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रांझणा – 21

Ranjhana – 21

Ranjhana

Ranjhana By Sanjana Kirodiwal

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Ranjhana – 21

मणिकर्णिका घाट की सीढ़ियों पर बैठे शिवम् ने सारिका को सारी बातें बता दी जो वह आज तक उस से छुपाता आया था l लेकिन महादेव को शायद (या यु कहे लिखने वाले को) इतनी जल्दी इनका मिलना मंजूर नहीं था l सारिका ने जब शिवम् के कंधे पर अपना सर रखा तो उसे नींद आ गयी थी l शिवम् के सर पर अपना कन्धा टिकाये वह सोती रही और इस से बेखबर शिवम् उसे अपने बारे मे सब बताता रहा l सारिका ने सिर्फ उतना ही सुना जितना शिवम् का अतीत था l मैडम जी वाली बात उसने सुनी ही नहीं l

शिवम् ख़ामोशी से सामने पानी को देखता रहा जा सारिका ने कुछ नहीं कहा तो उसने सारिका की तरफ देखा , शिवम् की नजर उसके चेहरे पर जम सी गयी l हवा से उड़कर जब बाल शिवम् के चेहरे पर आने लगे तो सहसा ही शिवम् की उंगलिया उस और बढ गयी l शिवम् ने सारिका को नहीं उठाया सोने दिया और घाट के पानी को देखते हुए सोचने लगा,”ऐसा क्यों होता है जब हम किसी से दूर जाने की सोचते है तो हमारी किस्मत हमे बार बार उनके करीब ले आती है l

सारिका जी से हमारा क्या रिश्ता है ये हम अभी भी जान नहीं पाए है l इनके साथ होकर सब भूल जाते है अपना अतीत , अपना दर्द बस याद रहता है तो सिर्फ आज………………..!! ये बहुत ही सुलझी हुई इंसान है , हर बात को कितनी आसानी से समझ लेती है बहुत खुशनसीब होगा वो इंसान जिसे इनका प्यार मिलेगा , साथ मिलेगा l महादेव से बस यही दुआ है की ये हमेशा खुश रहे”
शिवम् ने एक बार फिर सारिका की और देखा वह नींद में भी मुस्कुरा रही थी शायद कुछ अच्छा देखा होगा l

शिवम् फिर सामने देखने लगा l माहौल में एक सुखद शांति का अनुभव हो रहा था l शिवम् को बनारस की शामे बस इसी लिए पसंद थी हर शाम वह यहाँ आकर कुछ पल सुकून के जी लिया करता था l यु ही बैठे बैठे रात के 10 बज चुके थे l शिवम् सारिका को नींद से जगाना नहीं चाहता था पर जगाना भी जरुरी था l शिवम् ने कांपते हाथो से सारिका के कंधे को हलके से थपथपाया l सारिका नींद से जागी लेकिन डरकर उसने मजबूती से शिवम् की बांह पकड़ ली और अपनी आँखे मींच ली l

बेचारे शिवम् का तो बुरा हाल था उसने धीरे से कहा,”यहाँ सिर्फ हम ही है”
सारिका ने सुना तो अपनी आँखे खोली और शिवम् की तरफ देखने लगी l न चाहते हुए भी शिवम् फिर से उसकी आँखों में डूबने लगा था l सारिका को होश आया तो वह तुरंत उस से दूर हट गयी और कहा,”माफ़ करना वो हम , हमे पता ही नहीं चला कब हमे नींद आ गयी”
शिवम् – कोई बात नहीं


सारिका – आपने हमे जगाया क्यों नहीं ?
शिवम् – अभी जगाया तब आपने इतनी जोर से पकड़ा , पहले जगाते तो हो सकता है आप हमे पानी में ही धक्का दे देती l
सारिका झेंप गयी और कहा,”वो हमे लगा कोई भूत……………………….!!
शिवम् – आप इन सबसे डरती है ?
सारिका – डरते तो हम किसी से नहीं है पर भूत से थोड़ा थोड़ा (झिझकते हुए)


शिवम् मुस्कुराने लगता है और कहता है – बनारस में ऐसा कुछ नहीं है , यहाँ किसी भी वक्त आया जा सकता है l फ़िलहाल हम जिस घाट पर बैठे है वो एक श्मशान भी है l
“क्या ?”,सारिका ने घबराते हुए कहा
“हां , यहाँ हर वक्त अंतिम संस्कार किये जाते है”,शिवम् ने सामने जलती चिता को देखते हुए कहा
“फिर तो हमे यहाँ से चलना चाहिए”,सारिका डर के मारे उठ खड़ी हुई हुई


उसे डरते देखकर शिवम् को मन ही मन बहुत हंसी आ रही थी वह उठा और कहा,”चलिए !!”
शिवम् और सारिका साथ साथ चलने लगे तो सारिका ने कहा,”आप ये मत समझना की हम डरकर जा रहे है , वो तो रात बहुत हो गयी न इसलिए कहा , घर पर सब इंतजार कर रहे होंगे”
शिवम् ने कुछ नहीं कहा बस मुस्कराता रहा उसने देखा सारिका सुलझी हु होने के साथ साथ काफी भोली भी है l घाट से निकलकर दोनों बाहर आये l

शिवम् बाइक के पास आया तो उसे वहा एक चिट मिली शिवम् ने उसे खोलकर पढ़ा तो लिखा था – बाइक पर लड़की के साथ घूमने का जो मजा है वो जीप में कहा , और सफर तब और खूबसूरत हो जाता है जब साथ में सारिका जैसी लड़की हो l हैप्पी जर्नी !! ……………. लव मुरारी !”
शिवम मुस्कुरा उठा और कागज जेब में डाल लिया l उसने जेब से चाबी निकाली बाइक स्टार्ट की और सारिका से बैठने को कहा l

सारिका आकर शिवम् के पीछे बैठ गयी l सारिका के और उसके बिच में गेप रहे सोचकर शिवम् थोड़ा आगे खिसक गया और बाइक आगे बढ़ा दी l ख़ामोशी एक बार फिर दोनों के बिच थी l पहली बार कोई लड़की शिवम् की बाइक पर बैठी थी l साइड मिरर में सारिका का चेहरा उसे साफ साफ नजर आ रहा था आज कितना खुश नजर आ रही थी वो , मिरर से नजर हटाकर शिवम् सामने देखते हुए चलाने लगा l शिवम् को ध्यान नहीं रहा और उसने अचानक से ब्रेक लगा दिया l

सारिका ने स्पोर्ट के लिए जैसे ही अपना हाथ शिवम के कंधे पर रखा एक झुरझुरी सी उसके बदन में दौड़ गयी l अपने मन के भावो को छुपाते हुए शिवम् ने बाइक को आगे बढ़ा दिया l सारिका के नाजुक हाथो की छुअन शिवम् अपने कंधे पर महसूस कर रहा था l दोनों ही खामोश थे सारिका तो बस रौशनी से चमकते बनारस को निहारे जा रही थी l सही मायनो में उसने आज बनारस की खूबसूरती को करीब से देखा था l जैसे ही बाइक चाय की दुकान के सामने से गुजरी सारिका ने कहा,”चाय पिए “


शिवम् ने बाइक रोककर कहा,”आप पीना चाहती है ?”
“हम्म , मौसम भी अच्छा है और हमे बनारस को करीब से देखने के लिए थोड़ा और वक्त मिल जाएगा”,सारिका ने कहा l
दोनों बाइक से निचे उतरे शिवम् ने दुकान वाले से दो कप चाय देने को कहा और खुद आकर सारिका के सामने खड़ा हो गया और कहा,”आपको बनारस बहुत पसंद है ?”


“हां , बहुत कुछ है जो इस शहर से जुड़ा है l बस सिर्फ कल का दिन उसके बाद हम चले जायेंगे”,शून्य में तांकते हुए कहती है
सारिका के जाने की बात सुनकर शिवम् का दिल बैठ गया l लगा जैसे कोई अपना दूर होने वाला है उसका चेहरा उदासी से घिर गया लेकिन सारिका कही उसके मन को महसूस न कर ले सोचकर उसने धीरे से कहा,”आपकी उस नौकरी का क्या हुआ जिसके लिए आप यहाँ आई थी ?”


“शिवम् आपने अपने बारे में सब बता दिया , पर आपका हमारे बारे में जानना बहुत जरुरी है l जाने से पहले वो सब हम आपको बता देंगे”,सारिका ने शिवम् की आँखों में देखते हुए कहा
“वैसे वापस कब जा रही है आप ?”,शिवम् ने कहा
“परसो सुबह एक छोटा सा काम है बस उसके बाद यहाँ से निकल जायेंगे”,सारिका की आँखे चमक उठी
“आखिर ऐसा क्या काम है ? जो सारिका हमे नहीं बता रही , हो सकता है हम उनकी कुछ मदद कर दे l

अब परसो तक का इंतजार करना पड़ेगा हमे”,शिवम् ने मन ही मन कहा
“भैया चाय !!”, चाय वाले ने आकर कहा तो शिवम की तंद्रा टूटी उसने चाय का एक कुल्हड़ सारिका की तरफ बढ़ा दिया और दूसरा खुद लेकर चाय पिने लगा l सारिका को चाय पसंद नहीं थी उसे तो बस कुछ देर यहाँ रुकना था इसलिए उसने चाय पिने का बहाना बनाया l शिवम् ख़ामोशी से अपनी चाय पि रहा था सारिका ने किसी तरह आँख बचाकर अपने कुल्हड़ की चाय दूसरी तरफ फेक दी l

शिवम् ने नहीं देखा गनीमत था वरना यही लेक्चर शुरू कर देता l चाय पिने के बाद शिवम् दुकान वाले को पैसे देने चला गया वापस लौटा तो सारिका वहा नहीं थी शिवम् ने इधर उधर देखा तो उसकी नजर सामने सड़क के उस पार खड़े पेड़ पर चली गयी जिस पर सफ़ेद फूल लगे थे l सारिका वही खड़ी थी शिवम् चलकर वहा आया सारिका उछलकर ु सफ़ेद फूलो को तोड़ने की कोशिश कर रही थी लेकिन वहा तक उसका हाथ नहीं जा पा रहा था l

शिवम् ने सारिका को रोकते हुए कहा,”सारिका जी रात के समय फूल नहीं तोड़ने चाहिए”
सारिका ने सुना तो उदास हो गयी और कहा,”पर ये बहुत अच्छे है”
“हम कल ले आएंगे आपके लिए”,शिवम् ने कहा तो सारिका फिर से उदास हो गयी l शिवम् से देखा नहीं गया तो उसने मन ही मन महादेव् से प्रार्थना की और जैसे ही सारिका के साथ आगे बढ़ा l

हवा चलने की वजह से फूल टूटकर अपने आप सारिका पर गिरने लगे l उस वक्त सारिका की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था l उसने जमीं पर गिरे फूलो को उठाया और शिवम् को दिखाते हुए कहा,”देखिये ये कितने खूबसूरत है ना”
“हम्म्म”,शिवम् ने हां में सर हिला दिया पर इस वक्त उसे इन फूलो से भी ज्यादा कोई खूबसूरत नजर आ रही थी तो वो थी सारिका l दोनों बाइक के पास आये और फिर से सफर शुरू हो गया l

शिवम् अभी कुछ दूर ही चला था की सारिका ने कहा ,”शिवम जी हमारे पेट में बहुत तेज दर्द हो रहा है , प्लीज़ डॉक्टर के पास चलिए”
“घबराईये मत हम अभी चलते है”,शिवम् ने कहा और बाइक वापस घुमा ली l हॉस्पिटल आकर शिवम् सारिका को लेकर जल्दी से एमेरजेन्सी वार्ड आया , किस्मत अच्छी थी की उसे डॉक्टर वहा मिल गए उसने डॉक्टर से कहा,”सर इनके पेट में अचानक से दर्द होने लगा है ,

प्लीज़ आप कुछ कीजिए” कहते हुए शिवम् ने सारिका की तरफ हाथ करके कहा लेकिन अगले ही पल चौक गया सारिका आराम से सामने बेड पर बैठकर सेब खा रही थी l शिवम कुछ कहता इस से पहले ही सारिका उठकर आई और डॉक्टर से कहा,”सर आई ऍम एप्सल्यूटली फाइन , इलाज की जरुरत इन्हे है”
“हमे क्या हुआ है ?”,शिवम् ने हैरानी से सारिका की तरफ देखकर कहा


सारिका वहा से उठी और शिवम् की तरफ आकर डॉक्टर से कहा,”सर इनकी पीठ पर जख्म है , आप उसकी ड्रेसिंग कर दीजिये प्लीज़”
“ठीक है , अपनी शर्ट उतारो”,डॉक्टर ने शिवम् से कहा
“और आपका पेट दर्द ?”,शिवम् ने सारिका की तरफ देखकर हैरानी से कहा
“पेट दर्द तो हमे था ही नहीं , वो तो हम आपके लिए आये थे l

जानते थे आप खुद से तो करेंगे नहीं इसलिए आना पड़ा”,सारिका ने सेब खाते हुए कहा l
शिवम् ने सारिका को घुरा और कहा,”बहुत बड़ी नौटंकी है आप”
“जानते है , जाईये डॉक्टर साहब बुला रहे है”,सारिका ने बेफिक्री से कहा l
शिवम् डॉक्टर के साथ पर्दे के पीछे चला गया l सारिका बाहर ही रही l डॉक्टर ने ड्रेसिंग कर दी और शिवम् के साथ बाहर आया l

उन्होंने शिवम् को कुछ एंटीबायोटिक लिख कर दी l सारिका ने शिवम् के हाथ से स्लिप लेकर देखी और कहा,”आप रुकिए हम दवा ले आते है”
सारिका वहां से बाहर निकल गयी वापस आई तो उसके हाथ मे दवाईया और एक इंजेक्शन था l सारिका ने इंजेक्शन डॉक्टर को देकर कहा,”सर इस से ये जल्दी ठीक हो जायेंगे l”
“ये आपने सही किया ,लाईये”,डॉक्टर ने सारिका के हाथ से इंजेक्शन ले लिया l


“हम ये नहीं लगवाएंगे”,शिवम् ने डरते हुए कहा
“क्यों ? क्यों नहीं लगवाएंगे ,, अगर नहीं लगवाया तो ठीक कैसे होंगे ?”,सारिका ने शिवम् को डांटते हुए कहा
बेचारा शिवम् सोच रहा था कहा फस गया l सारिका ने उसका हाथ पकड़ा और डॉक्टर के आगे करके कहा,”लगा दीजिये हम भी देखते है इन्हे”
डॉक्टर मुस्कुराया और शिवम् के हाथ में इंजेक्शन लगा दिया l

शिवम् ने आँखे बंद कर ली उसके उंगलियों की पकड़ सारिका के हाथ पर पहले से ज्यादा हो गयी पर सारिका जो अभी तक बहादुरी दिखा रही थी शिवम् को इंजेक्शन लगता देखकर उसकी आँखो में आंसू आ गए l सारिका की आँखों में आंसू देखकर शिवम् आँखों के इशारे से पूछा तो सारिका ने न में गर्दन हिला दी l शिवम ने सारिका से बाहर चलने को कहां और खुद डॉक्टर को ट्रीटमेंट के पैसे देने लगा l डॉक्टर ने पैसे लिए और कहा,”शिवम् !!
” जी “,शिवम् ने पलटकर कहा


“तुम बहुत खुशनसीब हो जो तुम्हे इतना प्यार करने वाली लड़की मिली है , कैसे तुम्हारी एक आह पर उसकी आँख में आंसू भर आये l वो लड़की तुम्हे कभी छोड़कर नहीं जाएगी”,डॉक्टर ने कहा l शिवम् ने कुछ नहीं कहा और वहा से चला गया l बाहर आया तो सारिका बाइक के पास खड़ी थी l शिवम् उसकी और बढ़ा और उसके सामने आकर कहा,”आपने ही तो इंजेक्शन लगाने को कहा था फिर आपकी आँखों में आंसू किसलिए ?


“हमसे किसी का दर्द देखा नहीं जाता”,सारिका ने अपनी बड़ी बड़ी पलके उठाकर शिवम् की आँखों में देखते हुए कहा
शिवम् निशब्द हो गया l सारिका उतनी भी सुलझी हुई नहीं थी जितना शिवम् उसे समझ रहा था l उसने बाइक स्टार्ट की और दोनों घर के लिए निकल गए l घर आकर सारिका सीधा अपने कमरे में चली गयी l शिवम् ने बाइक को साइड में खड़ा किया और बरामदे में बैठी आई के पास आया l आई खाना लगाकर बैठी थी उसने सारिका को आवाज लगाई l सारिका भी आ गई आई ने दोनों को खाना परोसा l

खाते खाते सारिका को हॉस्पिटल वाली बात याद आ गयी और वह हसने लगी l शिवम् और आई हैरानी से उसकी तरफ देखने लगे तो सारिका ने हॉस्पिटल वाली बात आई को भी बता दी l अब तो आई भी सारिका के साथ हसने लगी l शिवम् उन दोनों को देख मुस्कुरा कर रह गया l

अगली सुबह सारिका जल्दी ही उठ गयी l बस आजका दिन और उसके बाद वह जान जाएगी उसका रांझणा कहा है l सारिका नहाकर आई और तैयार होने लगी l आज उसने नीले रंग का सूट पहना और उस पर नीले रंग के झुमके l वह कमरे से बाहर आई तो देखा आज मौसम बहुत खूबसूरत था l धुप बिल्कुल नहीं थी और आसमान में काले बादल मंडरा रहे थे l सारिका को ऐसा मौसम बहुत अच्छा लगता था l

बरामदे में खड़ी वह आसमान में छाये काळे बादलो को देख ही रही थी की आई उसके पास आई और कहा,”ये लो गर्मागर्म पकोड़े और धनिये की चटनी खाओ , मौसम का और ज्यादा मजा आएगा”
“अरे वाह माँ हम अभी अभी यही सोच रहे थे की काश इस मौसम में गर्म गर्म पकोड़े मिल जाये”,सारिका ने आई के हाथ से प्लेट लेकर ख़ुशी से कहा


“माँ हु न मन की बात जान लेती हु , तुम इह खाओ हम शिवम् को उठाकर आते है l मुरारी के घर भी तो जाना है ना”,आई ने जाते हुए कहा
सारिका वही खड़ी पकोड़े और चटनी का मजा लेने लगी l सच ही कहा है किसी ने माँ के हाथो में जादू होता है l

सारिका अभी खड़े खड़े पकोड़े खा ही रही थी की तभी बूंदाबांदी शुरू हो गई सारिका ने देखा सामने तार पर कपडे सुख रहे है l सारिका ने प्लेट टेबल पर रखी और कपडे उतारने भागी l एक एक कर वह कपडे उतारती जा रही थी l कपडे लेकर जैसे ही पलटी शिवम से टकरा गयी l सारे कपडे उछलकर निचे गिर पड़े l एक दुप्पटे का कोना सारिका के कान के झुमके में उलझ गया l

उस से निकाला नहीं गया तो शिवम् ने आगे बढ़कर कहा,”हम निकाल देते है” l शिवम् सारिका के झुमके से दुपट्टा निकालने लगा l उसका चेहरा सारिका के कान के पास ही था और गर्म सांसे सारिका अपने कानो और गर्दन पर महसूस कर रही थी l बारिश तेज हो गयी दोनों वही खड़े बारिश में भीगते रहे l
“जल्दी कीजिये प्लीज़”,सारिका ने कहा
शिवम् ने दुपट्टा निकाला और वहा से दूसरी तरफ चला गया l सारिका ने देखा फर्श पर बिखरे कपडे फिर से गीले हो गए है l

उसने सबको उठाया बाल्टी में डाला और बरामदे में ले आई l वो खुद भी बुरी तरह भीग चुकी थी l आई ने देखा तो उसके पास आई और कहा,”अरे तुम काहे भीग गयी ? बीमार पड जाओगी l इह सब हम कर लेते”
“कोई बात नहीं , वैसे भी हम भीग तो चुके ही है , आप बताईये ये कपडे कहा सुखाने है हम सूखा देते है”,सारिका ने कहा
“वहा पीछे बरामदे में l “,आई ने कहा


“ठीक है हम अभी सुखाकर आते है”,कहकर सारिका ने कपड़ो की बाल्टी उठाई और वहा से चली गयी l पीछे बरामदे में आकर सारिका एक एक करके कपडे सुखाने लगी l सारिका ने सामने देखे बिना ही दुपट्टा उठाया और उसे जोर से झटका l सारा का सारा पानी शिवम् में जा गिरा जो की सामने खड़ा था और अभी अभी कपडे बदलकर आया था l सारिका ने देखा तो तेजी से पलट गयी और निचले होंठ को दांतो तले दबा लिया l शिवम् ने कुछ नहीं कहा अपनी शर्ट झटकी और वहा से चला गया l

सारिका अब तो शिवम् के सामने जाने से भी घबरा रही थी पता नहीं किस पल उसके गुस्से का ज्वालामुखी फ़टे और वो सारिका को सूना दे l कपडे सुखाकर सारिका वापस आई l आई ने उसे कपडे बदल लेंने को कहा सारिका कपड़े बदलकर आ गई तो आई ने गर्म गर्म कॉफी का कप उसकी और बढ़ा दिया l

इस वक्त शायद सारिका को इसी की जरूरत थी l सारिका ने कॉफी पि तो थोड़ा आराम मिला l सारिका अपना लेपटॉप ले आई और वही बरामदे में बैठकर काम करने लगी l बारिश अभी भी जारी थी l ठंडी हवाएं और गीली मिटटी की खुशबू सारिका को बहुत भा रही थी l

शाम को सारिका , शिवम् और राधिका तैयार होकर मुरारी के घर जाने के लिए निकल गए l सारिका ने गुलाबी और हरे रंग का बहुत ही प्यारा सूट पहना था l शिवम् की नजरे बार बार उस पर चली जाती l मुरारी ने उनके लिए गाड़ी भेज दी थी l तीनो वहा पहुंचे सारिका ने देखा बहुत शानदार इंतजाम किया हुआ था l जैसे मुरारी हमेशा कहता था ‘चाचा विधायक है हमारे’ बस वही सीन था और ये सब सारिका के लिए बहुत ही रोमांचक था l

शिवम् को देखते ही मुरारी बाकि सब काम छोडकर उन लोगो के पास आया और कहा,”आई बाबा कहा है ?
“मुरारी भैया वो थोड़ा देर से आएंगे”,राधिका ने कहा
“का बात है सारिका जी , बहुते खूबसूरत दिख रही है l ये गुलाबी रंग बहुते जच रहा है आप पर”,मुरारी ने सारिका की और देखकर कहा l
“आप भी बहुत अच्छे लग रहे है”,सारिका ने कहा


“आईये , आपको हमरे विधायक चाचा से मिलाते है”,कहकर मुरारी सारिका और राधिका को लेकर वहा से चला गया
“साला दोस्त हमारा है और साथ उनको लेकर गया , पर कोई नहीं वो यहाँ सिर्फ आज की रात साथ है कल वो यहाँ से चली जाएगी”,सोचते हुए शिवम् थोड़ा उदास हो गया l
“तुम यहाँ खड़े का कर रहे हो चलो”,मुरारी ने उसका हाथ पकड़ कर खींचते हुए कहा


मुरारी ने सारिका को अपने चाचा चाची से मिलवाया और फिर सबने मिलकर उनकी ऐनीवरसरी मनाने लगे l तब तक आई और बाबा भी आ चुके थे l शिवम् बार बार घडी देख रहा था l वक्त कितना जल्दी बीत रहा था ये उसे अब अहसास हुआ l शिवम् को बार बार घडी में देखते पाकर मुरारी उसके पास आया और कहा,”भैया ये बार बार घडी में का देख रहे हो ?
“अगर इसे सारिका जी के जाने के बारे में अभी बता दिया तो ये हंगामा कर देगा l”,शिवम् ने मन ही मन सोचते हुए कहा


“अरे का सोचने लगे , किसी को टाइम दिया है क्या ?”,मुरारी ने फिर कहा
“अरे देख रहे है 10 बज गए पर खाना शुरू नहीं हुआ”,शिवम् ने बात छुपाते हुए कहा
“अरे यार इह तो हम भूल ही गए , हम अभी इंतजाम देखकर आते है l सारिका जी को भी भूख लगी होगी”,मुरारी ने कहा
“वाह बेटा क्या बात है ? यहाँ भाईयो से पहले किसी और की फ़िक्र”,शिवम् ने मुंह बनाकर कहा


“अरे भैया पहले भाभी को खिलाना जरुरी है , भैया का क्या ओ का पेट तो भाभी को देखकर ही भर जाएगा”,मुरारी ने शरारत से कहा और वहा से चला गया
शिवम् की नजर सामने खड़ी सारिका पर चली गयी जो की राधिका की सहेलियों से बाते कर रही थी l शिवम् को अपनी और देखता पाकर सारिका ने आँखों के इशारे से पूछा तो शिवम् ने मुस्कुराकर ना में गर्दन हिला दी l
उधर मुरारी खाने के हॉल की तरफ आया और देखा खाना शुरू हो चूका था l

जैसे ही वह जाने के लिए मुड़ा उसकी नजर कोने में खड़े उस थुलथुल पेट वाले आदमी पर गयी l मुरारी को आता देखकर वह पहले ही जाकर कोने में खड़ा हो गया लेकिन आखिर कर मुरारी की नजर उस पर पड़ ही गयी l मुरारी उसके पास चलकर आया लेकिन वह कुछ कहता इस से पहले ही आदमी ने गुस्से से प्लेट फेंकी और मुरारी के सामने आकर कहा,”गंगा मैया की कसम हमने सिर्फ पिलेट ही उठायी थी अब खाना शुरू नाही किये है l”


“अरे तो खाओ न किसने मना किया है”,मुरारी ने कहा
“अरे भैया नहीं तुमरी परमिशन के बिना कैसे खा सकते है ? उस दिन जो खिलाये थे वो अभी भी याद है ,,भैया सच बताय रहे है उसके बाद से किसी की शादी में खाना नहीं खाये है”,आदमी ने गिड़गिड़ाते हुए कहा
“अरे रे , खामखा परेशान हो रहे तुम , आज तुमको जीतना खाना है जो खाना है खाओ कोई नहीं रोकेगा , आज का जश्न हमरे चाचा की तरफ से है “,मुरारी ने प्लेट उठाकर आदमी को पकड़ाते हुए कहा


“ठीक है भैया , तुम बहुते अच्छे हो l पर तुमको एको बात कहे”,आदमी ने कहा
“हम्म्म कहो”,आदमी ने कहा
“तुम न इह गुंडागिरी , मारागर्दी ना किया करो l अच्छे लड़के बनके रहोगे तो लड़की भी मिल जाएगी , तुमरी भी उम्र निकली जा रही है l अगर समय पर शादी कर लिए होते तो आज हम हिया तुमरी शादी के जश्न में खा रहे होते”,आदमी ने बिना मांगे सलाह देते हुए कहा


मुरारी उसके पास आया और कहा,”देखो बाबू ऐसा है , खाना खाने आये हो खाना खाओ कुछ और खाने वाली हरकते ना करो वरना पेले जाओगे”
आदमी ने हामी में गर्दन हिला दी तो मुरारी वहा से जाने लगा कुछ कदम चलकर रुका , पलटा और आदमी को अपने पास बुलाया l आदमी के पास आते ही मुरारी ने खींचकर एक थप्पड़ मारा और कहा,”आज के बाद बिना मांगे किसी को सलाह ना देना”


आदमी गाल पर हाथ लगाए रोनी सूरत लिए वहा से चला गया मुरारी वापस शिवम् और बाकि लोगो की तरफ़ बढ़ते हुए बड़बड़ाने लगा,”साला जितने ताने हमरी शादी को लेकर मिलते है उतना तो साला सास अपनी बहु को नहीं देती है l अब शिवम् भैया शादी करे तब ना करे हम शादी , बड़े भैया से पहले शादी कर ली तो कलको लोग का कहेंगे l पर इह भैया भी कम हरामी नाह है , खुद तो अपनी मेडम जी के चक्कर में इंतजार कर रहे है और हमको इह बनारस का सलमान खान बना दिए है तबसे साले बैचेलर के बैचेलर !!


“का बड़बड़ा रहे हो तबसे ?”,शिवम् ने उसे रोकते हुए कहा
“अरे कछु नाहीं , चलो तुम लोग खाना तैयार है”,मुरारी ने कहा और सबको लेकर हॉल की और बढ़ गया l नौकर से कहकर उनके लिए एक टेबल पर खाना लगवाया और सबके साथ आ बैठा l सभी बातें करते हुए खाना खाने लगे l सारिका आज बाकि दिनों के बजाय ज्यादा खुश थी पर इस ख़ुशी की वजह सिर्फ सारिका जानती थी l खाना खाने के बाद मुरारी ने सबके साथ बहुत सारे फोटो क्लिक करवाए l डांस किया बहुत मस्ती की l

मुरारी ने एक तस्वीर सरिका और शिवम् के साथ भी खिंचवाई लेकिन जैसे ही फोटोग्राफर फोटो क्लीक करने वाला था सारिका और शिवम् एक दूसरे की तरफ देखने लगे और वो तस्वीर वैसे ही आ गयी l जो की उस रात की सबसे खूबसूरत तस्वीर थी l

जश्न ख़त्म होने के बाद आई बाबा , सारिका , शिवम् और राधिका घर आ गए l राधिका आई के कमरे में सोने चली गयी l सारिका भी अपने कमरे में आकर कपडे चेंज करने के बाद सोने चली गयी l लेकिन शिवम् उसकी आँखों से नींद कोसो दूर थी मन में बस एक ही बात बार बार आ रही थी – ‘कल सारिका जी चली जाएगी’ शिवम् बेचैनी से अपने कमरे मे टहलने लगा जब दिल के हाथो मजबूर हो गया तो कमरे से निकलकर सारिका के कमरे के सामने आया l

खिड़की खुली थी शिवम् ने सोती हुई सारिका को देखा और कुछ देर बाद वहा से वापस अपने कमरे में आ गया l ये अहसास उसे समझ नहीं आ रहा था पर बहुत प्यारा था सारिका के साथ बिताया पल एक एक करके उसकी आँखों के सामने आने लगा l उसकी बाते , शरारते , आंसू , मुस्कराहट और उसकी वो काजल से सनी दो आँखे किसी पिक्चर की भांति चलने लगी l

सुबह सारिका उठी l उसे बस फोन का इंतजार था l कुछ देर बाद फोन बजा फोन उन्ही पंडित जी का था जिन्हे सारिका नंबर देकर आई थी l सारिका ने जैसे ही फ़ोन उठाया दूसरी तरफ से पंडित जी ने उनके आने की खबर दी और मंदिर आजाने को कहा l सारिका की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था l वह जल्दी से तैयार होकर अकेले ही मंदिर के लिए निकल गयी l ख़ुशी से उसका चेहरा चमक रहा था l

वह अस्सी घाट पहुंची और वहा से मंदिर आई l सरिका को वहा देखते ही पंडित जी उसे पहचान गए l सारिका को लेकर वे मंदिर के बैठक में आये जहा बड़े पंडित जी बैठे थे l सारिका ने देखा वे काफी बूढ़े हो चुके है l l छोटे पंडित सारिका को वही छोड़कर चले गए l बड़े पंडित जी ने जब सारिका को देखा तो उसे अपने पास बुलाया और सामने पड़ी कुर्सी पर बैठने को कहा l सारिका ने उन्हें सारी बातें बता दी l

पंडित जी ने ध्यान से सारी बाते सुनी और सोचते हुए कहा,”बिटिया आप जिनकी बात कर रही है , का उह का नाम ‘शिवा’ था ?
शिवा नाम सुनते ही सारिका को बचपन की वो घटना याद आ गयी और उसने बेसब्री से कहा,”जी , जी हां”
सारिका का जवाब सुनकर पंडित जी सोच में पड़ गए और कहा

“तुमने आने में देर कर दी बिटिया , शिवा की तो शादी हो चुकी l कल ही तो उसकी शादी से लौटे है हम”

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संजना किरोड़ीवाल

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