कितनी मोहब्बत है – 51
Kitni mohabbat hai – 51
“कितनी मोहब्बत है”
By Sanjana Kirodiwal
Kitni mohabbat hai – 51
अक्षत की बांहो में सिमटी मीरा सब भूलकर बस उस पल को महसूस कर रही थी ! कितना सुकून और कितना महफूज महसूस कर रही थी वह खुद को अक्षत की पनाहो में ! काफी देर तक दोनों एक दूसरे के आलिंगन में रहे और फिर अक्षत ने कहा,”अगर आज मोना से मेरी सगाई हो जाती तो ?”
“नहीं होती !”,मीरा ने आँखे मूंदे हुए कहा
“अच्छा तुम इतना यकीन के साथ कैसे कह सकती हो ?”,अक्षत ने सवाल किया
“क्योकि हम जानते है हमारा भाग्य आपसे जुड़ा है !”,मीरा ने अक्षत के सीने से अपना सर हटाते हुए कहा !
“ये तुम्हे कैसे पता ?”,अक्षत ने हैरानी से कहा
“क्योकि हमारी कुंडली में लिखा है हमारे जीवनसाथी का नाम “अ” से शुरू होगा और उनसे हमारा कोई न कोई रिश्ता पहले से होगा , मतलब वो कोई अनजान नहीं होगा बल्कि अपनों में से ही कोई !”,मीरा ने कहा
“लेकिन वो इंसान मैं ही हु ये कैसे ?”,अक्षत ने कहा
“आप ही बताईये दुनिया की इस भीड़ में हमे आपसे प्यार क्यों हुआ ?”,मीरा ने सवाल किया
“क्योकि मैं हु ही इतना अच्छा किसी को भी मुझसे प्यार हो सकता है !”,अक्षत ने शरारत से कहा और मीरा को एक बार फिर अपने पास लाकर उसकी आँखों में देखते हुए कहने लगा,”ये कुण्डलिया ये किस्मत ये सब मैं नहीं मानता , मैं बस इतना जानता हु की तुम सिर्फ मेरी हो !”
अक्षत के मुंह से बार बार ये सुनना की ‘तुम सिर्फ मेरी हो’ अपने आप में ही मीरा पर उसका हक़ जता रहा था और ये सुनकर मीरा भी बहुत खुश थी !! उसने अक्षत के हाथो को अपने हाथो में लिया और कहने लगी,”आप प्रार्थना में विश्वास करते है , जैसे भगवान से कुछ मांगो और यकीन करो की वो आपको देंगे !”
“नहीं , मैंने कभी कुछ नहीं माँगा मुझे जो चाहिए होता है वो मैंने हमेशा माँ और पापा से माँगा है , रही बात तुम्हे उनसे मांगने की तो उसकी जरूरत नहीं है क्योकि तुम्हे उन्होंने खुद ही मेरी जिंदगी में भेज दिया है ! इस से ज्यादा उनसे और क्या मांगना ?”,अक्षत ने कहा
“लेकिन हमारी माँ कहती है प्रार्थनाओ में बहुत ताकत होती है !”,मीरा ने कहा
“अच्छा ठीक है तुम कहती हो तो मान लेता हु !”,अक्षत ने कहा दोनों वही खड़े आसमान में चमकते उस चाँद को देखने लगे मीरा एक टक उस चाँद को निहार रही थी और अक्षत मीरा को , मीरा ने देखा और कहा,”आप हमे ऐसे क्यों देख रहे है ?”
“सोच रहा हु चाँद ज्यादा खूबसूरत है या तुम ?”,अक्षत ने प्यार से कहा
मीरा मुस्कुराने लगी और कहा,”आपकी आँखे ज्यादा खूबसूरत है !”
“ये तो मेरे सवाल का जवाब नहीं है !”,अक्षत ने कहा
“आपकी आँखे खूबसूरत है तभी तो वो हम में और चाँद में खूबसूरती ढूंढ रही है !”,मीरा ने कहा
“तुम्हारी बातो से बचना मुश्किल है !”,अक्षत ने कहा और फिर से चाँद की और नजरे घुमा ली जो की आज उसे कुछ ज्यादा ही खूबसूरत नजर आ रहा था !
कुछ देर बाद दोनों निचे चले आये अक्षत अपने कमरे की और चला गया और मीरा अपने कमरे में चली आयी , जहा सिर्फ निधि थी जीजू , तनु , अर्जुन और नीता सोने जा चुके थे ! मीरा निधि के पास आयी और उसके गले लगकर कहा,”हमने तुम्हारे भाई से कह दिया !”
“क्या ?”,निधि ने हैरानी से मीरा से दूर होकर कहा
“यही की हमे उनसे मोहब्बत है !”,मीरा ने कहते हुए पलके झुका दी !
“क्या सच में , हुर्रे ,, मीरा को भाई से प्यार है , प्यार है , प्यार है”,निधि बेड पर चढ़कर उछलने लगी ! मीरा उसके पास आयी और उसका मुंह बंद करते हुए कहा,”अरे पागल हो गयी हो क्या ? पूरा घर जाग जाएगा तुम्हारी आवाज से !”
निधि ने अपने मुंह से मीरा का हाथ हटाया और कहा,”आह्ह ये तो सेलेब्रेशन की रात है मीरा , मुझे लगा नहीं था तुम बोल पाओगी !”
“हम इतने भी डरपोक नहीं है !”,मीरा ने निचे बैठते हुए कहा तो निधि ने उसके गले में अपनी बांहो का हार डालकर कहा,”हां हां मालूम है तुम तो मेरी झाँसी की रानी हो ! अब बताओ तुम मेरी भाभी कब बन रही हो ?”
“इतनी जल्दी ? अभी तो हमारी पढाई भी बाकि है !”,मीरा ने कहा
“हां तो शादी के बाद पढ़ लेना , भाई कोनसा तुम्हारी किताबे फाड् देंगे !”,निधि ने मीरा का मजाक उड़ाते हुए कहा तो मीरा ने पास पड़ा कुशन उसकी और फेंक कर मारा और कहने लगी,”नहीं निधि इतनी जल्दी शादी कैसे कर सकते है ? अभी तो हमे हमारा सपना पूरा करना है !”
“अच्छा क्या है तुम्हारा सपना ?”,निधि ने कहा
“हम ढेर सारे पैसे कमाकर अपने जैसे लोगो की मदद करना चाहते है !”,मीरा ने आँखों में चमक भरते हुए कहा !
“वाओ , मैं भी तुम्हारी इसमें हेल्प करुँगी !”,निधि ने चहकते हुए कहा
“हां बिल्कुल करना , हम चाहते है बचपन में जो हमे नहीं मिला वो उन बच्चो को मिले जो हमारी तरह अनाथ है !”,मीरा ने थोड़ा उदास होकर कहा
“तुम अनाथ नहीं हो समझी और दोबारा ऐसा कहा तो मैं तुमसे कभी बात नहीं करुँगी ! समझी तुम ?”,निधि ने गुस्सा होकर कहा
“अच्छा बाबा सॉरी , तुम्हारे होते हम अनाथ कैसे हो सकते है ? एक दोस्त होकर तुमने जितना हमे समझा है , हमारा साथ दिया है वो हमारे लिए अनमोल है निधि ! दुनिया की सारी खुशिया भी तुम्हारे कदमो में लाकर रख दे ना तो वो भी इसके सामने कम होगी !”,मीरा ने उसका हाथ अपने हाथो में लेकर कहा
“मुझे कुछ नहीं चाहिए बस तुम खुश रहो , भाई खुश रहे , माँ पापा खुश रहे मैं सबको देखकर ही खुश रह लुंगी !”,निधि ने कहा तो मीरा ने उसे गले लगा लिया “चलो अब जल्दी से वो वाला गाना सूना दो !”,निधि ने कहा
“कोनसा गाना ?”,मीरा ने कहा
“अरे वही जो तुम हमेशा गुनगुनाती रहती हो , कितनी मोहब्बत है !”,निधि ने कहा !
मीरा मुस्कुराई और कहा,”ठीक है लेकिन तुम्हे भी हमारे साथ गाना होगा , मीरा ने कहा तो निधि भी उसके साथ मिलकर गाने लगी ! दोनों दोस्त बहुत खुश थी और फिर दोनों सोने चली गयी !!
सुबह सुबह अक्षत सो रहा था , कमरे का दरवाजा खुला और हाथ में चाय का कप लेकर मीरा कमरे में दाखिल हुई ! वह शायद अभी अभी नहाकर आयी थी और इस वजह से उसके बाल गीले थे और उसने सूखने के लिए उन्हें खुला ही छोड़ा हुआ था , उसने सफेद रंग का सूट पहना हुआ था और माथे पर लगी छोटी काली बिंदी उसकी सुंदरता को और बढ़ा रही थी ! वह अक्षत के करीब आयी और चाय का कप टेबल पर रख दिया , उसने अक्षत के कंधे को छूकर कहा,”अक्षत जी , उठिये आपकी चाय ठंडी हो जाएगी ! अक्षत ने मीरा की आवाज सुनी और अपनी अधखुली आँखों से मीरा की और देखा और फिर उसकी कलाई पकड़कर उसे अपनी और खिंच लिया ! मीरा उसकी बगल में आ गिरी अक्षत तो नहीं उठा उल्टा मीरा को अपनी बांहो में भरकर वापस सो गया ! मीरा ने कसमकसाते हुए धीरे से कहा,”ये क्या कर रहे है आप ? दरवाजा खुला है कोई देख लेगा , छोडिये हमे !”
अक्षत ने मीरा की बात पर ध्यान नहीं दिया उल्टा उसे और कस लिया बेचारी मीरा उसके चंगुल से छूटने की नाकाम कोशिश कर रही थी ! उसने एक बार फिर कहा,”अक्षत जी छोड़िये हमे , आपकी चाय ठंडी हो रही है !”
“हम्म्म्म , नहीं मुझे नहीं पीनी !”,अक्षत नींद में बड़बड़ाया
मीरा ने उसे धक्का मारते हुए कहा,”बड़े बेशर्म है आप !”
अक्षत हड़बड़ाया और उठकर बैठ गया , उसने कमरे में इधर उधर देखा मीरा वहा नहीं थी , कमरे का दरवाजा भी बंद था और टेबल पर कोई चाय का कप भी नहीं था अक्षत सपना देख रहा था ! उसने अपना हाथ गाल से लगया और सोचने लगा,”कब आएगा वो दिन जब मीरा मेरे लिए चाय लेकर आएगी और मुझे ऐसे ही उठाएगी !”
और फिर मुस्कुराते हुए खुद के सर पर चपत लगाते हुए कहा,”उफ्फ्फ ये मेरे ख्वाब !!”
अक्षत उठा और शीशे के सामने आया और खुद को देखने लगा , वो खुद को बड़े गौर से देख रहा था जिससे ये प्रतीत होता है की वो खुद से बहुत प्यार करता है अपने बालो में उंगलिया घुमाते हुए उसकी नजर जैसे ही अपनी आँखों पर गयी मीरा की कही बात उसके कानो में पड़ी – आपकी आँखे बहुत खूबसूरत है
अक्षत मुस्कुरा उठा और फिर बाथरूम की और बढ़ गया नहाकर बाहर आया डार्क ग्रीन शर्ट और व्हाइट जींस पहनी ! बालो को सेट किया , शेविंग की और अपना पसंदीदा परफ्यूम लगाकर कमरे से बाहर निकल आया , अक्षत कभी अपने चेहरे पर क्रीम इस्तेमाल नहीं करता था उसका मानना था उसका सांवला रंग उसकी पहचान है , नेचुरल ब्यूटी को वो ज्यादा अहमियत देता था !! और फिर मीरा को तो वो हर हाल में पसंद था !! अक्षत निचे आया उसकी नजर सिर्फ मीरा को ढूंढ रही थी लेकिन मीरा उसे कही दिखाई नहीं दी ! अक्षत ने किचन में देखा लेकिन वहा भी नीता और राधा ही थे ! दादाजी हॉल में बैठकर अख़बार पढ़ रहे थे , दादी माँ पूजा घर में थी और विजय बाहर गार्डन में रघु से कहकर पोधो की कटाई छंटाई करवा रहे थे !
अक्षत को मीरा कही नजर नहीं आ रही वह ऊपर भी आया लेकिन कमरे में सिर्फ निधि थी ! अक्षत फिर निचे चला आया तब तक राधा सबके लिए नाश्ता लगा चुकी थी , घडी में सुबह के 8 बज रहे थे , विजय , दादू , दादी माँ , अर्जुन , निधि , जीजू और तनु सब आकर डायनिंग टेबल के चारो और बैठ गए ! अब अक्षत सबके सामने मीरा के बारे में किस से और कैसे पूछे ? लेकिन आज सबकी नजरे अक्षत पर थी और आख़िरकार दादू ने कह ही दिया,”अरे आशु आज सुबह सुबह इतना तैयार होकर आये हो , कही बाहर जा रहे हो क्या ?”
“नहीं दादू बस ऐसे ही !”,अक्षत ने झेंपते हुए कहा
“घर में ही किसी को इम्प्रेस करने जा रहा है ये “,जीजू ने निधि के कान में फुसफुसाते हुए कहा
“अरे जीजू वो तो कल रात ही इम्प्रेस हो गयी !”,निधि ने भी उसी अंदाज में जवाब दिया तो जीजू हैरानी से उसकी और देखकर बोले,”मतलब बोल दिया उसने ?”
“हां वो भी पूरी फीलिंग के साथ !”,निधि ने कहा तो जीजू ख़ुशी से मुस्कुरा दिए और अक्षत की तरफ देखा जिसकी नजरे अब भी किसी को ढूंढ रही थी ! जीजू ने थोड़ा ऊँची आवाज में कहा,”अर्जुन मीरा कहा है ? नजर नहीं आ रही !”
“मीरा रागिनी के साथ बाहर गयी है उसने बताया की उसे कुछ काम था , जल्दी ही आ जाएगी !”,विजय ने कहा
राधा ने सबकी प्लेटो में नाश्ता परोसा और खाने को कहा तो अर्जुन बोल पड़ा,”उसे अकेले क्यों भेजा पाप ? मुझसे कह देते मैं साथ चला जाता !”
“उसने कहा की वो अकेले जाना चाहती है , मुझे भी लगा की उसे बाहर निकलने देना चाहिए ऐसे वो मजबूत कैसे बनेगी ?”,विजय ने कहा
“वैसे बहुत लम्बी उम्र है उसकी देखो वो आ गयी !”,दादू ने दरवाजे से अंदर आती मीरा की और देखकर कहा !
मीरा सीधा डायनिंग एरिया में ही चली आयी , अक्षत को सुकून मिला पर मीरा को सफ़ेद ड्रेस में देखकर उसे अपना सुबह का सपना याद आ गया और वह मुस्कुरा उठा ! मीरा के आते ही विजय ने कहा,”आओ बेटा नाश्ता करो , तुम अकेले बाहर गयी इसलिए सब डर रहे थे !”
“इसमें डरने वाली क्या बात है ? हम अब इस शहर से अनजान नहीं है !”,कहते हुए मीरा आकर अक्षत की बगल में पड़ी खाली कुर्सी पर बैठ गयी !
“वैसे तुम गयी कहा थी ? तुम्हे पता है कुछ लोग कितना परेशान थे तुम्हारे लिए !”,जीजू ने कहते हुए अक्षत की और देखा वो उसे छेड़ने का एक मौका नहीं छोड़ते थे ! मीरा ने कहा,”हमारी कॉलेज की एक दोस्त की अगले महीने शादी है और आज सुबह ही वो हमेशा के लिए यहाँ से जा रही थी तो हम उस से मिलने गए थे , स्टेशन !”
“अच्छा किया”,जीजू ने कहा और सभी नाश्ता करने लगे ! राधा ने नीता से भी बैठने को कहा और खुद उसके लिए नाश्ता परोसने लगी ! राधा सब बच्चो को एक जैसा प्यार करती थी इस घर में आने के बाद उन्होंने नीता को हमेशा अपनी बेटी जैसा समझा ! सब खुश थे कोई टेंशन नहीं थी विजय को भी अब अक्षत से कोई शिकायत नहीं थी ! दिसम्बर महीने का आखरी हफ्ता चल रहा था “मौसीजी अब मुझे और तनु को भी वापस जाने की इजाजत दीजिये !”,सोमित जीजू ने खाते हुए कहा
“अरे इतनी जल्दी वापस जाने की बाते कर रहे है आप दामाद जी , और आज तो मैं आप दोनों को बिल्कुल नहीं जाने दूंगी !”,राधा ने उनकी प्लेट में पोहे रखते हुए कहा !
“क्यों आज कुछ खास है क्या मौसी ?”,तनु ने कहां
“हां बेटा अर्जुन और नीता के साथ मंदिर जाना है , वहा इनकी शादी की भेंट भी तो चढ़ानी है !”,राधा ने कहा
“अरे हां राधा मुझे तो याद ही नहीं रहा बच्चो की शादी हुए इतना टाइम हो गया और हमने कुल देवता के दर्शन भी नहीं किये ! आज शुभ दिन है आज ही चलते है सब !”,दादी माँ ने कहा !
“हां माँजी मुझे याद था इसलिए मैंने सुबह ही प्रशाद बनाकर रख दिया है , बस आप सब लोग नाश्ते के बाद तैयार होकर आ जाईये सब चलते है !”,राधा ने कहा उधर अक्षत नाश्ता करते हुए बार बार मीरा को देख रहा था लेकिन मीरा चुपचाप अपना नाश्ता करने में लगी थी ! अक्षत ने उसका ध्यान अपनी और खींचने के लिए उसने अपनी प्लेट मीरा की और खिसका दी और उसकी प्लेट खुद के सामने ! मीरा ने उसकी और देखा तो अक्षत सामने देखते हुए बड़बड़ाया,”जूठा खाने से प्यार बढ़ता है !”
मीरा ने कुछ नहीं कहा बस अक्षत की प्लेट से खाने लगी अक्षत को कहा चैन था उसने टेबल के निचे मीरा का हाथ अपने हाथ में लिया और अपने पांव पर रखा और उसके हाथ पर अपना हाथ ताकि मीरा हटा ना सके ! मीरा फिर भी चुपचाप खा रही थी ऐसे दिखा रही थी जैसे उसे कुछ फर्क नहीं पड़ रहा हो ! अक्षत को अब और कुछ नहीं सुझा तो वह अपने पांव से मीरा के पांव को छूने लगा , इस से मीरा को एक गुदगुदी हो रही थी लेकिन वह अपने आपको कंट्रोल किये हुयी थी ! जीजू का ध्यान अचानक निचे चला गया जो की मीरा की बगल में ही बैठे थे ! उन्होंने देखा अक्षत बार बार मीरा को परेशान कर रहा है तो उन्होंने मीरा को पांव साइड में करने को कहा और अपना पैर आगे कर दिया अक्षत को नहीं पता निचे क्या चल रहा है ? उसने फिर से अपना पांव आगे किया लेकिन इस बार वहा जीजू का पांव था अक्षत ने जैसे ही उनके पांव को छुआ , जीजू ने भी वापस सहला दिया ! अक्षत को ख़ुशी हुई की मीरा ने कुछ तो रिस्पॉन्स दिया ! वह उसकी और मुस्कुराते हुए देखने लगा और बार बार अनजाने में अपने पैर से जीजू के पांव को मीरा का पांव समझकर छूने लगा , जीजू भी पूरा साथ दे रहे थे ! विजय , दादू , दादी , उठकर जा चुके थे मीरा भी चली गयी अक्षत उस वक्त निधि से कुछ बात कर रहा था जीजू ने अक्षत के पैर को छुआ तो उसे लगा की मीरा ने छुआ है वह मुस्कुराते हुए पलटा लेकिन अपनी बगल में जीजू को देखकर हैरान था !! जीजू को हंसी आ गयी और उन्होंने कहा,”रोमांस करने से पहले देख भी लिया साले साहब टेबल के निचे पैर किसका है ?” जीजू की बात सुनकर अक्षत झेंप गया साथ ही अपनी बेवकूफी पर उसे गुस्सा भी आ रहा था ! वह जीजू की और पलटा और फुसफुसाते हुए कहा,”प्लीज़ किसी को बताना मत !”
“नहीं नहीं मैं किसी को नहीं बताऊंगा , ट्रस्ट मी”,जीजू ने कहा
अक्षत ने जल्दी जल्दी नाश्ता खत्म किया और चला गया ! नीता और अर्जुन भी तैयार होने अपने कमरे में चले आये ,, नीता ने लाल रंग की बहुत ही प्यारी साड़ी पहनी और अर्जुन ने लाल रंग की शर्ट , वो दोनों हमेशा मैचिंग ड्रेस ही पहनते थे ! अक्षत मीरा पहले से तैयार थे , तनु और जीजू भी तैयार होकर आये ! विजय की गाड़ी में राधा , दादू-दादी और निधि थे सभी मंदिर के लिए निकले ,, अर्जुन की गाड़ी में तनु , जीजू और नीता थे !! हालाँकि अक्षत गाड़ी में जगह थी पर उसने अर्जुन को निकलने को कहा !
“फिर तू कैसे आएगा ?”,अर्जुन ने कहा
“मैं मीरा के साथ अपनी बाइक पे !”,अक्षत ने मुस्कुराते हुए कहा तो सब एक साथ बोल उठे,”ओह्ह्ह्हह !”
“क्या क्या क्या ? क्या ओह्ह्ह्ह हां , निकलो जल्दी देर हो रही है !”,अक्षत ने कहा और अपनी बाइक की और बढ़ गया ! अर्जुन की गाड़ी वहा से निकली अक्षत ने बाइक को स्टार्ट किया मीरा आयी तब तक सब जा चुके थे उसने अक्षत से कहा,”सब चले गए !”
“हम्म्म्म !”,अक्षत ने कहा
“हमारे बिना ही , अब हम कैसे जायेंगे ?”,मीरा ने मासूमियत से कहा
“अरे आपके लिए हम है ना मीरा जी !”,अक्षत ने प्यार से कहते हुए उस से बाइक पर बैठने का इशारा किया ! मीरा आकर उसके पीछे बैठ गयी लेकिन अक्षत असमझ में थी की उसके कंधे पर हाथ रखे के नहीं रखे और बार बार हाथ को कंधे तक लाती और पीछे ले जाती अक्षत ने मिरर में देखा और बाइक आगे बढाकर अचानक से ब्रेक मार दिया ! मीरा और मीरा का हाथ दोनों उस पर थे अक्षत मुस्कुरा उठा और मीरा के साथ साथ घर से निकल गया ! !
सभी इंदौर से 80km दूर ॐकारेश्वर मंदिर जा रहे थे ! इंदौर से बाहर निकलते ही अर्जुन और विजय की गाड़ी जिस रस्ते जा रही थी अक्षत ने अपनी बाइक दूसरे रस्ते मोड़ ली ये देखकर मीरा ने अक्षत से पूछा,”हम लोग कहा जा रहे है ? वो सब तो उधर गए है !”
“हम शॉर्टकट रास्ते से जायेंगे !”,अक्षत ने कहा क्योकि वह मीरा के साथ ये वक्त अकेले गुजारना चाहता था
“वैसे हम जा कहा रहे है ?”,मीरा ने सवाल किया तो अक्षत बताने लगा,”कुल देवता का मंदिर है , सालो से हर साल में एक बार वहा सब जाते है , ॐकारेश्वर मंदिर , कहते है ये शिव भगवान के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है , इंडिया की जो फेमस नदी है ‘नर्मदा नदी’ ये मंदिर उसी के किनारे बना हुआ है , नदी के इस किनारे से उस किनारे तक छोटी नाव से जाना पड़ता है ! बचपन में मैं निधि और अर्जुन भैया पापा के साथ बहुत बार गए है ! तुम प्रार्थना में विश्वास करती हो न वहा सच्चे मन से जो मांगते है वो मिलता है !”
“फिर तो हम दर्शन जरूर करेंगे !”,मीरा ने खुश होकर कहा
अक्षत और मीरा जिस रस्ते से जा रहे थे वो सड़क खाली थी बस इक्का दुक्का गाड़िया थी तो अक्षत ने स्पीड बढ़ा दी , मीरा को थोड़ा डर लगता देखकर अक्षत ने कहा,”मुझे पकड़ लो और आराम से बैठो !”
लेकिन मीरा उसे अक्षत के कंधे पर हाथ रखने में शर्म आ रही थी वो उसे कैसे पकड़ सकती थी ? अक्षत ने देखा तो उसने दुसरा हाथ पकड़कर अपनी ही कमर से लगा दिया और कहा,”अब आराम से बैठो !” अक्षत बाइक चलाता रहा मीरा खुश थी कितने दिनों बाद उसे अक्षत के साथ अकेले वक्त बिताने का मौका मिला था ! मौसम भी अच्छा था हल्की धुप थी लेकिन अक्षत और मीरा ने जैकेट पहन रखा था ! बाइक चलाते हुए अक्षत गुनगुना रहा था तो मीरा ने कहा,”जोर से गाईये !”
“क्या ?”,अक्षत ने कहा
“वही जो आप गुनगुना रहे है !”,मीरा ने कहा
“अरे वो तो मैं बस ऐसे ही गुनगुना रहा था !”,अक्षत ने कहा
“हां तो ऐसे ही सूना दीजिये”,मीरा ने कहा तो अक्षत मुस्कुराया और गाने लगा,”है खूबसूरत ये पल , सबकुछ रहा है बदल ! सपने हकीकत में जो ढल रहे है , क्या सदियों से पुराना , है रिश्ता ये हमारा ! के जिस तरह तुमसे हम मिल रहे है !!
मीरा ने सूना तो अपना सर अक्षत की पीठ से लगा दिया और गाने लगी,”यु ही रहे हरदम , प्यार का मौसम ,, यु ही मिलो हमसे तुम जन्म जन्म !!
“मैं ठहरा रहा जमी चलने लगी , धड़का ये दिल साँस थमने लगी ,, हो क्या ये मेरा पहला पहला प्यार है सजना क्या ये मेरा पहला पहला प्यार है ?”,अक्षत जोर जोर से गाने लगा तो मीरा ने उसके मुंह पर हाथ रखते हुए कहा,”क्या कर रहे है आप कोई सुनेगा तो पागल समझेगा आपको ?”
अक्षत ने मीरा का हाथ हटाया और कहा,”जिसको जो समझना है समझे मैं तो पुरे इंदौर से कह दूंगा देन आई लव यू !”
अक्षत और मीरा दोनों एक लम्बी लॉन्ग ड्राइव के बाद ॐकारेश्वर पहुंचे , बाकि सभी घरवाले नर्मदा नदी किनारे ही खड़े थे और दोनों का इंतजार कर रहे थे , मीरा निधि के पास चली आयी ! मीरा के चेहरे की रौनक बता रही थी की उसका सफर अच्छा रहा ! मीरा ने नर्मदा नदी को देखा तो हाथ जोड़कर आँखे मूंदकर खड़ी हो गयी अक्षत जीजू के पास आया और उनके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”देखो फिर से इसकी प्रार्थनाये शुरू हो गयी !”
“पर ये सब करते हुए ये मुझे बड़ी प्यारी लगती है ! आजकल के टाइम में भी कितना विश्वास करती है ये इन सब में”,जीजू ने मीरा को देखकर कहा
“दीदी को बताऊ मेरी वाली पर लाइन मार रहे हो !”,अक्षत ने कहा
“क्या कुछ भी ? बच्ची है वो मेरे लिए ,, पागल कही का !”,जीजू ने कहा और दूसरी साइड जाकर विजय से आगे के प्रोग्राम के बारे में पूछने लगे !
अक्षत वही खड़ा प्यार से मीरा को देख रहा था तभी अर्जुन उसके पास आया और कहा,”सूना है आज सुबह डायनिंग पर तुम मीरा की जगह जीजू का पैर सहला रहे थे , चक्कर क्या है ?”
अक्षत ने सूना तो झेंप गया दूसरी और बडबडाते हुए कहा,”जीजू के पेट में कोई बात नहीं टिकती !” और फिर पलटकर अर्जुन से कहा,”भाई वो दादू मुझे बुला रहे थे रुको मैं अभी आया !” कहकर अक्षत वहा से खिसक गया और अर्जुन हसने लगा ! जीजू को कोसते हुए अक्षत दादू की और आया और कहा,”दादू कब चलेंगे यहाँ से मंदिर !”
“पहले स्नान तो कर ले !”,दादू ने कहा
“घर से नहा के तो आये है सब !”,अक्षत ने कहा
“हां लेकिन मंदिर जाने के लिए पवित्र होना भी तो जरुरी है ना , इस नदी के पानी से पवित्र होकर ही दर्शन के लिए जाना है , भूल गया तू !”,दादू ने कहां
“हां याद है , उफ्फ्फ आपके ये रूल्स !”,अक्षत ने मुंह बनाकर कहा
“अच्छा वो सुबह डायनिंग के निचे तेरा और सोमित जी का क्या चल रहा था ?”,दादु ने कहा अक्षत ने सूना तो हैरान मतलब घर में सबको वो बात पता थी उसने गुस्से से जीजू की और देखा और कहा,”ये जीजा ने सबको बता दिया , इनकी तो मैं !”
लेकिन वो वही रुक गया क्योकि जीजू के साथ इस वक्त विजय जी खड़े थे और उनके सामने अक्षत उन्हें कुछ कह नहीं सकता था ! अक्षत सबसे साइड में ही चला गया , सर्दी का मौसम था इसलिए दादी माँ ने सबसे नहाने के बजाय हाथ पैर और मुंह धोने को कहा ! सबने हाथ मुंह धोये और फिर विजय ने कुछ नाव वालो को बुक किया सभी उनमे सवार हो गए ! जीजू , अक्षत , निधि और तनु एक नाव में थे ! मीरा , अर्जुन ,नीता और काव्या एक नाव में , बाकि बचे सब एक में !! नदी पार करके सभी किनारे पहुंचे , अक्षत तो बस जीजू को घूरते जा रहा था और बेचारे जीजू उस से बचने की नाकाम कोशिश ! खैर सभी ऊपर मंदिर पहुंचे , मंदिर के कोने में एक बड़ा ज्योतिर्लिंग था जिसके चारो और पानी था ! सबने मंदिर में दर्शन किये ! अक्षत मीरा के साथ साथ मंदिर की परिक्रमा कर रहा था ये करते हुए उसे बहुत ख़ुशी हो रही थी l मंदिर में आने से पहले अक्षत ने अपना जैकेट बाहर ही उतार दिया था शर्ट के ऊपरी दो बटन खुले हुए थे l मीरा ने परिक्रमा पूरी की और शिव भगवान की मूर्ति के सामने खड़ी हो गयी उसने अपना दुपट्टा अपने सर पर रखा और हाथ जोड़ दिए उसने पलटकर अक्षत की और देखा वह खड़ा उसे देख रहा था मीरा उसके पास आई उसके शर्ट के बटन बन्द किये और उसके दोनों हाथों को उठाकर आपस में जोड़कर कहा,”हम सबसे पवित्र जगह खड़े है , प्रार्थना ना सही इस जिंदगी के लिए भगवान का शुक्रिया अदा तो कर ही सकते है”
मीरा की बात भला वह कैसे टाल सकता था उसने आँखे मूंद ली मीरा खुश होके उसकी बगल में खड़ी हो गयी और हाथ जोड़कर आँखे मूंद ली !!
कुछ ही दूर खड़े अर्जुन और जीजू उन दोनों को देख रहे थे , अर्जुन ने मुस्कुराते हुए जीजू के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”देख रहे हो जीजू , लड़का सुधर रहा है”
“हां साले साहब , पर अच्छा लग रहा है दोनों को साथ देखकर l लेकिन दोनों में सबसे खूबसूरत बात पता है क्या ?”, जीजू ने कहा
“क्या ?”,अर्जुन ने कहा
“दोनों यहाँ खड़े होकर भी अपने लिए नहीं बल्कि एक दूसरे के लिए मांग रहे है”,जीजू ने कहा
अर्जुन मुस्कुराया और कहा,”ऐसी मोहब्बत मैं पहली बार देख रहा हु जीजू !
जीजू भी मुस्कुराये और कहा,”हां साले साहब कैसे कहे इन्हें कितनी मोहब्बत है !”
क्रमशः – kitni-mohabbat-hai-52
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संजना किरोड़ीवाल
that’s not fair sanjana ji aapne manmarjiay ka neat part na 28 nov ko post kiya or na hi aaj jbki m usi ka kabse wait kr rhi hun please manmarjiya ka next part post kr dijiye….
meera and akshat in dono ko jitna padu km hi lagta hai
Sanjana ji mujhe laga ki apka ajj leave pe ho..kyunki.apne manmarjiyan ka part nahi dala par apne kitni mohbbat hai dala hai…maine kitna wait kiya manmarziyan ka…please uska part bhi jaldi daliye..i am waiting for it very eagerly..