Sanjana Kirodiwal

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हाँ ये मोहब्बत है – 11

Haan Ye Mohabbat Hai – 11

Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

अक्षत के दिल्ली जाने की बात से जीजू परेशान थे वे नहीं चाहते थे की अक्षत दिल्ली आये और उसे उनके बुरे हालातो के बारे में पता चले। खैर नाश्ता करने के बाद अक्षत उठा और विजय जी से मिला। विजय जी ने उसे गाड़ी ले जाने को कहा , हालाँकि सफर लंबा था पर विजय जी नहीं चाहते थे की बच्चो को ट्रेन में परेशानी हो। अक्षत भी मान गया क्योकि दिल्ली में रहते हुए कुछ महीने उसे गाडी की जरूरत थी। रघु ने सबका सामान पीछे डिग्गी में रख दिया। सोमित जीजू और तनु ने सबसे विदा ली और गाड़ी में आकर बैठ गए। काव्या ने भी सबके पैर छुए और चीकू के गाल पर किस करके पीछे तनु के पास जाकर बैठ गयी। अक्षत ने अर्जुन को आँखों ही आँखों में कुछ इशारा किया तो अर्जुन ने अंगूठे से सब ओके होने का साइन दे दिया। सबसे मिलने के बाद अक्षत मीरा के पास आया और उसके गाल को प्यार से छूकर कहा,”मैं जल्दी ही वापस आऊंगा”
“हम इंतजार करेंगे”,मीरा ने मुस्कुरा कर कहा। राधा के पैर छूकर अक्षत गाड़ी में आ बैठा और फिर वहा से निकल गया। सभी अंदर चले आये। नाश्ता करके अर्जुन और विजय ऑफिस चले गए। दादू बाहर बगीचे में रघु से काम करवा रहे थे साथ साथ खुद भी पोधो की काट छांट कर रहे थे। राधा दूसरे कामो में लगी थी और नीता चीकू को लेकर ऊपर चली गयी। अक्षत के बिना मीरा को ये घर अब काटने को दौड़ रहा था। अक्षत था तब मीरा हर वक्त बिजी रहती थी अब जैसे उसके पास करने को कुछ था ही नहीं। नाश्ता करने के बाद मीरा अपने कमरे में चली आयी। अक्षत के कपडे पड़े थे उन्हें उठाकर समेटा और कबर्ड में रख दिया। मीरा की नजर टेबल पर रखी अक्षत की तस्वीर पर गयी मीरा ने उसे उठाया और अपने दुपट्टे से पोछने लगी। तभी मीरा का फोन बजा ,मीरा ने तस्वीर को रखा और बेड पर पड़ा अपना फोन उठाया – हेलो
“हेलो मेम ! अखिलेश हियर”,चाइल्ड होम के मैनेजर अखिलेश ने कहा
“जी अखिलेश जी बताईये सुबह सुबह फोन किया आपने”,मीरा ने कहा
“मेंम सॉरी मैं जानता हूँ आप बहुत बिजी रहती है लेकिन प्लीज एक बार यहाँ आकर बच्चो से मिल लेती तो उन्हें अच्छा लगता”,अखिलेश ने कहा
“हम आपको फोन करने ही वाले थे , आज से हम रोज वहा आकर काम देखेंगे”,मीरा ने सहजता से कहा
“क्या आप सच कह रही है ?”,अखिलेश ने खुश होकर कहा
“जी”,मीरा ने कहा
“फिर तो मैं अभी के अभी जाकर बच्चो को ये गुड़ न्यूज सुनाता हूँ , वे बहुत खुश हो जायेंगे”,अखिलेश ने कहा
“जी बिल्कुल हम आज दोपहर में आएंगे”,मीरा ने कहा
“ठीक है मेम मैं आपके लिए गाड़ी भिजवा देता हूँ”,अखिलेश ने कहा
“नहीं इसकी जरूरत नहीं है हम आ जायेंगे”,मीरा ने कहा
“ओके मेम , वी आर वेटिंग फॉर यू”,अखिलेश ने कहा और फोन काट दिया। मीरा ने फोन रखा और अपने काम में लग गयी। मीरा अपने उस सपने को भूलना नहीं चाहती थी जिसके लिए उसने अपनी माँ से वादा किया था। दोपहर में मीरा ने राधा से चाइल्ड होम जाने की इच्छा जाहिर की तो उन्होंने ख़ुशी ख़ुशी मीरा को जाने को कहा और अपना काम सम्हालने को कहा। दोपहर में जब अर्जुन घर आया तो मीरा ने उस से चाइल्ड होम तक छोड़ने को कहा। अर्जुन ख़ुशी ख़ुशी मीरा को लेकर चल पड़ा। मीरा को चाइल्ड होम छोड़कर अर्जुन अपनी मीटिंग के लिए चला गया। चाइल्ड होम के मेंन गेट पर खड़ी मीरा ने सर उठाकर नेम प्लेट को देखा जिस पर लिखा हुआ था “सावित्री चाइल्ड होम” नम आँखों के साथ मीरा मुस्कुरा दी। वॉचमेन ने जब मीरा को देखा तो झट से दरवाजा खोलते हुए कहा,”नमस्ते मैडम”
“नमस्ते काका , कैसे है आप ?”,मीरा ने अंदर आकर मुस्कुराते हुए कहा
“मैं ठीक हूँ मैडम बहुत दिनों बाद आप यहाँ आयी”,वॉचमेन ने कहा
“हां काका शादी के बाद थोड़ा व्यस्त हो गए थे”,मीरा ने कहा और फिर वहा से आगे बढ़ गयी। मीरा अंदर आयी लेकिन वहा ना बच्चे थे ना अखिलेश , मीरा को थोड़ी हैरानी हुई उसने इधर उधर देखा लेकिन कोई दिखाई नहीं दिया मीरा वापस जाने के लिए जैसे ही मुड़ी , ऊपर से फूलो की बारिश होने लगी। ख़ुशी से मीरा वापस पलटी सभी बच्चो के साथ अखिलेश खड़ा था। मीरा को वहा देखकर सभी बच्चे ख़ुशी से खिल उठे। मीरा भी उन्हें देखकर खुश हो गयी और सबके पास चली आयी ! मीरा सबसे मिली और फिर अपने ऑफिस में चली आयी। अखिलेश के अलावा इस चाइल्ड होम में 10 स्टाफ और 35 बच्चे थे। मीरा बच्चो से मिलने के बाद मीरा ऑफिस में चली आयी। उसने अखिलेश से बच्चो का रूटीन और फाइल्स दिखाने को कहा। सभी डाटा देखने के बाद मीरा ने कहा,”ये सब क्या है अखिलेश जी ? जब सारी फेसिलिटीज प्रोवाइड करवाई गयी है तो बच्चो को क्यों नहीं मिल रहा है ?”
“एक्चुअली मेम दो महीने पहले आपने जो चेक दिए थे उनके बाद से कोई चेक नहीं आया है , मैंने आपसे बात करने की कोशिश भी की लेकिन आप बिजी थी”,अखिलेश ने कहा
“हमारी वजह से बच्चो को कितनी परेशानी हो रही है जानते है ना आप , खैर ये सब बाते छोड़िये हम आज ही सब अरेंजमेंट करवा देते है”,मीरा ने कहा तो अखिलेश ने हाँ में अपना सर हिला दिया। कुछ देर बाद अखिलेश वहा से चला गया और मीरा अपनी कुर्सी से उठकर खिड़की के पास चली आयी वहा खड़ी होकर वह बाहर खेल रहे बच्चो को देखने लगी। उन्हें देखकर मीरा को एक अलग ही सुकून मिल रहा था। चपरासी केबिन में चाय रखकर चला गया मीरा ने चाय उठायी और पिने लगी।

ड्राइव करते हुए अक्षत जब थक गया तो एक अच्छी सी जगह देखकर उसने गाड़ी रोक दी। सभी निचे उतरे और अंदर चले आये। अक्षत ने सबके लिए चाय और कुछ खाने का आर्डर करने चला गया। जीजू भी उसके पीछे पीछे चले आये और कहा,”ये तूने सही नहीं किया आशु मीरा को ऐसे अकेले छोड़कर नहीं आना चाहिए था तुमने , अभी एक महीना हुआ है शादी को और तुम”
“मीरा समझदार है जीजू उसे पता है की कब कौनसा काम जरुरी होता है ?”,अक्षत ने दार्शनिक अंदाज में कहा
“हां हां बहुत समझदार हो ना तुम दोनों”,जीजू ने कहा
“बिल्कुल”,अक्षत ने कहा तो जीजू थोड़ा अपसेट हो गए। अक्षत ने देखा तो उनके पास आया और उनके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”ये समझदारी भी मुझमे आपके साथ रहते हुए आयी है जीजू , रिश्तो को कब कितनी अहमियत देनी चाहिए ये भी मैंने आप ही से सीखा है जीजू,,,,,,,,,,,,,,,मीरा नहीं जानती मैं दिल्ली क्यों आया हूँ उसे बस मुझे आगे बढ़ते देखना है,,,,,,,,,,,उसकी सबसे खूबसूरत बात ही ये है की वो कभी मुझसे वजह नहीं पूछती”
“हां हां डरती जो है तुमसे”,जीजू ने मुंह बनाकर कहा
“अरे मेरे जीजू , डरती नहीं है प्यार करती है मुझसे,,,,,,,,,,,वो भी इतना की मेरे बिन कहे मेरी हर बात जान लेती है”,अक्षत ने काउंटर से ट्रे लेते हुए कहा
“फिर भी तुम उसे छोड़कर आ गए”,जीजू ने अक्षत की और कहा
“अब बस भी करो यार मुझसे ज्यादा तो आप मीरा के बारे में सोच रहे हो कही आपका,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने जीजू को छेड़ने के लिए कहा
“छी छी कैसी बातें करता है नालायक मेरी बेटी जैसी है वो”,जीजू ने कहा तो अक्षत हंस पड़ा और कहा,”तो फिर चले ससुर जी थोड़ा खा पि लेते है”
अक्षत की बात सुनकर जीजू पहले तो गुस्सा हुए और फिर एकदम से मुस्कुरा उठे। दोनों तनु और काव्या के पास आये और ट्रे टेबल पर रख कर वही बैठ गए।
अक्षत सबके लिए चाय और सेंडविच लेकर आया था और काव्या के लिए जूस और ब्रेड। सभी बाते करते हुए खाने लगे। शाम के 4 बज रहे थे। अक्षत को थका हुआ देखकर जीजू ने उसे साइड में बैठने को कहा और खुद ड्राइवर सीट पर चले आये। सफर लंबा था इसलिए तनु और काव्या भी थक चुकी थी। काव्या तनु की गोद में सर रखकर लेट गयी और तनु ने भी आँखे मूंद कर सर सीट से लगा लिया। जीजू चुपचाप गाड़ी चला रहे थे इस वक्त उनक दिमाग कितनी ही बातो में उलझा हुआ था। अक्षत ने गले में पड़ा अपना हेडफोन अपने कानो पर लगा लिया और फोन में कोई गाना चलाकर सुनने लगा। जीजू ने देखा तनु और काव्या सो चुकी है और अक्षत भी आँखे मूंदे गाने सुनने में बिजी है। जीजू ने गाड़ी की स्पीड थोड़ी बढ़ा दी और अपनी ही सोच में डूबे गाड़ी चलाते रहे ,हमेशा हसंते मुस्कुराते रहने वाला सोमित आज दुखी था और उसका दुःख उसकी आँखो से साफ झलक रहा था। अक्षत ने एक नजर जीजू को देखा और मन ही मन
कहा,”बस कुछ दिन और जीजू फिर मैं सब ठीक कर दूंगा”

शाम में ऑफिस से निकलते हुए अर्जुन चाइल्ड होम की तरफ से गुजरा ताकि मीरा को भी अपने साथ ले चले। सब काम देखकर मीरा घर जाने के लिए निकलने लगी तो अखिलेश आया और कहा,”मीरा मेम”
“जी अखिलेश जी”,मीरा ने कहा
“कल सुबह नेशनल गर्ल्स स्कूल में फंक्शन है उसमे आपको चीफ गेस्ट बुलाना चाहते है अगर आप आएँगी तो उन्हें अच्छा लगेगा”,अखिलेश ने कहा
“ठीक है हम आ जायेंगे”,मीरा ने कहा और वहा से चली गयी। बाहर अर्जुन गाड़ी लिए मीरा का इंतजार कर रहा था। मीरा आकर उसके बगल में बैठी तो अर्जुन ने कहा,”कैसा रहा पहला दिन ?”
“अच्छा था , अर्जुन जी आप परेशान क्यों हुए हम ऑटो से चले आते ?”,मीरा ने सीट बेल्ट बांधते हुए कहा
“व्यास खानदान की छोटी बहू ऑटो से आएगी , बिल्कुल नहीं अक्षत ने जाते जाते पता है मुझसे क्या कहा था ?”,अर्जुन ने कहा
“क्या कहा उन्होंने ?”,मीरा ने पूछा
“उसने कहा तुम्हे रोज चाइल्ड होम छोड़ने की जिम्मेदारी मेरी है और अगर मैं ऐसा नहीं करता हूँ तो वो मुझे छोड़ेगा नहीं”,अर्जुन ने गाड़ी आगे बढ़ाते हुए कहा
“ऐसा कहा उन्होंने ?”,मीरा ने हैरानी से कहा
“हम्म्म उसे तुम जानती हो ना मीरा”,अर्जुन ने मुस्कुराते हुए कहा
“ये अक्षत जी भी ना कभी नहीं सुधरेंगे”,मीरा ने कहा लेकिन मन ही मन खुश भी थी की अक्षत को उसकी कितनी फ़िक्र थी। अर्जुन मीरा को लेकर घर चला आया। हाथ मुंह धोकर मीरा जैसे ही किचन की और जाने लगी राधा ने रोक लिया और कहा,”अभी अभी तो बाहर से आयी हो और आते ही किचन”
“लेकिन माँ आप और भाभी अकेले,,,,,,,,,,,,,!!”,मीरा ने कहना चाहा तो राधा ने रोक दिया और कहने लगी,”मुझे काम करने की आदत है और तुम अबसे अपना चाइल्ड होम सम्हालो घर का काम करने के लिए मैं और नीता है ना बाबा”
“अक्षत जी ने आपसे भी कुछ कहा क्या ?”,मीरा ने पूछा
“उस नालायक की बात कौन सुनेगा मैं तो अपनी और से कह रही हूँ , चल जाओ अपने कमरे में”,राधा ने कहा तो मीरा चुपचाप ऊपर चली आयी। मीरा को आते देखकर निधि ने कहा,”हे मीरा यहाँ आओ”
“क्या हुआ निधि ?”,मीरा ने निधि के कमरे में आते हुए कहा
“कल सुबह मैं हनी को एयरपोर्ट छोड़ने जा रही हूँ तुम बताओ इन दोनों में से क्या पहनकर जाऊ”,निधि ने दो ड्रेस मीरा के सामने करके कहा
“कुछ भी पहनकर जाओ क्या फर्क पड़ता है”,मीरा ने खोये हुए अंदाज में कहा
“ओह्ह मैडम हनी से मिलने जा रही हूँ मैं कोई कॉलेज के फेयरवेल में नहीं की कुछ भी पहन के जाऊ”,निधि ने कहा तो मीरा का ध्यान टुटा और उसने कहा,”तुम ये पिंक वाला पहन के जाओ”
“पक्का ना ?”,निधि ने कन्फर्म करने के लिए पूछा
“हां बाबा पक्का , कल सुबह हम खुद तैयार कर देंगे तुम्हे”,मीरा ने कहा
निधि ने मीरा को वही बैठा लिया और दोनों दोस्त आपस में बाते करने लगी। रात के खाने के बाद मीरा जैसे ही अपने कमरे में आयी उसका मन एकदम से उदास हो गया। अक्षत के बिना उसे ये कमरा सूना लग रहा था मीरा कमरे में चली आयी और बैठकर अक्षत के बारे में सोचने लगी। अभी कुछ ही वक्त गुजरा था की मीरा के फोन पर अक्षत का फोन आया , स्क्रीन पर अक्षत का नाम देखते ही मीरा मुस्कुरा उठी उसने जल्दी से फोन उठाया और कहा,”हेलो”
“मेरे ही फोन का इंतजार कर रही होंगी आप मीरा जी”,अक्षत ने बड़े ही प्यार से कहा
“हम्म्म”,अक्षत की आवाज कानो में पड़ते ही मीरा की आँखे नम हो गयी
“मेरी याद आ रही होगी ?”,अक्षत ने कहा
“हम्म्म”,मीरा ने कहा
“तो फिर फोन क्यों नहीं किया ?”,अक्षत ने कहा
“हमे लगा आप ड्राइव कर रहे होंगे , डिस्टर्ब नहीं करना चाहते थे”,मीरा ने कहा
“हम्म्म्म मेरी इतनी परवाह मत किया करो मीरा आदत खराब हो जाएगी मेरी”,अक्षत ने कहा
“खाना खाया आपने ?”,मीरा ने सवाल किया
“थोड़ा सा , पता है तुम्हारे बिना कुछ अच्छा नहीं लग रहा”,अक्षत ने कहा
“हमे भी”,मीरा ने कहा
“सब सूना सूना लग रहा है”,अक्षत ने कहा
“हमे भी”,मीरा ने कहा
“तुम्हे मिस कर रहा हूँ , बहुत ज्यादा”,अक्षत ने अपनी आँखे बंद करके गहरी साँस लेते हुए कहा
“हम भी”,मीरा ने कहा
कुछ देर के लिए दोनों खामोश हो गए। अक्षत और मीरा के बीच ये खामोशियाँ आज भी कायम थी। कुछ देर बाद अक्षत ने कहा,”अच्छा मीरा सुनो वो जीजू बुला रहे है निकलना होगा , मैं तुम्हे सुबह फोन करता हूँ अपना ख्याल रखना , बाय”
“आप भी अपना ख्याल रखना”,मीरा ने कहा और फोन काट दिया
मीरा ने फोन साइड में रखा और सोने की नाकाम कोशिश की लेकिन नींद नहीं आयी। उसे अक्षत की याद आ रही थी और शादी के बाद आज पहली बार वो अपने कमरे में अकेली थी। मीरा उठकर बैठ गयी घडी में रात के 11 बज रहे थे मीरा ने अपना तकिया उठाया और कमरे से बाहर आकर निधि के कमरे का दरवाजा खटखटाया।
निधि शायद जाग रही थी इसलिए उठकर तुरंत दरवाजा खोल दिया। मीरा को सामने देखकर निधि समझ गयी की उसे अकेले नींद नहीं आ रही उसने कहा,”नींद नहीं आ रही होगी”
“हम्म्म”,मीरा ने मासूमियत से हां में गर्दन हिलाई
“अंदर आ जाओ”,निधि ने कहा तो मीरा मुस्कुरा दी और अंदर चली आयी। कितने दिनों बाद मीरा अपने पुराने बेड पर सो रही थी। उसने निधि से कहा,”अच्छा निधि तुमने अपनी और हनी की लव स्टोरी के बारे में हमे नहीं बताया , चलो बताओ”
निधि ख़ुशी ख़ुशी आकर मीरा के बगल में लेट गयी और बताने लगी कैसे पहली बार वह हनी से मिली , हनी ने उसे प्रपोज किया। आधी बातें बताने के बाद निधि ने जैसे ही मीरा की तरफ देखा तो पाया की मीरा सो चुकी है। उसे देखकर निधि पहले तो मुस्कुराई और फिर मीरा को चददर ओढ़ाते हुए कहा,”दोनों एक जैसे है कभी पूरी बात सुनते ही नहीं , भैया भी और अब ये मीरा भी”
कुछ देर बाद निधि भी सोने चली गयी।
देर रात अक्षत सबके साथ दिल्ली पहुंचा , गाड़ी थी इसलिए घर पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं आयी। अक्षत ने गाड़ी साइड में लगायी सभी निचे उतरे। काव्या सो चुकी थी इसलिए तनु ने उसे गोद में उठा लिया और सभी घर के अंदर चले आये। अक्षत और जीजू हॉल में आ बैठे काफी थक चुके थे। तनु काव्या को कमरे में सुलाकर वापस आयी। उसने दूसरे रूम में अक्षत के लिए बिस्तर लगा दिया और उसे सोने को कहा।
अक्षत के जाने के बाद भी जीजू वही हॉल में सोफे पर बैठे रहे तनु ने देखा तो उनके पास चली आयी और कहा,”सोमित चलिए चलकर सो जाईये”
“अक्षत को सब पता चल जाएगा”,सोमित ने सोच में डूबे हुए कहा
“एक ना एक दिन उसे सब पता चलना है सोमित , इस बारे में हम सुबह बात करेंगे अभी चलकर सो जाईये रात बहुत हो चुकी है”,तनु ने कहा तो सोमित उठकर कमरे की और बढ़ गया।

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संजना किरोड़ीवाल

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