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मेरी आख़री मोहब्बत – 20

Meri Aakhari Mohabbat – 20

Meri Aakhari Mohabbat
Meri Aakhari Mohabbat by Sanjana Kirodiwal

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Meri Aakhari Mohabbat – 20

म्यूजिक ऑन करते ही उसमे गाना शुरू हो गया – दिल क्यों ये मेरा शोर करे , इधर नहीं उधर नहीं तेरी और चले …

गाना सुनते ही आकाश मुस्कुराने लगा शिव ने शीशे मे देखा तो उसे अपनी हालत पर तरस आने लगा उसने तुरंत गाना चेंज कर दिया इस बार गाना जो बजा आकाश की हंसी नहीं रुकी गाना था – हमे जबसे मोहब्बत हो गयी है ये दुनिया खूबसूरत हो गयी है … अब तो शिव की हालत देखने लायक थी उसने फिर गाना चेंज कर दिया

पर हर बार रोमांटिक गाना ही आता जो कही ना कही शिव से जुड़ ही जाता शिव ने आखिर में म्यूजिक सिस्टम ही बंद कर दिया तो पाखी ने कहा – क्या हुआ बंद की किया

तभी आकाश ने कहा – साली साहिबा आप चलाइये कोई अपनी पसंद का

पाखी ने ऑन किया और अपना पसंदीदा सांग चलाया – तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा तो नहीं , शिकवा नहीं शिकवा नहीं

शिव ने पाखी की तरफ देखा और सोचने लगा , आज के जमाने की लड़की और इतनी यूनिक पसंद … सब गाने का और मौसम का मजा लेने लगे .. पाखी खिड़की से बाहर देखने लगी हवा से उसके बाल उड़कर उसके चेहरे पर आ रहे थे शिव की नजर पाखी के चेहरे पर ठहर सी गयी …

कुछ दूर चलने के बाद मंदिर आ गया ,, शिव ने गाड़ी एक तरफ पार्क की और सब निचे उतर गए .. मंदिर पार्किग़ से थोड़ी दूरी पर था सभी मंदिर की तरफ चले गए

आकाश और सपना मंदिर के अंदर चले गए लेकिन पाखी गेट पर ही खड़ी हो गयी .. पाखी को देखकर शिव ने कहा – आप अंदर नहीं जा रही

पाखी – नहीं , मेरी उनसे बनती नहीं है

शिव को पाखी की बात थोड़ी अजीब लगी … फिर खुद अंदर जाकर आँखे बंद करके प्रार्थना कारण लगा – हे !! भगवान उसे माफ़ करना वो थोड़ी अलग है पर मैं वादा करता हु एक ना एक दिन इसे आपमें यकीन जरूर करवाऊंगा …

शिव प्रशाद लेकर वापस आया लेकिन पाखी वहा नहीं थी हल्की हलकी बारिश भी शुरू हो चुकी थी आकाश और सपना बरामदे में ही खड़े हो गए शिव पाखी को ढूंढने लगा तभी उसकी नजर कुछ बच्चो पर गयी वो सब बारिश की बूंदो का मजा ल रहे थे और उनके साथ साथ पाखी भी ….

वो सबसे बेपरवाह उनके साथ मस्ती कर रही थी ,, आकाश भी शिव के पास आकर खड़ा हो गया

शिव ने आकाश से कहा – इतना दर्द लेकर भी ये इतना खुश कैसे रह लेती है

आकाश – शायद यही उसकी ताकत है ,, सपना ने बताया था मुझे इसने बहुत कुछ देखा है अपनी जिंदगी में लेकिन खुद को इतना मजबूत बना लिया की लोग इसकी हंसी के पीछे छुपे दर्द को ना देख पाए .

शिव – मैंने देखा है ,, मैंने उसकी हंसी से ज्यादा उसकी आँखों में देखा है ,, जितना वो होंठो से नहीं कह पाती उसकी आँखे कह जाती है , उसकी आँखों में एक ठहरा हुआ समंदर देखा है मैंने जो उसकी आँखों में ही ठहर गया कभी बाहर नहीं आने दिया …

आकाश ने शिव का कन्धा पकड़कर उसे अपनी तरफ करके पूछा – कही तुझे उस से प्यार तो नहीं हो गया …

शिव ने पाखी की तरफ इशारा करके कहा – जरा देख उसे , उस से प्यार करने से कोई खुद को रोक सकता है भला … मैं नहीं जानता ये प्यार है या नहीं पर अब उसकी आँखों में खुद को देखना चाहता हु मैं ,, उस के हर दर्द से जुड़ना चाहता हु उसे उसकी दुनिया से जिसमे सालो से कैद है आजाद करना चाहता हु ,, और इसमें मुझे तुम्हारी जरुरत है

आकाश – मैं हमेशा तेरे साथ हु बस धयान रखना अब उसका दिल कभी ना टूटे ..

शिव ने आकाश की आँखों में देखते हुए कहा – कभी नहीं

और फिर मुस्कुरा दिया

सपना आकाश और शिव तीनो चलकर पाखी के पास आये और उसे चलने को कहा सभी गाड़ी में आकर बैठ गए …

हलकी बूंदाबांदी में पाखी थोड़ा भीग गयी … तभी उसे छींक आयी शिव आकाश और सपना तीनो ने एकसाथ अपना अपना रुमाल आगे कर दिया पाखी को हंसी आ गयी और फिर सब हंसने लगे ,, शिव ने गाड़ी स्टार्ट की और अपनी मंजिल की तरफ बढ़ा दी .. सपना ने अपना सर आकाश के कंधे पर टिका दिया उस नींद आ गयी और आकाश उसका हाथ अपने हाथ में लिए बैठा रहा आकाश ने पाखी से पूछा – साली साहिबा , आपकी फाइनल की एग्जाम कबसे है

पाखी – 1 महीने बाद जीजू , कल जाकर फीस जमा करवानी है उसके बाद हॉल टिकट मिल जाएगा शादी की वजह से हम ये बात भूल ही गए थे

आकाश – कोई बात नहीं , हमारी शादी भी कोनसा रोज रोज होनी है ..

पाखी – हाँ जीजू इसलिए तो आपके कहने से रुक गए न हम ,, पर अब एक महीने हमे बहुत पढ़ना होगा

आकाश – मुझे पूरा भरोसा है आप सब कर लोगी

पाखी मुस्कुरा दी इतनी देर चुप्पी के बाद शिव ने कहा – फाइनल एग्जाम की तैयारी की लिए आप करंट लॉ पढ़िए , और ज्यादा अच्छा होगा आप किसी लॉयर के साथ केस डिसकस करे , किताबो से ज्यादा आपको प्रेक्टिकली सिखने को मिलेगा और उससे आपको ज्यादा परेशानी भी नहीं होगी

पाखी – आप इन सब के बारे में इतना कुछ जानते है आपको तो वकालत करनी चाहिए

पाखी की बात सुनकर शिव ने आकाश की तरफ देखा और दोनों मुस्कुरा दिए ,, मुस्कुराहट रहस्य्मयी थी शिव ने पाखी की तरफ देख कर कहा – मैंने तो आपका असिस्टेंट बनने का फैसला कर लिया है ,, वकालत आप करो

पाखी ने अपना सर सीट से लगा लिया … गाड़ी अपनी रफ़्तार से चली जा रही थी और उसी के साथ धीमी आवाज में किशोर कुमार के गाने आकाश सपना का हाथ थामे अपनी आने वाली नयी जिंदगी के बारे में सोच रहा था और शिव पाखी के बारे में वो जानता था ये खूबसूरत सफर बस कुछ देर का है उसके बाद वो पाखी से दूर हो जाएगा ,,,

इन सब से बेखबर पाखी को नींद आ चुकी थी ,, खिड़की से आती ठंडी हवा के झोंके से उसे हलकी सी सिहरन महसूस होंने लगी उसने अपने दोनों हाथो को एक दूसरे से बांध रखा था ,, हवा के कारण बार बार उसके बाल उसके चेहरे पर आ जा रहे थे ,, शिव ने पाखी की तरफ देखा कितना सुकून था उसके चेहरे पर ,,

खुली आँखो में जितनी बैचैन दिखती बंद आँखों में सिर्फ ख़ामोशी का अहसास हो रहा था ,, शिव ने अपना हाथ बढ़ाया लेकिन अचानक रुक गया उसे लगा जैसे आकाश उसी की तरफ देख रहा है उसने मुड़कर देखा तो आकाश ने मुस्कुरा कर सर हिला दिया

शिव ने हलके से पाखी के चेहरे पर आये बालो को साइड में किया और खिड़की का ग्लास बंद कर दिया …

शिव गाड़ी चला रहा था और बाकि सब सो रहे थे ,,, नियत समय से पहले सभी जयपुर पहुंच गए ,, एयरपोर्ट जाने से पहले सबने कॉफ़ी पि और वापस आकर गाड़ी में बैठ गए शिव ने गाड़ी एयरपोर्ट की तरफ घूमा दी .एयरपोर्ट पहुंच के बाद आकाश और शिव फ्लाइट के बारे में जानने के लिए चले गए सपना और पाखी आपस में बातें कर रहे थे

तभी सपना ने पाखी से कहा – पाखी तुम्हे शिव भैया कैसे लगे

पाखी – अच्छे है , तुम क्यों पूछ रह हो

सपना – क्योकि मैंने उनकी आँखों में तुम्हारे लिए बहुत कुछ देखा है , i think वो तुम्हे पसंद करते है

पाखी – सपना ऐसा कुछ नहीं है , वो एक इंसान है इसलिए मुझसे अच्छे से बात कर ली

सपना – मैं अंधी नहीं हु , मुझे सब दीखता है हां तुम जरूर जानबूझकर अनदेखा कर रही हो

पाखी ने कुछ नहीं कहा तो सपना ने उसका हाथ अपने हाथो में लेकर कहा – पाखी !! मैं नहीं जानती तुम्हारे मन में की है , पर मैं ये जानती हु शिव भैया के दिल में बहुत कुछ है ,, क्या तुम खुद को एक मौका नहीं दे सकती … मैं तुम्हे इस तरह अकेले घुटते नहीं देख सकती ..

पाखी ने सपना के चेहरे को अपने हाथो में लेकर कहा – सपना इस वक्त तुम्हे आकाश जीजू और अपने आने वाली जिंदगी के बारे में सोचना चाहिए ,,जिंदगी से इतना कुछ मिल चूका है की अब कुछ सोचने का दिल नहीं करता ,,

सपना ने आगे कुछ कहना चाहा तो पाखी ने उसके मुंह पर ऊँगली रखते हुए कहा – जीजू को वक्त दो इस बारे में हम फिर कभी बात करेंगे . कहकर पाखी ने सपना को गले लगा लिया इतने में आकाश और शिव भी आ गए आकाश ने कहा – साली साहिबा थोड़ा हम पर भी ध्यान दे लो …

पाखी ने पलटकर आकाश को गले लगाते हुए कहा – आपका ध्यान रखने के लिए सपना है ना ,, जीजू

दोनों शिव और पाखी को bye बोलकर बाहर आ गए शिव ने पाखी से कहा – चलिए आपको घर छोड़ देता हु

पाखी – शिव , आप परेशान मत होईये यहाँ से हम चले जायेंगे ..

शिव – इसमें परेशानी की क्या बात है , आकाश ने मुझसे कहा था आपको घर सही सलामत पहुंचाने के लिए

पाखी – ठीक है चलिए

दोनों चलकर पार्किंग में आ गए ,, इस बार पाखी के लिए दरवाजा शिव ने खोला पाखी को बैठाकर खुद ड्राइवर सीट पर आकर बैठ गया पाखी ने शिव की तरफ देखा इतने दिनों में आज उसने शिव को इतना गौर से देखा था ,, कितना गंभीर और शांत दीखता है वो पाखी को अपनी तरफ देखता पाकर सही ने पूछा – क्या हुआ ?

पाखी हड़बड़ा गयी – कु..कुछ नहीं उसने अटकते हुए कहा

शिव ने गाड़ी स्टार्ट की और एयरपोर्ट से बाहर आ गया ,, गाड़ी सड़क पर अपनी रफ़्तार से चली जा रही थी …

दोनों के बिच गहरी खमोशी पसरी थी तभी पाखी की नजर गाड़ी में रखी एक किताब पर गयी पाखी ने उठाया और खोल कर देखा वो एक लॉ की किताब थी ,, पाखी ने उसके राइटर का नाम देखा “एडवोकेट एस.आर.गुप्ता”

पाखी ख़ुशी से उछल पड़ी और शिव से पूछा – ये बुक आपकी है

पाखी के हाथ में किताब देख शिव सोच में पड़ गया फिर कहा – नहीं ………. मेरे किसी स्टूडेंट की है

आप टीचर हो ? – पाखी ने अपनी बड़ी बड़ी आँखों से शिव को घूरते हुए कहा

नहीं पापा की कोचिंग है जब फ्री होता हु तो वहा कभी कभी थोड़ा बहुत पढ़ा देता हु – शिव ने पाखी से नजरे चुराते हुए कहा

पाखी – आपसे एक बात कहे ?

शिव – जी

पाखी – ये बुक जिन्होंने लिखी है “एडवोकेट एस आर गुप्ता” हम उनके बहुत बड़े फैन है , ये एक क्रिमिनल लॉयर है , इतनी लिखी किताबे बहुत अच्छी होती है , पर बहुत महगी होती है इसलिए खरीद नहीं पाते …

शिव ने मुस्कुराते हुए कहा – कभी मिली हो इनसे ..

पाखी – नहीं मिलना तो दूर हमने तो इनको अभी तक देखा भी नहीं है , सुना है ये लोगो से बहुत कम मिलते है और सोशल मिडिया पर भी बिल्कुल एक्टिव नहीं है इन्होने लन्दन से वकालत की है और अगले महीने ये बंगलोर आएंगे और वहा किसी न्यूकमर को मौका देंगे अपने साथ काम करने का … हमे इनके साथ काम करके बहुत कुछ सिखने को मिलेगा

शिव – अच्छा है , आपको जरूर जाना चाहिए

पाखी – पर ……….. पाखी ने बात अधूरी छोड़ दी

शिव – पर क्या ?

पाखी – इस बार हम पढ़ाई नहीं कर पाए हम वहा तक पहुंच पाएंगे या नहीं हमे नहीं पता

शिव – अगर आप चाहे तो मैं पढ़ाई में आपकी मदद कर सकता हु , पापा की कोचिंग 8 बज शुरू होती है मॉर्निंग सेशन में बच्चे कम होते है आप उस वक्त आकर मुझसे पढ़ सकती है

पाखी – इस से आपके काम में डिस्टब होगा

शिव – ऐसी कोई बात नहीं है मेर ऑफिस 10 बजे के बाद होता है

पाखी – ठीक है , आप हमे वहा का एड्रेस दे देना हम आ जायेंगे

उसके बाद पाखी किताब में बिजी हो गयी , शिव उसे इतनी गौर से किताब पढ़ते हुए देख रहा था ,, आज शिव ने जाना की पाखी की आँखों में वकील बनने की कितनी भूख थी .. थोड़ी देर में पाखी का घर आ गया , पाखी ने किताब बंद कर शिव की तरफ बढ़ा दी

शिव – आप चाहे तो ये किताब रख सकती है

पाखी – नहीं नहीं , आपके स्टुडेंट की किताब हम कैसे रख सकते है

शिव – मैं उसे इसके पैसे दे दूंगा ,,, ये आप रख लीजिये मेरी तरफ से छोटा सा गिफ्ट समझकर

पाखी ने मुस्कुराते हुए थैंक्यू कहा शिव ने किताब के साथ पाखी को कोचिंग का एड्रेस और अपना फोन नंबर दे दिया

पाखी गाड़ी से उतरकर घर चली गयी

शिव ने गाड़ी घर क तरफ घुमा दी !!!

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