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कितनी मोहब्बत है – 52

Kitni mohabbat hai – 52

“कितनी मोहब्बत है”

By Sanjana Kirodiwal

Kitni mohabbat hai – 52

अक्षत और मीरा मंदिर के प्रांगण में भगवान के सामने हाथ जोड़े खड़े थे ! मीरा मन ही मन भगवान से कहने लगी,”हे भोलेनाथ , हमे अपने लिए कुछ नहीं चाहिए बस अक्षत जी के जो जो सपने है वो सब पुरे हो जाये !”
पास खड़ा अक्षत आँखे मूंदे मन ही मन कह रहा था,”ये जो लड़की आपके सामने खड़ी है ना ये सच में पागल है ! पर मैं इस पागल से बहुत प्यार करता हु , इसलिए इसे हमेशा मेरे पास रखना बाकि सारी खुशिया मैं इसे दे दूंगा !!”
दोनों ने अपनी आँखे खोली और पंडित जी से प्रसाद लेकर मंदिर के बाहर चले आये जहा जीजू और अर्जुन खड़ा था , उनके पास नीता भी चली आयी सभी बाते कर रहे थे ! कुछ देर बाद निधि ने सबको निचे पानी के पास चलने को कहा ! सभी निचे चले आये नदी के किनारे जहा से नर्मदा नदी का साफ ठंडा पानी बह रहा था ! सभी वहा अपने अपने फोन में तस्वीरें ले रहे थे ! मीरा को वो जगह काफी पसंद आ रही थी ! वहा का वातावरण काफी शांत और लुभावना था मीरा तो जैसे उनमे खोकर रह गयी ! अक्षत ने देखा तो अपने फोन में चुपके से वो तस्वीर ले ली ! दोपहर होने को आयी सभी वहा घूमते हुए मंदिरो के दर्शन करते रहे नीता भी बहुत खुश थी ! सबने दोपहर का खाना वही खाया और शाम होने से पहले घर के लिए निकल आये ! इस बार बाइक से अर्जुन और नीता पहले ही निकल गए ! विजय , राधा , दादू और दादी माँ एक गाड़ी से निकल गए , अक्षत दूसरी गाड़ी में जीजू , निधि , तनु काव्या ओर मीरा के साथ चल पड़ा ! जीजू अक्षत की बगल में बैठे थे और बाकि सब पीछे ! अक्षत चाहता था मीरा उसकी बगल में बैठे लेकिन जीजू मीरा से पहले ही आकर बैठ गए ! अक्षत उनकी और देखता तो जीजू मुस्कुरा देते , अक्षत ने धीरे से उनके कान में कहा,”कबाब में हड्डी बनना जरुरी था क्या ? पीछे नहीं बैठ सकते थे दी के पास !”
“हां तो क्या हो गया ?”,जीजू ने सबको सुनाकर कहा तो पीछे से तनु ने कहा,”क्या हुआ ?”
“अरे ये अक्षत कबाब की बात कर रहा है !”,जीजू ने कहा
“छी ! आशु अभी अभी मंदिर से आये है और तू ये सब बात कर रहा है !”,तनु ने अक्षत को डांट दिया ! अक्षत ने जीजू को घुरा तो जीजू ने बात बदलते हुए तनु से कहा,”अच्छा तनु घर कब चलना है , या यही रहने का इरादा है !”
“आप जब कहे तब चलेंगे !”,तनु ने कहा
“मैं सोच रहा हु आज शाम को ही निकल जाते है सुबह तक दिल्ली पहुँच जायेंगे !”,जीजू ने कहा
“आज शाम ही क्यों ? कुछ दिन और रुक जाईये ना जीजाजी !”,पीछे बैठी मीरा ने कहा
“अरे मीरा इतने दिन से यही है , घर ऑफिस भी तो देखना है फिर ,, जल्दी वापस आएंगे तुम सब लोगो से मिलने !”,जीजू ने कहा
“हां लेकिन आज शाम ही क्यों कल सुबह निकल जाना आराम से , रात में ठण्ड भी होती है परेशान होंगे आप और दी !”,अक्षत ने कहा
“अरे वाह साले साहब बड़ी चिंता हो रही है आपको मेरी !”,जीजू ने कहा
“मुझे आपकी नहीं दी और काव्या की चिंता हो रही है ! कल सुबह चले जाना आप !”,अक्षत ने हक़ से कहा
“हां ये सही है , काव्या की तबियत भी थोड़ी खराब है और पैकिंग भी नहीं की है , कल सुबह ही निकलते है सोमित !”,तनु ने कहा
“हम्म्म्म ठीक है जैसा तुम्हे ठीक लगे !”,सोमित ने कहा और फिर म्यूजिक सिस्टम ऑन करते हुए कहा,”क्या बोरियत मचा रखी है साले साहब ?”
गाना बजने लगा,”सांवरे सांवरे सांवरे ,
तेरे बिन सुनी सुनी है अंखिया
तेरे बिन तन्हा तन्हा है सदिया
सूना सुना जहाँ लागे रे !
सांवरे सांवरे सांवरे ,,,
“मानना पड़ेगा यार तुम्हारी पसंद बहुत गजब है , ये गाना तो सीधा रूह में उतरने वाला है !”,जीजू ने अक्षत की तारीफ करते हुए कहा
“मेरी पसंद की पसंद है ये !”,कहते हुए अक्षत ने गाड़ी के अंदर लगे मिरर में देखा जिसमे मीरा की नजरे साफ नजर आ रही थी और वो भी उस मिरर में अक्षत को देख रही थी ! जीजू समझ गए तो उन्होंने पीछे मुड़कर मीरा से कहा,”चॉइस अच्छी है तुम्हारी मीरा !”
जीजू की बात सुनकर मीरा मुस्कुरा दी तो जीजू ने निधि से कहा,”अच्छा निधि तुम्हारा क्या ख्याल है ?”
“किस बारे में जीजू ?”,निधि ने अपने फोन में ध्यान लगाए हुए कहा !
“लव मैरिज या फिर अरेंज ?”,जीजू ने उसके हाथ से फोन लेकर कहा !
निधि थोड़ा घबरा गयी तो जीजू ने कहा,”यहाँ हम लोग सब मौजूद है और तुम फोन में लगी हो , गलत बात है बेटा अब बताओ अरेंज मैरिज या लव ?”
“अनजान नमूने से तो अच्छा है जाना पहचाना कमीना मिल जाये !”,निधि ने पहेलियाँ बुझाते हुए कहा
“मतलब ?”,जीजू ने कहा
“अरे मतलब लव मैरिज बेस्ट है ! शादी मेंरी है तो लड़का भी मेरी पसंद का होना चाहिए ना !”,निधि ने कहा तो सब हंस पड़े !
“तुम चिंता मत करो तुम्हारी लव मैरिज ही होगी !”,जीजू ने कहा
“कैसे ?”,निधि ने चौंककर कहा
“अरे भई , लव मैरिज का ट्रेंड चला हुआ है अपने घर में पहले अर्जुन और अब लग रहा है छोटे साले साहब की भी हो जानी चाहिए !”,जीजू ने अक्षत की और देखकर कहा तो पीछे बैठी मीरा मुस्कुराने लगी ! अक्षत भी हाजिर जवाब ठहरा तो बोल उठा,”क्यों मैं आपको खुश अच्छा नहीं लगता जो मेरी शादी के पीछे पड़े हो आप ?
जीजू मीरा की और पलटे और कहा,”तुम बताओ मीरा , कब करोगी शादी ?”
जीजू का सवाल सुनकर मीरा ने कहा,”हम , हम क्या बताये ? अभी तो हमारी कॉलेज की पढाई पूरी हुई है इतनी जल्दी शादी !”
“हे भगवान , तुम दोनों ने एक दूसरे को कहा है भी के नहीं जो तुम्हारे मन में है , देखो हम लोगो के सामने फॉर्मल होने की जरूरत नहीं है”,जीजू ने कहा
“जीजू क्यों ना इनका एक परपोजल करवा देते है , मुझे भी देखना अक्षत भाई कैसे लगते है लड़की को प्रपोज करते हुए ! प्लीज़ प्लीज़”,निधि ने चहकते हुए कहा !
“निधि ग्रेट आइडिया , साले साहब गाड़ी रोको !”,जीजू ने अक्षत से कहा
“पागल हो गए है क्या आप लोग ? प्यार है तो है सबके सामने जताना जरुरी है क्या ?”,अक्षत ने कहा
“भाई प्लीज ना , प्लीज़ हम सबको देखना है वो मोमेंट !”,निधि ने बच्चो की तरह कहा !
“जीजू समझाओ ना इसे , अच्छा थोड़े लगता है ऐसे सबके सामने वो भी बिच सड़क पर !”,अक्षत ने कहा
मीरा बेचारी खामोश ऐसी सिचुएशन में क्या कहे ? , थोड़ा आगे चलकर एक बहुत ही खूबसूरत जगह आयी तो जीजू ने अक्षत को बोलकर गाड़ी रुकवा दी ! सभी निचे उतरे , जीजू ने अक्षत से कहा,”साले साहब शुरू हो जाओ”
“ये सब करना जरुरी है क्या ?”,अक्षत ने कहा
“बिल्कुल जरुरी है , यार प्यार करते हो तो उसे फील करना भी जरुरी है , अब ज्यादा भाव मत खाओ ,, देखो कितना अच्छा वक्त है और मौसम भी ,, कर दो मीरा को प्रपोज !”,जीजू ने कहा
अक्षत ने मीरा का हाथ पकड़ा ओर उसे लेकर उनके सामने कुछ दूर खड़ा हो गया ! मीरा का दिल बहुत तेजी से धड़क रहा था अक्षत ने उसके दोनों हाथो को अपने हाथो में थामा , आज पहली बार उसके हाँथ थोड़ा काँप रहे थे उसने मीरा की आँखों में देखा और बोलना शुरू किया,”मुझे बाकि लोगो की तरह बाते बनाकर कहना नहीं आता , ना ही मैं इन सब में विश्वास रखता हु मैं बस इतना जानता हु की अगर तुम मेरे साथ हो तो मैं दुनिया का सबसे मजबूत इंसान हु !! मैं सब कुछ देख सकता हु पर तुम्हारी इन आँखों में आंसू नहीं देख सकता जिनमे मेरा चेहरा बसता है , मैंने आज तक किसी लड़की को ऐसे प्रपोज नहीं किया है और आँखों में देखकर तो बिल्कुल भी नहीं पर जब मैं तुम्हारी आँखों में देखता हु तो सब भूल जाता हु ,, मीरा क्या तुम जिंदगी भर ऐसे ही मेरे साथ रहोगी ?”
मीरा बस अक्षत की बाते सुनकर मुस्कुराये जा रही थी क्योकि आज से पहले उसने अक्षत को इतना रोमांटिक बात करते हुए नहीं सूना था ! वह प्यार से अक्षत के चेहरे की और देखती रही ! अक्षत ने मीरा का के हाथो को छोड़ा और अपने हाथ की आखरी ऊँगली से रिंग निकालकर मीरा की ऊँगली में पहनाते हुए कहा,”और ये इस बात का सबूत है की तुम सिर्फ मेरी हो !”
मीरा मुस्कुरा उठी अब लग रहा था वो उसे पुराना अक्षत जो हमेशा उस पर ऐसे ही हक़ जताया करता था ! जीजू और निधि तो वही हूटिंग करने लगे ! मीरा ने हां में गर्दन हिलायी तो अक्षत ने आगे बढ़कर मीरा को गले लगाया और फिर जीजू की और बढ़कर कहा,”अब ठीक है !”
“आह्ह अब जाके मिली मेरे कलेजे को ठंडक !”,जीजू ने अक्षत को गले लगाया और फिर धीरे से उसके कान में कहा,”बहुत प्यारी बच्ची है वो कभी उसका दिल मत दुखाना , और तुम दोनों के प्यार को किसी की नजर ना लगे !”
अक्षत जीजू से दूर हुआ तो निधि ने कहा,”भाई आप इतने रोमांटिक इंसान हो पहली बार देखा है मैंने वरना मैं तो अब तक आपको सडु ही समझ रही थी !”
“ए सडु बुलाने का हक़ सिर्फ उसे है !”,अक्षत ने निधि का कान खींचते हुए कहा
“अच्छा बाबा सॉरी !”, निधि ने कहा तो अक्षत ने मुस्कुराते हुए उसका कान छोड़ा और उसे साइड हग करते हुए कहा,”वैसे थैंक्यू अपनी दोस्त को हमारे घर लाने के लिए !”
मीरा अब भी वही खड़ी थी तो तनु उसके पास आयी और प्यार कहा,”क्या हुआ मीरा ?”
मीरा की आँखों में आंसू झलक आये तो तनु ने कहा,”ये क्या ? ख़ुशी के मौके पर आंसू , क्या हुआ ?”
मीरा ने आँखों के किनारे पोछते हुए कहा,”आज से पहले किसी से इतना प्यार नही मिला , उन्हें इतना खुश देखकर डर लगता है किसी की नजर ना लग जाये”
“धत पगली , तुम दोनों एक दूसरे की ताकत हो , तुम्हारे प्यार को किसी की नजर नहीं लगेगी !”,तनु ने कहा
तनु मीरा को लेकर गाड़ी के पास चली आयी !!
मीरा को देखकर जीजू ने कहा,”क्यों मीरा प्यार है ?”
शरमा कर मीरा तनु के पीछे छुप गयी तो अक्षत ने कहा,”अब उसे छेड़ना बंद करो आप !”
“अच्छा अभी से पजेसिव , क्या बात है अक्षत बाबू ?”,जीजू ने अक्षत को ताना मारते हुए कहा
अक्षत ने देखा कुछ ही दूर सामने चाय की दुकान है तो उसने बात बदलने के लिए तनु से कहा,”दी चाय पिओगे आप लोग ?”
“हां आशु चाय तो तू पीला ही दे वैसे भी आज ठण्ड कुछ ज्यादा ही है !”,तनु ने कहा !
अक्षत दुकान की और गया , सबके लिए चाय आर्डर की और काव्या के लिए एक चिप्स का बड़ा पैकेट लेकर चला आया ! अक्षत ने पैकेट खोलकर गाड़ी के बोनट पर बैठी काव्या को दिया तो उसने सबसे पहले मीरा को खिलाया ! अक्षत ने देखा तो कहा,”अच्छा बेटा चिप्स मैं लाया खिला पहले मीरा को रही हो , मुझे कौन खिलायेगा ?” काव्या ने पहले मीरा को देखा और फिर अक्षत से कहा,”भगवान ने दो दो हाथ दिए तो है खुद से खा लो !”
काव्या की बात सुनकर अक्षत हैरान था और बाकि सब हस पड़े तो अक्षत ने कहा,”अच्छा तो फिर इसे क्यों खिलाया ?”
“क्योकि मीरु मेरी दीदी है , और मैं इनसे बहुत प्यार करती हु !”,काव्या ने मीरा को गले लगते हुए कहा
“दीदी नहीं मामीजी कहो !”,अक्षत ने काव्या के हाथ पकडे पैकेट से चिप्स निकालकर खाते हुए कहा !
“दीदी मामी कैसे बनी ?”,काव्या ने मासूमियत से कहा
“काव्या ये तुम्हारे अकड़ू मामा को इतनी पसंद आ गयी की उन्होंने इनको तुम्हारी मामी बनाने का फैसला कर लिया !”,तनु ने कहा
“तो क्या मीरु भी ससुराल चली जाएगी ?”,काव्या ने कहा
“ये पहली दुल्हन है जो शादी के बाद ससुराल से वापस ससुराल ही जाएगी !”,जीजू ने कहा तो सारे हंस पड़े ! लड़का चाय ले आया अक्षत ने सबको चाय दी और खुद भी अपनी चाय लेकर गाड़ी से पीठ लगाकर खड़ा हो गया !
निधि और तनु आपस में ही कुछ बात करने में बिजी थे ! जीजू भी अक्षत की साइड कुछ दूर खड़े थे , अक्षत ने देखा मीरा सामने खड़ी है तो उसने उसे अपनी बगल में आकर खड़े होने को कहा , मीरा आकर उसकी बगल में खड़ी चाय पिने लगी अक्षत ने जैसे ही मीरा का हाथ पकड़ना चाहा पास खड़ी तनु ने पूछा,”आशु यहाँ से घर कितनी देर में पहुंचेंगे ?”
“बस दी एक घंटे में पहुँच जायेंगे ! क्यों कोई काम था ?”,अक्षत ने कहा
“हां वो मुझे मेडिकल से काव्या के लिए कुछ दवाईया लेनी थी इसे खांसी भी है , नाक भी बह रही है !”,तनु ने कहा !
“ठीक है दी !”,अक्षत ने कहा उसका ध्यान अभी भी तनु की तरफ था लेकिन दूसरा हाथ उसने मीरा के हाथ की और बढ़ा दिया ! पर जैसे ही उसने मीरा का हाथ पकड़ा उसे उसका हाथ कुछ भारी लगा अक्षत ने पलटकर देखा तो जीजू उसकी बगल में खड़े थे उन्हें देखकर अक्षत ने तुरंत उनका हाथ छोड़ दिया तो जीजू ने उसे छेड़ते हुए कहा,”क्या हुआ पकड़ो पकड़ो ?”
बेचारा अक्षत जीजू हर बार उसका पोपट बना देते अक्षत वहा से हटकर ड्राइवर वाली साइड आया ! मीरा वही खड़ी थी उसने अक्षत के हाथ से उसका चाय का कप लिया और अपना कप उसे थमा दिया , अक्षत ने देखा तो कहा,”ऐसा क्यों किया ?”
“आपसे ही सीखा है , जूठा पिने से प्यार बढ़ता है ,, बस वही कर रहे है !”,मीरा ने कहा तो अक्षत मुस्कुराने लगा !! चाय पिने के बाद सभी वापस गाड़ी में बैठे और घर को निकल गए ! अक्षत बहुत खुश था जिस से वह प्यार करता था वह उसके साथ थी और उसका परिवार भी ! वैसे वो इंसान खुशनसीब होता भी है जिसके प्यार को उस से ज्यादा उसके घरवाले पसंद करते हो ! शाम 5 बजे सभी वापस इंदौर पहुंचे अक्षत ने काव्या के लिए दवाई खरीदी और फिर सबको लेकर घर आ गया ! विजय और बाकि सब उनसे पहले ही पहुँच चुके थे !
सभी हॉल में जमा थे और खुश थे ! नीता सबके लिए चाय बनाने जाने लगी तो मीरा ने उसे बैठाते हुए कहा,”हम बना लाते है , आपके आने के बाद हमे तो कोई काम ही नहीं मिलता करने को !”
मीरा की बात सुनकर नीता मुस्कुरा दी और कहा,”अच्छा ठीक है , वैसे मैंने बड़ी तारीफ सुनी तुम्हारे हाथो से बनी चाय की !”
मीरा चाय बनाने किचन की और चली गयी विजय ॐकारेश्वर के बारे में सोमित जीजू को बता रहे थे , वहा की मान्यता के बारे में बता रहे थे ! तनु नीता से निधि से बाते करने में बिजी थी , अक्षत ने देखा सभी कही ना कही लगे है तो वह उठकर जाने लगा जैसे ही दो कदम बढ़ाये अर्जुन ने कहा,”आशु तू कहा जा रहा ?
अक्षत ने मुंह बना लिया और पलटकर कहा,”प्यास लगी थी पानी लेने जा रहा हु !”
“ये रखा पानी !”,अर्जुन ने पास पड़ी बोतल की और इशारा करके कहा तो नीता बोल पड़ी”,देवर जी हमे एक गरम पानी चाहिए , ला देंगे प्लीज !”
“हां हां भाभी मैं ले आता हु !”,कहते हुए अक्षत चला गया भाभी पर उसे बड़ा प्यार आ रहा था कैसे वो उसकी हर बात समझ लेती है ! अक्षत के जाने के बाद अर्जुन ने धीरे से नीता से कहा,”झूठ बोला ना तुमने ?”
“तुम भी ना , घर में सबके सामने वह मीरा से बात नहीं कर पाते , मुश्किल से दोनों साथ होते है और तुम उन्हें टोक देते हो !”,नीता ने कहा
“अच्छा देवर भाभी में अच्छी बॉन्डिंग बन रही है हां !”,अर्जुन ने छेड़ा नीता कुछ कहती इस से पहले राधा ने बुला लिया ! उधर अक्षत किचन में आया मीरा चाय बनाने में बिजी थी तो अक्षत ने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी और करके कहा,”मेरी नजरो से दूर मत जाया करो मुझे अच्छा नही लगता”
“तो आप क्या चाहते है ?”,मीरा ने उतने ही प्यार से कहा
“हमेशा मेरी नजरो के सामने रहा करो ना”,अक्षत ने मीरा की आँखों में देखते हुए कहा !
मीरा ने देखा चाय उफन कर निचे गिरने वाली है तो वह उस और आयी और चाय सम्हालने लगी अक्षत उसके सामने प्लेटफॉर्म से पीठ लगाकर खड़ा हो गया और उसे देखता रहा , उसका इस तरह देखना अक्सर मीरा की धड़कने बढ़ा देता था उसने नजरे चुराते हुए कहा,”ऐसे मत देखिये ! और आप यहाँ क्या कर रहे है किसी ने देखा तो क्या सोचेगा ?”
“कुछ भी नहीं !”,अक्षत ने वैसे ही मीरा को देखते हुए कहा
“आप बाहर जाईये !”,मीरा ने कहा
“नहीं !”,अक्षत ने कहा
“जाईये ना !”,मीरा ने कहा
“नहीं जा रहा क्या कर लोगी ?”,अक्षत ने थोड़ा तनते हुए कहा
“ठीक है फिर हम ही चले जाते है !”,कहते हुए मीरा जैसे ही जाने लगी अक्षत ने उसका हाथ पकड़कर फिर से अपनी और कर लिया ! अक्षत को अपनी और देखते पाकर मीरा ने कहा,”अब क्या है ?” अक्षत ने ना में गर्दन हिला दी और मीरा को छोड़ दिया ! मीरा ने चाय कपो में छानी और लेकर बाहर आ गयी ! उसके पीछे पीछे ही अक्षत चला आया ! मीरा ने सबको चाय दी , खुद ने नहीं ली !! सभी चाय पीते हुए बाते कर रहे थे बातो बातो में जीजू ने जाने की बात कही तो राधा थोड़ी उदास हो गयी और कहा,”कुछ दिन और रुक जाते !”
“मौसीजी , जाना होगा ऑफिस भी रह गया !”,सोमित ने कहा
“दामाद जी ठीक है मैं आपको ज्यादा नहीं बोलूंगा पर जल्दी ही सबसे मिलने वापस आएंगे आप लोग !”,विजय ने कहा
“जी मौसाजी जरूर !”,सोमित जीजू ने कहा !
शाम हो चुकी थी , अन्धेरा होने लगा था दादी माँ अपने पूजा पाठ में लग गयी और राधा नीता किचन में ! विजय और सोमित जीजू बैठकर बाते कर रहे थे ! मीरा काव्या के साथ अपने कमरे में थी और उसे सुला रही थी ! अक्षत अपने कमरे में वह बार बार अपने दरवाजे पर आता मीरा के कमरे की और देखता और वापस चला जाता , अब तो मीरा के बिना एक पल भी उसे मुश्किल लग रहा था !! उसने अपना फोन उठाया और मीरा को एक मैसेज भेज दिया,”दरवाजे पर आओ !”
मीरा का फोन बजा उसने देखा अक्षत का मेसेज है तो थोड़ा हैरान भी हुई क्योकि दोनों आमने सामने ही रहते है लेकिन फिर भी अक्षत उसे मेसेज कर रहा था , मीरा ने कोई जवाब नहीं दिया तो अक्षत ने फिर मेसेज किया,”आओ ना प्लीज !”
मीरा उठी काव्या को कम्बल ओढ़ाया और दरवाजे पर आयी अक्षत के कमरे की और देखा वो गेट पर ही खड़ा था ! मीरा ने आँखे उचकाई ! अक्षत ने ना में गर्दन हिला दी और उसे देखता रहा ,, मीरा ने वापस जाने का इशारा किया अक्षत ने ना में गर्दन हिला दी और वही रुकने का इशारा किया , मीरा ने दोनों हाथो से ‘क्या है ?’का इशारा किया , अक्षत ने अपने हाथो को जोड़कर एक हार्ट बनाया और मीरा के आगे कर दिया ! मीरा ने अपनी ऊँगली दिमाग के पास घुमाकर अक्षत को ‘पागल हो गए हो’ का इशारा किया तो अक्षत मुस्कुराया और मीरा को ऊँगली से पॉइंट करके फिर से हार्ट बनाकर जताया ‘तुम्हारे प्यार में’ मीरा मुस्कुरा दी , मुस्कुरा क्या दी बल्कि हसने लगी इधर अक्षत भी हसने लगा था !! मीरा को वो हँसता हुआ बड़ा पसंद था !! मीरा उसे देखती रही तो अक्षत ने हाथो से ‘क्या हुआ’ का इशारा किया , मीरा ने ना में गर्दन हिला दी पर अक्षत कहा रुकने वाला था ,, उसने अपने दोनों हाथो से कुछ बांधने की एक्टिंग की , हथेली से कुछ उठाकर हवा में लगाने का इशारा और फिर मीरा की और देखकर गर्दन उचकाकर हां का इशारा किया तो मीरा ने शर्म से पलके झुका ली , अगले पल वापस उठाकर अक्षत को देखा और मुस्कुरा दी ! अक्षत ने अपना हाथ पेट पर रखा और दूसरा कमर पर रखकर मुंह बनाकर एक दो कदम चला तो मीरा ने अपना सर पिट लिया !! सबसे खूबसूरत बात उस वक्त ये थी की दोनों चुप थे बस इशारो से अपनी बाते समझा रहे थे ! अक्षत चाहता तो पास जा सकता था लेकिन वह बस दूर से ही मीरा को मुस्कुराते हुए देखना चाहता था ! मीरा ने सर पीटा तो अक्षत ने अपने हाथो की गोद बनाकर झुलाया और फिर गाल पर ऊँगली रखकर सोचने लगा और मीरा की और देखकर इशारा किया ‘इसका नाम क्या रखे ?”
मीरा ने सोचा और फिर पहले ऊँगली अक्षत की और की और फिर अपनी और करके आखिर में दोनों हाथो को जोड़कर दिल बनाया ! अक्षत मुस्कुराया और जैसे ही उछला उसकी नजर सीढ़ियों से ऊपर आते विजय की और गयी और वह तुरंत अपने कमरे में भाग गया ! मीरा भी अंदर चली गयी लेकिन अंदर आकर वह अक्षत के बचपने पर जोर जोर से हसने लगी उसकी हंसी से काव्या जग गई और उठकर बिस्तर पर बैठकर कहा,”क्या हुआ मीरु हंस क्यों रही हो ?”
मीरा को याद आया काव्या सो रही थी उसने अपनी हंसी रोकी और काव्या को वापस सुलाते हुए कहा,”कुछ भी काव्या !”
थोड़ी देर थपथपाने के बाद काव्या वापस सो गयी ! मीरा ने उसे अच्छे से ओढ़ाया और निचे चली आयी , अक्षत नहीं आया था वो सो रहा था शायद मीरा को खाना खाते हुए अक्षत की नौटंकी याद आ गयी तो वहा भी हसने लगी !
मीरा को यु अचानक हँसता देखकर सभी हैरान थे मीरा ने देखा सब उसे ही देख रहे है तो उसने सबसे सॉरी कहा और खाना खाने लगी ! खाने के बाद जीजू और तनु के साथ नीता , अर्जुन और मीरा भी उनके कमरे में चले आये ! तनु और जीजू पैकिंग कर रहे थे , नीता तनु की हेल्प करने लगी अर्जुन वही बैठा अपने फोन में लगा हुआ था , मीरा जीजू की हेल्प कर रही थी ! कुछ देर बाद घूमते घामते अक्षत कमरे में आया और आकर बेड पर लेटते हुए कहा,”दी सच में रहे हो ?”
“हां बेटाजी अब जाना ही पडेगा वरना तेरा जीजा ताने मारते रहेंगे की ‘ससुराल में कोई इतने दिन रहता है क्या ?”,तनु ने कहा
“मैं कोई ताने नहीं मार रहा हु !”,जीजू ने कहा
“तू खाना खाने क्यों नहीं आया ?”,अर्जुन ने कहा
“सो गया था !”,अक्षत ने कहा
“पता नहीं कब बड़ा होगा ये लड़का , ना समय से खाता है ना समय से सोता है तभी ये हाल बना हुआ है ?”,तनु ने कहा तो अक्षत उठकर बैठ गया और कहा,”दी इसे पर्सनालिटी कहते है !”
“हां देखी तेरी पर्सनालिटी , अब जाकर खाना खाले ! तेरे पसंद की सब्जी है !”,अर्जुन ने कहा
“अकेले कैसे खाऊ ?”, अर्जुन ने कहा
“आप यही बैठो मैं ले आती हु !”,नीता ने उठते हुए कहा तो अक्षत ने कहा,”भाभी आप बैठो ना मीरा ले आएगी !”
“हम ले आते है”,मीरा उठकर अक्षत के लिए खाना लेने चली गयी , अक्षत के लिए खाना लेकर आयी ! अक्षत ने वही बैठकर खाना खाया और फिर सबसे बाते करने लगा ! नीता ऊपर बेड पर बैठी थी अक्षत आकर निचे जमीन पर उसके पैरो में बैठ गया , नीता उसका सर दबाने लगी बिल्कुल वही अहसास था जैसा राधा के हाथो में होता था ! अक्षत ने नीता का हाथ पकड़कर कहा,”पता है भाभी , भाभी को माँ का दर्जा क्यों दिया जाता है ?”
“क्यों ?”,नीता ने कहा
“क्योकि उनके हाथो में माँ का जादू होता है !”,अक्षत ने कहा तो नीता मुस्कुराती दी और फिर से अक्षत के बालो में उंगलिया घुमाने लगी ! बातो बातो में रात के 11 बज रहे थे ! सभी सोने चले गए ! सोमित जीजू को सुबह जल्दी निकलना था अक्षत ने कहा की वह उन्हें स्टेशन तक छोड़कर आएगा ! सुबह जीजू और तनु अपने सामान के साथ तैयार थे ! राधा ने उनके बैग के अलावा दो बड़े बैग तोहफों और मिठाईयों से भर दिए ,, तनु ने मना किया लेकिन राधा कहा किसी की सुनने वाली थी ! जीजू सबसे मिले और आकर गाड़ी में बैठ गए ! अक्षत पहले से ड्राइवर सीट पर बैठा था , तनु दादी दादू और राधा से मिल रही थी , नीता को भी उसने अर्जुन के साथ दिल्ली आने को कहा !! मीरा वही खड़ी थी तनु उसके गले मिली और धीरे से कहा,”अपना ख्याल रखियेगा छोटी भाभी !”
मीरा मुस्कुरा दी निधि तो आँखों में आंसू ही ले आयी उनके जाने के नाम से , तनु ने उसे प्यार से पुचकारा और फिर आकर गाड़ी में बैठ गयी ! जीजू ने मीरा से कहा,”मीरा स्टेशन तक छोड़ने नहीं आओगी हम लोगो को !”
मीरा ने राधा की तरफ देखा तो राधा ने जाने का इशारा कर दिया मीरा पीछे तनु के साथ बैठ गयी ! अक्षत ने गाड़ी स्टार्ट की और वहा से निकल गया ! सभी स्टेशन पहुंचे , टिकट कन्फर्म की कुछ देर बाद ट्रेन आयी , अक्षत ने सामान अंदर रखा तनु और जीजू मीरा से मिले , उसे हमेशा खुश रहने और दिल्ली आने को कहा , अक्षत ने तनु के पांव छुए और फिर सोमित जीजू की और देखने लगा , जीजू भी उसे देखते रहे तो अक्षत जाने के लिए मुड़ गया ! जीजू ने उसे कंधे से पकड़ कर अपनी और किया गले लगाते हुए कहने लगे,”अपना ख्याल रखना और गुस्सा थोड़ा कम , तुम पर हाथ उठाया उसके लिए सॉरी !! तुम्हे बहुत मिस करूंगा , जल्दी आना !!”
अक्षत ने भी जीजू को गले लगा लिया ! ट्रेन चल पड़ी तो जीजू दोनों को बाय बोलकर काव्या और तनु के साथ ट्रेन में चढ़ गए ! ट्रेन चली गयी और उसके साथ ही सोमित जीजू तनु और काव्या भी ! मीरा उन्हें देखकर हाथ हिलाती रही , उनके जाने के बाद जैसे ही अक्षत की और पलटी उसकी आँखों में आंसू देखकर हैरानी से कहा,”आप रो रहे है ?”
“नहीं , नहीं तो आँख में कुछ गिर गया !”,अक्षत ने आँखों के किनारे आये आंसुओ को पोछते हुए कहा , उसकी आँखे हलकी लाल हो चुकी थी ! मीरा ने देखा तो समझ गयी और अक्षत से कहा,”आपको तो ढंग से झूठ बोलना भी नहीं आता !!”
अक्षत ने मीरा के दोनों हाथो को अपने हाथ में लिया और खाली पड़ी पटरियों की और देखते हुए कहा ,”पता है मीरा वो सिर्फ मेरे जीजू नहीं है He is a part of my life , best person in my life !!

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