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मेरी आख़री मोहब्बत – 13

Meri Aakhari Mohabbat – 13

Meri Aakhari Mohabbat
Meri Aakhari Mohabbat by Sanjana Kirodiwal

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Meri Aakhari Mohabbat – 13

इधर पाखी के ना आने की वजह से सब परेशान थे , मनु को पाखी पर बहुत गुस्सा आ रहा था पर साथ ही उसकी चिंता भी हो रही थी कही वो अपने साथ कुछ गलत ना कर ले .. पर वो समझती क्या है खुद को बिना बताये कही भी चली जाएगी आने दो उसको मैं बताता हु

मनु परेशान सा इधर उधर टहल ही रहा था की उसने देखा अँधेरे में एक लड़की चली आ रही है ,, है वो पाखी ही थी जैसे ही वो पास आयी मनु ने उसके गाल पर एक थप्पड़ रसीद कर दिया और उसका हाथ पकड कर अपने सीने पर रखा , उसकी धड़कने बहुत तेज चल रही थी

मनु – महसूस हुआ कुछ , अगर थोड़ी देर और नहीं आती तो मेरी जान निकल जाती ,, कहा गयी थी इतनी रात को अकेले , तुम्हारी वजह से सब कितने परेशांन हो गए अंदाजा भी है तुम्हे , और करना क्या चाहती थी तुम मरना चाहती हो , तो मर जाओ पर मुझे साथ लेके , तुमने एक बार भी मेरे बारे में नहीं सोचा

मनु पाखी को डांटे जा रहा था और वो मुस्कुराती हुयी उसे देखे जा रही थी , मनु की आँखों में उसे खो देने का दर्द साफ झलक रह था .. पाखी ने अपने कान पकड़ लिए और सबसे माफ़ी मांगने लगी .. वाणी खुश थी बहन की वापसी में वो अंदर चली गयी ,, चाचू ने पाखी को डांट लगायी और दोबारा ऐसा न करने की हिदायत दी फिर मनु से घर चलने को कहा मनु अब भी पाखी को घूरे जा रहा था फिर उसका हाथ अपने हाथ में लेकर कहा

– ऐसा क्यों किया

पाखी ने एक बार फिर सॉरी कहा तो मनु ने उसका हाथ अपने सर पर रखते हुए कहा – प्रॉमिस कर दोबारा ऐसा नहीं करेगी , मुझे छोड़ के नहीं जाएगी ..पाखी के प्रॉमिस करने के बाद ही मनु घर गया

अगले दिन मम्मी के आने पर जब उनको पाखी के घर से जाने की बात पता चली तो उनका दिल बैठ गया .. उनको लगा कही तनाव में आकर पाखी अपने साथ कुछ गलत ना कर ले पाखी के बड़े चाचा उसी शहर में रहते थे माँ ने उसे कुछ वहा भेजने का सोचा और अगले ही दिन उसे चाचा के घर भिजवा दिया , वहा वो सबकी निगरानी में भी रह सकती थी और शायद कुछ गलत न करती ..

पाखी आ तो गयी लेकिन मनु को बिना बताये , उधर जब पाखी उसे नही दिखी तो वो परेशान हो गया उसने तुरंत उसे फोन किया

– हेलो

मनु – कहा हो तुम ?

– बड़े चाचाजी के घर

मनु – वहा क्या कर रही हो

– मम्मी को लग की मैं परेशान हु इसलिय कुछ दिन यहाँ रहने के लिए भेज दिया

मनु – वापस कब आओगी ?

– कुछ कह नहीं सकती ..

मनु – मुझे तुमसे मिलना है अभी

– पॉसिबल नहीं है ,

मनु परेशान हो जाता है तो पाखी कहती है

मनु मुझे सिर्फ तुमसे 6 महीने चाहिए इन 6 महीनो में शायद सब सही हो जायेगा , तब तक तुम्हे मुझसे दूर रहना होगा मैं जानती हु ये तुम्हारे लिए बहुत मुश्किल है लेकिन ये जरुरी है … अगर तुम मेरे साथ रहे तो घरवाले कभी विनीत को मुझसे अलग नहीं होने देंगे , मैं नहीं चाहती मेरे तलाक की वजह लोग तुम्हे ठहराए …

मनु चुपचाप पाखी की बात सुनता रहा

पाखी – तुम मेरा साथ दोगे ना मनु

मनु – मैं हमेशा तुम्हारे साथ हु , लेकिन सिर्फ 6 महीने उसके बाद मैं तुम्हे ले जाऊंगा …

पाखी – हम्म्म्म

एक लम्बी ख़ामोशी के बाद फोन कट गया मनु पूजा के कमरे में बैठा था तभी पूजा आयी मनु का उदास चेहरा देख उसने पूछ लिया

पूजा – क्या हुआ ? ऐसे क्यों बैठा है

मनु – पाखी अपने चाचा के घर चली गयी है वापस नहीं आएगी

पूजा – मनु !! तुम दोनों का रिश्ता हसी मजाक तक सही है लेकिन कोई इसे स्वीकार नहीं करेगा तुम उसे भूल जाओ

मनु – ये कैसी बात कर रही हो आप दी , मैं उस से प्यार करता हु , और वो भी ……. और आप तो सब जानती है फिर भी ऐसी बाते कर रही है

पूजा – मैं सही बोल रही हु मनु , मैं जानती हु तुम दोनों एक दूसरे को बहुत चाहते हो लेकिन तुम दोनों की शादी नही हो सकती , मम्मी पापा एक बार को मान भी जाये लेकिन दादाजी ………….. दादाजी कभी इस रिश्ते को मंजूरी नहीं देंगे और पापा कभी उनके खिलाफ जाकर कोई काम नहीं करेंगे

मनु – उस से मुझे फर्क नहीं पड़ता , मैं एक बार अपनी गलती की वजह से उसे खो चूका हु वापस नहीं खोना चाहता ..

पूजा – समझने की कोशिश कर मनु , वो पहले से शादीशुदा है और कल को अगर तेरी उस से शादी हो भी जाये तो उसके साथ साथ सब तुझे गलत समझेंगे .. उसपर उंगलिया उठाएंगे

पूजा की इस बात से मनु चुप हो जाता है वो काफी देर उसे समझाती है और फिर मनु उठकर बाहर चला जाता है मनु अपने खास दोस्त मुकेश को फोन करता है और उस अपने और पाखी के बारे में सब बताकर उस से एडवाइस मांगता है

मुकेश – तू जो सोच रहा है वो इतना आसान नहीं है मनु , वो पहले से शादीशुदा है और अभी उसका तलाक भी नहीं हुआ है और तू उस से शादी करने की सोच रहा है , मेर हिसाब से तो उस लड़की को वापस अपने घर जाना चाहिए ,, और वैसे भी जो लड़की अपने पति की नही हो सकी वो तेरा कहा तक साथ निभाएगी …

इसलिए ये प्यार व्यार के चक्कर में पड़कर अपनी जिंदगी खराब मत कर उसे समझा बुझा कर घर वापस जाने को बोल , अगर फिर भी न समझे तो उसे इग्नोर करना शुरू कर दे वो अपने आप तुझसे दूर हो जाएगी …

पूजा की तरह मुकेश ने भी मनु को काफी देर समझाया .. मनु को मुकेश की बात सही लगने लगी न चाहते हुए भी उसे लगने लगा पाखी गलत थी , वो क्यों एक ऐसी लड़की से शादी करेगा जो पहले से शादी शुदा है उसे तो और कोई अच्छी लड़की मिल जाएगी ,,

लेकिन मैं उसे लोगो की नजरो में गिरने नहीं दे सकता चाहे खुद गिर जाऊ , ऐसा कुछ नहीं होने दूंगा जिस से उसके दामन में कोई कीचड़ उछाले , मैं उसकी नजरो में गलत ho जाऊंगा लेकिन उसे किसी के गलत नजरो का निशाना नहीं बनने दूंगा …

शाम तक मनु घर से बाहर ही घूमता रहा , पूजा घर पर उसका इन्तजार कर रही थी ,, 8 बजे तक मनु घर आ गया और आते ही पूजा से कहा – मैं पाखी से हमेशा हमेशा के लिए दूर हो जाऊंगा , अगर मेरी वजह से लोग उस पर ऊँगली उठाते है तो मैं हट जाऊंगा उसके रास्ते से , चला जाऊंगा उसकी जिंदगी से हमेशा हमेशा के लिए दूर ,

,बस वो खुश रहनी चाहिए जानता हु वो टूट जाएगी लेकिन वो इतनी बहादुर है की सम्हाल लेगी खुद को ,, और शायद मुझे भूल भी जाएगी ,,, भूलेगी क्यों नहीं उसका दिल जो तोड़ने जा रहा हु मैं एक बार फिर …

मनु की बात सुनकर पूजा की आँख भर आयी वो पहली बार मनु को इस हालत में देख रही थी ये सब कहकर मनु अपने कमरे में चला गया …

वो एक बहुत बड़ा फैसला लेने जा रहा था जो की पाखी को लेकर था .. अगले दिन से उसने पाखी को इग्नोर कर शुरू कर दिया व जानबूझकर पाखी को हर्ट होने वाली बाते करने लगा .. पाखी को समझ नहीं आ रहा था मनु ऐसा क्यों कर रहा है कुछ दिन बाद पाखी ऑफिस से सीधा पूजा के घर गयी , मनु वहा नहीं था पाखी सीधे पूजा के कमरे में गयी पूजा सो रही थी पाखी को देख वो उठ के बैठ गयी , पाखी ने पास बैठते हुए कहा

– क्या हुआ तबियत ख़राब है क्या

पूजा – हाँ थोड़ी सी , तू बता तू कैसी है

– मैं ठीक हु , चाचू वगैरह सब कैसे है.

पूजा – वो मनु के साथ मेरे गांव गए हुए है ,

– मनु को क्या हुआ है , ना वो मुझसे ठीक से बात करता है ना मेरे मेसेज का जवाब देता है वो ठीक तो है न

पूजा – हां वो ठीक है , और वैसे भी तुम दोनों ज्यादा बाते ना करो तो सही होगा , तुम्हे विनीत के सुधरने का इन्तजार करना चाहिए और हो सके तो उसके पास वापस चले जाना चाहिए …

पाखी ख़ामोशी से पूजा की बाते सुनती जा रही थी

पूजा – तुम दोनों का रिश्ता कोई नहीं अपना पायेगा ना घरवाले ना समाज , मैंने मनु को भी समझा दिया है इसलिए वो तुमसे कम बात करता है ,, पाखी तुम्हे विनीत के पास वापस चले जाना चाहिए …

पाखी की आँखों में आंसू छलक आये उसने फिर भी मुस्कुराते हुए कहा – ये तो अच्छी बात है पूजा की मनु तुम्हारे समझाने से समझ गया , मैं तो हमेशा से उसे कहती आ रही थी की हम एक नहीं हो सकते , वो पागल समझा ही नहीं मेरी बात ,,, मैं बहुत खुश हु उसने ये फैसला किया … चलती हु देर हो रही है

कहकर पाखी कमरे से बाहर निकल गयी आंसू और मुस्कुराहट का ये बेजोड़ संगम पहली बार देखने को मिला ,, होठ मुस्कुरा रहे थे और दिल चींख चींख कर रो रहा था ,, की आखिर उसके साथ ही ये सब क्यों हुआ ,, पर वो जानती थी वो जानती थी की मनु के लिए भी ये सब करना इतना आसान नहीं था ,, उसने ये कैसे किया होगा ये सिर्फ पाखी और मनु ही जानते थे

बारिश होने लगी पूरे रास्ते वो भीगती हुयी थके कदमो से घर की तरफ जा रही थी अपने घर … सोचती जा रही थी – मनु जो करने जा रहा है उसमे मैं उसका साथ जरूर दूंगी वो मुझसे दूर जाना चाहता है ताकि मुझपे कोई ऊँगली ना उठाये , वो इसलिए मेरी नजरो में नीचे गिर रहा है ताकि मैं किसी की नजरो में निचे ना गिरु ,,

ये सब करके वो चाहता है की मैं उस से नफ़रत करु जिंदगी भर और उसे भूल जाऊ ,,, तो ये मुझसे नहीं होगा … मैं उस से दूर जा सकती हु लेकिन नफरत नहीं कर सकती ….

पाखी घर आ गयी ,, मनु से उसकी बात बहुत कम होने लगी … एक शाम पाखी की दोस्त सुमि का फोन आया उसने पाखी से

सालासर बालाजी चलने की बात कही पाखी का मन उस वक्त बहुत बैचेन था वो भी कुछ पल की शांति चाहती थी इसलिए सुमि के साथ अगले दिन सालासर के लिए रवाना हो गयी ,,, सालासर से कुछ ही दूरी पर मनु का घर था ,

मंदिर पहुंचकर पाखी ने एक नारियल लिया और मंदिर के परिसर में बांध दिया ये कहते हुए की मुझे रास्ता दिखाओ , कुछ देर वह गुजारने के बाद पाखी और सुमि बाहर आ गए ,, पाखी ने पूजा के पति को फोन कर बताया तो उन्होंने उन दोनों को घर आने को कहा , दरअसल वो भी सालासर ही थे मनु के घर ..

कुछ ही देर में दोनों वहा पहुँच गए .. पाखी और सुमि दोनों गए में बैठ गए रास्ते में मनु चुप रहा सिर्फ चाचू ही कुछ ना कुछ बोलते रहे ,… मनु की ख़ामोशी पाखी को अंदर तक कचोट गयी फिर अचनाक मनु ने कहा – ये रास्ते याद रखना !!

पाखी को समझ नहीं आया की उसने ऐसा क्यों कहा पर बात बहुत गहरी थी ,, कुछ ही देर में चारो घर पहुंच गए पाखी जैसे ही अंदर दाखिल हुयी रुक गयी आँगन में 5-7 लो बैठे थे , पाखी ने मनु के पापा को नमस्ते किया और अंदर चली गयी .. सुमि और पाखी को बैठाकर मनु और चाचू बाहर चले गए …

पाखी समझने की कोशिश कर रही थी की आखिर बाहर बैठे लोग कौन है ,, तभी मनु चाय ले आया सुमि को चाय देकर वो जैसे ही पाखी की तरफ मुडा चाचू ने अंदर आते हुए कहा

– पाखी बाहर जो लोग बैठे है न वो मनु को देखने आये है

उसके हाथ से फोन छूट कर गिर गया स्क्रीन पर दरारे आ गयी और शायद उसके दील पर भी मनु चुपचाप उसके सामने आकर खड़ा हो गया और कहा – चाय

पाखी ने अपनी पलके उठाकर मनु की तरफ देखा पाखी की आँखे भरी हुयी थी कुछ खो देने के दर्द से उसने कांपते हाथो से चाय का ग्लास पकड़ा और नजर दूसरी तरफ घुमा ली … वहा बैठना उसे अब घुटन का अहसास दिला रहा था वो उठकर बाहर आ गयी ,,

चाचू भी उसके पीछे पीछे चले आये और आकर उसके कंधे पर अपना हाथ रखा इस वक्त वो ही थे जो पाखी के दर्द को समझ सकते थे , पाखी ने एक फीकी सी मुस्कराहट के साथ उनकी तरफ देखा , पर उसकी आँखों की नमी उनसे छुप नहीं पायी

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