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रांझणा – 22 

Ranjhana – 22

Ranjhana

Ranjhana By Sanjana Kirodiwal

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Ranjhana – 22

“शिवा की शादी हो चुकी”

सारिका ने जैसे ही सुना दिल ने एक पल के लिए धड़कना बंद कर दिया l सांसे जहर की तरह महसूस होंने लगी l आँखे आंसुओ से भर गयी l लगा कलेजा कट कर बाहर आ गिरेगा l सारिका को लगा जैसे एक पल मे सब खत्म हो गया l उसने भर्राई हुई आवाज में कहा,”क्या ये सच है पंडित जी ?

“अरे बिटिया हम तुमसे झूठ काहे बोलेंगे , बनारस के बाहर कुछ ही दूर उसका गांव है l तीन दिन से वही थे वो तो आने ही नहीं दे रहा था लेकिन आज और कल मंदिर में बड़ी पूजा है इसलिए आना पड़ा”,पंडित जी ने कहा

सारिका ने आगे कुछ नहीं कहा पंडित जी को नमस्ते किया और वहा से बाहर आ गयी l वह धीरे धीरे चल रही थी उसके पैरो में जैसे जान ही नहीं थी l आंसू आँखों से बाहर आने को बेताब थे जिन्हे सारिका ने किसी तरह रोका हुआ था , मन में एक खुद से ही जंग छीड़ी हुई थी की आखिर ऐसा कैसे हो सकता है ? जिसका उसने इतने साल इंतजार किया उसने उसका जरा सा भी इन्तजार नहीं किया , सारिका पानी के पास आकर सीढ़ियों पर बैठ गयी l

आँखों में भरे आंसू बह निकले , सारिका ने अपने चेहरे को अपनी हथेलियों में छिपाया और रो पड़ी l 14 सालो का सारा दर्द उस वक्त आंसुओ के जरिये बह गया l सारिका रोती रही l आज उसके आंसू पोछने वाला कोई नहीं था l कुछ देर बाद उसने अपने आंसू पोछे और पानी को देखते हुए सोचने लगी,”आखिर ऐसा क्यों किया महादेव ने हमारे साथ ? जब हमे मिलना ही नहीं था तो फिर अब तक क्यों इंतजार की डोर में बांधकर रखा उन्होंने हमे ?

एक एक दिन हमारे लिए एक एक साल की तरह गुजरा है लेकिन आखिर में क्या मिला ? वही दर्द जो अब तक सहते आये है l महादेव को तो दयालु कहा जाता है न फिर क्या उन्हें हम पर एक बार भी दया नहीं आई ? और उन्होंने शादी कर ली एक बार भी ये जानना जरुरी नहीं समझा ही हम कहा है और हम पागलो की तरह उनके लिए बनारस चले आये l 14 साल इंतजार किया , उनके लिए ना जाने कितनो का दिल दुखाया l

(एक बार फिर आंसू उसकी आँखों से बहने लगे) पर सही तो है उनको अपनी जिंदगी जीने का हक है , वो हमारा इंतजार क्यों करते ? उन्होंने तो कभी नहीं कहा था की वो हमसे प्यार करते है l एकतरफा सोचा जाये तो उनका फैसला सही भी है l आखिर कोई कब तक किसी का इंतजार करेगा ? पर ये बात हम अपने दिल को कैसे समझाए ? (आंसू आँखों से बहते जा रहे थे)

सूरज निकल आया था घाट पर लोगो की भीड़ भी होने लगी थी सारिका ने दुपट्टे के किनारे से अपनी आँखे पोछी और उठकर वहा से बाहर निकल आयी l गुमसुम और उदास सी वह शिवम् के घर की तरफ बढ़ गयी l घर आकर सारिका सीधे अपने कमरे में चली आई l बेग से अपनी डायरी निकाली और उस में लिखे पहले शब्द “रांझण” को निहारने लगी उसने बहुत कोशिश की लेकिन आँखों में आये आंसुओ को रोक नहीं पाई और वो एक एक कर डायरी के पन्ने पर गिरकर उसे भीगाने लगे l

सारिका को अब उस नाम का वजूद अपने आंसुओ में धुलता नजर आ रहा था l सारिका ने डायरी को बंद करके बिस्तर पर फेंक दिया l गुस्से और बेबसी के मिले जुले भाव उसके चेहरे पर थे l वह बिस्तर पर गिर पड़ी और तकिये में मुंह छिपा लिया l 

शिवम् अपने कमरे में सो रहा था l खिड़की से आती धुप जब चेहरे पर गिरी तो शिवम् की नींद खुली l वह उठकर बैठ गया l पीठ पर लगे घाव का दर्द अब कुछ कम था l शिवम् ने पास पड़ी शर्ट उठायी और उसे पहनकर बाहर आ गया l हाथ मुंह धोकर वह बरामदे में ही बैठकर चाय का इंतजार करने लगा l आई ने देख लिया था इसलिए आँगन में काम छोड़कर वह किचन की और चली गयी l शिवम् ने नजर इधर उधर दौड़ाई पर जिसे वह देखना चाह रहा था वह दिखाई नहीं दिया l 

“का भैया किसी को ढूंढ रहे हो का?”,मुरारी ने शिवम् के पास पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए कहा

“अरे ! तुम कब आये ? और वो भी सुबह सुबह”,शिवम् मुरारी को वहा देखकर हैरान हो गया

“वो का है न दो दिन से तुमसे दूर है ना तो जी थोड़ा बिलबिलाय रहा तुमसे मिलने को इसलिए चले आये, और आई की डांट भी खानी हैं ना का है न जब तक इनकी डांट ना खा ले दिन अच्छा नहीं गुजरता”,मुरारी ने पसरते हुए कहां

“तुम तो ऐसे कह रहे हो जैसे हम तुम्हारी जोरू हो”,शिवम् ने कहा

“भैया,,,,,,,,,,,,,,,बन जाओ ! शादी तो हमरी वैसे भी नहीं होनी कमसे कम जोरू बनके फील ही दे दो’,मुरारी ने मुस्कुराते हुए कहा

शिवम् ने एक मुक्का उसकी पीठ पर मारा और कहा,”तुम सुबह सुबह फिर शुरू हो गए , शादी के अलावा और कोई बात नहीं आती तुम्हारे दिमाग में ?”

“आती है न , पर शादी वाला ऑप्शन सबसे ऊपर रहता है , 26 के हो गए है हमारे भी कुछ अरमान है”,मुरारी ने कहा

“क्या अरमान है?”,शिवम् ने घूरकर देखते हुए कहा

“अरे हमरी शादी हो , कोई गीले गीले बालो से सुबह सुबह अपने हमे भी चाय के लिए उठाये , हमरे लिए अच्छा अच्छा खाना बनाये , जब शाम को हम घर आये तो दरवाजे पर खड़ी होकर हमारा इंतजार करे , जब उ हमरे साथ बनारस की गलियों में निकले तो बस सबकी जल जाये हमे देखकर , फिर उसके बाद बच्चो की लाइन लग जाये और वो तुम्हे ताऊ ताऊ कहकर बुलाए तो महादेव की कसम जिंदगी जीने का मजा आ जाये l”,मुरारी ने कहा

“अबे ब्रेक लगा कुछ भी बोले जा रहा है’,शिवम् ने उसका मुंह बंद करते हुए कहा

मुरारी ने अपने मुंह से शिवम् का हाथ हटाते हुए कहा,”क्यों ? क्यों ब्रेक लगाए ? जवानी पर कोनो ब्रेक लगा पाया है भला , और तुम तो ऐसे कह रहे हो जैसे तुमरे दिल में तो इह ख्याल कभी आये ही नहीं”

“हम ये सब नहीं सोचते”,शिवम् ने मुंह घुमाकर कहा

“अच्छा तो इका मतलब तुम कभी शादी नहीं करोगे है ना ?”,मुरारी ने कहा

“हां नहीं करेंगे”,शिवम् ने सख्त होकर कहा

“अगर तुमरी मैडम जी मिल जाये तब भी नहीं”,मुरारी ने मैडम जी शब्द पर जोर देते हुए कहा

मुरारी की इस बात पर शिवम् खामोश हो गया l तो मुरारी ने कहा,”अरमान तो तुमरे दिल में भी बहुते है बस तुमने दबा रखे है”

“देखो ऐसा है ज्यादा बेशर्म ना बनो तुम”,शिवम् ने मुरारी को डांटते हुए कहा

“अरे हमने का गलत कहा , हम तो सही बोल रहे है l “,मुरारी ने कहा

दोनों में मीठी नोक झोक चलती रही l आई दोनों के लिए चाय ले आई उन्होंने एक कप शिवम् को दिया और दूसरा मुरारी को दे दी l शिवम् आई से सारिका के बारे में पूछना चाहता था पर कैसे पूछे मुरारी शिवम की उलझन समझ गया उसने चाय पीते हुए कहा,”अरे आई वो सारिका जी कही दिखाई नहीं दे रही”

“वो शायद अपने कमरे में ही है , हम उसके पास ही जा रहे उसे कॉफी देने”,आई ने जाते हुए कहा

शिवम् ने मुरारी की तरफ देखा तो वह मुस्कुरा उठा l उसे मुस्कुराता देखकर शिवम् ने कहा,”तू मेरे दिल की हर बात जान लेता है ना ?”

“तुमरे साथ रह रह के इतना तो जानने ही लगे है”,मुरारी ने कहा

शिवम् ने मुरारी के कंधे पर हाथ रखकर उसे अपने गले लगा लिया और फिर दोनों साथ मिलकर चाय पिने लगे 

आई कॉफी का कप लेकर सारिका के कमरे में आयी l देखा तो सारिका अभी तक तकिये में मुंह छिपाये हुए लेटी थी l उसके पास आयी और प्यार से उसके बालो पर हाथ फिराते हुए कहा,”सारिका , बिटिया उठी नहीं अभी तक “

आई की आवाज सुनकर सारिका ने जल्दी से अपने आंसू पोछे और उठकर बैठ गयी l रोने की वजह से उसकी आँखे लाल हो चुकी थी को की आई की नजरो से छुपी नहीं थी उन्होंने सारिका के पास बैठकर उसके गाल को हाथ लगाते हुए कहा,”का बात हो गयी बेटा ? तुम ठीक तो हो ना”

सारिका ने कुछ नहीं कहा बस पलके झुकाये बैठी रही उसने महसूस किया अगर वह कुछ बोलेगी तो रो पड़ेगी l आई ने देखा सारिका बहुत उदास है तो उसका हाथ अपने हाथ में लेकर कहा,”माँ कहती है ना मुझे तो चल फिर बता का बात हुई ? “

आई की बात सुनकर सारिका की आँखे भर आई उसने अपना सर आई के कंधे पर टिका दिया लेकिन खामोश रही l आवाज जैसे उसके गले में अटक गयी l आई सारिका की मनोस्तिथि समझ चुकी थी इसलिए कहा,”अभी मन नहीं है तो बाद में बता देना , ले ये कॉफी पिले थोड़ा अच्छा महसूस होगा”

आई ने हाथ में पकड़ी कॉफी सारिका की तरफ बढाई और कुछ देर बाद उठकर कमरे से बाहर निकल आयी ! सारिका ने कॉफी वापस टेबल पर रख दी और वापस लेट गयी उसका ना किसी से बात करने का मन था ना ही किसी के सामने जाने का वह नहीं चाहती थी उसकी आँखे देखकर कोई उस से कुछ पूछे क्योकि वह किसी के सवालो का जवाब नहीं दे पायेगी l l 

सारिका को चुप चुप देखकर आई भी थोड़ा अपसेट हो गयी जब वो वापस आई तो उनका चेहरा देखकर मुरारी ने कहा,”अरे का हुआ आई तुमरा चेहरा काहे लटका है ? “

“वो सारिका……………………………….!!”,आई ने इतना ही कहा की शिवम् उठकर बेसब्री से बोल पड़ा,”का हुआ उनको ?

“ओहो इतनी फ़िक्र…..!!’,मुरारी ने छेड़ते हुए कहा तो शिवम् झेंप गया

“वो बहुते उदास नजर आय रही आज , तुम लोगो में से किसी ने कछु कहा क्या उनको ?”,आई ने कहा

“उदास काहे ? हम अबहे जाकर देखते है ओ को , चलो भैया”,मुरारी ने सारिका के कमरे की और बढ़ते हुए कहा

दरवाजे पर आकर मुरारी ने दरवाजा खटखटाया लेकिन सारिका ने कोई प्रतिक्रया नहीं दी l मुरारी अंदर आ गया और कहा,”सारिका जी हम आपसे मिलने आये है और आप मुंह छुपाकर सो रही है , बहुते गलत बात है इह तो”

मुरारी की आवाज सुनकर सारिका एक झटके में उठकर बैठ गयी l शिवम् भी वही जब सारिका ने देखा तो अपना चेहरा घुमाकर आंसू पोछ लिए और जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा,”आप कब आये ?

“बस अभी जब आई से सुने की आप अपसेट है , काहे का हुआ हमे बताओ ?”,मुरारी ने सामने पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए कहा

शिवम् की नजरे बस सारिका के चेहरे पर थी उसकी आँखो में आंसू और होंठो पर झूठी मुस्कान देखकर वह समझ गया जरूर कोई बात है l वरना सारिका जितना हसमुख पुरे बनारस में कोई नहीं है l शिवम् खामोश खड़े रहा l 

“और इह देखो कॉफी भी न पिए , ठंडी हो गयी l हम आई से कहकर दूसरे बनवा देते है”,मुरारी ने कॉफी का कप उठाकर उठते हुए कहा l

“मुरारी तुम बैठो हम ले आते है”,शिवम् ने मुरारी के हाथ से कॉफी का कप लेते हुए कहा

शिवम् कमरे से बाहर निकल गया मुरारी ने सारिका से कहा,”आपसे एको बात पूछे ? सच सच बताएंगी आप ?”

सारिका ने बिना बोले हामी भर दी अपना सर हिलाकर तो मुरारी ने कहा,”आप हमे अपना का समझती है ?”

“दोस्त”,सारिका ने धीरे से कहा

“दोस्त समझती है न आप , तो फिर आपको इह भी पता भी होगा की दोस्तों से कछु छुपाया नहीं जाता है”,मुरारी ने थोड़ा गंभीर होकर कहा

“हम्म्म जानते है’,सारिका ने पलके झुकाकर कहा

“तो बताईये का हुआ ?”,मुरारी ने सारिका की और देखकर कहा

सारिका उलझन में पड़ गई मुरारी को असली वजह बताकर परेशान करना नहीं चाहती थी इसलिए कहा,”वो घर की बहुत याद आ रही थी”

“अच्छा इह बात है हम तो डर ही गए थे , वैसे सही है आप इतने दिनों से घर से दूर है पर आपको एको बात बताये आपके आने से वक्त का पता ही न चला”,मुरारी ने मुस्कुराते हुए कहा

सारिका ख़ामोशी से मुरारी की तरफ देखती रही l तभी सारिका का फोन बज उठा जो की मुरारी के पास वाली टेबल पर रखा था l “इह लो घरवालों को याद कर रहे थे और उनका फोन आ गया शायद आपके पापा का है”,मुरारी ने फोन सारिका की और बढ़ाते हुए कहा 

सारिका ने फोन उठाया और कान से लगाया तो उधर से अधिराज जी की आवाज कानो में उभरी,”हेलो सारिका ! 

सारिका – जी 

अधिराज – इंदौर आने के बारे में कुछ सोचा आपने ?

सारिका – जी जल्दी ही आएंगे 

अधिराज – वो लड़का मिला आपको ?

सारिका – नहीं (अंदर से तड़प उठती है)

अधिराज – हमने तो आपसे पहले ही कहा था कुछ नहीं रखा वहा पर आपको ही अपना वक्त बर्बाद करने की पड़ी थी l ये प्यार व्यार सब किस्से कहानियो में अच्छे लगते है असल जिंदगी में इनका कोई वजूद नहीं है l बेहतर होगा अपना ज्यादा वक्त बर्बाद ना करके आप वापस लौट आये .. अनामिका भी कल आ रही है अपनी आगे की पढाई वो यही जारी रखना चाहती है 

सारिका – हम्म्म 

अधिराज – अमित के बारे में क्या सोचा है आपने ?

सारिका – हम तैयार है (सारिका ने दिल पर पत्थर रखकर कहा)

अधिराज – आज पहली बार आपने हमारी बात मानी है हम बता नहीं सकते हम कितना खुश……………………!!”

अधिराज जी की बात पूरी सुनने से पहले ही सारिका ने फोन काट दिया और साइड में रख दिया l दिमाग में अधिराज जी का आखरी शब्द “खुश” घूम रहा था l सारिका सोचने लगी,”क्या सच में एक बेटी के दर्द से एक पिता को ख़ुशी मिल सकती है l या फिर अपने अहम को जस्टिफाय करने के लिए कह देते है खुश है l

आप सही थे पापा उन्हें ढूंढ़ने में हम वक्त बर्बाद कर रहे है लेकिन आप भूल गए की पेरेंट्स की दुआ जितनी असरदार होती है उनकी बद्दुआ उस से भी ज्यादा असरदार होती है और आपसे हमेशा हमे बद्दुआ ही मिली है तो फिर वो हमे कैसे मिलते ?”

“कॉफी !!”,शिवम् ने सारिका के सामने कप करते हुए कहा तो उसकी तंद्रा टूटी l सारिका को कॉफी देकर शिवम् वही सामने कुर्सी पर बैठ गया और सारिका की आँखों को पढ़ने की कोशिश करने लगा l सारिका पलके झुकाये कॉफी पीती रही मुरारी कभी सारिका तो कभी शिवम् को देखता l कमरे में ख़ामोशी उसे अच्छी नहीं लगी तो मुरारी गाने लगा,”वो मेरे सामने बैठी है मगर , उस से कुछ बात ना हो पाई है l मैं इशारा भी अगर करता हु इसमें हम दोनों की रुस्वाई है”

शिवम् और सारिका ने सुना तो दोनों मुरारी की और देखने लगे l मुरारी चुप हो गया और दूसरी तरफ देखने लगा l सारिका के कॉफी पिने के बाद शिवम् उठा और टेबल पर रखे डिब्बे से टेबलेट निकालकर सारिका की और बढ़ाते हुए कहा,”इसे ले लीजिये सरदर्द में आराम मिलेगा”

सारिका हैरानी से शिवम् की और देख रही थी रोने की वजह से उसे सरदर्द होने लगा था पर ये शिवम् कैसे जान गया वो समझ नहीं पाई l उसने टेबलेट ले ली तो शिवम् ने पानी का ग्लास उसकी और बढ़ा दिया l सारिका को लेटने का कहकर शिवम् मुरारी के साथ बाहर आ गया l बाबा के आवाज लगाने से शिवम् दुकान चला गया साथ साथ मुरारी भी चला आया l

मुरारी ने नहीं देखा पर शिवम् ने सारिका के चेहरे पर आयी उदासी को भाँप लिया वो घरवालों के लिए परेशान नहीं बल्कि वजह कोई और थी जो शिवम् नहीं जानता था l सारिका दिनभर उदास रही और उसके साथ साथ परेशान रहा शिवम् भी l भले शिवम् सारिका से ज्यादा बातें नहीं करता था पर सारिका की आँखे देखकर वह बहुत कुछ बिना कहे समझ जाता था l सुबह से शाम हो गयी पर आज घर में बिल्कुल शांति थी और सबके चेहरे मुरझाये हुए क्योकि आज सारिका चुप थी l

शाम को आई शिवम् के पास आयी और कहा,”सूबह से देख रहे है सारिका बहुते उदास है , आज घाट पर बड़ी पूजा है क्यों ना तूम उसको वहा लेकर जाओ , उसका मन भी अच्छा हो जाएगा”

शिवम् को याद आया सारिका को घाट बहुत पसंद है उसे आई का आइडिया अच्छा लगा और वह सारिका के पास आया l सारिका उस वक्त बरामदे में उदास सी बैठी थी l शिवम् आया लेकिन सारिका के पास आकर उसके कदम ठिठक गए इतना उदास चेहरा शिवम् को लगा सारिका अभी रो देगी l आखिर ऐसा क्या चल रहा होगा इनके मन में जिस से ये बस अकेले झुंझ रही है l शिवम् ने धीरे से कहा,”सारिका जी “

“हां”,सारिका जैसे नींद से जागी

“आज शाम घाट पर महादेव की बड़ी पूजा है , आप जाना चाहेगी”,शिवम् ने कहा

“नहीं हमारा मन नहीं है”,सारिका ने कहा

शिवम् ने इसके बाद कुछ नहीं कहा और चुपचाप वहा से निकलकर छत पर आकर बैठ गया l सारिका के लिए मन बहुत उदास था आज सारिका उसे अपने बारे में कुछ बताने वाली थी पर शिवम् पूछकर उसे परेशान करना नहीं चाहता था l छत पर बैठा वह सारिका के बारे में सोच ही रहा था की नीचे से मुरारी ने आवाज दी l शिवम् ने उसे ऊपर ही आजाने को कहा मुरारी आकर शिवम् के सामने खड़ा हो गया और कहा,”अब तुझे क्या हुआ ? तुमरे चेहरे पर12 क्यों बजे है ?

“कुछ नहीं यार आज सुबह से सारिका जी परेशान है , कुछ तो है जो वो हम सबसे छुपा रही है l उन्हें इस तरह अकेले घुटता देखकर हमे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा है”,शिवम् ने कहा

“अच्छा किसी को भी नहीं लग रहा , उनको घर की याद आय रही होगी बस इसलिए परेशान है वो थोड़ी और कछु नही”,मुरारी ने कहा

“नहीं मुरारी बात कुछ और है , हमने उनसे घाट के लिए पूछा तो उन्होंने साफ मना कर दिया , जबकि उन्हें वो जगह बहुत पसंद है l कुछ देर वहा जाती तो शायद उनका मन कुछ अच्छा हो जाता पर उन्होंने तो साफ इंकार कर दिया”,शिवम् ने कहा

“बस इतनी सी बात हम अभी उन्हें वहा जाने के लिए मनाते है और उनके साथ साथ तुम , राधिका और हम भी जायेंगे l आज घाट पर बड़ी पूजा जो है”,मुरारी ने कहा

“हमारी बात नहीं सुनी तुमको लगता है तुमरी बात सुनेगी”,शिवम् ने मुंह बनाकर कहा

“वो का है ना भैया भाभियाँ देवरो की जियादा सुनती है”,कहकर मुरारी वहा से चला गया शिवम् मुस्कुरा उठा , सुबह के बाद अब वो पहली बार मुस्कुराया था l

मुरारी 

निचे आया और सारिका से कहा,”सारिका जी आपकी मदद चाहिए

सारिका – जी 

मुरारी – वो का है न आज ही एक्को लड़की हमरी दोस्त बनी है और आज ही उस से झड़प हो गयी इस बात पर की वो बहुत सुंदर है l फिर हमने भी कह दिया हम उनसे भी ज्याद खूबसूरत लड़की को जानते है l बस वो तबसे आपसे मिलने की जिद कर रही है 

सारिका – लेकिन हमसे क्यों मिलना चाहती है ?

मुरारी – हमने जिस खुबसुरत लड़की के बारे में उसको बताया था वो आप ही है 

सारिका – माफ़ करना मुरारी हमारा बाहर जाने का बिल्कुल मन नहीं है 

मुरारी – चलिए न , कितनी मुस्किलो के बाद तो कोई लड़की आयी है हमारी जिंदगी में 

सारिका – हमारा मन अच्छा नहीं है मुरारी हम उनसे फिर कभी मिल लेंगे (उदास हो जाती है)

मुरारी – ठीक है जैसे आपकी मर्जी आज तक अकेले रहते आये है , आगे भी रह लेंगे l उसने कहा था अगर आज आपसे नहीं मिलवाया तो हमे छोड़कर चली जाएँगी l पर कोई बात नहीं चलते है 

मुरारी वहा से जाने लगा तो सारिका ने कुछ सोचकर कहा,”ठीक है हम चलेंगे !! 

यही तो मुरारी चाहता था l वह सारिका के पास आया और कहां,”ठीक है लेकिन वो ही बनारसी साड़ी पहनकर चलिएगा जो उस रोज पहनी थी , वो का है न उसमे बहुते सुंदर दिखती है आप”

“ठीक है हम तैयार होकर आते है”,सारिका ने कहा और कमरे की तरफ बढ़ गयी

शिवम् , राधिका और मुरारी तैयार होकर बरामदे में खड़े थे l सारिका एक बार फिर वही बनारसी साड़ी पहनकर आई पर आज कुछ कमी थी वो थी मुस्कुराहट की पर शिवम् को यकींन था घाट देखकर सारिका के चेहरे पर वो भी आ ही जाएगी l चारो जैसे ही जाने लगे आई वहा आयी और सारिका को अपने पास बुलाकर उसके सर से कुछ पत्ते वारकर कहा,”इसे घाट के पानी में बहा देना , तुमरी सब परेशानी दूर हो जाएगी “

सारिका उन्हें लेकर बाकि सबके साथ वहा से निकल गयी l आई ने जाती हुई सारिका को देखकर मन ही मन महादेव से कहा,”हे भोलेनाथ इस बच्ची के होंठो की ख़ुशी वापस लौटा देना”

शिवम् , सारिका , राधिका और मुरारी चारो घाट पर आये l रोजाना के बजाय आज भीड़ कुछ ज्यादा थी l मुरारी ने शिवम् और राधिका को दीपक और फूल लाने भेज दिया ताकि सारिका को अपनी दोस्त से मिलवा सके l मुरारी सारिका को लेकर घाट की सबसे आखरी सीढ़ी पर आया और कहा,”आप हमारी दोस्त से मिलना चाहती थी ना वो रही हमारी दोस्त”

कहते हुए मुरारी ने घाट के पानी की तरफ इशारा कर दिया l सारिका ने देखा साफ़ पानी में उसे बनारसी साड़ी में लिपटा अपना प्रतिबिम्ब नजर आ रहा था l सारिका ने हैरानी से मुरारी की तरफ देखा तो मुरारी कहने लगा,”आपसे झूठ नहीं कहेंगे आप हमारी पहली दोस्त है जिसका उदास चेहरा हम देख नहीं पा रहे थे इसलिए झूठ बोलकर आपको यहाँ लाना पड़ा पर हमरी फीलिंग्स बिल्कुल वही है ,

हमरी दोस्त से सुंदर पुरे बनारस में कोई नहीं है l हम ये नहीं पूछेंगे की आप उदास क्यों है पर आपके होंठो पर मुस्कराहट वापस लाने के लिए कुछ भी कर सकते है”

“क्या करेंगे आप ?”,सारिका ने सहजता से मुरारी की और देखकर कहा

“अरे सब कुछ बताईये का करना है , धरती हिलानी है , आसमान सर पर उठाना है या किसी के कान के निचे बजाना है , बनारस खाली करवा दे आपके लिये , बताओ का करे इह गंगा मैया में डूब के जान दे दे आपके लिए , जो कहोगी करेंगे”,मुरारी ने कहा

सारिका मुरारी के थोड़ा पास आई और उसके हाथो को अपने हाथो में लेकर कहा,”इनमे से कुछ नहीं करना l आप जैसे हो बहुत अच्छे हो हमेशा ऐसे ही रहना कभी बदलना मत”

सारिका की छुअन से मुरारी को एक पॉजिटिव अहसास हुआ उसकी आँखे नम हो गयी और उसने सारिका के पीछे आते शिवम् को देखते हुए कहा,”तो फिर एक बार मुस्कुरा दीजिये ना , आपको उदास देखकर कोई और भी है जो सुबह से परेशान है और हमसे उनकी परेशानी देखी नहीं जाती”

मुरारी की बात सुनकर सारिका ने पीछे मुड़कर देखा सीढ़ियों से शिवम् निचे उतर रहा था और उसके चेहरे पर वही उदासी थी जो सारिका के चेहरे पर थी l सारिका ने वापस मुरारी की और देखा और मुस्कुरा दी इसलिए नहीं की मुरारी चाहता था बल्कि शिवम् के लिए मुरारी का प्यार देखकर सारिका उनके रिश्ते की कायल हो गयी थी l सारिका को मुस्कुराता देख मुरारी ने मन ही मन में कहा

“अबसे आपकी हर मुस्कराहट की वजह हमारे शिवम् भैया ही बनेंगे , हर हर महादेव !!”

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संजना किरोड़ीवाल

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