Sanjana Kirodiwal

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मेरी आख़री मोहब्बत – 12

Meri Aakhari Mohabbat – 12

Meri Aakhari Mohabbat – 12

विनीत जब बार बार फोन करता रहा तो पाखी ने अपना फोन बंद कर दिया और कमरे के एक कोने में बैठ रोने लगी कमरे में अँधेरा था , और वैसा ही अँधेरा था उसके दिल में …

दूसरी तरफ मनु परेशान था , गुस्सा शांत होने पर उसे समझ आया की उसने पाखी के साथ सही नहीं किया उसे इस तरह अकेला छोड़ कर नहीं आना चाहिए था इन सब में उसकी क्या गलती थी , उसने फोन उठाया और पाखी का नंबर लगाया पर फोन बंद आ रहा था , अब मनु को और चिंता होने लगी

वो हर 5 मिनिट से पाखी को फोन करने लगा लेकिन फोन बंद आ रहा था रात से लेकर सुबह तक वो वैसे ही फोन करता रहा लेकिन फोन अब भी बंद ही था ..

मनु नहाने चला गया जल्दी से आकर कपडे चेंज किये और पाखी से मिलने उसके घर के की तरफ जा ही रहा था की बड़े चाचू ने रोक लिया और पैसे देते हुए कहा – मनु तुम सुमित के लिए बाजार जाओ और गाड़ी सजवा कर ले आओ , बारात जल्दी ही रवाना होगी

मनु मन मारकर चला गया , रास्ते में वो पाखी को फोन करता रहा लेकिन हर बार फोन बंद ही मिला … गाड़ी लेकर वो शॉप पर पहुंचा और उस गाड़ी सजाने को कहा

उसका बिलकुल मन नहीं लग रहा था वो जल्द से जल्द बस पाखी के पास पहुंचना चाहता था तभी उसकी नजर सामने एक गिफ्ट गैलरी पर पड़ी , यकायक ही उसके कदम उस दुकान की तरफ बढ़ गए …

अंदर जाते ही उसकी नजर सामने रखे एक मग पर गयी जिसपे बहुत खूबसूरत बात लिखी थी , मनु ने तुरंत वो मग पैक करने को कहा … और फिर घूमकर शॉप देखने लगा , उसने एक छोट गणेश जी की मूर्ति ली और मन में कहा अब जो कुछ भी हुआ है उसे यही सही करेंगे , उसने दोनों गिफ्ट पैक करने को कहा और दुकान से बाहर आ गया गाड़ी तैयार हो चुकी थी मनु जल्दी से घर आया और पूजा से पाखी के लिए पूछा

पूजा ने बताया – पाखी अभी तक नहीं आयी है …

मनु के कहने पर पूजा ने पाखी के घर पर फोन कर उसे आने को कहा – देख आज चाचू की बारात जानी है अगर मुझे कुछ मानती है तो चुपचाप तैयार होकर अभी घर पहुंच

पाखी थोड़ी देर में पूजा के घर आ गयी सभी मेहमान मौजूद थे उसने पिंक कलर का लहंगा पहना था रोने के कारन लाल हो चुकी आँखों को उसने काजल से सलीके से सजा रखा था , होठो पर झूठी मुस्कराहट लिए वो सबको बेवकुफ बना सकती थी लेकिन मनु को नहीं ,, मनु उसकी तरफ बढ़ा ही था की तभी मनु के बड़े भईया दीपक , मनु के जीजा और भाईयो ने उसे घेर लिया सब उस से हसी मजाक करने लगे

मनु मन ही मन सोचने लगा – इन सालो को भी अभी आना था

उसके बाद मनु पाखी से बात करने का मौका ढूंढ़ने लगा पर हर बार कोई न कोई पाखी से चिपका रहता ,, बारात घर से निकल गयी घर सभी मदिर तक बारात के साथ जाने लगे ,, पाखी को उसके सेंडल नहीं मिल रहे थे वो उन्हें खोजने मे लगी थी तभी मनु वहा से गुजरा पाखी को अकेले देख तुरंत उसके पास गया और उसका हाथ पकड़ कर एक साइड में लेकर गया

पाखी कुछ बोलती उस से पहले ही मनु ने अपने कान पकड़कर कहा – आज के बाद ऐसा कभी नहीं होगा

पाखी जाने लगी तो मनु ने उसे गिफ्ट देते हुए कहा ये तुम्हारे लिए है ,

कहकर वो बाहर चला गया ….. नाचते गाते सुमित की बारात रवाना हो गयी , घर के सभी मर्द बारात में चले गए और औरते बाकि की रस्मे निभाने में व्यस्त हो गयी … पाखी भी अपने घर आ गयी . घर आते ही उसने मनु का दिया गिफ्ट खोलकर देखा एक बहुत सुन्दर कॉफी मग था जिसपर कुछ लाइन्स लिखी थी पाखी ने उन्हें पढ़ना शुरू किया

” dear love … i promised you , i will always with you ,,, you are my everything

i love you today , and till my last breath forever …

पाखी ने कप साइड में रखकर दूसरा गिफ्ट खोला उसमे सफ़ेद पत्थर से बनी एक बहुत खूबसूरत गणेश जी की मूर्ति थी ,, पाखी को वो बहुत अच्छी लगी ..तभी मनु का फोन आ गया

– हल्लो !!

मनु – गिफ्ट पसंद आया ..

– हाँ बहुत खूबसूरत है

मनु – उस मग पर कुछ लिखा था , पढ़ा तुमने

– हाँ पढ़ा ,

मनु – अच्छा अभी मैं गाड़ी चला रहा हु , बाद में करता हु जल्दी आने की कोशिश करूँगा ,, अपन ख्याल रखना

कहकर मनु ने फोन काट दिया .. शादी की थकान से पाखी उस रात जल्दी सो गयी ,मनु भी देर रात घर आया बारात के साथ सुमित की दुल्हन घर आ चुकी थी सब उसकी आव भगत में लगे हुए थे , सुबह के 5 बज रहे थे थकने की वजह से मनु कमरे में जाकर सो गया थोड़ी देर लेटा ही था की तभी मनु के पापा ने आकर कहा

– बेटा मैं घर के लिए निकल रहा हु , गाड़ी यही है तुम भी आज घर आ जाना और हां दीपक और सनी भी यही है तो उनको भी साथ लेते आना .. ज्यादा देर मत करना

कहकर वो गाड़ी की चाबी उसे देकर चले गए ..

मनु की अचानक नींद उड़ गयी ,, उसे आज वापस जाना था अपने घर लेकिन पाखी ,,, उसे पाखी से मिलना था लेकिन इतनी सुबह सुबह वो कैसे मिल सकता था , उसने घडी में टाइम देखा सुबह के 6 बज रहे थे वो उठ और नहाकर जल्दी से तैयार होकर पाखी के घर के समन पहुंच गया , उसने पाखी को फोन लगाया

पाखी सुबह देर तक सोती रही तभी उसका फोन बजा फोन मनु का था उसके चेहरे पर स्माइल आ गयी उसने फोन उठाया

हेलो कहा हो तुम ?.

पाखी – सोकर उठी हु

मनु – जरा गेट पर आना

पाखी – क्यों ? पाखी ने नींद में कहा

मनु – आ तो सही

पाखी उठकर दरवाजे के पास गयी उसने आँखे मलते हुए देखा उस से कुछ ही दूरी पर मनु खड़ा मुस्कुरा रहा था

पाखी – तुम इतनी सुबह यहाँ

मनु – पापा ने घर आने के लिए कहा है , दीपक और सनी भी जायेंगे इसलिए जल्दी निकलना था , जाने से पहले तुम्हे देखना चाहता था इसलिए आ गया

पाखी – तो बाहर क्यों खड़े हो अंदर आ जाओ

मनु – तुम्हारी मम्मी क्या सोचेगी ?

पाखी – कुछ नहीं सोचेगी , वो जानती है तुम्हे पहले से , मैं चाय के लिए बोलती हु उनको तुम आ जाओ

मनु सकुचाते हुए अंदर आ गया आज पहली बार वो पाखी के घर आया था पाखी उसे बैठाकर मम्मी से चाय बनाने को कहँने चली गयी , मनु खुश था की जाने से पहले उसे पाखी के साथ बिताने को समय मिल गया .,, लेकिन उसकी किस्मत इतनी अच्छी भी नहीं थी ,, मनु के आने के 5 मिनिट बाद ही सनी और दीपक भी वहा आ पहुंचे

दीपक ने आते ही कहा – पाखी बहुत भूख लगी है कुछ चाय नाश्ता मिलेगा

पाखी ने उन दोनों को बैठने को कहा और उन सबके लिए नाश्ता बनाने किचन में चली गयी .. मनु को दोनों पर बहुत गुस्सा आ रहा था दोनों कबाब में हड्डी की तरह वहा जो आ गए थे पाखी ने सबके लिए चाय और पोहा बनाया दीपक और सनी नाश्ता करके वहा से निकल गए और मनु को जल्दी आने को कहा

पाखी मनु के लिए भी एक पलेट नाश्ता ले आयी लेकिन मनु ने पहले उससे खाने को कहा तो पाखी ने कहा – ये झूठा खाने का क्या चक्कर है तुम्हारा

मनु – तुम नहीं समझोगी

पाखी ने एक चम्मच खाया तो मनु ने खाया मनु की धड़कने तेज थी पाखी चुपचाप उसे खाते हुए देखे जा रही थी मनु पाखी की तरफ देखने लगा दोनों एक दूसरे की आँखों में न जाने क्या खोजना चाहते थे

अचनाक पाखी का फोन बजने लगा जिसकी रिंग बहुत खूबसूरत थी और उस वक्त माहौल को और खूबसूरत बना रही थी

“दरिया ना सही तू चाहत का , दे दे ना मुझे बस इक कतरा

मनु के कदम पाखी की तरफ बढ़ने लगे पाखी के कदम पीछे .. और फिर पाखी दिवार से टकरा गयी सामने बहुत करीब मनु खड़ा था चाहकर भी वो वहा से जा नहीं पायी … फोन अब भी बजे जा रहा था मनु के इतना करीब होने के कारण पाखी ने अपनी आँखे बंद कर ली , मनु ने जैसे ही अपने होठो को पाखी के होठो से छूआ पाखी ने एकदम से उसे पीछे की तरफ धकेल दिया और मनु से कहा

– ये गलत है

मनु – कुछ गलत नहीं है , हमने कुछ गलत नहीं किया है मैं तुमसे प्यार करता हु

– प्यार का मतलब ये सब नहीं है ,, पाखी ने गुस्से से कहा

मनु बहक गया था उसे अपनी गलती का अहसास हुआ उसने पाखी से माफ़ी मांगी लेकिन पाखी ने हाथ जोड़ते हुए कहा – प्लीज़ चले जाओ यहाँ से

पर मनु बार बार माफ़ी मांगता रहा आखिर में पाखी ने गुस्से से कहा – मैंने कहा ना चले जाओ यहाँ से तुम्हे मेरी कसम है …

पाखी की बात सुनकर मनु वहा से निकल गया लेकिन बाहर आकर खुद को कोसने लगा उसे अपनी हद पर नहीं करनी थी ना जाने पाखी उसके बारे में क्या सोच रही होगी ,, तब तक दीपक और सनी भी आ गए मनु को परेशान और गुस्से में देख दीपक ने उस से गाड़ी की चाबी ली और खुद ड्राइवर सीट पर बैठ गया ..

मनु पूरे रास्ते चुप रहा उसे खुद पर बहुत गुस्सा आ रहा था , वो बार बार पाखी को फोन कर रहा था लेकिन पाखी का फोन बंद आ रहा था , मनु और परेशान हो गया घर पहुचकर वो सीधा अपने कमरे में चला गया न खाना खाया ना किसी से बात की …

शाम को मनु ने फिर पाखी को फोन किया लेकिन फ़ोन बंद था मनु ने पूजा को फोन किया तो उसने बताया की पाखी आज घर आयी ही नहीं

मनु तुरंत बिना किसी को बताये वापस शहर के लिए निकल गया ,

पूरे रास्ते मनु को सिर्फ पाखी का ख्याल था , उधर पाखी परेशान थी कैसे वो किसी के इतना करीब आ सकती है , मनु घर पंहुचा और पूजा से पूछा – पाखी कहा है ?

पूजा – क्या बात हो गयी वो भी सुबह से रो रही है कुछ नहीं बता रही

मनु – प्लीज़ उसे एक बार यहाँ बुला मुझे उस से बात करनी है

पूजा ने पाखी को फ़ोन करके घर आने को कहा मनु परेशान सा पूजा के रूम में चला गया पूजा को कुछ समझ नहीं आ रहा था आखिर हुआ क्या है उसने पाखी और मनु को झगड़ते बहुत बार देखा था लेकिन मनु को इतना परेशान कभी नहीं देखा था थोड़ी देर बाद पाखी वहा आ गयी घर में सिर्फ पूजा , मनु , और बड़े चाचू थे ,, पाखी के आते ही मनु उसके सामने आया और बोला.

– मुझसे गलती हो गयी , प्लीज़ तुम्हे सजा देनी है दो लेकिन खामोश मत रहो प्लीज़ मैं बहक गया था

पाखी चुपचाप सुनती रही फिर कहा – मनु तुम ये सब क्यों कर रहे हो , मेरे लिए इन सबकी नजरो में मत गिरो प्लीज़

मनु – मुझे सिर्फ तू चाहिए , जब अकेला होता हु तू चाहिए , भीड़ में होता हु तू चाहिए , खुश हु तो तू चाहिए , उदास हु तू चाहिए , हँसता हु तू चाहिए, रोता हु तो तू चाहिए तू है तो सब कुछ है तू नहीं तो कुछ भी नहीं है एक बार तुम्हे खो चूका हु फिर से नहीं खोना चाहता

मनु की बात सुन पाखी की आँखों में आंसू आ जाते है `वो दौड़कर मनु के गले लग जाती है और कहती है – सॉरी मैं डर गयी थी , मनु न कुछ नहीं कहा बस उसे गले लगाए रखा ,,, थोड़ी देर बाद सब पूजा के कमरे में जमा थे थोड़ी देर बाद पूजा और चाचू ने दोनों को अकेले छोड़ दिया दोनों एक दूसरे के आमने सामने थे मनु पाखी को समझा रह था

मनु – हिम्मत कर और जाकर बोल अपने घरवालों को की तुझे उसके साथ नहीं रहना

पाखी – मैं ऐसा नहीं कर सकती

मनु – क्यों नहीं कर सकती , जब तू उस इंसान के साथ खुश ही नहीं है तो फिर क्यों नहीं छोड़ रही उसे

पाखी – क्युकी ये सब मेरे लिए इतना आसान नहीं है , घरवाले मेरी बात कभी नहीं मानेंगे

मनु – तो फिर चल अभी शादी कर लेते है , उसके बाद कोई कुछ नहीं कर पायेगा

पाखी – ऐसा कभी मत करना मैं कभी नहीं चाहती की मेर लिए तू किसी कीसी की नजरो में गिर जाये , या फिर कोई तुझपर ऊँगली उठाये

मनु – मुझे फर्क नहीं पड़ता ,, अगर तू साथ है तो मैं सारी दुनिया के खिलाफ जाने को तैयार हु

पाखी खामोश हो जाती है

मनु फिर पूछता है – अच्छा ये बता तू खुश रहेगी उसके साथ

पाखी – नहीं

मनु – वापस जाना चाहती है

पाखी – नहीं

मनु – तो फिर हिम्मत करके बोल , जब तक कुछ नहीं बोलेगी वो ऐसे ही टॉर्चर करता रहेगा , अपने घरवालों से साफ साफ बोल के तुझे उस से तलाक चाहिए , उसके बाद मैं सब सम्हाल लूंगा

पाखी – तलाक हो भी जाये तो मैं तुमसे इतनी जल्दी शादी नहीं कर सकती

मनु – मुझे शादी की कोई जल्दी नहीं है 1 साल 2 साल मैं इन्तजार करने के लिए तैयार हु , तू सिर्फ मेरी है मैं तुझे कौन नहीं चाहता

मनु के काफी देर समझाने के बाद पाखी अपने घर चली गयी ,, एक तरफ वो खुश थी की मनु उसे प्यार करता है लेकिन उसकी ख़ुशी ज्यादा देर नहीं थी घर आते ही माँ ने उसे बताया

– दो दिन बाद विनीत तुम्हे लेने आ रहा है , हमे लगता है एक बार तुझे उसके साथ जाना चाहिए शायद वो सुधर जाये

माँ की बात सुनकर पाखी के पेरो से जमींन निकल गयी उसे लगा जैसे सब कुछ एक कांच का महल जैसा था जो अब बिखर हुआ नजर आ रहा था और उसकी किरचे उसके सीने के अंदर बहुत गहरे तक धंसती जा रही थी

वो काफी देर चुपचाप सब सुनती रही उसने अपनी आँखे बंद कर ली , मनु का चेहरा नजर आया उसने एक गहरी साँस ली और कहा

– मुझे वापस नहीं जाना है

सब उसे देखने लगे मम्मी ने पूछा

– क्यों नहीं जाना वापस , हम लोगो ने कोई फैसल किया है तो सोच समझकर ही किया होगा

पाखी – आपका फैसला जो भी हो , मुझे उस आदमी के पास वापस नहीं जाना , उसने मेरे साथ जो किया है नहीं भूल सकती मैं , उसे नहीं अपना सकती मैं

– गलती सबसे होती है , उस गलती को सुधारने का मौका एक बार सबको देना चाहिए

पाखी – गलती ,, उनके गुनाहो को गलती का नाम मत दीजिये आप लोग ,, मुझपे जो गुजरी है उसका दर्द सिर्फ मैं ही जान सकती हु आप लोग नहीं …

– तो फिर क्या चाहती है तू

पाखी – तलाक ,,,,,,,,,,,,,,, मुझे उस से तलाक चाहिए ,, विनीत के साथ रहकर मैं अपनी जिंदगी बर्बाद नहीं कर सकती

तलाक का नाम सुनकर सब घरवालों के मुंह खुले के खुले रह गए

पाखी रोने लगी , अपनों के बिच होकर भी वो एकदम अकेली थी ,, इस वक्त वो जिस दर्द से जिस तकलीफ से गुजर रही थी वो सिर्फ वो ही जानती थी , गलती चाहे किसी की भी हो सजा हमेशा औरत को मिलती थी ,, पाखी के वापस न जाने की वजह मनु नहीं बल्कि विनीत का व्यवहार था ,,

वो चाहकर भी अपने साथ हुए वाकये को भुला नहीं पा रही थी … सबके बिच से उठकर वो अपने कमरे में चली गयी .. उसका दुःख समझने वाला कोई नहीं था उस वक्त .. अगले दिन पाखी की सूजी हुयी आँखे बता रही थी की वो सारी रात सोई नहीं थी उसने किसी से बात नहीं की और तैयार होकर ऑफिस चली गयी

थोड़ी देर बाद पाखी की मम्मी को फोन आया पाखी के मामाजी की ताबियत अचनाक से ख़राब होने के कारण मम्मी वहा चली गयी घर में सिर्फ पाखी और छोटी बहन वाणी थी .. पाखी शाम को ऑफिस से आयी और छत पर चली गयी

अकेले बैठे बैठे काफी देर तक रोती रही , फिर ना जाने उसके मन में क्या आया वो शाम को अन्धेरा होते ही घर से बाहर चली गयी .. और थोड़ी दूर जाकर मंदिर की सीढ़ियों पर बैठ गयी आंसू उसकी आँखों से लगातार बहते जा रहे थे ,, इधर वाणी पाखी को घर में ना पाकर परेशांन हो गयी और उसे ढूँढना शुरू कर दिया पर पाखी नहीं मिली

.. वाणी और ज्यादा परेशान हो गयी मम्मी भी घर में नहीं थी , उसने आस पास घरो में जाकर देखा पर पाखी वहा भी नहीं थी तभी वाणी को पूजा का ख्याल आया पाखी सबसे ज्यादा पूजा के घर ही जाती थी वो भागते हुए उसके घर पहुंची लेकिन पाखी वहा भी नहीं थी व चुपचाप घर आ गयी ,, 9 बज रहे थे लेकिन पाखी का कोई अता पता नहीं था

अब वाणी को पाखी की चिंता होने लगी थी वो वापस पूजा के घर गयी मनु और बड़े चाचू वही थे पूजा के पूछने पर वाणी रोने लगी और पाखी के बारे में बताया

मनु ने फोन करने की कोशिश तो वाणी ने बताया की वो अपन फोन और बैग कुछ साथ में लेकर नहीं गयी है

पूजा ने उसे चुप कराया और कहा की चिंता मत करो चाचू को भेजती हु तुम्हारे साथ ,, बड़े चाचू के साथ साथ मनु भी वाणी क साथ घर आ गया वाणी ने पहले दीन हुयी सारी बाते पूजा के पति को बता दी ,, अब सबकी चिंता और बढ़ गयी कही पाखी कोई गलत कदम न उठा ले , मनु बस पाखी के बारे में सोचा जा रहा था

उधर पाखी जब काफी देर तक मंदिर की सीढ़ियों में बैठी रही थी पंडित ने आकर कहा – बेटी काफी देर से देख रहा हु तुम यही बैठी हो और परेशान भी लग रही हो … तू कौन हो ? कहा रहती हो ?

पाखी ने उसे अपना नाम पता बताया तो पंडित ने उसके सर पर हाथ रखते हुए कहा – तुम मेरी बेटी की उम्र की हो इसलिए कह रहा हु इस वक्त तुम बहुत परेशान हो , अभी अपने घर जाओ सब ठीक हो जाएगा .. इतनी रात गए तुम्हारा यहाँ रुकना सही नहीं है

पाखी ने अपने गालो पर सुख चुके आंसुओ को धोया और घर की तरफ चली गयी …

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