Sanjana Kirodiwal

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मेरी आख़री मोहब्बत – 10

Meri Aakhari Mohabbat – 10

Meri Aakhari Mohabbat
Meri Aakhari Mohabbat by Sanjana Kirodiwal

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Meri Aakhari Mohabbat – 10

मनु की तरह पाखी भी खुद को रोक नहीं पायी , वो मनु के साथ जीतना खुश रहती थी उतना किसी के साथ नहीं , घरवाले भी खुश थे की पाखी अब इतना परेशान नहीं है , सुमित की शादी में बस 4 दिन ही बाकि थे और मनु इन 4 दिनों में पाखी को ये अहसास दिलाना चाहता था की वो पाखी से कितना प्यार करता है ,, शादी के घर में मेहमानो का आना जाना लगा था लेकिन मनु की नजर घुम फिरकर पाखी पर चली जाती ,,

शाम को डांस प्रोग्राम था सबके बार बार कहने पर जब पाखी ने डांस किया तो मनु तो बस देखता ही रह गया , पहली बार उसने पाखी को डांस करते देखा था कमरे के कोने में खड़ा मनु बड़े प्यार से पाखी को देख रहा था , और बाहर खड़े लोग मनु को , पाखी को देखते हुए एक स्माइल उसके चेहरे पर जो आगयी थी ,, रात होने पर सब अपने घर चले गए पर मनु चाहता था पाखी ना जाये वो घंटो उसे बस देखते रहना चाहता था ,,,

अगले दिन पूजा ने सुबह सुबह पाखी को घर बुला लिया ताकि उसके साथ मार्किट जाकर जरुरी सामान ला सके , पाखी सुबह जल्दी आ गयी मनु नहाने जा रहा था तभी पाखी को देख वापस पूजा के रूम में आकर बैठ गया

पूजा ने उसे आँखे दिखाते हुए कहा – तुझे नहाने नहीं जाना , गांव जाना है मम्मी ने बुलाया है न तुझे

– हम्म !! जा रहा हु कहते हुए मनु नहाने चला गया..

पूजा ने पाखी को सारी लिस्ट बता दी और साथ चलने को कहा पाखी और पूजा के सात पूजा की ननद रीना भी साथ आ गयी तीनो मार्किट में खरीदारी करने लगी घर से फोन आ रहे थे जल्दी आने के लिए तभी पूजा ने कहा की उसे एक ब्रासलेट खरीदना है

तीनो शॉप पर गयी और ब्रासलेट देखने लगी पूजा को कुछ समझ नहीं आया तो उसने मनु को फोन किया मनु ने रेट और डिज़ाइन बताने के बाद फोन पाखी को देने के लिए कहां पाखी को फोन देकर पूजा अपने लिए और सामान देखने लगी

मनु ने पाखी से कहा – सुनो !! अपने लिए एक रिंग ले लेना

– पर क्यों ?

मनु – क्युकी मैं कह रहा हु , चुपचाप एक रिंग लो !

– मेरे पास बहुत है

मनु – तुम्हे मेरी कसम

पाखी ने कुछ नहीं कहा और फोन पूजा को दे दिया फिर अपने लिए रिंग देखने लगी , दो दिलो से आपस में जुडी रिंग पाखी को पसंद आयी उस वो खरीद ली और घर आ गयी ,, घर आने पर उसे मनु दिखाई नहीं दिया , उसकी नजरे बार बार उसी को तलाश रही थी लेकिन मनु वहा नहीं था वो सुबह ही अपने घर के लिए निकल गया था पूजा ने जब पाखी को उदास देखा तो उस से कहने लगी

– मम्मी ने घर बुलाया था उसे, कल सुबह मम्मी पापा और बाकि लोगो के साथ वो भी आजायेगा, अभी तू घर जा और जल्दी से तैयार होकर आजा महिला संगीत की तयारी भी करनी है,

पाखी घर आ गयी और बेमन से तैयार होने लगी मनु उसे कही नजर नहीं आ रहा था , फिर भी वो तैयार होकर वहा पहुंच गयी सब डांस कर रहे थे , ख़ुशी मना रहे थे पाखी भी इन सब में खो गयी , पूजा की छोटी ननद रीना और बड़े चाचू के साथ पाखी ने खूब ठुमके लगाए ,, सबकी नजरे बस पाखी पर ही टिकी थी , आज कितने दिनों बाद सबने उसे इतना खुश देखा था

पाखी वही रुक गयी पूजा के पास डांस के बाद पाखी को सुमित को मेहँदी जो लगानी थी, पूजा ने अपने कमरे में ही ब्यूटी पार्लर खोल लिया वो घर की औरतो का फेसिअल करने लगी और पाखी सुमित को मेहँदी लगा रही थी..

सुमित जल्दी जल्दी मेहँदी लगवाकर बाहर चला गया , अब कमरे में सिर्फ औरते ही थी हंसी मजाक के साथ जोर जोर से है भी रही थी, कोई किसी की टांग खींच रहा था तो कोई मजे ले लेकर हिस्सा ले रहा था, पर पाखी का मन कही और ही था उसने घडी में टाइम देखा 9 बज रहे थे

लगता है मनु कल ही आएगा सोचकर उसने अपनी आंखे बंद की और दिवार से सर लगा लिया , पूजा उसकी परेशानी समझ रही थी उसने धीरे से कहा – पाखी सर दुःख रहा है क्या

– नही बस ऐसे ही थकान सी हो रही थी

तभी कमरे का दरवाजा खुला सामने बैग टांगे मनु खड़ा था वो बेपरवाह सा बिना किसी को देखे पाखी की तरफ बढ़ा और कहने लगा – सॉरी आने में थोड़ी देर हो गयी

तभी मनु की नजर बाकि लोगो पर पड़ी सब आँखे फाडे उसी को देख रहे थे वो झेंप गए और तुरंत बाहर निकल गया थोड़ी देर बाद सब डांस देखने बाहर चले गए , कमरे में बस पूजा रीना और पाखी ही थे , पाखी रीना को मेहँदी लगा रही थी , और पाखी सारा सामान व्यवस्थित करने में लगी थी, रीना के जाने के बाद

बड़े चाचू और मनु भी आ गए मनु पाखी के सामने आकर बैठ गया थोड़ी देर बाद उसने पाखी की तरफ एक बॉक्स बढ़ा दिया पाखी ने खोल कर देखा तो उसमे एक लाल रंग की साड़ी थी , पाखी ने तीनो की तरफ देखा तो तीनो मुस्कुरा रहे थे ,, पाखी ने लेने से मना कर दिया तो मनु ने फिर अपनी कसम दे दी पाखी को साड़ी रखनी पड़ी …

पूजा और बड़े चाचू दोनों चाहते थे की पाखी मनु एक दूसरे को अपना ले और दोनों पूरी कोशिश भी कर रहे थे लेकिन पाखी ने अभी तक अपने कदम आगे नहीं बढ़ाये थे ,, मनु बस प्यार से पाखी को देखे जा रहा था …

सबने मेहँदी लगवा ली रात के 3 बज रहे थे , मनु अब भी जाग रहा था … फिर अचनाक उसने अपना हाथ आगे कर दिया

पूजा और पाखी को कुछ समझ नहीं आया तो पूजा ने कहा – तुझे भी मेहँदी लगवानी है ?

उसने हां में गर्दन हिला दी .. पाखी ने उसका हाथ अपने हाथ में लिया और उसकी तरफ देखा तो वो शरारत से बोला – तुम्हारे हाथ में मेरा हाथ कितना अच्छा लगता है न ..

पाखी चुप रही फिर कहा – क्या बनाना है

– कुछ ऐसा जो हमेशा मेरे साथ रहे

पाखी मुस्कुरायी और फिर उसकी सख्त हथेलि पर “pakhi” लिख दिया ,, मनु के चेहरे पर मुस्कराहट फ़ैल गयी ..

पाखी काफी थक गयी थी उसे नींद भी आने लगी तो उसने पूजा से घर जाने को कहा

– इतनी रात में अकेले कहा जाएगी अभी यही सो जा सुबह चली जाना , पर पाखी नहीं रुकी तो पूजा उसे घर तक छोड़ने चली गयी मनु को पाखी का जाना अच्छा नहीं लगा पर वो उसे रोक भी नहीं पाया….

सारी रात लेटा लेटा हथेली में लिखे पाखी के नाम को देखता रहा और उसके बारे में सोचता रहा …

सुबह हो चुकी थी हमेशा देर से उठने वाला मनु आज सबसे पहले उठ गया था .. 8 बजे तक इधर उधर घूमने के बाद उसने पाखी को फोन किया

उधर से आवाज आयी

– हेलो

मनु – हेलो , उठी नहीं अभी तक

– हम्म्म,

मनु – उठो और जल्दी से तैयार होकर घर आ जाओ आज मम्मी पापा आने वाले है , मैं तुम्हारे बारे में उनको बताने वाला हु और जो साड़ी मैंने खरीदी है वही पहन कर आना …

मनु की बात सुनकर पाखी की आँखे एकदम से खुल गयी .. वो घबरा गयी उसने मनु से कहा – तूम ये सब क्या कर रहे हो , पापा को कुछ मत बताना प्लीज़ उन्हें बिलकुल अच्छा नहीं लगेगा ..

मनु – मुझे कुछ नहीं पता , मम्मी को मैं पहले ही बता चूका हु सब बस पापा से कहना बाकि है , और तुम जल्दी से तैयार होकर घर आ जाओ ,, वो लोग 10 बजे तक आ जायेंगे .. कहकर मनु ने फोन काट दिया

पाखी परेशान सी उठी और नहाने चली गयी ,, बाथरूम से बाहर आकर उसने मनु की लायी लाल साड़ी पहनी , हाथों में चुडिया , कानो में बलिया पहन कर वो बहुत खूबसूरत लग रही थी ,, अचनाक उसे कुछ याद आया उसने सिंदूरदान से सिंदूर निकालकर मांग में लगाया ,,

यही तो थी उसकी असलियत जो इन दिनो वो भूल चुकी थी … पाखी पूजा के घर जा ही रही थी की रास्तें में उसे मनु के पापा मिल गए , पूजा ने उनके पैर छुए और मुस्कुराती हुयी बोली – आप कब आये ?

बस अभी अभी , लेकिन तुम कहा थी अब तक – मनु के पापा ने शिकायत करते हुए कहा

बस यही थी – पाखी झेंप गयी

तभी मनु के पापा पाखी का हाथ पकड़ते हुए कहा – चलो तुम्हे किसी से मिलवाता हु ..

पाखी उनके साथ साथ चल दी घर के बाहर लगे टैंट में कुछ औरते बैठी थी जो पूजा के पीहर से आयी थी मनु के पापा पाखी को लेकर उन ओरतो के बिच गए और कहने लगे – इस से मिलो ये है मेरी दूसरी बेटी पाखी ,

पाखी अवाक् सी खड़ी उनकी तरफ देखने लगी ,, पर उसे ख़ुशी थी की आज उसे एक पिता भी मिल गए थे …

सब बस पाखी को ही देखे जा रहे थे,

फिर मनु के पापा ने कहा – बेटा यहाँ बहुत गर्मी है घर में चलकर ठंडा सा पानी पीते है और पूजा से भी मिल लूँगा

पाखी उनके साथ घर आ गयी , उनको पूजा के कमरे में बैठाकर खुद उनके लिए पानी लेने चली गयी .. पीछे पीछे मनु भी आ गया पाखी जैसे ही पानी लेकर मुड़ी सामने मनु को देखकर चौंक गयी

– एक ग्लास पानी मिलेगा- मनु ने कहा

पाखी ने ग्लास आगे बढ़ा दिया लेकिन मनु ने नहीं लिया और कहा – पहले तुम पीओ

पाखी ने घुरा तो उसने फिर कहा पाखी को कुछ समझ नहीं आया तो उसने पानी पि लिया तो मनु ने कहा – लाओ अब मुझे दे दो ..

– पर ये मेरा जूठा है

मनु – इसलिए तो मांग रहा हु , मैंने कही पढ़ा था झूठा पिने से प्यार बढ़ता है ..

पाखी उसे घूरते हुए वहा से निकल गयी , थोड़ी देर बैठ के मनु के पापा से बात करती रही ,,फिर उन्होंने उठते हुए कहां – अच्छा बेटा अभी मैं मेहमानो के बिच जाता हु रश्मे शुरू होने वाली ही वो निकलने वाले थे की मनु ने जैसे ही कुछ बोलने के लिए मुँह खोला पाखी ने उसके मुँह पे हाथ रख दिवार की तरफ धकेल दिया

मनु के पापा ने पीछे मुड़कर देखा कोई नहीं था और वो चले गए .. पाखी अब भी मनु का मुँह अपने हाथ से बंध किये हुई थी दोनों एक दूसरे के बहुत करीब थे , ये पहली बार था जब मनु पाखी के इतना करीब था ,, फिर अचनाक से पाखी मनु से दूर हो गयी और और कहा – प्लीज़ उनसे कुछ मत कहो

पाखी बाहर चली गयी ..

थोड़ी देर में सब मेहमान इकट्ठा हो गए पूजा सबको तिलक कर रही थी , पूजा की ननदे और पाखी भी वही खड़ी थी ,,

पाखी के सामने मनु और मनु का दोस्त सनी था , तभी सनी ने पाखी को देखते हुए कहा – यार ये लाल साड़ी वाली लड़की कौन है , बहुत मस्त लग रही है

मनु को पहले तो गुस्सा आया फिर हँसते हुए बोला – साले तमीज से भाभी है तेरी

मनु की बात सुनकर सनी का मुँह खुला रह गया और बोला – तुझे इतनी खूबसूरत लड़की मिली कहा से , चल वो छोड़ मिलवा तो दे उस से ..

मनु ने पाखी को आवाज लगायी ..

पाखी के आने के बाद मनु ने कहा – पाखी ये मेरा दोस्त है सनी !! तुमसे मिलना चाहता था

सनी ने अपना हाथ जैसे ही आगे बढ़ाया पाखी ने अपने दोनों हाथ जोड़कर कहा – नमस्ते , आपसे मिलकर ख़ुशी हुयी

सनी ने वापस हाथ अपनी जेब में डाल लिया पाखी चली गयी पाखी के जाते ही मनु जोर जोर से हसने लगा

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