हाँ ये मोहब्बत है – 38
Haan Ye Mohabbat Hai – 38
होलिका दहन के बाद सभी अंदर चले आए। नीता और तनु की बाते सुनकर और मीरा अक्षत को साथ देखकर निहारिका का मूड तो पहले ही ऑफ हो चुका था। वह अंदर चली आयी अक्षत को इम्प्रेस करना तो दूर वह उसके करीब तक नहीं आ पा रही थी उस पर घरवालों का मीरा को लेकर इतना प्यार और परवाह जताना निहारिका के इरादों को और कमजोर कर रहा था। अंदर आकर सबने एक साथ खाना खाया और फिर सभी हॉल में ही आकर बैठ गए कितने दिन बाद आज सभी एक साथ थे कुछ देर बाद निधि ने कहा,”पापा क्यों ना कोई गेम खेला जाएँ”
“हां निधि आइडिआ तो अच्छा है बताओ क्या खेले ?”,विजय जी ने कहाँ
दो टीम में खेलेंगे गर्ल्स एक तरफ बॉयज एक तरफ और हम सब खेलेंगे अंताक्षरी”,निधि ने चहकते हुए कहा
“फिर तो हम बॉयज जी जीतेंगे है ना जीजू ?”,अर्जुन ने कहा
“बिल्कुल हमारे सामने भला कोई टिक पाया है”,जीजू ने कहा तो निधि ने सबको दो टीम बनाने को कहा
तुरंत 2 टीम बन गई। दादी , राधा , नीता , मीरा , तनु , निधि और काव्या एक तरफ और दूसरी तरफ दादू , विजय जी , अर्जुन , सोमित और अक्षत। अब चीकू लड़का था इसलिए चीकू को भी सोमित जीजू ने अपनी तरफ बैठा लिया। रघु भी आकर वहा कुछ दूर बैठ गया और उन लोगो में शामिल हो गया पहली बारी अक्षत की टीम की थी तो अक्षत ने दादू से गाने को कहा दादू ने दादी की तरफ इशारा करके गाना शुरू किया – मैंने पूछा चाँद से के देखा है कही मेरे यार सा हंसी चाँद ने कहा चाँदनी की कसम नहीं नहीं नहीं”
“वाह दादू क्या बात है इस उम्र में भी नॉट बेड,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने दादू से फुसफुसाते हुए कहा
“चलो चलो गर्ल्स अब तुम्हारी बारी”,दादू ने हसंते हुए कहा। दूसरी टीम में खुसर फुसर होने लगी और फिर राधा ने विजय जी तरफ देखते हुए गाना शुरू किया,”हमे जबसे मोहब्बत हो गयी है , ये दुनिया खूबसूरत हो गयी है”
“चलिए दादू अब आप लोगो की बारी”,निधि ने कहा
“हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार जिंदगी में , खुशनसीब है वो जिनको है मिली ये बहार जिंदगी में”,अर्जुन ने एकदम से गया तो सब उसकी तरफ हैरानी से देखने लगे तो अर्जुन ने झेंपते हुए कहा,”अरे अरे सिर्फ गाना है मुझे तो मिला है न प्यार”
अर्जुन को देखकर सब हसने लगे और फिर गेम आगे बढ़ा
“मेरे हाथो में नो नो चुडिया है थोड़ा ठहरो सजन मजबूरिया है”,दादी ने गाया
“हमको हंसी से चुरा लो दिल में कही तुम छुपा लो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,पास आओ गले से लगा लो”,सोमित जीजू ने गाया
“लो चली मैं अपने देवर की बारात लेके लो चली मैं”,नीता ने गया तो सबने सर पीट लिया क्योकि उसका देवर था अक्षत और अक्षत की तो शादी हो चुकी थी खैर फिर भी सबने इंजॉय किया और गेम आगे बढ़ा
बॉयज की टीम को म शब्द ही बार बार मिल रहा था और अधिकतर गाने गाये जा चुके थे अब तो सबकी नजर अक्षत पर थी तो अक्षत ने मीरा को देखा और गाने लगा,”मेरे रंग में रंगने वाली , परी हो या हो परियो की रानी या हो मेरी प्रेम कहानी,,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरे सवालो का जवाब दो , दो ना”
मीरा ने जैसे ही सूना उसे वो शाम याद आ गयी जब अक्षत ने पहली बार ये गाना गया था। उसके बाद से आज ही सुनने को मिला था। मीरा मुस्कुरा उठी तो सामने बैठे सोमित जीजू ने अक्षत के कंधे पर अपने कंधे से मारकर जाने का इशारा किया अक्षत उठा और सामने बैठी मीरा का हाथ पकड़ कर उसे उठाया और बीच में लाकर गाने लगा,”बोलो ना क्यों ये चाँद सितारे , तकते है यू मुखड़े को तुम्हारे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!
शर्म से मीरा के गाल लाल हो रहे थे। अक्षत ने देखा तो मीरा को उसकी जगह बैठाकर वापस अपनी जगह चला आया। निहारिका अपने कमरे की खिड़की से देख रही थी। उसने महसूस किया की इस घर में सब मीरा को कितना चाहते थे। निहारिका सोने चली गई देर रात तक सभी अंताक्षरी खेलते रहे और फिर अपने अपने कमरों में चले गए।
अगली सुबह विजय जी ने गुलाल खेलने का प्रोग्राम घर के लॉन में ही रखा। कुछ दोस्तों और पड़ोसियों को भी इन्वाइट किया ताकि सभी होली का लुफ्त उठा सके। एक बड़े से टेबल पर रंग बिरंगे गुलाल की थालिया रखवाई गयी। पिचकारी , बेलून और भी कई सारे बदोबस्त थे। दूसरी तरफ बड़े बड़े स्पीकर्स लगाए गए थे। एक तरफ खाने का बंदोबस्त था जिसमे गुजिया , मिठाई , नमकीन , जूस और फ्रूट्स थे। अर्जुन ने अच्छा खासा बंदोबस्त किया था। राधा और दादी ने हल्के क्रीम कलर की साड़ी पहनी थी , मर्दो ने सफ़ेद कुरता पजामा पहना था। मीरा ने सफ़ेद रंग का चूड़ीदार सूट पहना था , नीता और तनु ने भी सफ़ेद रंग का पटियाला सूट पहना था। काव्या और चीकू तो पिचकारी लेकर लॉन में होली खेलने भी लगे थे। सभी बाहर लॉन में जमा थे। दोस्त और पडोसी भी आ चुके थे मीरा नीचे आयी देखा निहारिका ने भी सूट पहना है।
“अच्छी लग रही हो”,मीरा ने कहा
“राधा आंटी ने ये ड्रेस दिया है”,निहारिका ने कहा
“सब बाहर है आप भी चलो”,कहकर मीरा निहारिका के साथ बाहर चली आयी। सबने गुलाल खेलना शुरू किया। अर्जुन और अक्षत ने मिलकर जीजू को रंगो से नहला दिया फिर क्या था जीजू ने भी दोनों को खूब रंग लगाया। नीता , निधि और तनु भी एक दूसरे को खूब गुलाल लगा रही थी। मीरा की पहली होली थी लेकिंन सब उसे थोड़ा थोड़ा गुलाल ही लगा रहे थे। अक्षत ने मीरा को देखा तो टेबल से गुलाल उठाया और मीरा की तरफ आकर उसके गालो पर कलर लगाते हुए कहा,”पहली होली मुबारक हो”
मीरा ने मुस्कुराते हुए अक्षत को कलर लगाया और कहा,”आपको भी”
“वहा चलो सबके बीच”,अक्षत ने कहा
“नहीं अभी नहीं हमारा मन थोड़ा सही नहीं है आप खेलिए हम यहाँ ठीक है”,मीरा ने कहा
“हम्म्म ओके कुछ चाहिए तो बोलना मैं यही हूँ”,अक्षत ने कहा
“हम्म्म आप जाईये”,मीरा ने मुस्कुराते हुए कहा तो अक्षत वहा से चला गया। निहारिका कुछ ही दूर खड़ी थी सब एक दूसरे को कलर लगा रहे थे लेकिन निहारिका को किसी ने कलर नहीं लगाया। मीरा ने देखा तो थाली में से थोड़ा सा गुलाल उठाया और निहारिका के पास आकर उसके गाल पर लगाते हुए कहा,”होली मुबारक हो”
निहारिका ने मीरा को देखा तो हैरान थी वह यहाँ मीरा की सौतन बनकर आयी थी लेकिन मीरा उसके साथ अच्छा बिहेव कर रही थी। निहारिका को चुप देखकर मीरा ने कहा,”आप नहीं लगाएंगी ?
निहारिका ने मीरा की हथेली से थोड़ा गुलाल लिया और लगाते हुए कहा,”हैप्पी होली”
“आप यहाँ अकेले क्यों खड़ी है ? आप भी सबके साथ जाकर होली खेलिए”,मीरा ने बड़े ही प्यार से कहा तो निहारिका नीता और तनु की तरफ चली गयी। निहारिका को वहा देखकर तनु और नीता ने एक दूसरे को देखा और फिर निहारिका को गुलाल लगाते हुए कहा,”हैप्पी होली”
निहारिका मुस्कुरा उठी , आज होली थी इसलिए तनु और नीता ने भी सब गीले शिकवे भूलाकर निहारिका के साथ होली खेलना शुरू कर दिया। आज कितने दिनों बाद निहारिका खुश थी। सबको कलर लगाते हुए वह भी होली इंजॉय कर रही थी। गुलाल लगाते लगाते वह एकदम से अक्षत के सामने आ गयी। निहारिका के हाथ में गुलाल देखकर अक्षत को लगा की वह उसे गुलाल लगाने आयी है। अक्षत ने अपने हाथो में लिया गुलाल निहारिका के गालो पर लगा दिया और कहा,”हैप्पी होली”
निहारिका की ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा वह मुस्कुरायी और अपने हाथ में रखा गुलाल अक्षत को लगा दिया अक्षत वहा से चला गया। सभी होली खेल रहे थे और अर्जुन और जीजू सबसे अलग एक कोने में खुसर फुसर कर रहे थे। उनके हाथ में दो जूस के ग्लास थे। अर्जुन ने जीजू से कहा,”होली और और भांग ना पिए ऐसा भला हो सकता है”
“अरे साले साहब मरवाओगे यार आप , मौसाजी ने देख लिया तो शामत आ जाएगी”,जीजू ने कहा
“अरे यार जीजू आप भी ना बहुत डरते हो , ये पिएंगे और सीधा जाकर सो जायेंगे किसी को क्या ही पता चलेगा ?”,अर्जुन ने जूस में भांग मिलाते हुए कहा
तभी अक्षत वहा आया और अर्जुन के हाथ से जूस का ग्लास लेकर पीते हुए कहा,”आज बहुत गर्मी है”
जीजू और अर्जुन ने हैरानी से एक दूसरे की तरफ देखा , जीजू तो उठकर चुपचाप वहा से चले गए। अर्जुन उठा और अक्षत से कहा,”सब ठीक है ना ?”
“हाँ”,अक्षत ने कहा
“चक्कर वक्कर तो नहीं आ रहे ना ?”,अर्जुन ने पूछा
“चक्कर क्यों आएगा ? जूस में कुछ मिलाया है क्या ?”,अक्षत ने शक भरे स्वर में पूछा
“नहीं नहीं कुछ भी नहीं जूस में भला क्या मिला होगा ? तू और पी गर्मी बहुत है मैं दोस्तों से मिलकर आता हूँ”,कहकर अर्जुन वहा से चला गया। अक्षत ने टेबल पर रखा दूसरा जूस का ग्लास उठाया और पीते हुए वहा से चला गया। कुछ देर बाद ही अक्षत का सर हल्का हल्का चकराने लगा। आँखों के सामने गुलाल खेलते सभी घरवाले कभी धुंधले तो कभी डबल नजर आ रहे थे। अक्षत वहा से घर के अंदर चला आया। वह मदहोश होने लगा था कुछ समझ नहीं आ रहा था की क्या हो रहा है ? चलते चलते अक्षत सामने से आती निहारिका से टकरा गया लेकिन अक्षत को होश नहीं था वह पहचान नहीं पाया की सामने खड़ी लड़की निहारिका है या कोई और। उसे लगा मीरा है क्योकि निहारिका और मीरा दोनों ने ही सफेद सूट पहना हुआ था। अक्षत को लगा वह मीरा ही है। उसने निहारिका के चेहरे को अपने हाथो में लिया और कहने लगा,”मुझे चक्कर आ रहा है कुछ समझ में नहीं आ रहा क्या हो रहा है ? अच्छा हुआ तुम आ गयी , आई लव यू”
निहारिका ने सूना तो थोड़ा हैरान थी और थोड़ा खुश भी , अक्षत ने उसे आई लव यू कहा लेकिन निहारिका इस फीलिंग को महसूस कर पाती इस से पहले ही अक्षत ने फिर से कहा,”आई लव यू मीरा , आई लव यू” कहते हुये जैसे ही वह अपने होंठो को निहारिका के करीब लाया अचानक से उसे महसूस हुआ की उसके सामने खड़ी लड़की मीरा नहीं है वह एकदम से पीछे हटा और बड़बड़ाने लगा,”नहीं ये मीरा नहीं है , मीरा के अलावा किसी के करीब नहीं जाना है ,, डोंट डू दिस अक्षत , ऐसा कुछ नहीं करना है” कहते हुए उसने निहारिका को साइड किया और सीढ़ियों की तरफ बढ़ गया।
एक बार फिर अक्षत निहारिका का दिल तोड़कर जा चुका था और निहारिका बुझी आँखों से बस अक्षत को जाते हुए देखते रही
Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38 Haan Ye Mohabbat Hai – 38
क्रमश – हाँ ये मोहब्बत है – 39
Read More – हाँ ये मोहब्बत है – 37
Follow Me On – facebook | youtube | instagram
संजना किरोड़ीवाल
Bahut badiya nashe me b akshat apni maryada janta hai…..aur meera k alawa kisi k kareeb jha b nahi skta akshat meera ka pyaar hi aisa hai wo kisi aur ka ho nahi skte
Thank God sab thik h.
Very interesting part ❤️❤️❤️
Akshat nashe me bhi meera ko pahchan leta h bus Niharika uske nashe me hone ka fayada na uthaye
Shukr hai bhagwan ka…bach gaya Akshat….♥️♥️
Mind blowing
Mujhe to lga fir nashe gdbd ba kr de ye
Next episode
Aabhi next episode send kariye mam
Baadh akshat Nashe me bhi apni Meera ko janta h….nhi to pata nhi kya ho jata
Nice part mam
Behtrarin part… Niharika par meera ki acchai asar kr rhi h… akshat meera ka pyar bahut strong h nashe m bhi akshat ko pata chal gya ki ye ladki uski Meera nhi h