Sanjana Kirodiwal

Story with Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

रांझणा – 40

Ranjhana – 40

Ranjhana

Ranjhana By Sanjana Kirodiwal

heart a brokenbroken heart a

Ranjhana – 40

मुरारी रातभर सो नहीं पाया l आज से पहले ये अहसास उसे कभी नहीं हुआ था l सारी रात वह बिस्तर पर करवटे बदलता रहा l बार बार अनु का चेहरा उसकी आँखों के सामने आता रहा l मुरारी उठकर बैठ गया साइड में सोए शिवम् को देखा और उठकर बालकनी में आ गया l 5वीं मंजिल से सामने दूर तक फैला समंदर बहुत खूबसूरत दिखाई दे रहा था l हलकी बारिश हो रही थी जिसकी फुहार जैसे ही मुरारी पर गिरती सिहर जाता l

एक हवा का झोंका का झोंका आया मुरारी ने अपनी दांयी तरफ देखा अनु खड़ी थी ये क्या हो रहा था उसकी आँखों को हर जगह उसे अनु ही दिखाई दे रही थी l मुरारी देखता रहा अनु करीब आयी और उसके गालों को अपने होंठो से छू लिया l मुरारी ने अपने दोनों हाथ अपने दोनों हाथों से छुपा लिए और आँखे बंद करके कहा,”इह का बवाल है महादेव , हमको हर जगह वो ही क्यों नजर आ रही है ?”


कुछ देर बाद मुरारी ने आँखे खोली अनु वहा नही थी l उसने इधर उधर देखा पर उसके सिवा वहा और कोई नहीं था l मुरारी ने हाथ की उंगलियां बालो में से निकाली और सामने समंदर को देखता रहा l आँखों में खालीपन पसरा हुआ था l रातभर वह सो नही पाया सोता तो अनु का ख्याल उसे जगा देता l

सुबह अधिराज जी और अम्बिका सारिका के साथ नाश्ता करने डायनिंग टेबल पर बैठे हुए थे l तभी अनु वहा आई रात को पीने की वजह से उसका सर दर्द से फटा जा रहा था l वह आकर बैठी और मीना से ब्लैक कॉफी देने को कहा l अनु को देखकर अधिराज जी ने कहा,”उम्मीद है कल वाले लेक्चर से तुम्हे कोई फर्क पड़ा होगा “
“सोररी पापा , आगे से नहीं होगा ऐसा”,अनु ने आँखे झुकाकर कहा l


“हम्म्म्म गुड़ !”,कहकर अधिराज जी सारिका की और मुड़े और कहा,”सारिका पंडित जी ने 14 दिन बाद मंगलवार का मुहूर्त बताया है l यहाँ से 2 दिन पहले ही हम सब इंदौर के लिए निकल जाएंगे l आपको कोई खरीदारी या फिर अपने दोस्तों , जान पहचान वालो को इनवाइट करना हो तो आप कर दीजियेगा”
14 दिन यानि सिर्फ दो हफ्ते , सुनकर सारिका का दिल धड़क उठा पर उसने खुद को सहज करते हुए कहा,”हमे कुछ नही खरीदना पापा और हम चाहते है सगाई में कम से कम लोग शामिल हो इसलिए यहाँ से सिर्फ हमारी दोस्त रश्मि और मीना आएगी”


“ठीक है फिर हम रामदीन से कहकर वहा अरेंजमेंट करवा देते है”,अधिराज जी ने नाश्ता करते हुए कहा l
सारिका चुपचाप नाश्ता करने लगी l
नाश्ता करने के बाद सारिका ने अपना बैग उठाया और ऑफिस के लिए निकल गयी रास्तेभर पापा की कही बात उसके दिमाग में घूमती रही l गाड़ी ऑफिस के सामने आकर रुकी तो सारिका की तन्द्रा टूटी और वह गाड़ी से बाहर आई l केबिन में आकर बैठ गयी और फाइल्स देखने लगी लेकिन ध्यान कही और था शिवम् पिछले 5 मिनिट से उसके सामने खड़ा था पर सारिका का उसपर ध्यान नही गया l


“मैडम जी !”,शिवम् ने धीरे से कहा
“अरे आप !”,सारिका शिवम् की आवाज से जागी
“वो गुप्ता वाले टेंडर की फाइल लेनी थी आपको कल साइन करने के लिए दी थी l आज मीटिंग है ना उनके साथ”,शिवम् ने सारिका को याद दिलाया l
सारिका को याद आया फाइल तो वह घर पर ही भूल चुकी है l उसने कहा,”सो सॉरी वो फाइल तो हम घर पर ही भूल आये”


“कोई बात नही हम ले आते है !”,शिवम् ने कहा
“ठीक है , मीना से कह दीजियेगा वो दे देंगी हमारे रूम से”,सारिका ने कहा
“ठीक है हम जाते है”,कहकर शिवम् जाने लगा तो सारिका ने टोकते हुए कहा,”शिवम् ?
“जी !”,पलटकर शिवम् ने कहा


“ऐसा नही कहते जब भी कही जाना हो तो कहियेगा जाकर आते है”,सारिका ने प्यार से कहा
शिवम् मुस्कुराया और कहा,”ठीक है मैडम जी हम अभी जाते है और फाइल लेकर आते है , अब ठीक है ?”
सारिका ने भी मुस्कुराते हुए हाँ में गर्दन हिला दी l

शिवम् वहा से निकल गया l उधर अनु शिवम् से मिलने का बहाना ढूंढने लगी l लेकिन कैसे कुछ समझ नही आ रहा था शिवम् से अभी उसकी इतनी बात चित भी तो नहीं हुई थी और शिवम् के सामने आते ही उसकी बोलती भी बंद हो जाती थी l इसी उधेड़बुन में लगी अनु कॉलेज के लिए तैयार होने लगी l अम्बिका मीना से कहकर उस से घर की साफ सफाई करवा रही थी l अधिराज जी घूमकर घर देख रहे थे घूमते हुए वह सारिका के कमरे में आये l

सामने दिवार पर उनकी नजर जम गई जहा सारिका ने उनकी , अपनी माँ , अम्बिका और अनु के ढेर सारे फोटोग्राफ्स लगा रखे थे l अधिराज जी पास आये और उन्हें छूकर देखने लगे l एक ममता भरा अहसास उन्होंने महसूस किया दिवार के पास ही लगी रॉ में कुछ किताबें रखी हुई थी उनमे एक किताब पर अधिराज जी की नजर जम गई तो उन्होंने वो किताब निकाली और खोली तो पाया कि वो एक डायरी थी एक खाली डायरी जिसके पहले पन्ने पर कुछ लिखा था और उसके बाद आगे के सारे पन्ने खाली थे l अधिराज जी ने पहले पन्ने को देखा लिखा था

“मेरे पापा -: वो हमसे बहुत दूर है पर हम जानते है एक दिन वो लौटकर हमारे पास जरूर आएंगे तब उनसे जुड़ी हर बात हम अपनी डायरी में लिखेंगे !

सख्त मिजाज होने के कारण भी अधिराज के आँखों में नमी तैर गयी उन्होंने वो किताब वापस रौ में रख दी l शीशे में लगी गुड़िया पर जब उनकी नजर गयी तो वे उसकी और बढे और उसे बाहर निकाला उन्हें याद आया ये वही गुड़िया थी जो उन्होंने सारिका के 10वे जन्मदिन पर दी थी कितना खुश हुयी थी वो और पूरे हफ्ते वह उसे लेकर घर में घूमती रहती थी l अधिराज जी ने सहेज कर उसे वापस रख दिया l

उन्होंने महसूस किया की अपनी जिद और झूठे अहंकार के चलते उन्होंने अपनी बड़ी बेटी को खुद से कितना दूर कर दिया था l उस कमरे में ज्यादा ना रूककर अधिराज जी बाहर आये और बगीचे की और बढ़ गए वहा लगे पोधो को देखने लगे ये सब पौधे अधिराज जी की पसन्द के थे l उनके चेहरे पर मुस्कराहट तैर गयी l आगे बढ़ते हुए अचानक उनका पांव उलझा और वो जैसे ही गिरने को हुए सामने से आते शिवम् ने उन्हें थाम लिया और गिरने से बचाते हुए कहा,”अरे सर धयान से , आप ठीक तो है ?”


“ह्म्म्म हम ठीक है , आप ?”,अधिराज जी ने शिवम् को देखकर कहा
शिवम् ने अधिराज जी के चेहरे की और देखा वही आँखे वही मुस्कान वही चेहरा बस बालो में उम्र का कुछ असर दिखने लगा था l शिवम् ने हाथ जोड़कर नमस्ते करते हुए कहा,”जी हमारा नाम शिवम् है , सारिका जी के साथ ही काम करते है”
“अच्छा , हम सारिका के पिता है ! आओ अंदर आओ”,अधिराज जी ने बड़े प्यार से कहा
“शुक्रिया , वो मैडमजी ने अपनी कोई फाइल लाने को कहा था , वही लेने आये है l अगर मिल जाती तो”,शिवम् ने कहा


“हां जरूर “,कहकर अधिराज जी शिवम् के साथ अंदर चले आये शिवम् ने मीना से फाइल के बारे में कहा तो वह अंदर जाकर फाइल ले आयी l अनु अपना बैग उठाये कॉलेज जाने के लिए निकल ही रही थी की शिवम् को देखकर रुक गयी और मन ही मन ख़ुशी से झूमते हुए कहा,”वॉव क्या किस्मत है मेरी ! “
शिवम् हाथ से ना निकल जाये सोचकर अनु अधिराज जी के पास आई और कहा,”पापा कॉलेज ?
“बेटा हमे तो ड्राइविंग आती नहीं है ,तुम स्कूटी से चली जाओ”,अधिराज जी ने कहा


“स्कूटी सर्विस पर है पापा , ये है ना शिवम् जी हमारा कॉलेज और दी का ऑफिस एक ही रास्ते पर है ये छोड़ देंगे l अगर आप कहे तो”,अनु ने जाल फेंकते हुए कहा
“हां बिल्कुल , छोड़ दोगे ना बेटा ?”,अधिराज जी ने शिवम् से कहा l
मरता क्या न करता शिवम् को मजबूरन हां कहना पड़ा पर अनु ने झूठ क्यों कहा कि उसका कॉलेज ऑफिस की तरफ पड़ता है जबकि दोनों ही जगह ओपोजिट साइड में थी l खैर अनु के साथ शिवम् बाहर आया l

लेकिन अच्छी किस्मत सिर्फ अनु की ही नही शिवम् की भी थी सामने से अपनी बाइक पर आते मुरारी दिखाई दिया शिवम् की जान में जान आई वह दौड़कर मुरारी के पास आया और कहा ,”तुम सुबह सुबह यहाँ ?
“अरे वो इह सारिका जी का झुमका अपने घर गिर गया था , वही देने आये है”,मुरारी ने झूठ बोलते हुए कहा l झुमका तो बहाना था अपने मुरारी भैया तो उसे देखने आये थे जिसने कल रात से उसकी नींद उड़ा रखी थी l
“हम सब समझ रहे है मुरारी ! झुमका इतना भी इम्पॉर्टेट नही है जितना उनका दीदार , है कि नही”,शिवम् ने छेड़ते हुए कहा


“का भैया तुम भी ?”,मुरारी ने शरमाते हुए कहा
“अरे शरमा रहे हो तुम ? अच्छा चलो तुमरे लिए कछू करते है l अनु को कॉलेज छोड़ना था हमे अब तुम आ गए हो तो इह काम तुम कर दो , तुमको उसके साथ थोड़ा वक्त भी मिल जायेगा और हम जल्द से जल्द अपनी वाली के पास पहुंच जायेंगे”,शिवम् ने कहा
“भैया तुम ना बहुत कमीने हो “,मुरारी ने शिवम् का गाल चूमते हुए कहा l
तब तक अनु भी आ गई और शिवम् से कहा,”चले !”


“अनु हमारी मीटिंग है तो सारिका जी ने हमें सीधा वेन्यू पर ही बुलाया है , आपको कॉलेज मुरारी छोड़ देगा”,शिवम् ने अनु के अरमानों पर पानी फेरते हुए कहा
“ये दी भी ना हमेशा गलत टाइम पर एंट्री लेती है”,अनु ने मन ही मन सारिका को कोसते हुए कहा और फिर बेमन से हाँ में गर्दन हिला दी l
मुरारी बहुत खुश था अनु पहली बार उसके साथ बाइक पर बैठकर जो जा रही थी l शिवम् फाइल लेकर वहा से निकल गया l

मुरारी ने बाइक घुमाई तो अनु उसके पीछे आ बैठी l जैसे ही उसने मुरारी के कंधे पर अपना नाजुक सा हाथ रखा मुरारी के दिल के सारे तार झनझना उठे l मुरारी अनु को लेकर निकल गया l रास्ते भर वह बाइक के शीशे में अनु का प्यारा सा चेहरा देखते रहा l पर अनु किसी और ही सोच में डूबी थी l बाइक कॉलेज के सामने आकर रुकी अनु उतरी और कहा,”थैंक्स !
मुरारी मुस्कुरा दिया अनु चली गयी चलते चलते मुड़ी और कहा,”जाओ !


“अरे तुमको वापस भी तो जाना होगा ना घर !”,मुरारी ने तेज आवाज में कहा
“तब तक क्या यही खड़े रहोगे”,अनु ने पूछा
“एडजस्ट कर लेंगे , तुम जाओ और आराम से अपनी पढाई करके वापस आओ तब तक यही है”,मुरारी ने कहा
अनु मुस्कुराकर चली गयी l
मुरारी ने बाइक साइड में लगाईं और नीचे उतरकर अंगड़ाई ली l

कॉलेज के बाहर बैठा गार्ड उसे ही देख रहा था मुरारी ने शर्ट से चश्मा निकाला अपना गमछा ठीक किया और आकर कहा,”का चच्चा बहुत चोड़ियात रहे हो ?
“कनपुरिया हो ?”,गार्ड ने हथेली में जर्दा रगड़ते हुए कहा l
“अरे चच्चा खूब पहचाने , कनपुरिया बनारासिया मिक्स है , मिक्स वेज की तरह”,मुरारी ने पास पडी कुर्सी पर बैठते हुए कहा l


“बहुते अच्छा , तो मुम्बई में का कर रहे हो ?”,चाचा ने जर्दा मुंह में दबाते हुए कहा
“अब का बताये अपनी राम कहानी , इह मोहब्बते ने ससुरा खराब किया हुआ है सबको , बस उसी के चक्कर में पड़े है”,मुरारी ने कहा l
“अरे भैया मोहब्बत जो ना कराये वो कम है”,चाचा ने भी कहा
“अच्छा इह बताओ चचा इह कॉलेज कैसा है ? मतलब पढाई के मामले में अच्छा है ना”,मुरारी ने बात पलटते हुए कहा


“अरे बहुते अच्छा है बिटवा , हमने तो खुद ही ग्रेजुएशन यही से किया है”,गार्ड ने पिक थूकते हुए कहा
मुरारी को झटका सा लगा जितना सीधा समझा था उतना सीधा चचा था नहीं मुरारी उठा और कहा,”चचा तुम सम्हालो अपना कॉलेज हम ज़रा चाय वाय पीकर आते है”
मुरारी वहा से निकलकर सामने चाय की दुकान पर आकर चाय पीने लगा और फिर वही बैठकर अनु के आने का इंतजार करने लगा l 2-3 घंटे बाद अनु बाहर आई l

अनु को देखते ही मुरारी का चेहरा खिल उठा l वह उसकी और आया लेकिन उसने देखा अनु के पीछे एक लड़का भी आ रहा है जिसे अनु दूर रहने के लिए कह रही है l अनु ने गुस्से से उसे कुछ कहा तो लड़के ने सबके सामने अनु को गाली दे दी मुरारी से ये बर्दास्त नही हुआ उसके एक घुसा लड़के को दे मारा और कहा,”ज्यादा जबान ना चलाओ वरना काट के नाले में बहा देंगे , का समझे ?”
लड़का उठा और मुरारी को धक्का देकर कहा,”अबे कौन है तू ?


“इंट्रो देंगे तो शाम हो जायेगी , बस ये जान लो आज के बाद इनको परेशान किया तो अच्छा नहीं होगा”,कहकर मुरारी ने लड़के का गाल थपथपाया और जाने के लिए मुड़ा l
“और अगर परेशान किया तो क्या कर लेगा ?”,लड़के ने अकड़कर कहा
मुरारी पलटा और एक कंटाप मारकर कहा,”तो बेटा मुंह से हाथ से समझायेंगे !”
लड़के ने कुछ बोलने के लिए मुंह खोला तो मुरारी ने दूसरे गाल पर भी धर दिया l


“स्टॉप इट , क्या कर रहे हो तुम ?”,अनु ने मुरारी को अपनी और खींचकर कहा
“तुमको नहीं दिख रहा का कर रहे है ? उह गाली दे रहा तुमको कुछ ना बोले उसे ?”,मुरारी ने गुस्से से कहा
“आहः यू स्टुपिड वो प्रेंक था , देखो वहा कैमरे से शूट कर रहा है l हम सब दोस्त है”,अनु ने झुंझलाकर कहा l
“प्रेंक व्रेन्क हम नही समझते , औरतो को गाली देना हमारे उसूलों के खिलाफ है !”,मुरारी ने चश्मा निकालकर शर्ट में लगाते हुए कहा l


“ओके फाइन , जाकर उस से माफ़ी मांगों प्लीज़”,अनु ने रिक्वेस्ट करके कहा तो मुरारी लड़के के सामने आया उसके होंठो से खून निकल आया था मुरारी ने ऊँगली से खून पोछते हुए कहा,”माफ़ करना यार उह गुस्से में , पर तुमको भी तो बताना चाहिए था ना की मजाक है इह सब ,, पर देखो औरत जात की हमेशा इज्जत करनी चाहिए तब हे तुम असली मर्द कहलाओगे का समझे ?”
“समझ गए भैया आज के बाद लड़की तो क्या हम किसी लड़के को भी गाली नहीं देंगे”,लड़के ने मिमियाते हुए कहा
“ज्यादा जोर से लगी क्या ?

अरे हमरे बनारस में कंटाप कहते है इसे , कंटाप मारना नहीं सीखे हो ? कोई नहीं हम सीखा देंगे !! अभी चलते है”,कहकर मुरारी वहा से निकल कर अपनी बाइक के पास आ गया l
अनु ने लड़के से बात करने चाही लेकिन लड़का गाल सहलाते हुए वहा से निकल गया l अनु मुरारी के पास आई और कहा,”क्या जरूरत थी उसे मारने की ?
“अब तुमरे साथ कोई बदतमीजी करेगा तो मारेंगे ना उसको”,मुरारी ने कहा


“अच्छा तो क्या सबको मारोगे ?”,अनु ने कहा
“हाँ मारेंगे !”,मुरारी ने कहा
“क्यों मारोगे ?”,अनु ने कमर पर हाथ रखते हुए कहा
“क्योंकि हम तुमसे…………..!”,मुरारी कहते कहते रुक गया
“रुक क्यों गये बोलो ?”,अनु ने कहा
“क्योंकि हमसे नहीं बर्दास्त होता कोई तुमसे बदतमीजी करे !”,मुरारी ने बात बदल दी


“अच्छा !! और अगर किसी ने की तो ?”,अनु ने कहा
“तो जिन्दा गाड़ देंगे उसे “,मुरारी ने अनु की आँखों में देखते हुए कहा l
अनु मुरारी के जवाब से निरुत्तर हो गयी और उसके चेहरे की और देखने लगी मुरारी ने बाइक स्टार्ट की और अनु से बैठने का इशारा किया l अनु मुरारी के पीछे आ बैठी मुरारी ने बाइक आगे बढ़ा दी l मौसम अच्छा था और अनु का साथ था इसलिए जल्द ही मुरारी का मूड अच्छा हो गया उसने अनु से कहा ,”कुछ खाओगी ?


“हां गोलगप्पे !”,अनु ने कहा
कुछ दूर जाकर मुरारी ने गोलगप्पे वाले के पास जाकर बाइक रोक दी l गोलगप्पे वाले से उसने खिलाने को कहा l लड़के ने दोनों को कटोरी पकडा दी और एक एक कर गोलगप्पे खिलाने लगा l अनु का मूड ठीक हो चुका था l अनु से अपने दिल की बात कहने का यही सही मौका था , मुरारी ने खाते हुए कहा,”उह कल रात हम तुमरे बारे में ही सोचते रहे !!
“मेरे बारे में क्यों ?”,अनु ने खाते हुए हैरानी से कहा


“सोच रहे थे की कैसे बताये तुमको ?”,मुरारी ने एक और खाते हुए कहा
“क्या बताना है ?”,अनु ने अगला पीस खाते हुए कहा
“अरे वो हम तुमरे बारे में क्या सोच रहे थे ये ही”,मुरारी ने कहा l तब तक लड़का कटोरी में दो तीन पीस रख चुका था l मुरारी ने लड़के की और देखकर कहा,”भैया रुकना जरा l
फिर अनु की और देखकर कहा,”अब कैसे समझाए तुमको यार ? चलो छोडो खाओ तुम !”,मुरारी ने कहा l


अनु मुरारी की बात इग्नोर करके गोलगप्पे खाती रही उसकी कटोरी में ख़त्म हो गए तो मुरारी ने अपनी कटोरी भी आगे बढ़ा दी और कहा,”लो इह भी ठूस लो !!”
अनु ने उसके हाथ से कटोरी ली और खाने लगी मुरारी उसे खाते हुए देखकर सोचने लगा,”इह से कुछ कहना बेकार है इसको खाने और झगड़ा करने के अलावा कुछ नही दिखता l और साला हम भी तो नही बोल पाए ना कुछ कैसे प्यार के नाम से बोलती बंद हो गयी हमरी ? सच में शिवम् भैया महान है ,, इस मैगी के चक्कर में तो पागल ही हो जायेंगे हम सबसे पहले तो इसे समझना होगा l

थोड़ी बेवकूफ है ये पर कुछ भी कहो यार है बहुते गजब , इह साथ हमरी जोड़ी जमेगी जरूर l”
“क्या हुआ चलो ?”,अनु ने मुरारी की बांह पकड़कर उसे हिलाते हुए कहा l मुरारी अपने खयालो से बाहर आया और अनु को लेकर निकल गया l
ये तो सच था कि अपने मुरारी को इश्क़ हो गया था लेकिन जितना आसान इश्क़ करना था उस से कई ज्यादा मुश्किल इसे निभाना भी था l बाइक पर बैठे हुए अनु का हाथ एक बार फिर मुरारी के कंधे पर था l मुरारी का मन हवा के साथ साथ हिचकोले खाने लगा और उसी के साथ उसे याद आने लगे हिंदी फिल्मों के रोमांटिक सांग

शिवम् फाइल लेकर ऑफिस पहुंचा l ऑफिस से कुछ ही दूर गुप्ता जी ने होटल में मीटिंग रूम बुक किया उनके साथ 200 करोड़ की डील थी सारिका ने शिवम् को इस मीटिंग के लिए भेजा साथ में पूजा और विकास भी थे जिन्होंने फाइल वर्क और बाकि अरेंजमेंट्स देखे थे l शिवम् की ये पहली मीटिंग थी लेकिन सारिका को उस पर भरोसा था l शिवम् उन दोनों के साथ ऑफिस से बाहर निकल गया l सारिका वापस अपने काम में लग गयी l


गुप्ता जी मीटिंग के दौरान शिवम् से काफी इम्प्रेस थे l बनारस का लड़का जिसे ऑफिस वर्क का कोई नॉलेज नहीं आज मुम्बई के बिजनेसमैन पर भारी पड़ रहा था l विकास और पूजा भी शिवम् से काफी इम्प्रेस हुए l गुप्ता जी ने डील पक्की कर दी l कुछ देर बाद पूजा और विकास को बाहर भेजा और शिवम् को वही रुकने को कहा l उन दोनों के जाने के बाद गुप्ता जी ने कहा,”शिवम् जी मैंने सुना है आपकी मैडम सारिका जी बहुत खूबसूरत है”
“जी हा और उनके विचार उनसे भी ज्यादा खूबसूरत है”,शिवम् ने सहजता से कहा


“विचारों का हमे क्या करना है ? आप तो जानते ही है खूबसूरत चीजो पर हम जान छिड़कते है”,गुप्ता जी ने पेग बनाते हुए कहा
“आप कहना क्या चाहते है ?”,शिवम् ने गुप्ता जी के इरादे भांपते हुए कहा l
“अगर टेंडर के बदले में आपकी मैडम सिर्फ एक रात मेरे साथ , यू नो व्हाट आई मीन ?”,गुप्ता ने बेशर्मी से कहा
ये बात सुनकर शिवम् का खून खोल गया उसने गुप्ता जी की कॉलर पकड़ी और गुस्से से कहा,”अपनी गन्दी जुबान से हमारी मैडम जी का नाम भी मत लेना , वरना जान ले लेंगे तुम्हारी”


“होश से काम लो शिवम् , ऐसी डील बार बार नहीं होती है 200 करोड़ कोई कम रकम नही है l”,गुप्ता ने शिवम् को लालच देकर कहा l
शिवम् ने गुप्ता को खींचकर एक घुसा मारा जिससे वह नीचे जा गिरा और उसकी कॉलर पकड़कर उसे उठाते हुए कहा,”मैडम पर 200 करोड़ तो क्या दुनिया की सारी दौलत लुटा सकते है हम , अगर तू उनका मेहमान ना होता तो इसी वक्त तुझे तेरी औकात दिखा देता”
“तू जानता भी है किस से बात कर रहा है ?”,गुप्ता जी ने कॉलर छुड़ाते हुए कहा


“हां बहुत अच्छे से जानता हूं तुझ जैसे घटिया आदमी को जिनके लिए पैसे से बड़ा कोई भगवन नहीं होता पर हमारे लिए हमारी मैडम जी ही भगवान है”,शिवम् ने एक घुसा और दे मारा नाक से खून बह निकला l
“मैं चाहु तो तुम्हे अभी पुलिस के हवाले कर सकता हु यू ब्लडी बास्टर्ड तूने मुझपे हाथ उठाया है , मुझपे “,गुप्ता बोखला उठा l


“तो बुला ना पुलिस , तुझ जैसे लोग पुलिस के नाम से डरते होंगे मैं नहीं , आज के बाद अगर सारिका का नाम भी अपनी जुबान पर लाया तो नंगा करके मुम्बई की सड़कों पर दौडाउंगा , का समझे अकेली नहीं है तो उसके साथ उसका ये शिवा है l “,शिवम् ने गुस्से से चिल्लाकर कहा
गुप्ता उठा और टेंडर की फाइल फाड़कर शिवम् के मुंह पर फेंकते हुए कहा,”तो जा फिर लेकर दिखा कोई दूसरा टेंडर !!
“दो पैसे के लिए तुम्हारे सामने दुम हिलाने वाले लोगो में मैं नहीं हूं l मेहनत का खाने की आदत है साहब हराम का नहीं”,कहकर शिवम् से निकल गया l

गुप्ता गुस्से में पांव पटककर रह गया उसे लगा टेंडर फाड़ने से शिवम् उसके पैरों में आ गिरेगा लेकिन शिवम् एक स्वाभिमानी इंसान था और बात सारिका के चरित्र की थी जिसे शिवम् किसी भी कीमत पर मैला होने नही दे सकता था l शिवम् को गुस्से में देखकर पूजा और विकास भी वहा से साथ साथ चले आये l शिवम् का गुस्सा देखकर किसी में इतनी हिम्मत नही थी की उस से कुछ पूछ सके l l

शिवम् वापस ऑफिस आया तब तक गुप्ता ने सारिका को फोन करके टेंडर रद होने की खबर दे दी थी l साथ ही कुछ बाते लगा कर भी कह दी l सारिका को बहुत बुरा लगा शिवम् पूजा और विकास के साथ सारिका के केबिन में आया तो सारिका ने कहा,”ये क्या किया आपने ? पिछले 4 साल से गुप्ता जी हमारे रेगुलर पर्सन है उनके साथ आपको इस तरह पेश नही आना चाहिए था”


“मैडम जी , वो गुप्ता जी बहुत ही घटिया और गिरे हुए इंसान है l आप नहीं जानती टेंडर के बदले में वो हमसे ,, छी हमे तो हमे तो कहते हुए भी शर्म आ रही है”,शिवम् ने गुस्से से कहा
“शिवम् ये सब बिजनेस डील्स है , आप नहीं समझेंगे उन्होंने अगर कुछ कहा भी तो आपको उनसे इस तरह पेश नही आना चाहिए था”,सारिका ने परेशानी से कहा
“आप जानती भी है उन्होंने क्या कहा था ? हमारा बस चलता तो उसे उसी वक्त जिन्दा जमीन में गाड़ देते”,शिवम् ने गुस्से से सारिका को घूरते हुए कहा


“शिवम् ! गुप्ता जी हमारी कंपनी में 20% पार्टनरशिप में है , आपको उनसे माफ़ी मांगनी चाहिए”,सारिका ने कहा
“माफ़ी किस बात की माफ़ी ? मैडम जी हमे नही लगता 200 करोड़ इस वक्त इतना मायने रखते है”,शिवम् ने हैरत से कहा
“शिवम् बात पेसो की नहीं है , पर बिजनेस की दुनिया है यहाँ भावनाएं नहीं चलती है l कुछ बातों को और कुछ लोगो को नजरअंदाज करना भी पड़ता है l”,सारिका ने समझाते हुए कहा


“अगर ऐसी बात है तो माफ़ करना मैडम जी , गुप्ता जी के साथ साथ दो थप्पड़ की जरुरत आपको भी है”,शिवम् ने नफरत से कहां
“शिवम् “,सारिका चिल्ला उठी
“चिल्लाइये मत मेडम जी !! उन्होंने जो बदतमीजी की है उसका जवाब उन्हें हम सूद समेत देकर आये है और जिसके लिए हम उनसे माफ़ी हरगिज नहीं मांगेंगे l चलते है आपकी नोकरी और आपकी दरियादिली आपको मुबारक !!”

शिवम् ने सारिका के सामने हाथ जोड़े और वहां से चला गया l सारिका की आँखों में आंसू भर आये उसने पूजा और विकास को जाने का इशारा किया और खुद आकर अपनी कुर्सी पर बैठ गयी दिमाग में बस एक ही बात आ जा रही थी

शिवम् पर भरोसा करके गलती की या फिर उसे नोकरी देकर !!

Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40

Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40Ranjhana – 40

Continue With Part Ranjhana – 4

Read Previous Part Here रांझणा – 39

Follow Me On instagram

संजना किरोड़ीवाल

sanjana kirodiwal bookssanjana kirodiwal ranjhana season 2sanjana kirodiwal kitni mohabbat haisanjana kirodiwal manmarjiyan season 3sanjana kirodiwal manmarjiyan season 1

5 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!