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और प्यार हो गया – 14

Aur Pyar Ho Gaya – 14

Aur Pyar Ho Gaya
Aur Pyar Ho Gaya by Sanjana Kirodiwal

बारिश की वो रात नंदिनी के लिए सबसे यादगार बन चुकी थी l पहली बार किसी लड़के ने उसके लबो को छूआ था वो भी वह लड़का जिस से नंदिनी प्यार करती है l
“किस ऐसे करते है”,कार्तिक ने नंदिनी से दूर होकर कहा l
शर्म से नंदिनी का चेहरा लाल हो रहा था वह कार्तिक की आँखों में देख नहीं पा रही थी बारिश रुक चुकी थी l नंदिनी ने कार्तिक से घर चलने को कहा l दोनों स्कूटी के पास आये लेकिन इसे नंदिनी की अच्छी किस्मत कहे या नंदिनी की फूटी किस्मत , बारिश के पानी से स्कूटी पूरी तरह जाम हो चुकी थी l नंदिनी ने बहुत ट्राय किया लेकिन वह चलने का नाम ही नहीं ले रही थी l आखिर में उसने किक से स्टार्ट करने की कोशिश की और एक भारी भरकम प्रयास के बाद स्कूटी स्टार्ट हो गयी l
नंदिनी ने घडी में देखा रात के 11.30 हो रहे थे उसने कार्तिक से जल्दी पीछे बैठने को कहा और स्कूटी उसके घर जाने वाले रास्ते की और दौड़ा दी l आधे घंटे में दोनों कार्तिक के घर के सामने थे l दोनों उतरे और दरवाजे के सामने आकर खड़े हो गए l नंदिनी को डर लग रहा था कार्तिक को इस हालत में लेकर अंदंर कैसे जाये कुछ समझ नहीं आ रहा था l वह जैसे ही पीछे पलटी कार्तिक गायब था l
“अब ये bunny कहा गया ?”,नंदिनी ने डरते हुए कहा और इधर उधर देखने लगी l
“नंदू ,,, नंदू “,एक फुसफुसाती हुई सी आवाज नंदिनी के कानो में पड़ी
नंदिनी पलटी और देखा सामने खिड़की पर खड़ा कार्तिक मुस्कुरा रहा है l नंदिनी खिड़की के पास आई और कहा,”तुम यहाँ कैसे आये ?
“खिड़की से , जब भी मैं देर से आता हु एंट्री इधर से ही करता हु”,कार्तिक ने कहा
“ठीक है , फिर मैं चलती हु”,नंदिनी ने मुस्कुराते हुए कहा
“नंदू !! “,कार्तिक ने नंदिनी को रोकते हुए कहा
“हां bunny”,नंदिनी ने पलटकर कार्तिक को देखते हुए कहा
“थैंक्यू !!”,कार्तिक ने मुस्कुरा कर कहा
“थैंक्यू , किसलिए ?”,नंदिनी ने कहा
“बस थेंक्यू !”,कार्तिक ने प्यार से नंदिनी की आँखों में देखते हुए कहा
नंदिनी एक पल के लिए कार्तिक की आँखों में डूब सी गई l l वह खिड़की से दूर हटी और दबे पांव वहा से निकलकर अपनी स्कूटी के पास आई l मन एक बेचैनी से भर उठा कार्तिक को छोड़कर जाने का उसका मन तो नहीं था फिर भी उसे जाना पड़ा नंदिनी कार्तिक को देखने के लिए पीछे मुड़ी पर कार्तिक वहा नहीं था वो जा चूका था l नंदिनी ने स्कूटी स्टार्ट की और वहा से निकल गयी l

अगली सुबह कार्तिक जब उठा तो उसका सर दर्द से फटा जा रहा था l वह उठा और कमरे से बाहर आया l अखिलेश जी हॉल में बैठकर अख़बार पढ़ रहे थे और रंजना अंदर किचन में थी l कार्तिक किचन में आया और कहा,”मॉम कॉफी”
रंजना ने बिना कुछ बोले कार्तिक के लिए कॉफी बनाई और उसे पकड़ा दी l कॉफी का कप लेकर कार्तिक बाहर हॉल में आ बैठा l कॉफी पीते हुए उसने बीती रात के बारे में सोचने की बहुत कोशिश की पर उसे कुछ याद नहीं आया l रंजना अखिलेश जी के पास आयी और तस्वीर उनकी तरफ बढ़ाते हुए कहा,”भाईसाहब ने ये तस्वीर भेजी है , लड़का हमारे शहर से ही है l अगर मौली और ये एक दूसरे को पसंद कर लेते है तो रिश्ते की बात आगे बढ़ाते है”
“हम्म्म लड़का तो ठीक है बाकि मैं भाईसाहब जी से बात कर लूंगा”,अखिलेश ने लड़के की तस्वीर देखते हुए कहा l
“मुझे दिखाना ज़रा”,कहते हुए कार्तिक ने अखिलेश जी के हाथ से तस्वीर ली और कॉफी पीते हुए देखने लगा l कार्तिक को लड़का कुछ देखा हुआ सा लगा पर कहा देखा था समझ नहीं आया l वैसे भी लड़का इसी शहर से था हो सकता है कही न कही सामना हो गया हो
“कैसा लगा ?”, रंजना ने पूछा
“अच्छा है पर मुझसे थोड़ा कम हैंडसम है”,कार्तिक ने मुंह बनाते हुए कहा
“तुझे अपना अलावा कभी कोई पसंद आएगा भी”,रंजना ने कहा
“है ना”,कार्तिक के मुंह से तपाक से निकला
“अच्छा पसंद है , और कौन है वो ?”,रंजना ने घूरकर कार्तिक की तरफ देखकर कहा
“मैं भी जानना चाहूंगा वो कौन है ? क्योकि आजकल तुम में आये जो बदलाव देख रहा हु समझ तो मुझे भी आता है”,
“पापा वो ऐसा कुछ भी नहीं है”,कार्तिक ने अपने पापा से नजरे बचाते हुए कहा
“बेटाजी बाप हु तुम्हारा , चेहरा देख कर बता सकता हु l चलो मत बताओ सन्डे को घर बुला लो मिल लेते है तुम्हारी पसंद से भी l लगे हाथ मौली के साथ साथ तुम्हारे हाथ भी पिले कर देंगे”,अखिलेश जी ने कहा
“क्या पापा , आप भी”,कार्तिक ने शर्माने की एक्टिंग करते हुए कहा
“शर्माना बंद करो , करियर बनाने से तो कोई मतलब है नहीं तुम्हे और यहाँ बाप के सामने बैठकर शरमा रहे हो l जब तक जॉब नहीं कोई शादी नहीं समझे”,अखिलेश जी ने डांटते हुए कहा
कार्तिक हैरान हो गया l वह उठा और रंजना की तरफ देखा तो रंजना ने भी कंधे उचका दिए और वापस किचन की और चली गयी l कार्तिक अपने कमरे की तरफ चला गया l कमरे में आकर वह नहाने चला गया और वापस आकर कबर्ड खोला l क्या पहने कुछ समझ नहीं आ रहा था फिर उसने अलमारी से ब्लू जींस और सफेद रंग की शर्ट निकाल ली l शर्ट पहनते हुए कार्तिक को ख्याल आया की ये शर्ट उसे नंदिनी ने गिफ्ट की थी l वह शीशे में देखते हुए मुस्कुराने लगा और कहा,”कुछ भी कहो यार नंदू की पसंद है बड़ी मस्त , वैसे तू भी तो उसकी ही पसंद है”
तैयार होकर कार्तिक कॉलेज के लिए निकल गया l
नंदिनी कॉलेज जाने के लिए तैयार होने लगी आज उसने भी सफेद रंग का सूट पहना था l उस सूट में नंदिनी लग बड़ी प्यारी रही थी l शीशे के सामने खड़ी होकर जब वह बाल बना रही थी तो सहसा ही बीती रात का मंजर उसकी आँखों के सामने आ गया शीशे में देखते हुए वह गाने लगी,”ना जाने मेरे दिल को क्या हो गया ? अभी तो यही था अभी खो गया”
“हो गया है तुझको तो प्यार सजना , हो जाना है तुझको बर्बाद सजना”,स्वाति ने नंदिनी के पास आकर उसके कंधे पर मारते हुए कहा l
“चल हट कुछ भी बोलती है”,नंदिनी ने कहा और बालो में रबड़ डाल लिया l
स्वाति ने उसके बालो से रबर निकाला और कहा,”खुले ज्यादा अच्छे लग रहे है”
“अच्छा बाबा ठीक है , मैं निकलती हु कॉलेज के लिए वरना देर हो जाएगी l बाय “,कहकर नंदिनी अपना बेग उठाकर वहा से चली गई l
स्वाति भी अपने कॉलेज जाने के लिए तैयार होने चली गयी l
कॉलेज आकर नंदिनी सीधा क्लास रूम में आकर बैठ गई अपनी उसी पुरानी जगह l क्लास रूम में बैठे बैठे नंदिनी कार्तिक का इतंजार करने लगी वो तय करके आयी थी की आज वह कार्तिक से अपनी सारी फीलिंग्स कह देगी l सोफिया कार्तिक के लिए सही थी या नहीं ये तो वह नहीं जानती थी लेकिन कार्तिक को उसके साथ देखकर नन्दिन को बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था l नंदिनी और कुछ स्टूडेंटस ही थे क्लास शुरू होने में अभी 20 मिनिट बाकि थे l ये 20 मिनिट नंदिनी को 20 साल की तरह लग रहे थे l

कार्तिक ने अपनी बाइक पार्किंग में लगाई और जैसे ही जाने लगा सोफिया वहा आ गई l कार्तिक सोफिया को इग्नोर करके जाने लगा तो सोफिया एकदम से उसके सामने आ गयी और अपने कान पकड़कर कहा,”आई ऍम सॉरी कार्तिक
कार्तिक – सोफिया लेट मी गो
सोफिया – बेबी मैंने सॉरी कहा ना , कल रात जो कुछ भी हुआ उसे भूल जाओ l आगे से ऐसा कभी नहीं होगा
कार्तिक – सोफिया आर यू श्योर ऐसा दोबारा नहीं होगा
सोफीया – हां बाबा श्योर ,
कार्तिक – तो प्रॉमिस करो आज के बाद तुम कभी ड्रिंक नहीं करोगी
सोफिया – प्रॉमिस नहीं करुँगी , अब तो तुमने मुझे माफ़ किया ना (मासूम सा चेहरा बनाकर कहती है)
कार्तिक – मैं तुमसे नाराज ही कब था (कार्तिक ने मुस्कुराकर कहा)
“ओह्ह कार्तिक यू आर सो स्वीट”,सोफिया में कार्तिक के गले लगते हुए कहा l कार्तिक ने भी इसे सोफिया की पहली गलती समझ कर माफ़ कर दिया l
कार्तिक क्लास में जाने लगा तो सोफिया उसे खींचकर केंटीन की तरफ ले गयी l केंटीन में आकर उसने दोनों के लिए कॉफी आर्डर की और कार्तिक से कहा,”बेबी क्या तुम हर वक्त पढाई पढाई पढाई लगा के रखते हो , तुम बोर नहीं होते क्या ?”
कार्तिक – सोफिया पहले मैं ऐसा बिल्कुल नहीं था पर जबसे नंदू मेरी लाइफ में आई है तबसे सब बदल गया है l वो सबसे अलग है , मैं खुद के बारे में इतना नहीं जानता जीतना वो जानती है l उसके पास मेरी हर प्रॉब्लम का सोलुशन है वो हमेशा मेरे लिए अवेलेबल रहती है
कार्तिक के मुंह से नंदिनी की तारीफ सुनकर सोफिया को बहुत गुस्सा आया और उसने मन ही मन कहा,”ये नंदिनी तो मेरे जी का जंजाल बन चुकी है , जल्दी ही इसका कुछ करना होगा l शादी से पहले ही सौतन बन गयी है जब देखो तब कार्तिक के मुंह पर उसी का नाम रहता है”
“क्या हुआ कहा खो गयी ?”,कार्तिक ने सोफिया को खोये हुए देखकर कहा
“कुछ नहीं नंदिनी के बारे में ही सोच रही थी , शी इज सो स्वीट”,सोफिया ने मन के भाव छुपाते हुए कहा
“हां स्वीट तो है वो”,कार्तिक भी मुस्कुरा उठा l
“बेबी तुम्हे नहीं लगता उसके बेस्ट फ्रेंड होने के नाते तुम्हे उसके लिए कुछ करना चाहिए”,सोफिया ने धीरे धीरे कार्तिक के सामने जाल बिछाते हुए कहा
“मैं कुछ समझा नहीं”,कार्तिक ने हैरानी से सोफिया की तरफ देखते हुए कहा
केंटीन वाला लड़का कॉफी रखकर चला ग़या l सोफीया ने कोफ़ी उठायी और एक सिप भरते हुए कहा,” बेबी तुम और नन्दिनी बेस्ट फ्रेंड हो और हमेशा साथ साथ रहते हो और इसलिए तुम दोनों अपने आस पास के लोगो को नोटिस नहीं करते हो क्योकि तुम दोनों एक दूसरे के साथ खुश होते हो l अब तुम तो मेरे साथ रिलेशनशिप में आ चुके हो और नंदिनी को तुम पहले जितना वक्त नहीं दे पाते l सो आई मीन तो से की तुम्हारे बाद कोई तो होना चाहिए जो उसका ख्याल रख सके उस से बाते कर सके l अगर नंदिनी भी किसी के साथ रिलेशनशिप में आ जाये तो कितना अच्छा होगा ना l वैसे भी आजकल वो कुछ ज्यादा ही उदास दिखाई देती है “
सोफिया ने आखरी बात पर थोड़ा जोर डालते हुए कहा l कार्तिक ने जब सूना तो सोच में डूब गया और फिर कहा,”यू आर राईट मैंने तो ऐसा सोचा ही नहीं था की नंदिनी अकेली हो गयी है l तुम सही कह रही हो उसकी लाइफ में भी कोई स्पेशल वन होना चाहिए जो उसे ढेर सारा प्यार करे , उसकी फीलिंग्स को समझे और उसे बहुत बहुत बहुत ज्यादा खुश रखे l
“एग्जेक्टली मैं भी तो यही कह रही हु , नंदिनी इतनी स्वीट है क्यूट उसे तो कोई स्वीट सा लड़का ही मिलना चाहिए”,सोफिया ने नंदिनी के लिए ख़ुशी दिखाते हुए कहा जबकि उसके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था
“बिल्कुल और ये काम मैं करूंगा , नंदू के लिए कॉलेज का बेस्ट लड़का ढूंढ के लाऊंगा जो उसे हमेशा खुश रखेगा l सोफिया यू आर सो टेलेंटेड यार , तुमसे पहले मेरे दिमाग में ये ख्याल क्यों नहीं आया ?”,कार्तिक ने अफ़सोस जताते हुए कहा
“क्योकि तुम उसके बेस्ट फ्रेंड हो और हमेशा उसके साथ रहे हो इसलिए तुम्हारे दिमाग में नहीं आया”,सोफिया ने कहा
“चलो चलकर उसे बताते है”,कार्तिक ने एक्साइटेड होकर कहा
“तुम भी ना एक नंबर के पागल हो , ऐसे सीधा जाकर उसे बताओगे तो क्या वो मानेगी इस बात को बिल्कुल नहीं l ऐसा करते है पहले नंदिनी के लिए एक अच्छा सा लड़का ढूंढते है और फिर उसके लिए एक शानदार सी डेट का इंतजाम करते है और वही तुम उसे ये सरप्राइज दे देना”,सोफिया ने अपना आखरी पासा फेंकते हुए कहा l
सीधा साधा कार्तिक सोफिया के झांसे में आ भी गया उसने सोफिया की बात मान ली और दोनों बाते करते हुए कॉफी पिने लगे l

क्लास रूम में बैठी नंदिनी कार्तिक के आने का इंतजार कर रही थी पर कार्तिक नहीं आया l लेक्चरर आया और पढाकर चला गया l शायद आज कार्तिक कॉलेज नहीं आया है सोचकर नंदिनी क्लास से बाहर आ गयी l पार्किंग के सामने से गुजरते हुए उसकी नजर कार्तिक की बाइक पर गई
“bunny की बाइक तो यही खड़ी है इसका मतलब वह कॉलेज आया , लेकिन क्लास में क्यों नहीं आया ?”,नंदिनी ने खुद से कहा और घूमते हुए उसे ढूंढने लगी l आज वह कार्तिक को अपने दिल की बात बता देना चाहती थी , वह बता देना चाहती थी की वह कार्तिक से कितना प्यार करती है l सोच में डूबी वह आगे बढ़ ही रही थी की तभी सामने से आते पवन से टकरा गई l हाथ में पकड़ी सारी की सारी किताबे निचे गिर गई l नंदिनी अपनी किताबे उठाने के लिए नीचे झुकी तो पवन भी उसकी मदद करने के लिए किताबे उठाने लगा l पवन ने जेब से अपना रुमाल निकाला और उससे किताबे पोछकर नंदिनी को देने लगा l
“थेंक्यु पवन”,नंदिनी ने मुस्कुराते हुए कहा
“मेंशन नॉट , आपके लिए आलवेज रेडी”,पवन ने बड़ी सी स्माइल चेहरे पर लाकर कहा
“तुमने bunny को कही देखा ?”,नंदिनी ने पूछा
“हम्म्म्म हां कुछ देर पहले केंटीन में जाते देखा था , क्या हुआ कोई प्रॉब्लम है ?”,पवन ने पूछा
“नहीं नहीं बस ऐसे ही मुझे उस से कुछ काम था”,कहकर नंदिनी जाने लगी
“नंदिनी”,पवन ने जाती हुई नंदिनी को आवाज दी
“हां पवन”,नंदिनी ने पलटकर कहा
“यू रिमेम्बर , तुमने साथ में कॉफी पिने का कहा था उस दिन”,पवन ने कहा
“मुझे याद है पवन है , पर अभी नहीं फिर कभी”,कहकर नंदिनी वहा से चली गयी l
“कभी तो आएगा वो दिन जब तुम मेरे साथ कॉफी पर आओगी”,पवन ने जाती हुई नंदिनी को देखते हुए कहा l
पवन और नंदिनी के अलावा दो लोग और थे जो इस पुरे नजारे को देख रहे थे
“सोफिया तुम भी वही सोच रही हो क्या ? जो मैं सोच रहा हु”,कार्तिक ने सोफिया के कंधे पर कोहनी रखते हुए कहा
“यू मीन टू से पवन और नंदिनी टुगेदर”,सोफिया ने हैरानी से कार्तिक की और देखते हुए कहा l
“राईट”,कार्तिक ने मुस्कुरा कर कहा
“हां पवन दिखता भी अच्छा है और आई थिंक नंदिनी को पसंद भी करता है l परफेक्ट जोड़ी है”,सोफिया ने कहा
“दोनों पढ़ाई में भी सेम है , टॉप 10 में और मेरे और चंदन के अलावा पवन ही है जिस से नंदिनी बात कर लिया करती है”,कार्तिक ने कहा l
“ओके देन पवन इज कन्फर्म फॉर नंदिनी”,सोफिया ने कहा
“डन”,कार्तिक ने सोफिया से हाथ मिलाते हुए कहा l

सोफिया अपनी साजिश को अंजाम दे चुकी थी और कार्तिक उसके बिछाए जाल में फस चूका था l साथ ही साथ सोफिया के साथ मिलकर अब वह बहुत बड़ी बेवकूफी करने वाला था जिसका सीधा सीधा असर नंदिनी की जिंदगी पर होने वाला था l इस सब से बेखबर नंदिनी कार्तिक को ढूंढ रही थी l आख़िरकार नंदिनी को कार्तिक सीढ़ियों पर बैठा मिल ही गया l नंदिनी ख़ुशी ख़ुशी उसकी और बढ़ी l कुछ ही कदम चलकर रुक गई सोफिया उसके सामने से निकलकर कार्तिक के पास गयी और उसकी बगल में बैठकर बाह में अपना हाथ डालकर बैठ गयी l कार्तिक भी उस से बातें करने लगा l सोफिया ने अपना सर उसके कंधे पर टिका दिया l
नंदिनी ने देखा तो चेहरे की ख़ुशी पल में उदासी में बदल गई l उसकी आँखो में नमी उतर आई l उसे लगा था उस रात के बाद शायद कार्तिक की फीलिंग्स उसके लिए बदल जाएगी पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ l कार्तिक अभी भी सोफिया के साथ ही था या तो उसे कुछ याद नहीं या फिर सोफिया के साथ रहकर वह भी उसके रंग में ढल चुका है l नंदिनी वहा से वापस जाने के लिए जैसे ही पलटी कार्तिक ने देख लिया और आवाज देकर कहा,”नंदू !!
नंदिनी रुक गयी कार्तिक सोफिया को वही सीढ़ियों पर छोड़कर नंदिनी के पास आया और कहा,”सुबह से कहा गायब है तू ?
“कही भी नहीं तुम्हे आजकल कोई और दिखता ही नहीं है”,कहते हुए नंदिनी सोफिया की और देखकर फीका सा मुस्कुरा देती है
“क्या नंदू तुम भी ? कॉलेज आया था क्लास जा ही रहा था की सोफिया पकड़कर केंटीन ले गई”,कार्तिक ने सफाई देते हुए कहा
“इट्स ओके bunny तुम कब से एक्सक्यूज देने लगे , खैर छोडो अंकल आंटी कैसे है?”,नंदिनी ने अपने दिल के दर्द को छुपाते हुए कहा l
“बहुत नाराज है तुमसे, इन दिनों उनसे मिलने क्यों नहीं आई तुम?”,कार्तिक ने खीजकर कहा
“जल्दी आउंगी bunny”,नंदिनी ने कहा
“जल्दी नहीं परसो ही आना है, मौली दी के लिए पापा ने लड़का पसंद किया है वो शाम को आएगा तुम भी उस दिन घर पर ही रुक जाना , मॉम से भी मिल लेना”,कार्तिक ने कहा
“ओके ! “,कहकर नंदिनी जाने लगती है वो अब कार्तिक के सामने ज्यादा देर तक खड़ी नहीं रह सकती थी किस भी उसकी आँखे उसे धोखा दे सकती थी और आंसुओ का सैलाब बहकर बाहर आ जाता l
“नंदू सुनो”,कार्तिक ने फिर नंदिनी को रोकते हुए कहा
“हम्म्म्म”,नंदिनी के मुंह से मुश्किल से आवाज निकली, दर्द और पीड़ा से उसका गला रुंध गया था
“इस ड्रेस में बहुत प्यारी लग रही हो”,कार्तिक ने मुस्कुरा कर कहा
नंदिनी ने नम आँखों से कार्तिक के मुस्कुराते हुए चेहरे को देखा और बिना कुछ कहे वहा से चली गयी l नंदिनी तेज तेज कदमो से बरामदे में चली जा रही थी की तभी सोफिया अचानक से उसके सामने आ गई l नंदिनी साइड से जाने लगी तो सोफिया ने उसे रोक लिया और उसके चारो और चक्कर काटकर उसके सामने आ खड़ी हुई और कहा,”हाय कितनी ख़राब है ना तुम्हारी किस्मत भी , इतना खूबसूरत , केयरिंग , स्वीट होने के बाद भी कार्तिक तुमसे प्यार नहीं करता l सो कॉल्ड बेस्ट फ्रेंड कहते हो ना दोनों एक दूसरे को पर तुम्हारा वही बेस्ट फ्रेंड आज तुम्हारी किसी फीलिंग्स को नहीं समझता जानती हो क्यों ? बिकॉज नाउ ही इज माइन ,, नंदू एंड bunny ये नाम सिर्फ नाममात्र के रह गए है अब l कार्तिक तुम्हे कभी नहीं मिलेगा वो सिर्फ मेरा है सो नाउ लिस्टन केयरफुली मिस नन्दिनी उसे पाने के सपने देखना अब छोड़ दो l वो मुझसे प्यार करता है ……………………. तुम्हे क्या लगा कल रात के बाद हमारे बिच सब ख़त्म हो जायेगा और तुम आकर बाजी मार लोगी ………. सो डम्ब यू नंदिनी कार्तिक को पाना मेरा जूनून है और इतनी आसानी से मैं उसे जाने नहीं दूंगी l

सोफिया का सच नंदिनी के सामने आया तो वह हैरान रह गयी l उसे लगा था सोफिया सच में कार्तिक से प्यार करती है लेकिन यहाँ तो बात कुछ और ही थी l ये सोफिया का प्यार नहीं बल्कि कार्तिक को पाने का उसका जूनून था जो दिन दिन बढ़ता ही जा रहा था l नंदिनी ने अपनी आँखों के किनारे आये आंसुओ को साफ किया और सोफिया की आँखों में देखकर कहा,”ओह्ह तो ये है तुम्हारा सच”
“बिल्कुल बेब , और अगर तुम जाकर ये सब कार्तिक से कह भी दो तो वो तुम्हारा यकीं नहीं करेगा बिकॉज़ वो इस वक्त मेरे प्यार में पागल है l मेरे अलावा वो किसी की नहीं सुनेगा”,सोफ़िया ने बेफिक्री से कहा
“खूबसूरत लड़कियों में दिमाग कम होता है ऐसा मैंने सूना था आज देख भी लिया”,नंदिनी ने तंज कसते हुए कहा
“व्हाट डू यू मीन ? “,सोफिया ने गुस्से से नंदिनी को घूरते हुए कहा
“आई मीन टू से मिस सोफिया , bunny भले तुमसे प्यार करता हो लेकिन मुझे उस पर पूरा भरोसा है जिस दिन उसे तुम्हारी नियत का पता चला वो खुद तुम्हे छोड़ देगा”,नंदिनी ने कहा
“इट्स नॉट पॉसिबल अपने प्यार में उसे इतना पागल कर दूंगी की वो मेरे बिना एक पल भी नहीं रह पायेगा”,सोफिया ने कहा
“तो ठीक है आजमा के देख लेते है तुम अपना प्यार आजमाओ और मैं अपनी दोस्ती”,नंदिनी ने सोफिया के इरादों को चेलेंज करते हुए कहा
“हुंह, जस्ट वेट एंड वाच मिस नंदिनी , बहुत जल्दी तुम कार्तिक की जिंदगी से आउट होने वाली हो”,कहकर सोफिया वहा से चली गयी l
नंदिनी को एक गहरा सहमा लगा l सोफिया की गन्दी नियत और नापाक इरादों से भले कार्तिक अनजान हो पर नंदिनी सब जान चुकी थी l सोफिया के और कितने रूप सामने थे ये तो नंदिनी नहीं जानती थी पर उसे अब कार्तिक को जल्द से जल्द सोफिया के जाल से बाहर निकालना था l ये कैसी कश्मकश में फस चुकी थी नंदिनी उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था l
अपनी बुक्स उठाये नंदिनी कॉलेज से निकल गई l हॉस्टल आकर उसने किसी से बात नहीं की सीधा अपने कमरे की और बढ़ गई l स्वाति अभी कॉलेज से लौटी नहीं थी शायद नंदिनी ने दरवाजा बंद किया और फूटफूट कर रोने लगी l आज एक बार फिर उसका दिल टूट चूका था l पहले कार्तिक ने अनजाने में तोड़ा था और आज उसकी खुद की झूठी उम्मीद ने l वह देर तक फर्श पर बैठी आंसू बहाती रही अंदर जो दर्द था आंसुओ के जरिये बहकर बाहर आ गया l नंदिनी की आँखे आंसुओ से भरी थी उसी के साथ बार बार ऐसा क्यों हो रहा था ? इन कुछ दिनों में उसकी जिंदगी कितनी उलझ चुकी थी l नंदिनी अपनी बीती जिंदगी के बारे में सोचने लगी जिसमे सिर्फ वो थी और कार्तिक था l एक खूबसूरत रिश्ता था और एक दूसरे का साथ था कार्तिक के साथ बिताये वे सारे खूबसूरत पल एक एक करके नंदिनी की आँखों के सामने आने लगी l फिर एक लम्हा ऐसा भी था जिसे सोचते ही नंदिनी के होंठो पर मुस्कान आ गई l लेकिन अगले ही पल उस मुस्कुराहट की जगह आंसुओ ने ले ली कार्तिक वहा नहीं था बस था तो वह खाली कमरा ो उसके साथ बिताये उन खूबसूरत पलो की यादे l नंदिनी की आँखे फिर आंसुओ से भर आई उसने अपने सीने में चुभन का अहसास किया ये चुभन उसके टूटे हुए दिल के किरचों की थी उसने तड़पकर अपनी आँखे बंद कर ली और कहा
“क्या सच एकतरफा प्यार इतना दर्द भरा होता है”

Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14 Aur Pyar Ho Gaya – 14

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संजना किरोड़ीवाल

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