Sanjana Kirodiwal

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मेरी आख़री मोहब्बत – 17

Meri Aakhari Mohabbat – 17

Meri Aakhari Mohabbat
Meri Aakhari Mohabbat by Sanjana Kirodiwal

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Meri Aakhari Mohabbat – 17

आकाश – पाखी जी , कुछ गाने बजाने का इंतजाम भी है या नहीं ऐसे बैठे बैठे तो हम बोर हो जायेंगे …

– जीजू आप हमे सिर्फ 15 मिनिट दो हम अभी आते है

कहकर पाखी चली गयी थोड़ी देर बाद पाखी वापस आयी और सबको अपने साथ चलने को कहा सभी पाखी के साथ साथ चल पड़े घर के पीछे के बगीचे में बड़े बड़े स्पीकर लगे थे उनसे कुछ दूरी पर बहुत सी कुर्सियां पड़ी थी उनसे आगे दायी तरफ सबसे खूबसूरत दो कुर्सियां रखी थी जो किन्ही स्पेशल लोगो के लिए थी ,, गार्डन में कुछ लोग पहले से मौजूद थे

जिनमे बहने जीजा भाई भाभियाँ और उसकी सहेलिया शामिल थी पाखी के साथ आये आकाश के भाईयो और दोस्तों को भी पाखी ने बैठने को कहा सब बैठ चुके थे अब बारी थी सपना और आकाश की .. पाखी ने आकाश को रुकने को कहा और खुद सपना को लेने चली गयी ,,,, सब के दिमाग में बस एक ही ख्याल आ रहा था की आखिर पाखी क्या करने वाली है सब बेसब्री से पाखी का इन्तजार कर रहे थे तभी सारी लाईटे हलकी हो गयी और स्पीकर के सामने माइक हाथ में लिए कोई खड़ा था ,,

वो धीरे धीरे चलके आयी और रुक गयी रौशनी आकर उसके कदमो में गिरी और धीरे धीरे ऊपर उठती गयी सबकी नजरे उधर ही थी हर कोई जानने को बेताब था की वो कौन थी सबको एक चमचमाता पिंक लहंगा नजर आया जैसे ही लाइट उसके चेहरे तक पहुंची सब दंग रह गए ,,

वो कोई और नहीं बल्कि पाखी थी पिंक कलर का लहंगा पहने बालो को समेट कर जुड़ा बना रखा था कानो में झुमके होठो पर बड़ी सी मुस्कान लिए वो खड़ी थी वो इतनी प्यारी लग रही थी की सब उसे देखते रह गए शिव तो पलके झपकना तक भूल गया तभी उसने बोलना शुरू किया

– आप सभी को पाखी का प्यार भरा नमस्कार !! जैसा की सब जानते है मेरी प्यारी सी बहन सपना जो की मेरे हैंडसम से जीजू की बेगम साहिबा बनने वाली है , मेरा मतलब जीजू की नाक में दम करने वाली है , तो मैंने सोचा क्यों न आजकी रात को थोड़ा यादगार बनाया जाये

सभी पाखी की बातो से हंसने लगे और सपना हँसते हुए उसे घूरने लगी फिर जोर से हंस दी

– स्वागत कीजिये आज के हमारे सबसे क्यूट और खूबसूरत कपल का – पाखी कहकर साइड हट जाती है आकाश सपना का हाथ पकड़े उसे फ्लोर पर लाता है सब तालिया बजाने लगते है

तभी सबकी नजर एक बार फिर पाखी की तरफ चली जाती है वो घर की बड़ी मौसी को गार्डन में आने से रोक रही थी फिर कमर पर दोनों हाथ रखके कहा – मौसी बड़े बुजुर्ग नॉट अलाउड

सब हसने लगे और मौसी भी चली गयी …… शिव पाखी का डाटना देखकर मुस्कुराने लगा उसने इतने प्यार से आज तक किसी को डाटते नहीं देखा था … वो उठकर सबसे आगे वाली कुर्सी पर आ गया ताकि पाखी को करीब से देख सके ..

सपना और आकाश फ्लोर पर खड़े थे तभी पाखी ने गाना प्ले किया

“है साथ आये वो , मन में समाये वो , उनको जो भाये वो हम लेंगे

सपना और आकाश डांस करने लगे ,, सब तालिया बजा रहे थे पर पाखी सबसे ज्यादा सीटिया बजा रही थी शिव की नजर आकाश सपना पर कम और पाखी पर ज्यादा था उसे पाखी वहा सबसे अलग लग रही थी

आकाश सपना के डांस के बाद वो दोनों अपनी स्पेशल कुर्सियों पर जाकर बैठ गए

उन दोनों के बाद सपना की बड़ी बहन और जीजाजी ने डांस किया फिर गुड्डू दी की बारी आयी तो उन्होंने अपने बच्चे को पाखी को पकड़ा दिया , लेकिन लहंगे की वजह से पाखी को उसे सम्हालने में परेशानी हो रही थी शिव ने देखा तो वो पाखी के पास चला गया और उस से कहा – may i

पाखी ने बच्चे को उनकी गोद में दे दिया शिव उसे लेकर अपनी जगह पर आकर बैठ गया …

बारी बारी से सब डांस करने लगे फिर सबने पाखी से डांस करने को कहा शिव अभी भी बच्चे को सम्हालने में बिजी था तभी दीदी आयी और शिव को थेंकयू बोल्ट हुए बच्चे को ले लिया पाखी फ्लोर पर आय तो आकाश ने पास पड़ा फूल उठाकर शिव की तरफ फेका शिव ने बिना देखे फूल सामने फेक दिया और फूल जाकर पाखी को लगा

जैसे ही गाना प्ले हुआ शिव की नजर पाखी पर पड़ी और वो आकाश की तरफ देखने लगा आकाश शिव को देखकर हंस रहा था

गाना चला – दीदी तेरा देवर दीवाना , हाय राम कुडियो को डाले दाना ….

पाखी जबरदस्त ठुमके मार रही थी शिव की नजरे तो जैसे उस पर ठहर सी गयी

वहा बैठे सभी बोलने लगे सपना का देवर कौन है वो भी आ जाओ सामने

आकाश ने शिव को जाने का इशारा किया लेकिन शिव ने ना में गरदन हिला दी , तभी आकाश का छोटा भाई उठकर जैसे ही जाने लगा शिव ने उसे रोक दिया और खुद आगे बढ़ गया शिव के आते पाखी जैसे ही घूमकर दूसरी तरफ गयी उसके गले में पड़ा दुपट्टा शिव के हाथ में आ गया

और उसी वक्त आकाश ने गाना चेंज कर दिया – दूल्हे की सालियो हरे दुप्पटे वालियों

दोनों ने बहुत अच्छा डांस किया तभी अचनाक डांस करते हुए पाखी का पैर फिसल गया उसे गिरता देख शिव ने उसकी कमर में हाथ डाल उसे गिरने से बचा लिया दोनों एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे की गाना फिर चेंज हो गया इस बार गाना सपना ने चेंज किया था – बांहो के दरमियान दो प्यार मिल रहे है

गाना दोनों की सिचुएशन से बिलकुल मैच हो रहा था ,, इन सब से अनजान ऊपर छत पर बच्चे फूलो से खेल रहे थे उन्होंने सारे फूल निचे फेक दिए वो आकर पाखी और शिव पर गिरने लगे ,, वहा मौजूद हर चीज उनका साथ दे रही थी कुछ लोग उन दोनों को साथ देख खुश थे और कुछ के कलेजे पर सांप लौट रहे थे की उन्हें ये मौका क्यों नहीं मिला फिर अचानक पाखी को कुछ याद आया और वो सम्हल गयी सब तालिया बजाने लगे आकाश सपना के लिए वो रात यादगार थी या नहीं लेकिन शिव के लिए जरूर बन चुकी थी …

दोनो एक दूसरे से नजरे बचाते इधर उधर देख रहे थे तभी आकाश और सपना भी फ्लोर पर आ गए , उन्होंने बिट्टू दी गुड्डू दी दोनों जीजाजी भैया भाभी को भी फ्लोर पर बुला लिया फिर सब एक साथ डांस करने लगे सपना ने देखा आज इतने दिनों बाद पाखी पहली बार वो पाखी लग रही है जो 4 साल पहले थी बेपरवाह खुशमिजाज

और मासूम सपना ने आकर पाखी को गले लगा लिया तो पाखी ने कहा- अब तो खुश हो ना तुम

– हाँ बहुत खुश हु मैं – सपना ने कहा

डांस ख़त्म होते होते रात के 1 बज चुके थे तभी बड़े मामाजी ने सबको अंदर आ जाने को कहा ,, फेरो की रस्मे शुरू जो होने वाली थी ,, मामाजी ने पाखी से कहा – पाखी बेटा छोटे मांमाँ के घर में फूलो की टोकरिया रखी तुम जरा ले आओगी

– जी मामाजी हम ले आएंगे आप जाईये

पाखी छोटे मामाजी के घर की तरफ जाने लगी तो शिव ने कहा – क्या मैं आपकी मदद के लिए साथ चल सकता हु

– ठीक है चलिए ..

दोनों छोटे मामा की तरफ चले गए पाखी उन्हे रुकने को कहकर अंदर चली गयी और फूलो की टोकरी लाकर शिव को थमा दी और फिर दूसरी टोकरी खुद लेकर उसके साथ साथ चलने लगी ,, शिव बार बार पाखी की तरफ देख रहा था और पाखी उस से बेखबर चली जा रही तभी बच्चे दौड़ते हुए आये और दोनों के पास से निकल गए जिससे शिव और पाखी और करीब आ गए ..

शिव चाहता था पाखी हमेशा उसके करीब रहे …शिव पाखी के ख्यालो में गुम ही था की तभी आकाश के ताऊजी का लड़का अमित पाखी के पास आया और उसके हाथ से फूलो का टोकरा ले लिया और कहा – हमारे होते आप काम करे अच्छा नहीं लगता

शिव अमित को देख चौंक गया और सोचने लगा ये कब हो गया जो इंसान किसी को एक ग्लास पानी तक नहीं देता आज वो यहा काम कर रहा है उसने अमित को देखा उसकी आँखे बस पाखी पर ही टिकी थी शिव को समझते देर नहीं लगी ये सब पाखी का कमाल था तभी अमित बाबू लट्टू बने घूम रहे है खैर तीनो शादी वाली जगह पहुंचे पाखी अंदर सपना के पास चली गयी शिव और अमित मंडप में आकाश के पास बैठ गए ,,,

कुछ देर बाद पाखी सपना को लेकर मंडप में आ गयी इस बार फिर से वो नीले रंग की साडी में थी शिव तो बस उसे देखता ही रह गया ना जाने और कितने रंग दिखाएगी ये अपने शिव ने देखा अमित भी आँखे फाडे पाखी की तरफ ही देख रहा है ,, शिव ने पाखी को बैठने की लिए जगह दी लेकिन पाखी सपना को आकाश के पास बैठाकर बाहर की तरफ जाने लगी

सपना ने पाखी का हाथ पकड़ लिया तो सपना ने नम आँखों के साथ न में गर्दन हिला दी सपना ने उसका हाथ छोड़ दिया और पाखी बाहर चली गयी शिव को बड़ा अजीब लगा अब तक जो पाखी शादी के हर रस्म में थी अब यहां से यु अचनाक क्यों चली .. शिव ने आकाश के कान में कुछ कहा और बाहर चला गया

शिव के जाते ही अमित भी जाने के लिए उठा तो आकाश ने उसे रोक लिया और कहा तू यही रुक मेरे पास

अमित मन मारकर वापस बैठ गया ,,, बाहर शिव पाखी को ढूंढ़ने लगा लेकिन वो उसे कही दिखी नहीं वो परेशान सा हो गया तभी उसे कुछ याद आया और वो पीछे बगीचे की तरफ चला गया उसने देखा पाखी अकेले वहा कुर्सी पर बैठी थी

शिव भी जाकर उसके पास बैठ गया

– आप यहाँ अकेले?

पाखी ने पलके उठा के देखा सामने शिव था उसने अपनी आँखों के किनारो को साफ करते हुए कहा – आप कब आये ?

शिव – बस अभी अभी

– पर आपको तो वहा आकाश जीजू के पास होना चाहिए था ना

शिव – वहा और बहुत लोग है , पर आप यहाँ अकेली थी तो चला आया ,, पर आप यहाँ क्या कर रही है ?

– मुझे शादी देखना पसंद नहीं है , इसलिए

शिव को पाखी का जवाब बड़ा अजीब लगा फिर उसने पाखी से को सवाल नहीं किया

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