Sanjana Kirodiwal

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रांझणा – 29

Ranjhana – 29

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Ranjhana – 29

उसने धीरे से कहा,”हमरे दर्द पर आपको इस तरह मुस्कुराना नहीं चाहिए , आप खुश हो रहे होंगे ये जानकर की हमने आपकी बेटी के लिए इंकार किया तो आज हमे ये दिन देखना पड रहा है”

“नहीं शिवम् , हमारी बेटी से शादी करना या न करना ये तुमरा निजी मामला है !”,पंडित जी ने मुस्कुराते हुए कहा 

“तो फिर आप मुस्कुरा क्यों रहे है ?’,शिवम् ने हैरानी से कहा 

“महादेव भी अपने भक्तो के साथ कितने खेल खेलते है जिसे तुम इतने सालो से ढूंढ रहे थे वो खुद तुम्हे ढूंढने यहाँ आई थी बनारस , उस पर महदेव की कृपा देखो वो तुमरे साथ ही रही पर तुम दोनों ही एक दूसरे को पहचान नहीं पाए “,पंडित जी ने कहा ! 

“हां पंडित जी ! पर अब इन सब बातो का क्या मतलब ,  उनकी शादी होने वाली है किसी और के साथ ! हमने उनको पाने से पहले ही खो दिया”,शिवम् ने उदास होकर कहा  ! पंडित जी फिर मुस्कुराने लगे तो शिवम् ने कहा,”आप फिर मुस्कुरा रहे है !!”

“उनकी शादी तुम्हारे अलावा किसी से नहीं होगी !”,पंडित जी ने कहा 

“हम कुछ समझे नहीं ?”,शिवम् ने पंडित जी की और देखते हुए कहा 

“याद होगा जब पूर्णिमा की सुबह तुम और वह साथ साथ मंदिर आये थे और आशीर्वाद के रूप में हमारे मुंह से “तुम दोनों की जोड़ी सलामत रहे” निकला था ! महादेव ने उसी वक्त तुम दोनों को एक पवित्र बंधन में बांध दिया था !”,पंडित जी ने कहा 

“पर क्या मुमकिन है ? हमारा मतलब क्या ऐसा सच में होता है !!”,शिवम् ने असमझ की स्तिथि में कहा ! 

“हम कभी झूठ नहीं बोलते शिवम् , ये देखो हमारी जीभ पर तिल है ! तुम दोनों का जन्म एक दूसरे के लिए ही हुआ है हां तुम दोनों के मिलने में कठिनाईया आ सकती है पर अंत में सब अच्छा होगा”,पंडित जी ने बड़े प्यार से कहा 

शिवम् ने सूना तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना ना रहा उसने पंडित जी को गले लगा लिया आँखों में आंसू भर आये वह कुछ कह ही नहीं पाया तो पंडित जी ने कहा,”महादेव की यही मर्जी है इसको भला कोई कैसे झुठला सकता है ! उन्होंने बहुत संकेत दिए तुमको पर तुम ही ना समझ पाए , अब जल्दी से जाकर उनको वापस ले आओ उनके बिना तुम्हारी जिंदगी अधूरी है और शायद तुमरा इह बनारस भी”

शिवम मुस्कुरा उठा ! घूमते घामते मुरारी आ पहुंचा मुरारी को शिवम् ने जब पंडित जी वाली बात बताई तो मुरारी ने पंडित जी का गाल चूमते हुए कहा,”अरे वाह पंडित जी का खुशखबरी सुनाये हो ! जी तो कर रा चुम चुम के तुमरा मुंह लाल कर दे !! मतबल आज तो तुम हमको बहुते ही कंटाप लग रहे हो ! हमरे भैया से बढकर कछु ना है बनारस में और इह के चेहरे पर ख़ुशी लाकर दिल खुश कर दिए तुम हमरा ! “

“छी छी ये क्या कर रहे हो मुरारी कोनो लाज शर्म है की नाही !”,पंडित जी ने मुरारी को फटकारते हुए कहा !! 

“रे पंडित तुम ना सठिया गए हो , उम्र हो गयी है तुमरी ! इह तो प्यार जताने का , ख़ुशी जताने का तरिका है इसमें काहे छी छी कर रहे हो ?”,मुरारी ने कहा 

“शिवम् हम चलते है , यहाँ रुके तो हमरा धर्म भ्रष्ट समझो ! हर हर महादेव !”,कहकर पंडित जी वहा से निकल लिए ! 

“हर हर महादेव पंडित जी”,मुरारी ने पीछे से कहा !! 

पंडित जी से नजर हटाकर मुरारी ने शिवम् को देखकर कहा,”मुबारक हो भैया , अब तो भाभी को लाने की तैयारी करनी है !! 

शिवम् मुस्कुरा उठा और कहा,”हां मुरारी उनको तो यहाँ आना ही है , आखिर ये बनारस उन्ही का तो हिस्सा है 

दोनों वहा से ख़ुशी ख़ुशी घर के लिए निकल लिए !! 

उसी शाम इंदौर में -:

सारिका अपने कमरे में बैठी अपने बैग पैक कर रही थी ! अमित ने दस्तक दी और आकर सामने पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए कहा,”तो मुंबई जाने की तैयारी ?

सारिका – जी , काफी दिनों से अपने काम से दूर है , अब वापसी तो करनी होगी ना ! 

अमित – बिल्कुल मैं भी दो दिन बाद न्यूयॉर्क वापस जा रहा हु , कुछ काम पेडिंग है सो बट डोंट वरी सगाई से कुछ दिन पहले आ जाऊंगा 

सगाई का नाम सुनकर सारिका का मन उदास हो गया पर उस उदासी को उसने चेहरे पर आने नहीं दिया और अपना सामान जमाती रही ! अमित सारिका से कुछ कहने आया था लेकिन समझ नहीं आ रहा था कैसे कहे ? कुछ देर बाद उसने धीरे से कहा,”सारिका कल सुबह तुम यहाँ से मुंबई और मैं मम्मी पापा के साथ अपने घर दिल्ली के लिए निकल जाऊंगा , क्या आज रात हम कुछ वक्त साथ बिता सकते है ? आई मीन डिनर और एक ड्राइव ?”

अमित की बात सुनकर सारिका ख़ामोशी से उसकी और देखने लगी तो अमित ने कहा,”अगर तुम्हारा जाने का मन नहीं हो तो इट्स ओके , मैं तुम्हे फोर्स नहीं करूंगा”

सारिका अमित की और देखते हुए मन ही मन सोचने लगी,”हमे इनके साथ जाना चाहिए , आखिर इन सब में इनकी क्या गलती है ? अपनी होने वाली पत्नी से इतना एक्स्पेक्ट तो सभी करते है ! ना कहा तो इनका दिल दुखेगा और अगर हां कहा तो अपने दिल को चोट पहुंचाउंगी। पर फैसला तो करना ही है ,, कब तक अपने लिए हम बाकि सबको तकलीफ पहुँचाते रहेंगे ! अमित जी के साथ जाने के लिए हां कह देते है”

अमित चुपचाप सारिका के चेहरे की और देखता रहा ! कुछ देर बाद सारिका ने कहा,’अमित आप निचे चलिए हम तैयार होकर आते है”

अमित के चेहरे से ख़ुशी छलकने लगी वह मुस्कुराता हुआ उठा और सारिका से जल्दी आने का कहकर कमरे से बाहर निकल गया !! 

अमित ने अधिराज जी और  अम्बिका से सारिाका को बाहर ले जाने की परमिशन ली और खुद घर से बाहर आकर गाड़ी के पास खड़ा सारिका के आने का इतंजार करने लगा अमित ने सारिका के लिए एक डायमंड रिंग खरीदी थी जिसे आज वह सारिका को देने वाला था ! वह बार बार अंगूठी जेब से निकालकर देखता और मुस्कुराकर वापस जेब में रख लेता !

कुछ देर बाद सारिका आई जैसे ही सारिका को देखा बस देखता ही रह गया ! काले रंग के चूड़ीदार सूट पर वह लाल दुपट्टा अपने कंधे पर डाले हुए थे ,  कानो में छोटे छोटे झुमके पहने हुए थे ! अमित तो बस अपलक सारिका को देखता रहा सारिका उसके पास आई और कहा,”चले अमित 

सारिका की आवाज से उसकी तंद्रा टूटी उसने सारिका के लिए गाड़ी का दरवाजा खोला और खुद दूसरी और से ड्राइवर सीट पर आकर बैठ गया ! अमित ने गाड़ी स्टार्ट  की और दोनों वहा से निकल गए ! रास्ते भर सारिका को अपनी स्टुपिड बातो से हंसाता रहा ! सारिका अमित की सोच , उसकी बाते अच्छी लगी आज वह पुरे मन से अमित के साथ थी दोनों ने बाते करते हुए साथ साथ डिनर किया ! बातो के दौरान सारिका ने जाना की अमित एक खुले विचारो वाला  लड़का है ,

उसमे किसी भी तरह का कोई घमंड नहीं है ना ही वह गुस्सा करता है बस हर वक्त सामान्य रहता है ! उसने सीरियस रहना बिल्कुल पसंद नहीं इसलिए हर वक्त वह हसता और हसाता रहता है ! खाने के बाद अमित सारिका को लेकर ड्राइव पर गया ! अंतर्मुखी और बहुत कम बोलने वाली सारिका धीरे धीरे अमित से खुल रही थी अमित को भी सारिका का साथ बहुत अच्छा लग रहा था ! देर रात दोनों घर लौट आये अमित ने गाड़ी पार्किंग एरिया में रोक दी सारिका उतरकर जैसे ही जाने लगी अमित ने कहा,”सारिका ! 

“जी “,सारिका ने अमित की और देखकर कहा ! 

अमित गाड़ी से उतरा और सारिका के सामने आकर कहा,”थैंक्यू सो मच !”

“किसलिए ?”,सारिका ने असमझ की स्तिथि में कहा !!    

“तुमने अपना इतना सारा वक्त जो दिया मुझे , ये शाम मैं कभी नहीं भूलूंगा सारिका ,, इट्स टू प्राइजलेस फॉर मी सो थैंक्यू !”, अमित ने प्यार से सारिका की आँखों में झाकते हुए कहा 

“आपसे एक बात कहे ?”,सारिका ने कहा 

“एक क्यों दो , तीन , चार जितनी चाहे कहो “,अमित ने अपने दोनों हाथो को आपस में बांधकर प्यार से सारिका को देखते हुए कहा 

“आप बहुत अच्छे इंसान है इसलिए हमे लगता है हमे आपसे कुछ छुपाना नहीं चाहिए , हमारा अतीत ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,सारिका ने इतना ही कहा आगे कुछ कहती उस से पहले ही अमित ने आगे बढ़कर सारिका के दोनों हाथो को अपने हाथो में थामा और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”अगर तुम मेरे पास हो तो मैं अपने आस पास की किसी चीज को देखना नहीं चाहुगा !”

“पर आप एक बार जान लेते तो,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते कहते सारिका चुप हो गयी 

“सारिका , हर किसी की जिंदगी में कोई ना कोई अतीत जरूर होता है , जिसे भूलकर आगे बढ़ना ही जिंदगी है ! , मुझे तुम्हारा आज चाहिए तुम्हारा बिता हुआ कल नहीं “,अमित ने बहुत ही प्यार से कहा 

सारिका अमित का चेहरा देखकर सोचने लगी,”आखिर किस मिटटी का बना है ये इंसान कोई इतना अच्छा कैसे हो सकता है ?”

“फिर से क्या सोचने लगी तू , अपना हाथ दो !”,अमित ने कहा 

“हहहहह !!”,सारिका चौंकी तो अमित ने उसका बांया हाथ अपने हाथ में लिया और अपने जेब से रिंग निकालकर सारिका की ऊँगली में पहनाते हुए कहा,”मेरी तरफ से तुम्हारे लिए ये पहला तोहफा है सारिका !! 

सारिका ने देखा रिंग उसकी ऊँगली में बहुत प्यारी लग रही थी उस पर जड़ा हिरा चमचमा रहा था जिस से किसी की भी आँखे चुंधिया जाये ! सारिका ने अमित से थैंक्यू कहा और जाने लगी तो अमित ने उसका हाथ पकड़ कर उसे जाने से रोक लिया और कहा,”एक वादा करोगी मुझसे !!

सारिका पलटी और गर्दन उठाकर इशारे से पूछा तो अमित उसके करीब आया और कहा,”आज के बाद में इन आँखों में सिर्फ अपने लिए इंतजार देखना चाहता हु , किसी रांझणा के लिए नहीं !! 

सारिका ने सूना तो उसकी आँखों में नमी तैर गयी ! सारिका भागते हुए वहा से घर के अंदर चली गयी बिना अमित से कोई वादा किये !! सीढ़ियों से भागते हुए वह अपने कमरे में आई और दरवाजा बंद करके अपनी पीठ उसी दरवाजे से टिका ली आँखों में भरे आंसू बाहर आने को बेताब थे और फिर रुलाई फुट पड़ी ! धीरे धीरे ही सही सारिका से वो हर हक़ छिना जाने लगा था जिन्हे सारिका जी रही थी !

अपने रांझणा को भूलना आसान था पर उसका वजूद मिटाना सारिका के लिए नामुमकिन था !! वो उसकी एक एक साँस में बसा था और सांसे कभी इंसान से जुदा नहीं होती !! सारिका ने अपना चेहरा अपने हाथो में छुपा लिया और सिसकती रही !! सारिका ने अपने हाथ की उस ऊँगली को देखा जिसमे अमित की पहनाई हुई रिंग थी सारिका ने उसे निकालने की कोशिश की पर वह नहीं निकली सारिका झुंझला उठी वह उठकर बाथरूम में आई उसने पानी से हाथ धोये ,

साबुन लगाया पर वह रिंग तो जैसे हमेशा हमेशा के लिए उस ऊँगली में फिट हो गयी हो ! बेबसी और लाचारी का अजीब समन्वय था उस वक्त सारिका की आँखों से आंसू एक बार फिर से बहने लगे ! गर्दन उठाकर सामने शीशे में देखा अपनी आँखों में उसे आज भी अपने रांझणा के लिए इंतजार नजर आ रहा था !!

सारिका शीशे में खुद को देखते हुए सोचने लगी,”हम आपको कभी नहीं भूल पाएंगे , वो कहते है की हम आपका इंतजार ना करे पर उन सबको अब हम कैसे समझाए की इन आँखों को आपके इंतजार की आदत हो चुकी है !! वो हमारी जिंदगी में तो आ सकते है पर हमारे मन पर जीते जी सिर्फ आपका हक़ है , भले आप किसी और के हो जाये पर हम हमेशा आपके ही रहेंगे !!”

सारिका बाथरूम से बाहर आकर बिस्तर पर लेट गयी ! साइड में पड़े फोन को देखा तो उसमे लाइट जल  रही थी सारिका ने फोन उठाया और देखा मुरारी का मेसेज था ! सारिका ने मेसेज ओपन किया ! मणिकर्णिका घाट की संध्या की बहुत ही खूबसूरत तस्वीर थी जिसके निचे लिखा था ! 

 “आपका बनारस आपके बिना अधूरा है , सारिका जी”

सारिका ने जब पढ़ा तो दर्द में भी उसके होंठो पर मुस्कराहट आ गई उसने मुरारी को फोन लगाने की सोची लेकिन रात बहुत हो चुकी थी ऐसे में फोन करना सही नहीं होगा सोचकर सारिका बस उस तस्वीर को एकटक देखती रही  तस्वीर के साथ ही शिवम् के साथ बिताया वक्त उसकी आँखों आँखों के सामने आने लगे ! सारिका लेट गयी और  फोन को अपने सीने पर रख लिया , बनारस आज भी उसके दिल के उतना ही करीब था !! 

अगली सुबह सारिका मुंबई जाने की तैयारी करने लगी ! अधिराज जी के लिए ख़रीदा तोहफा सारिका ने उन्हें दे दिया ! अम्बिका ने कितने ही तोहफे सारिका के लिए गाड़ी में रखवा दिए ! अधिराज जी ने सारिका को गले लगाकर फॉर्मेलिटी पूरी की और साथ ही ढेर सारी हिदायते भी दे दी !

बाहर हॉल में अमित के मम्मी पापा , सारिका और सारिका के माँ पापा थे अमित का कही अता पता नहीं था ! अनु वहा आई तो सारिका ने उसे अपने साथ ले चांदी की पायलो का सेट देते हुए कहा,”ये आपके लिए आपको बचपन में बहुत पंसद थी न ये !!”

“दी इट्स ओल्ड फैशन , मैं ये सब नहीं पहनती !! वो बचपन की बात थी अब ये सब पहनना नो वे ,,,,,, सॉरी आई कांट एक्सेप्ट दिस !!”,अनु ने आँखे मटकाते हुए कहा 

सारिका का चेहरा उतर गया जिसे देखकर अम्बिका ने अनु से कहा,”अनु वो इतने प्यार से लेकर आई है तुम्हारे लिए रख लो !”

“सॉरी ममा इन्हे लेकर भी अपने कबर्ड के किसी कोने में डालूंगी इस से अच्छा है सारिका दी इन्हे यूज कर ले <<<<<<<<<<<<<<<!!”,  अनु ने कहा और वहा से चली गयी ! 

“अनु रुको ,,, अनु !!”,अम्बिका ने आवाज देकर उसे रोकना चाहा लेकिन सारिका ने कहा,”रहने दीजिये , अगर उसे पसंद नहीं आया तो जबरदस्ती मत कीजिये !! हमे अब निकलना चाहिए !!”,सारिका ने अम्बिका से कहा 

अम्बिका ने सारिका को गले लगाया और सर चूमते हुए कहा,”जल्दी आना बेटा ! 

सारिका जाने से पहले अमित से मिलना चाहती थी लेकिन अमित कही दिखाई नहीं दिया सारिका सीधे सीधे पूछ भी नहीं सकती थी तभी अनु वापस आई और सारिका का हाथ पकड़कर उसे अपने साथ ले गयी ! सारिका ने कुछ नहीं कहा बस अनु के साथ साथ चलती रही अनु सारिका को घर के पीछे वाले बरामदे में ले आई जहा अमित खड़ा था ! अमित को वहा देखकर सारिका हैरान हो गयी तभी अनु ने अमित से कहा,”ओये अमित ये मेरा अहसान समझ लेना !! 

अनु वहा से चली गयी तो अमित सारिका के पास आया और कहा,”तुम जा रही हो तो अच्छा नहीं लग रहा !  एक महीने बाद मिल पाऊंगा 

सारिका अब भी ख़ामोशी से अमित को देख रही थी अमित ने सारिका के हाथ से उसका फोन लिया और उसमे अपना नंबर सेव करते हुए कहा,”इसमें अपना नंबर सेव किया है यू केन कॉल मी ऐनी टाइम ! “

सारिका को उसका फोन देकर अमित कुछ देर वही खड़ा रहा ! अमित के पापा ने जब आवाज लगाई तो उसकी तंद्रा टूटी ! उसने आवाज वाली दिशा में देखकर कहा,”जी पापा आया !!” अमित सारिका के कुछ करीब आया और अपने होठो को उसके गाल से छूकर धीरे से कहा,”सारिका आई लव यू , अपना ख्याल रखना !!”

कहकर अमित वहा से चला गया और सारिका अवाक् सी खड़ी जाते हुए अमित को देखती रही 

बनारस , शिवम् का घर -:

सुबह सुबह शिवम् जैसे ही उठा आई , बाबा , मुरारी और राधिका उसके कमरे में खड़े थे शिवम् के उठते ही मुरारी और राधिका  ‘हैप्पी बर्थडे टू यू’ गाने लगे ! शिवम् को याद आया आज उसका जन्मदिन है वह मुस्कुरा उठा उसने उठकर आई बाबा के पैर छुए ! आई और बाबा ने उसे एक चांदी का कड़ा दिया जिस पर हर हर महादेव लिखा हुआ था ! शिवम् ने उसे तुरंत पहन लिया !

आई बाबा बाहर चले गए , मुरारी ने उसके लिए एक सफ़ेद रंग की शर्ट खरीदी थी ! शिवम् ने राधिका की तरफ देखा तो वह बस मुस्कुरा रही थी उसे मुस्कुराता देख शिवम् ने कहा,”राधू तेरा तोहफा कहा है !!”

“हमरे पास तुमरे लिए ऐसा तोहफा है जो तुमरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत तोहफा होगा”,राधिका ने शरारत से मुस्कुराते हुए कहा ! 

“ऐसा क्या है ?”,शिवम् ने हैरानी से कहा 

“है कुछ बहुते खास !”,राधिका ने कहा 

“अरे पर क्या ? बताओ तो सही “,शिवम् की बेचैनी बढ़ने लगी थी ! 

राधिका ने मुरारी की तरफ देखा दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे उन्हें मुस्कुराता देखकर शिवम् ने बेसब्री से कहा,”अरे अब बता भी दो काहे इतना भाव खा रहे हो ?”

” आप यही रुको हम लेकर आते है “,कहकर राधिका अपने कमरे में चली गयी ! कुछ देर बाद वह वापस आई उसके हाथ में डायरी जैसा कुछ था राधिका ने डायरी शिवम् के हाथो में रखकर कहा,”आपके जन्मदिन का तोहफा , आपकी मैडम जी की डायरी !! और एक ये खत जो वो जाने से पहले आपके लिए छोड़कर गयी थी ! “

शिवमं ने डायरी को टेबल पर रखा और जल्दी जल्दी खत को खोलकर जैसे ही पढ़ने लगा राधिका ने खत उसके हाथ से लेकर कहा,”आज आपके लिए ये खत हम पढ़ देते है “

शिवम् ने मुस्कुरा कर हामी भर दी और बिस्तर पर बैठ गया ! मुरारी भी आकर कुर्सी पर बैठा और राधिका के खत पढ़ने का इंतजार करने लगा ! राधिका ने एक नजर शिवम् को देखा और पढ़ना शुरू किया ! 

प्रिय शिवम् जी ! 

जब तक आप ये खत पढ़ेंगे हम बनारस छोड़कर जा चुके होंगे ! हम जानते है आप हमसे बहुत नाराज है और होना भी चाहिए हमने आपसे अपना सच जो छुपाया ! पर हम मजबूर थे ,, अकेले आये थे आपके शहर बनारस में किसी को जानते भी नहीं थे ! फिर आप मिले पहले पहल आप हमे बहुत उलझे हुए इंसान लगे पर धीरे धीरे हमे आप समझ आने लगे !

उस दिन जब मार्किट में आपसे मिले थे तब बातो ही बातो में आपने कहा था की ;’आपको पैसे वाले लोग पसंद नहीं है’ और यही वजह थी की हमे आपसे झूठ कहना पड़ा क्योकि हम आपकी नफरत नहीं चाहते थे ! आपने हमे अपने घर में रखा , इतना मान सम्मान दिया ! बाबा आई का प्यार मिला , उस घर में रहकर हमे कभी नहीं लगा हम अनजान घर में है बल्कि खुद को हमेशा आप सबसे जुड़ा हुआ महसूस किया !! आप सबके प्यार और परवाह में हम अपनी असलियत भूल चुके थे !!

आपके शहर ने हमे बहुत कुछ दिया आई बाबा , राधिका जैसी बहन , मुरारी जैसा दोस्त जो रोते हुए को भी हसा दे और सबसे खास आप !! आपके साथ रहकर हमने बनारस को बहुत करीब से देखा है , महसूस किया है !! हमने आप सबसे एक बात और छुपाई थी हम बनारस नौकरी के लिए नहीं बल्कि किसी को ढूंढने आये थे !

वो हमारे बचपन का प्यार है ‘शिवा” यही नाम बताया था मंदिर के पंडित जी ने हमे , पिछले 14 सालो से इंतजार था हमे उनका पर देखिये ना हमारी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था हमने उन्हें पाने से पहले ही  खो दिया !! सबके खिलाफ जाकर हम उन्हें लेने आये थे पर वो नहीं मिले !! ये बात उस शाम हम आपको बताने वाले थे पर ठंडाई पीने के बाद क्या हुआ हमे कुछ याद नहीं ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!! 

शिवम् जी भले हमने आपसे ये बात छुपाई पर हमारी भावनाये गलत नहीं थी !! यहाँ से जा रहे है पर लगता है जैसे बहुत कुछ छूट रहा है , मन भारी है आँखे बरसने को तैयार है फिर भी रोके हुए है खुद को !! जाने से पहले एक बार आपसे बात करना चाहते थे पर आप इतना नाराज थे की आपके पास आने की हिम्मत नहीं हुई !! हमारे जाने के बाद भले आप हमे भूल जाये पर आप सब हमे हमेशा याद रहेंगे !! आप सबके साथ बिताया ये वक्त हमारी जिंदगी का सबसे खूबसूरत हिस्सा है !

बहुत मिस करेंगे सबको बाबा की मिठाईया , आई के कद्दू का साग , मुरारी की वो उटपटांग बाते , राधिका का प्यार और आपका गुस्सा !! ,,, हां आपका गुस्सा हमे हमेशा याद रहेगा !! आपने हर कदम पर जो हमारा साथ दिया।, हमारे सम्मान की रक्षा की उसका अहसान हम कभी  सकते ! बातो बातो में राधिका ने आपके सपने के बारे में बताया सुनकर अच्छा लगा , आपके उस सपने को पूरा करने में हम आपकी मदद करना चाहते है हमारे ऑफिस में आपके लिए एक नौकरी है !

गलत मत समझियेगा हम आप पर कोई अहसान नहीं जता रहे है ना ही अपनी हैसियत का दिखावा कर रहे है बल्कि वहा आप हमारे साथ रहकर काम करेंगे ! हमारे बराबर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, हमे नहीं पता आपको ये सुनकर कैसा लगेगा पर हम चाहते है आप मुंबई आये और बाबा के उस सपने को पूरा करे !! एक बात और कहना चाहते है आपसे जब भी वो घर बने उसका एक हिस्सा सबसे पहले हमे दीजियेगा , कुछ लोग किसी के बिना अकेले होते है , हमारे पास सबकुछ होते हुए भी हम अकेले है !!

आप कम बात करते है , हम पर चिल्लाते है तो हमे कभी बुरा नहीं लगा  पर आपकी ख़ामोशी , आपकी ख़ामोशी हमे अंदर तक कचोट देती है !! भले ही आप किसी से कुछ ना कहते हो पर आपकी आँखे , आपकी आँखे वो सब कह जाती है जो आपके मन में होता है !! बहुत कुछ चलता रहता है आपकी इन आँखों में पर आप किसी के सामने नहीं आने देते !! 

हमारा सच हमारी उस डायरी में है ! ये खत पढ़ने के बाद अगर आपको हमारी बातो पर भरोसा हो तो ही वो डायरी पढियेगा !! अनजाने में हमने अगर कभी आपका दिल दुखाया हो या हमारी किसी बात से आपको ठेस पहुंची हो तो हमे माफ़ कर दीजियेगा  ! अब शायद कभी बनारस ना आ पाए यहाँ आने की अब हमारे पास कोई वजह नहीं रही है और देखिये ना आप भी हमसे नाराज है बात तक करना चाहते है !! आगे नहीं लिख पाएंगे अगर लिखा तो रो पड़ेंगे !! 

सारिका शर्मा !!       

खत पढ़कर राधिका ने भीगी आँखों से शिवम् की तरफ देखकर कहा,”भैया उन्होंने ऐसा क्यों लिखा की सबके होते हुए भी वो अकेली है ! 

शिवम् ने एक राधिका की और देखा और तड़पकर कहा,”क्योकि उनका रांझणा उनके पास नहीं है !! ” 

राधिका ने खत मोड़कर शिवम् की और बढ़ा दिया और आंसू पोछती हुई वहा से चली गयी ! शिवम् ने उस मुड़े हुए खत को अपने होठो से लगा लिया उसकी आँखों से गिरते आंसू खत को भिगाने लगे ! ये तोहफा उसकी जिंदगी का बेहतरीन तोहफा था शिवम् ने खत को अपनी शर्ट के जेब में रख लिया अपने दिल के पास !! 

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संजना किरोड़ीवाल

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