पाकीज़ा – एक नापाक जिंदगी
Pakizah – 1
Pakizah – 1
मेरठ रेलवे स्टेशन पर खड़ा रूद्र ट्रेन के आने का इंतजार कर रहा था lरूद्र जिसका पूरा नाम रूद्र प्रताप सिंह है , हाल ही में मेरठ से दिल्ली पुलिस स्टेशन में तबादला हुआ है l बचपन से ही रूद्र जिद्दी और गुस्से वाला रहा है l रूद्र को अन्याय बिलकुल पसंद नहीं था और अपने इस जूनून के चलते उसने पुलिस की नौकरी चुनी l 26 साल का रूद्र दिखने में भी काफी खूबसूरत और हट्टा कट्टा था l
अच्छा डील डौल , आकर्षक व्यक्तित्व , सलीके से चेहरे पर बनी दाढ़ी , आँखों में जूनून और आत्मविश्वास के भाव साफ झलक रहा है l रुद्र खामोश था पर उसके अंदर एक तूफान था जिससे वो भली भांति परिचित था l रुद्र पास रखी बेंच पर बैठ कर ट्रेन के आने का इंतजार करने लगा l
ट्रेन आ गयी रूद्र ने अपना बैग उठाया और ट्रेन में चढ़ गया l अंदर आकर रूद्र खिड़की के पास वाली सीट पर आ बैठा सामने वाली बर्थ पर एक नवविवाहित जोड़ा हाथो में हाथ डाले बैठा बातें कर रहा था l
रूद्र ने एक नजर उनकी तरफ देखा और फिर बेग से किताब निकाल कर नजरे उसमे गड़ा ली l पुलिस की नौकरी के अलावा किताबे पढ़ना रूद्र का पसंदीदा काम था l ट्रेन अपनी गति से चली जा रही थी रूद्र का सारा ध्यान किताब में था तभी उसकी नजर किताब में छपे उस एक नाम पर ठहर गयी
“भावना”
ना चाहते हुए भी रूद्र अतीत की यादो में चला गया , उसने किताब बंद करके वापस बैग में रख ली और उदास नजरो से खिडकी के बाहर देखने लगा l अतीत आँखों के सामने घूम गया l वक्त रूद्र को 2 साल पीछे ले गया जब उसने पहली बार भावना को देखा था l रूद्र की भावना से मुलाकात अपने कजिन की शादी में हुयी थी पहली नजर में ही भावना रुद्र को भा गयी l शादी में हुई नोक झोंक के चलते रुद्र को भावना के करीब आने का मौका मिला l
रुद्र का नया रूप देखकर सब चकित थे हर वक्त सख्ती से रहने वाला रुद्र जिसके पास किसी के लिए समय नही होता था आज पहली बार मुस्कुराहट उसके होंठो से दूर नही हो रही थी l
“क्या बात है भैया बड़ा मुस्कुरा रहे हो आप ?”,काव्या ने छेड़ते हुए कहा
“कुछ नही , तू जा मम्मी की हेल्प कर”,रुद्र ने झेंपते हुए कहा
“मम्मी की हेल्प तो मैं कर ही दूंगी आप कहो तो आपकी भी हेल्प कर दु “,काव्या ने शरारत से मुस्कुराते हुए कहा l
“कैसी हेल्प ?”,रुद्र ने घूरकर कहा
“कल से आपकी नजर जिनका पीछा कर रही है , उन्हें बताकर”,काव्या ने कहा
“काव्या की बच्ची , रुक तुझे मैं अभी बताता हूं”,कहकर रुद्र काव्या की तरफ लपका लेकिन तब तक काव्या भाग गई रुद्र भी उसके पीछे आया पर दुबली पतली काव्या तेजी से आगे निकल गयी और रुद्र के हाथ न आयी l
रुद्र रुक गया और जाने के लिए जैसे ही मुड़ा भावना से टकरा गया l भावना के हाथ मे हल्दी कुमकुम से भरी प्लेट थी जो कि सारी की सारी रुद्र के ऊपर आ गिरी हल्के आसमानी रंग की शर्ट लाल पीली हो गयी l
पर रुद्र इस से बेखबर भावना के चेहरे पर आए परेशानी के भावों को एकटक देख रहा था , पहली बार उसने भावना को इतने करीब से देखा था काजल से सनी बड़ी बड़ी कटीली आंखे , गुलाबी होंठ , लहराते बाल , पतली सुराही सी गर्दन , ओर बांये गाल पर बना प्यारा सा तिल l
रुद्र तो बस जैसे भावना में खोकर ही रह गया l
“अरे ! भावना ध्यान कहा है तेरा ? देखो पूरी की पूरी शर्ट खराब कर दी इनकी”,भावना की माँ मंजू ने कहा
मंजू की बात सुनकर भावना ने चौककर रुद्र की तरफ देखा रुद्र अभी भी उसकी ओर ही तांक रहा था l
मंजू भावना को डांट लगाए जा रही थी जिससे भावना का चेहरा उदासी से घिर गया
रुद्र से भावना की उदासी देखी नही गयी तो उसने मंजू से कहा,”कोई बात नही आंटी मैं शर्ट चेंज कर लूंगा , आप इन्हें ऐसे मत डाँटो”
“बेटा , आपकी शर्ट खराब हो गयी”,मंजू ने परेशानी से कहा l
रुद्र ने भावना के हाथ से प्लेट ली जिसमे अभी भी हल्दी कुमकुम बचा हुआ था अपनी शर्ट पर डाल लिया और मुस्कुराकर कहा ,”ये लीजिए अब गलती मैंने की है अब इन्हें नही मुझे डाँट लगाइए l
रुद्र की इस हरकत पर भावना चुप रही पर मंजू खिलखिलाकर हंस पड़ी l मंजू को हंसता देखकर रुद्र भी हंसने लगा l
“भावना इन्हें बाथरूम तक छोड़कर आओ”,कहकर मंजू वहां से चली गयी l
“आइए !!”,भावना ने धीरे से कहा
रुद्र को भावना की आवाज बहुत प्यारी लगी l जितनी ख़ूबसूरत वह थी उस से कई ज्यादा खूबसूरत उसकी आवाज थी l रुद्र भावना के पीछे पीछे चल पड़ा बाथरूम के सामने आकर भावना रुद्र को वहां छोड़कर चली गयी l
रुद्र वाशबेसिन में हाथ धोने लगा
चेहरे पर लगे हल्दी कुमकुम को धोने लगा सहसा ही उसकी नजर सामने आईने में पड़ी जिसमें भावना का चेहरा दिख रहा था पर भावना दूसरी तरफ देख रही थी रुद्र मुस्कुरा उठा l
रुद्र चला गया और शर्ट चेंज करके बाहर आंगन में आ गया l लेकिन नजर बार बार भावना पर चली जाती l मंजू को भी रुद्र अच्छा लगा और जब उसने उसे भावना को देखते पाया तो अंदर ही अंदर कुछ सोचकर मुस्कुराने लगी l भावना की नजर रुद्र से मिलती तो उसका दिल धड़क उठता l
पुलिस वाला होकर भी वह भावना के सामने जाने से घबरा रहा था l
शाम को बारात आनी थी रुद्र काम मे बिजी हो गया उसकी भावना से बात ही नही हो पाई l पर काव्या अपने भाई की फीलिंग्स से वाकिफ थी वह किसी बहाने भावना को छत पर ले आयी जहाँ रुद्र पहले से था लेकिन रुद्र ये सब नही जानता था वह फोन पर बिजी था काव्या भावना को जल्दी आने का बोलकर वहां से नीचे चली गयी भावना काव्या का इंतजार कर रही थी रुद्र वहां से गुजरा भावना को जब अकेले देखा था उसके पास आकर कहा
“आप यहां ?”
“काव्या का इंतजार कर रही हु”,भावना ने पलके झुकाकर धीरे से कहा
“ठीक है मैं उसे भेजता हु”,कहकर रुद्र जाने लगा पर दिल ही दिल मे कहा,”काश ये मुझे रोक ले”
“सुनिए !”,भावना ने कहा
रुद्र जो कि भावना की तरफ पीठ किये खड़ा था मुस्कुरा उठा पर अपने आपको कंट्रोल में करके पलटा तो भावना ने कहा ,”थेँक्यु
“थेँकयू ? पर किसलिए ?”,रुद्र ने असमझ की स्तिथि में कहा l
“सुबह मेरी हिटलर माँ से मुझे बचाने के लिए”,भावना ने अपनी बड़ी बड़ी पलके उठाकर कहा
रुद्र को लगा जैसे उसका दिल बाहर आ गिरेगा इतनी खूबसूरत आंखे जिसमे कोई भी डूबना चाहेगा
“वो इतनी भी सख्त नही है”,रुद्र ने कहा
“जानती हूं , पर जब वो डांटना शुरू करती है तो रुकती ही नही पुलिस वालों की तरह रौब जमाती रहती है “,भावना ने कहा
“पुलिस वाले इतने बुरे होते है क्या”,रुद्र ने भावना का मन टटोलने के लिए कहा
“बुरे !! बहुत बुरे होते है ,, जब देखो तब उनकी तानाशाही ओर उनका मिजाज इतना कड़वा हुंह , उन्हें देखकर तो लगता है जैसे वो लोग कभी हसते ही नही है”,भावना ने थोड़ा खुलकर कहा
“ये लो ! चले थे प्यार की राह ओर बारिश भी हो गयी , इन मोहतरमा को तो पुलिस वालों से इतनी नफरत है बेटा रुद्र तुम्हारी नैया तो तैरने से पहले ही डूब गई”,रुद्र ने मन ही मन मे कहा l
“आपको पुलिस वालों से इतनी नफरत क्यों है ?”,रुद्र ने धीरे से कहा l
“नफरत तो होगी ही , इनका काम आम लोगो की समस्याओं का समाधान करना है ना लेकिन ये लोग रिश्वत लेकर उन्ही समस्याओं को बढ़ावा देते रहते है l सही लोगो को गुनहगार ठहरा देते है”,भावना ने कहा
“तो इसकी शिकायत आपको बड़े ऑफिसर से करनी चाहिए”,रुद्र आज भावना को दिल से सुनने की चाह में था इसलिए भावना के हर जवाब के बाद कोई नया सवाल दाग देता
“बड़े अफसर , वो तो इनसे भी बुरे होते है उनके पास आम आदमी की बात सुनने का वक्त कहा होता है , आप कभी इनके हत्थे नही चढ़े न इसलिए आपको पुलिस वाले अच्छे लग रहे है”,भावना ने दूसरी तरफ देखकर कहा l
“पर ऐसा किया क्या पुलिस वालों ने तुम्हारे साथ ?”,रुद्र ने शांत लहजे में पूछा
“एक ही स्कूटी थी मेरे पास गलती से एक बार नो पार्किंग में क्या खड़ी कर दी उठाकर ले गए ! जब वापस मांगी तो फाइन लगा दिया l लोग इतने क्राइम करते है वो इन्हें नही दिखता लेकिन मेरी मासूम सी स्कूटी तो इन्हें जैसे एटम बॉम्ब लग रही थी”,भावना ने उदास होकर कहा
भावना की बात सुनकर रुद्र मुस्कुराने लगा ओर कहा,”ओह्ह तो ये बात है l
“वैसे आप यहां क्या कर रहे है शादी तो नीचे हॉल में है”,भावना ने कहा
“कोई इम्पोर्टेन्ट कॉल था नीचे म्यूजिक में सुनाई नही दिया तो ऊपर चला आया”,रुद्र ने कहा
“ओह्ह , हमे अभी चलना चाहिए , पता नही ये काव्या कहा चली गयी”,भावना ने कहा
“चलिए !!”,रुद्र ने कहा l
दोनो साथ साथ चलते हुए सिधियो से नीचे उतरने लगे
“इतनी बाते हो गयी पर मैने आपसे आपका नाम नही पूछा , आपका नाम क्या है ?”,भावना ने कहा
“रुद्र और आपका ? “,रुद्र ने भावना की तरफ देखते हुए कहा
“मेरा नाम भावना है”,भावना ने कहा l
नीचे आकर दोनो अलग अलग दिशाओं में चले गए l
शादी में सबने बहुत एन्जॉय किया l सबसे ज्यादा खुश रुद्र था उसे भावना जो मिल गयी थी l दोनो के बीच ज्यादा बात चीत नही हुई पर रुद्र की नजर बस भावना पर ही थी l
अगले दिन सुबह रुद्र जल्दी निकल गया l काव्या ओर रुद्र की मम्मी वही रुक गए l
काव्या ने अपनी मम्मी को भावना से मिलवाया l रुद्र की मम्मी को भी भावना बहुत पसंद आई l जब काव्या ने अपनी मम्मी को बताया कि रुद्र को भावना पसन्द है तो वो ओर भी खुश हो गयी l उन्होंने मंजू से बात की ओर भावना और रुद्र के रिश्ते के बारे में बात की l मंजू को तो रुद्र पहले ही पसन्द आ गया था l
ये सारी बाते रुद्र की मम्मी काव्या ओर मंजू के बीच ही थी रुद्र ओर भावना को अभी इस बारे में कोई खबर नही थी
शाम रुद्र अपनी मम्मी ओर काव्या को लेने आया चूंकि शादी उसी शहर में थी l रुद्र की मम्मी ओर काव्या दोनो मैरिज हॉल के बाहर ही खड़े थे भावना और मंजू भी वही खड़ी उन दोनों से बाते कर रही थी l रुद्र ड्यूटी से सीधा ही मैरिज हॉल आया था और पुलिस की वर्दी में था l
जैसे ही रुद्र गाड़ी से उतरा उसे वर्दी में देखकर भावना चौक गयी l उसकी आवाज हलक में ही अटक गयी l रुद्र उन सबके पास आया और मंजू को नमस्ते कहा l
मंजू तो रुद्र को इस नए अवतार में देखकर फिदा ही हो गयी l पर पास खड़ी भावना झुकी नजरो से शर्म से अंदर ही अंदर सिमटी जा रही थी l बीती रात उसने रुद्र से पुलिस वालों को लेकर जो बातें की थी उसे बहुत बुरा लग रहा था l रुद्र अपनी मम्मी ओर काव्या के साथ वहां से चला गया l
घर आकर रुद्र की मम्मी ने जब उस से भावना के बारे में पूछा तो एक मुस्कान रुद्र के होंठो पर आ गयी लेकिन रुद्र चुप रहा l
“अरे ! बता न भावना पसन्द आयी तुझे ?”,रुद्र की मम्मी नीलम ने पूछा
“अरे माँ पूछना क्या है भैया के गालो की लाली बता रही है मामला फिट है”,काव्या ने छेड़ते हुए कहा
काव्या की बात सुनकर रुद्र मुस्कुराता हुआ अपने कमरे में चला गया l कमरे में आकर वह भावना के बारे में सोचने लगा l स्कूल से लेकर कॉलेज तक ना जाने कितनी हो लड़कियो ने उसे परपोज़ किया लेकिन रुद्र ने हमेशा सबसे दूरी ही रखी अपना ध्यान सिर्फ अपने लक्ष्य पर रखा l
पहली बार उसे कोई लड़की इतनी पसन्द आयी थी l भावना के बारे में सोचते सोचते रुद्र को कुछ याद आया तो उसने थाने में फोन लगाया और वहां के स्टाफ से बात की l
रात के खाने पर नीलम ने रुद्र के पापा से रुद्र ओर भावना के रिश्ते की बात की l आखिरकार हारकर रुद्र ने अपने दिल की बात सबके सामने रख दी l काव्या बहुत खुश थी भावना उसकी नई नई दोस्त बनी थी और बहुत जल्दी उसकी भाभी बनने वाली थी l रुद्र के सख्त सीने में एक नाजुक सा दिल था जो अब भावना के लिए धड़कने लगा था
भावना और रुद्र एक ही शहर से थे अगली सुबह जब भावना कॉलेज के लिए घर से निकली तो पार्किंग में अपनी स्कूटी खड़ी देखकर चौक गयी l भावना दौड़कर स्कूटी के पास आई और घूमकर उसे देखने लगी l स्कूटी के आगे एक छोटी सी स्लिप लगी थी भावना ने वह स्लिप उतारी खोलकर देखा तो उसमें लिखा था
“मेरठ की पुलिस इतनी भी बुरी नही है”
भावना के चेहरे पर मुस्कान आ गयी l अपनी स्कूटी स्टार्ट करके वह सीधा थाने चली आयी और रुद्र से थेँक्यु कहा साथ ही अपनी नासमझी के लिए उस से माफी भी मांगी l रुद्र को भावना का आना बहुत अच्छा लगा l धीरे धीरे दोनो में बाते होने लगी दोनो अच्छे दोस्त बन चुके थे लेकिन रुद्र ने अपने दिल की बात अभी तक भावना से नही कही थी
कुछ ही दिनों बाद रुद्र ओर भावना के घरवालो ने मिलकर रुद्र ओर भावना की सगाई तय कर दी
दो दिन बाद दोनों की सगाई होनी तय हुई रुद्र बहुत खुश था लेकिन भावना के चेहरे पर कोई भाव नही थे l वह चुपचाप सब देखती सुनती रही l दो दिन बाद सगाई थी लेकिन रुद्र ओर भावना की कोई बात नही हो पाई l रुद्र को लगा शायद अचानक सगाई ओर शादी की बात सुनकर भावना अपसेट है l रुद्र ने भावना के लिए एक प्यारी सी डायमंड रिंग खरीदी ओर एक बहुत ही खूबसूरत साड़ी भी खरीदी l
सगाई वाले दिन रुद्र ओर उसके घरवाले भावना के घर पहुचे l कोट पेंट में रुद्र बहुत ही स्मार्ट लग रहा था भावना के घरवालो ने मेहमानों की बहुत आवभगत की पर रुद्र की नजरों को तो बस भावना का इंतजार था कुछ देर बाद गुलाबी लहंगे में सजी भावना सबके बीच आयी तो रुद्र तो बस उसे देखता ही रह गया l भावना सबके बीच आकर बैठ गयी लेकिन आज भी उसके चेहरे पर कोई भाव नही था उसकी आँखों मे उदासी पसरी हुई थी l
कुछ देर बाद रिंग सेरेमनी के लिए दोनो सभी मेहमानों के बीच आकर खड़े हो गए l रुद्र बहुत खुश था नीलम ने उसके हाथ मे अंगूठी देकर भावना को पहनाने के लिए कहा l रुद्र ने जैसे ही भावना को अंगूठी पहनाने के लिए हाथ आगे बढ़ाया तो भावना ने कहा ,”मुझे आपसे कुछ बात करनी है ?”
“बेटा बातें सगाई के बाद कर लेना , सगाई का मुहूर्त निकला जा रहा है”,मंजू ने कहा l
“ठहरिये आंटी ! भावना बात करना चाहती है , आप लोग यही रुकिए”,रुद्र ने कहा और अंगूठी निलम को पकड़ा दी l
रुद्र भावना के साथ वहां से चला गया l
“आपको जो भी कहना है आप खुलकर कह सकती है”,रुद्र ने सहज भाव से कहा
“मैं ये सगाई नही कर सकती रुद्र जी , मैं किसी ओर से प्यार करती हूं और वो भी मुझसे बहुत प्यार करता है l अगर मेरी शादी किसी ओर से हुई तो वो मर जायेगा l
मैं आपको बहुत पहले सब बता देना चाहती थी लेकिन ये सब इतनी जल्दी हुआ कि कुछ समझ नही आया l पर मैं आपसे शादी नही कर सकती”,भावना ने धीरे से कहा
रुद्र ने जब सुना तो उसका दिल धक से रह गया l वह बहुत समझदार था लेकिन दिल के सामने कमजोर पड़ गया l वह वही पास रखी कुर्सी पर बैठ गया आंखे शून्य में ताकने लगी भावना रुद्र के पास आई और उसके सामने बैठते हुए कहा ,”आप ही है जो मुझे इस परेशानी से निकाल सकते है प्लीज़ इस शादी से इनकार कर दीजिए”
रुद्र ने भावना की तरफ देखा उसकी आंखों में आंसू देखकर रुद्र का दिल पिघल गया उसने भावना को उठाया और उसके आंसू पोछकर कहा ,”बहुत प्यार करती हो उस से ?”
“हाँ !”,भावना ने कहा
रुद्र मुस्कुराया ओर कहा ,”तो वादा करो अपना प्यार हमेशा निभाओगी ओर हमेशा मुसकुराती रहोगी”
रुद्र की बात सुनकर भावना ने रुद्र की तरफ देखा रुद्र की आंखों में भावना को अपने लिए सम्मान और प्यार नजर आ रहा था l
कुछ देर बाद रुद्र बाहर आया और सगाई से इनकार कर दिया l सबने सुना तो हैरान हो गए भावना के घरवालो ने ओर रुद्र के मॉ पापा ने जब वजह पूछी तो रुद्र ने किसी को कुछ नही बताया और वहां से निकल गया l भावना की खुशी के लिए उसने लोगो की नफरत झेल ली l रुद्र के इस तरह इंकार करने से मंजू ने उसके घरवालों को खूब खरी खोटी सुनाई l बेचारी नीलम चुपचाप सब सुनती रही मुँह लटकाए सभी घर आ गए l
रुद्र घर पर ही था l रुद्र के पापा महेश जैसे ही घर आये रुद्र पर बरस पड़े l रुद्र के कारण उनकी जो बदनामी हुई उसका उन्हें बहुत दुख हुआ l नीलम ने भी रुद्र को इसकी वजह पूछी लेकिन रुद्र बिना कुछ कहे चुपचाप सब सुनता रहा l
“बेशर्म क्या इसी दिन के लिए तुझे इतना बड़ा किया , ये नोकरी मिली ताकि तू अपने माँ बाप का नाम सबके सामने उछाल सके l कमसे कम एक बार उस लड़की के बारे में तो सोचा होता उसके दिल पर क्या बित रही होगी l
आखिर क्यों किया तूने ऐसा”,महेश जी ने गुस्से में कहा
“क्योकि ये मेरा फैसला था”,इस बार रुद्र ने चिल्लाकर कहा l
“तेरा फैसला ! आज तक मैंने तेरे हर फैसले में तेरा साथ दिया लेकिन आज नही बेटा , आज तूने जो किया वो बहुत शर्मनाक था l एक लड़की का दिल तोड़ा है तूने”,महेश जी की आवाज में कंपन था
“दिल तो मेरा टूटा है पापा लेकिन ये सब मैं आपको बता नही सकता क्योंकि मैं नही चाहता आप मे से कोई भी उस लड़की को गलत समझे”,रुद्र ने मन ही मन खुद से कहा
कोने में खड़ी काव्या सब सुन रही थी लंबी चौड़ी बहस के बाद महेश जी और नीलम वहां से चले गए रुद्र अपने कमरे की तरफ जाने लगा तो काव्या ने रोककर कहा,”क्या ये सब आपने किया है भैया ?
रुद्र जिसने आज तक काव्या से कोई बात नही छुपाई थी ने अपनी नजर उठा के काव्या की तरफ देखा उसकी आँखों मे नमी थी उसने धीरे से अपनी गर्दन ना में हिलाई ओर वहां से चला गया l
काव्या भी अपने कमरे की तरफ बढ़ गई l रुद्र सारी रात सो नही पाया रातभर वह अपने पापा के बारे में सोचता रहा जिनसे आज उसने पहली बार इतनी तेज आवाज में बात की थी l
अगली सुबह रुद्र उठा और अपनी यूनिफॉर्म पहन कर तैयार होकर नाश्ते की टेबल पर आ बैठा l नीलम जो कि उस से नाराज थी उठकर वहां से चली गयी काव्या को अपनी मम्मी का इस तरह उठकर जाना बहुत बुरा लगा उसने रुद्र के उदास चेहरे की तरफ देखा तो उसके पास आकर जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा ,”भैया आप नाश्ता कीजिये मम्मी को शायद किचन में काम होगा”
“मैं जानता हूं मम्मी पापा मुझसे बहुत नाराज है , तू उन्हें नाश्ता करवा देना मैं चलता हूं”,कहते हुए रुद्र वहां से उठा और जैसे ही जाने के लिए मुडा
महेश वहां आ गए उन्होंने अपने हाथ मे सुबह का न्यूज़ पेपर पकड़ा हुआ था l चेहरे पर गुस्सा ओर दर्द के भाव साफ झलक रहे थे l रुद्र जैसे ही उनके पास आया उन्होंने रुद्र को खींचकर एक थप्पड़ मारा l रुद्र के लिए ये थप्पड़ चोंकाने वाला था आज से पहले महेश जी ने उसे मारना तो दूर कभी उस से गुस्से में बात तक नही की थी l रुद्र ने हैरानी से महेश जी की तरफ देखा तो उन्होंने हाथ मे पकड़ा पेपर रुद्र की तरफ फेंका ओर वहां से चले गए l
ट्रेन के रुकने से रुद्र अपने अतीत से बाहर आया l उसने देखा ट्रेन किसी स्टेशन पर रुकी है वह ट्रेन से उतरा और पानी के नल की तरफ बढ़ गया l अतीत की यादे इतनी कड़वी थी कि रुद्र का मन भारी हो गया और आंखों में नमी तैर गयी l नल के सामने आकर उसने मुंह धोया l थोड़ी राहत मिली तो वह सामने दुकान की तरफ बढ़ गया और एक पैकेट सिगरेट खरीदी l
दुकान से वापस ट्रेन की तरफ बढ़ गया और ट्रेन से कुछ दूर खड़े होकर एक सिगरेट जला ली l कुछ देर बाद ट्रेन ने हॉर्न दिया और रुद्र वापस ट्रेन में चढ़ गया l ट्रेन फिर से चल पड़ी रुद्र ने खिड़की से बाहर झांकने लगा पर इस बार उसने खुद को अतीत में जाने से रोक लिया और आंखे मुंद ली l देर रात रुद्र अपनी नई मंजिल नई दिल्ली पहुच गया l
रात में होटल रुका ओर अगली सुबह पुलिस स्टेशन जा पहुचा l
“ए.सी.पी. रुद्र प्रताप सिंह , रिपोर्टिंग सर”,रुद्र ने बड़े अफसर के सामने सेल्यूट करते हुए बड़ी गर्मजोशी से कहा l
अफसर ने रुद्र को वहां की सभी जानकारी दी और वहां के स्टाफ़ से रुद्र का परिचय करवाया l रुद्र की टीम में असलम , रागिनी , ओर प्रवीण थे l रागिनी ने जब रुद्र को देखा तो पहली नजर में ही उसकी पर्सनालिटी ओर उसके सख्त मिजाज पर फिदा हो गयी लेकिन रुद्र को इस सब से कोई खास फर्क नही पड़ा l
रुद्र को पुलिस क्वाटर मिल गया और रुद्र ने सबसे कुछ देर बात की ओर फिर अपने केबिन में चला आया उसने असलम से सभी पेंडिंग केसेज की फाइल्स लाने को कहा l असलम सभी फाइलें रुद्र की टेबल पर रखकर चला गया और बाहर आकर कहा
“नया नया acp बना है ना तो हमे दिखाने के लिए पहले दिन ऐसे काम कर रहा है जैसे सालभर ऐसे ही काम करेगा”
“कुछ भी बोल अपना नया acp है एकदम कड़क”,रागिनी ने कहा
“कड़क हो या नरम तुझे भाव नही देने वाला , देखा नही कैसे तेरी तरफ देखे बिना चला गया”,प्रवीण ने रागिनी का मजाक उड़ाते हुए कहा
“हुंह अगर इस acp को अपने पीछे लट्टू बनाकर नही घुमाया तो मेरा नाम भी रागिनी खन्ना नही”,कहकर रागिनी गुस्से में वहां से चली गयी
प्रवीण ओर असलम रागिनी को देखकर हसने लगे l रागिनी दिखने में बहुत खूबसूरत थी और साथ ही इंटेलिजेंट भी असलम तो न जाने कितनी ही बार उसके सामने अपने प्यार का इजहार कर चुका था लेकिन रागिनी किसी को घास तक नही डालती थी पर आज रुद्र का उसे यू नजरअंदाज करना खल गया l
रुद्र जिसे शायद अब खुद की भी परवाह नही थी वह भला रागिनी के बारे में क्या सोचता l फाइलों में उलझे रुद्र को ख्याल ही नही रहा कि कब घर जाने का टाइम हो गया है l बाहर आकर देखा तो रात बहुत हो चुकी थी l बाहर खड़े कोंसेटबल को उसने घर तक छोड़ने को कहा l
रुद्र के रौब ओर उसके सीरियस लुक को देखकर कॉंटेबल ने रास्तेभर चुप रहने में ही अपनी भलाई समझी l
रुद्र को घर तक छोड़कर कांस्टेबल वापस निकल गया रुद्र घर मे आया और लाइट ऑन की ओर कुर्सी पर बैठकर सुस्ताने लगा
रात के 10 बज रहे थे रुद्र को महसूस हुआ कि उसे भूख लगी है और खाने का घर मे कोई सामान नही है l रुद्र ने देखा टाइम भी बहुत हो गया तभी दरवाजे पर दस्तक हुई रुद्र ने दरवाजा ख़ोला तो सामने वही कॉन्स्टेबल हाथ मे पालीथिन लिए खड़ा था रुद्र उसे कुछ कहता इस से पहले ही वह बोल पड़ा
“साहब जी ! मुझे लगा आपने अभी तक खाना नही खाया है भूख लगी होगी इसलिए आपके लिए खाना ले आया”
रुद्र मुस्कुरा दिया तो कॉन्स्टेबल ने पालीथिन रुद्र की तरफ बढ़ा दी l
रुद्र ने जेब से रुपये निकालकर कॉन्स्टेबल की तरफ बढ़ाये तो उसने लेने से मना कर दिया और कहा,”क्या साहब जी अब आपसे पैसे थोड़े लेंगे l आज कहा लीजिए इसके बाद मैं अपनी घरवाली से बोल दूंगा वो टिफिन सेंटर चलाती है आपका दोनो वक्त का खाना यहां पहुच जाएगा l सुबह मैं आपको लेने आ जाऊंगा”,कॉन्स्टेबल ने कहा l
“ठीक है लेकिन तुम नही रख सकते पर तुम्हारी पत्नी तो ये रुपये रख सकती है ना’,रुद्र ने रुपये कॉन्स्टेबल के हाथ मे रखते हुए कहा
“लेकिन साहब जी ये तो बहुत ज्यादा है”,कॉन्स्टेबल ने रुद्र की तरफ देखते हुए कहा
“एडवांस समझ कर रख लो “,रुद्र ने कहा
रुद्र की बात सुनकर कॉन्स्टेबल उसके चेहरे की तरफ देखने लगा उसे अपनी ओर देखता पाकर रुद्र ने कहा,”क्या हुआ ऐसे क्या देख रहे हो ?
“साहब जी छोटा मुंह बड़ी बात आज से पहले हर बड़े आदमी को गरीब को लूटते ही देखा है 5 साल की नोकरी में आप पहले ऐसे इंसान हो जिसने ऐसा सोचा है वरना यहां तो हर किसी को फोकट का चाहिए”,कॉन्स्टेबल ने कहा
“नाम क्या है तुम्हारा ?”,रुद्र ने सहजता से कहा
“जी रामावतार पाटिल”,कॉन्स्टेबल ने कहा
“देखो पाटिल ! मैं सिर्फ अपनी मेहनत का खाने में विश्वास रखता हूं l किसी से छीनकर खाने में नही मैंने ये पैसे देकर ना तुम पर कोई अहसान किया है ना ही दया बल्कि तुम्हे तुम्हारी मेहनत के लिए दे रहा हु जिसके बदले कल से मेरे घर पर खाना आएगा l”,रुद्र ने अपनेपन के भाव से कहा
रुद्र की बात सुनकर पाटिल की आंखे छलक उठी उसने हाथ जोड़ते हुए कहा,”आपने इस लायक समझा यही मेरे लिए बहुत बड़ी बात है साहब जी वरना हम जैसे छोटे लोगो को मुंह लगाना बड़े अफसर अपमान समझते है”
“अभी तुम घर जाओ , घरवाले राह देख रहे होंगे l”,रुद्र ने पाटिल के कंधे पर हाथ रखकर कहा l पाटिल वहां से चला गया l रुद्र अंदर आया और खाना खाने लगा खाना बहुत अच्छा था l
खाना खाकर रुद्र ने किसी नम्बर पर फोन लगाया दूसरी तरफ से हेलो हेलो की आवाज आई लेकिन रुद्र चुपचाप सुनता रहा l ओर फिर फोन काट दिया आंख से छलक कर आंसू फर्श पर जा गिरा l रुद्र जाकर बिस्तर पर लेट गया l
अगले दिन से वही रूटीन चालू l
एक सप्ताह तक रुद्र फाइल्स ओर पेंडिंग केस देखता रहा एक सप्ताह बाद उसे किसी पेंडिंग केस के सिलसिले में सेंट्रल जेल जाना था l रुद्र में बड़े अफसर से इस बारे में बात की ओर अगले दिन असलम के साथ सेंट्रल जेल जा पहुचा l जिस पेंडिग केस के सिलसिले में रुद्र जेल आया था वो काम खत्म करते करते दो घंटे लग गए इस बीच असलम उसके साथ ही था l
उसके बाद असलम किसी काम से दूसरे अधिकारियों के पास चला गया और रुद्र वहां के जेलर से बात करता हुआ सलाखों के सामने से गुजरता हुआ आगे बढ़ने लगा l जेलर रुद्र को वहां की दिनचर्या ओर रोजमरा के कामो के बारे में बता रहा था l चलते चलते रुद्र के कदम रुक गए सलाखों के उस पार जमीन पर घुटनो के बल बैठी वो नमाज अदा कर रही थी l
रुद्र वही खड़ा होकर उसे देखने लगा जेलर ने देखा रुद्र वही रुक गया है तो उसने कहा
“बहुत खतरनाक मुजरिम है पिछले साल ही इसे उम्रकैद की सजा हुई है ! इसने एक साथ 4 लोगो का बड़ी बेरहमी से कत्ल कर दिया था”
जेलर की बात सुनकर रुद्र उसकी तरफ देखने लगा इतने में दूसरी से तरफ से वह लड़की उठकर सलाखों के पास आई ओर बहुत तमीज से सधी हुई आवाज में कहा,”क्या हमें थोड़े ओर कागज मिल सकते है”
रुद्र ने उस लड़की की तरफ देखा उदास चेहरा आंखों में खालीपन पसरा हुआ था l उम्र कोई 22-23 होगी होंठो पर पपड़ी आ चुकी थी l चेहरा बिल्कुल मुरझाया हुआ सा उसे देखकर लगता जैसे उसे हसे एक अरसा हो गया हो उसकी आँखों मे एक अजीब सा दर्द था जो उसके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था रुद्र बड़े गौर से उसके चेहरे की तरफ देखे जा रहा था
तभी जेलर ने उस लड़की का मजाक उड़ाते हुए कहा,”क्यों चाहिए कागज ? सलाखों के पीछे बैठकर अपनी आत्मकथा का इरादा है
जेलर अपनी ही बात पर खुद हसने लगा पर लड़की के चेहरे पर कोई भाव नही थे वह निस्तेज सी सलाखों को निहार रही थी l
“दे दीजिए सर जरूरी नही सलाखों के पीछे बैठकर सिर्फ आत्मकथा लिखी जॉए , कईं बार लोग अपनी जिंदगी का कड़वा सच भी लिख देते है”,रुद्र ने लड़की की तरफ देखते हुए सहज भाव से कहा
रुद्र की बात सुनकर लड़की ने उसकी तरफ देखा इस बार उसकी आँखों मे दर्द के साथ साथ एक बेचैनी भी थी जिसे रुद्र देख सकता था l रुद्र की बात सुनकर जेलर वहां से चला गया l
लड़की अब भी रुद्र की तरफ देख रही थी ऐसा लग रहा था जैसे रुद्र के शब्दों ने उसे बैचैन कर दिया हो l लड़की जाने लगी तो रुद्र ने कहा ,”सुनो !!
लड़की रुक गयी लेकिन पीठ घुमाए खड़ी रही l
“कौन हो तुम ? ओर इन कागजो पर क्या लिखती हो ?”, रुद्र ने सवाल किया l
“पाकीजा नाम है हमारा ओर दास्तान लिख रहे है अपनी नापाक जिंदगी की”
कहते हुए लड़की वहां से चली गयी l
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Sanjana Kirodiwal
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Wow Ek aur nayi kahani thank you di. Aur Manmarjiya ki season 3 kab aayegi?