हां ये मोहब्बत हैं – 10
Haan Ye Mohabbat Hai – 10
मीरा को आता देखकर सब खामोश हो गए। मीरा अंदर आयी सबको चाय दी। दादू की और आकर मीरा ने उनकी दवाईया देखते हुए कहा,”दादू आपने आज फिर से अपनी दवा नहीं ली”
दादू ने अक्षत की और देखकर मुंह बना दिया तो अक्षत मुस्कुरा उठा। दादू को चुप देखकर मीरा ने कहा,”ये गलत बात है दादू , वक्त पर दवा नहीं लेंगे तो ठीक कैसे होंगे ?”
“अरे मीरा मैं बिल्कुल ठीक हूँ , अभी डॉक्टर से मिला तो उन्होंने सब ठीक है ,, देखो वो रही रिपोर्ट्स”,दादू ने साइड टेबल पर पड़ी अपनी रिपोर्ट्स की और इशारा करते हुए कहा। मीरा ने रिपोर्ट्स उठाकर देखे और कहा,”रिपोर्ट्स तो सारे नार्मल है आपके”
“वही तो मैं कह रहा हूँ मीरा तुम खामखा परेशान हो रही हो”,दादू ने अपनी चाय अक्षत से बदलते हुए कहा जो की मीठी थी।
“अरे दादू,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने कहना चाहा तो दादू ने कहा,”तुम्हे फीकी चाय पीने की आदत है बेटा”
“हम्म्म ठीक है”,अक्षत ने कहा और दादू की फीकी चाय खुद पीने लगा मीरा जाने लगी तो दादू ने कहा,”अच्छा मीरा सुनो”
“जी दादू”,मीरा ने पलटते हुए कहा
“वो आज मेरा पकोड़े खाने का मन है , बनवा दोगी,,,,,,,,,,,,,,देखो ना मत बोलना अब मेरी रिपोर्ट्स भी नार्मल है”,दादू ने इतने प्यार से कहा की मीरा ना नहीं बोल पाई। मीरा के जाते ही अक्षत ने कहा,”क्या दादू घर के सबसे बड़े मेंबर होकर भी आप मीरा से डरते है ? बूढ़े हो गए है आप”
“ओह्ह्ह डरता तो मैं तेरे बाप से भी नहीं पर क्या है ना इस बच्ची की हर बात मानने का मन करता है”,दादू ने कहा तो जीजू ने उनकी साइड लेते हुए कहा,”हां ये बात तो है दादू मीरा है बड़ी समझदार हमारे अकड़ू साले साहब को सुधार दिया उसने है ना”
“जीजू,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने सोमित को घूरते हुए देखा
“अरे मजाक कर रहा हूँ साले साहब”,जीजू ने अक्षत का कंधा दबाते हुए कहा
“तो फिर आज शाम का प्रोग्राम पक्का रहा ना छत पर”,अक्षत ने चाय खत्म करते हुए कहा
“छत पर नहीं यार , बाहर गार्डन में खुली हवा में ,, मुझसे अब सीढिया चढ़ी नहीं जाती”,दादू ने चाय पीकर कप साइड में रखते हुए कहा
“अच्छा ठीक है घर के पीछे वाले लॉन में वहा कोई आता जाता भी नहीं है”,जीजू ने कहा
“हां ये ठीक रहेगा , अब तुम दोनों जाओ मुझे थोड़ा आराम करने दो”,दादू ने लेटते हुए कहा , जीजू और अक्षत कमरे से बाहर चले आये। हल्का अँधेरा हो चुका था। अक्षत का फोन आने से वह वहा से चला गया , सोमित किसी सोच में डूबे बालकनी में घूमने लगे तनु ने देखा तो उनके पास चली आयी और कहा,”क्या बात है कुछ परेशान दिख रहे है आप ?”
“तनु ऑफिस से वर्मा जी का फोन आया था लिस्ट में मेरा नाम भी रखा है उन्होंने , मुझे नहीं लगता अब ये नौकरी बचेगी”,सोमित ने कुछ उदास होकर कहा
“आप एक बार आशु से बात करके देखिये ना हो सकता है वो कुछ उपाय निकाले , दिल्ली में काफी जान पहचान है उसकी वकीलों से”,तनु ने कहा
“नहीं तनु आशु को मैं परेशान करना नहीं चाहता उसे फ़िलहाल अपनी और मीरा की शादीशुदा जिंदगी में ध्यान देने दो , कितनी मुश्किलों के बाद दोनों मिले है मैं नहीं चाहता उनके बीच फिर से किसी तरह की दूरिया आये”,सोमित ने कहा
“हम्म्म तो अब हम क्या करेंगे ?”,तनु ने चिंता जताते हुए कहा
“कुछ ना कुछ कर लेंगे तनु”,सोमित ने कहा तो तनु ने प्यार से उनके गाल को छुआ और वहा से चली गयी। राधा और मीरा किचन में काम कर रही थी। नीता हॉल में रखे सभी कपडे समेटने में लगी थी। निधि हनी के साथ फोन पर बातो में लगी हुई थी। अक्षत अपने रूम में था। तनु भी किचन में चली आयी और राधा का हाथ बटाने लगी तो राधा ने कहा,” तनु रहने दो हम लोग कर लेंगे”
“करने दीजिये ना मौसी कल सुबह तो हम लोग जा ही रहे है फिर पता नहीं कब आना हो”,तनु ने कहा
“क्या तुम और सोमित जी कल ही जा रहे हो ? कुछ दिन और रुक जाते”,राधा ने कहा
“हां तनु दी कुछ दिन रुक जाईये ना”,मीरा ने भी कहा तो तनु मुस्कुरा दी
उसने मीरा के हाथो को अपने हाथो में लिया और कहने लगी,”जरूर मीरा एक यही घर तो है जहा मैं और सोमित कभी भी आ जा सकते है , सोमित को कुछ काम है इसलिए कल जाना पडेगा”
“मैं समझ सकती हूँ तनु और एक निधि ही मेरी बेटी नहीं है तुम भी मेरी बड़ी बेटी ही हो इसलिए जब मन करे तब यहाँ चली आना”,राधा ने कहा तो तनु उनके गले आ लगी आज कुछ उदास थी तनु लेकिन अपनी उदासी को अपने चेहरे पर नहीं आने दिया। बाते करते हुए सभी किचन में खाना बनाने लगी। रात के खाने के बाद जैसा की तय था जीजू , दादू और अक्षत घर के पीछे वाले लॉन में आ गए। अक्षत ने दादू की पसंद का सारा इंतजाम कर दिया था जिसे देखकर दादू खुश हो गए। तीनो वहा पड़ी कुर्सियों पर आ बैठे। अक्षत ने दादू के लिए पैग बनाते हुए कहा,”दादू पानी के सोढा ?”
“नीट”,दादू ने कहा
अक्षत और जीजू ने हैरानी से दादू को देखा तो दादू ने कहा,”क्या कहा था शाम में तुमने बूढ़ा हु गया हूँ , बनाओ जरा नीट”
“दादू ये बहुत स्ट्रांग है”,अक्षत ने कहा
“अरे तुम बनाओ यार”,दादू ने कहा तो अक्षत ने दो घूँट नीट ही उनकी और बढ़ा दी , दादू एक साँस में पी गए। अक्षत ने जीजू के लिए बनाना चाहा तो जीजू ने खुद ही बनाने का इशारा किया। रघु आकर पकोड़े और सलाद रखकर चला गया। अक्षत ड्रिंक नहीं करता था शादी से पहले उसने दो तीन बार की थी जिसके बाद से उसने कसम खा ली की वह ड्रिंक नहीं करेगा। अक्षत वही बैठकर दादू और जीजू को कम्पनी देता रहा। दो तीन पैग के बाद दादू को चढ़ गयी और वे सोमित जीजू को अपनी और दादी की लव स्टोरी सुनाने लगे। अक्षत ने सूना तो जीजू की और देखकर धीरे से फुसफुसाया,”फिर शुरू हो गयी इनकी लैला मजनू की कहानी , 100-150 बार सून चुका हूँ मैं ये स्टोरी”
“चढ़ गयी है दादू को”,जीजू ने भी फुसफुसाते हुए कहा दादू इन दोनों की खुसर फुसर से बेखबर अपनी कहानी सुनाने में बिजी थे। कुछ देर बाद दादू उठे और कहा,”जेंटलमेंस अब मैं चलता हूँ एन्जॉय योर सेल्फ”
दादू चले गए कुछ देर बाद अक्षत भी उठा और कहा,”जीजू अंदर चले”
अक्षत आगे बढ़ा लेकिन देखा जीजू वही बैठे है। अक्षत वापस आया और बैठते हुए कहा,”क्या बात है जीजू सब ठीक है ना ?”
जीजू अब तक तक तीन पैग पी चुके थे और अक्षत ने जैसे ही पूछा उन्होंने सामने रखा चौथा पैग नीट ही गटक लिया। अक्षत ने आज से पहले उनको ऐसे पीते हुए कभी नहीं देखा था। अक्षत ने उनके हाथ से ग्लास लिया और अपनी चेयर आगे करके उनकी और देखते हुए पूछा,”बताईये क्या हुआ ?”
“कुछ नहीं आशु बस ऐसे ही”,जीजू ने कहा
“देखिये जीजू आप जीजू होने के साथ साथ मेरे अच्छे दोस्त भी है और एक अच्छे एडवाइज़र भी , जिंदगी के कठिन वक्त में आपने हमेशा मुझे गाईड किया है और मैंने हमेशा आपको मुस्कुराते देखा है , पर आज बात कुछ ओर है,,,,,,,,,,,,,,बताईये क्या बात है ?”,अक्षत ने बड़े ही सहज भाव से कहा
जीजू ने ड्रिंक के नशे में इमोशनल होकर अक्षत को अपनी नौकरी से जुडी सारी बातें बता दी , अक्षत ने सूना तो उसे बहुत दुःख हुआ के अब तक उन्होंने उस से ये सब छुपाया। कुछ देर बाद अक्षत जीजू के साथ अंदर चला आया उन्हें उनके कमरे में छोड़कर ऊपर अपने कमरे में चला आया उसे कुछ याद आया और फिर वह काम में लग गया। मीरा अभी निचे ही थी। कुछ देर बाद मीरा ऊपर कमरे में आयी दरवाजा खोलकर जब अंदर आयी तो आँखे हैरानी से फ़ैल गयी पुरे कमरे में चारो और केंडल्स जल रहे थे। उसका पसंदीदा म्यूजिक चल रहा था। मीरा मुस्कुराते हुए अंदर आयी और धीरे से कहा,”अक्षत जी,,,,,,,,,,,,,,,,अक्षत जी”
“शशश्श्श”,साइड में दिवार से पीठ लगाकर खड़े अक्षत ने मीरा से कहा
“ये सब,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,मीरा ने जैसे ही कहा अक्षत ने उसके पास आकर उसके होंठो पर अपनी ऊँगली रख दी और कहा,”तुम्हारे लिए है”
मीरा ने कुछ नहीं कहा बस आकर शीशे के सामने बैठकर अपने बालो को समेटकर जैसे ही उनकी चोटी बनाने लगी तो अक्षत ने उसे रोकते हुए कहा,”मैं कर देता हूँ”
“अक्षत जी हम कर लेंगे”,मीरा ने कहा
“प्लीज मुझे करने दो ना”,अक्षत ने प्यार से कहा तो मीरा ने अपने बालों को छोड़ दिया अक्षत उसके पीछे आ खड़ा हुआ और बड़े प्यार से उसके बालो की उल्टी सीधी चोटी बनाने लगा लेकिन मीरा तो ये देखकर ही खुश थी की अक्षत उसके लिए ये सब कर रहा है। वह मुस्कुराते हुए शीशे में बस अक्षत को देखे जा रही थी अक्षत ने मीरा के बालों की चोटी बनाई मीरा उठी और अक्षत की और पलटकर कहा,”आज आपको बड़ा प्यार आ रहा है मुझ पर”
“हमेशा ही आता है मीरा बस हम लड़के कई बार अपनी भावनाओ को जाहिर नहीं कर पाते”,अक्षत ने मीरा की आखो में देखते हुए कहा
“थैंक्यू”,कहते हुए मीरा ने अक्षत के गाल पर किस कर दिया। अक्षत मुस्कुराया उसने मीरा को अपनी गोद में उठाया और कमरे में लगे झूले वाले चेयर पर लाकर बैठा दिया। अक्षत ने धीरे से पकड़कर झूले को गोल घुमा दिया। म्यूजिक सिस्टम पर धीमी आवाज में कोई गाना बज रहा था और मीरा बस प्यार से घूमते हुए अक्षत को देखे जा रही थी
“इतनी मोहब्बत करो ना , मैं डूब ना जाऊ कही
वापस किनारे पे आना मैं भूल ना जाऊ कही”
मीरा अक्षत के सामने आकर रुकी उसने अक्षत को अपने पास आने का इशारा किया अक्षत आकर उसकी बगल में बैठ गया मीरा ने अपना सर उसके मजबूत कंधे पर रख दिया और आँखे मूँद ली। अक्षत उसकी मौजूदगी को महसूस करता रहा और फिर धीरे से मीरा से कहा,”मीरु”
“हम्म्म !”,मीरा ने आँखे मूंदे हुए कहा
“तुम्हे नहीं लगता चीकू को अब एक बहन की जरूरत है”,अक्षत ने शरारत से कहा
मीरा ने अक्षत की और देखा और शर्म से उठकर जाने लगी तो अक्षत ने उसका हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया और उसे गले लगा लिया। कमरे में जलती केंडल्स अब मध्यम पड़ने लगी थी।
सुबह मीरा उठी तो देखा की अक्षत उस से पहले ही उठ चुका है और अपना बैग पैक कर रहा है। मीरा उठी और कहा,”आप कही जा रहे है ?”
“गुड़ मॉर्निंग मीरा”,अक्षत ने मीरा के सवाल को अनसुना करके कहा
“अक्षत जी आप कही जा रहे है ?”,मीरा ने बैचैन होकर अक्षत के पास आते हुए कहा
अक्षत ने मीरा के कंधो को पकड़ा और उसके चेहरे की ओर देखते हुए कहने लगा,”मैं दिल्ली जा रहा हूँ मीरा , ये मत पूछना इतनी जल्दी क्यों जा रहा हूँ , बस मेरा अभी जाना बहुत जरुरी है”
“ये बात आप मुझे कल भी बता सकते थे”,मीरा ने बड़े प्यार से अक्षत के शर्ट की कॉलर को ठीक करते हुए कहा
“कल बताता तो तुम्हारे साथ इतना अच्छा वक्त नहीं बीता पाता मीरा , मेरे जाने का नाम सुनकर तुम उदास हो जाती बस इसीलिए नहीं बताया और वैसे भी जाने से पहले अपने साथ हमारी कुछ यादें लेकर जाना चाहता था”,अक्षत ने कहा
मीरा ने कुछ नहीं कहा बस प्यार से अक्षत को देखते रही , मीरा को अपनी और देखता पाकर अक्षत कहने लगा,”इस बार आने में थोड़ी देर हो जाएगी मीरा , लेकिन इस बार हमेशा के लिए तुम्हारे पास आऊंगा कभी ना वापस जाने के लिए”
जवाब में मीरा बस अक्षत के गले आ लगी। अक्षत समझ रहा था कही ना कही मीरा को उसके दूर जाने पर दुःख हो रहा था लेकिन ये अक्षत अपने और मीरा के भविष्य के लिए ही कर रहा था। उसने मीरा का सर सहलाते हुए कहा,”मेरे जाने के बाद तुम अपना चाइल्ड होम वापस ज्वाइन कर लेना मीरा उन बच्चो का तुम्हारे सिवा कोई नहीं है , वहा उनके साथ रहोगी तो तुम्हारे सपने को भी एक मौका मिलेगा। दिल्ली से अपना ट्रांसफर यहाँ करवाकर हमेशा के लिए यहाँ आ जाऊंगा,,,,,,,,,,,,,,,,डेड का सपना भी तो पुरा करना है उसकी एक मीटिंग दिल्ली में होगी”
“आप जरूर सफल होंगे और हमारी बिल्कुल चिंता मत कीजिये हमारा ख्याल रखने के लिए यहाँ सब है , बस आप अपने काम पर ध्यान दीजिये”,मीरा ने कहा
अक्षत ने मीरा का सर चूमते हुए कहा,”तुम हमेशा मुझे समझ जाती हो मीरा”
“अब चलिए मैं आपके लिए पैकिंग कर देती हूँ”,कहकर मीरा अक्षत का सामान जमाने लगी , उसे पता था अक्षत को कब क्या चाहिए होता है अक्षत का बैग पैक करके मीरा ने कहा,”मैं आपके लिए नाश्ता बना देती हूँ”
“मीरा”,अक्षत ने थोड़ा उदास होकर कहा
“हम्म्म !”,मीरा ने कहा
“जाने से पहले तुम्हारे हाथ की एक कप चाय मिलेगी”,अक्षत ने कहा तो मीरा की आँखों में नमी तैर गयी लेकिन मीरा ने अक्षत से छुपाते हुए कहा,”बिल्कुल आप नीचे आईये हम बनाते है”
मीरा चली गयी , मीरा से दूर जाने के ख्याल से ही अक्षत थोड़ा सा उदास हो गया। जीजू और तनु दिल्ली वापस जाने की तैयारी कर चुके थे और अपने सामान के साथ हॉल में मौजूद थे एक बार फिर राधा ने उनके साथ जाने के लिए ढेर सारे तोहफे और सामान रख दिया। नीता नाश्ता बना चुकी थी मीरा किचन में आकर अक्षत के लिए चाय बनाने लगी , उसकी आँखों के सामने अक्षत के साथ बिताये पल एक एक करके आँखों में सामने आने लगे। अक्षत जब अपना बैग लेकर नीचे आया तो उसे देखकर सोमित ने कहा,”अरे साले साहब कहे जा रहे हो क्या ?”
“हां जीजू मैं भी आपके साथ दिल्ली जा रहा हूँ”,अक्षत ने अपना बैग बाकि सामान के साथ रखते हुए कहा
जीजू ने सूना तो वे अक्षत के पास आये और कहा,”ये क्या आशु अभी कुछ वक्त पहले ही तुम्हारी और मीरा की शादी हुई है और इतनी जल्दी तू वापस दिल्ली जा रहा है , तुझे मीरा के पास रुकना चाहिए”
“जीजू मुझे पता है मुझे क्या करना है ? वैसे भी मैं अपना ऑफिस दिल्ली से इंदौर शिफ्ट करने वाला हूँ”,अक्षत ने कहा
जीजू ने आगे कुछ नहीं कहा क्योकि उन्हें पता था अक्षत कितना जिद्दी है , अक्षत तनु और जीजू को लेकर डायनिंग टेबल पर आ बैठा और सबके साथ नाश्ता करने लगा। काव्या की तो चीकू से बहुत अच्छी दोस्ती हो चुकी थी इसलिए उसने अक्षत से कहा,”मामू हम चीकू को भी अपने साथ लेकर चले”
“काव्या बेटा चीकू अभी छोटा है ना अपनी ममा के साथ रहता है , जब थोड़ा बड़ा हो जाएगा तब हम इसे अपने साथ लेकर चलेंगे”,अक्षत ने प्यार से काव्या को समझाया तो काव्या ने चीकू की और देखकर मायूस सा मुंह बना लिया।
मीरा अक्षत के लिए चाय लेकर आयी और उसके सामने रख दी। अक्षत चाय पीने लगा एक घूंठ पीते ही मुस्कुराने लगा। मीरा ने देखा तो अपनी भँवे उचकाई अक्षत ने उसकी और आकर धीरे से कहा,”चीनी नहीं है इसमें”
“मीरा को याद आया अक्षत के बारे में सोचते हुए वह चाय में चीनी डालना ही भूल गयी। उसने धीरे से कहा,”सॉरी”
जवाब में अक्षत ने उसके हाथ पर अपना हाथ रख दिया और पलके झपका दी। ये सारा नजारा जीजू अपनी आँखों से देख रहे थे उन्होंने धीरे से तनु से कहा,”एक पल नहीं रह सकते ये दोनों एक दूसरे के बिना ये जानते हुए भी आशु वापस दिल्ली जा रहा है”
“सोमित पिछले एक महीने से वो अपने काम से दूर है , उसे जाना चाहिए”,तनु ने कहा
“हुंह्ह तुम भी अक्षत की तरह बात करने लगी हो”,जीजू ने कहा जबकि उन्हें डर था कही दिल्ली में रहकर अक्षत को उनके बुरे हालातो के बारे में पता न चल जाये।
Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10 Haan Ye Mohabbat Hai – 10
क्रमश – हाँ ये मोहब्बत है – 11
Read More – हाँ ये मोहब्बत है – 9
Follow Me On – facebook | instagram | youtube
Buy This Book Here – archanapublication
संजना किरोड़ीवाल
Very beautiful part,shayad aksh somit ki kujh help krde, superb part ❤️❤️
Lovely ❤❤
♥️♥️♥️♥️Yaar ..,yeh Akshat dilli kyun ja raha hai…piche se agar Mona Lisa ne Meera ke saath kuch ulta sulta kar diya toh …😔😔nice part..😊😊
Akshat ke Jane ke bad meera k upar hone vale hamlo se use kon bachayega
Meera aur Akshat ke aakho hi aankho me Jo pyar h mashaallh us par kisi ki najar na lge
Ma’am really admire your story such a wonderful story …big fan ❤️❤️
Maam aap bhut hi acha likhti ho
Ab meera k gadbad suru hogi…quki Akshat nhi h na…
Very Beautiful Part 👌❤️❤️
अक्षत का जाना मतलब मीरा पर मुसीबतौ का आना 🙏