Manmarjiyan – 6
Manmarjiyan – 6

अब तक पिंकी को लगता था कि गुप्ता जी उसकी और गोलू की शादी से खुश नहीं है पर आज गुप्ता जी बातो में गोलू के लिए प्यार और अपने लिए परवाह देखकर पिंकी की सारी ग़लतफ़हमी दूर हो गयी। पिंकी ने ख़ुशी ख़ुशी जूस का गिलास उठाया और पीने लगी , पेट से थी तो चटपटा खाने का मन किया इसलिए सामने रखी चाट भी खाने लगी।
चाट खाने के बाद पिंकी अपने कमरे में चली आयी और गोलू को फोन मिलाया। गोलू जो कि मिश्रा जी के घर सामान लेकर जा रहा था उसने पिंकी का फोन देखकर खुद से कहा,”पहले जे सामान पहुंचा देते है ओह्ह के बाद सीधा घर जाकर ही मिलेंगे पिंकी से,,,,,,,,!!”
गोलू ने पिंकी का फोन काट दिया तो पिंकी फोन की स्क्रीन देखकर खुद में बड़बड़ाई,”ये क्या गोलू ने मेरा फोन क्यों काट दिया ? फिर से करती हूँ,,,,,,,,,!!”
पिंकी ने एक बार फिर गोलू का नंबर डॉयल किया। गोलू ने बाइक रोकी और फोन उठाकर थोड़ा गुस्से से कहा,”पिंकिया बाइक पर है हमहू करते है ना फ़ोन थोड़ी देर मा , का सब्र नहीं है तुमको ?”
गोलू को गुस्से में देखकर पिंकी ने कहा,”हमे तुमसे कुछ जरुरी बात करनी थी गोलु लेकिन तुमको तो बस हम पर चिल्लाना है,,,,,,,,!!”
“अरे चिल्लाय नहीं रहे है बाबू हमाई,,,,,,,,,,,,,,,,,का ? का पंजीरी बट रही है का हिया ?”,गोलू ने बड़े ही प्यार से पिंकी से कहा और एकदम से उसका स्वर रखा हो गया।
“हाँ हाँ हम समझ गए , शादी के बाद तुम बदल गए हो गोलू,,,,,,,,,,,!!”,कहकर पिंकी ने फोन काट दिया
अब गलती गोलू की भी नहीं थी उसने जैसे ही पिंकी को प्यार से “बाबू” कहा गोलू के पास से गुजर रहा आदमी रुक गया और उसे देखने लगा तब गोलू ने पंजीरी वाली बात उसे कही लेकिन पिंकी को लगा गोलू उसे कह रहा है और उसने गुस्से में आकर फोन काट दिया।
गोलू ने सर उठाकर आसमान की तरफ देखा और कहा,”और कुछो भसड़ डालनी है हमरी जिंदगी मा तो उह भी डाल दयो , का है कि दो पल की ख़ुशी देखी नहीं ना जाती है आपसे हमरी,,,,,,,,!!”
“जे आसमान में देख के किस से बात कर रहे है भैया ?”,गोलू के बगल से गुजरते हुए आदमी ने फिर पूछा , गोलू ने देखा ये वही आदमी था जो अभी अभी इधर से निकला था
”तुम्हायी अम्मा से बात कर रहे है , पूछ रहे है उनसे कि तुम्हाये जैसे बकैत आदमी काहे पैदा की ?”,गोलू ने चिढ़ते हुए कहा तो आदमी बेचारा हक्का बक्का रह गया। गोलू ने बाइक स्टार्ट की और वहा से चला गया।
तिये की बैठक का सब सामान लेकर गोलू मिश्रा जी के घर चला आया। उसने बाइक को बाहर खड़ा किया और अंदर चला आया , सामने सीढ़ियों के पास खड़े मिश्रा जी पर उसकी नजर पड़ी तो वह सीधा उनके पास चला आया और कहा,”चचा इह बार सब सही सामान लेकर आये है , एक एक चीज देखकर रखवाए है। उह पहले हमहू गलती किये उसके लिए सॉरी,,,,,,,,,हमहू जे सब सब सामान उतरवा देते है।”
“हम्म्म ठीक है”,मिश्रा जी ने बुझे स्वर में कहा
गोलू जब घर से गया था तब मिश्रा जी ठीक थे लेकिन अभी उन्हें उदास देखकर ना जाने गोलु को अच्छा क्यों नहीं लगा ? उसने नीचे पड़ी चप्पल उठायी और मिश्रा जी की तरफ बढाकर थोड़ा प्यार से कहा,”चचा ! चाहो तो दुई चार चप्पल और मार ल्यो हमका पर ऐसे बुझे बुझे ना रहो हमसे,,,,,,,!!”
मिश्रा जी ने गोलू के हाथ से चप्पल लेकर नीचे फेंकी और कहा,”सबके सामने हमने तुम्हे मार दिया , हमका माफ़ कर दयो गोलु”
“अरे अरे चचा जे का कह रहे है ? हमहू गलती करे और आप हमका मारे आपको पूरा हक़ है ,, हम भी तो आपके बेटे जैसे है और हमको ज़रा भी बुरा नहीं लगता जब आप हमका मारते , पीटते , गरियाते है,,,,,,,,,!!”,गोलू ने अपनेपन से कहा तो मिश्रा जी उदास होकर वहा से चले गए
“जे चचा काहे इतना इमोशनल हो गए,,,,,,,,,लगता है हमरे जाने के बाद कोनो बात तो हुई है घर मा पता लगाना पडेगा”,गोलू खुद में ही बड़बड़ाया और अंदर चला आया। अंदर आकर गोलू ने देखा शगुन मिश्राइन के साथ थी तो वह वहा जाकर शगुन से पूछ नहीं सकता था इसलिए वह अब गुड्डू को ढूंढने लगा। गोलू घर के पिछले आँगन में आया जहा गुड्डू लड़को से कहकर आँगन में जगह बनाने के लिए सामान शिफ्ट करवा रहा था।
गेहू की एक बोरी जो बीच में रखी थी , गुड्डू अकेले ही उसे उठाने उसकी तरफ बढ़ा और एक साइड से जैसे ही उठाया गोलू ने आगे बढ़कर दूसरा सिरा पकड़ लिया और गुड्डू की मदद करते हुए आगे बढ़ गया। गोलू को अपने सामने देखकर गुड्डू ने कहा,”सब सामान ले आये ?”
”हाँ भैया सब आ गवा , तुमहू टेंशन ना ल्यो हम है ना”,गोलू ने कहा
“तुम साथ हो तभी तो टेंशन है गोलू,,,,,,!”,गुड्डू ने कहा
“अरे भैया इह सब छोडो हमका इह बताओ मिश्रा जी को का हुआ है ? हमहू जब घर से गए थे तब मिश्रा जी गुस्से से लाल थे अभी आये तो बुझे बुझे लग रहे,,,,,,,,,,हमरे जाने के बाद घर मा कुछो हुआ था का ?”,गोलू ने पूछा
गुड्डू ने बोरी को दिवार के सहारे लगाया और हाथ झाड़कर कहा,”अरे उह फूफा है ना , उन्होंने भसड़ कर दी हिया,,,,,,,,,,,अब उनके और पिताजी के बीच में का बात हुई जे तो हमका नहीं पता पर बात बहुते गंभीर थी ,, पिताजी ने हाथ तक उठा दिया था उन पर हवा में,,,,,,,,!!”
“ल्यो जे फूफा को भी चैन नहीं आये , आज ही आये और आज ही अपना रंग दिखाय दिया। एक भुआ है जो हमरी जान लेने पे उतरी है,,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा लेकिन उस बेचारे को कहा पता था कि उसकी ये बात पीछे खड़ी भुआ ने सुन ली है। गुड्डू ने आँखों से पीछे देखने का इशारा भी किया लेकिन गोलू महाराज ठहरे गोलू महाराज जब फ्लो में होते है तब कहा किसी की किसी की बात सुनते है उनसे गुड्डू को इशारे करते देखकर कहा,”का गुड्डू भैया ? का कॉलेज की छिछोरी लड़की के जैसे इशारे कर रहे हो हमे,,,,,,,,,शादी हो गयी है हमरी और तुम्हरी भी”
गोलू का इतना कहना था कि पीछे खड़ी भुआ ने गोलू की पीठ पर मारा और कहा,”का कहे गोलू हम तुम्हरी जान लेने पर उतरे है ?”
गोलू ने भुआ को वह देखा तो एक पल के लिए तो जान निकलकर हलक में अटकी लेकिन गोलू ने उसे निगला और भुआ की तरफ पलटकर कहा,”अरे अरे नहीं तुमहू सुनने में गलती की हो,,,,,,,,,!
कहते हुए गोलू ने भुआ के कंधो पर अपना हाथ रखा और दूसरे हाथ से उसके गाल को पकड़कर प्यार से कहा,”अरे हमहू तो जे कह रहे थे कि फूफा भले हरामी हो पर भुआ तो हमरी जान है”
भुआजी गोलू की बातो में आ गयी और खुश होकर कहा,”है ! तुमहू सच कह रहे हो गोलू ?”
“अरे तुम्हरे सर की कसम,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा तो भुआजी और खुश हो गयी। गुड्डू ने सुना तो हैरानी से गोलू को देखा लेकिन गोलू तो लम्बी लम्बी फेंकने में लगा हुआ था। भुआजी के कंधो पर हाथ रखे गोलू उन्हें लेकर आगे बढ़ा और कहा,”हम तो जे सोच रहे है भुआ कि तुम्हरे जैसी सुन्दर , सुशील , प्यारी , क्यूट , डेरी मिल्क जैसी भुआ पारले बिस्कुट जैसे फूफा की किस्मत में कैसे आ गयी ? माफ़ करना भुआ पर तुम्हरे सामने फूफा बहुते फीके लगते है,,,,,,,,,,,,उह बूढ़ा और तुमहू तो अभी,,,,,,,,,,,,!”
गोलू ने बात अधूरी छोड़ दी तो भुआ ने बेचैनी से कहा,”हमहू तो अभी का गोलू ?”
गोलू ने एक बार फिर भुआ के गाल को प्यार से खींचा और कहा,”अरे तुमहू तो अभी भी 25 की लगती हो , कमसिन कली,,,,,!!”
“अरे हटो गोलू ! मसखरी करने के लिए तुमको हमही मिले,,,,,,,,,,!!”,भुआजी ने शरमाते हुए कहा , हालाँकि मन ही मन वह गोलू से अपनी तारीफ सुनकर खुश भी हो रही थी।
“अरे 25 से एक एक दिन ऊपर नहीं लगती हो तुम भुआ कसम लेइ ल्यो,,,,,,,,,हम जान दे देंगे अगर कोई तुमको 25 से ऊपर का बता दें तो”,गोलू ने कुछ ज्यादा ही फेंक दी। गुड्डू ने गोलू को फैलते देखा तो उसकी तरफ आया लेकिन भुआजी अब तक गोलू से अच्छा खासा इम्प्रेस हो चुकी थी इसलिए कहा,”ठंकु गोलू ,, गुड्डू की भुआ है लेकिन आज भी उसकी बड़ी बहन जैसे ही लगते है,,,,,,,,,,चाय पी हो ?”
“पी लेंगे,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने भी प्यार से कहा
“अभी बनाकर लाते है,,,,,,,,,,!!”,कहकर भुआजी वहा से चली गयी
“अरे भुआ ! मीठा थोड़ा जियादा रखियेगा,,,,,,,,ताकि मीठा मीठा बोल सके तुम्हरे लिए”,गोलू ने जाती हुई भुआ से ऊँची आवाज में कहा
भुआजी जी जैसे ही वहा से गयी गुड्डू ने आकर गोलू की गर्दन को दबोचा और कहा,”का बकवास कर रहे थे गोलू भुआ के साथ , उह तुमको 25 की लगती है , कमसिन कली लगती है,,,,,,,,,,,,,उम्र देखे हो उनकी तुम्हरे बाप से दुई साल बड़ी ही निकलेगी , और का कहे कमसिन कली,,,,,,,,,,,,,साले देखे नहीं उनको , तुम जैसे चार पांच लौंडे बिना पानी डकार जाए,,,,,,,कोई उनको 25 से ऊपर बोल दे तो जान दे दोगे उनके लिए,,,,,,शर्म कर लो गोलू शादीशुदा हो , घर मा एक ठो बीवी है और कुछ महीनो में तुमहू साले बाप बन जाओगे लेकिन बकैती ना छूट रही तुमसे,,,,,,,,,,!!”
“अरे माफ़ी देइ दयो भैया उह मुंह से निकल गवा,,,,,,,,,,सारी”,गोलू ने मिमियाते हुए कहा तो गुड्डू ने गोलू की गर्दन को छोड़ दिया और कहा,”गोलू कसम से बहुते भंड आदमी हो तुम,,,,,,,,,मतलब भुआ के साथ,,,,,,,,,,!!”
“अरे गुड्डू भैया आप गलत समझ रहे है हमहू तो बस उन्हों हिया से टरकाने के लिए जे सब,,,,,,,अच्छा छोडो वो फूफा के बारे में कुछो बता रहे थे आप,,,,,,,,,का कांड किये फूफा ?”
“फूफा धमकी देकर गए है पिताजी को कि परसो तिये की बैठक में नाही आएंगे , सीधा बूढ़ा की तेहरवी पर आएंगे और तमाशा करेंगे,,,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा
“ओह्ह से पहले फूफा की फिल्म बना देंगे हम,,,,,,,,,साला आज तक हम दोनों की हिम्मत नहीं हुई मिश्रा जी के सामने बोलने की और फूफा जे सब बोलकर चले गए,,,,,,,,,,,,जे फूफा की फू फा ना हम निकालेंगे ,, बहुते दिन हो गए साला कानपूर मा गुंडई किये,,,,,,अब फूफा देखेगा हमरा जलवा”,गोलू ने जोश जोश में आकर फ़िल्मी हीरो की तरह डायलॉग मारा
गुड्डू ने सुना तो अपना माथा पीट लिया और कहा,”गोलू भूलो नहीं इह घर के दामाद है उह का कुछ भी बके जा रहे हो”
“अरे भैया उह बहुत दिन से बकैती नहीं की न तो बस थोड़ा ऐसे ही फील ले रहे थे”,गोलू ने खिंसियाते हुए कहा
गुड्डू उदास हो गया तो गोलू ने कहा,”अरे भैया फ़िक्र ना करो करते है फूफा का भी कुछ,,,,,,,!!”
“चलो चलते है पिताजी ने हमे साथ देखा तो उनको लगेगा हम फिर से कोई कांड करने का सोच रहे है।”,गुड्डू ने कहा और गोलू को साथ लेकर अंदर चला आया।
मिश्राइन ने किसी काम से गुड्डू को अपने पास बुला लिया और गोलू भुआ की बनायीं चाय का आनंद लेने लगा। चाय पीते पीते गोलू की नजर मिश्रा जी पर पड़ी , वे अकेले उदास से अपनी अम्मा की तस्वीर के सामने बैठे थे। गोलू ने चाय ख़त्म की और आकर उनके बगल में बैठ गया। मिश्रा जी ने भँवे चढ़ाकर देखा तो गोलू ने खिंसियाते हुए कहा,”उह् सुबह से व्यस्त थे तो ददिया को ठीक से श्रद्धांजलि तक नहीं दे पाए,,,,,,,,,इहलीये बस,,,,,,,,,,आपको ऐतराज ना हो तो थोड़ी देर हिया बैठ जाए ?”
“हम्म्म,,,,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने कहा और अम्मा की तस्वीर को निहारने लगे। गोलू ने अपना गला साफ किया , 10-12 बार खुद को हिम्मत दी और मरे हुए स्वर में कहा,”वो गुड्डू भैया बताये रहे हमे फूफा के बारे में , आप चिंता नाही करो तिये की बैठकर में आ जायेंगे फूफा,,,,,,,,,हम और गुड्डू भैया मना लेंगे उन्हें”
” गुड्डू उनसे बात करने नाही जाएगा,,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी सामने देखते हुए गंभीरता से कहा
“हाँ हाँ गुड्डू भैया काहे जायेंगे उह्ह दिन तो उनको बहुते काम होगा,,,,,,,,,,,तो हम चले जायेंगे”,गोलू ने कहा
“आदर्श बाबू इह बख्त अपने घमंड मा चूर है गोलू उह किसी की बात नहीं सुनेंगे और हमहू इह बख्त मजबूर है वरना किसी की इतनी औकात नहीं कि हमरे घर मा खड़े होकर हमको धमकी देकर चले जाए,,,,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने इस बार थोड़ा शांत स्वर में कहा
अब मिश्रा जी कुछ प्यार से कहे और गोलू का ओवरकॉन्फिडेंस ना बढे ये भला कैसे नहीं होता ? गोलू ने अपना सर खुजाया और कहा,”फूफा को उठवा ले का ?”
मिश्रा जी ने सुना तो गोलू की तरफ देखा , वे बस खामोश थे और एकटक गोलू को देखते जा रहे थे,,,,,,,,,,,,,!!”
अब गोलू के साथ क्या होने वाला ये तो अगले भाग में ही पता चलेगा लेकिन अगर मेरी तरह इस कहानी के शौकीन तो फिर कमेंट सेक्शन में बता ही दीजिये कि इसके बाद मिश्रा जी का अगला “डायलॉग” या “प्रतिक्रया” क्या होगी ?
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संजना किरोड़ीवाल


अरे माफ़ी देइ दयो भैया उह मुंह से निकल गवा,,,,,,,,,,सारी”,गोलू ने मिमियाते हुए कहा तो गुड्डू ने गोलू की गर्दन को छोड़ दिया और कहा,”गोलू कसम से बहुते भंड आदमी हो तुम,,,,,,,,,मतलब भुआ के साथ,,,,,,,,,,!!”
“अरे गुड्डू भैया आप गलत समझ रहे है हमहू तो बस उन्हों हिया से टरकाने के लिए जे सब,,,,,,,अच्छा छोडो वो फूफा के बारे में कुछो बता रहे थे आप,,,,,,,,,का कांड किये फूफा ?”
“फूफा धमकी देकर गए है पिताजी को कि परसो तिये की बैठक में नाही आएंगे , सीधा बूढ़ा की तेहरवी पर आएंगे और तमाशा करेंगे,,,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा
अरे माफ़ी देइ दयो भैया उह मुंह से निकल गवा,,,,,,,,,,सारी”,गोलू ने मिमियाते हुए कहा तो गुड्डू ने गोलू की गर्दन को छोड़ दिया और कहा,”गोलू कसम से बहुते भंड आदमी हो तुम,,,,,,,,,मतलब भुआ के साथ,,,,,,,,,,!!”
“अरे गुड्डू भैया आप गलत समझ रहे है हमहू तो बस उन्हों हिया से टरकाने के लिए जे सब,,,,,,,अच्छा छोडो वो फूफा के बारे में कुछो बता रहे थे आप,,,,,,,,,का कांड किये फूफा ?”
“फूफा धमकी देकर गए है पिताजी को कि परसो तिये की बैठक में नाही आएंगे , सीधा बूढ़ा की तेहरवी पर आएंगे और तमाशा करेंगे,,,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा
अरे माफ़ी देइ दयो भैया उह मुंह से निकल गवा,,,,,,,,,,सारी”,गोलू ने मिमियाते हुए कहा तो गुड्डू ने गोलू की गर्दन को छोड़ दिया और कहा,”गोलू कसम से बहुते भंड आदमी हो तुम,,,,,,,,,मतलब भुआ के साथ,,,,,,,,,,!!”
“अरे गुड्डू भैया आप गलत समझ रहे है हमहू तो बस उन्हों हिया से टरकाने के लिए जे सब,,,,,,,अच्छा छोडो वो फूफा के बारे में कुछो बता रहे थे आप,,,,,,,,,का कांड किये फूफा ?”
“फूफा धमकी देकर गए है पिताजी को कि परसो तिये की बैठक में नाही आएंगे , सीधा बूढ़ा की तेहरवी पर आएंगे और तमाशा करेंगे,,,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा
अरे माफ़ी देइ दयो भैया उह मुंह से निकल गवा,,,,,,,,,,सारी”,गोलू ने मिमियाते हुए कहा तो गुड्डू ने गोलू की गर्दन को छोड़ दिया और कहा,”गोलू कसम से बहुते भंड आदमी हो तुम,,,,,,,,,मतलब भुआ के साथ,,,,,,,,,,!!”
“अरे गुड्डू भैया आप गलत समझ रहे है हमहू तो बस उन्हों हिया से टरकाने के लिए जे सब,,,,,,,अच्छा छोडो वो फूफा के बारे में कुछो बता रहे थे आप,,,,,,,,,का कांड किये फूफा ?”
“फूफा धमकी देकर गए है पिताजी को कि परसो तिये की बैठक में नाही आएंगे , सीधा बूढ़ा की तेहरवी पर आएंगे और तमाशा करेंगे,,,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा
Mere khayal se iss baar Mishra ji Golu ka sath de…quki fufa ji se wo bhi preshan hai…damad hai to kuch bol nhi sakte…par dhulai to ko ja sakti hai na Fufa ji ki chupke se…fir wahi baat repeat kar rhi hun aur wo yeh ki yeh kahani bina Golu k adhuri hai… udaas mahol m agar koi hansa de to Golu maharaj hai… matlab kaise apni meethi baato m bua ji ko lapet liya golu ne unki maar se bachne k liye aur wo kaam bhi kar gaya…wha Golu… Usse bhi zyada wha sanjana ji…kya character hai yeh Golu… bahot mast character hai…apne ass pass sab ko apni baato se hasata hai
Golu per taras ata hai kabhi kabhi voh kuch accha karne jaata aur akhir me voh khand me badal hi jata hai…Mishra ji jante hai ki Golu ko unka udaas rehna accha nahi lag raha isliye aise keh raha hai mujhe nahi lagta ki voh Golu ki baat sunkar kuch kahenge abhi kyu ki voh koi tamasha nahi chahate is waqt…aur Golu ne Bhuwa ji ko chane ki jhad per hi chada diya unki tarif karke…Pinkty ko samajh agaya ki Gupta ke voh aur Gollu kitne imp hai…per is fufa ka sach me band bajane padega jaha hi yeah hote koi kaam shanti se nahi ho sakta inhe har kaam nusk nikalne hote hai…interesting part maam♥♥♥♥