कोशिश की पीछे से किसी ने उसका एक पांव मजबूती से पकड़ लिया ! मीरा के लिए ये पल मुस्किलो भरा था
उसने मन ही मन अपने ईश्वर को याद किया और दूसरे पांव से जोरदार लात दे मारी ! अँधेरे में भी निशाना सही जा लगा और मीरा ने तुरंत खुद को सम्हाला और वहा से दरवाजे की और भागी , दरवाजा बाहर से बंद था शायद मीरा वहा से निकलने का दुसरा रास्ता ढूंढने लगी ! निचे गिरा हुआ वो शख्स उठा और मीरा के पीछे आया लेकिन तब मीरा वहा से निकलकर बाहर जा चुकी थी !
शक्श बाहर आया तो बाहर बैठे लड़को ने उसके पास आकर कहा,”क्या हुआ ?”
“अबे ! भाग गयी वो , पकड़ो उसे !”,शख्स ने दर्द से कराहते हुए कहा और अपना सर पकड़कर वही बैठ गया !
लड़के वहा से मीरा को ढूंढने निकला पड़े ! मीरा अनजान रस्ते पर भागे जा रही थी ! तभी उसने देखा कुछ लड़के उसके पीछे आ रहे है उसने अपने भागने की स्पीड और तेज कर दी ! भागते हुए उसका दुपट्टा झाड़ियों में उलझ गया मीरा ने निकालने की कोशिश की लेकिन नहीं निकला तो उसने उसे वही छोड़ दिया !! मीरा वहा से भागने लड़की लड़के अभी भी उसके पीछे थे भागते भागते मीरा की सांसे उखड़ने लगी उसने देखा सामने कुछ ही दूर सड़क है जहा से गाड़िया गुजर रही है शायद कोई मदद मिल जाये सोचकर उस तरफ भागी लेकिन जैसे ही उसने पलटकर देखा सामने से आती गाड़ी उसे दिखाई नहीं दी और मीरा उस से टकराकर कुछ दूर जा गिरी ! मीरा को गिरा देखकर लड़के वहा से भाग गए ! गाड़ी रुकी गाड़ी में बैठा ड्राइवर घबरा गया तो पीछे बैठे आदमी ने नींद से जागकर कहा,”ड्राइवर क्या हुआ ? गाड़ी क्यों रोकी तुमने ?”
“सर वो गाड़ी के सामने एक लड़की,,,,,,!”,घबराहट में ड्राइवर कुछ बोल नहीं पाया !
“लड़की , गाड़ी साइड में लगाओ !”,आदमी ने कहा और गाड़ी से निचे उतरा ! आदमी मीरा के पास आया और उसे सम्हाला देखा उसकी सांसे अभी भी चल रही थी ! मीरा के सर से खून बह रहा है तो उसने जेब से रूमाल निकालकर उसके सर पर लगा दिया और ड्राइवर से कहा,”ड्राइवर यहाँ आओ और मेरी मदद करो !”
“सर रहने देते है ना खामखा केस हो जाएगा , एक्सीडेंट का मामला है बेवजह फस जायेंगे”,ड्राइवर ने अपनी गलती छुपाते हुए कहा
“कैसे इंसान हो तुम ? इंसानियत है की नहीं तुम में ,, ये ज़िंदा है इसे यहाँ छोड़ा तो मर भी सकती है ! उठाओ इसे और अभी हॉस्पिटल चलो !”,आदमी ने ड्राइवर को फटकार लगाते हुए कहा !
दोनों ने मीरा को उठाकर गाड़ी की पिछली सीट पर लेटाया , आदमी आगे आ बैठा और ड्राइवर को तुरंत हॉस्पिटल चलने को कहा !
गाड़ी तेजी से सड़क पर दौड़ने लगी ! ड्राइवर ने पलटकर मीरा को देखा और कहा,”सर आपसे एक बात पूछ सकता हु ?”
“हम्म्म !”,आदमी ने सोचते हुए कहा
“आपने इस लड़की को क्यों बचाया सर ? आप तो इसे जानते भी नहीं है”,ड्राइवर ने कहा
“जानता तो नहीं हु पर इसे देखकर लगा जैसे कोई रिश्ता है इस से मेरा , इस लड़की ने एक बार मेरी मदद भी की थी शायद उसी का कर्ज चुकाने के लिए आज ये हमे मिली है !”,आदमी ने कहा
इसके बाद दोनों के बिच कोई बात चित नहीं हुई ! गाड़ी आकर हॉस्पिटल के सामने रुकी , आदमी ने जल्दी से मीरा को गोद में उठाया और अंदर चले आये उन्होंने स्टाफ को आवाज लगायी ! हॉस्पिटल का स्टाफ दौड़ा आया और मीरा को स्ट्रेक्चर पर लिटाकर एमेर्जेंसी वार्ड में ले गए ! ड्राइवर बाहर गाड़ी के पास ही था ! उसे डरा हुआ देखकर आदमी ने ही उसे बाहर रुकने को कहा था !! आदमी अभी कॉरिडोर में खड़ा था की तभी लड़के ने आकर कहा,”आप पेशेंट के साथ है !
“जी !”,आदमी ने कहा
“रिशेप्शन पर आइए , आपसे कुछ जानकारी चाहिए !”, लड़के ने कहा और चला गया आदमी उसके पीछे पीछे चला आया !
लड़के ने एक फाइल निकाली और कहा,”पेशेंट का नाम ?”
“उसका नाम मुझे नहीं पता , दरअसल वो मेरी गाड़ी से एक्सीडेंट हुयी है”,आदमी ने कहा
“ये जानते हुए भी की आप पर पुलिस केस बनता है , आप यहाँ चले आये !”,लड़के ने टेढ़ी नजर से आदमी को घूरते हुए कहा
“देखिये इस वक्त उसका बचना बहुत जरुरी है , आप प्लीज़ ये सब बाते बाद में कीजिये !”,आदमी ने सख्त होकर कहा तो लड़के ने घूरना बंद कर दिया और कहा,”ठीक है लेकिन कुछ तो डिटेल्स चाहिए ना पेशेंट के बारे में !”
“आप पूछिए मैं बताता हु !”,आदमी ने कहा !
“फादर्स नेम ?”,लड़के ने फाइल में पेशेंट के नाम को खाली छोड़ते हुए कहा !
“अमर प्रताप सिंह”,आदमी ने कहा
“एड्रेस ?”,लड़के ने आगे पूछा
“राजपुताना पैलेस , NH-17 रोड , अजमेर , राजस्थान !”,आदमी ने कहा
“कॉन्टेक्ट नंबर ?”,लड़के ने इस बार थोड़ा नरमी से कहा
“96490*“,आदमी ने कहा
लड़के ने कुछ डिटेल्स खुद से भरी और कहा,”सर केयर ऑफ में क्या लिखू ?”
“वो हमारी बेटी की उम्र की है , फादर लिख दीजिये !”,आदमी ने कहा !
लड़के ने सारी जानकारी भरने के बाद कहा,”सर आप यहाँ साइन कर दीजिये !! अमर ने फाइल पर साइन करके फाइल वापस लड़के को लौटा दी !! लड़के ने फाइल साइड में रखते हुए कहा,”सर जैसा की ये एक एक्सीडेंट केस है तो हमे पुलिस को इन्फॉर्म करना होगा , आई हॉप आपको इस से कोई ऐतराज नहीं होगा !”
“आप बेशक अपना काम कीजिये”,अमर ने कहा और जाकर सामने पड़ी बेंच पर बैठ गया !

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