“मैं तेरी हीर” – 1
Main Teri Heer – 1
सीजन 1st में आपने पढ़ा की शक्ति काशी से अपनी भावनाये जाहिर कर देता है। मुन्ना भी गौरी से मिलने इंदौर आ जाता है और बारिश की वजह से उसे गौरी के घर भी रुकना पड़ता है। वंश इंदौर आकर गौरी से अपनी फीलिंग्स शेयर करने का सपना देख रहा था लेकिन उसके सामने मुंबई वाले ऑडिशन का कॉल लेटर आ जाता है वंश को प्यार और सपने में से किसी एक को चुनना होता है और जैसा की वंश शुरू से था वह अपने सपने को चुनता है और मुंबई चला जाता है जहा
ऑडिशन देने के लिए जाते वक्त उसकी मुलाकात होती है दो लड़कियों से जिनमे से एक का नाम “पूर्वी” होता है और दूसरी वाली का नाम बताये बिना ही सीजन खत्म हो जाता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आखिर कौन थी ये लड़की ? क्या ये लड़की बदल देगी वंश की जिंदगी ? आईये जानते है,,,,,,,,,,,,
मुंबई के ट्रेफिक में फंसा वंश अपनी गाड़ी में बैठा ट्रेफिक के क्लियर होने का इंतजार कर रहा था। उसने हाथ पर बंधी घडी में देखा वह लेट हो चुका था। जैसे ही सिगनल पर हरी बत्ती हुयी वंश तेजी से वहा से निकला। वह प्रोडक्शन हॉउस के सामने पहुंचा और जल्दी से गाड़ी को साइड लगाकर अंदर चला गया उसने ये भी ध्यान नहीं दिया की गाड़ी “नो पार्किंग” खड़ी है। वंश ने अंदर आकर रिसेप्शन पर बैठी लड़की से पूछा,”ऑडिशन कहा हो रहे है ?”
“फर्स्ट फ्लोर हॉल नंबर 2 में”,लड़की ने वंश को प्यार भरी नजरो से देखते हुए कहा
“या थैंक्यू”,कहकर वंश सीढ़ियों की तरफ बढ़ गया। वह ऊपर चला आया उसने देखा ऑडिशन रूम के बाहर कुछ लड़के लड़किया बैठे थे। वंश भी वहा पड़े खाली सोफे पर आ बैठा। वह थोड़ा घबरा भी रहा था क्योकि काफी लड़के लड़किया रिजेक्ट होकर बाहर आ रहे थे। वंश के बिल्कुल सामने दो लड़किया बैठी थी जिन्होंने अपने चेहरे मैगजीन से ढक रखे थे।
“ये गधा यहाँ क्या कर रहा है पूर्वी ?”,पूर्वी के बगल में बैठी लड़की ने कहा
“ये भी शायद ऑडिशन देने आया है “,पूर्वी ने फुसफुसाते हुए कहा
“मतलब तुम इस खड़ूस के साथ काम करोगी ?”,लड़की फिर फुसफुसाई
“अभी मैं सेलेक्ट नहीं हुई हूँ”,पूर्वी ने लड़की को घूरते हुए कहा
“पूर्वी देसाई अगला नंबर आपका है”,ऑडिशन रूम से एक लड़की ने बाहर आकर कहा
वंश ने एक नजर उन दोनों को देखा और फिर अपने फोन में बिजी हो गया। पूर्वी का नंबर आने पर वह अंदर चली गयी। पूर्वी की दोस्त ने मैगजीन को थोड़ा सा नीचे किया और सामने बैठे वंश को देखने लगी। उसकी गहरी भूरी आँखे , गोरा रंग , गठीला बदन , सुर्ख लाल होंठ , स्टाइलिश बाल और जूते देखकर लड़की एकटक उसे देखते ही रही। अगले 20 सेकेण्ड बाद ही वंश उसे क्यूट भी लगने लगा था लेकिन सहसा ही उसे ट्रेफिक वाली बात याद आ गयी और उसका चेहरा गुस्से से लाल हो गया वह बड़बड़ाई,”खड़ूस”
उसने मैगजीन को वापस ऊपर कर लिया और पन्ने पलटते हुए पूर्वी के आने का इंतजार करने लगी। कुछ देर बाद पूर्वी आयी उसका उतरा हुआ चेहरा देखकर लड़की समझ गयी की वो सेलेक्ट नहीं हुई है। वंश ने देखा सब एक एक करके अंदर जा रहे है लेकिन उसकी बारी अभी तक नहीं आयी है। वह उठा और गेट के बाहर खड़े लड़के से आकर कहा,”हाय मेरा नाम वंश गुप्ता है मैं यहाँ ऑडिशन के लिए आया था लेकिन अभी तक मेरा नंबर नहीं आया है”
“क्या नाम बताया तुमने ?”,लड़के ने हाथ में पकड़ी नामों की लिस्ट देखते हुए पूछा
“वंश गुप्ता”,वंश ने कहा
“तुम्हारा नंबर तो दो घंटे पहले आकर जा चुका है। तुम लेट हो गए”,लड़के ने कहा
“मैं ट्रेफिक में फंस गया था , तुम उनसे बात करो ना मैं अभी ऑडिशन देने के लिए तैयार हूँ।”,वंश ने उम्मीदभरे स्वर में कहा
“सॉरी ब्रो अभी कुछ नहीं हो सकता , ये मुंबई है और यहाँ टाइम की बहुत वैल्यू है ,, तुम जा सकते हो तुम्हारा ऑडिशन कैंसल हो चुका है”,लड़के ने कहा और वहा से चला गया। वंश का मुँह उतर गया इतनी दूर बनारस से मुंबई वह इसलिए तो आया था और पहली ही बार में उसे रिजेक्ट भी कर दिया गया। वंश ने अपना बैग उठाया और वापस जाने के लिए मुड़ गया। चलते चलते वंश सामने से आते लड़के से टकरा गया और लड़के के हाथ में पकड़ी चाय वंश के कपड़ो पर आ गिर गयी !
“सॉरी सर”,लड़के ने कहा
“इट्स ओके”,वंश ने अपने जैकेट को झाड़ते हुए कहा पहली बार उसने गुस्सा नहीं किया क्योकि वह ऑडिशन ना दे पाने की वजह से काफी अपसेट था। लड़का बाकि के कप सम्हाले आगे बढ़ गया और ऑडिशन रूम में चला गया। वंश ने देखा जैकेट के साथ साथ चाय उसकी सफ़ेद टीशर्ट पर भी गिर गयी है तो वह ऑडिशन रूम के बगल वाली गेलेरी में चला आया। उसने अपना जैकेट निकाला और फिर टीशर्ट पर गिरी चाय को साफ करने लगा। वंश ऑडिशन रूम की खिड़की के सामने ही खड़ा था लेकिन उसे इस बात का अहसास नहीं था वह बस उदास सा अपनी टीशर्ट को साफ कर रहा था
“यार के.डी. बाकि सब सेलेक्शन तो हो गए लेकिन हीरो का क्या ? कहानी का लीड तो वही होगा न”,ऑडिशन लेने बैठे लड़के ने प्रोडूसर ने कहा
“जितने भी ऑडिशन हुए उनमे नया क्या है वही घिसे पिटे डायलॉग और एक्टिंग , मुझे कुछ फ्रेश चाहिए जिसे परदे पर देखते ही लोगो की आँखे चमक उठे और होंठो से निकले “वाह” कोई ऐसा चेहरा हो तो ढूंढ कर ला”,के.डी. ने कहा जो की प्रोड्यूसर होने के साथ साथ लड़के का अच्छा दोस्त भी था
“कहा से लाऊ ऐसा चेहरा और लड़का ?”,कहते हुए लड़का जिसका नाम सुमित है वह खिड़की के बाहर खड़े वंश को देखता है जो की अपनी टीशर्ट उतार कर खड़ा था। सुमित अपनी कुर्सी से उठकर खिड़की के पास जाता है और वंश को देखने लगता है। वंश का चेहरा , उसकी बॉडी , उसका लुक सब परफेक्ट था वह मुस्कुराया और बाहर खड़े लड़के को अंदर आने को कहा
“जी सर”,दरवाजे के बाहर खड़े लड़के ने अंदर आकर कहा
“वो जो लड़का बाहर खड़ा है उसे अंदर लेकर आओ”,सुमित ने कहा
“कौन वो लड़का ? लेट आने की वजह से उसका ऑडिशन तो पहले ही केंसल हो चुका है , वो आपको क्यों चाहिए ?”,लड़के ने कहा
“तुमसे जितना कहा है उतना करो जाकर उस लड़के को यहाँ लेकर आओ , अभी”,सुमित ने थोड़ा सख्त स्वर में कहा
लड़का चला गया , उसके जाने के बाद के.डी. सुमित की तरफ पलटा और कहा,”क्या हुआ ऐसा क्या है उस लड़के में ?”
“अभी खुद ही देख लेना , मुझे लगता है वो तुम्हारी सीरीज के लिए परफेक्ट है”,सुमित ने कहा
कुछ देर बाद वंश अंदर आया हालाकिं वह अभी भी अपनी टीशर्ट पर लगे चाय के दाग छुपाने की नाकाम कोशिश कर रहा था। सुमित ने उसे देखा और कहा,”तुम्हारा आज ऑडिशन था ? तुमने दिया क्यों नहीं ?”
“वो मैं थोड़ा लेट हो गया था और इस वजह से मुझे अंदर आने नहीं दिया”,वंश ने कहा
“अपना जैकेट उतारो”,सुमित ने कहा
वंश ने अपना जैकेट उतार कर रख दिया। अब वह टीशर्ट में था जिसमे उसकी बॉडी के उभार साफ़ दिखाई दे रहे थे। के.डी.बस ख़ामोशी से उसे देख रहा था। सुमित ने वंश को दाए बांये मुड़ने को कहा , उसे चलने को कहा , उस से कुछ सवाल किये जिनका वंश ने काफी संजीदगी से जवाब दिया। उन्होंने वंश को एक रोमांटिक डायलॉग भी बोलने को दिया जिसे बोलना वंश को अजीब लग रहा था लेकिन उसे किसी भी हाल में ये ऑडिशन पास करना था इसलिए उसने हाँ कह दिया। वंश की लुक , आवाज और उसके एक्सप्रेशन सब अच्छे थे। आखिर में सुमित ने कहा,”अपना टीशर्ट उतारो”
“हाँ ? वो क्यों ? मैंने सूना है की ऑडिशन पास करने के लिए कुछ भी करना पड़ता है जैसे डायरेक्टर कहे लेकिन मैं ऐसा वैसा नहीं हूँ बता रहा हूँ”,वंश ने अपनी टीशर्ट को सही करते हुए कहा
“तुम्हारा दिमाग खराब है ? यहाँ ऐसा कुछ नहीं है ये एक रोमांटिक सेड लव स्टोरी बेस्ड सीरीज है , जिसमे तुम्हे लीड रोल मिलने जा रहा है। तुम्हारी बॉडी परफेक्ट है या नहीं ये देखने के लिए ऐसा कहा जा रहा है , अब उतरोगे या बाहर जाओगे ?”,सुमित ने सख्त स्वर में कहा
“क्या रोमांटिक सीरीज में लीड रोल ? लेकिन मैंने तो ऑडिशन फॉर्म में विलीन के रोल के लिए अप्लाई किया था”,वंश ने मासूमियत से कहा
वंश की बात सुनकर के.डी. हसने लगा और सुमित से कहा,”ये लड़का बड़ा इंट्रेस्टिंग है मुझे ये अपनी सीरीज में चाहिए”
सुमित से बात कर के.डी. वंश की तरफ पलटता है और कहता है,”ए सुनो ! तुम किसी भी एंगल से विलीन नहीं लगते हो , तुम एक क्यूट रोमांटिक लड़कियों को पसंद आने वाले लड़के हो तुम पर हीरो का रोल सूट करेगा”
“कही ना कही से तो शुरुआत करनी ही होगी , ये शायद मेरे लिए पहला मौका हो और हो सकता है इसके बाद मैं वो हासिल कर लू जो मैं चाहता हूँ। पापा ने भरोसे के साथ मुझे यहाँ भेजा है मुझे इसे हाथ से जाने देना नहीं चाहिए , मैं हाँ कह देता हूँ”,वंश ने मन ही मन कहा
“हाँ तो क्या सोचा तुमने ?”,सुमित ने सवाल किया
“मैं तैयार हूँ सर”,वंश ने कहा
“ओके टीशर्ट उतारो और वो वहा रखा कोट पहन लो”,सुमित ने कहा तो वंश ने वैसे ही किया। उस लम्बे कोट में वंश काफी हेंडसम लग रहा था। के.डी.अपनी कुरसी से खड़ा हुआ और सुमित की तरफ देखकर कहा,”ये बनेगा मेरी सीरीज का हीरो , तुम इसे सारी फॉर्मलिटीज समझा देना मैं चलता हूँ मेरी मीटिंग है”
के. डी. वहा से चला गया सुमित उठा और वंश के पास आकर कहा,”पहली बार में इतना बड़ा ऑफर मिलना आसान बात नहीं है , बाहर मुझसे ऑफिस रूम में आकर मिलो”
“ओके सर”,वंश ने खुश होकर कहा। उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं था उसने जल्दी से कोट निकाला और अपनी टीशर्ट , जैकेट पहनकर बाहर चला आया। ऑडिशन रूम के बाहर सुमित का ऑफिस रूम था वह वहा आया सुमित ने उसे बैठने को कहा और कुछ देर बाद 22 पन्नो का एक कॉन्ट्रैक्ट उसकी तरफ बढ़ाकर कहा,”इसे अच्छे से पढ़ लेना और साईंन कर देना शूटिंग 1 महीने बाद है इसलिए अच्छे से तैयारी कर लेना। तुम्हारी साइनिंग पेमेंट तुम्हे कॉन्ट्रक्ट के तुरंत बाद मिल जाएगी और बाकि शूटिंग के बाद,,,,,,,,,,,,,,,,,,बेस्ट ऑफ़ लक”
“थैंक्यू सर ! थैंक्यू सो मच”,कहकर वंश जाने लगा तो सुमित ने कहा,”सुनो !!”
“हाँ सर”,वंश ने पलटकर कहा
“आगे से वक्त पर आना , मुझे देर से आने वाले लोग बिल्कुल पसंद नहीं है”,सुमित ने कहा
“ओके सर”,कहकर वंश वहा से चला गया
ख़ुशी ख़ुशी मुस्कुराते हुए वह अपना बैग लिए नीचे चला आया उसने सोचा भी नहीं था की वह इतनी जल्दी सेलेक्ट भी हो जाएगा। उसने सबसे पहले मुन्ना को फोन लगाया। मुन्ना इंदौर अधिराज जी के घर में था और सो रहा था। फोन वायब्रेट हुआ तो उसने उठाया और कहा,”हेलो”
“हे मुन्ना , गेस व्हाट क्या हुआ ? मैं सेलेक्ट हो गया”,वंश ने खुश होकर कहा
“बधाई हो मेरे भाई”,मुन्ना ने उठकर बैठते हुए कहा
“थैंक्स यार लेकिन मुझे विलीन का रोल नहीं मिला बल्कि हीरो का रोल मिला है”,वंश ने थोड़ा अपसेट होकर कहा
“पागल है तू सच में ! तू हीरो ही है अपनी कहानी का हीरो समझा,,,,,,,,,,,,,,,,,अब मन लगाकर काम करना,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“ह्म्म्मम्म घर की बहुत याद आ रही है,,,,,,,और तेरी भी”,वंश ने फिर अपसेट होकर कहा
“पहली बार घर से दूर गया है ना इसलिए,,,,,,,,,,,,,,तेरी शूटिंग कब शुरू हो रही है ?”,मुन्ना ने पूछा
“अभी कहा ? अभी तो कॉन्ट्रेक्ट साईन करना है , उसके एक महीने बाद शूटिंग है”,वंश ने प्रोडक्शन हॉउस से बाहर आते हुए कहा
“तो तब तक तू वही रुकेगा ?”,मुन्ना ने उठकर अंगड़ाई लेते हुए पूछा
“नहीं कॉन्ट्रेक्ट साईन करने तक यही हूँ फिर वापस बनारस , एक महीने बाद वापस मुंबई आ जाऊंगा ,, फिर तो हमेशा यही रहना पडेगा ना”,वंश ने कहते हुए जैसे ही सामने देखा उसे अपनी यानि नविन की गाड़ी नजर नहीं आयी।
“ए मुन्ना मैं तुमसे बाद में बात करता हूँ अभी मुझे निकलना होगा”,कहकर वंश ने फोन काट दिया।
वंश उस तरफ आया जहा उसने अपनी गाड़ी खड़ी की थी। उसने दूसरी ओर खड़े गार्ड से अपनी गाड़ी के बारे में पूछा तो गार्ड ने कहा,”उसे तो ट्रेफिक पुलिस वाले उठाकर ले गए”
“अरे ऐसे कैसे ले गए ?”,वंश ने हैरानी से कहा
“अरे भैया अब नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करोगे तो वो तो ले जायेंगे ना , जाओ जाकर पुलिस स्टेशन में पता करो”,गार्ड ने हथेली पर जर्दा रगड़ते हुए कहा
“क्या मुसीबत है ?”,कहते हुए वंश ने अपना सर पकड़ लिया। एक तो गाड़ी उसकी नहीं थी ऊपर से वो जब्त भी हो चुकी थी। वंश को याद आया नवीन ने उसे अपना कार्ड दिया था। वंश ने अपने जेब से नवीन का कार्ड निकाला और नंबर डॉयल करने लगा
इंदौर , मध्य-प्रदेश
मुन्ना ने फोन रखा और कमरे से बाहर जाने के लिए जैसे ही दरवाजा खोला सामने खड़ी गौरी को देखकर हक्का बक्का रह गया।
“गुड मॉर्निंग”,गौरी ने खुश होकर कहा
“तुम तुम यहाँ क्या कर रही हो वो भी सुबह सुबह ?”,मुन्ना ने हैरानी से कहा
“अंदर चलो बताती हूँ”,गौरी ने मुन्ना को धक्का देकर कमरे में ले जाते हुए कहा
“क्या कर रही हो ? और ये दरवाजा बंद क्यों किया है ? तुम्हे ऐसे हमारे कमरे में नहीं आना चाहिए ,, नानाजी और नानी माँ घर पर है और काशी भी,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने इतना ही कहा की गौरी ने मुन्ना के दोनों होंठो को अपनी उंगलियों से पकड़कर बंद करते हुए कहा,”आह्ह्ह्ह बहुत सवाल करते हो तूम , मैं तुमसे मिलने आयी हूँ और तुम हो की,,,,,,,,,खैर छोडो मैं तुम्हे सिर्फ ये बताने आयी हु की आज का पूरा टाइम तुम सिर्फ मेरे साथ स्पेंड करने वाले हो , पूरा मतलब पूरे 12 घंटे , अभी 10 बज रहे है अब से लेकर रात 10 बजे तक तुम और मैं साथ रहेंगे ओके”
“गौरी ये क्या बचपना है ? हमे आज दोपहर में किसी जरुरी काम से बाहर जाना है , हम पूरा दिन तुम्हारे साथ नहीं रह पाएंगे”,मुन्ना ने अपनी परेशानी बताई
“ठीक है फिर मैं यहाँ बैठ जाती हूँ , नाना नानी देखते है तो देखे”,गौरी ने बिस्तर पर बैठते हुए कहा
“गौरी प्लीज यहाँ से जाओ काशी को हमारे बारे में नहीं पता है , उसे पता चला की हम उसकी दोस्त को पसंद करते है तो,,,,,,,,,,,,,,,,!”,मुन्ना ने इतना ही कहा की गौरी उठी और आँखे दिखाते मुन्ना की तरफ आकर कहा,”पता चलेगा तो क्या ? तुम काशी के बड़े भाई हो तुम्हे उस से इतना डरने की जरूरत नहीं है , तुम रुको मैं उसे बता देती हू काशी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
गौरी ने इतना ही कहा की मुन्ना ने उसके मुंह पर अपना हाथ रख उसकी पीठ दिवार से लगाते हुए कहा,”क्या कर रही हो ? अच्छा ठीक है तुम जो कहोगी हम करेंगे लेकिन अभी के लिए प्लीज यहाँ से जाओ”
मुन्ना ने गौरी के मुंह से हाथ हटाया तो गौरी बच्चो की तरफ मुस्कुरायी और हाथ की पांचो उंगलियों को होंठो से छूकर हवा में ही किस करके वहा से चली गयी। गौरी के जाने के बाद मुन्ना ने चैन की साँस ली और कहा,”पता नहीं हमारा क्या होगा ?”
मुन्ना बाथरूम में चला गया वह नहाकर वापस आया। तैयार होकर वह कमरे से बाहर आया तो उसने देखा गौरी कही नहीं गयी बल्कि बाहर बाकि सबके साथ बैठकर नाश्ता कर रही है। उसने मुन्ना को देखा तो बुरा सा मुंह बनाकर शर्ट चेंज करने को कहा। मुन्ना ने ना में गर्दन हिला दी तो गौरी ने पास ही पड़ा चाकू उठाकर मुन्ना को डराने वाला लुक दिया तो बेचारे मुन्ना ने शर्ट बदलने में ही अपनी भलाई समझी। वह जैसे ही जाने लगा अम्बिका ने कहा,”अरे मुन्ना वापस क्यों जा रहे हो ? आओ सबके साथ बैठकर नाश्ता करो”
“नानी माँ हम शर्ट चेंज करके आते है,”मुन्ना ने कहा
“लेकिन ये तुम पर ठीक लग रहा है मुन्ना”,अधिराज जी ने नाश्ते के लिए डायनिंग टेबल की ओर जाते हुए कहा
“हाँ लेकिन थोड़ा टाइट है , आप लोग शुरू कीजिये हम अभी आते है”,कहकर मुन्ना चला गया। कुछ देर बाद वह दुसरा शर्ट पहनकर आया जो की उस पर काफी अच्छा लग रहा था लेकिन गौरी तो गौरी थी उसने उसे भी रिजेक्ट कर दिया। मुन्ना फिर से चला गया , काशी सब समझ रही थी इसलिए धीरे से फुसफुसाते हुए कहा,”मिस गौरी शर्मा तुम्हे नहीं लगता तुम हमारे सीधे साधे मुन्ना भैया को कुछ ज्यादा ही परेशान कर रही हो ?”
“मुझे हक़ है , वैसे उसने भी मुझे बहुत परेशान किया है ये तो उसके सामने कुछ भी नहीं”,गौरी ने खाते हुए कहा
तीसरी बार मुन्ना जो शर्ट पहनकर आया वो गौरी की ड्रेस से मैच हो रहा था , गौरी ने उसे ओके बोल दिया तो मुन्ना आकर नाश्ता करने बैठा। अम्बिका ने मुन्ना की प्लेट में भी नाश्ता रखा , मुन्ना खाने लगा।
“छोटे दामाद जी कह रहे थे की तुम किसी प्रोजेक्ट के सिलसिले में यहाँ आये हो ? किस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हो तुम ? अगर तुम बिजनेस करने का सोच रहे हो तो यहाँ इंदौर में मेरी कम्पनी है जो पिछले 5 साल से बंद पड़ी है तुम उसे वापस शुरू कर सकते हो”,अधिराज जी ने कहा
“नानाजी अकाउंट्स से जुड़े कुछ प्रोजेक्ट्स है उन्ही के सिलसिले में , वैसे भी हम बनारस को नहीं छोड़ने वाले,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने सहजता से कहा
“हाँ तुम और तुम्हारा बनारस , वैसे शादी के बारे में क्या ख्याल है तुम्हारा ?”,अधिराज जी ने पूछा तो मुन्ना खाते खाते रुक गया। शादी के नाम से उसकी नजरे सामने बैठी गौरी से जा मिली , गौरी को शरारत सूझी तो उसने मुन्ना को देखकर अपनी बाँयी आँख दबा दी। मुन्ना को इसकी उम्मीद नहीं थी वह खाँसने लगा , काशी ने पानी का ग्लास मुन्ना की तरफ बढ़ा दिया।
“आप भी इस वक्त कैसे सवाल पूछ रहे है ? बच्चो को नाश्ता करने दीजिये,,,,,,,,,,,अच्छा गौरी तुम्हारी मम्मी कैसी है बेटा ?”,अम्बिका ने गौरी की प्लेट एक ओर पूरी रखते हुए कहा
“वो बिल्कुल ठीक है नानी माँ , उन्होंने कितनी बार कहा आपसे और नानाजी से की घर आओ लेकिन आप लोग नहीं आते , ऐसे नहीं तो रिश्ता लेकर आ जाईये”,गौरी ने एकदम से कहा तो मुन्ना के मुंह में भरा पानी बाहर आ गिरा गनीमत था मुन्ना ने उस वक्त साइड में मुँह किया हुआ था
“अरे बेटा आराम से , हमे लगता है तुम्हारी तबियत कुछ ठीक नहीं है”,अधिराज जी ने मुन्ना की पीठ सहलाते हुए कहा
“किसका रिश्ता गौरी ?”,अम्बिका ने पूछा
“रिश्ता किसका रिश्ता ? मैंने कहा आपके और मेरे अच्छे रिश्ते के नाते आप मेरे घर आ जाईये”,गौरी ने तुरंत बात पलट दी
“ठीक है इस हफ्ते हम जरूर आएंगे”,अम्बिका ने कहा
सभी नाश्ता कर चुके थे। अधिराज जी से मिलने कोई आया था इसलिए वे उनके साथ बैठक में चले गए। अम्बिका उनके चाय नाश्ते का इंतजाम करवाने लगी। मुन्ना को अपनी मीटिंग के लिए निकलना था इसलिए वह कमरे में आकर अपना लेपटॉप , फाइल्स और जरुरी चीजे बैग में रखने लगा। उधर काशी घर के बरामदे मे घूमते हुए गौरी से बात कर रही थी
“देखा तुमने तुम्हारे भैया कितने बड़े डरपोक है”,गौरी ने इतराते हुए कहा
“अभी तुमने मेरे भैया को ठीक से जाना नहीं है ना इसलिए ऐसा बोल रही हो , मुन्ना भैया बड़ो की बहुत इज्जत करते है इसलिए उनके सामने हमेशा कम बोलते है लेकिन तुम उन्हें परेशान करने से बाज नहीं आओगी”,काशी ने गौरी को आँखे दिखाते हुए लेकिन प्यार से कहा
“बिल्कुल मैं उसे जिंदगीभर ऐसे ही परेशान करने वाली हूँ”,गौरी ने कहा
“काशी ज़रा यहाँ आना”,किचन से अम्बिका ने आवाज दी तो काशी को जाना पड़ा। गौरी वही घूमने लगी वह मन ही मन प्लान बनाने लगी की उसे मुन्ना के साथ कहा कहा घूमना है ?
मुन्ना ने अपना बैग लिया , उसने कमरे से गर्दन निकालकर पहले इधर उधर देखा की कही गौरी तो वहा नहीं है। घर में उसे गौरी नहीं दिखी तो उसे लगा वो चली गई है। मुन्ना बाहर आया लेकिन बरामदे में आते ही गौरी उसे फिर दिखाई दी। मुन्ना उस से नज़रे बचाकर जाने लगा तो वह भी उसके पीछे चल पड़ी और कहा,”हम दोनों कहा जा रहे है ?”
“देखो गौरी हमे अभी किसी बहुत जरुरी काम से एक मीटिंग में जाना है , हम वापस आने के बाद इत्मीनान से तुमसे बात करेंगे , और तुम्हारी हर बात मानेंगे लेकिन अभी के लिए हम तुम्हे अपने साथ लेकर नहीं जा सकते। वहा हमे किसी को साथ ले जाने की परमिशन नहीं है ,, तुम समझ रही हो ना हम क्या कह रहे है ?”,मुन्ना ने बिना गौरी की तरफ देखे कहा लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला तो मुन्ना ने पलटकर देखा गौरी वहा नहीं थी। अगले ही पल मुन्ना को अपनी दाँयी टाँग पर कुछ महसूस हुआ उसने जैसे ही नीचे देखा अपना सर पीट लिया। गौरी जमीन पर आलथी पालथी मारकर मुन्ना के पैर से लिपटकर बैठी थी , और इस वक्त कुछ ज्यादा ही प्यारी लग रही थी।
Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1 Main Teri Heer – 1
क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 2
Read More – “मैं तेरी हीर” – 90 (अंतिम भाग)
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संजना किरोड़ीवाल
Superb part… finally vansh ka sapna sach hone ja rha h ..purvi k sath naveen ki beti h jiske room m vansh ruka h…munna bichara sidha sadha or Gauri ek mauka nhi chod rhi use tang krne ka….kashi ko to pata h gauri munna ek dusre ko pasand krte h lekin Munna ko Gauri blackmail kr rhi h Kashi k naam se… waiting eagerly for next part
lovelyyy partt
Welcome back maam bhut dino se intezaar kr rhe they hm log munna aur vansh ka mazaa aa gya
Wow superb starting आखिर वंश को अपनी मंजिल की पहली सीढ़ी मिल ही गई अब बस वो ऐसे ही आगे बढ़ता जाए और अपना सपना पूरा करे। ये गौरी मेडम कुछ ज्यादा ही हमारे भोले भाले मुन्ना को परेशान करने में लगी रहती है 🤭🤭🤭🤭
Finally this season 2 started.. was waiting for this.. love them all
So so beautiful✨❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Part👌👌👌👌👌👌👌👌
Aur aaj ka din ban gya
Thankuuuu so much part k liye
Kitna mis kiya hmne munna ko
Wow bht maza aaya tq mam
Har har mahadev
❤️❤️❤️❤️❤️😍😍 dhadkte dil k sath apko thankyou beautiful n cute part
यार संजना जी…क्या धमाकेदार वापसी की है…मतलब गौरी ने तो हंसा-हंसाकर बुरा हाल कर दिया…सच में गौरी कितनी क्यूट है और उसपर से मुन्ना ना…सोने पे सुहागा…मुझे तो वंश से ज्यादा गौरी-मुन्ना को पढ़ना ज्यादा अच्छा लगता है….आप गौरी-मुन्ना के पार्टस ज्यादा लिखना….प्लीज…।
Welcome back Sanjana ji and superb starting👌👌👌👌👌👌
Nice part…. 🌹🌹🌹🌺🌹
Billi kahin ki.।।। Chipak gayi per se.।। 🤣🤣🤣
Bahut hi badia
Nice story
Ossom
Very beautiful
Ab vansh ko sudharne bali aa gayi shayad
Hahahaha 😂😆
Finally Vansh ko role mil hi gyaa pr hero ka🤣🤣 usko villen ka chaiye tha🤣🤣🤣🤣
Gauri bhi km notanki nhi h balki 2 kadam aage hh… Pero se lipat k bethi h bchi k jese🤣🤣🤣 maan ki shi entertaining life hone wali h,😍😍😍