हाँ ये मोहब्बत है – 39
Haan Ye Mohabbat Hai – 39
अर्जुंन की गलती की वजह से अक्षत ने भांग मिला हुआ जूस पी लिया था जिसके चलते वह निहारिका को मीरा समझकर उसके करीब भी आ गया लेकिन जैसे ही उसे अहसास हुआ की वह मीरा नहीं कोई और है तो अक्षत वहा से चला गया। निहारिका का दिल एक बार फिर टूट चुका था वह बाहर चली आयी। अक्षत के मुंह से बार बार मीरा का नाम सुनकर निहारिका को मीरा से अब चिढ होने लगी थी। उसने देखा मीरा चीकू के साथ बैठी है और चीकू उसके दांये बांये घूम रहा है।
“अगर मुझे अक्षत को पाना है तो मुझे मीरा को उसकी जिंदगी से निकालना ही होगा”,निहारिका ने सोचा और मीरा की तरफ चली आयी। निहारिका ने चीकू को चॉकलेट देने के बहाने अपने पास बुलाया और उसे साथ लेकर चली गयी। चलते चलते निहारिका ने मन ही मन खुद से कहा,”चीकू को ले जाकर छत पर छोड़ दूंगी , उसे बचाने के लिए जैसे ही मीरा ऊपर आएगी फिसल कर गिर जाएगी और घरवालों को लगेगा की वह चीकू को बचाने के चक्कर में गिर गयी। जब मीरा ही नहीं रहेगी तो अक्षत किस से प्यार करेगा ? ऑफकोर्स मुझसे”
निहारिका ने एक बहुत ही गन्दी चाल चली और चीकू को लेकर छत पर चली आयी , दूसरी मंजिल की छत पर चीकू को मुंडेर पर छोड़कर निहारिका ने उस से कहा,”चीकू तुम यही रुको मैं तुम्हारे लिए चॉकलेट लेकर आती हूँ”
“हम्म्म्म”,चीकू ने हामी भर दी 2 साल का बच्चा उसे भला क्या पता निहारिका के प्लान के बारे में वह वही रुक गया। निहारिका साइड में चली गयी। मीरा नींचे लॉन में घूम रही थी घूमते घूमते जब उसकी नजर छत पर गयी तो उसने चीकू को छत की मुंडेर पर खेलते पाया। चीकू को वहा देखकर मीरा घबरा गयी। उसने देखा सब खुश है और होली खेलने में मगन है। मीरा ने आवाज भी दी लेकिन गानो के शोर में उसकी आवाज कही दब कर रह गयी। मीरा को जब कुछ समझ नहीं आया तो वह अकेले ही अंदर चली आयी। जल्दी जल्दी सीढिया चढ़कर वह ऊपर आयी। मीरा की सांसे फूलने लगी थी घर में किसी को अहसास तक नहीं था की इतना बड़ा हादसा होने वाला है। मीरा जब ऊपर आयी तो निहारिका खुश हो गयी उसका प्लान सक्सेसफुल हो रहा था। मीरा चीकू के पास आयी और कहा,”चीकू बेटा आप यहाँ क्या कर रहे है ? इधर आईये ,, ऊपर कैसे आये आप ?”
मीरा को वहा देखकर चीकू डरकर रोने लगा , उसे भी अहसास हो गया की वह खतरे में है , चीकू बिल्कुल मुंडेर पर खड़ा था एक कदम भी आगे बढ़ाता तो सीधा नीचे जाता लेकिन मीरा ने ऐसा होने नहीं दिया उसने आगे बढकर चीकू को उठाया और अंदर की तरफ ले लिया। डर के मारे चीकू रोये जा रहा था मीरा ने उसे चुप करवाया और कहा,”आप यहाँ कैसे आये बेटा ? कौन लेकर आया आपको ?”
निहारिका ने देखा मीरा बिल्कुल मुंडेर की तरफ ही खड़ी है यही सही मौका है मीरा को यहाँ से फेंकने का पर जैसे ही निहारिका मीरा की तरफ आयी उसकी हिल टूट गयी और लड़खड़ा कर वह छत से नीचे की तरफ लटक गयी मुंडेर का पाइप निहारिका के हाथ में था। मीरा ने देखा तो चीकू को साइड किया और निहारिका की तरफ अपना हाथ बढाकर कहा,”अपना हाथ दो”
निहारिका ने देखा की जिस मीरा को वह मारना चाहती थी वही मीरा उसकी जान बचाना चाह रही थी। निहारिका को शर्म महसूस होने लगी , उसे चुप देखकर मीरा ने कहा,निहारिका अपना हाथ दो प्लीज”
निहारिका ने मीरा को अपना हाथ दिया लेकिन अकेली मीरा भला उसे ऊपर कैसे खींच पाती ? मीरा पूरी कोशिश कर रही थी निहारिका को ऊपर खींचने की
धुप की वजह से उसका सारा चेहरा पसीने से तर बतर हो चुका था। चीकू लगातार रोये जा रहा था। मीरा का गला सूखने लगा पर उसने निहारिका को नहीं छोड़ा। निहारिका भी मीरा का हाथ थामे ऊपर आने की पूरी कोशिश कर रही थी लेकिन जैसे ही कुछ ऊपर आती फिर नीचे खिसक जाती। मीरा ने मन ही मन अपने ईश्वर को याद किया और मदद करने को कहा। सहसा ही घर के बाहर से गुजरते एक पडोसी की नजर व्यास हॉउस की छत पर गयी। उसने अंदर आकर तुरंत सबको ये बात बताई तो सब दौड़ते हुए ऊपर छत पर चले आये। अर्जुन दौड़कर मीरा के पास आया और निहारिका के दोनों हाथ पकड़कर उसे ऊपर खिंच लिया। घबराहट के मारे निहारिका को चक्कर आया और वह बेहोश होकर वही गिर पड़ी। विजय जी के कहने पर अर्जुन ने निहारिका को गोद में उठाया और नीचे ले आया। होली का खुशनुमा माहौल अब टेंशन में बदल चुका था। राधा ने मीरा को सम्हाला , नीचे लाकर उसे पानी पिलाया उसके चेहरे से पसीना पोछा। नीता ने चीकू को सम्हाला किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था की आखिर हुआ क्या ? मीरा चीकू और निहारिका ऊपर छत पर पहुंचे कैसे ? निहारिका को उसके कमरे में लेटा दिया और एसी ऑन कर दी। अर्जुन बाहर चला आया और मीरा से कहा,”मीरा तुम वहा कैसे पहुंची ? तुम तो हम सबके साथ लॉन में थी ना”
“अर्जुन जी चीकू वहा ऊपर था छत की मुंडेर पर उसे बचाने ही हम ऊपर गए थे की अचानक से निहारिका वहा आ गिरी”,मीरा ने कहा
“मुझे तो ये सब उस निहारिका की ही चाल लगती है वही चीकू को ऊपर लेकर गयी होगी , वरना चीकू अकेला कैसे जाता ?”,तनु ने गुस्से से कहा
“हाँ दी और फिर मीरा के वहा पहुँचते ही निहारिका का वहा पहुंचना इस से तो ये साफ पता लगता है की वह मीरा को नुकसान पहुंचाना चाहती थी”,निधि ने कहा
“दी , निधि ऐसे बिना सच्चाई जाने आप लोग उस पर इल्जाम मत लगाइये हो सकता है जैसे हमने चीकू को देखा था वैसे ही निहारिका ने भी देखा हो और चीकू को बचाने ऊपर आयी हो”,मीरा ने कहा
“मीरा तुम्हारा कहा सही है लेकिन अगर उसने चीकू को छत पर देखा तो हम में से किसी को कुछ क्यों नहीं बताया ?”,नीता ने गुस्से से कहा
“नीता तनु शांत हो तुम लोग , अभी अभी इतना बड़ा हादसा टला है और तुम दोनों ये सवाल जवाब,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,राधा ने कहा तो नीता और तनु चुप हो गयी राधा मीरा के पास आकर बैठी और प्यार से उसका गाल छूकर कहा,”मीरा तुम ठीक हो ना बेटा ? पता नहीं किसकी नजर लगी है तुम्हे रोज कोई ना कोई हादसा,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”,कहते हुए राधा की आँखों में आंसू झिलमिला उठे
“माँ हम ठीक है”,मीरा ने कहा
“बस बहुत खेल ली होली बंद करो ये सब , जाओ सब जाकर नहा लो”,राधा ने कहा तो सभी एक एक करके वहा से चले गए। मीरा की आँखों के सामने अभी भी निहारिका का हाथ थामने वाला पल बार बार आ रहा था। उस वक्त मीरा ने निहारिका की आँखो में जो डर देखा था वह मीरा को बैचैन कर रहा था।
“मीरा तुम भी जाकर नहा लो बेटा”,राधा ने कहा तो मीरा ऊपर कमरे में चली गयी। कमरे में आकर मीरा ने देखा अक्षत सो रहा था। मीरा को नहीं पता था अक्षत ने भांग पी ली है उसने अक्षत को सोया हुआ देखकर मन ही मन कहा,”अच्छा हुआ अक्षत जी यहाँ है , अगर इन्हे पता चलता तो बाकि सबकी तरह ये भी निहारिका को गलत समझ लेते। हम जाकर नहा लेते है”
मीरा नहाने चली गयी। नहाकर उसने दूसरे कपडे पहने और बालो को पोछते हुए बाहर आयी अक्षत अभी भी गहरी नींद में सो रहा था मीरा ने उसे उठाना ठीक नहीं समझा और तैयार होकर नीचे चली आयी। नीचे आकर मीरा ने देखा सब गुमसुम से बैठे है। मीरा को ये अच्छा नहीं लगा उसकी वजह से सबकी खुशियों पड़ गया सोचकर उसने कहा,”आप लोग ऐसे मुंह लटकाकर बैठेंगे तो हमे लगेगा ये सब हमारी वजह से हुआ है”
“नहीं मीरा उस हादसे के बाद सब तुम्हे लेकर थोड़ा डर गए है”,अर्जुन ने कहा
“डरने की कोई बात नहीं है देखिये हम बिल्कुल ठीक है और आप सबके सामने है”,मीरा ने कहा और फिर राधा की तरफ पलटकर कहा,”माँ हम नाश्ते में पोहा खाएंगे वो भी आपके हाथ से बना और अर्जुन जी आप हमारे लिए जलेबी लेकर आएंगे , आज हमारा जलेबी खाने का मन है ,,,,,,,,,,,लाएंगे ना ?”
मीरा की बातें सुनकर अर्जुन मुस्कुराया और कहा,”बिल्कुल मैं अभी लेकर आता हूँ” कहकर अर्जुन वहा से चला गया। मीरा को हँसता मुस्कुराता देखकर सबके चेहरे फिर से खिल उठे।
“तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए पोहा बनाकर लाती हूँ”,राधा ने मीरा से कहा और किचन की तरफ चली गयी
नीता और तनु भी मीरा को खुश देखकर खुश थी , दोनों अपने अपने कामो में लग गयी। मीरा उठी और निहारिका के कमरे में आयी। बिस्तर की दिवार से पीठ लगाए निहारिका उदास सी बैठी थी। मीरा उसके पास आयी और कहा,”अब कैसी हो निहारिका ?”
निहारिका ने मीरा को वहा देखा तो उसके मन में एक टीस उठी। जिस मीरा का वह बुरा चाहती थी उसी मीरा ने उसकी जान बचाई थी। निहारिका को चुप देखकर मीरा ने जैसे ही उसके हाथ पर हाथ रखा निहारिका की सिसकी निकल गयी। मीरा ने देखा खींचने की वजह से निहारिका के हाथ में थोड़ी सूजन आ गयी है।
“आपके हाथ में तो स्वेलिंग है रुकिए मैं गर्म पट्टी लगा देती हूँ उस से आपको आराम मिलेगा”, मीरा ने उठते हुए कहा और कमरे के कोने में रखे ड्रावर में से मेडिसिन बॉक्स निकाल लायी जिसमे दवा रखी थी। मीरा ने हल्का सा स्प्रे निहारिका के हाथ पर मारा और फिर धीरे धीरे गर्म पट्टी को उसके हाथ के चारो ओर लपेटने लगी। ये देखकर निहारिका की आँख से आंसू निकलकर मीरा के हाथ पर आ गिरा। वह अंदर ही अंदर बहुत गिलटी थी। मीरा ने देखा तो कहा,”दर्द हो रहा है ? सॉरी हमने शायद थोड़ा ज्यादा टाइट बांध दिया”
“आई ऍम सॉरी मीरा”,निहारिका ने एकदम कहा
मीरा ने निहारिका की तरफ देखा तो निहारिका कहने लगी,”चीकू को छत पर लेकर मैं गयी थी , ताकि तुम उसे बचाने आओ और,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”
“हम जानते है”,मीरा ने शांत स्वर में कहा
“तो फिर तुमने मुझे बचाया क्यों ?”,निहारिका ने हैरानी से कहा
“क्योकि हमारी आपसे दुश्मनी नहीं है ना ही हम आपसे नफरत करते है , आपसे क्या हम किसी से नफरत नहीं करते हमारी माँ ने हमे सिर्फ प्यार बाटना सिखाया है क्योकि उनका मानना था एक सिर्फ प्यार ही है जो हमे बदल सकता है , एक प्यार ही है जो कठोर से कठोर दिल को पिघला सकता है , एक प्यार ही है जो हमारी नफरत को भी प्यार में बदल सकता है। जानती हो निहारिका को अगर आज हम कह भी देते की वो हादसा आपकी वजह से हुआ है तो सब अक्षत जी को गलत समझ लेते और ये हम कभी नहीं चाहेंगे। वो आपको इस घर में लेकर आये ताकि आप उनके और हमारे बीच के रिश्ते को देख सके , उस प्यार को देख सके जो हमारे बीच है। आपने जो किया वो आपका फैसला था लेकिन हमने जो किया वो सिर्फ इसलिए ताकि अक्षत जी को अपने किये फैसले पर कभी अफ़सोस ना हो”,मीरा ने बहुत ही शांति से निहारिका से कहा
निहारिका ने सूना तो उसे अहसास हुआ की अनजाने में वह कितनी बड़ी गलती करने जा रही थी। मीरा अक्षत से कितना प्यार करती है ये उसे साफ साफ नजर आ रहा था , उसे बहुत बुरा लग रहा था मीरा ने निहारिका की हालत देखी तो उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए कहने लगी,”हम चाहते तो आपसे लड़ झगड़कर भी अक्षत जी को आपसे दूर रख सकते थे लेकिन जो हमारा है उसके लिए क्या लड़ना झगड़ना ? निहारिका जबसे हम इस घर में आये है हमारे मन में सिर्फ अक्षत जी के लिए भावनाये जगी है , उनके बिना हम जीने का सोच भी नहीं सकते। मानते है उन्हें देखकर आपको उनसे प्यार हो गया लेकिन ये सिर्फ एक तरफ़ा प्यार है जिसमे नुकसान सिर्फ आपका है ,, हम अक्षत जी से बहुत प्यार करते है इतना की उनकी ख़ुशी के लिए कुछ भी कर सकते है।”
निहारिका ने अपना हाथ मीरा के हाथ पर रखा और कहा,”कैसी कर लेती हो ये सब ?”
मीरा मुस्कुराई और कहने लगी,”प्रेमिका और पत्नी होने में यही फर्क होता है निहारिका , एक प्रेमिका सिर्फ गुण और अच्छी सूरत देखकर किसी के प्यार करती है लेकिन एक पत्नी को अपने पति के साथ साथ उसकी खुबिया , कमिया , उसके सपने , उसका गुस्सा , उसका प्यार , उसका परिवार सब अपनाना पड़ता है। किसी लड़के की प्रेमिका बनना बहुत आसान है पर पत्नी बनना बहुत मुश्किल।”
“लेकिन तुम एक अच्छी प्रेमिका के साथ साथ एक बहुत अच्छी पत्नी भी हो मीरा , यू आर सो लकी अब तक मैं सोचती थी की किसी को पसंद करना ही प्यार है लेकिन तुमसे मिलकर समझ आया की प्यार तो वो अहसास है जो दिखाई नहीं देता पर बहुत मजबूत होता है”,निहारिका ने कहा
“आप आराम कीजिये हम चलते है”,मीरा ने उठते हुए कहा
“मीरा”,निहारिका ने कहा
“हां”,मीरा ने पलटते हुए कहा
“अक्षत ने एक बार कहा था की तुम चाय बहुत अच्छी बनाती हो , एक कप पिलाओगी”,निहारिका ने प्यार से कहा
“जरुर”,मीरा ने कहा और मुस्कुरा कर वहा से चली गयी। निहारिका का मन हल्का हो गया उसने आँखे मुंदी और सर पीछे दिवार से लगा लिया !!!
Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39 Haan Ye Mohabbat Hai – 39
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संजना किरोड़ीवाल
Finally meera ke pyaar ne niharika ko badal hi diya,or yeh sirf kahaniyon mein hota hai,asal mein to achchayi ko log bevkoof hi smjhte hain
Chalo akhir Akshat meera ki life se Niharika ka chapter khatm hua lekin abhi bhi koi h Jo meera marna chahta h
Meera jaisa koi nhi ho sakta we love you 💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞
Umeed h ki Niharika ko ab kuch samaj aaye…
Ab sayad Niharika ko samjh aye ki akshat kyu Meera se itna pyar karta hai
Meera har baar dil jeet leti h, finally niharika ki soch badal gayi aab kuch acha expect kar sakte h uski side se
chalo …Niharika ko akal toh aa gayi …use toh Akshat aur Meera ke beech ka rishta aur pyaar samajh aa gaya…par Meera jaise bahut kam log hote hain..itne acche…nice part…♥️♥️
Pyar me bht takat hoti h mam
Jo dusro k liye gadda kodenge tho wo kudh hi usme girenge
निहारिका को अब शायद अहसास हो जाए की मीरा और अक्षत एक दूजे के ही है ये वो कभी अलग नहीं हो सकते…मीरा की अच्छाई हर किसी को प्रभावित कर देती है निहारिका भी समझ जाए की प्यार को छीना नहीं जा सकता…
Uh r just awesome dear .. uh knw I just wait eagerly for the whole day to read urs stories.. these all e nit just story these r emotions … stay blessed nd write more ☺️
He prabhu Kash hmme bhi meera jaise wife mile 😇
Superb part…ek bada hadsa tak gya..meera ko pata tha ye Niharika ne kiya fir bhi usne kuch nhi kaha…meera ki acchai ne Niharika ko badal diya… Sahi kaha Meera ne pyar se kisi ko bhi jeeta ja sakta h