Sanjana Kirodiwal

Story with Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

हाँ ये मोहब्बत है – 32

Haan Ye Mohabbat Hai – 32

Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

सिन्हा जी से बात होने के बाद अक्षत थोड़ा परेशान हो गया। उसने सोमित जीजू को सब बताया तो सोमित जीजू ने उसे थोड़ा सोच समझकर फैसला लेने को कहा। नाश्ता करने के बाद सभी लोग हॉल में जमा थे। अमर जी से इजाजत लेकर विजय जी सबके साथ वहा से निकल गए। मीरा भी अक्षत के साथ चली आयी। अमर जी ने अक्षत से मीरा का ख्याल रखने को कहा। घर के बाहर दो गाड़िया थी विजय जी के साथ दादू-दादी , राधा और निधि थे। साथ में काव्या भी निधि की गोद में थी। उधर अर्जुन की गाड़ी में अर्जुन , नीता , तनु , सोमित जीजू और चीकू था। अक्षत मीरा के लिए अमर जी ने अपनी गाड़ी भेज दी और साथ में ड्राइवर भी ताकि उन्हें घर तक छोड़ सके। उन सबके जाने के बाद अमर जी ने अपने दोनों भाईयो के साथ उनके परिवार और सौंदर्या को बुलाया।
सभी एक जगह जमा हो गए , अमर जी ने सभी बच्चो को अंदर जाने को कहा और बाकि सबको बैठने को कहा। सभी अमर जी को देखे जा रहे थे हॉल में एक शांति फैली हुयी थी किसी को कुछ पता नहीं था अमर जी ने उन्हें वहा क्यों बैठाया है ? कुछ देर बाद अमर जी ने कहना शुरू किया,”आप सब सोच रहे होंगे की हमने आपको यहाँ क्यों बुलाया है ? दरअसल हमने कुछ फैसले किये है जिनके बारे में हम आप सब से बात करना चाहते है।”
“जी भाईसाहब कहिये”,अमर जी के छोटे भाई ने कहा
“हमने फैसला किया है की हम अजमेर वाली हवेली जो की हमारे हिस्से में आयी थी उसे हमने मीरा के होने वाले बच्चे के नाम कर दिया है”,अमर जी ने जैसे ही कहा दोनों भाईयो के चेहरे की ख़ुशी एकदम से गायब हो गई और एक ने कहा,”लेकिन वो हवेली हमारे पूर्वजो की है उस पर हम सबका अधिकार है”
“आप दोनों शायद भूल रहे है की मेरे बुरे वक्त में आप दोनों ने बटवारे में अच्छी जमीन और रकम ली जबकि सावित्री को सिर्फ वो घर दिया गया , सावित्री हमारी पत्नी और मीरा की माँ थी , उनके जाने के बाद उस हवेली पर मीरा का ही अधिकार बनता है।”,अमर जी ने शांत भाव से कहा
दोनों भाईयो के ये बात बुरी तो लगी लेकिन अमर जी के सामने कुछ कहने की उनकी हिम्मत नहीं हुई। अमर जी ने आगे कहना शुरू किया,”सौंदर्या की आर्थिक स्तिथि इस वक्त सही नहीं है इसलिए जब तक ये चाहे अपने परिवार के साथ उस हवेली में रह सकती है , उम्मीद है इस हमारे इस फैसले से आप में से किसी को कोई ऐतराज नहीं होगा”
किसी ने कुछ नहीं कहा बस सौंदर्या भुआ की नजरो में अमर जी के लिए शुक्रिया वाले भाव थे। दोनों भाई उठकर वहा से चले गए , सौंदर्या भी वहा से चली गयी। पंडित जी आये और कहा,”अच्छा तो अमर जी मैं चलता हूँ”
“पंडित जी हमे आपसे कुछ बात करनी है”,कहते हुए अमर जी पंडित जी के पास आये और कहा,”इस पूजा से मीरा के जीवन में आया संकट दूर हो जाएगा ना ?”
अमर जी की बात सुनकर पंडित जी मुस्कुराये और कहने लगे,”अमर जी कुल देवी की पूजा के बाद माँ देवी मीरा की रक्षा करेगी , आपके दामाद बहुत भाग्यशाली है जब तक वे मीरा के साथ रहेंगे उसे कोई खतरा नहीं है ,, वे दोनों एक दूसरे की बुरे तत्वों से हिफाजत करेंगे। आप निश्चिन्त रहिये”
“शुक्रिया पंडित जी”,अमर जी ने कहा तो पंडित जी अपनी दक्षिणा लेकर वहा से चले गए।

विजय जी सबको लेकर घर पहुंचे। सभी अंदर चले आये और आकर हॉल में जमा हो गए। विजय जी और दादू साथ साथ बैठे थे इसलिए अर्जुन , निधि , जीजू और अक्षत जाकर दूसरी तरफ बैठ गए। मीरा किचन की और चली आयी और सबके लिए चाय बनाने लगी। नीता सबके लिए पानी ले आयी सबको पानी देकर वह भी किचन में चली गयी और मीरा की मदद करने लगी। राधा , विजय जी , दादू-दादी और तनु एक साथ बैठे किसी बात पर चर्चा कर रहे थे।
अक्षत ने अमर जी के ड्राइवर से गाड़ी लेकर जाने को कहा और अंदर चला आया। उसे ना चाहते हुए भी मीरा से बहुत सी बातें छुपानी पड़ रही थी। ऐसे वक्त में वह मीरा को परेशान करना नहीं चाहता था।
अक्षत अंदर आकर जैसे ही सीढ़ियों की ओर बढ़ा अर्जुन ने कहा,”अरे आशु कहा जा रहा है ? यहाँ आ ना सब साथ बैठे है”
“भाई मुझे थोड़ा काम है मैं बाद में मिलता हूँ”,कहते हुए अक्षत ऊपर चला गया।
“ये लड़का भी ना समझ से बाहर है”,अर्जुन ने कहा
“अर्जुन तुमने इसे समझ लिया मतलब सब कुछ समझ लिया , ये लड़का बाहर से जितना नार्मल दिखता है ना अंदर से उतना ही उलझा हुआ है”,सोमित जीजू ने कहा
“इसे सिर्फ मीरा ही समझ सकती है,,,,,,,,,,,,हैं ना मीरा ?”,अर्जुन ने सामने से आती मीरा को देखते हुए कहा
“क्या भैया ?”,मीरा ने अर्जुन को चाय देते हुए कहा
“अर्जुन भैया कह रहे है की अक्षत भैया को सिर्फ तुम समझ सकती हो”,निधि ने ट्रे में से चाय का कप उठाते हुए कहा
“समझना क्या है जब वो गुस्से में हो तो हमे खामोश रहना है बस , और जब खामोश हो तब हमे बात करनी है सिंपल”,मीरा ने चाय का कप सोमित जीजू को देते हुए कहा
“देखा कहा था न मैंने ये लड़की सब सम्हाल लेती है”,सोमित जीजू ने हँसते हुए कहा
“हाँ अक्षत जैसे लड़के को सम्हाल रही है मतलब लड़की में दम है”,अर्जुन ने चाय की चुस्की लेते हुए कहा
“आप सब लोग मिलके हमारी टाँग खींच रहे है ?”,मीरा ने तीनो को घूरते हुए कहा तो सोमित , निधि और अर्जुन हंस पड़े और फिर अर्जुन ने कहा,”अरे मीरा एक तुम ही तो जिस से हम ऐसे मजाक कर सकते है , तुम्हे बुरा लगा क्या ?”
“अपनों की बातो का भला क्या बुरा मानना”,मीरा ने मुस्कुराते हुए कहा
“मीरा दीदी बाहर आपसे कोई मिलने आया है”,रघु ने आकर मीरा से कहा तो मीरा उसके साथ वहा से चली आयी। खाली ट्रे डायनिंग टेबल पर रखकर मीरा गेट से बाहर आयी तो देखा अखिलेश खड़ा था। मीरा उसके पास चली आयी और कहा,”अरे अखिलेश जी आप ?”
“हां मेम वो इधर से गुजर रहा था सोचा आपसे मिलता चलू , इन दिनों आप चाइल्ड होम नहीं आयी तो मिलने चला आया। सब ठीक है ना मैडम ?”,अखिलेश ने पूछा
“हाँ अखिलेश जी सब ठीक है , इन दिनों थोड़ा व्यस्त होने के कारण हम नहीं आ पाए लेकिन जल्दी आएंगे , आप कुछ लेंगे चाय कॉफी ?”,मीरा ने सहजता से कहा तो अखिलेश ने मना कर दिया और कहा,”नहीं मैडम मैं चलता हूँ”
“ठीक है कुछ जरूरत हो तो आप फ़ोन कर दीजियेगा”,मीरा ने कहा तो अखिलेश मुस्कुराते हुए हाँ में गर्दन हिलाकर चला गया। मीरा अंदर चली आयी। अखिलेश ने जाते जाते पलटकर देखा लेकिन मीरा तब तक जा चुकी थी। ये जानते हुए भी की मीरा शादीशुदा है अखिलेश के मन में उसके लिए एक सॉफ्ट कॉर्नर था। वह हमेशा मीरा को सम्मान भरी नजरो से देखता था। ऊपर हॉल की बालकनी में खड़ा अक्षत कुछ देर से सब देख रहा था। उसे अखिलेश का इस तरह घर आना खटका , अखिलेश के जाने के बाद अक्षत वहा से चला गया। कमरे में आकर उसने कपडे निकाले और बदल लिए। मीरा उसके लिए चाय लेकर ऊपर आयी अक्षत को कपडे बदले हुए देखा तो चाय टेबल पर रखते हुए कहा,”आप कही जा रहे है ?”
“हां दिल्ली”,अक्षत ने शर्ट की बाजु फोल्ड करते हुए कहा जैसे वह हमेशा पहनता था। मीरा ने देखा तो अक्षत के पास आयी और खुद से उसकी बाजु फोल्ड करते हुए पूछा,”ऐसे अचानक ?”
“हां वो कुछ जरुरी काम से जाना पड़ रहा है , वापस आकर तुम्हारे सारे सवालो का जवाब दे दूंगा”,अक्षत ने कहा
“अक्षत जी हम आपसे सवाल नहीं कर रहे बस ऐसे ही नॉर्मली पूछ रहे थे , खैर छोड़िये कब जा रहे है ?”,मीरा ने पूछा
“अभी निकल रहा हूँ बस”,अक्षत ने कहा और शीशे के सामने आकर बाल बनाने लगा। मीरा को साफ नजर आ रहा था की अक्षत किसी बात से बहुत परेशान है लेकिन इस वक्त वह अक्षत से कुछ भी पूछकर उसे परेशान करना नहीं चाहती थी।
तैयार होकर अक्षत ने अपने कुछ कपडे और सामान एक बैक बैग में डाला और मीरा के सर को चूमते हुए कहा,”मैं जल्दी वापस आऊंगा , अपना ख्याल रखना”
“आप भी”,मीरा ने कहा अक्षत को परेशान देखकर उसे अच्छा नहीं लग रहा था। अक्षत अपना बैग लिए नीचे चला आया सोमित समझ गया की अक्षत दिल्ली जा रहा है। अर्जुन निधि को पता नहीं था इसलिए अर्जुन ने कहा,”आशु तू कही जा रहा है ? आई मीन ये ट्रेवलिंग बैग लेकर ऐसे अचानक”
“हां किसी जरुरी काम से बाहर जा रहा हूँ”,कहते हुए अक्षत विजय जी के आपस आया और उन्हें अपने दिल्ली जाने के बारे में बताकर वहा से चला गया। अक्षत का यु अचानक दिल्ली जाना घर में कोई समझ नहीं पा रहा था। कुछ देर बाद विजय जी सोमित और अर्जुन ऑफिस के लिए निकल गए और बाकि सब घरवाले भी अपने अपने कामो में,,,,,,,,,,,,!!

दिल्ली , सिन्हा जी का घर
निहारिका की तबियत ख़राब होने की वजह से सिन्हा जी ने आज सारी मीटिंग्स केंसिल कर दी और ऑफिस भी नहीं गए। वे निहारिका के सिरहाने बैठकर उसका सर सहला रहे थे कुछ देर बाद तिवारी जी ने कहा,”सर अक्षत जी आ गए है , नीचे आपका इंतजार कर रहे है”
सिन्हा जी उठे और तिवारी जी के साथ नीचे चले आये। सिन्हा जी अक्षत के पास आये तो अक्षत उठा और कहा,”हेलो सर”
“हेलो मिस्टर व्यास थैंक्यू सो मच फॉर कमिंग , प्लीज सिट”,सिन्हा जी ने कहा और अक्षत के सामने पड़े खाली सोफे पर बैठ गए। अक्षत सिन्हा ने सिन्हा जी की तरफ देखा तो वे कहने लगे,”अक्षत सबसे पहले तो आई ऍम सो सॉरी की मुझे इस तरह अचानक तुम्हे यहाँ बुलाना पड़ा।”
“नो सर इट्स ओके , मैं समझ सकता हूँ इस वक्त आप किन परेशानियों से गुजर रहे है , कहिये मैं आपके लिए क्या कर सकता हूँ ?”,अक्षत ने सहजता से कहा
“अक्षत निहारिका मेरी इकलौती बेटी है बचपन में ही उसकी माँ गुजर गयी तबसे मैंने ही उसे पाल पोसकर बड़ा किया है , निहारिका को लेकर मेरा प्यार बट ना जाये ये सोचकर मैंने कभी दूसरी शादी नहीं की। मैंने हमेशा निहारिका की हर ख्वाहिश हर जिद पूरी की और शायद यही वजह है की आज वो अपनी ऐसी जिद पर अड़ी है जिसे पूरा नहीं किया जा सकता। निहारिका तुम्हे पसंद करती है और तुम्हे पाना चाहती है ,, अगर तुम शादीशुदा नहीं होते तो मुझे इस रिश्ते से कोई ऐतराज नहीं होता लेकिन निहारिका के लिए मैं उस लड़की की जिंदगी खराब नहीं सकता जिस से तुम्हारी शादी हुई है। वो शराब पिने लगी है , दिनभर अपने कमरे में खुद को बंद रखती है , मेरी कोई बात नहीं सुन रही है बस एक ही रट लगा रखी है की उसे अक्षत चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या तुम मेरी इसमें कुछ मदद कर सकते हो ?,,,,,,,,,,,,,मैं निहारिका को ऐसे हाल में नहीं देख सकता,,,,,,,,,,,,,,,,,शी इज ओनली वन जिसके सहारे मैं ज़िंदा हूँ ,, आई वांट हर लाइक माय निहारिका,,,,,,,,,,प्लीज मिस्टर व्यास”,कहते हुए सिन्हा जी ने अक्षत के सामने अपने हाथ जोड़ दिए। अक्षत ने देखा तो उसे अच्छा नहीं लगा उसने आगे बढ़कर सिन्हा जी के हाथो को थामकर कहा,”सर प्लीज हिम्मत रखिये , मैं निहारिका से मिलना चाहूंगा”
“हम्म्म तिवारी जी निहारिका को निचे भेजिए”,सिन्हा जी ने अपनी नम आँखों को पोछते हुए कहा
तिवारी जी ऊपर आये और निहारिका को अक्षत के आने की खबर दी। निहारिका ने जैसे ही अक्षत का नाम सूना दौड़कर नीचे आयी अक्षत सामने ही खड़ा था , निहारिका आयी और आकर उसके गले लगते हुए कहा,”आई न्यू देट की तुम जरूर आओगे , आई ऍम सो हैप्पी”
कहकर निहारिका अक्षत से दूर हटी और अपने पापा के पास आकर ख़ुशी से उछलते हुए कहा,”थैंक्यू डेड थैंक्यू सो मच मैं जानती थी की आप मेरी ये विश जरूर पूरी करोगे , आई लव यू डेड आई लव यू सो मच”
सिन्हा जी क्या कहते वो जानते थे की निहारिका एक गलत जिद कर बैठी है जिसे सिन्हा जी तो क्या खुद अक्षत पूरी नहीं कर सकता था। निहारिका को खुश देखकर अक्षत उसकी और पलटा और कहा,”तो तुम मुझसे प्यार करती हो राईट ?”
“यस आई लव यू , आई लव यू सो मच”,निहारिका ने आँखों में ख़ुशी भरकर अक्षत की और देखते हुए कहा
“सो मेरे लिए तुम कुछ भी करोगी ?”,अक्षत ने सहजता से अगला सवाल किया
“या ऑफकोर्स , मैं तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हूँ , जान भी दे सकती हूँ”,निहारिका ने अक्षत की आँखों में देखते हुए कहा
“ओके तो फिर चलो मेरे साथ”,अक्षत ने कहा
“तुम्हारे साथ ? कहा ?”,निहारिका थोड़ा झिझकी
“तुम कह रही हो न की तुम मेरे लिए कुछ भी करोगी तो पहले ये साबित करके दिखाओ की तुम्हारा प्यार सच्चा है। एक हफ्ते मेरे साथ रहो मेरे घर में और साबित कर की तुम कितना प्यार करती हो”,अक्षत ने सधे हुए शब्दों में कहा
“तुम्हारे घर ?”,निहारिका थोड़ी कन्फ्यूज हो गयी उसका इशारा अक्षत समझ गया और कहा,”डोंट वरी मैं तुम्हे टच भी नहीं करूँगा , तुम्हे सिर्फ वहा रहते हुए ये दिखाना है की तुम्हे मुझसे कितना प्यार है ,, अगर तुमने कर दिखाया तो मैं तुमसे शादी कर लूंगा”
“रियली ? तुम मजाक कर रहे हो ?”,निहारिका ने कहा
“नहीं मैं सच कह रहा हूँ अगर तुमने कर दिखाया तब , और अगर ऐसा नहीं हुआ तो तुम हमेशा हमेशा के लिए मुझे भूल जाओगी और पहले की तरह अपनी लाइफ जीना शुरू कर दोगी , मंजूर है ?”,अक्षत ने विश्वास के साथ कहा
निहारिका ने सूना तो थोड़ा सोच में पड़ गयी उसे देखकर अक्षत ने कहा,”क्या हुआ अपने प्यार पर भरोसा नहीं है ?”
“डन , कब चलना है ?”, निहारिका ने एकदम से कहा
“आज शाम , गो एंड पैक योर बैग्स”,अक्षत ने कहा तो निहारिका ख़ुशी ख़ुशी वहा से चली गयी। सिन्हा जी को अक्षत का ये रूप कुछ समझ में नहीं आया तो वे अक्षत के पास आये और कहने लगे,”ये सब क्या था अक्षत ? तुम निहारिका की भावनाओ के साथ खेलने की कोशिश रहे हो”
“नहीं सर इन 7 दिनों में मैं उसे दिखाने वाला हूँ की प्यार क्या होता है , जिस अट्रेक्शन को वो प्यार समझ रही है , वो असल में सिर्फ अट्रेक्शन ही है ये बात निहारिका को समझाना बहुत जरुरी है”
“लेकिन अगर इन 7 दिनों में भी उसकी फीलिंग्स नहीं बदली तो ?”,सिन्हा जी ने कहा
“सर मुझे यकीन है निहारिका की फीलिंग्स बदलेगी और वह वो पहले जैसी हो जाएगी , मैं जानता हूँ ये सब थोड़ा मुश्किल है लेकिन यही एक रास्ता है जिस से निहारिका को इन सब से बाहर निकाला जा सकता है ,, डोंट वरी सर वो सेफ रहेगी”,अक्षत ने अपना हाथ सिन्हा जी के हाथ पर रखते हुए कहा
“आई ट्रस्ट यू ,उसका ख्याल रखना”,सिन्हा जी ने कहा तो अक्षत ने हाँ में अपनी गर्दन हिला दी। दोपहर का खाना अक्षत ने सिन्हा जी के साथ ही खाया उस दौरान उन्हें अक्षत को थोड़ा और करीब से जानने को मिला। शाम की फ्लाइट से अक्षत निहारिका के साथ दिल्ली से निकल गया। घरवालो से क्या कहेगा ? मीरा से क्या कहेगा ? अक्षत के पास इन सवालो का कोई जवाब नहीं था।

Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32 Haan Ye Mohabbat Hai – 32

क्रमश – हाँ ये मोहब्बत है – 33

Read More – हाँ ये मोहब्बत है – 31

Follow Me On – facebook | youtube | instagram

Buy This Book Here – archanapublication

संजना किरोड़ीवाल

Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

9 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!