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और प्यार हो गया – 11

Aur Pyar Ho Gaya – 11

Aur Pyar Ho Gaya
Aur Pyar Ho Gaya by Sanjana Kirodiwal

श्रुति की बातों से परेशान नन्दिनी होस्टल आ गयी l उसका मन नही लगा तो वह सो गई l शाम को देर से उठी होस्टल की लाइट जल चुकी थी वह छत पर आई और कार्तिक को फोन लगाया l
नन्दिनी – हेलो bunny
कार्तिक – हा नंदू !
नन्दिनी – आज कॉलेज नही आये तुम ? ठीक तो हो ना ?
कार्तिक – सॉरी नंदू वो मैं बताना भूल गया था l कल रात वो सोफिया को घर छोड़ा था ना तो आते वक्त उसने स्कूटी थमा दी l सुबह देर से उठा और फिर उसके घर गया तो नही आ पाया
नन्दिनी – ओह्ह कोई बात नही , आंटी कैसी है ?
कार्तिक – आँटी बिल्कुल ठीक है
नन्दिनी – ओर अंकल ?
कार्तिक – वो भी ठीक है
नन्दिनी – ह्म्म्म ओर मौली दी ( नन्दिनी संमझ नही पा रही थी कार्तिक से क्या बात करे , पहली बार वह उस से बात करते हुए नर्व्स थी )
कार्तिक – वो भी ठीक है पर पहले तुम मुझे बताओ कि तुम्हे क्या हुआ है ? तुम आज सबके बारे में क्यों पूछ रही हो ?
नन्दिनी – वो बस ऐसे ही
कार्तिक – नंदू बताओ ना क्या बात है ?
नन्दिनी – bunny वो बस ऐसे ही मन नही लग रहा l अजीब सा महसूस हो रहा है l दिल करता है कही भाग जाऊ
कार्तिक – अरे रिलेक्स रिलेक्स मेरी शेरनी एक दिन कॉलेज नही आया तो तुम्हारा ये हाल हो गया l (हँसने लगता है )
नन्दिनी – हम्म्म्म , तुमसे बात नही होती तो लगता है कुछ अधूरा सा है
कार्तिक – बात या झगड़ा
नन्दिनी – जो तुम समझो
नन्दिनी से बाते करते करते कार्तिक के फोन में एक मैसेज आया कार्तिक ने देखा और नन्दिनी से कहा,”नंदू बाद में बात करता हु अभी मुझे अर्जेंट कही जाना है”
कार्तिक ने आगे नन्दिनी की बात सुने बिना ही फोन काट दिया l नन्दिनी फिर से उदास हो गयी l बुझे मन से वह वापस अपने कमरे में आ गईं उसने फोन साइड में रखा और उठकर बाथरूम की ओर बढ़ गयी l शीशे में खुद को देखकर उसका मन किया रो दे पर आंखो के आंसू आंखों तक ही रह गए l ऐसे मामलों में नन्दिनी बहुत मजबूत थी l उसके दिल मे क्या है ये सामने वाले को कभी पता नही होता था सिवाय कार्तिक के l कार्तिक उसकी रग रग से वाकिफ था लेकिन इस वक्त वह खुद नन्दिनी की फीलिंग नही समझ पा रहा था l समझता भी कैसे नन्दिनी उसे खुलकर कह ही नही पा रही थी

बाथरूम से बाहर आकर नन्दिनी अपनी स्टडी टेबल आ बैठी ओर पढ़ने की नाकाम कोशिश करने लगी पर दिमाग बार बार कार्तिक के ख्यालो में उलझ कर रह जाता l वो बिल्कुल भी पढ़ाई में ध्यान नही लगा पा रही थी l उसने झुंझलाकर अपना सर टेबल पर लगा लिया l
“नंदू………!!”,एक गूंजती सी आवाज नन्दिनी के कानो में पड़ी l
नन्दिनी उठी और इधर उधर देखा शायद उसे कुछ वहम हुआ होगा सोचकर उसने वापस सर टेबल से लगा लिया l फिर से वही आवाज उसके कानो में पड़ी l नंदनी ने महसूस किया आवाज नीचे से आ रही है वह उठकर खिड़की पर आई और खिड़की खोलकर देखा नीचे कार्तिक खड़ा है उसे अपनी आंखों पर विस्वास नही हुआ l नंदीनी को खिड़की पर देखकर कार्तिक ने जोर जोर से गाना शुरू किया
“अरे ओ जुम्मा मेरी जानेमन बाहर निकल
आज जुम्मा है , आज का वादा है
देख मैं आ गया तू भी जल्दी आ ,
अरे तू बोली थी पिछले जुम्मे को
चुम्मा दूँगी अगले जुम्मे को
तो आजा तो आजा तो आजा “
कहते हुए कार्तिक ने नन्दिनी की तरफ नीचे आने का इशारा किया l नन्दिनी को यकीन हुआ कार्तिक सच मे वहा खड़ा है वह खुशी से भागती हुई नीचे आयी और bunny के सामने आकर कहा
“आज जुम्मा नही आज मंडे है”
“मालूम है बाबा “,कार्तिक ने मुस्कराकर कहा
नन्दिनी – पर तुम यहाँ ? ( उसे अब भी विश्वास नही हो रहा था कि bunny उसके सामने है )
कार्तिक – तूने कहा था न फोन पर की तेरा मन नही लग रहा तो आ गया
नन्दिनी – पर तुमने तो कहा था कि तुम किसी जरूरी काम से जा रहे हो
कार्तिक – तुमसे ज्यादा जरूरी भला कुछ हो सकता है
कार्तिक की इस बात ने तो नन्दिनी का दिल ही जीत लिया था l वह प्यार से उसे देखने लगी
“अब चले “,कार्तिक ने कहा
“कहा ? “,नन्दिनी ने हैरानी से पूछा
“कही भी , बस चलते है”,कार्तिक ने कहा
“ओके मैं चेंज करके आती हु”,कहकर नन्दिनी जाने लगी तो कार्तिक ने उसका हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया और कहा,”चेंज क्यों करना है ? इनमे ही चल
“कार्तिक ये नाईट ड्रेस है केप्री ओर टीशर्ट इनमे बाहर”,नन्दिनी ने कहा
“नंदू नाईट में ये सब कोयन देखता है , तुम्हारा कॉम्फर्ट भी जरूरी है l चलो अब “,कार्तिक ने उसे बाइक की तरफ ले जाते हुए कहा l
कार्तिक ने बाइक स्टार्ट की नन्दिनी आकर उसके पीछे बैठ गयी l कार्तिक ने बाइक सड़क पर दौड़ा दी l कहा जा रहे है दोनो में से कोई नही जानता था बस खामोशी से दोनो बैठे रहे l बाइक सड़क पर दौड़ते जा रही थी l ठंडी हवा के झोंके दोनो के चेहरे को सहलाते हुए गुजर जाते l नन्दिनी को अच्छा लग रहा था उसने अपनी आंखें बंद की ओर अपना सर कार्तिक की पीठ से लगा दिया l कार्तिक ने बाइक की स्पीड कम कर दी
“थेँकयू bunny “,नन्दिनी ने आंखे मुंदे हुए कहा
कार्तिक – योर मोस्ट वेलकम , अब कैसा लग रहा है नंदू ?
नन्दिनी – बहुत अच्छा लग रहा है वरना कुछ देर पहले तो लग रहा था जैसे कही भाग जाऊ
कार्तिक – अकेले अकेले कहा भागने का इरादा है मेडम जहा भी जाओ मुझे बताकर जाना वरना लोग मुझे पकड़ के पिटेंगे
नन्दिनी – तुम्हे क्यों बताना जहा जाना होगा मैं चली जाउंगी
कार्तिक – नंदू पता नही क्यों ? पर तेरे बिना मैं अधूरा हु यार l तुम सिर्फ मेरी दोस्त नही बल्कि मेरी प्रेरणा , मेरी ताकत और मेरा विश्वास भी हो l भले मेरी जिंदगी में कितनी भी लडकिया आई हो पर उनमे कोई तुम्हारे जैसा नही था l मेरे दिल मे तुम्हारी जो जगह है वो कोई और नही ले सकता l यू आर प्राईजलेस नंदू
नन्दिनी ने सुना तो उसने कार्तिक की पीठ से अपना सर हटाया ओर महसूस किया कार्तिक के दिल मे भी फीलिन्स थी l
नन्दिनी – bunny तुम सीरियस बिल्कुल अच्छे नही लगते
कार्तिक – जानता हूं ( मुस्कुराने लगता है )
नन्दिनी – पर तुम्हारी फीलिंग्स सच है
कार्तिक – यही तो प्रॉब्लम है नंदू मैं कई बार वह कह नही पाता जो मेरे दिल मे होता है l फीलिंग्स को वर्ड्स में तब्दील करना मुझे नही आता
नन्दिनी – क्या बात है आज बड़े मूड में हो तुम ?
कार्तिक – संगत का असर है
नन्दिनी – अच्छा जी मतलब ये सब मैंने सिखाया है
कार्तिक – अरे वाह तुम तो समझदार भी हो (हँसने लगता है ) अरे नंदू तुमने बिगाड़ा नही बल्कि मुझे सुधारा है l
नन्दिनी – किसने कहा तुम बिगड़े हुए हो ?
कार्तिक – सब कहते थे पहले
नन्दिनी – उन सबका टेस्ट खराब है , कोई तुम्हे मेरी नजर से देखे तो नजर आए तुम क्या हो
कार्तिक – अच्छा क्या हु मैं ?
नन्दिनी – एक अनजाना सा सख्स जो कुछ ही पल में अपना लगने लगता है l जिसकी आंखे समंदर से भी गहरी है , जिसकी बातें सुनकर दिल के साथ साथ दिमाग भी काम करना बंद कर दे l जिसकी मुस्कुराहट देखकर हर उदासी दूर हो जाये l जिसकी बदमशीयो से रोता हुआ इंसान भी हंस पड़े “
नन्दिनी की बात सुनकर कार्तिक ने तेजी से गाड़ी को ब्रेक लगाया ओर पलटकर नन्दिनी की तरफ देखते हुए कहा,”नंदू ब्रेक लगा वरना पिघल जाऊंगा मैं
नन्दिनी चुप हो गयी l
“ये सब कहा से सीखा तुमने ? “,कार्तिक ने हैरानी से पूछा
“बस ऐसे ही कहा”,नन्दिनी ने अपनी फीलिंग्स को छुपाते हुए कहा
“बहुत खतरनाक था किसी भी लड़के से कहेगी न वो तो सीधा तेरे प्यार में गिर जाएगा”,कार्तिक ने कहा
“ये लाइन्स सिर्फ तुम्हारे लिए है bunny , बस तुम्हे अहसास हो जाये”,नन्दिनी ने मन ही मन खुद से कहा
नन्दिनी को खोये हुए देखकर कार्तिक ने उसके चेहरे के सामने चुटकी बजाते हुए कहा,”कहा खो गयी , चलो तुम्हे आईस क्रीम खिलाता हु”
कहकर कार्तिक ने फिर से आगे बढ़ा दी l कुछ दूर जाकर सड़क से कुछ ही दूर बने आईस क्रीम पार्लर पर दोनो गए और अपनी अपनी पसंद की आईस क्रीम ली और आकर वही पास पड़े पत्थरो पर बैठ गए और आईस क्रीम खाने लगे l
कार्तिक – नंदू तुम्हे सोफिया कैसी लगी ?
नन्दिनी को कार्तिक से इस सवाल की उम्मीद नही थी वह हैरानी से कार्तिक की ओर देखने लगी और फिर कहा,”अच्छी है”
कार्तिक – ह्म्म्म शी इज नाइस , अट्रैक्टिव , बोल्ड , इंटेलिजेंट ओर साथ साथ बहुत फ्रेंडली भी है l
नन्दिनी – फ्रेंडली ब्रेंडली कुछ नही डोरे डाल रही है तुमपे (फुसफुसाते हुए )
कार्तिक – कुछ कहा तुमने ?
नन्दिनी – नही तो यू कंटीन्यू
कार्तिक – हम्ममम्म , उसने बताया उसे नोट्स में कुछ प्रॉब्लम आ रही है तो तुम हेल्प कर दोगी उसकी ?
नन्दिनी – ओके (मन ही मन कोसते हुये)
कार्तिक – ओह्ह नंदू तुम कितनी अच्छी हो यार
नन्दिनी – कितनी भी अच्छी क्यों ना हु ? तारीफ तो तुम्हे उस सोफिया द चुड़ैल की ही करनी है ( फिर से फुसफुसाते हुए )
कार्तिक – तुमने फिर से कुछ कहा ?
नन्दिनी – नही न bunny
कार्तिक – अच्छा उधर देखो
नन्दिनी ने जैसे दूसरी तरफ देखा कार्तिक उसकी आइस क्रीम में से आइस क्रीम खा गया और फिर हँसने लगा l
आज नन्दिनी को कार्तिक की इस शरारत पर न गुस्सा आया न ही उसने कोई झगड़ा किया आज उसे बस कार्तिक पर सिर्फ प्यार आ रहा था l बेइंतहा प्यार
कुछ देर वहां बैठने के बाद कार्तिक ओर नन्दिनी बाइक के पास आये l कार्तिक ने चाबी नन्दिनी की तरफ बढ़ाकर कहा,”अब गाड़ी तुम चलाओ”
नन्दिनी ने मुस्कुराते हुए चाबी ली और बाइक स्टार्ट कर कार्तिक से बैठने का इशारा किया l कार्तिक नन्दिनी के पीछे आ बैठा l नन्दिनी ने गाड़ी खाली सड़क पर दौड़ा दी l रात का ये सफर बहुत ही खूबसूरत सफर था l नन्दिनी ओर कार्तिक बाते करते हुए होस्टल के बाहर पहुंचे l नन्दिनी बाइक से उतरी l कार्तिक को मुस्कुराते देखकर उसका मन किया एक बार वह उसे गले लगा ले लेकिन उसकी कहने की हिम्मत नही हुई l
“अच्छा तो मैं चलती हु”,नन्दिनी ने कहा लेकिन वही खड़ी रही
कार्तिक ने मुस्कुरा कर हा में गर्दन हिला दी l
“तो फिर मैं चलती हु , गुड़ नाईट “,नन्दिनी ने कहा
“गुड़ नाईट नंदू “,कार्तिक ने उसी मुस्कुराहट के साथ कहा
“तो मैं जाऊ”,नन्दिनी ने कहां जबकि वो चाहती थी कार्तिक उसे रोक ले l
नन्दिनी धीरे धीरे अपने कदम आगे बढ़ाने लगी l कार्तिक बाइक से उतरा और कहा,”नंदू !!!
कार्तिक की आवाज सुनकर नन्दिनी पलटी तो कार्तिक ने अपने दोनों हाथ फैला दिये l नन्दिनी के चेहरे पर खुशी के भाव तैर गए वह दोड़कर आयी और कार्तिक के गले लग गयी l कार्तिक ने उसका सर सहलाते हुए कहा,”अपना ख्याल रखना और जब भी जरूरत हो फोन करना आई एम ऑलवेज फ़ॉर यु “
नन्दिनी के चेहरे पर आए खुशी के भाव सुकून में बदल गए उसने महसूस किया कि दुनिया मे उसके लिए अगर कोई बना है तो वो कार्तिक ही है l
कुछ देर बाद नन्दिनी वहां से अंदर चली गयी कार्तिक भी वहां से घर के लिए निकल गया l रूम में आकर नन्दिनी को बहुत अच्छा लग रहा था आंखो के आगे बार बार कार्तिक के साथ बिताए पल आ रहे थे l उस रात वह चैन से सोई थी l
अगले दिन से वही नोक झोंक , बदमाशियां , पढ़ाई , झगड़े शुरू हो गए l इन सबके बीच था सोफिया ओर कार्तिक का रिश्ता l दोनो में नजदीकियां बढ़ने लगी थी पर सिर्फ दोस्ती तक l कुछ बदला था तो वो थी नन्दिनी की फीलिंग्स l कार्तिक का अब वह पहले से भी ज्यादा ख्याल रखने लगी थी लेकिन उसे अपने दिल की बात अभी तक नही कह पाई थी l यू ही हँसते खेलते एक हफ्ता गुजर गया पर नन्दिनी के मुंह पर तो जैसे ताला लग गया हो कार्तिक के सामने आते ही वह चुप हो जाती l

एक रात कार्तिक अपने कमरे में बैठा लेपटॉप पर ऑनलाइन कुछ सर्च कर रहा था तभी उसके कमरे की खिड़की पर कुछ खटपट हुई l कार्तिक को लगा हवा की वजह से ऐसा हो गया होगा l लेकिन जब बार बार खटपट हुई तो कार्तिक ने लेपटॉप साइड में रखा और उठकर खिड़की के पास आया और खिड़की खोली तो उसके मुंह से निकला l
“तुम ?
“हां मैं “,खिड़की पर खड़ी सोफिया ने कहा
“तुम इस वक्त यह क्या कर रही हो ? कार्तिक ने डरकर फुसफुसाते हुए कहा
“बस ऐसे ही तुमसे मिलने का मन किया तो आ गयी”,सोफिया ने मुस्कुराते हुए कहा
“तुम मुझे मरवाओगी , किसी ने इस वक्त तुम्हे यहां देखा तो मेरी खैर नही , प्लीज़ जाओ यहां से “,कार्तिक ने गिड़गिड़ाते हुए कहा
“अरे अजीब इंसान हो मैं तुमसे मिलने आई हु ओर तुम मुझे भगाने में लगे हो l मुझे अंदर तो आने दो”,सोफिया ने अंदर आने की कोशिश करते हुए कहा
“नो नो नो प्लीज़ डेड को पता चला तो वो मेरी बेंड बजा देंगे”,कार्तिक ने उसे रोकते हुये कहा
“तो फिर वादा करो मुझे अपने घरवालों से मिलवाओगे”,सोफिया ने जाल फ़ेंकते हुए कहा
“हा बाबा मिलवा दूंगा लेकिन अभी यहां से जाओ प्लीज़”,कार्तिक ने कहा
“ओह्ह हाय अंकल”,सोफिया ने दरवाजे की ओर देखते हुए कहा
घबराकर कार्तिक ने दरवाजे की ओर देखा वहां कोई नही था तब तक सोफिया ने आगे बढ़कर उसके गाल पर किस किया और वहां से चली गयी l
कार्तिक बेचारा अपने गाल पर हाथ लगाए हुए वही खड़ा उसे जाते हुए देखता रहा l अंदर आकर वह पीठ के बल बिस्तर पर गिर पड़ा l वह बार बार अपने गाल को छूता लगता जैसे बार बार सोफिया के होंठो ने उसके गालो को छुआ है l
देर तक वह बैठकर सोफिया के बारे में सोचता रहा l मन जब अजीब सी बैचैनी से घिर गया तो उसने नन्दिनी को फोन लगाया l रात के 2 बजे जब नन्दिनी का फोन बजा तो उसे बड़ा अजीब लगा लेकिन कार्तिक का नाम देखकर उसने किसी अनहोनी के डर से कार्तिक का फोन पिक किया
“हा bunny क्या हुआ ?
“नंदू ! मुझे तुम्हे बहुत कुछ बताना है , बहुत सी फीलिंग्स जो मैं तुम्हे बताना चाहता हु l’,कार्तिक ने कहा
कार्तिक की बात सुनकर नन्दिनी एक झटके में उठकर बैठ गई उसका दिल तेजी से धड़कने लगा था ये सोचकर कि शायद कार्तिक को भी उस प्यार का अहसास हो चुका है जिसे पिछले कुछ दिनों से नन्दिनी महसूस कर रही थी l
“हा कार्तिक कहो “,नन्दिनी बेसब्री से कार्तिक से वो तीन शब्द सुनने को बेताब थी
“फोन पर नही नंदू , कल कॉलेज मिलकर बताता हूं”,कार्तिक ने कहा
“मुझे भी तुमसे कुछ कहना है bunny”,नन्दिनी ने धड़कते दिल के साथ कहा
“ठीक है नंदू कल कॉलेज में मिलते है l”,कार्तिक ने कहा
“ठीक है bunny गुड नाईट”,नंदनी ने अपनी खुशी छुपाते हुए कहा
“गुड़ नाईट नंदू , मुझे कल का इंतजार रहेगा”,कार्तिक ने कहा
“मुझे भी”,कहते हुए एक प्यारी सी स्माइल नन्दिनी के होंठो पर आ जाती है
कार्तिक फोन काट देता है l
नन्दिनी फोन को हाथ मे लिए बैठी रहती है l कल वो पल आ ही जायेगा जब कार्तिक उसे अपने दिल की बात कहेगा l नन्दिनी को खुशी के मारे नींद ही नही आई l सुबह वह जल्दी ही कॉलेज पहुच गयी और कार्तिक का इंतजार करने लगी l तय समय पर कार्तिक आ पहुंचा l कार्तिक को अपने सामने देखते ही नन्दिनी का दिल जोर जोर से धड़कने लगा l
“हा नंदू कहो , क्या कहना था ?”,कार्तिक ने नन्दिनी के सामने आकर कहा
“पहले तुम कहो bunny “,नन्दिनी ने अपनी धड़कनो को काबू में करने की कोशिश करते हुए कहा
“कहा से शुरू करु संमझ नही आ रहा नंदू ! मैंने कभी सोचा नही था ऐसा भी कुछ होगा l हमेशा सबको परेशान करने वाला इंसान इतना सीरियस हो जाएगा l प्यार को हमेशा टाइम पास समझता था पर आज यही प्यार मुझे खुद में समेट लेना चाहता है”,कार्तिक ने कहा
नंदू का चेहरा खिल उठा उसने कार्तिक के सामने पीठ घुमा ली l उसके कान कार्तिक के मुंह से वो तीन शब्द सुनने को आतुर थे l नन्दिनी अपनी खुशी को समेटने की कोशिश कर रही थी तभी कार्तिक ने कहा
मुझे प्यार हो गया है नंदू आई एम इन लव विथ सोफिया !!

Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11 Aur Pyar Ho Gaya – 11

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