रांझणा – 48
Ranjhana – 48
Ranjhana By Sanjana Kirodiwal
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Ranjhana – 48
एक दर्दभरे सफर के बाद आख़िरकार सारिका और शिवम् को उनका प्यार मिल गया l दोनों ने कितना ही वक्त एक दूसरे की यादो में तन्हा गुजारा था l पर वो कहते है ना सच्चे प्यार में भले सो मुश्किलें आये दो प्यार करने वाले आखिर में मिल ही जाते है l सभी खुश थे पर कोई था जिसका दिल अंदर ही अंदर टूटता जा रहा था वो थी अनु ! अनु ने जब सुना शिवम् सारिका का बचपन वाला प्यार है तो वो वहा से तुरंत चली गयी l
सबसे ज्यादा खुश मुरारी था आखिर इतनी मेहनत के बाद वह शिवम् और सारिका को एक करने में कामयाब रहा l मुरारी शिवम् और सारिका के पास आया और धीरे से कहा,”लैला मजनू कम से कम बड़े बुजुर्गो की तो शर्म कर लो”
मुरारी की बात सुनकर शिवम् और सारिका एक दूसरे से दूर हो गए l अधिराज जी मुस्कुराते हुए उन दोनों के पास आये और उनके सर पर हाथ रखते हुए कहा,”अब खुश हो ना !”
सारिका अधिराज जी के सीने से आ लगी l अधिराज जी ने प्यार से उसके बालो को सहलाया और फिर अमित की और बढे l उन्होंने अमित के हाथो को अपने हाथो में लिया और कहँने लगे,”माफ़ करना बेटा , सारिका की मर्जी जाने बिना ही हमने आप दोनों का रिश्ता पक्का कर दिया l आज जो कुछ हुआ है उसके लिए हम आपसे माफ़ी चाहते है बेटा पर सारिका के साथ अब और कठोर होना नहीं चाहते थे !”
“ये कैसी बात कर रहे है आप ? सारिका सबसे पहले मेरी एक अच्छी दोस्त है , ऐसे वक्त में इसे समझना मेरे लिए बहुत जरुरी है l हां ये सच है की मैं सारिका को पसंद करता हु लेकिन सारिका की खुशी शिवम् में है और उस से ये खुशी मैं कभी नहीं छीनूँगा l आई ऍम सो हैप्पी फॉर सारिका , उसे उसका प्यार मिल गया इस से ज्यादा ख़ुशी की बात भला और क्या हो सकती है ?”,अमित ने मुस्कुरा कर कहा l
अमित की बात सुनकर सारिका उसके पास आई और गले लगते हुए कहां,”थैंक्स फॉर अंडरस्टैंड अमित , आप बहुत अच्छे दोस्त हो l “
“हम्म अगर तुमने आज शाम शिवम के बारे में बताया नहीं होता तो मैं शायद ये सगाई कर लेता , पर तुम दोनों की जर्नी इतनी टफ रही है ना इसलिये मैंने अपने दिल को समझा लिया l अब हमेशा खुश रहना अपने शिवम् के साथ”,अमित ने कहा
सारिका अमित से दूर होकर मेघना की तरफ बढ़ी उसने अपने हाथ में पहनाया हुआ कंगन उतारकर जब मेघना की और बढ़ाया तो मेघना ने कंगन वापस सारिका को पहना दिया और कहा,”इसे एक बार पहनाने के बाद उतारा नहीं करते , बहु ना सही बेटी समझकर ये तोहफा हमारी तरफ से रख लो”
सारिका की आँखों से आंसू निकल आये तो मेघना ने सारिका के आंसू पोछते हुए कहा,”इतनी प्यारी आँखों में आंसू अच्छे नहीं लगते , चलो मुस्कुराओ” मेघना की बात पर सारिका मुस्कुरा दी l
अमित आया और कहा,”सारिका तो अब शिवम् की हो चुकी मेरी सगाई तो अधूरी ही रह गयी l”
“सारिका से आपकी सगाई नहीं हुई तो क्या हुआ ? अनु है ना उसकी भी कुछ सालो में शादी करनी है l अनु और आपकी सगाई करवा देते है”,अधिराज जी ने अमित के पास आकर कहा
मेघना के साथ साथ सबके चेहरे पर मुस्कराहट आ गयी पर जैसे ही मुरारी ने सूना उसे धक्का सा लगा उसने हैरानी से शिवम् की तरफ देखा और जैसे ही अधिराज जी की तरफ बढ़ने लगा
शिवम् ने उसे रोक लिया और न में गर्दन हिला दी l मुरारी ने मचमचाते हुए कहा,”अरे भैया बुढ़ऊ का दिमाग ख़राब हो गया है , तुमरी वाली ना मिली तो हमरी वाली को सूली पर चढ़ा रहा है , शादी से पहले ही रंडवा कर देंगे इह तो हमको , अरे भैया छोडो मुश्किल से एक्को लड़की पसंद आई है अरे अभी तक आई लब यू भी नहीं बोले है उह को”
“अरे नहीं नहीं अंकल , अनु तो बिल्कुल नहीं आप जानते है ना कितनी शैतान है वो , इस से अच्छा तो हम सिंगल ही रहे”,अमित ने कहा तो वहा मौजूद सभी लोग ठहाका लगाकर हंस पड़े और अपने मुरारी की जान में जान आयी वह अधिराज जी के पास आया और कहा,”का शर्मा जी , सगाई है और ऐसे सूखे सूखे l थोड़ा धमाल होना चाहिए नई ?”
“ये बात तो तुमने सही कही मुरारी !”,कहकर अमित ने म्यूजिक चलाने को कहा l म्यूजिक सिस्टम पर भागड़ा बजने लगा तो अमित और मुरारी के साथ आकर सबके बिच में नाचने लगा l
बेचारा मुरारी उसे कहा नाचना आता था वह तो बस बन्दुक की नोक पर सबको नचाना जानता था नाचते हुए अमित ने देखा मुरारी चुपचाप खड़ा है तो रुककर कहा,”क्यों मुरारी दिल्ली वालो के सामने बनारस वालो की हवा निकल गयी ?”
“हम बनारस वाले है अमित , दिल्ली वालो की हवा टाइट करना अच्छे से जानते है”,मुरारी ने भी जोश में आकर कहा
“अच्छा तो फिर हो जाये मुकाबला ?”,अमित ने चुनौती दी l
“हो जाये (शिवम् की तरफ देखकर) का भैया दिखा दे इनको बनारस का पावर ?”,मुरारी ने कहा
शिवम् मुस्कुराया और कुर्ते की बांह चढ़ाते हुए अमित और मुरारी की तरफ आया और म्यूजिक वाले से फिर से म्यूजिक बजाने का इशारा किया l शिवम् भले ही बनारस में रहा हो पर माहिर हर चीज में था l जैसे ही उसने भंगड़ा शुरू किया सब देखते रह गए उन कपड़ो में नाचते हुए वह बिलकुल पंजाबी लड़का लग रहा था l
अम्बिका के पीछे छुपी सारिका भी मुस्कुराते हुए शिवम का ये नया रूप देख रही थी आज उसका खड़ूस रांझणा किसी राजकुमार से कम नहीं लग रहा था l मुरारी की नजरे तो बस अनु को ढूंढ रही थी पर वह न जाने कहा थी l मुरारी अनु को ढूंढ़ने बाहर जाने लगा तो अधिराज जी उसका हाथ पकड़ कर अमित और शिवम् के पास ले आये और कहा,”आपके भाई की सगाई है और आप ऐसे सूखे सूखे !
मरता क्या न करता , होने वाले ससुर ने पहली बार उस से कुछ कहा था कैसे इंकार कर देता !
मुरारी ने जब उटपटांग नाचना शुरू किया तो सब का हंस हंस कर बुरा हाल था l कुछ देर बाद परिवार के बाकि सदस्य भी शामिल हो गए l सारिका और शिवम् की नजर तो बस एक दूसरे पर थी l मेहमान सभी खाना खाने में व्यस्त थे कुछ वहा रूककर डांस देख रहे थे l ख़ुशी मनाते हुए किसी को ख्याल ही नहीं रहा की अनु कहा है अधिराज जी ने सामने खड़े शिवम् को देखा तो मुस्कुराते हुए उसकी तरफ बढे और कहा,”हमेशा खुश रहो बेटा
, अनजाने में हमसे कोई भूल हुई हो तो हमे माफ़ कर देना बेटा !” शिवम् ने कहा,”आप माफ़ी मांगकर शर्मिंदा मत कीजिये , सारिका जी को हम हमेशा खुश रखेंगे l”
“शुक्रिया बेटा !”,अधिराज शिवम् से दूर हुए l सभी मेहमान खाना खाकर जा चुके थे l मुरारी को मौका मिला तो वह भी सबसे नजर बचाकर गार्डन से बाहर निकल आया और अनु को ढूंढने लगा l अधिराज जी ने वही गार्डन मे सबके साथ खाने का अरेंजमेंट करवाया और सबके साथ आ बैठे l शिवम् और सारिका पास पास बैठे थे ,
अधिराज जी , अम्बिका , अमित , अमित के मम्मी पापा , रश्मि , मेहुल और मीना l सभी साथ बैठे थे l अनु को वहा ना पाकर सारिका ने कहा,”माँ अनु कही नजर नहीं आ रही ? “
“हां सगाई के वक्त भी वो गायब थी , ये लड़की भी न पता नहीं क्या चलता रहता है उसके दिमाग़ में l मैं अभी उसे बुलाकर लाती हु”,अम्बिका ने उठते हुए कहा तो अधिराज जी ने उनका हाथ पकड़कर उन्हें रोकते हुए कहा,”अम्बिका आप खाना खाइये अनु यही कही होगी आजायेगी” l
अम्बिका वापस बैठ गयी वेटर ने सभी की प्लेटो में खाना परोसा सब खाने लगे l सारिका नहीं खा रही थी वह शिवम् को देखती तो कभी खाने को l अमित ने देखा और फिर उसकी नजर टेबल के निचे गयी जहा शिवम् ने एक हाथ से सारिका का हाथ पकड़ा हुआ था और खुद मजे से दूसरे हाथ से खा रहा था l अमित मुस्कुरा उठा सारिका को खाते ना देखकर अधिराज जी ने कहा,”सारिका क्या बात है बेटा आप खा क्यों नहीं रही है ?” अमित मुस्कुराया और कहा,”होने वाले दामाद इसका हाथ छोड़ेगे तभी तो खायेगी ना बेचारी !”
अमित की बात सुनकर शिवम् ने तुरंत सारिका का हाथ छोड़ दिया l अमित की बात सुनकर रश्मि ने कहा,”अमित अब तो लगता है शिवम् एक पल के लिए भी सारिका को अपनी नजरो से दूर करना नहीं करना चाहता”
रश्मि की बात सुनकर सभी खिलखिलाकर हंस पड़े और शिवम् झेंप गया l उसने सारिका की तरफ देखकर मन ही मन कहा,”अगर हमारा बस चले तो हम जिंदगीभर आपको अपने सामने बैठाकर बस ऐसे ही देखते रहे l”
शिवम् को सारिका की और देखता पाकर अधीराज जी ने कहा,”अगर शिवम् चाहे तो कल ही हम शिवमं और सारिका की शादी करवा देते है”
“नहीं नहीं , इतनी जल्दी भी नहीं है……………………!!”,शिवम ने झेंपते हुए कहा तो सभी हसने लगे l सारिका भी मुस्कुरा उठी और उसके बाद शिवम् ने अपने हाथो से सारिका को खाना खिलाया l शिवम् इतने प्यार से खिला रहा था की सबकी नजरे बस उन दोनों पर ठहर गयी l
खाना ख़त्म होने के बाद अधिराज जी ने शिवम से कहा,”शिवम् हम आपके घरवालों से मिलना चाहते है l उनकी गैर मौजूदगी में आपकी और सारिका की सगाई हो गयी उन्हें पता चला तो शायद अच्छा नहीं लगेगा इसलिए हम चाहते है आप उन्हें बुलाये l उनसे बात करके हम उन्हें इस रिश्ते के लिए मनाएंगे”
अधिराज जी की बात सुनकर शिवम् मुस्कुराया और कहा,”सर आई बाबा को सब पता है , हम मुंबई सारिका जी को लेने ही आये थे l
आई ने तो बनारस में पहले दिन ही सारिका को अपनी बहु मान लिया था l जब उन्हें पता चलेगा तो वे लोग बहुत खुश होंगे” l शिवम् की बात सुनकर अधिराज जी ने कहा,”ये तो बहुत ही ख़ुशी की बात है और सुनो आज से ये सर बुलाना बंद करो , आप सारिका की तरह हमे पापा कहकर बुला सकते है”
“हम्म्म्म !”,शिवम् ने हाँ में गर्दन हिला दी l
“पापा हम चाहते है शादी मुंबई में हो”,सारिका ने धीरे से कहा
“हम्म जैसा आपको ठीक लगे बेटा ! हम कल ही पंडित जी से बात कर लेते है और शादी का शुभ मुहूर्त निकलवा लेते है”,अधिराज जी ने कहा l
“पापा एक बात और कहनी है”,सारिका ने कहा
“हां कहो !”,अधिराज जी ने प्यार से कहा l
“एक बार मुंबई जाकर सारा काम समेटना चाहते है , बहुत से जरुरी काम है जिनको पूरा करना है l
अगर आप परमिशन दे तो हम जाना चाहेंगे !”,सारिका ने कहा l “इसमें परमिशन की क्या बात है सारिका आपके साथ साथ हम सब भी मुंबई चलते है ! शिवम् के घरवालों से भी वही मिल लेंगे और अच्छा है सब के साथ थोड़ा वक्त बिताने को भी मिल जाएगा और फिर शादी भी वही करनी है”,अधिराज जी ने कहां l
सभी खुश थे ! उधर मुरारी सारे घर में अनु को ढूंढता घूम रहा था l घूमते घूमते वह छत पर आया छत की दिवार पर अनु उसे बैठे हुए मिल गयी l
अनु को वहा देखकर मुरारी की जान में जान आई l वह अनु के पास आया और कहा,”अरे तुम यहाँ हो हम तुमको पुरे घर में ढूंढ के आये रहे l यहां अकेले बैठी का कर रही हो तुम ?” l मुरारी की आवाज सुनकर अनु ने अपनी गर्दन घुमाई तो मुरारी ने देखा नशीली आँखे जो कुछ कुछ लाल हो चुकी थी , हाथ में आधी खाली बियर की बोतल थी l कुछ खाली बोतले निचे भी बिखरी थी l अनु को कोई होश नहीं था l अनु को इस हाल में देखकर मुरारी ने गुस्से से कहा,”तुमने शराब पि रखी है ?”
“हां तो तुम्हारे बाप की पि है क्या ? मेरा स्टेमिना अच्छा है इसलिए पि है”,अनु ने लड़खड़ाती हुई जबान से कहा और खुद भी लड़खड़ा गयी l मुरारी ने उसका हाथ पकड़कर गिरने से बचाते हुए कहा,”हमारे बाप की दारू की दुकान नहीं थी विधायक थे उह , और तुम इह बोतल इधर दो इतना पीकर का करना है मर जाना है एक दिन”,मुरारी ने बोतल छीनने की नाकाम कोशिश करते हुए कहा l अनु ने बोतल मुंह से लगाई और बाकि बची आधी बियर भी एक साँस में गटक गयी l
मुरारी को बहुत गुस्सा आ रहा था पर उसने काबू करते हुए कहा,”अरे इतना काहे पि रही हो , सर चकरायेगा तुमरा l निचे उतरो देखो नीचे सब तुमरा इंतजार कर रहे है” l
“मुझे कही नहीं जाना , यही रहना है अकेले ! तुम भी जाओ यहाँ से , जाओ जाकर दी की सगाई इंजॉय करो सबके साथ , नाचो , गाओ खुशिया मनाओ सब ! हु केयर्स ?”,अनु ने दुखी स्वर में कहा
“तुम ना ऐसे नहीं मानोगी”,कहकर मुरारी ने उसे अपनी गोद में उठाया और लेकर चलने लगा तो अनु ने छटपटाते हुए कहा,”मुरारी निचे उतारो मुझे , मुरारी उतारो मुझे ! आई से लिव मी” l अनु के चिल्लाने पर मुरारी ने उसे सीधा जमीन पर गिरा दिया l अनु कमर पकड़ कर खड़ी हुयी और चिल्लाकर कहा,”तुम पागल हो क्या निचे क्यों गिराया ?”
“अजीब औरत हो , अभी खुद ही तो कहे रही की छोडो मुझे , अब कह रही छोड़ा क्यों ?”,मुरारी ने मुंह बनाकर कहा !
“अह्ह्ह डफर छोड़ने का मतलब गोद से उतारना निचे गिराना नही , और हा औरत नहीं हु मैं”,अनु ने गुस्से से कहा l
“औरत नहीं हो तो का हो ?”,मुरारी ने हैरानी से कहा
“तुम्हारा सर , लड़की हु l लड़की और औरत का फर्क नहीं पता तुम्हे ढक्कन l तुम ना सच में ढक्कन हो और तुमसे भी बड़ी ढक्कन हु मैं जो यहा खड़े होकर तुमसे बहस कर रही हु”,अनु ने झल्लाकर कहा और जैसे ही जाने के लिए मुड़ी मुरारी ने उसका हाथ थामकर उसे फिर से गिरने से बचा लिया l
मुरारी ने देखा अनु के गाउन का एक कोना उसके जूते के निचे दबा हुआ है उसने जल्दी से अपना पैर हटाया और अनु से सॉरी कहा l अनु मुरारी को वहा छोड़कर वापस पहले वाली दिवार की और बढ़ गयी l वहा रखी बोतल उठाई और जैसे ही पिने के लिए उठायी मुरारी ने उसके हाथ से छीनते हुए कहा,”दिमाग ख़राब हो गया है तुमरा , हमरे नहीं कम से कम अपने घरवालों के बारे में तो सोचो , घर में कितने लोग है तुमको इस हाल में देखेंगे का अच्छा लगेगा उनको , एक देंगे ना उठा के सारा नशा उतर जाना है तुमरा”
“हां हां हो गया है दिमाग ख़राब मेरा , तो क्या ? मेरी मर्जी है मैं कुछ भी करू , दारू पिऊ , गाली दू , चिखु चिलाऊ l तुम होते कौन हो मुझसे पूछने वाले ? हु द ब्लडी हेल आर यू ?”,अनु का गुस्सा फुट पड़ा l
“हम , हम तुमरी दी के होने वाले पति के भाई है , का समझी ?”,मुरारी ने सहजता से कहा l
“ना वो हमारी दी है ना ही वो हमारा जीजा , और न ही तुम कुछ लगते हो हमारे”,अनु ने गुस्से से कहा
“ठीक है फिर इह लो बोतल और मरो”,कहकर मुरारी जाने लगा तो अनु ने पीछे से उसका हाथ पकड़कर रोक लिया l अनु को अहसास हुआ की उसने मुरारी से कुछ गलत कहा है उसे अब खुद पर गुस्सा आ रहा था उसने मुरारी से कहा,”आई ऍम रियली सॉरी मुरारी”
मुरारी रुक गया अनु ने उसका हाथ छोड़ा और कहा,”आई ऍम सॉरी , किसी और का गुस्सा तुम पर निकाला , मैं ऐसा कुछ करना नहीं चाहती थी बट आई कांट स्टॉप माय सेल्फ एंड आई ऍम सॉरी !!
प्लीज़ मुझे गलत मत समझना नाउ आई ऍम सो डिप्रेस्ड सो ये सब ! व्हाई आर यू क्वाइट , तुम चुप क्यों हो ? मैंने कहा न आई ऍम सॉरी ! आई ऍम रियली सॉरी , अनजाने में वो सब आई ऍम सॉरी !! चुप क्यों हो ? से समथिंग” l कहते कहते अनु की आंखे भर आयी l मुरारी ने पहली बार उसकी आँखों में आंसू देखे थे उसने अनु का हाथ पकड़कर उसे तेजी से अपनी तरफ खींचकर गले लगा लिया और कहा,”कछु न कहो , हम तुमसे नाराज नहीं है”
मुरारी की बात सुनकर अनु ने अपनी आँखे बंद की और उसके गले लगी रही l जिस दर्द से वह गुजर रही थी वह किसी से बयान नहीं कर सकती थी लेकिन मुरारी के सामने वह पिघल गयी l शिवम् से प्यार करके अनु ने कोई गलती नहीं की थी , प्यार पर भला किसका जोर ? ये कब कहा किस से हो जाये ? कौन जानता है ? अनु मुरारी के गले लगे तब खड़ी रही जब तक उसका मन हल्का नहीं हो गया l
मुरारी को आज रोमांटिक नहीं बल्कि जिम्मेदारी महसूस हो रही थी l अनु का शराब पीना आज उसे अच्छा नहीं लग रहा था l अनु उस से दूर हुई तो मुरारी ने कहा,”खाना खाओगी ?”
अनु ने हाँ में गर्दन हिला दी l
“ऐसी हालत में तुम निचे जाओगी तो तुम्हारे घरवालों को शायद अच्छा नहीं लगेगा , इक काम करते है तुम यही रुको हम तुमरे लिए यही खाने की प्लेट ले आते है l और तब तक तुम ना यहाँ से कही जाना नहीं , और पीना तो बिल्कुल नहीं”,मुरारी ने टीचर की तरह समझाते हुए कहा l
अनु ने इस बार भी हाँ में सर हिला दिया l मुरारी अनु को वहा एक बेंच पर बैठाकर निचे चला आया l उसने एक प्लेट में खाना लिया और जैसे ही जाने के लिए मुड़ा सामने खड़े शिवम् ने कहा,”किधर ? और इतनी देर कहा थे तुम ?”
“वो भैया अनु के लिए खाना लेकर जा रहे है”,मुरारी ने धीरे से कहा
“वाह बेटा तुम कबसे इह वेटरगिरी शुरू कर दिए”,शिवम ने छेड़ते हुए कहा l
“का भैया तुम भी , अरे पि के टुन है उह ऐसे में निचे आएगी तो बवाल हो जाएगा , तो हम सोचे हम ही ले जाते है”,मुरारी ने कहा l मुरारी की बात सुनकर शिवम के होंठो पर मुस्कराहट तैर गयी उसने मुरारी से कहा,”मुरारी एक्को बात कहे , आजकल बदलने लगे हो तुम , हमरे अलावा किसी और के लिए तुमरी बातो में फ़िक्र देखकर अच्छा लग रहा है l जाओ ले जाओ खाना और सुनो जरा प्यार से खिलाना !” मुरारी मुस्कुराता हुआ वहा से चला गया l
खाना लेकर छत पर आया अनु बेंच पर ही बैठी थी मुरारी उसके पास आया और बगल में बैठ गया l उसने अनु से पैर ऊपर करके बैठने को कहा l अनु आलथी पालथी मारकर बिल्कुल मुरारी के सामने बैठ गयी l मुरारी ने एक निवाला तोड़ा और अनु को खिला दिया l मुरारी बड़े प्यार से अनु को खाना खिलाता जा रहा था l अनु को मुरारी की आँखों में अपने लिए बहुत सारा प्यार नजर आ रहा था पर इस वक्त उसका दिल कुछ समझने की हालत में नहीं था l मुरारी निवाले उसे खिलाता जा रहा था तभी अनु खांसने लगी l
मुरारी ने थाली साइड में रखी और पास रखा पानी के ग्लास से अनु को पानी पिलाते हुए उसका सर सहलाने लगा l अनु ने कुछ पानी पीया और ग्लास मुरारी की और बढ़ा दिया l अनु फिर मुरारी की आँखों में देखने लगी अब मुरारी की आँखों में प्यार के साथ साथ परवाह भी नजर आ रही थी l मुरारी ने बचे खाने का निवाला अनु को खिलाना चाहा तो अनु ने मुरारी का हाथ पकड़कर उसी को खिलाते हुए कहा,”तुमने भी तो नहीं खाया होगा ना”
मुरारी मुस्कुरा दिया और अनु के मासूम चेहरे की और देखकर सोचने लगा,”अगर थोड़ी सी जिद और गुस्सा कम होता न तो तुम दुनिया की सबसे मासूम लड़की होती l पर चिंता ना करो इतना प्यार करेंगे ना तुम्हे की तुम्हारी जिद और इह गुस्सा देखना चुटकियो में कम हो जाएगा l” खाना खिलाकर मुरारी ने ग्लास और प्लेट निचे रख दी l अनु ने अपना सर पकड़ लिया कुछ देर पहले उसने जो पीया था अब धीरे धीरे चढ़ने लगा था l उसने मुरारी की और देखा और कहा,”मुरारी मेरा सर बहुत दर्द कर रहा है”
“एक्को काम करो , यहां बेंच पर लेटो और सर हमारी गोद में रख लो ! हम तुमरा सर दबा देते है”,मुरारी ने कहा
अनु वही बेंच पर ही लेट गयी और सर मुरारी की गोद में रख दिया मुरारी धीरे धीरे अनु का सर दबाने लगा l वह बड़े प्यार से अपनी उंगलिया अनु के बालो में घुमाते हुए उसका सर दबा रहा था l अनु को थोड़ा अच्छा लगा तो उसने अपनी आँखे मुंद ली सब कुछ भूलकर वह अपने सर पर मुरारी के हाथो का जादुई स्पर्श महसूस करने लगी l मुरारी चुपचाप उसका सर दबाते रहा l
निचे अधिराज जी , अमित के पापा गार्डन में ड्रिंक करते हुए बाते कर रहे थे l अम्बिका और मेघना अपने कमरे में बातचीत में लगी थी अमित हॉल में बैठा अपने लेपटॉप पर कोई मूवी देख रहा था मेहुल और रश्मि भी वही बैठे अपने अपने फोन में बिजी थे किसी को भी अनु का ध्यान नहीं था l सारिका ने जब काफी देर तक अनु को नहीं देखा तो बाहर से आते शिवम् से पूछा,”आपने अनु को कही देखा ?”
“वो ऊपर छत पर है”,शिवम् जल्दबाजी में कह गया l
सारिका थैंक्स कहकर सीढ़ियों की और जाने लगी तो शिवम् को याद आया अनु के साथ साथ मुरारी भी वहा मौजूद है l कही सारिका मुरारी को गलत ना समझ ले सोचकर शिवम् सारिका को रोकने के लिए उसके आगे आ खड़ा हुआ l सारिका ने देखा तो हैरानी से कहा,”क्या बात है आप हमे जाने क्यों नहीं दे रहे ? “वो हम बताना भूल गए अनु निचे ही है”,शिवम् ने कहा l सारिका ने आगे बढ़ते हुए कहा,”हां तो कोई बात नहीं हम देखकर वापस आजायेंगे l”
“आप परेशान क्यों हो रही है ? , हम देख आते है”,शिवम् ने सारिका को रोकने की कोशिश करते हुये कहा पर सारिका कहा रुकने वाली थी दनदनाती हुई ऊपर आयी लेकिन दरवाजे पर ही रुक गयी शिवम् ऊपर आया l सारिका को वही खड़े देखकर कहा,”सारिका वो अनु ने बहुत ज्यादा पि रखी थी ऐसे में उसका सबके बिच निचे आना शायद अच्छा नहीं लगता इसलिए हमने ही मुरारी से यहाँ रूककर……………देखो आप गलत मत समझाना !
मुरारी अनु को बहुत पसंद करता है और हमे उस पर खुद से ज्यादा भरोसा है वो अनु के साथ कुछ गलत ! आप समझ रही है”
“आप यही रुकिए हम कुछ देर में आते है”,कहकर सारिका सीढिया उतरकर निचे चली गयी l शिवम् का दिल घबरा रहा था पता नहीं सारिका के दिमाग में इस वक्त क्या चल रहा होगा ? शिवम् अपने ही ख्यालो में उलझा था तभी सारिका आयी उसके हाथ में चद्दर था शिवम् को कुछ समझ नहीं आया
सारिका चददर लिए मुरारी की तरफ बढ़ी सारिका को वहा देखकर मुरारी थोड़ा परेशान हो गया क्योकि अनु का सर उसकी गोद में था और उसे नींद आ चुकी थी l मुरारी ने कुछ कहना चाहा तो सारिका ने चुप रहने का इशारा किया और चद्दर अनु को ओढ़ा दी l सारिका मुरारी के पास आयी और फुसफुसाते हुए कहा,”यहाँ रात में अक्सर ठण्ड बढ़ जाती है , अपना ख्याल रखना !”
सारिका के चेहरे पर मुरारी को सुकून और आँखों में विश्वास के भाव नजर आ रहे थे l सारिका शिवम् के पास आयी तो शिवम् ने कहा,”मुरारी को अनु के साथ अकेला छोड़ रही हो”
“हमे मुरारी पर पूरा भरोसा है और हमारी अनु के लिए उस से अच्छा लड़का नहीं मिल सकता”,सारिका ने मुस्कुराकर कहा l
“उन दोनों का साथ दे रही है आप जान सकता हु क्यों ?”,शिवम् ने सारिका की आँखों में देखते हुए पूछा !
सारिका ने एक ठंडी साँस ली और शिवम् के सीने से लगकर कहा – क्योकि हम नहीं चाहते उन दोनों की किस्मत में कोई बनवास हो !!”
सारिका की बात सुनकर शिवम् मुस्कुरा उठा और सारिका को अपनी बांहो में भर लिया !!
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