Sanjana Kirodiwal

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और प्यार हो गया – 6

Aur Pyar Ho Gaya – 6

Aur Pyar Ho Gaya
Aur Pyar Ho Gaya by Sanjana Kirodiwal

कॉलेज परिसर
कार्तिक की बाइक आकर पार्किंग में रूकती है l बाइक से उतरकर वह सीधा लायब्रेरी की और बढ़ जाता है l कॉलेज के सभी टीचर्स और स्टूडेंट्स उसे हैरत भरी नजरो से देख रहे थे l पढाई के नाम से दूर भागने वाला कार्तिक आज पहली बार लायब्रेरी जा रहा है किसी को यकींन नही हो रहा था l
कार्तिक ने जैसे ही लायब्रेरी में कदम रखा सब पढ़ना छोड़कर उसकी और देखने लगे l लायब्रेरियन आँखों पर लगे चश्मे को साफ करके फिर से आँखों पर लगाते हुए बोला,”क्या तुम सच में आये हो या ये मेरा वहम है”
“तो क्या मैं आपको भूत दिखता हु”,कार्तिक ने चिढ़कर कहा
“अरे ! मेरा मतलब तुम क्या सच में यहाँ पढ़ने आये हो ?”,लायब्रेरियन ने फिर से पूछा l
“जाकर अपना काम करो ना अंकल , और ये बताओ फस्ट ईयर के कोर्स से रेलेटेड बुक्स किधर है ?”,कार्तिक ने हाथ में पकड़ी नोटबुक घुमाते हुए कहा l
लायब्रेरियन ने रॉ की तरफ इशारा कर दिया l कार्तिक रॉ के पास गया , मोटी मोटी किताबे देखकर ही उसे चक्कर आने लगा l कार्तिक एक एक करके किताबे देखता और फिर वापस रॉ में रख देता l कुछ देर बाद नंदिनी वहा आ पहुंची
“थैंक गॉड नंदू तुम आ गई , मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा है इनमे से क्या पढू क्या नहीं “,कार्तिक ने नंदिनी को देखते ही कहा
“शशशशश धीरे ये लायब्रेरी है l तुम्हे ये सारी किताबे पढ़नी होगी”,नंदिनी ने कहा
“क्या ? इतनी सारी किताबे”,कार्तिक ने चिल्लाकर कहा
नंदिनी ने आगे बढकर उसके मुंह पर अपना हाथ रखकर फुसफुसाते हुए कहा,”श्श्श्श एक साथ नहीं पढ़नी रोज थोड़ी थोड़ी पढ़ेंगे l इन किताबो में लिखा जब तुम्हारे दिमाग में जायेगा तभी तो पास होंगे ना तुम l और सबसे पहले तो तुम ये बार बार रिएक्ट करना बंद करो l शोर करोगे तो लायब्रेरियन तुम्हे और मुझे दोनों को यहाँ से बाहर निकाल देगा l इस रॉ में जितनी भी किताबे है उनमे से कोई एक किताब निकाल लो और शांति से बैठकर पढ़ो , धीरे धीरे सब समझ आने लगेगा l बोलो पढोगे ना
कार्तिक बस आँखे फाडे नंदिनी को देखे जा रहा था जब नंदिनी बोलती है तो उसकी आँखे बार बार झपकती है और होंठो के पास हलके गढ्डे पड़ जाते है जो की बहुत ही प्यारे लगते है l कार्तिक को चुप देखकर नदिनी ने कहा,”बोलो ना
कार्तिक ने आँखों से नंदिनी को मुंह से हाथ हटाने को कहा l
“सॉरी “,कहकर नंदिनी ने कार्तिक के मुंह से अपना हाथ हटाया और कहा,”चलो निकालो कोई बूक’
कार्तिक ने एक दो किताबे देखी और फिर सबसे पतली वाली निकालकर टेबल की तरफ बढ़ गया l नंदिनी ने भी अपने लिए कुछ किताबे निकाली और आकर कार्तिक की बगल में बैठ गयी l कार्तिक किताब खोलकर पढ़ने लगा l सब उसके ऊपर से जा रहा था लेकिन नंदिनी ने जो उस पर भरोसा किया वो भरोसा वह तोड़ना नहीं चाहता था इसलिए वह पढ़ने में ध्यान लगाने लगाए l अभी कुछ ही वक्त गुजरा था की नंदिनी ने कहा,”bunny मैं अपने लिए कुछ बुक्स लेकर आती हु तब तक तुम पढ़ो”
कार्तिक ने हां में सर हिला दिया और नजरे किताब पर जमाये रखी l नंदिनी के जाते ही कार्तिक ने किताब को साइड किया और टेबल पर दोनों हाथो पर सर रखकर सो गया l नंदिनी वापस आई तब तक कार्तिक तो सो चुका था l नंदिनी कुछ देर तो उसके पास खड़ी उसे देखती रही और फिर उसे जगाया l
“ऐसे सोवोगे तो हो गयी पढाई”,नंदिनी ने उसके सर पर एक चपत लगाकर कहा.
“सच्ची नंदू , पढाई करना दुनिया का सबसे बोरिंग काम है”,कार्तिक ने उबासी लेते हुए कहा
“जिस दिन तुम्हारा मन पढने में लगा न उस दिन तुम्हे ये बोरिंग काम भी इंट्रेस्टिंग लगने लगेगा”,नंदिनी ने कहा
“वो सब बाद में वंदना मेम की क्लास शुरू होने वाली है चलते है बाकि बाद में पढ़ेंगे”,कार्तिक ने टेबल पर रखी किताबे उठाते हुए कहा l
‘अरे वाह , अभी से पढाई के लिए इतनी फ़िक्र”,नंदिनी ने मुस्कुराते हुए कहा
“पढाई किसे करनी है मुझे तो वंदना मेडम को देखना है , आह कितनी मस्त दिखती है ना वो”,कार्तिक ने धीरे से नंदिनी के कान में कहा और बाहर चला गया l
“बेटा नंदिनी इसे सुधारते सुधारते तू बिगड़ जाएगी”,नंदिनी ने खुद से कहा और फिर अपनी बुक्स उठाये कार्तिक के पीछे पीछे चल पड़ी l दोनों आकर क्लास में बैठ गए , त्यागी , चंदन और श्रुति वहा पहले से थे l वंदना मेम के आते ही सब शांत होकर पढ़ने लगे l क्लास के बाद नंदिनी ने कार्तिक और बाकि दोस्तों को वही रोक लिया l
“नंदिनी हमे इतना पढ़कर टॉप नहीं आना तू कार्तिक को ही पढ़ा”,कहकर श्रुति , त्यागी और चंदन वहा से चले गए l
बस कार्तिक और नंदिनी ही वहा थे l नंदिनी का उतरा हुआ चेहरा देखकर कार्तिक ने कहा,”कोई बात नहीं नंदू मैं हु ना तुम मुझे पढ़ाओ”
कार्तिक की बात सुनकर नंदिनी मुस्कुराई और उसे पढ़ाने लगी चूँकि अगली क्लास एक घंटे बाद की थी इसलिए दोनों को डिस्टर्ब करने वाला कोई नहीं था l कार्तिक भी पूरी ईमानदारी से नंदिनी का साथ दे रहा था l कार्तिक ने देखा नंदिनी उसे बिल्कुल एक प्रोफेशनल लेक्चरर की तरह समझा रही है l दूसरी तरफ नंदिनी ने महसूस किया कार्तिक पढ़ने में उतना भी डम्ब नहीं था जितना उसने सोचा था बल्कि वह एक बार में ही किसी बात को अच्छे से समझ लेता l नंदिनी को बहुत ख़ुशी हुई l पढ़ते पढ़ते एक घंटा गुजर गया और अगली क्लास का वक्त हो गया l अगले लेचरर थे “श्री निवास कांत” जो की पोलिटिकल पढ़ाते थे l वो इतना धीरे धीरे बोलते थे की आधे स्टूडेंट्स तो उनकी क्लास में ही सो जाया करते थे l कार्तिक और नंदिनी आज सबसे पीछे वाली बेंच पर बैठे थे l कार्तिक जब बोर होने लगा तो उसने अपनी और नंदिनी की बुक्स उठायी और नंदिनी का हाथ पकड़ कर उसे बाहर ले आया l
“ये क्या bunny बाहर क्यों ले आये ?”,नंदिनी ने पूछा l
“कितना बोर कर रहे है वो”,कार्तिक ने मुंह बनाकर कहा
“पर मुझे तो कुछ भी बोरिंग नहीं लगा , मुझे पढ़ना पसंद है bunny”,नंदिनी ने प्यार से कहा
कार्तिक ने नंदिनी का हाथ पकड़ा और उसे केम्पस में बनी सीढ़ियों पर ले आया l उसने नंदिनी को वही बैठने को कहा और खुद केंटीन की तरफ बढ़ गया l कुछ देर बाद कार्तिक एक हाथ में कोल्ड कॉफी और दूसरे हाथ में दो बर्गर लिए हुए नंदिनी के पास आया l उसने एक बर्गर नंदिनी की और बढ़ा दिया और दुसरा खुद लेकर उसकी बगल में बैठ गया l कार्तिक बेपरवाह सा खाने लगा l नंदिनी उसे देखती रही तो उसने कहा,”अरे खाओ ना बहुत टेस्टी है”
“हम्म्म”,कहकर नंदिनी खाने लगी l खाते वक्त सॉस उसके होंठो से कुछ निचे लग गया कार्तिक की नजर पड़ी तो उसने अपनी उंगली से हटा दिया और वापस अपना खाना खाने में लग गया l नंदिनी बस उसकी और देखते ही रह गयी एक प्यारा सा अहसास जो शायद आज से पहले उसे कभी नहीं हुआ था lकार्तिक कॉफी पिने लगा आधी पीकर उसने ग्लास नंदिनी की तरफ बढ़ा दिया l नंदिनी को कार्तिक का जूठा पिने से आज कोई ऐतराज नहीं थी l
दोनों खामोश काफी देर वही बैठे रहे l कांत सर की क्लास खत्म होने के बाद श्रुति , त्यागी और चंदन भी आ गए और फिर सारे मिलकर गप्पे मारने लगे l क्लासे खत्म करके सभी अपने अपने घर चले गए l नंदिनी को बार बार कार्तिक की वो छुअन याद आ रही थी l उस से ध्यान हटाने के लिए नंदिनी किताब खोलकर बैठ गयी l जल्दी ही वह उस बात को भूल गयी

अब रोजाना नंदिनी कार्तिक के साथ वक्त बिताने लगी l कार्तिक को पास करवाना उसका अब एकमात्र मकसद बन चूका था l कॉलेज ख़त्म होने के बाद भी अक्सर दोनों सीढ़ियों पर बैठकर पढाई को लेकर डिस्कस करते या नोटस बनाते रहते l कार्तिक की शरारते अब कुछ कुछ कम होने लगी थी साथ ही वह पढाई को लेकर भी अब सीरियस होने लगा था l पढ़ते हुए वह इतना खो जाता की उसे ना खाने का पता होता ना पिने का l पर नंदिनी उसका पूरा ख्याल रखती स्टडी करते हुए वह कई बार उसे अपने हाथो से खिलाने लगती l कभी कभी दोनों बच्चों की तरह झगड़ पड़ते तो कभी बहुत प्यार से बात करते l नंदिनी और कार्तिक ने अपने आस पास एक अलग ही दुनिया बना ली थी l एक दूसरे के अलावा उन्हें कुछ दीखता ही नहीं था l नंदिनी कुछ कुछ अब कार्तिक जैसे बनने लगी थी वह भी उसके साथ मिलकर शैतानिया करती l कहा जाये तो पहले से बहुत खुश रहने लगी थी मुस्कराहट उसके होंठो से दूर नहीं होती थी l फीलिंग्स बहुत थी पर दोनों ही अन्जान थे फ्रेंड से दोनों कब बेस्ट फ्रेंड बन गए पता ही नहीं चला l पर दोनों के होंठो पर हर वक्त एक दूसरे का नाम रहता , एक दूसरे की बाते रहती l पूरा कॉलेज उनकी दोस्ती की मिसाल देने लगा l हसते खेलते 4 महीने निकल गए कार्तिक अक्सर बाइक से नंदिनी को हॉस्टल तक छोड़ देता था l अब तो नंदिनी के हॉस्टल की आधी से ज्यादा लड़किया कार्तिक को जानने लगी थी पर मजाल है कार्तिक किसी को नजर भर देख ले l ये शायद नंदिनी के साथ का ही असर था की कार्तिक इतना बदल चूका था l रंजना और अखिलेश जी भी कार्तिक के इस बदले रूप से हैरान थे l
एक शाम कॉलेज ख़त्म होने के बाद कार्तिक ने नंदिनी को चलने को कहा तो क्लास के लड़के पवन ने आकर कहा,”कार्तिक नंदिनी मेरे साथ कॉफी पिने जा रही है , मैं बाद में इसे हॉस्टल ड्राप कर दूंगा”
कार्तिक को नंदिनी का इस तरह पवन के साथ जाना अच्छा नहीं लग रहा था पर उसने कुछ नही कहा बस नदिनी की तरफ देखने लगा l कार्तिक को अपनी और देखता पाकर नंदिनी ने कहा,”वो पवन को मुझसे…………………!!”
“इट्स ओके नंदू , तुम जाओ l”,कार्तिक ने नंदिनी की बात पूरी होने से पहले जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा और फिर वहा से चला गया l

कार्तिक घर ना जाकर केम्पस की सीढ़ियों पर आकर बैठ गया l इन सीढ़ियों से उसका बहुत पुराना रिश्ता रहा है l कार्तिक गुमसुम सा बैठा नंदिनी के बारे में ही सोच रहा था l पवन के साथ उसका इस तरह कॉफी पर जाना उसे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था l कुछ देर बाद नंदिनी आकर उसकी बगल में बैठ गयी l नंदिनी को वहा देखते ही कार्तिक खुश हो गया लेकिन अपनी ख़ुशी जाहिर नहीं होने दी और मुंह बनाकर कहा,”क्या हुआ कॉफी पर नहीं गयी उसके साथ
नंदिनी – bunny उसे सिर्फ मुझसे नोटस चाहिए थे
कार्तिक – हां तो उसके लिए कॉफी पर ले जाने की क्या जरूरत थी सीधे सीधे भी तो मांग सकता था ना वो
नंदिनी – तुम्हे बुरा लग रहा है (छेड़ते हुए)
कार्तिक – मुझे क्यों बुरा लगेगा , तुम्हारी मर्जी तुम किसी के साथ भी जाओ
नंदिनी – तब तो पक्का तुम्हे बुरा लग रहा है , है ना (कार्तिक की आँखों में देखने लगती है)
कार्तिक – हां लग रहा है मुझे बुरा , क्यों गयी तुम उसके साथ ? उसे मना भी तो कर सकती थी ना तुम मेरी बेस्ट फ्रेंड हो तुम किसी और के साथ कैसे जा सकती हो ? (चिढ़कर कहता है)
नंदिनी – अच्छा तो ये बात है , तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड हु तो क्या किसी से बात नहीं करने दोगे ?
कार्तिक – नहीं , तुम मेरी दोस्त हो मैं तुम्हे किसी से भी शेयर नहीं कर सकता
नंदिनी – ऐसा क्यों ?
कार्तिक – क्योकि……………..!!” (कहते कहते रुक जाता है)
नंदिनी – क्योकि क्या ? बोलो
कार्तिक – क्योकि तुम मेरी बेस्ट फ्रेंड हो बस
नंदिनी – bunny ऐसे तो कभी किसी और लड़की के बारे में नहीं सोच पाओगे , और सोचोगे नहीं तो प्यार कैसे होगा ?
कार्तिक – मुझे जिस दिन प्यार होगा ना सब देखते रह जायेंगे , वो लड़की सबसे खूबसूरत होगी देखना तुम (मुस्कुराकर कहा)
नंदिनी – इसका मतलब तुम्हे कभी किसी से प्यार नहीं हुआ ?
कार्तिक – नहीं
नंदिनी – तो फिर वो सब लड़किया जिन्हे तुम परेशान करते थे
कार्तिक – वो सब मुझे पसंद थी पर वो प्यार नहीं था l पर मुझे पता है मुझे भी एक न एक दिन किसी से प्यार जरूर होगा
नंदिनी – और अगर कोई नहीं मिली तो ?
कार्तिक – तो तू है ना , मैं तुझसे शादी कर लूंगा (गाल खींचते हुए कहता है)
नंदिनी – नो वे , मैं नहीं झेलने वाली तुझे जिंदगीभर
कार्तिक – तू झेले या ना झेले , मारे-पिटे , गालियाँ दे मुझे तो जिंदगीभर तेरे साथ ही रहना है (नंदिनी के कंधो पर हाथ रखते हुए कहता है)
नंदिनी उसके हाथ को अपने कंधे से हटाती और उठकर सीढ़ियों से उतरते हुए कहती है,”आज हम साथ है कल ना जाने कहा होंगे l और मेरे पीछे तो तुम पड़ना ही मत मैं नहीं आने वाली तेरे झांसे मे
कार्तिक वही सीढ़ियों पर खड़े होकर जोर जोर से गाने लगता है
“तेरा पीछा मैं ना छोडूंगा सोणिये
भेज दे तू चाहे जेल में”
नंदिनी हसने लगती है l कार्तिक सीढ़ियों से उतरकर उसके पास आता है और कहता है,”हम हमेशा साथ रहेंगे नंदू”
नंदिनी कार्तिक की आँखों में देखने लगी कार्तिक की कही बात सीधे उसके दिल से होकर गुजरी l एक पल को वह उसी में खोकर रह गयी
“ओह्ह मिस नंदू , कहा खो गयी ? चलो तुम्हे होस्टल छोड़ देता हु”,कार्तिक ने नंदिनी के चेहरे के सामने चुटकी बजाते हुए कहा
दोनों कॉलेज से बाहर आ गए l कार्तिक ने नंदिनी को हॉस्टल के बाहर छोड़ा और कहां,”तो कल तुम घर आ रही हो न ?
“कल क्या है ?”, नंदिनी ने चौंकते हुए कहा
“कल संडे है और तुमने मॉम से प्रॉमिस किया था घर आने के लिए भूल गयी”,कार्तिक ने कहा
“हां , ओके मैं आ जाउंगी”,नंदिनी ने कहा
“मैं लेने आ जाऊंगा ठीक सुबह 10 बजे , भूल मत जाना”,कार्तिक ने कहा और बाइक स्टार्ट करके वापस चला गया l

अगले दिन , सुबह 10 बजे
कार्तिक ने हॉस्टल के सामने आकर नंदिनी को फोन किया l कुछ ही देर बाद नंदिनी ब्लेक रंग की पेंट और कुर्ता पहने बाहर आयी l बालो को आगे करके उसने चोटी बनाई हुई थी और आँखों पर गोल शीशे वाला नजर का चश्मा लगाया हुआ था l उसका रंग उस ड्रेस में और भी निखर के आ रहा था l कार्तिक तो बस देखता ही रह गया
नंदिनी उसके पास आयी और कहा,”घूरना बंद कर bunny”
“यार कसम से तू बहुत क्यूट लग रही है इन ग्लासेज में”,bunny ने नंदिनी पर नजरे जमाये हुए कहा
“बस कर bunny तेरे मुंह से तारीफ अच्छी नहीं लगती है”,नंदिनी ने कहा
“मैं सच कह रहा हु यार , क़त्ल करवा देने है तूने आज मार्किट में”,कार्तिक ने कहा
“अब बहुत हो गया चलो , वरना आंटी नाराज हो जाएँगी”,नंदिनी ने पीछे बैठते हुए कहा
कार्तिक ने बाइक स्टार्ट की और कुछ देर बाद दोनों उसके घर पर थे l रंजना तो नंदिनी को देखते ही खुश हो गयी और उसे गले लगा लिया l अंदर सोफे पर मौली बैठकर टीवी देख रही थी नंदिनी ने उसे हेलो कहा तो उसने बिना उसकी तरफ देखे कहा,”जिसकी दोस्त हो उस तक सिमित रहो फैमिली मेंबर बनने की कोई जरुरत नहीं है”
नंदिनी का चेहरा उतर गया कार्तिक ने देखा तो कहा,”दी वो सिर्फ आपसे हेलो बोल रही है उसका जवाब एटलीस्ट दे सकती है आप”
“पहले जाकर ढंग के दोस्त बनाओ फिर बात करना”,मौली ने सोफे से उठते हुए कहा और अपने रूम में चली गयी l
“मॉम देखा आपने मुझसे ऐसे पेश आये ठीक है लेकिन नंदू से भी………………..!!”,कार्तिक ने उदास होकर कहा
“इट्स ओके कार्तिक मुझे बुरा नहीं लगा”,नंदिनी ने मुस्कुराकर कहा
“हाँ तुम्हे तो कभी किसी बात का बुरा नहीं लगता”,कार्तिक ने मुंह बनाते हुए कहा
“तभी तो मैं इतनी अच्छी हु , है ना आंटी”,नंदिनी ने रंजना की तरफ देखकर कहा
“बिल्कुल तुम सबसे प्यारी हो और बहुत अच्छी भी ,, अब चलो नाश्ता ठंडा हो जाएगा “,रंजना ने कहा
“नाश्ते में क्या बना है आंटी ?”,नंदिनी ने पूछा
“तुम्हारी पसंदीदा डिश ‘पाव- भाजी’ और ‘साबूदाने की खीर’ बनी है”, रंजना ने कहा
“वॉव आंटी तब तो जल्दी चलो”,कहकर नंदिनी आकर डायनिंग टेबल के पास रखी कुर्सी पर बैठ गयी l कार्तिक भी आकर उसकी बगल में बैठ गया और रंजना उन दोनों के बिल्कुल सामने l रंजना ने सबके लिए नाश्ता परोसा, अखिलेश जी सुबह सुबह जल्दी निकल गए थे l नंदिनी ने खाना शुरू किया हर बाईट पर वह रंजना की तारीफ करती ही जा रही थी l खाते खाते जब नंदिनी खांसने लगी तो रजना तेजी से उठी और पानी का ग्लास उसे थमाते हुए कहा,”आराम से बेटा, लो पानी पीओ”
रंजना नंदिनी का सर सहलाने लगी l कार्तिक चुपचाप सब देख रहा था l रंजना वापस अपनी कुर्सी पर जा बैठी
“नंदू तुझे नहीं लगता आजकल मॉम मुझसे ज्यादा तुझे चाहने लगी है”,कार्तिक ने रंजना को घूरते हुए कहा
“हां तो इसमें क्या बड़ी बात है एटलीस्ट वो मेरी भी मॉम जैसी है , वैसे तुम्हे तो जलन हो रही होगी ना”, नंदिनी ने कार्तिक को चिढ़ाने के लिए कहा
“हाँ तुम्हारी भी है”,कहकर कार्तिक नंदिनी की प्लेट में रखा पाव खा गया

दोनों एक दूसरे की प्लेट से उठा उठाकर खाने लगे l खाते खाते कार्तिक ने खीर नंदिनी के नाक पर लगा दी और फिर हसने लगा l नंदिनी ने मुंह फुला लिया तो कार्तिक ने अपने फोन का कैमरा ऑन किया और नंदिनी की एक तस्वीर ले ली l जब नंदिनी को दिखाई तो वह भी अपनी शक्ल देखकर हसने लगी l इस पुरे नजारे को रंजना मंद मंद मुस्कुराते हुए देख रही थी उसने नंदिनी ओर कार्तिक साथ साथ बहुत अच्छे लग रहे थे l बनायीं तो उसने खीर थी पर दिमाग में उसके कोई और ही खिचड़ी पक रही थी l नंदिनी उठी और हाथ धोने वाशबेसिन की और चली गयी l कार्तिक खाने में लगा रहा l
रंजना – नंदिनी अच्छी लड़की है
कार्तिक – हम्म्म
रंजना – और बहुत प्यारी भी है
कार्तिक – हम्म्म
रंजना – तुम दोनों अच्छे दोस्त हो , एक दूसरे को अच्छे से समझते हो , एक दूसरे की इतनी परवाह भी करते हो l वह अक्सर घर आती जाती रहती है
कार्तिक – हम्म्म
रंजना – मैं सोच रही थी नंदिनी के घरवालों से बात कर लू
कार्तिक – किस बारे में ?
रंजना – तुम दोनों के रिश्ते के बारे में
कार्तिक – क्या ? (चौंक जाता है)
रंजना – क्या क्या ? इसमें गलत क्या है ? तुम दोनों साथ साथ कितना खुश रहते हो
कार्तिक – मॉम वो मेरी बेस्ट फ्रेंड है हमारे बिच ऐसा कुछ भी नहीं है आपकी कसम (हैरान होकर)
रंजना – परे हट मैं खुद ही नंदिनी से पूछ लूंगी (उठने लगती है लेकिन कार्तिक हाथ पकड़कर वापस बैठा लेता है)
कार्तिक – मॉम आपको मेरी कसम है अगर आपने नंदू से इस बारे में कुछ भी कहा l
रंजना – पहले तू ये बता नंदिनी में क्या प्रॉब्लम है ?
कार्तिक – प्रॉब्लम उसमे नहीं आपमें है आपको ऐसा क्यों लगता है ? वी आर जस्ट क्लोज फ्रेंड्स मॉम l नंदिनी से इस बारे में बिल्कुल मत कहना वरना वो अपसेट हो जाएगी
रंजना – तुझे उसमे जरा सा भी इंट्रेस्ट नहीं है
कार्तिक – नो
रंजना – बिल्कुल भी नहीं
कार्तिक – नो मॉम , एंड नाउ स्टॉप इट
नंदिनी जैसे ही वापस आयी कार्तिक उठा और उसका हाथ पकड़ कर उसे ले जाते हुए कहा,”नंदू तुमने मेरा कमरा नहीं देखा ना आओ दिखाता हु”
“लेकिन आंटी से बात………………!!”, नंदिनी ने पीछे मुड़कर रंजना की और देखते हुए कहा
“मॉम से बाद में बात कर लेना”,कहकर कार्तिक उसे खींचकर वहा से ले गया
रूम में आकर कार्तिक ने नंदिनी को बैठने को कहा और खुद कॉफी लेने चला गया l नंदिनी ने देखा रूम अस्त व्यस्त पड़ा था l कार्तिक के ढेर सारे कपड़े एक कुर्सी की शोभा बढ़ा रहे थे l बेड के पीछे की दीवार पर कार्तिक की ढेर सारी तस्वीरे लगी थी l जिनमे कुछ बचपन की भी थी l नंदिनी उन्हे देखकर मुस्कुराने लगी l बेड के साइड में खिड़की थी जिस पर हल्के आसमानी रंग के पर्दे थे l नंदिनी को कार्तिक का कमरा काफी इंटरेस्टिंग लगा उसके रूम की एक दीवार पर डोरेमॉन , नोबिता , सिजुका , सुनियो जियान ओर शिनचैन की तस्वीर बनाई हुई थी l नन्दिनी को उन सब तस्वीरों मे कार्तिक का बचपना दिखा l
कबर्ड के दांयी तरफ एक प्यारा सा गिटार टँगा था नंदिनी ने उसके सामने जाकर देखा वहां गिटार के नीचे लिखा था “one day i’ll be a Rockstar”
नंदिनी ने गिटार उतारा और जैसे ही मूडी सामने रंजना खड़ी थी l
नंदिनी मुस्कुराई ओर कहा,”आंटी इसे कार्तिक बजाता है”
“बजाता था बेटा अब नही”,रंजना ने कहा
“क्यों ? “,नंदिनी ने पूछा
“कार्तिक के पापा को ये सब पसन्द नही इसलिए”,रंजना ने कहा
“आप यहां क्या कर रही है मोम ?”,कॉफी के कप हाथ मे थामे कार्तिक ने अंदर आते हुए कहा उसे डर था कही रंजना नंदिनी से शादी वाली बात ना कह दे
“bunny तुम्हारा गिटार है , प्लीज़ बजाकर दिखाओ ना”,नंदिनी ने गिटार कार्तिक के सामने करते हुए कहा
“सॉरी नंदू मैंने गिटार बजाना छोड़ दिया है”,कहकर कार्तिक ने नन्दिनी के हाथ से गिटार लिया और उसे रखने वापस दीवार की ओर चला गया l
नंदिनी रंजना की तरफ देखने लगी तो रंजना ने प्यार से उसके गाल को छूकर कहा,”ये अपने गिटार को किसी को हाथ तक नही लगाने देता पर तुमसे कुछ नही कहा इसका मतलब तुम उसके लिए बहुत खास हो”

नंदिनी मुस्कुराने लगी l रंजना वहां से चली गई कार्तिक ने नंदिनी को कॉफी दी और फिर दोनों बालकनी में खड़े होकर बाते करते हुए कॉफी पीने लगे l l कार्तिक के साथ वक्त बिताकर नंदिनी वापस होस्टल चली गई पर दो सवाल उसके जहन में रह गए
पहला – मौली की बेरुखी , दूसरा – कार्तिक का गिटार से रिश्ता
खैर वक्त गुजरता रहा और ये दो सवाल नंदिनी के ख्यालो में ही उलझ कर रह गए और वह भी उन्हें भूल गयी l एग्जाम नजदीक आ गए कार्तिक ओर बाकी दोस्त भी तैयारियों में जुट गए नंदिनी को विश्वास था इस साल कार्तिक जरुर पास हो जाएगा l
एग्जाम हुए सबके पेपर अच्छे हुए l
नंदिनी एग्जाम के बाद कॉलेज की छुटिया होने की वजह से घर चली गयी l कार्तिक अकेला रह गया यू तो बाकी दोस्त थे पर नंदिनी की कमी उसे हमेशा खलती रही l नंदिनी का फोन भी बन्द था l रिजल्ट आया वही हुआ जो नंदिनी ने सोचा था कार्तिक सिर्फ पास नही हुआ बल्कि पूरे कॉलेज में 1st रैंक पर आया था l सभी हैरान थे कि ये चमत्कार हुआ कैसे पर कार्तिक जानता था ये सब नंदिनी की मेहनत का फल था l
फंक्शन वाले दिन कार्तिक जल्दी आ गया l पर नंदिनी आज भी नही आई थी वह उदास हो गया और आकार हॉल में बैठ गया सभी स्टूडेंट्स ओर टीचर्स हॉल में जमा थे l कार्तिक की नजर बार बार दरवाजे पर चली जाती लेकिन जिसका उसे इंतजार था वह नही आई l
तभी माइक में अनाउंसमेंट हुई
“the student of the year award” गोज टू मिस्टर कार्तिक सक्सेना “
सारा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा l कार्तिक को अपने कानो पर विश्वास नही हो रहा था l एक बार फिर जब उसका नाम पुकारा गया तब उसे अहसास हुआ कि जो सपना वो हर रोज देखता था वो आज पूरा हो गया l कार्तिक की स्टेज पर इनवाइट किया गया l चंदन , त्यागी ओर श्रुति कार्तिक के लिए बहुत खुश थे पर कार्तिक जिसे सबसे ज्यादा मिस कर रहा था वो थी नंदिनी

कार्तिक स्टेज पर आया प्रिंसिपल सर ने उसे ट्रॉफी दी और उसका कंधा थपथपाया l जिस कार्तिक के चेहरे पर हमेशा मुस्कुराहट रहती थी आज उसकी आंखो में नमी आ गयी l उसने अपना इंट्रो दिया और कहा
“इस ट्रॉफी का असली हकदार कोई और है आज मैं जो कुछ भी हु उसी की वजह से हु वो मेरी बेस्ट फ्रेंड है”
कहते कहते कार्तिक रुक गया उसकी नजर सामने दरवाजे पर गयी जहा उसकी दोस्त नंदिनी खड़ी थी कार्तिक ने ट्रॉफी टेबल पर रखी और स्टेज से कूदकर नंदिनी की तरफ दौडा ओर बिना एक पल गवाए उसे गले से लगा लिया l पहली बार कार्तिक की आखो में नमी थी उसने धीरे से कहा
“नंदू तू सिर्फ दोस्त नही , बल्कि मेरी दुनिया है”
नंदिनी मुस्कुरा दी l

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