Kitni mohabbat hai – 52 Kitni mohabbat hai – 52 अक्षत और मीरा मंदिर के प्रांगण में भगवान के सामने हाथ जोड़े खड़े थे ! मीरा मन ही मन भगवान से कहने लगी,”हे भोलेनाथ , हमे अपने लिए कुछ नहीं चाहिए...
Kitni mohabbat hai – 51 Kitni mohabbat hai – 51 अक्षत की बांहो में सिमटी मीरा सब भूलकर बस उस पल को महसूस कर रही थी ! कितना सुकून और कितना महफूज महसूस कर रही थी वह खुद को अक्षत की...
Kitni mohabbat hai – 44 Kitni mohabbat hai – 44 सुबह जब मीरा उठी तो खुद को अक्षत में कमरे में पाकर हैरानी में पड़ गयी ! वह उठकर बैठ गयी उसका सर दर्द से फटा जा रहा था उसे कुछ...
Kitni mohabbat hai – 43 Kitni mohabbat hai – 43 अक्षत और मीरा ख़ामोशी से अपने अपने प्यार का इजहार कर चुके थे ! लेकिन मुंह से बोलना अभी बाकि था , अक्षत चाहता था मीरा कहे और मीरा चाहती थी...
Kitni mohabbat hai – 42 Kitni mohabbat hai – 42 मीरा अक्षत का हाथ थामे उसके सामने घुटनो पर बैठी थी और आँसुओ से भरी आँखों से उसे देखे जा रही थी ! अक्षत ने देखा तो उसके आंसू पोछते हुए...