Manmarjiyan Season 3 – 67

Manmarjiyan Season 3 – 67

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

गोलू लवली की गर्दन दबोचकर बैठा था उधर गुप्ता जी , यादव जी , मंगल फूफा , गुप्ताइन और फुलवारी आपस में उलझे हुए थे।  यादव जी गुप्ता जी को सुना रहे थे , गुप्ता जी यादव जी को समझाने की कोशिश कर रहे थे , गुप्ताइन फुलवारी को अपने पति से दूर रहने को कह रही थी , फुलवारी गुप्ता जी की बुराइयों का बखान कर रही थी , मंगल फूफा के साथ आये दोनों आदमी कन्फ्यूजन में अपने बाल नोच रहे रहे थे और मंगल फूफा कभी फुलवारी को समझाते तो कभी गुप्ता जी को चुप करवाते

इन्ही सब चक्करो में घर में एक ऐसा माहौल बन गया कि कौन क्या बोल रहा है ? किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। अभी पांचो आपस में लड़ झगड़ रहे थे कि तभी बाहर से गुड्डू भागते हुए अंदर आया और धक्का लगा सीधा फुलवारी को और फुलवारी जाकर गिरी सामने खड़े गुप्ता जी की बांहो में और सब शांत हो गए।
अगले ही पल मंगल फूफा का फोन बजा “बहुत प्यार करते है , तुमको सनम,,,,,,,,,,,कसम चाहे ले लो खुदा की कसम”


धक्का लगने की वजह से गुड्डू नीचे आ गिरा था वह उठा अपने कपडे झाड़े और सामने देखा तो गुप्ता जी और फुलवारी को रोमांटिक पोज में देखकर आँखे फटी की फ़टी रह गयी। मंगल फूफा ने दोनों को साथ देखा तो चिल्लाकर कहा,”ए हमायी फूल से दूर रहो बे गुप्ता”
मंगल फुफा के बगल में खड़े यादव ने सुना तो उसको एक थप्पड़ मारकर कहा,”तुम्हायी कब से हो गयी बे ?”


यादव जी के एक ही थप्पड़ में मंगल फूफा घूम गए और जाकर गिरे गोलू की बगल में लगभग उसके ऊपर , एक तो गोलू पहले ही लवली को धरे बैठा था ऊपर से फूफा भी उस पर आ गिरा तो गोलू ने अपना कंधा उचक कर फूफा की तरफ देखा और कहा,”का हमायी गोद मा बैठोगे अब ?”
“अरे उह्ह बेवकूफ हमको थप्पड़ मार दि”,मंगल ने यादव की तरफ ऊँगली करके कहा


“थू , लानत है तुम्हाये पर अम्मा के फूफा , खुद को डाकू मंगल कहते हो और भैंसिया का गोबर उठाने वाले से थप्पड़ खाकर आ गए , डाकू नाही तुमहू हाबु हो जोन से बच्चे डरते है बड़े नाही,,,,,,,,,,यादववा से थप्पड़ खा लिए , का गुंडे बनोगे तुम ?”,गोलू ने मंगल फूफा को भड़काकर कहा
“तो का करे उठाकर पटक दे ओह्ह का ?”,मंगल फूफा ने गुस्से से लाल होकर कहा
“पटक दो”,गोलू ने भी गुस्से से कहा


“टुकड़े टुकड़े कर दे ?”,मंगल ने कहा
“अरे काट दो”,गोलू ने भी जोश में आकर कहा
“हड्डी पसली तोड़ दे ?”,मंगल फूफा उठे और गुस्से से कहा
“अरे तोड़ दयो , ओह्ह्ह के बाद तुमहाओ रास्ता साफ़ है फूफा”,गोलू ने भी दुगने जोश से कहा
“हमाओ रास्ता ?”,मंगल फूफा ने गोलू के बगल में बैठकर धीरे से हैरानी भरे स्वर में कहा


“हाँ हाँ तुमहाओ रास्ता , यादववा को रस्ते से हटाओ फुलवारी से टांका भिड़ाय देंगे आपका , पिताजी का पत्ता कट , अम्मा की परेशानी सॉल्व और तुम्हायी जिंदगी मा फिर मंगल ही मंगल,,,,,,,,,देखा है पहली बार साजन की आँखों में पियार टन टनन टन टन टनन”,गोलू ने कहा
मंगल फूफा से सुना तो ख़ुशी से उसकी छाती फ़ैल गयी और उसने गोलू के चेहरे को दोनों हाथो से पकड़ा और उसके टकले पर जबरदस्त चुम्मा देकर कहा,”का पते की बात कहे हो तुमहू,,,,,,,,,,,!!!”


“हमारा टकला का चूम रहे हो जाकर फुलवारी और पिताजी के बीच मा दिवार बनो वरना हमाये पिताजी को इमरान हाश्मी बनते देर नाही लगती,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा तो मंगल उठा और गुप्ता जी की तरफ भागा।

गोलू की बातें सुनकर लवली ने कहा,”तुम शुरू से ही बकचोद थे या कानपूर मा रहकर हो गए , काहे बेचारे मंगल फूफा को फंसा रहे हो खामखा पिट जायेंगे उह्ह,,,,,!!”
लवली की बात सुनकर गोलू ने उसके गाल पर एक चपत लगायी और कहा,”तुमहू इतना काहे बिलबिला रहे हो बे ? तुम्हारा होने वाला ससुर है उह्ह्ह ? हमाये चंगुल मा हो पर ज्ञान देने की चुल खत्म नाही होय रही तुम्हायी”


लवली ने चुप रहना ही सही समझा बल्कि वह चुप रहकर वहा से निकलने का आइडिया सोचने लगा क्योकि गुड्डू वहा आ चुका था और अगर गुड्डू से उसका सामना हो गया तो फिर वह जिंदगीभर यहाँ से निकल नहीं पायेगा।

मंगल जैसे ही गुप्ता जी और फुलवारी की तरफ बढ़ा यादव ने उसे रोककर पीछे धकेला और खुद अपनी फुलवारी की तरफ बढ़ा और उसे गुप्ता से दूर करके कहा,”तुमहू का इनके साथ माधुरी दीक्षित बन रही हो.,,,,,,,,,,,तुम्हाये साजन हम है जे नाही”
यादव के धक्के से मंगल जाकर गिरा गुड्डू में तो चिढ़े हुए गुड्डू ने खींचकर उसे एक थप्पड़ मारा और कहा,”हमायी गोद मा का चढ़ रहे हो बे ? नोकिया के छोटे रिचार्ज,,,,,,,,साइड हटो”


मंगल घूमकर नीचे जा गिरा , मंगल के आदमियों ने देखा तो गुड्डू की तरफ बढे लेकिन इस से पहले गुड्डू आगे बढ़ गया और दोनों आदमियों के हाथ जाकर पड़े फुलवारी पर और वह चिल्लाई और दोनों आदमियों पर चांटे बरसाने शुरू कर दिए। गुड्डू ने सब देखा और जोर से चिल्लाया,”चुप , चुप हो जाओ सब”
सब अपनी अपनी जगह रुक गए और गुड्डू ने कहा,”गोलू , गोलू कहा है ?”


गोलू ने सुना तो लवली को छोड़कर गुड्डू के सामने आकर कहा,”गुड्डू भैया का हुआ ?”
गोलू को अपने सामने सही सलामत देखकर गुड्डू के दिल को तसल्ली मिली और उसने गोलु के चेहरे को अपने हाथो में थामकर कहा,”गोलू , गोलू तुमहू ठीक हो , हमहू कितना घबरा गए थे,,,,,,,,हमको तो लगा आज तुमको ज़िंदा देख ही नाही पाएंगे,,,,,,,,,,,!!”

गुड्डू की बाते सुनकर गोलू ने हैरानी से गुड्डू को देखा और कहा,”गुड्डू भैया का हुआ आप ठीक तो है ना , और इत्ता घबराये हुए काहे है ? हमे कुछ नहीं हुआ है हमहू ठीक है,,,,,,,!!”
“गोलू हमने तुम्हे फोन किया था तो तुम्हरा फ़ोन हमाये हमशक्ल ने उठाया था उसने कहा कि तुम्हायी जान खतरे में है , जे सुनकर हमहू भागते हुए आये है,,,,,,!!”,गुड्डू ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“अरे गुड्डू भैया हमहू बिल्कुल ठीक है और जोन हमशक्ल की आप बात कर रहे है ना ओह्ह को हमने धर लिया है गुड्डू भैया,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने खुश होकर कहा


“सच कह रहे हो गोलू ?”,गुड्डू ने हैरानी से पूछा
“अरे बिल्कुल सच कह रहे है गुड्डू भैया , आओ मिलवाते है”,गोलू ने गुड्डू के साथ आगे बढ़ते हुए कहा। गोलू दो कदम चलकर रुका और पलटकर मंगल से कहा,”ओह्ह्ह अम्मा के रंगबाज फूफा जे मुस्टंडे का सिर्फ हमको पिटवाने के लिए लाये हो , थोड़ी थोड़ी परसादी पिताजी और यादववा को भी दयो”

गोलू आग लगाकर गुड्डू के साथ आगे बढ़ गया और सीढ़ियों की तरफ इशारा करके कहा,”उह्ह रहा आपका हमशक्ल गुड्डू भैया,,,,,,,,हमहू तो कहते है आज जे का हम उखाड़ के जे की शकल का भरता बनाय ही देते है,,,,,,,,,,,!!”
गुड्डू ने देखा सीढ़ियों पर कोई नहीं था , उसने गोलू की तरफ देखा और कहा,”कौनसा नशा फूंके हो बे ? हिया तो कोई भी नहीं है”


गोलू ने सीढ़ियों की तरफ पलटते हुए कहा,”अरे कैसे नाही है ? अबे उह्ह कहा गया ? माँ कसम गुड्डू भैया अभी अभी हमहू ओह्ह का धर के हिया बैठे थे,,,,,,,,,,साला इत्ती देर में कहा गायब हो गया ?”
“गोलू या तो तुमहू पगला गए हो या हमे पागल बना रहे हो ?”,गुड्डू ने गोलू को घूरकर देखते हुए कहा
“अरे नाही गुड्डू भैया अभी अभी उह्ह हिया था  , लगता है साला भाग गवा”,गोलू ने सोचते हुए कहा


“ओह्ह्ह का जान दयो हमे बताओ जे तुम्हाये घर मा का हो रहा है ? जे सब लोग एक दूसरे की जान के दुश्मन काहे बने हुए है ? और जे छोटा रिचार्ज कौन है ?”,गुड्डू ने पूछा
गोलू ने गुड्डू को सब बताया तो गुड्डू ने कहा,”तुम्हायी अम्मा तुम्हाये पिताजी को गलत समझ रही है और तुमहू उनको समझाने के बजाय जे सब देखकर मजे ले रहे हो , कैसी औलाद हो बे तुम ?”
“समझाने समझाने के चक्कर मा 4 बार पिट चुके है , आपको इतनी मोहब्बत है ना गज्जू गुप्ता से तो जाकर आप ही समझाय दयो”,गोलू ने मुंह बनाकर कहा  

4 बार मार खाने से ज्यादा दुःख उसे लवली के भाग जाने का था। गुड्डू ने सुना तो गुप्ता जी की तरफ आया और उनके बगल में आकर धीरे से कहा,”जे तमाशा रोकने का हमाये पास एक तरिका है जैसा हमहू कहे वैसा करोगे ?”
“का करना होगा ?”,गुप्ता जी ने धीमी आवाज में कहा क्योकि ये सब से वे खुद भी परेशान हो चुके थे और अब तो मोहल्ले वाले भी इकट्ठा होने लगे थे।
“हमहू चिल्लायेंगे आपको हार्ट अटैक आया है और आपको अपना हाथ सीने पर रखकर नीचे गिर जाना है,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने भी फुसफुसाते हुए कहा


“का बात है गुड्डू तुमहू तो सच मा दिमागवाले निकले हमहू तो अब तक तुमको चू,,,,,,,,,!!”,गुप्ता जी ने कहा वे अपनी बात पूरी करते इस से पहले ही गुड्डू बोल पड़ा,”वो तो हमहू है ही जो जे घर मा खड़े है,,,,,,,अब जैसा हम कहे वैसा करो”
गुप्ता जी ने हाँ में गर्दन हिला दी तो गुड्डू ने सबके बीच आकर जोर से कहा,”अरे गज्जू चाचा को हार्ट अटैक आ गवा,,,,,,,,,,,,ए चचा”


गुड्डू के कहे मुताबिक गुप्ता जी ने अपना हाथ सीने पर रखा और हार्ट अटैक की एक्टिंग करते हुए नीचे आ गिरे और तड़पने का नाटक करने लगे। पिंकी गुप्ताइन फुलवारी मंगल फूफा ने सुना तो सभी घबरा गए लेकिन यादव की नजर पड़ी गुप्ता जी के हाथ पर जो कि सीने के दाँयी तरफ था ये देखकर उन्होंने कहा,”अरे लेकिन उनका हाथ तो सीने के दांयी तरफ है , वहा हार्ट अटैक थोड़ी आता है”


अपने बने बनाये प्लान पर पानी फिरा देखकर गुड्डू ने यादव से कहा,”हार्ट अटैक आये आदमी को होश कहा रहता है ? कैसे बेरहम आदमी हो उनको हार्ट अटेक आया है और तुमहू हिया लेफ्ट राइट खेल रहे हो,,,,,,,,,ए चचा ! घबराओ नाही तुमको कुछो नाही होगा”
गुड्डू चिल्लाते हुए गुप्ता जी की तरफ आया , गुप्ताइन भी चली आयी और साड़ी के पल्लू से हवा करने लगी तो गुड्डू ने कहा,”अब का हवा कर रही हो चाची , अब तो बस कुछ पल के मेहमान है चचा , अरे जे लड़ाई झगड़ा नाही किये होती तो आज जे दिन ना देखना पड़ता,,,,,,,,,,!!”


गुड्डू गुप्ताइन को अपनी बातो में उलझा ही रहा था कि तभी गोलू भागकर आया और उलझकर सीधा गुप्ता जी की छाती पर आ गिरा।  गोलू के गिरने से गुप्ता जी की सांसे ही रुक गयी , उनको हार्ट अटेक तो नहीं आया था लेकिन गोलू ने कुछ देर के लिए उनकी सांसो को जरूर रोक दिया था।

गुप्ता जी ने मुश्किल से साँस ली तो गुप्ताइन को लगा कि गुप्ता जी को सच में हार्ट अटेक आया है और वे बस कुछ वक्त के मेहमान है उन्होंने रोते हुए अपने दोनों हाथो को गुप्ता जी के सीने पर जैसे ही पटका गुप्ता जी की आँखे बंद हो गयी ये देखकर गोलू भी दहाड़े मार मार कर रोने लगा , गुड्डू ने देखा तो गोलू की गुद्दी पकड़कर उसे अपनी तरफ किया और उसके कान में कहा,”अबे काहे मातम मना रहे हो गज्जू गुप्ता ज़िंदा है,,,,,,,,,,,,,!!”


“हेहेहे मतलब पिताजी एक्टिंग कर रहे है”,गोलू ने दाँत दिखाकर सबके सामने कहा तो सब गोलू की तरफ देखने लगे , गुप्ता जी ने भी गोलू की बात सुनकर आँखे खोली और अगले ही पल वापस बंद कर ली जब गुड्डू ने गोलू को एक थप्पड़ मारकर कहा,”अबे चुप रहो”
“ए चाची का कर रही हो चचा ज़िंदा है , नाड़ी चल रही है अभी इनकी ,, इन्हे अंदर लेकर चलो पंखे के नीचे,,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने गुप्ताइन को साइड करके कहा


गुड्डू उठा और गोलू से गुप्ता जी को उठाने को कहा , गोलू ने गुप्ता जी के हाथो को पकड़ा और गुड्डू ने उनके पैरो को , जैसे ही दोनों गुप्ता जी को लेकर जाने लगे एम्बुलेंस की आवाज दोनों के कानो में पड़ी , अगले ही पल एम्बुलेंस घर के बाहर ये देखकर गुड्डू ने कहा,”जे एम्बुलेंस कौन बुलवाया है ?”
“हमने बुलवाई है”,मंगल फूफा ने आगे आकर कहा तो गुड्डू और गोलू ने एक साथ गुप्ता जी के हाथ पैर छोड़े और एक दूसरे को देखने लगे।

बेचारे गुप्ता जी धड़ाम से नीचे आ गिरे , रो भी नहीं सकते क्योकि गुड्डू के कहने पर हार्ट अटैक और बेहोशी का नाटक तो उन्होंने ही किया था इसलिए आँखे बंद किये पड़े रहे लेकिन आत्मा रो रही थी क्योकि एकदम गिरने से कमर में चोट आ गयी थी।


गोलू फूफा को घूरते हुए गुड्डू के पास आया तो गुड्डू ने कहा,”सबसे पाहिले जे फूफा को ठिकाने लगाना होगा”
गोलू ने गुड्डू के चेहरे की तरफ देखा और कहा,”ना गुड्डू भैया ना , जे गलती नाही करना , हमने की थी एक ठो बार आज तक बजते फिर रहे है”
गुड्डू और गोलू एक दूसरे को देखते रह गए और लोग गुप्ता जी को एम्बुलेंस में डालकर ले गए

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संजना किरोड़ीवाल  

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal
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4 बार मार खाने से ज्यादा दुःख उसे लवली के भाग जाने का था। गुड्डू ने सुना तो गुप्ता जी की तरफ आया और उनके बगल में आकर धीरे से कहा,”जे तमाशा रोकने का हमाये पास एक तरिका है जैसा हमहू कहे वैसा करोगे ?”
“का करना होगा ?”,गुप्ता जी ने धीमी आवाज में कहा क्योकि ये सब से वे खुद भी परेशान हो चुके थे और अब तो मोहल्ले वाले भी इकट्ठा होने लगे थे।
“हमहू चिल्लायेंगे आपको हार्ट अटैक आया है और आपको अपना हाथ सीने पर रखकर नीचे गिर जाना है,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने भी फुसफुसाते हुए कहा

4 बार मार खाने से ज्यादा दुःख उसे लवली के भाग जाने का था। गुड्डू ने सुना तो गुप्ता जी की तरफ आया और उनके बगल में आकर धीरे से कहा,”जे तमाशा रोकने का हमाये पास एक तरिका है जैसा हमहू कहे वैसा करोगे ?”
“का करना होगा ?”,गुप्ता जी ने धीमी आवाज में कहा क्योकि ये सब से वे खुद भी परेशान हो चुके थे और अब तो मोहल्ले वाले भी इकट्ठा होने लगे थे।
“हमहू चिल्लायेंगे आपको हार्ट अटैक आया है और आपको अपना हाथ सीने पर रखकर नीचे गिर जाना है,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने भी फुसफुसाते हुए कहा

4 बार मार खाने से ज्यादा दुःख उसे लवली के भाग जाने का था। गुड्डू ने सुना तो गुप्ता जी की तरफ आया और उनके बगल में आकर धीरे से कहा,”जे तमाशा रोकने का हमाये पास एक तरिका है जैसा हमहू कहे वैसा करोगे ?”
“का करना होगा ?”,गुप्ता जी ने धीमी आवाज में कहा क्योकि ये सब से वे खुद भी परेशान हो चुके थे और अब तो मोहल्ले वाले भी इकट्ठा होने लगे थे।
“हमहू चिल्लायेंगे आपको हार्ट अटैक आया है और आपको अपना हाथ सीने पर रखकर नीचे गिर जाना है,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने भी फुसफुसाते हुए कहा

4 बार मार खाने से ज्यादा दुःख उसे लवली के भाग जाने का था। गुड्डू ने सुना तो गुप्ता जी की तरफ आया और उनके बगल में आकर धीरे से कहा,”जे तमाशा रोकने का हमाये पास एक तरिका है जैसा हमहू कहे वैसा करोगे ?”
“का करना होगा ?”,गुप्ता जी ने धीमी आवाज में कहा क्योकि ये सब से वे खुद भी परेशान हो चुके थे और अब तो मोहल्ले वाले भी इकट्ठा होने लगे थे।
“हमहू चिल्लायेंगे आपको हार्ट अटैक आया है और आपको अपना हाथ सीने पर रखकर नीचे गिर जाना है,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने भी फुसफुसाते हुए कहा

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