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और प्यार हो गया – 7

Aur Pyar Ho Gaya – 7

Aur Pyar Ho Gaya
Aur Pyar Ho Gaya by Sanjana Kirodiwal

“स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर अवार्ड” जितने की इतनी ख़ुशी नहीं थी जितनी नंदनी को वहा देखकर थी l फंक्शन ख़त्म होने के बाद हर कोई कार्तिक को बधाईया दे रहा था पर उसे जल्दी थी नंदिनी से मिलने की l कितने सारे सवाल करने थे उसे नंदिनी से l नंदिनी केम्पस की सीढ़ियों के पास खड़ी श्रुति , त्यागी और चंदन से बातें कर रही थी l कुछ देर बाद कार्तिक भी उन सबके बिच आया और नंदिनी को हल्का सा धक्का देते हुए कहां,”कहा चली गयी थी ? तू जानती भी है तेरे बिना यहाँ की हालत हो गयी थी मेरी , और फोन भी बंद है तबसे तेरा जानती भी है दिन में कितनी बार फोन करता था तुझे ? तुझे तो एक बार भी मेरी याद नहीं आयी ना”
कार्तिक नंदिनी पर गुस्सा करता रहा और नंदिनी चुपचाप मुस्कुराते हुए सुनती रही l कार्तिक का गुस्सा करना उसे अच्छा लग रहा था l कुछ देर बाद नंदिनी ने अपने दोनों कान पकडे ओर कहा,”सॉरी bunny !!”
“कितना भी सॉरी बोलो मैं नहीं माफ़ करूंगा और ये मासूम चेहरा बनाने की जरुरत नहीं है , मैं नहीं पिघलने वाला”,कार्तिक ने मुंह बनाते हुए कहा l
नंदिनी वही सीढ़ियों पर बैठ गयी और गाने लगी,”दोस्त दोस्त ना रहा , प्यार प्यार ना रहा
कार्तिक भी आकर नंदिनी के बगल में बैठ गया और कहा,”ये सब नौटंकी सिख कर आई हो लखनऊ से ?”
“तुम्ही से सीखा है”,नंदिनी ने मुस्कुरा कर कहा
“अच्छा ये सब छोडो और ये बताओ इतने दिनो से तुम थी कहा ?”,कार्तिक ने कहा
“एग्जाम ख़त्म होने के बाद लखनऊ चली गई लेकिन रस्ते में मेरा फोन चोरी हो गया l तुम में से किसी का नंबर भी याद नहीं था इसलिए बात नहीं हो पाई l कानपूर आने का सोचा था लेकिन मम्मी पापा के साथ इतना बिजी हो गयी ना की कुछ समझ ही नहीं आया l पर मैंने तुम्हे बहुत मिस किया “,नंदनी ने कहा
“झूठी मिस करती तो आकर मुझसे मिलती यहाँ बैठकर बहाने नहीं बनाती”,कार्तिक ने अपने कंधे से नंदिनी के कंधे पर मारते हुए कहा l
“अरे सच्ची ! “,नंदिनी ने कहा
“मैंने भी तुम्हे बहुत मिस किया”,कार्तिक ने मुस्कुराकर कहा l
दोनों बातो में लग गए पास खड़े त्यागी , श्रुति और चंदन दोनों का मुंह ताक रहे थे पर नंदिनी और कार्तिक दोनों में ऐसे खोये हुए थे की उन्हें अपने अलावा और कुछ दिखाई ही नहीं दे रहा था l तीनो वहा से चले गए l
“कॉलेज तो एक महीने बाद स्टार्ट होगा तब तक क्या करेगी ?”,कार्तिक ने पूछा
“कजिन की शादी है मुंबई वहा घुमने जाउंगी”,नंदिनी ने एक्साइटेड होकर कहा
“ग्रेट , अब क्या कर रही हो ?”,कार्तिक ने पूछा
“कुछ खास नहीं बस हॉस्टल जाकर दोस्तों से मिलूंगी और फिर शाम को वापस लखनऊ”,नंदिनी ने कहा
“तो घर चलो , मॉम भी तुम्हे बहुत याद कर रही थी”,कार्तिक ने कहा
“घर……………………!!”,नंदिनी ने असमझ की स्तिथि में कहा
“हाँ घर , अब उठो और चलो”,कहकर कार्तिक ने अपने साथ साथ नंदिनी को भी उठा लिया और फिर दोनों कॉलेज से घर के लिए निकल पड़े l

घर पहुंचकर कार्तिक ने डोरबेल बजायी l रंजना ने दरवाजा खोला नंदिनी को सामने देखकर चौंक गयी l नदिनी आगे बढ़ी और रंजना को गले लगाते हुए कहा,”कैसे हो आंटी ?
“मैं ठीक हु , तू बता तू कैसी है ? ना कोई फोन ना मिलना जुलना कहा गायब थी इतने दिनों से ?”,रंजना ने शिकायत करते हुए कहा l
“अरे अंदर तो चलिए सब बताती हु”,नंदिनी ने कहा
“हां मॉम अंदंर चलकर इसकी अच्छे से खबर लेना”,कार्तिक ने कहा और नंदिनी का बेग उठाये अंदर चला गया l रंजना और नंदिनी भी अंदर आ गयी l
रंजना सोफे पर बैठकर नंदिनी के साथ बातें करने लगी और कार्तिक सबके लिए कॉफी बनाने किचन की तरफ चला गया l कुछ देर बाद कार्तिक कॉफी ले आया और वही आकर बैठ गया बातो बातो में नंदिनी ने बताया की कार्तिक को कॉलेज में “स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर” का अवार्ड मिला है l रंजना को तो भरोसा ही नहीं हुआ वह बस आँखे फाडे कभी कार्तिक को देखती तो कभी नंदिनी की तरफ l जब कार्तिक ने अपना रिजल्ट और ट्रॉफी रंजना के सामने रखा तब जाकर उसे यकीन हुआ l कार्तिक ने जब बताया की नंदिनी की वजह से ये सब हुआ है तो रंजना को नंदिनी और अच्छी लगने लगी
सभी बैठकर बातें कर ही रहे थे की तभी बाहर से मौली आयी उसे देखते ही रंजना ने ख़ुशी से कहा,”मौली देख कार्तिक को इस साल कॉलेज में “बेस्ट स्टूडेंट” का अवार्ड जीता है l मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा”
“मुझे भी नहीं हो रहा”,मौली ने मुंह बनाकर कहा
“दी मॉम जो कह रही है वो सच है , इस साल नंदू ने मेरी बहुत हेल्प की वरना मैं तो अपने टेलेंट को जान ही नहीं पाता”,कार्तिक ने मौली के सामने आकर मुस्कुराते हुए कहा
“वो उसका टेलेंट है तुम्हारा नहीं , तुम में सिर्फ एक ही टेलेंट है और वो है बातें बनाना”,मौली ने कार्तिक का मजाक उड़ाते हुए कहा l कार्तिक का उतरा चेहरा देखकर नंदिनी को बिल्कुल अच्छा नहीं लगा वह उठी और कार्तिक को साइड में करके मौली से कहा,”आप खुद को समझती क्या हो ? bunny आपसे हमेशा अच्छे से बात करता है और आप हमेशा उसे जलील करती रहती है , आखिर आपकी प्रॉब्लम क्या है ?
“प्रॉब्लम तुम्हारा दोस्त खुद है , वो खुद को बहुत स्मार्ट समझता है”,मौली ने सहज भाव से कार्तिक की तरफ देखकर कहा
“वो स्मार्ट भी है और बहुत अच्छा भी है , पर शायद आपको उसकी अच्छाई नहीं दिखती है”,नंदिनी ने कहा
“ओह्ह जस्ट शट अप , जिस दोस्त की इतनी साइड ले रही हो जरा उस से पूछ तो लो उसने किया क्या है फिर आके बात करना”,मौली ने कहा और वहा से चली गयी l
नंदिनी कार्तिक को देखने लगी कार्तिक आँखों ही आँखों में उस से बात आगे ना बढ़ाने को बोल रहा था l लेकिन नंदिनी को जानना था आखिर रोज रोज के इस टॉर्चर की असली वजह क्या है l उसने कार्तिक का हाथ पकड़ा और उसे उसके कमरे की तरफ लेकर गयी उसने कार्तिक से बैठने को कहा और खुद उसके सामने पड़ी कुर्सी पर बैठ गयी l कार्तिक खामोश बैठा रहा नंदिनी कुछ देर चुपचाप देखती रही और फिर कहा,”बताओगे भी या मुहूर्त निकलवाऊ

कार्तिक ने नंदिनी की तरफ देखा और कहा,”मौली दी मेरी बहन कम और दोस्त ज्यादा थी , हम दोनों एक दूसरे से अपनी हर बात हर फीलिंग्स शेयर करते थे l वो हमेशा मुझे गाइड करती थी l बचपन से हम दोनों साथ साथ रहे है l हमे कार्टून्स देखना बहुत पसंद था वो मेरे लिए मेरी डोरेमॉन थी क्योकी जब भी मैं किसी मुसीबत में होता या मुझे कुछ समझ नहीं आता था वो मेरी हेल्प करती थी l वो हमेशा मुझे “किट्टू” बुलाती थी l हमारा बचपन बहुत खूबसूरत था l फिर बड़े हुए एक ही स्कूल में पढ़े दी मुझसे 2 क्लास आगे थी इसलिए जब मैं 11th में आया दी ने कॉलेज जॉइन कर लिया l दोनों की स्टडी अलग अलग हो गयी बिजी रहने लगे लेकिन हम दोनों के पास तब भी एक दूसरे के लिए टाइम मिल जाता था l उन्ही दिनों में दी को अपने कॉलेज के किसी लड़के से प्यार हो गया था l वो एक साल तक उसके साथ रिलेशनशिप में रही उसने मुझे भी नहीं बताया l एक दिन मैंने उन्हें मार्किट में साथ देख लिया तब दी ने मुझे उसके बारे में बताया l दी उसे पागलो की तरह चाहती थी l दी ने घर पर मम्मी पापा को भी उसके बारे में बता दिया पहले तो पापा बहुत नाराज हुए लेकिन फिर दी की ख़ुशी के लिए मान गए l पापा ने उस लड़के को घर बुलाया उस से मिले बातें की सबको वो बहुत अच्छा लगा लगा लेकिन मुझे वो अच्छा नहीं लगा l उसके आ जाने से दी मुझसे दूर हो गयी थी और ये मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था l पापा ने जब उसके घरवालों से मिलने की बात कही वह हर रोज बहाने बनाता रहा l एक बार दी ने उस से इसी बात पर झगड़ा कर लिया और उसे अपने घरवालों से मिलवाने को कहा l उसने कहा वह रात में अपने मम्मी पापा को लेकर डिनर के लिए आएगा l दी उस शाम बहुत खुश थी उन्होंने घर को बहुत खूबसूरती से डेकोर किया था l उस रात खाना भी उन्होंने खुद ही बनाया था l हम लोग शाम से उनका इंतजार कर रहे थे पर शाम से रात हो गई वो लोग नहीं आये l
दी बार बार दरवाजे तक जाती और मायुस सी वापस लौट आती l मुझसे जब बर्दास्त नहीं हुआ तो मैंने गुस्से में कह दिया,” उसका इंतजार करना बंद करो दी वो नहीं आएगा , आपको दिखाई नहीं देता वो लड़का आपको धोका दे रहा है l उसे आना होता तो वो अब तक आ चुका होता , वो कभी नहीं आएगा दी”
दी को उस रात मेरी बात बहुत चुभी l वो अपने कमरे में चली गयी उस रात वो मेरी वजह से बहुत रोई l मुझे उस लड़के पर गुस्सा भी बहुत आया लेकिन उस वक्त मैं कुछ नहीं कर सका l उसके बाद एक महीने तक लड़के के फोन आये लेकिन मैंने उसे मौली दी से बात नहीं करने दी l और मौली दी से भी ये बात छुपाई l मैंने मौली दी को तो उस लड़के से बचा लिया पर इन सब में वो मुझसे बहुत दूर हो गई l मुझे हमेशा इस बात का दुःख होता है की मेरी वजह से दी की लव स्टोरी अधूरी रह गयी l’

कहकर कार्तिक चुप हो गया l नंदिनी ने देखा उसकी आँखों में नमी थी नंदिनी ने प्यार से उसके दोनों हाथो को पकड़ा और कहा,”तुमने कुछ गलत नहीं किया bunny तुम्हारी जगह कोई भी होता तो अपनी बहन के लिए ये सब करता l वो लड़का अगर सच में दी से प्यार करता तो उस रात जरूर आता l “
“थैंक यू नंदू काश मौली दी भी ये बात समझ पाती”,कार्तिक ने उदास होकर कहा
“वो भी जरूर समझेगी , ये बात तो क्लियर हो गयी पर एक बात और है जो मेरे दिमाग में घूमती रहती है”,नंदिनी ने कहा
कार्तिक – वो क्या ?
नंदिनी – तुमने गिटार बजाना क्यों छोड़ा ?
कार्तिक खामोश हो गया नंदिनी ने उसकी दुखती रग पर हाथ जो रख दिया था l नंदिनी ने उसे चुप देखकर कहा,”अगर नहीं बताना चाहो तो इट्स ओके bunny”
कार्तिक – ऐसी बात नहीं है नंदू , तुम्हे हर बात जानने का हक़ है l पापा चाहते थे की मैं उनकी तरह सरकारी नौकरी करू या खुद का कोई बिजनेस पर मेरे सपने कुछ और थे l मैं लोगो की भीड़ के सामने अपने गिटार के साथ गाना चाहता था पापा को ये पसंद नहीं था l 10th तक मेरे मार्क्स बहुत अच्छे थे लेकिन 12th में आते आते मेरा ये सपना ही मुझे सबकुछ लगने लगा और मैं ठीक से पढ़ नहीं पाया और पहले साल फ़ैल हो गया l पापा को बहुत बुरा लगा उस शाम जब मैं घर गया तो उन्होंने मेरी आँखों के सामने ही मेरे गिटार को तोड़ दिया मैं सारी रात बैठकर उसे जोड़ता रहा l सुबह तक वो जुड़ तो गया लेकिन बजने लायक नहीं था l उस सुबह मैंने हिम्मत करके उनसे कहा की मुझे पढाई नहीं करनी मुझे गिटारिस्ट बनना है l पापा ने कहा उनमे या गिटार में से किसी एक को चुन लू l
कार्तिक इतना कहकर चुप हो गया
“और तुमने पापा को चुना”,नंदिनी ने धीरे से कहा
“बिल्कुल नंदू , पापा साथ रहे तो वैसे गिटार और बहुत आ जायेंगे , लेकिन कोई भी सपना उनकी ख़ुशी से बढ़कर नहीं है”,कार्तिक ने कहा
“जब इतना सोचते हो सबके बारे में तो फिर सबको इतना परेशान क्यों करते हो ?”,नंदिनी ने पूछा
“ताकि मेरे टूटे हुए दिल के ख्याल से मैं दूर रह सकू”,कहते कहते कार्तिक की आँखे नम हो गयी
“bunny , मुझे लगता था तुम सबको परेशान करने वाले , हर वक्त मुस्कुराने वाले लड़के हो पर यार तुम तो इमोशनल निकले l इतने दिनों तक ये सब अपने आप में समेट कर रखा मुझसे भी शेयर नहीं किया”,नंदिनी ने कार्तिक के पास बैठकर उसके कंधे पर सर रखते हुए कहा
“नंदू कई बारे हमे खुश रहने के लिए ये सब करना पड़ता है”,कार्तिक ने कहा
“तुम खुश तो हो ना bunny ?”,नंदिनी ने कंधे पर सर रखे हुए पूछा
“हाँ नंदू मैं खुश हु तुम जो हो मेरे पास , वैसे भी जबसे तुम मेरी जिंदगी में आयी हो सब बदल गया , बदमाशियां भी कम हो गयी , पढ़ने भी लगा हु l तुमने मुझे बदल दिया नंदू”,कार्तिक ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा l
“फिर तो मुझे ट्रीट मिलनी चाहिए ना”,नंदिनी ने मुस्कुरा कर कहा
“कहो क्या चाहिए ?”,कार्तिक ने कहा
“कोई अच्छी सी लड़की देखकर सेटल हो जाओ , ताकि मेरा पीछा छूटे”,नंदिनी ने उठते हुए कहा
कार्तिक ने उसका हाथ पकड़ा और उसे खींचकर वापस बैठाते हुए कहा,”ये तो तुम भूल ही जाओ , तुम्हारा पीछा तो मैं कभी नहीं छोड़ने वाला l”
“ओह्ह तेरी , मैं तो तुम्हे बताना ही भूल गयी”,नंदिनी को कुछ याद आया तो वह उछल पड़ी
“क्या ?”,कार्तिक ने पूछा
“तुम्हारी लिए गिफ्ट था देना भूल गयी , बाहर रखा है बेग में चलो”,नंदिनी ने कहा
कार्तिक उठा और नंदिनी के साथ चल पड़ा l बाहर आकर नन्दिनी ने अपने बेग से एक छोटा सा बॉक्स निकाला और कार्तिक की तरफ बढ़ा दिया l कार्तिक ने बॉक्स खोला और देखा उसमे ब्लैक रंग की बहुत ही खूबसूरत सी घडी थी l कार्तिक को घडी बहुत पसंद आयी l
“लाओ मैं पहनाती देती हु”,कहकर नंदिनी ने कार्तिक के हाथ से घडी ली और उसके हाथ में पहनाने लगी घडी पहनाते हुए नंदिनी के बाल चेहरे पर आ रहे थे l कार्तिक ने उसके चेहरे से बाल हटाए और पीछे कर दिए नंदिनी मुस्कुरा दी l रंजना की नजर जब दोनों पर पड़ी तो उसने मन ही मन कहा,”भगवान करे इन दोनों की खुशियों को किसी की नजर ना लगे l
शाम को नंदिनी वापस लखनऊ चली गई पर इस बार कार्तिक के पास उसका नंबर था और दोनों घंटो बातें करते रहते थे l

दो महीने कब गुजर गए पता ही नहीं चला l कॉलेज फिर से शुरू हो गए और नंदिनी वापस आ गयी l मस्ती मजाक के साथ साथ पढ़ाई फिर से शुरू हो गयी l एक दोपहर कार्तिक नंदिनी और बाकि दोस्त रेस्टोरेंट में बैठकर खा रहे थे l नंदिनी कार्तिक की बगल में बैठी थी l दूसरी तरफ श्रुति बैठी थी त्यागी और चंदन सामने बैठकर बर्गर खा रहे थे l खाते खाते नंदिनी की नजर कार्तिक के गाल पर पड़ी जिसपर गलती से खाना लगा हुआ था l कार्तिक ने नदिनी की और देखा और आँखों ही आँखों में पूछा नंदिनी ने अपनी ऊँगली अपने गाल पर लगाकर इशारा किया और फिर सामने देखकर खाने लगी l पता नहीं कार्तिक ने नंदिनी के इशारे का मतलब क्या निकाला l वह नंदिनी की तरफ झुका और उसके गाल पर किस कर दिया lसामने बैठे त्यागी के हाथ में फोन था उसने दोनों की प्यारी सी तस्वीर कैमरे में कैद कर ली l नंदिनी को कार्तिक से ये उम्मीद नहीं थी वह हैरानी से उसकी और देखने लगी l
“कार्तिक परफेक्ट क्लीक”,त्यागी ने अपना फोन कार्तिक की और बढाकर कहा
कार्तिक ने फोन लेकर देखा सच में वो तस्वीर बहुत प्यारी थी उसने फोन नंदिनी की तरफ करके कहा,”देखो नंदू कितनी अच्छी तस्वीर है ना”
नंदिनी ने अपनी ऊँगली से कार्तिक के गाल पर लगा खाना हटाया और उसे दिखाकर कहा,”मैंने इसके लिए कहा था bunny”
“सो…………सॉरी नंदू मैं समझा तुम मुझे किस………………… आई ऍम सॉरी”,कार्तिक ने अटकते हुए कहा
नंदिनी उठी और बाहर चली गयी l कार्तिक उसे आवाज देते हुए उसके पीछे आया लेकिन नंदिनी ने अनसुना कर दिया l कार्तिक ने नंदिनी की बांह पकड़कर उसे रोकते हुए कहा,”नंदू मेरी बात तो सुन वो सब अनजाने में हो गया आई ऍम सॉरी यार
“bunny मुझे जाने दो”,नंदिनी ने गुस्से से कहा
“नंदू यार मैं सॉरी बोल रहा हु न , मैं उस वक्त समझ नहीं पाया और ये सब,,,,,,,,,,, आई ऍम सॉरी”,कार्तिक ने कहा
“bunny मुझे जाने दो प्लीज़ , आई कांट फील कम्फर्टेबले राइट नाऊ”,नंदिनी ने कहा
“नंदू तेरी कसम यार मेरी गलत इंटेंशन नहीं थी , तू मेरी दोस्त है”,कार्तिक ने दुखी स्वर में कहा
“दोस्त हु तो क्या तू कुछ भी करेगा ? , bunny प्लीज़ जा यहाँ से”,नंदिनी ने कहा
“तू मुझे गलत समझ रही है नंदू”,कार्तिक की आवाज से उदासी साफ झलक रही थी
“जस्ट लिव माय हेंड”,नंदिनी ने सख्त होकर कहा

कार्तिक ने उसका हाथ छोड़ दिया l नंदिनी वहा से आगे बढ़ गयी पहली बार नंदिनी ने उस से इस तरह से बात की थी उसे बहुत दुख हुआ साथ ही खुद पर गुस्सा आ रहा था की उसने नंदिनी के इशारे का गलत मतलब निकाला l कार्तिक जैसे ही जाने के लिए मुड़ा उसकी नजर कॉलेज के मेन गेट पर गयी और उसके कदम सहसा ही उस और बढ़ गए
नंदिनी गुस्से से चली जा रही थी तभी किसी लड़के की आवाज उसके कानो में पड़ी – नंदिनी
नंदिनी पीछे की और पलटी सामने एक 6 फुट का , अच्छी बॉडी वाला , ब्लेक शर्ट और जींस पहने था मुस्कुराते हुए नंदिनी की तरफ बढ़ा और उसे गले लगा लिया l
कार्तिक ने जब देखा तो उसका खून खोल गया वह भागकर उनके पास आया और लड़के को नंदिनी से दूर करते हुए कहा,”तेरी हिम्मत कैसे हुई ? नंदू को गले लगाने की”
“bunny ये तू क्या कर रहा है ?”,नंदिनी ने बिच में आकर कहा
“नंदू तुझे पता भी है ये कौन है ?”,कार्तिक ने नंदिनी की तरफ देखकर कहा
“कार्तिक ये…………………!!”,नंदिनी ने कहा और आगे कहती इस पहले ही लड़का आया और नंदिनी को एक तरफ करके कहा,”नंदिनी मुझे बात करने दो l
“तू क्या बात करेगा , नंदिनी मेरे बेस्ट फ्रेंड है तू निकल यहां से”,कार्तिक ने गुस्से से लड़के की तरफ देखते हुए कहा
“bunny मेरी बात तो सुनो”,नंदिनी ने फिर से बिच बचाव करते हुए कहा.
कार्तिक ने नंदिनी के दोनों कंधो को पकड़ा और कहा.”नंदिनी ये वही लड़का है जिसने मौली दी को धोखा दिया था”

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क्रमश – Aur Pyar Ho Gaya – 8

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