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रांझणा – 41

Ranjhana – 41

Ranjhana

Ranjhana By Sanjana Kirodiwal

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Ranjhana – 41

शिवम् गुस्से से सारिका के ऑफिस से निकल गया l सारिका बैचैन सी अपने केबिन में बैठी थी तभी दरवाजे पर दस्तक हुई
“मे आई कम इन मेम ?”,पूजा ने केबिन का दरवाजा खोलकर कहा l
“पूजा हम अभी परेशान है कुछ देर बाद आना प्लीज़”,सारिका ने परेशानी से कहा l
“मेम मुझे शिवम् सर के बारे में आपसे जरुरी बात करनी है”,पूजा ने कहा
“कम !”,सारिका ने कहा और आकर अपनी चेयर पर बैठी l


पूजा अंदर आयी और कहा,”मेम शिवम् सर ने जो कहा वो सही है , गुप्ता जी ने उनसे बहुत बदतमीजी से बात की थी मैंने सुना मैं खिड़की के पास ही ख़डी थी मेम”
“व्हाट ?”,सारिका ने हैरानी से कहा
“हां मेम , मैं पहले भी आपको बताना चाहती थी मेम ये गुप्ता सर बिल्कुल अच्छे नहीं है , ऑफिस की लड़कियों को बहुत गन्दी नजर से देखते है और गन्दी गन्दी बाते भी करते है l

टेंडर के नाम पर उन्होंने शिवम् सर से भी बदतमीजी की थी”,पूजा ने बताया सारिका हैरानी से सब सुनती रही पूजा ने कहा,”शिवम् सर ने कुछ गलत नही किया मेम वो गुप्ता टेंडर के बदले में……….”,पूजा कहते कहते रुक गयी
“टेंडर के बदले क्या पूजा ?”,सारिका ने कहा
“वो टेंडर के बदले एक रात आपके साथ…………., शिवम् सर को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने इसलिए गुप्ता जी को सुना दिया l “,पूजा ने नजरे झुकाकर कहा l
सारिका ने सुना तो उसका दिल बैठ गया l उसे विश्वास नही हुआ गुप्ता जी उसके लिए इतना गंदा भी सोच सकते है

सारिका को खामोश देखकर पूजा ने कहा,”शिवम् सर ने कुछ गलत नही किया मेम , आपको बिना सच जाने उनसे इस तरह पेश नहीं आना चाहिए था l उन्हें बहुत बुरा लगा है मेम ! सारा ऑफिस जानता है कि शिवम् सर बहुत अच्छे है वे किसी के साथ गलत होते नही देख सकते है !”
“हमसे बहुत बड़ी गलती हो गयी पूजा , हमने अनजाने में उन्हें बहुत गलत कहा , उनका दिल दुखाया “,सारिका ने बैचैनी से कहा l
“शिवम् सर बहुत स्वाभिमानी है मेम , अब शायद वो नही आएंगे”,पूजा ने कहा


सारिका का मन बैचैन हो उठा l और वो बैचैनी उसकी आँखों में साफ दिखाई दे रही थी l पूजा बाहर चली गयी सारिका को सच जानकर बहुत दुःख हुआ उसे शिवम् से मिलना था , अपने किये की माफ़ी मांगनी थी l सारिका ने फोन उठाया और उसमें शिवम् का नम्बर डॉयल किया रिंग गयी लेकिन शिवम् ने फोन काट दिया सारिका ने फिर से नम्बर डॉयल किया लेकिन इस बार भी शिवम् ने फोन काट दिया और उसके बाद फोन बंद कर लिया l सारिका की आँखों में आंसू छलक आये l शिवम् का दिल दुखाया था उसने और इसके लिए उसे बहुत बुरा लग रहा था l

सारिका बाथरूम की और बढ़ गयी मुंह धोया और बाहर आकर बैग उठाया और ऑफिस से बाहर आ गयी l काका से शिवम् के फ्लैट पर चलने को कहा l काका ने गाड़ी उस और बढ़ा दी रास्ते भर सारिका का मन बेचैनियों से घिरा रहा शिवम् से उसे इस तरह बात नही करनी चाहिए थी l गाड़ी फ्लेट के सामने पहुंची l सारिका तेजी से उतरी और अंदर गयी लिफ्ट बिजी थी तो वह सीढ़ियों से ही फ्लेट की और बढ़ गयी l

हांफते हुए सारिका 5वे माले पर पहुंची और बेल बजा दी l दरवाजा मुरारी ने खोला सारिका को देखकर हैरानी से कहा,”अरे आप यहाँ ?
“मुरारी शिवम् कहा है ?”,सारिका ने बैचैनी से कहा
“भैया तो आपके साथ ही होंगे ऑफिस ! आप इतना परेशान काहे है ? कछु बात है का ?”,सारिका को परेशान देखकर मुरारी ने कहा
“वो शिवम् से मिलना था , हम चलते है”,कहकर सारिका बिना मुरारी की बात सुने वहा से निकल गयी


“ये भाभी को का हो गया ?”,मुरारी ने मन ही मन कहा और दरवाजा बंद कर दिया अंदर आकर मुरारी ने शिवम् को फोन लगाया लेकिन फोन बंद था lशिवम् गुस्से से सारिका के ऑफिस से निकल गया l सारिका बैचैन सी अपने केबिन में बैठी थी तभी दरवाजे पर दस्तक हुई
“मे आई कम इन मेम ?”,पूजा ने केबिन का दरवाजा खोलकर कहा l
“पूजा हम अभी परेशान है कुछ देर बाद आना प्लीज़”,सारिका ने परेशानी से कहा l
“मेम मुझे शिवम् सर के बारे में आपसे जरुरी बात करनी है”,पूजा ने कहा


“कम !”,सारिका ने कहा और आकर अपनी चेयर पर बैठी l
पूजा अंदर आयी और कहा,”मेम शिवम् सर ने जो कहा वो सही है , गुप्ता जी ने उनसे बहुत बदतमीजी से बात की थी मैंने सुना मैं खिड़की के पास ही ख़डी थी मेम”
“व्हाट ?”,सारिका ने हैरानी से कहा
“हां मेम , मैं पहले भी आपको बताना चाहती थी मेम ये गुप्ता सर बिल्कुल अच्छे नहीं है , ऑफिस की लड़कियों को बहुत गन्दी नजर से देखते है और गन्दी गन्दी बाते भी करते है l

टेंडर के नाम पर उन्होंने शिवम् सर से भी बदतमीजी की थी”,पूजा ने बताया सारिका हैरानी से सब सुनती रही पूजा ने कहा,”शिवम् सर ने कुछ गलत नही किया मेम वो गुप्ता टेंडर के बदले में……….”,पूजा कहते कहते रुक गयी
“टेंडर के बदले क्या पूजा ?”,सारिका ने कहा
“वो टेंडर के बदले एक रात आपके साथ…………., शिवम् सर को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने इसलिए गुप्ता जी को सुना दिया l “,पूजा ने नजरे झुकाकर कहा l
सारिका ने सुना तो उसका दिल बैठ गया l उसे विश्वास नही हुआ गुप्ता जी उसके लिए इतना गंदा भी सोच सकते है

सारिका को खामोश देखकर पूजा ने कहा,”शिवम् सर ने कुछ गलत नही किया मेम , आपको बिना सच जाने उनसे इस तरह पेश नहीं आना चाहिए था l उन्हें बहुत बुरा लगा है मेम ! सारा ऑफिस जानता है कि शिवम् सर बहुत अच्छे है वे किसी के साथ गलत होते नही देख सकते है !”
“हमसे बहुत बड़ी गलती हो गयी पूजा , हमने अनजाने में उन्हें बहुत गलत कहा , उनका दिल दुखाया “,सारिका ने बैचैनी से कहा l
“शिवम् सर बहुत स्वाभिमानी है मेम , अब शायद वो नही आएंगे”,पूजा ने कहा


सारिका का मन बैचैन हो उठा l और वो बैचैनी उसकी आँखों में साफ दिखाई दे रही थी l पूजा बाहर चली गयी सारिका को सच जानकर बहुत दुःख हुआ उसे शिवम् से मिलना था , अपने किये की माफ़ी मांगनी थी l सारिका ने फोन उठाया और उसमें शिवम् का नम्बर डॉयल किया रिंग गयी लेकिन शिवम् ने फोन काट दिया सारिका ने फिर से नम्बर डॉयल किया लेकिन इस बार भी शिवम् ने फोन काट दिया और उसके बाद फोन बंद कर लिया l सारिका की आँखों में आंसू छलक आये l शिवम् का दिल दुखाया था उसने और इसके लिए उसे बहुत बुरा लग रहा था l

सारिका बाथरूम की और बढ़ गयी मुंह धोया और बाहर आकर बैग उठाया और ऑफिस से बाहर आ गयी l काका से शिवम् के फ्लैट पर चलने को कहा l काका ने गाड़ी उस और बढ़ा दी रास्ते भर सारिका का मन बेचैनियों से घिरा रहा शिवम् से उसे इस तरह बात नही करनी चाहिए थी l गाड़ी फ्लेट के सामने पहुंची l सारिका तेजी से उतरी और अंदर गयी लिफ्ट बिजी थी तो वह सीढ़ियों से ही फ्लेट की और बढ़ गयी l

हांफते हुए सारिका 5वे माले पर पहुंची और बेल बजा दी l दरवाजा मुरारी ने खोला सारिका को देखकर हैरानी से कहा,”अरे आप यहाँ ?
“मुरारी शिवम् कहा है ?”,सारिका ने बैचैनी से कहा
“भैया तो आपके साथ ही होंगे ऑफिस ! आप इतना परेशान काहे है ? कछु बात है का ?”,सारिका को परेशान देखकर मुरारी ने कहा


“वो शिवम् से मिलना था , हम चलते है”,कहकर सारिका बिना मुरारी की बात सुने वहा से निकल गयी
“ये भाभी को का हो गया ?”,मुरारी ने मन ही मन कहा और दरवाजा बंद कर दिया अंदर आकर मुरारी ने शिवम् को फोन लगाया लेकिन फोन बंद था l

शिवम के फ्लैट से निकलकर सारिका बाहर आ गयी परेशानी और दुख चेहरे से साफ झलक रहा था l शिवम आखिर कहा जा सकता है सोचकर सारिका परेशान हो गयी पर पता नही लगा सकी l

सारिका वापस आफिस आ गयी उसने गुप्ता जी को फोन किया और खूब खरी खोटी सुनाई l साथ ही गुप्ता जी अपने सारे बिजनेस रिलेशन भी तोड़ दिए l सारिका ने फोन टेबल पर रखा और सर सीट से लगाकर आंखे मुंद ली l उसे खुद पर बहुत गुस्सा आ रहा था बिना शिवम की बात समझे , सच्चाई जाने उसने कुछ भी बोल दिया l कुछ देर बाद उसने अपनी आंखें खोली ओर शिवम के केबिन की ओर देखा आज वह कुर्सी खाली थी l सारिका का मन फिर दुख वेदना से घिर गया l

अपना मन शांत करने के लिए उसने लेपटॉप ऑन किया और अपना काम करने लगी l दोपहर मे दरवाजे पर दस्तक हुई सारिका ने बिना सामने देखे ही कहा,”यस कम इन !”
दरवाजे पर अधिराज जी थे वे अंदर आये और साइड टेबल पर खाना लगाते हुए कहा,”मीना ने बताया आज आप अपना टिफिन घर ही भूल आयी थी , तो हमने सोचा हम ले आते इस बहाने आपका ऑफिस भी देख लेंगे”


अधिराज जी की आवाज सुनकर सारिका ने हैरानी से सामने देखा , सामने उसके पापा खड़े थे सारिका को यकीन नही हुआ पापा उसके ऑफिस मे खड़े थे l सारिका ने लेपटॉप साइड में किया और उठकर अधिराज जी के सामने आकर हैरानी से कहा,”पापा आप यहां ?
“हमारा आना अच्छा नही लगा ?”,अधिराज जी ने कहा l
“नही पापा ऐसी बात नही है”,सरिका ने कहा


“तो फिर आईये खाना खाते है , हमने मीना से कहा कि हमारा खाना भी आपके साथ पैक कर दे l”,अधिराज जी कुर्सी पर आ बैठे l
सारिका को बहुत खुशी हुई अपने पापा का ये बदला हुआ रूप देखकर वह सामने पड़ी कुर्सी पर आकर बैठ गयी l उसने अपने ओर अधिराज जी के लिए प्लेट में खाना परोसा अधिराज जी ने एक निवाला तोड़कर सारिका की ओर बढ़ा दिया l सारिका ने देखा तो उसकी आंखो में आंसू भर आये l
“अरे ये क्या ? आपकी आंखो में आंसू ?”,अधिराज जी ने कहा


“बस ऐसे ही आज से पहले हमें लगा था कि आप हमसे अब भी नाराज है”,सारिका ने रुंधे गले से कहा
“बचपन मे भी तो आपको ऐसे ही खिलाते थे , वक्त के फैसलों ने भले ही फासले बढा दिए हो लेकिन खून के रिश्ते कभी बदलते नही है”,अधिराज जी ने भावुक होकर कहा l
सारिका ने अधिराज जी का हाथ थाम लिया और कहा,”आई एम सोररी पापा !’


आंखो में ठहरे आंसू बह गए l अधिराज जी ने सारिका के आंसू पोछे ओर निवाला खिलाते हुए कहा,”गलती हमारी भी है बेटा , हमने आपको वक्त दिया ही नही l हम मुम्बई आपके लिये आये है आने वाले 2 हफ़्तों में हमारा सारा वक्त आपका है”
सारिका मुस्कुरा दी दोनो बाप बेटी खामोशी से बैठकर खाना खाने लगे l खाना खाने के बाद सारिका ने अधिराज जी को अपना ऑफिस दिखाया स्टाफ से मिलवाया l बेटी की तरक्की देखकर अधिराज जी का सीना चौड़ा हो गया और सर गर्व से ऊंचा l शाम तक अधिराज जी सारिका के साथ ही थे और फिर घर के लिए निकल गये l

काका ने गाड़ी स्टार्ट की तो उन्होंने पैदल जाने का कहा और निकल गए l पैदल चलना अधिराज जी को काफी अच्छा महसूस करा रहा था l गाड़ी ओर सुख सुविधाओं ने इंसान को असली खुशी से वंचित कर दिया था और आज अधिराज जी को वही खुशी महसूस हो रही थी l मरीन ड्राइव पर चलते हुए वे सामने से आते शिवम से टकरा गए
“माफ कीजियेगा”,शिवम ने कहा
“अरे शिवम तुम ? तुम यहाँ इस तरह !”,अधिराज जी मे हैरानी से कहा


“जी वो हमने नोकरी छोड़ दी है”,शिवम ने धीरे से कहा
“पर क्यों ? , आओ वहां बैठते है”,कहकर अधिराज जी ने शिवम का हाथ पकड़ा उसे लेकर सामने दीवार की ओर बढ़ गए l दोनो आकर बैठ गए कुछ देर की खामोशी के बाद अधिराज जी ने कहा,”अब बताओ क्या हुआ ?”
शिवम ने अधिराज को सारी बात बता दी और कहा,”आप बताइए सर क्या हमने गलत किया ?
“सिर्फ कहकर छोड़ दिया , जिंदा गाड़ देना था l सारिका हमारी बड़ी बेटी है उसके सम्मान पर कोई आंच आये ये हम कभी नही होने देंगे l l

तुमने कुछ गलत नही बेटे !!”,अधिराज जी ने शिवम के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा l
“सर हम सारिका जी के लिए किसी के मुंह से गलत नही सुन सकते , सारिका जी क्या किसी भी लड़की के लिये गलत नही सुन सकते”,शिवम ने कहा
“तुम्हे अपने माता पिता से अच्छे संस्कार मिले है बेटा इसलिए”,अधिराज जी ने मुस्कुराते हुए कहा
“आप इस तरह पैदल , यहां ?”,शिवम ने पूछा


“सारिका के ऑफिस से आ रहा हु”,अधिराज जी ने कहा
“कैसी है वो ?”,शिवम ने चिंता जताते हुए कहा
“थोड़ी परेशान है , उसके बारे में तुम्हे एक बात बताता हूं वो बाहर से बहुत सख्त दिखती है , खुद को निडर ओर होशियार दिखाती है l पर उसका दिल उसका दिल बहुत नाजुक है बेटा !! वो हर बात को बहुत गहरे तक सोचती है “,अधिराज जी ने कहा
सारिका के बारे में एक नई बात शिवम को अधिराज जी से जानने को मिली

वह अवाक सा उनके चेहरे की ओर देखता रहा तो अधिराज जी ने मुस्कुरा कर कहा,”मैं भी ना क्या बताने लगा , वैसे मैं किसी से ये सब बातें नही कहता पर तुमसे कहने का मन किया l गलत मत समझना”
“नही सर आप बहुत अच्छे इंसान है”,शिवम ने कहा
“यही मुम्बई से हो ?”,अधिराज जी ने कहा
“जी नही बनारस से है ! नोकरी के लिए आये है”,शिवम ने कहा


बनारस नाम सुनते ही अधिराज जी के चेहरे से खुशी गायब हो गयी और उसकी जगह दर्द ने ले ली वो सामने देखते हुए कहने लगे,”बनारस ! इस शहर ने हमसे बहुत कुछ छीना है और यही वजह है कि हम आज भी उस हादसे को भूल नही पाए है l सालो पहले वहा से लौटते हुए हमने एक कार एक्सीडेंट में सारिका की माँ ओर हमारी छोटी बेटी को खो दिया था l

सारिका उस वक्त छोटी थी उसकी परवरिश के लिए हमने अम्बिका से रिश्ता जोड़ा ताकि सारिका को कभी माँ की कमी महसूस न हो अनु अम्बिका की बेटी है पर सारिका को लगा कि ये हमने अपने लिए किया है l ओर उस दिन के बाद से वो हमसे दूर होती गयी l

हमने अपनी दोनो बेटियों की परवरिश में कभी कोई कमी नही रखी l बनारस के उस हादसे को भूल ही नही पाए थे कि तभी पता चला सारिका वहां के किसी लड़के से प्यार करने लगी है l हमे लगा ये उनका बचपना है वक्त के साथ वो सब भूल जाएंगी पर ऐसा नही हुआ l सारिका वक्त के साथ उस लड़के के लिए गंभीर होती गयी l ना वह उसे जानती थी ना पहचानती थी , वो कौन है ? कहा है ? ये जाने बिना ही वह उसे बेपनाह चाहने लगी थी दीवानी हो चुकी थी l बहुत समझाया लेकिन नही समझी यहां तक के उसने सब छोड़ दिया l

हमसे दूर आकर मुम्बई रहने लगी l उनकी दूरियां कब हमारे लिए नाराजगी बन गयी पता ही नही चला l बनारस ने हमसे सारिका भी छीन ली थी !’
“ओर सर वो लड़का ?”,शिवम ने अधिराज जी का मन टटोलते हुए कहा
“नफरत करते है हम उस लड़के से ! ओर हमेशा करेंगे जिसकी वजह से 16 साल हम अपनी बेटी से दूर रहे “,अधिराज जी ने नफरत भरे भाव से कहा
शिवम का दिल टूटकर अंदर ही अंदर बिखर गया l

अधिराज जी की आंखो में अपने लिए नफरत देखकर उसे बहुत दुख हुआ l उसने सिर्फ प्यार किया था पर सोचा नही था एक प्यार के बदले में उसे नफरतों का सामना करना पड़ेगा l शिवम को खामोश देखकर अधिराज जी ने कहा,”पर अब हम खुश है , कुछ दिन बाद सारिका की सगाई है और उसके बाद शादी करके वो हमेशा हमेशा के लिए अमित के साथ न्यूयार्क चली जायेगी l ये शादी मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा सपना है जो जल्द ही पूरा होगा !”
शिवम का दिल बैठ गया l

वह चाहकर भी अधिराज जी को अपने बारे में बता नही सकता था l वह उनसे उनकी मुस्कुराहट छीनना नही चाहता था l तभी सामने से गले मे टोकरा लटकाए एक लड़के ने गुजरते हुए कहा,”साहब चना !”
अधिराज जी ने खरीदा ओर एक मुट्ठी शिवम की ओर बढ़ा दिया शिवम ने देखा तो अधिराज जी ने इशारे से खाने को कहा l शिवम ने एक चना उठाकर मुंह मे रख लिया l अधीराज जी ने कहा,”यार तुम इंसान बहुत बढ़िया हो l तुमसे मिलकर लगता नही जैसे कोई अजनबी हो एक अपनेपन की भावना महसूस होती है l तुमसे बात करके एक सुकून सा मिलता है”


“सर ! आपसे एक बात पूछे !”,शिवम ने कहा
“बिल्कुल !”,अधिराज जी ने चना खाते हुए कहा
“आप सारिका मैडम से बहुत प्यार करते है ना ?”,शिवम ने उनकी आंखो में देखते हुए कहा l
“दुनिया का कोई भी पिता ये नही बता पायेगा की वह अपनी बेटी से कितना प्यार करता है l उसकी खुशी के लिए मैं दुनिया का हर सुख छोड़ सकता हु “,अधिराज जी ने कहा l
“ओर हम उनसे इतना प्यार करते है कि उनकी खुशी के लिये उनको भी छोड़ सकते है”,शिवम ने मन ही मन कहा


उसे खामोश देखकर अधिराज जी ने कहा,”यार तुम बोलते बहुत कम हो और हम चुप नही होते , हमारी अच्छी जमेगी !! आज से हम दोस्त हुए”
“सर दोस्त ? आप उम्र में हमसे बड़े है और दोस्ती अगर बराबर उम्र की हो तो सही रहता है”,शिवम ने हिचकिचाते हुए कहा


“हमसे किसी ने कहा था कि अगर अपने से कम उम्र के लोगो से दोस्ती करो तो बढ़ती उम्र का अहसास कम होने लगता है”,कहकर अधिराज जी ठहाका लगाकर हंस पड़े ओर शिवम के कंधों पर हाथ रखकर कहा,”तुम बनारस की पहली देन हो जिसने हमने खुशी दी है अब तुम हमे दोस्त समझो ना समझो हमने तो तुम्हे अपना दोस्त मान लिया है”


शिवम हैरान था ये कैसी नियति थी महादेव की जो इंसान उस से नफरत करता है वही इंसान उसकी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है l शायद महादेव की यही मर्जी हो सोचकर शिवम ने अधिराज जी से हाथ मिला लिया l
“अच्छा दोस्त अब हम चलते है , फिर मिलेंगे !”,कहकर अधिराज जी उठे और वहां से चले गए l l लेकिन अपने पीछे छोड़ गए उलझे हुए शिवम को !


“ये कैसे धर्म संकट में डाल दिये हो महादेव हमको ? यहा हम सारिका को अपने साथ वापस बनारस ले जाने के लिए आये थे लेकिन ये इतना आसान नही है l सारिका की अमित से शादी उसके पापा का सपना है उस सपने को कैसे तोड़ सकते है ? अपने लिए इन सबकी खुशियां कैसे छीन सकते है हम ? हमे यहां से जाना होगा ,सारिका जी के लिए उनके अच्छे भविष्य के लिए हमे उनकी जिंदगी से जाना होगा l”,शिवम ने मन ही मन बहुत बड़ा फैसला ले लिया l


देर तक शिवम वही बैठा रहा l शाम को सारिका भी वहां आ पहुंची उसे नही पता था कि शिवम उसे यहा मिल जाएगा l सारिका खुशी से दौड़कर शिवम के पास आई ओर कहा,”तो आप यहां है , हम सुबह से आपको फोन कर रहे है पर फोन बंद है , आपको ढूंढ रहे है”
“किसलिए ?”,शिवम ने बिना सारिका की ओर देखे कहा l
“वो हमने सबके सामने आपसे इस बात की , आई एम सोररी ! बिना सच्चाई जाने हमने आपको गलत समझा हमे माफ कर दीजिए”,सारिका ने कहा


“कोई बात नही मैडम जी आप मालिक है आपको कहने का पूरा हक है “,शिवम ने बेरुखी से कहा l
“हमने कभी आपको खुद से कम नही समझा है शिवम , हम कभी खुद को किसी का मालिक नही समझते है l हम जानते है हमारी वजह से आपका दिल दुखा है और उसके लिए आप जितनी बार कहे हम माफी मांगने को तैयार है”,सारिका ने तड़पकर कहा
“हम कौन होते है आपको माफ करने वाले ? माफी मांगकर आप हमें शर्मिंदा कर रही है !”,शिवम ने कहा
“तो फिर कल से आप ऑफिस आएंगे ना ?”,सारिका ने उम्मीदभरे शब्दो मे पूछा l


“नही मैडम जी अब हम वहां कभी नही आएंगे l हम वापस अपने घर जा रहे है , बनारस !! यहां के माहौल मे खुद को ढाल नही पाएंगे मैडम जी !”,कहकर शिवम अपनी जगह से उठा सारिका घुटनो के बल गिर पड़ी और आंखो में आंसू भरकर कहा,”एक बार हमारी बात तो सुन लीजिए !”


शिवम सारिका को अनसुना कर आगे बढ़ गया l सारिका ने शिवम का हाथ पकड़कर उसे रोकते हुए कहा,”शिवम हमे अपनी बात समझाने का एक मौका तो दीजिए !”
“हमारे रास्ते अलग है मैडम जी !”,कहकर शिवम ने धीरे से अपने दूसरे हाथ से सारिका के हाथ से अपना हाथ छुड़ाया ओर चला गया सारिका की आंखो में ठहरा आंसुओ का सैलाब बह गया !!….

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संजना किरोड़ीवाल

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